Students must start practicing the questions from RBSE 10th Social Science Model Papers Set 2 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 10 Social Science Model Paper Set 2 with Answers in Hindi
पूर्णांक : 80
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश :
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए-
(i) निम्न में से किसने आन्दोलन से प्रेरित होकर भारत माता की विख्यात छवि को चित्रित किया- [1]
(अ) बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने
(ब) अवनीन्द्रनाथ टैगोर ने
(स) कृपाल सिंह शेखावत ने
(द) राजा रवि वर्मा ने
उत्तर:
(ब) अवनीन्द्रनाथ टैगोर ने
(ii) 19वीं सदी यूरोप में उदारवादी राष्ट्रवाद के विचार से निम्नलिखित में से कौन निकटता से जुड़ा हुआ था? [1]
(अ) सामाजिक न्याय पर बल
(ब) राज्य में सामाजिक, आर्थिक प्रणाली नियोजित की
(स) व्यक्ति के लिए आजादी और कानून के समक्ष सबकी बराबरी
(द) राज्य के प्रभुत्व ने राष्ट्रवाद को जन्म दिया
उत्तर:
(अ) सामाजिक न्याय पर बल
(iii) रिंडरपेस्ट नामक पशुओं की बीमारी निम्न में से किस महाद्वीप में फैली थी ? [1]
(अ) यूरोप
(ब) एशिया
(स) अफ्रीका
(द) अमेरिका
उत्तर:
(स) अफ्रीका
(iv) सौर ऊर्जा किस प्रकार का संसाधन है? [1]
(अ) नवीकरण योग्य
(ब) अनवीकरण योग्य
(स) संभावी
(द) विकसित
उत्तर:
(अ) नवीकरण योग्य
(v) जलोढ़ मृदा निम्न में से किस फसल की खेती के लिए उपयुक्त है? [1]
(अ) गन्ना
(ब) चावल
(स) गेहूँ
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(vi) इनमें से कौन-सा संरक्षण तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता? [1]
(अ) संयुक्त वन प्रबन्धन
(ब) चिपको आन्दोलन
(स) बीज बचाओ आन्दोलन ।
(द) वन्य जीव पशुविहार (Santuary) का परिसीमन
उत्तर:
(द) वन्य जीव पशुविहार (Santuary) का परिसीमन
(vii) श्रीलंका के जातीय समूह में निम्न में से कौन-से प्रमुख हैं- [1]
(अ) ईसाई व तमिल
(ब) बौद्ध व हिन्दू
(स) सिंहली व तमिल
(द) सिंहली व ईसाई
उत्तर:
(स) सिंहली व तमिल
(viii) संविधान और विभिन्न स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार किसके पास होता है? [1]
(अ) न्यायालय
(ब) प्रधानमन्त्री
(स) राष्ट्रपति
(द) मुख्यमन्त्री
उत्तर:
(अ) न्यायालय
(ix) निम्न में से किस देश ने किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में अंगीकार नहीं किया है ? [1]
(अ) भारत
(ब) नेपाल
(स) पाकिस्तान
(द) श्रीलंका
उत्तर:
(अ) भारत
(x) निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत से बेहतर है- [1]
(अ) बांग्लादेश
(ब) श्रीलंका
(स) नेपाल
(द) पाकिस्तान
उत्तर:
(ब) श्रीलंका
(xi) द्वितीयक क्षेत्रक को कहा जाता है- [1]
(अ) औद्योगिक क्षेत्रक
(ब) कृषि क्षेत्रक
(स) सेवा क्षेत्रक.
