Students must start practicing the questions from RBSE 10th Science Model Papers Set 8 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 9 Science Model Paper Set 8 with Answers in Hindi
समय: 2 घण्टा 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न क्रमांक 17 से 23 तक में आन्तरिक विकल्प है।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए:
(i) कोशिका की ऊर्जा मुद्रा है [1]
(अ) ATP
(ब) RNA
(स) DNA
(द) ADP
उत्तर:
(अ) ATP
(ii) मनुष्य में सामान्य प्रकुंचन रुधिर दाब तथा अनुशिथिलन रुधिर दाब क्रमशः होता है- [1]
(अ) 100 एवं 60
(ब) 120 एवं 80
(स) 140 एवं 100
(द) 160 एवं 120
उत्तर:
(ब) 120 एवं 80
(iii) भोजन का पचना किस प्रकार की अभिक्रिया है? [1]
(अ) उपचयन
(ब) संयोजन
(स) अपचयन
(द) विस्थापन
उत्तर:
(अ) उपचयन
(iv) कौन-सा पादप नियन्त्रक फल बेचने वालों द्वारा उपयोग किया जाता है? [1]
(अ) ऐब्सिसिक अम्ल
(ब) जिबरेलिन
(स) इथाइलीन
(द) ऑक्सिन
उत्तर:
(स) इथाइलीन
(v) समतल दर्पण का आवर्धन होता है [1]
(अ) +1
(ब) -1
(स) 0
(द) ∞
उत्तर:
(अ) +1
(vi) दूर स्थित किसी ऊँची इमारत के प्रतिबिम्ब को निश्चित रूप से किसके द्वारा देखा जा सकता है- [1]
(अ) अवतल दर्पण
(ब) उत्तल दर्पण
(स) समतल दर्पण
(द) अवतल और समतल दर्पण।
उत्तर:
(ब) उत्तल दर्पण
(vii) एक विद्युत प्रतिरोध का मान क्या होगा, यदि इसमें 220 V पर 20 A की धारा को प्रवाहित किया जाए? [1]
(अ) 1.1 Ω
(ब) 11 Ω
(स) 2.2 Ω
(द) 22 Ω
उत्तर:
(ब) 11 Ω
(vii) 20 Ω, 5 Ω, तथा 4 Ω के प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़े जाएँ तो संयुक्त प्रतिरोध होगा: [1]
(अ) 20
(ब) 292
(स) 0.52
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) 20
(ix) वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण की परिघटना [1]
(अ) किसी वस्तु को आवेशित करने की प्रक्रिया है।
(ब) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की प्रक्रिया है।
(स) कुंडली तथा चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
(द) किसी विद्युत मोटर की कुंडली को घूर्णन कराने की प्रक्रिया है।
उत्तर:
(स) कुंडली तथा चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
(x) किसं गैस के उपस्थित होने पर मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है [1]
(अ) CO2
(ब) CO
(स) H2
(द) O2
उत्तर:
(द) O2
(xi) आपके विद्यालय के आस-पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिए गए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर, वह उसे कठोर जल बना देगा-
(अ) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड
(ब) पौटेशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड
(स) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
(द) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
उत्तर:
(द) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड
(xii) अयस्क से गैंग को दूर करने को कहते हैं-
(अ) निस्तापन
(ब) भर्जन
(स) समृद्धीकरण
(द) अपचयन।
उत्तर:
(स) समृद्धीकरण
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) …………………….. का कार्य अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखना होता है। [1]
उत्तर:
मेडुला ओब्लोंगेटा
(ii) मनुष्यों में भोजन से प्राप्त ऊर्जा …………………….. के रूप में संग्रहीत रहती है। [1]
उत्तर:
ATP या ADP
(iii) जीवाश्मी ईंधनों को जलाने से …………………. प्रदूषण उत्पन्न होता है। [1]
उत्तर:
वायु
(iv) ओजोन परत हमें … ……………….. विकिरणों से बचाती है। [1]
उत्तर:
पराबैंगनी
(v) चन्द्रमा से देखने पर आकाश ………………… दिखाई देता है। [1]
उत्तर:
काला
(vi) 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या …………. ………… होती है। [1]
उत्तर:
6.25 × 1018
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) केशिका गुच्छ कहाँ स्थित होता है ? [1]
उत्तर:
बोमैन सम्पुट में।
(ii) प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन का कार्य बताइए। [1]
उत्तर
प्रोजेस्ट्रॉन गर्भाशय में भ्रूण के सही विकास के लिए आवश्यक होता है।
(ii) किसी वन की खाद्य श्रृंखला का एक उदाहरण लिखिए। [1]
उत्तर:
पेड़-पौधे व घास → हिरण → भेड़िया → शेर ।
(iv) कोलीफॉर्म क्या है ? [1]
उत्तर:
कोलीफार्म एक जीवाणु वर्ग है जो जल प्रदूषण के कारण मानव की आँत में पाया जाता है।
(v) खनीजों की खुदाई से किस प्रकार प्रदूषण बढ़ता है ? [1]
उत्तर:
खुदाई में धातु निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातमल (स्लेग) निकलता है। जिस कारण पर्यावरण में मृदा तथा जल प्रदूषण बढ़ता है।
(vi) वोल्टमीटर का धन ध्रुव बैटरी के किस ध्रुव से जोड़ा जाता है? [1]
उत्तर:
धनात्मक से।
(vii) चुम्बकीय क्षेत्र के तीन स्रोतों की सूची बनाइए। [1]
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र के स्रोत हैं-(1) स्थायी चुम्बक, (2) विद्युत धारा तथा (3) गतिमान आवेश ।
(viii) शार्ट सर्किट किस प्रकार होता है ? [1]
उत्तर:
शार्ट सर्किट विद्युन्मय एवं उदासीन तारों के सीधे सम्पर्क में आने के कारण होता है।
(ix) अम्लों को तनु करने के लिए क्या करना चाहिए ? [1]
उत्तर:
जल में सान्द्र अम्ल को धीरे-धीरे मिलाना चाहिए।
(x) जल में अम्ल या क्षार घुलने की प्रक्रिया ऊष्माशोषी है या ऊष्माक्षेपी ? [1]
उत्तर:
ऊष्माक्षेपी।
(xi) तनुकरण किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सान्द्रता (H3O+/OH– ) में इकाई आयतन की कमी हो जाती है जिसे तनुकरण कहते हैं।
(xii) अनेक सूचकों के मिश्रण को क्या कहते हैं ? [1]
उत्तर:
सार्वत्रिक सूचक।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 04 से 16 के उत्तर के लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
पोषण, गैस-विनिमय तथा उत्सर्जन के सन्दर्भ में एक कोशिकीय जीव क्यों उत्तम है ? [2]
उत्तर:
किसी भी एक कोशिकीय जीव की पूरी सतह पर्यावरण के सम्पर्क में रहती है। अतः इन्हें भोजन ग्रहण करने के लिए, गैसों का आदान-प्रदान करने के लिए या वर्ण्य पदार्थों के निष्कासन के लिए किसी विशेष अंग की आवश्यकता नहीं होती है। अतः इनमें ऊर्जा का व्यय भी कम होता है।
प्रश्न 5.
गोभी का रूपान्तरण विभिन्न सब्जियों में कैसे हुआ? समझाइए। [2]
उत्तर:
लगभग 2000 वर्ष पूर्व से ही मनुष्य जंगली गोभी को एक खाद्य पौधे के रूप में उगाता रहा है। जंगली गोभी से ही मनुष्य ने चयन द्वारा विभिन्न सब्जियों को विकसित किया है। यह वास्तव में प्राकृतिक वरण न होकर कृत्रिम चयन था। कुछ किसान चाहते थे कि इसकी पत्तियाँ पास-पास हों, फलस्वरूप पत्ता गोभी का कृत्रिम चयन किया गया। कुछ किसान पुष्पों की ऊँचाई को रोकना चाहते थे अतः फूल गोभी विकसित हुई। कुछ ने फूले हुए तने के भाग का चयन किया जिससे गाँठ गोभी विकसित हुई। इसके अलावा कुछ लोगों ने चौड़ी पत्तियों का चयन किया जिससे ‘केल’ नामक सब्जी की उत्पत्ति हुई।
प्रश्न 6.
समजात तथा समवृत्ति अंगों में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए। [2]
उत्तर:
समजात तथा समवृत्ति अंगों में अन्तर समजात-(क) ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में एक समान होते हैं। (ख) इन अंगों की कार्यिकी आकारिकी में अन्तर होता है। (ग) इनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण-मेंढ़क के अग्र- पाद, पक्षी के पंख तथा मनुष्य के हाथ। समवृत्ति अंग-(क) ये अंग उत्पत्ति तथा मूल रचना में भिन्न होते हैं। (ख) इन अंगों की कार्यिकी समान होने के कारण ये समान दिखाई देते हैं। (ग) इनके कार्य समान हो सकते हैं। उदाहरण-पक्षी तथा कीट के पंख।
प्रश्न 7.
ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ? [2]
उत्तर:
ओजोन एक गैस है जिसका अणुसूत्र ‘O3‘ है तथा इसका प्रत्येक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। ओजोन गैस की परत वायुमंडल के समताप मण्डल में पायी जाती है। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है। अतः पृथ्वी के जीवों को पराबैंगनी किरणों के घातक प्रभाव से बचाती है। पराबैंगनी किरणें ऑक्सीजन अणुओं को विघटित करके स्वतंत्र ऑक्सीजन (Nascent Oxygen; O) परमाणु बनाती हैं। ऑक्सीजन के ये स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओजोन बनाते हैं।
यदि वायुमण्डल में ओजोन परत नहीं होती तो हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँच जातीं और मानव सहित विभिन्न जीवधारियों में घातक रोग जैसे कैंसर, आँख के रोग आदि उत्पन्न करतीं।
प्रश्न 8.
उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस की पहचान कैसे करोगे ? [2]
उत्तर:
उत्तल लेंस-(क) यह लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। (ख) यह प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करता है। (ग) वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, आभासी तथा उल्टा बनता है। (घ) इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब दायीं ओर गति करता है।
अवतल लेंस-(क) यह लेंस बीच में से पतला तथा किनारों पर मोटा होता है। (ख) यह प्रकाश पुंज को बिखेर देता है। (ग) वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा बनता है। (घ) इसे बायीं ओर हिलाने पर प्रतिबिम्ब भी बायीं ओर गति करता है।
प्रश्न 9.
किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर v के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं के .. संगत मान दिए गए हैं-
Vऔर I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। [2]
उत्तर:
अभीष्ट ग्राफ के लिए उपर्युक्त चित्र देखिए। प्रतिरोधक का प्रतिरोध, ग्राफ के ढाल के बराबर होगा।
अर्थात् R = \(\frac{\Delta \mathrm{V}}{\Delta \mathrm{I}}\)
दिए गए आँकड़ों से,
V1 = 3.4V, V2 = 10.2 V
तथा संगत धाराएँ I1 = 1.0 A
I2 = 3.0 A
∴ ΔV=V2 – V1 = 10.2 – 3.4 = 6.8 V
ΔI,= I2 – I1 = 3.0 – 1.0 = 2.0 A
∴ प्रतिरोध R = \(\frac{\Delta \mathrm{V}}{\Delta \mathrm{I}}\) = \(\frac{6.8 \mathrm{~V}}{2.0 \mathrm{~A}}\) = 3.4 Ω
प्रश्न 10.
(क) किसी चालक, जिसकी आकृति तार जैसी है, का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है, उनकी सूची बनाइए। (ख) धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक तथा काँच विद्युत का कुचालक क्यों होता है? कारण कीजिए। (ग) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्र धातुओं का उपयोग क्यों किया जाता है? कारण दीजिए। [2]
उत्तर:
(क) (i) चालक का प्रतिरोध चालक की लंबाई से सीधे अनुपातिक है ।
R α l
(ii) चालक का प्रतिरोधक चालक के व्यापक प्रतिनिधित्व में व्युत्क्रमानुपाती है। .
R α \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\)
(iii) प्रतिरोधक चालक के पदार्थ पर निर्भर करता है।
R = ρ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\)
(iv) प्रतिरोध और प्रतिरोधकता तापमान पर भी निर्भर करती है। (ख) धातुओं में ग्लास की तुलना में अधिक मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं जो कि धारा को प्रवाहित करने में सहायक हैं। (ग) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्रधातुओं का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि मिश्रधातुओं की विद्युत चालकता और पिघलने की क्षमता कम होती है।
प्रश्न 11.
चिकित्सा विज्ञान में चुम्बकत्व का क्या महत्व है ? [2]
उत्तर:
मानव शरीर में अत्यन्त कम चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह शरीर के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र के विभिन्न भागों के प्रतिबिम्ब प्राप्त करने का आधार बनता है। इसके लिए चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्ब (MRI) की सहायता से विशेष प्रतिबिम्ब लिये जाते हैं।
प्रश्न 12.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड [2]
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 +CO2 → CaCO3 +H2O
(b) Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3CuCl2 → 2AlCl3 +3Cu
(d)BaCl2 +K2SO4 → BaSO4 + 2KCl
प्रश्न 13.