(द) सहायक क्षेत्रक
उत्तर:
(अ) औद्योगिक क्षेत्रक
(xii) एक ऐसा संगठन जिसका ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है- [1]
(अ) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(ब) विश्व व्यापार संगठन
(स) संयुक्त राष्ट्र संघ
(द) ये सभी
उत्तर:
(ब) विश्व व्यापार संगठन
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) अठारहवीं सदी में मक्का के आयात पर लगी पाबंदी को ……………… के नाम से जाना जाता है। [1]
उत्तर:
कार्न लॉ
(ii) भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत ………………. हुई। [1]
उत्तर:
सन् 1973 में
(iii) ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर लोगों का शहरों में बसना ………………….. कहलाता है। [1]
उत्तर:
शहरीकरण
(iv) विभिन्न क्षेत्रों की तुलना करने का प्रमुख आधार उन देशों की ……………………… से होती है। [1]
उत्तर:
आय
(v) द्वितीयक क्षेत्रक के …………………………. की प्रक्रिया अपरिहार्य है। [1]
उत्तर:
विनिर्माण
(vi) देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना ……………………….. कहलाता है।
उत्तर:
वैश्वीकरण।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों का उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) “इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट” क्या था? [1]
उत्तर:
इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट 1859 ई. में बना था। इसके तहत बागानों में काम करने वाले मजदूर बिना इजाजत बागानों से बाहर नहीं जा सकते थे।
(ii) होसे से आप क्या समझते हैं ? [1]
उत्तर:
त्रिनिदाद में मुहर्रम के वार्षिक जुलूस को एक विशाल उत्सवी मेले का रूप दे दिया गया। इसमें सभी धर्मों व नस्लों के मजदूर हिस्सा लेते थे। इस उत्सव को इमाम हुसैन के नाम पर होसे नाम दिया गया।
(iii) ‘गॉड सेव अवर नोबल किंग’ किस देश का राष्ट्रीय गान है ? [1]
उत्तर:
‘गॉड सेव अवर नोबल किंग’ ग्रेट ब्रिटेन का राष्ट्रीय गान है।
(iv) बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली को स्पष्ट कीजिए। [1]
उत्तर:
इस विधि द्वारा मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस से बने पाइप द्वारा एकत्रित करके सिंचाई के काम में लिया जाता है।
(v) दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में की जाने वाली कर्तन दहन प्रणाली कृषि को किस नाम से पुकारा जाता है ? [1]
उत्तर:
दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में की जाने वाली कर्तन दहन प्रणाली कृषि को वालरे या वाल्टरे के नाम से पुकारा जाता है।
(vi) रोपण कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारकों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
- परिवहन,
- संचार के साधन,
- बाजार।
(vii) बेल्जियम की सामुदायिक सरकार और श्रीलंका की बहुसंख्यकवादी सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [1]
उत्तर:
बेल्जियम की सामुदायिक सरकार का चयन एक ही भाषा (डच, फ्रेंच व जर्मन) बोलने वाले लोग करते हैं जबकि श्रीलंका की बहुसंख्यकवादी सरकार में एक (सिंहली) समुदाय का ही प्रभुत्व रहता है।
(viii) संघीय शासन व्यवस्था के कोई दो उद्देश्य बताइए। [1]
उत्तर:
- देश की एकता की सुरक्षा करना व ढ़ावा देना।
- क्षेत्रीय विविधताओं को पूर्ण सम्मान देना।
(ix) स्मिथ और कार्लोस का ओलंपिक पदक क्यों वापस ले लिया गया ? [1]
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने कार्लोस और स्मिथ को राजनीतिक बयान देकर ओलंपिक भावना का उल्लंघन करने का दोषी माना था।
(x) नवीकरण योग्य संसाधन के कोई दो उदाहरण दीजिए। [1]
उत्तर:
सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा।
(xi) जब हम प्राकृतिक उत्पादों को अन्य रूपों में परिवर्तित करते हैं, तब यह गतिविधि किस आर्थिक क्षेत्रक के अन्तर्गत आती हैं? [1]
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्र।
(xii) उदारीकरण किसे कहते हैं? [1]
उत्तर:
सरकार द्वारा अवरोधों अथवा प्रतिबन्धों . को हटाने की प्रक्रिया उदारीकरण के नाम से जानी जाती है।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न-प्रश्न सं. 4 से 16 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
19वीं सदी में विश्व अर्थव्यवस्था में आए तकनीकी परिवर्तनों का वर्णन कीजिए। [2]
उत्तर:
(i) तीव्र गति से चलने वाली रेलगाड़ियाँ बनीं, बोगियों का भार कम किया गया, जलपोतों का आकार बढ़ा, जिससे किसी भी उत्पाद को खेतों से दूर के बाजारों में कम लागत पर और आसानी से पहुँचाया जा सका।
(ii) पानी के जहाजों में रेफ्रिजरेशन की तकनीक स्थापित होने से खाने-पीने के सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने में आसानी हो गयी। शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को भी रेफ्रिजरेशन की तकनीक से लम्बी यात्राओं पर ले जाया जाने लगा।
प्रश्न 5.