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और संतुलित कीजिए
(i) NaOH(aq) + Zn(s) →
(ii) CaCO3(s)+H2O(l) +CO2(g) → [2]
उत्तर:
प्रश्न 14.
किसी धातु पर भाप की क्रिया को दर्शाने के लिए प्रायोगिक व्यवस्था का नामांकित चित्र दीजिए। [2]
उत्तर:
प्रश्न 15.
(i) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा मैग्नीशियम क्लोराइड में आबन्ध बनना दर्शाइए तथा इस यौगिक में उपस्थित आयनों की पहचान कीजिए।
(ii) आयनी यौगिक ठोस होते हैं। इसका कारण दीजिए। [2]
उत्तर:
(ii) आयनी यौगिकों के विपरीत आवेशित आयन परस्पर अधिक मात्रा के वैद्युत बल के कारण काफी पास पाए जाते हैं, इसलिए आयनिक
यौगिक ठोस होते हैं।
प्रश्न 16.
कारण बताइए-
(i) प्लेटिनम, सोना तथा चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(ii) सोडियम पोटैशियम को केरोसिन तेल के अन्दर संग्रहित किया जाता है। [2]
उत्तर:
(i) प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये संक्षारित भी नहीं होती। ये धातुएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं; इसलिए आभूषणों के विभिन्न डिजाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।
(i) सोडियम एवं पोटैशियम धातु का ज्वलन ताप अत्यन्त ही कम होता है। वायु के सम्पर्क में आते ही यह आग पकड़ लेता है। सोडियम, पोटैशियम का वायु से सम्पर्क रोकने के लिए सोडियम एवं पोटैशियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
डायलिसिस क्या है ? नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला क्यों कहते हैं ? [3]
अथवा
(i) पौधों में परिसंचरण के सम्बन्ध में वहन से आप क्या समझते हैं?
(ii) खुला व बन्द परिसंचरण तंत्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [3]
उत्तर:
अपोहन या डायलिसिस (Dialysis)- यदि
किसी लवण एवं मंड के विलयन को सैलोफेन की थैली में भरकर उसे आसवित जल में लटका दिया जाए तो लवण के आयन सैलोफेन से होते हुए आसवित जल में प्रवेश कर जाते हैं और स्टार्च थैली के अन्दर ही रह जाता है। यह प्रक्रिया डायलिसिस कहलाती है।
नेफ्रॉन को डायलिसिस का थैला इसीलिए कहा जाता है क्योंकि नेफ्रॉन की प्यालेकार संरचना बोमैन सम्पुट में उपस्थित केशिका गुच्छ की दीवारों से रुधिर छनता है। रुधिर में उपस्थित प्रोटीन के अणु बड़े होने के कारण नहीं छन पाते जबकि ग्लूकोज एवं लवण अणु छोटे होने के कारण छन जाते हैं। इस प्रकार नेफ्रॉन डायलिसिस की थैली की तरह कार्य करता है।
वृक्कों के अनियमित कार्य करने पर डायलिसिस विधि द्वारा रोगी में वृक्क का कार्य कराया जाता है।
प्रश्न 18.
लैमार्कवाद के मुख्य बिन्दुओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [3]
अथवा
“आनुवंशिकता का गुणसूत्र मत” की व्याख्या कीजिए। [3]
उत्तर:
लैमार्कवाद के प्रमुख आधार बिन्दु संक्षेप में निम्न प्रकार हैं-
1. वातावरण का सीधा प्रभाव-लैमार्क के अनुसार जीवों पर उनके वातावरण का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी रचना तथा स्वभाव बदल जाता है।
2. अंगों का उपयोग तथा अनुपयोग-लैमार्क ने बताया कि जीवों में कुछ परिवर्तन उनकी आवश्यकता के अनुसार होते हैं। ऐसे अंगों का विकास अधिक होता है जिनका प्रयोग अधिक होता है। प्रयोग न किये जाने वाले अंग कमजोर होते जाते हैं और अन्ततः विलुप्त हो जाते हैं, इन्हें उपार्जित लक्षण कहते हैं।
3. उपार्जित लक्षणों की वंशागति-उपार्जित लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होते हैं तथा अन्त में नई जाति निर्मित होती है। उदाहरण के लिए; ऊँचे पेड़ों की पत्तियों को खाने के लिए जिराफ की लम्बी गर्दन का होना।
प्रश्न 19.