स्कॉटलैण्ड को किस प्रकार यूनाइटेड किंगडम में शामिल किया गया ? स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
इंग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड के बीच ‘एक्ट ऑफ यूनियन’ (1707) समझौते के तहत ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन हुआ। इससे इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड पर अपना प्रभुत्व जमा पाने में कामयाब हुआ। इसके पश्चात् ब्रितानी संसद में आंग्ल सदस्यों का दबदबा हो गया। स्कॉटलैण्ड की खास संस्कृति और राजनीतिक संस्थानों को योजनाबद्ध तरीकों से दबा दिया गया और ब्रितानी पहचान का विकास हुआ।
प्रश्न 6.
शहरों में असहयोग आन्दोलन के मंद होने के किन्हीं तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
शहरों में असहयोग आन्दोलन के मंद होने के निम्नलिखित कारण थे-
- वृहत् स्तर पर मिलों में बनने वाले कपड़ों की अपेक्षा खादी के कपड़े महँगे थे जिन्हें गरीब नहीं खरीद सकते थे। अतः गरीब लोगों ने मिलों के कपड़े पहनने ही पसन्द किए।
- वैकल्पिक शिक्षण संस्थानों की स्थापना की प्रक्रिया के धीमा होने के कारण विद्यार्थी व शिक्षक राजकीय विद्यालयों में वापस लौटने लगे।
- वकीलों के लिए बेरोजगारी एक समस्या बन गयी। अतः वे अपने काम पर धीरे-धीरे वापस लौटने लगे।
प्रश्न 7.
मरुस्थलीय मृदा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2]
उत्तर:
मरुस्थलीय मृदा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- इन मृदाओं का रंग लाल व भूरा होता है।
- ये मृदाएँ आमतौर पर रेतीली व लवणीय होती हैं।
- शुष्क जलवायु एवं वनस्पति की कमी के कारण इस मृदा में जलवाष्पन दर अधिक है।
- इस मृदा में ह्यूमस व नमी की मात्रा कम पायी जाती है।
- यह मृदा अनुपजाऊ होती है लेकिन इसे उपयुक्त तरीके से सिंचित करके कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
प्रश्न 8.
सुभेद्य एवं संकटग्रस्त जातियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
सुभेद्य एवं संकटग्रस्त जातियों में निम्नलिखित अन्तर हैं-
सुभेद्य जातियाँ | संकटग्रस्त जातियाँ |
1. ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही है। | 1. ये वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है। |
2. वर्तमान में ये जातियाँ अस्तित्व में हैं परन्तु इनका बने रहना खतरे में है। इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। | 2. जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या कम हुई है, यदि वे अनवरत रूप से जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना ठिन है। |
3. परिस्थितियों के न बदलने पर ये शीघ्र ही संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ जायेंगी। | 3. ये जातियाँ पहले से ही संकटग्रस्त हैं। |
4. उदाहरण-एशियाई हाथी, नीली भेड़, गंगा डॉल्फिन आदि। | 4. उदाहरण-भारतीय जंगली गधा, संगाई (मणिपुरी हिरण), गैंडा, शेर की पूँछ वाला बन्दर आदि। |
प्रश्न 9.