(i) विद्युत के संचरण में ट्रांसफॉर्मर की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए।
(ii) “फ्यूज कैरियर” को परिभाषित कीजिए। [3]
अथवा
(i) वे कौन से कारक हैं, जिन पर उत्पन्न विद्युत धारा निर्भर करती है ?
(ii) शॉर्ट सर्किट क्या होता है ? इससे क्या होनियाँ हो सकती हैं? [3]
उत्तर:
(i) ट्रांसफॉर्मर एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा की वोल्टता को कम या अधिक किया जा सकता है। जो ट्रांसफॉर्मर विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं, उन्हें उच्चायी ट्रांसफॉर्मर तथा जो वोल्टता में कमी करते हैं, उन्हें अपचायी ट्रांसफार्मर कहते हैं।
पावर स्टेशनों पर उच्चायी ट्रांसफार्मर लगे होते हैं जो विद्युत धारा की वोल्टता में वृद्धि करते हैं तथा इस अधिक वोल्टता की विद्युत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। शहरों में उपबिजलीघरों में अपचायी ट्रांसफॉर्मर द्वारा अधिक प्रत्यावर्ती वोल्टता को कम वोल्टता में बदला जाता है तथा घरों में 220 वोल्ट तथा कारखानों में 440 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा उपयोग में लायी जाती है।
(ii) यह चीनी मिट्टी का एक खोल होता है, जिसमें ताँबे के दो प्वाइंट होते हैं। इन दोनों को फ्यूज की तार द्वारा जोड़ देते हैं। इस
खोल को फ्यूज कैरियर कहते हैं।
प्रश्न 20.
संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है ? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए। [3]
अथवा
निम्न अभिक्रियाओं के प्रकार लिखिए-
(ii) CH4 Cl + Cl2 → CH3Cl + HCl
(vi) BaCl2 + N2SO4 → BaSO4 + 2NaCl [3]
उत्तर:
संयोजन अभिक्रिया –
(क) इन अभिक्रियाओं में दो या दो से अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक पदार्थ बनाते हैं।
(ख) ये अभिक्रियाएँ एक या अनेक तत्वों के आपसी संयोजन से विभिन्न ऊर्जाओं की उपस्थिति में पूर्ण होती हैं।
उदाहरण- NH3 + HCl NH4Cl
वियोजन अभिक्रिया-
1. इन अभिक्रियाओं में एक यौगिक वियोजित होकर दो या दो से अधिक सरल पदार्थ बनाता है।
2. ये अभिक्रियाएँ प्रायः ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत् या उत्प्रेरकों के कारण ही सम्भव हो पाती हैं; परन्तु ये संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत होती हैं।
उदाहरण-(i) CaCO3 → CaO +CO2 ↑
खण्ड – (द)
निबन्धात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 21 से 23 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
मानव के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) – इसके अन्तर्गत मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आते हैं। मस्तिष्क शरीर का मुख्य नियन्त्रक एवं समन्वयन केन्द्र होता है। मस्तिष्क (Brain)- मस्तिष्क अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अंग है। यह अत्यधिक कोमल होता है जो कपाल (Cranium) में सुरक्षित रहता है। यह चारों ओर से त्रिस्तरीय झिल्ली से घिरा होता है। बाहरी दृढ़ झिल्ली दृढ़ तानिका (Duramater), मध्य वाली झिल्ली मृदुतानिका (Piamater) तथा आन्तरिक झिल्ली जालतानिका (Arachoid) कहलाती है। मस्तिष्क के प्रमुख तीन भाग होते हैं-
1. अग्र मस्तिष्क- इसके अन्तर्गत प्राण पिण्ड, प्रमस्तिष्क तथा डाएनसिफलॉन आते हैं। घ्राण पिण्ड गंध ज्ञान के, प्रमस्तिष्क स्मृति, सोचने-विचारने, तर्क शक्ति आदि के तथा डाएनसिफलॉन भूख, प्यास, नींद, ताप नियन्त्रण, उपापचय आदि के केन्द्र होते हैं।
2. मध्य मस्तिष्क-मध्य मस्तिष्क का अधिकांश भाग अनुमस्तिष्क से ढका होता है। यह दृष्टि ज्ञान कराता है।
3. पश्च मस्तिष्क-इसके अन्तर्गत अनुमस्तिष्क, पोन्स तथा मस्तिष्क पुच्छ आता है।
(i) पोन्स-अनुमस्तिष्क के सामने तथा मस्तिष्क पुच्छ के ऊपर स्थित होता है। यह हृदय स्पंदन तथा श्वसन आदि क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