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व निम्नलिखित कारणों से है-
- भारत की कुल राष्ट्रीय आय में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है।
- देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है।
- कृषि से उद्योगों को कच्चा माल मिलता है।
- चाय, कॉफी, मसाले जैसे कई कृषि उत्पादों का निर्यात करके भारत विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
- व्यापार, उद्योग एवं यातायात का विकास कृषि पर निर्भर करता है।
- कृषि भारत में रोजगार का प्रमुख स्रोत है।
प्रश्न 10.
सत्ता की साझेदारी के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए। [2]
उत्तर:
सत्ता की साझेदारी के पक्ष में तीन तर्क निम्नलिखित हैं-
- सत्ता की साझेदारी से विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य टकराव की सम्भावना कम हो जाती है।
- सामाजिक टकराव आगे बढ़कर सामान्यतया हिंसा व राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है। इसलिए सत्ता में साझेदारी राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छी है।
- सत्ता की साझेदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जड़ते हैं।
प्रश्न 11.
भारत में राजनीतिक सत्ता के विकेन्द्रीकरण के पीछे बुनियादी सोच को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
विकेन्द्रीकरण के पीछे बुनियादी सोच-
(i) विकेन्द्रीकरण के पीछे बुनियादी सोच यह है कि अनेक मुददों एवं समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही अच्छे तरीके से हो सकता. है। लोगों को अपने क्षेत्रों की समस्याओं की अच्छी समझ होती है। लोगों को इस बात की भी जानकारी होती है कि पैसा कहाँ खर्च किया जाए और चीजों का अधिक कुशलता से उपयोग किस तरह किया जा सकता है।
(ii) स्थानीय स्तर पर लोगों का नीतिगत फैसलों में सीधे भागीदार बनना भी सम्भव हो जाता है, इससे लोकतान्त्रिक भागीदारी की आदत पड़ती है। स्थानीय सरकारों की स्थापना स्वशासन के लोकतान्त्रिक सिद्धान्त को वास्तविक बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।
प्रश्न 12.
“सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आधारित होता है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए। [2]
उत्तर:
सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आधारित होता है-
सामान्य तौर पर अपना समुदाय चुनना हमारे वश में नहीं होता। हम सिर्फ इस आधार पर किसी विशेष समुदाय के सदस्य हो जाते हैं कि हमारा जन्म उस समुदाय के एक परिवार में हुआ होता है। जन्म पर आधारित सामाजिक विभाजन का अनुभव हम अपने दैनिक जीवन में लगभग प्रतिदिन करते हैं। हम अपने आस-पास देखते हैं कि चाहे कोई स्त्री है या पुरुष, लम्बा है या छोटा, सबकी चमड़ी का रंग अलग-अलग है। उनकी शारीरिक क्षमताएँ व अक्षमताएँ अलग-अलग हैं।
प्रश्न 13.
“एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास न भी हो।” उक्त कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास नहीं भी हो सकता है। यह निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है-
- अधिक मजदूरी अर्थात् एक श्रमिक के लिए विकास परन्तु यह एक उद्योगपति के लिए ठीक नहीं हो सकता।
- एक धनिक किसान अथवा व्यापारी अपने खाद्यान्न ऊँची कीमतों पर बेचना चाहता है परन्तु एक गरीब किसान उसे कम कीमत पर खरीदना चाहता है।
- बिजली अधिक प्राप्त करने के लिए उद्योगपति अधिक बाँधों का निर्माण चाह सकते हैं परन्तु इससे कृषि भूमि में कमी आ सकती है जिससे लोगों के जीवन में संकट आ सकता है।
प्रश्न 14.
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक के महत्त्व के किन्हीं चार सूत्रों का उल्लेख कीजिए। [2]
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक का महत्त्व के चार सूत्र निम्नलिखित हैं-
- प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वनारोपण आदि सम्मिलित हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था को योगदान देते हैं।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी. डी. पी.) में प्राथमिक क्षेत्रक का योगदान लगभग 13 प्रतिशत है।
- भारत में रोजगार में प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत है।
- यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्रक है।
प्रश्न 15.
सहकारी समितियाँ क्या होती हैं ? ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की गतिविधियाँ बढ़ाने हेतु कोई तीन सुझाव दीजिए।[2]
उत्तर:
वे लोग जो कुछ सामान्य उद्देश्यों पर एक साथ मिल-जुलकर कार्य करना चाहते हैं, एक समिति का गठन कर लेते हैं जिसे सहकारी समिति कहते हैं।
सुझाव-
- बैंकों द्वारा सहकारी समितियों को सस्ती दर पर ऋण प्रदान करना।
- सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना।
- कृषकों पर किसी भी प्रकार की कोई अनुचित शर्त न लगाना ताकि सहकारी समिति के अधिकाधिक सदस्य बन सकें।
प्रश्न 16.
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
विभिन्न देशों के मध्य परस्पर सम्बन्ध एवं
तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय किया जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी एवं श्रम का इनके मध्य प्रवाह हो सके।
वैश्वीकरण के अन्तर्गत विदेशी व्यापार अवरोधक हटा लिये जाते हैं जिससे पूँजी व श्रम का स्वतन्त्र रूप में आवागमन होता है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ता है, आयात-निर्यात में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त उत्पादन व उत्पादकता का स्तर बढ़ता है।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
इटली के एकीकरण की प्रक्रिया को लिखिए। [3]
अथवा
राष्ट्रवादी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका को प्रतिपादित कीजिए। [3]
उत्तर:
इटली के एकीकरण की प्रक्रिया-
- इटली अनेक वंशानुगत राज्यों एवं बहुराष्ट्रीय हैब्सबर्ग साम्राज्य में बिखरा हुआ था।
- सन् 1830 के दशक में ज्युसेपे मेत्सिनी ने एकीकृत इतालवी गणराज्य के लिए एक कार्यक्रम का निर्माण किया तथा अपने उद्देश्यों के प्रचार-प्रसार के लिए ‘यंग इटली’ नामक गुप्त संगठन भी बनाया।
- सन् 1831 और 1848 में क्रान्तिकारी विद्रोहों की असफलता के पश्चात् युद्ध के द्वारा इतालवी राज्यों को संगठित करने का दायित्व सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुएल द्वितीय पर आ गया।
- इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आन्दोलन का नेतृत्वकर्ता मंत्री प्रमुख कावूर ने फ्रांस और सार्डिनिया- पीडमॉण्ट के मध्य कूटनीतिक संधि करायी।
- सन् 1859 में सार्डिनिया-पीडमॉण्ट ने ऑस्ट्रिया को पराजित किया। इस युद्ध में नियमित सैनिकों के अतिरिक्त ज्युसेपे मेत्सिनी एवं गैरीबॉल्डी के नेतृत्व में अनेक सशस्त्र स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया था।
- सन् 1860 में वे दक्षिण इटली एवं दो सिसिलियों के राज्यों में प्रवेश कर गये तथा स्पेनी शासकों को हटाने के लिए किसानों की मदद प्राप्त करने में सफल हुए।
- सन् 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
- सन् 1866 में वेनेशिया को भी इटली में मिला दिया गया। सन् 1870 में फ्रांस तथा प्रशा के मध्य युद्ध हुआ। फ्रांस ने अपने सैनिक रोम से हटा लिए। इस अवसर का लाभ उठाकर इटली की सेनाओं ने रोम पर भी अधिकार कर लिया, मेपल राज्य भी इटली में सम्मिलित हो गया। इस प्रकार इटली का एकीकरण हुआ।
प्रश्न 18.
बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना कीजिए। [3]
अथवा
आपके मतानुसार पारम्परिक वर्षा जल संग्रहण प्रणाली जल संरक्षण एवं भंडार के लिए किस प्रकार उपयोगी [3]
उत्तर:
बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना निम्न प्रकार से है-
बहुउद्देशीय परियोजनाओं से लाभ:
- बाँधों में एकत्रित जल का प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।
- ये जल-विद्युत ऊर्जा प्राप्ति का प्रमुख साधन है।
- जल उपलब्धता के कारण जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगायी जा सकती हैं।
- घरेलू और औद्योगिक उपयोग हेतु जल की प्राप्ति।
- बाढ़ नियन्त्रण, मनोरंजन, आन्तरिक नौकायन, मत्स्य पालन व मृदा संरक्षण।
बहुउद्देशीय परियोजनाओं से हानियाँ:
- नदियों का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होने से तलछट बहाव कम हो जाता है।
- अत्यधिक तलछट जलाशय की तली पर जमा हो जाता है।
- इनसे भूमि का निम्नीकरण होता है।
- भूकम्प की सम्भावना का बढ़ना।
- किसी कारणवश बाँध के टूटने पर बाढ़ आ जाना। जलजनित बीमारियाँ, प्रदूषण, वनों
की कटाई, मृदा व वनस्पति का अपघटन।
प्रश्न 19.
जाति व्यवस्था के प्राचीन स्वरूप में बदलाव लाने वाले किन्हीं तीन कारकों को स्पष्ट कीजिए? [3]
अथवा
महिलाओं के साथ भेदभाव रोकने के लिए अपने तीन सुझाव लिखिए। [3]
उत्तर:
जाति व्यवस्था के प्राचीन स्वरूप में बदलाव लाने वाले तीन कारक निम्नलिखित हैं-
(i) साक्षरता व शिक्षा के विकास, व्यवसाय चयन की स्वतन्त्रता एवं गाँवों में जमींदारी व्यवस्था के कमजोर पड़ने से जाति व्यवस्था के पुराने स्वरूप एवं वर्ण व्यवस्था पर टिकी मानसिकता में परिवर्तन आ रहा है। आज अधिकांशतः इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है कि आपके साथ ट्रेन या बस में किस जाति का व्यक्ति बैठा है या रेस्तरों में आपकी मेज पर बैठकर खाना खा रहे व्यक्ति की जाति क्या है ?
(ii) संविधान में किसी भी प्रकार के जातिगत भेदभाव का विरोध किया गया है।
(iii) ज्योतिबा फुले, महात्मा गाँधी, डॉ. अम्बेडकर एवं पेरियार रामास्वामी नायर जैसे राजनेताओं व समाज सुधारकों के प्रयासों एवं सामाजिक-आर्थिक बदलावों के कारण आधुनिक भारत में जाति संरचना व जाति व्यवस्था में बहुत अधिक परिवर्तन आया है।
प्रश्न 20.