(ii) अनुमस्तिष्क-प्रमस्तिष्क के पश्च भाग के नीचे स्थित गोलाकार भाग होता है। यह शरीर का सन्तुलन बनाने का कार्य करता है।
(iii) मस्तिष्क पुच्छ (Medulla oblongata)-मस्तिष्क का पश्च बेलनाकार भाग है, यह शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है। मेरुरज्जु या सुषुम्ना (Spinal Cord)मस्तिष्क का पश्च भाग लम्बा होकर कपाल के पश्च छोर पर उपस्थित महारन्ध्र से निकलकर रीढ़ की हड्डी में फैला रहता है। यही मेरुरज्जु कहलाता है। रीढ़ की हड्डी कशेरुकाओं की बनी होती है तथा इसके मध्य में एक तंत्रिका नाल होती है। इसी तंत्रिका नाल में मेरुरज्जु स्थित होती है। मेरुरज्जु मस्तिष्क से प्राप्त तथा मस्तिष्क को जाने वाले आवेगों के लिए पथ प्रदान करता है। यह प्रतिवर्ती क्रियाओं के संचालन एवं नियमन के कार्य भी करता है।
प्रश्न 22.
जल से भरे किसी बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम क्यों प्रतीत होती है? [4]
अथवा
कोई 6 सेमी लम्बा बिम्ब 30 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् स्थित है। दर्पण से बिम्ब की दूरी 45 सेमी है। दर्पण सूत्र का उपयोग करके बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति और आकार निर्धारित कीजिए। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए नामांकित किरण आरेख भी खींचिए। [4]
उत्तर:
माना कि एक.वस्तु ) सघन माध्यम (जल)
में रखी हुई है और देखने वाले की आँख विरल माध्यम (वायु) में वस्तु के ठीक ऊपर है। तब ) से चलने वाली एक आपतित किरण OA जल तथा वायु के सीमा-पृष्ठ PQ पर अभिलम्बवत् गिरती है। इसके लिए आपतन कोण शून्य है। अतः अपवर्तन के नियमानुसार, अपवर्तन कोण भी शून्य होगा। अतः किरण सीधी AB दिशा में चली जाती है। दूसरी किरण OC, सीमा-पृष्ठ के बिन्दु C पर गिरती है। चूँकि किरण सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है, अतः अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब NCN’ से दूर हटती हुई दिशा CD में चली जाती है। अपवर्तित किरणें AB तथा CD पीछे बढ़ायी जाने पर बिन्दु I पर मिलती हैं।
इस प्रकार आँख को ये किरणें बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होती हैं। अतः बिन्दु I, बिन्दु O का अपवर्तन द्वारा बना आभासी प्रतिबिम्ब है। चित्र में I, बिन्दु O की अपेक्षा ऊँचा है। अर्थात् जल से भरे बर्तन की आभासी गहराई, उसकी वास्तविक गहराई से कम प्रतीत होती है|
प्रश्न 23.
सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होने वाला कोई लवण ‘P’ गर्म किए जाने पर किसी अन्य लवण Q’ में परिवर्तित हो जाता है जिसका उपयोग जल की कठोरता को दूर करने में किया जाता है तथा कोई गैस ‘R’ उत्सर्जित होती है। इस गैस ‘R’ को ताजा बने चूने के पानी में से प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है। ‘P’, ‘Q’ और ‘R’ को पहचानिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए रासायनिक समीकरण दीजिए। [4]
अथवा
(i) क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्त्वपूर्ण उत्पादों की सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक उत्पाद का एक महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
(ii) प्रकाश रासायनिक अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं। समझाइए। [4]
उत्तर:
जब बेकिंग सोडा (NaHCO3) को जल के साथ गर्म किया जाता है या मिलाया जाता है
तो निम्नलिखित अभिक्रिया प्राप्त होती है।
सोडियम कार्बोनेट को जल की कठोरता दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। उत्सर्जित गैस कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को दूधिया कर देती है। अतः लवण ‘P’ बेकिंग सोडा (NaHCO3) है। लवण ‘Q’ सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) है जिसका प्रयोग जल की कठोरता को दूर करने के लिए किया जाता है। गैस ‘R’ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
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