किन्हीं तीन परिस्थितियों की जाँच कीजिए जिनमें ऋण, कर्जदार को ऋण-जाल में फंसा देता है? [3]
अथवा
आवश्यकताओं के दोहरे संयोग में छुपी समस्याओं को समझाइए। [3]
उत्तर:
(i) यदि व्यक्ति ने साहूकार, महाजन अथवा किसी गाँव के ब्याजखोर व्यक्ति से ऋण लिया है, तो इसके लिए उसने ऋण लेने से पूर्व किसी वस्तु, भूमि, भवन, पशु, आभूषण आदि को ऋणाधार के रूप में ऋणदाता के पास अवश्य रखा होगा, जिसकी कीमत ऋण में दी गयी राशि व ब्याज़ से कहीं अधिक होती है। यह गिरवी रखी गयी सम्पत्ति एक निश्चित समय की गारण्टी होती है, जब तक कि ऋणी व्यक्ति ऋण अदा नहीं कर देता। निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने के बाद ऋणदाता बंधक सम्पत्ति को बेचने का अधिकार रखता है। जिससे कि एक ओर तो ऋणी को आर्थिक क्षति होती है, वहीं दूसरी ओर उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी गिरती है।
(ii) कभी-कभी ऋणी को ऋण अदा करने के लिए अपनी फसल को भी कम कीमतों पर बेचकर भारी हानि उठानी पड़ती है।
(iii) यदि ऋणी को कर्ज अदा करने के लिए बार-बार ऋण लेना पड़े तो वह स्वतः ही ऋण-जाल में फंसता चला जाता है, जिससे जीवन भर बाहर निकलना उसके लिए मुश्किल हो जाता है।
खण्ड – (द)
निबन्धात्मक प्रश्न-प्रश्न सं. 21 से 22 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
भारत में प्रथम विश्व युद्ध द्वारा थोपी गई किन्हीं पाँच प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
असहयोग आन्दोलन का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध यूरोप में होने वाला एक वैश्विक युद्ध था जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवम्बर 1918 तक चला। इसे महान युद्ध सभी युद्धों को समाप्त करने वाले युद्ध के रूप में जाना जाता है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के तहत भाग लिया। यह युद्ध जब प्रारम्भ हुआ, उस समय भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन था। इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो गई।
भारत में प्रथम विश्व युद्ध द्वारा थोपी गई पाँच प्रमुख समस्यायें निम्नलिखित थीं-
- करों में वृद्धि-प्रथम विश्व युद्ध के कारण रक्षा व्यय में बहुत अधिक वृद्धि हुई। इन खर्चों की पूर्ति हेतु सरकार ने करों में वृद्धि कर दी। सीमा शुल्क को बढ़ा दिया तथा आयकर नामक एक नया कर भी लगा दिया गया। इससे जनता दुखी हो गई।
- कीमतों में वृद्धि-प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वस्तुओं की कीमतें लगभग दो गुनी हो चुकी थीं। बढ़ती हुई कीमतों के कारण आम जनता की कठिनाइयाँ बढ़ गयीं और उनका जीवन निर्वाह करना भी कठिन हो रहा था।
- सैनिकों की बलपूर्वक भर्ती-प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सरकार को अधिक से अधिक सैनिकों की आवश्यकता थी। अतः गाँवों में भारतीय युवाओं को सेना में बलपूर्वक भर्ती किया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आक्रोश फैल गया।
- दुर्भिक्ष और महामारी का प्रकोप-वर्ष 1918-1920 व 1920-1921 में देश में खाद्य पदार्थों की भारी कमी हो गई। उसी समय देशभर में फ्लू की महामारी फैल गयी। दुर्भिक्ष व महामारी के कारण 120-130 लाख भारतीय मौत के मुँह में समा गए।
- जनता की आकांक्षाएँ पूरी न होना-भारतीय जनता को यह आशा थी कि प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् उसके कष्टों एवं कठिनाइयों का अन्त हो जायेगा परन्तु उनकी आकांक्षाएँ पूरी नहीं हुईं। इस कारण भी भारतीयों में घोर असन्तोष फैला हुआ था।
प्रश्न 22.
“हित समूह एवं आन्दोलन के प्रभाव सदैव सकारात्मक नहीं होते हैं बल्कि इनके प्रभाव नकारात्मक भी होते हैं।” कथन को स्पष्ट कीजिए। [4]
अथवा
नेपाल और बोलिविया के जनसंघर्षों की समानताओं के बारे में बताइए। [4]
उत्तर:
हित समूह एवं आन्दोलन के प्रभाव सदैव सकारात्मक नहीं होते हैं-
उनके नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। जिनका विवरण निम्न प्रकार से हैनकारात्मक प्रभाव-
- ये किसी एक वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करते हैं।
- कभी-कभी दबाव समूह का आन्दोलन राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर देता है।
- ये लोकतन्त्र के मूल ढाँचे को कमजोर करने का प्रयास करते हैं क्योंकि ये अक्सर किसी एक वर्ग अथवा किसी एक मुद्दे पर कार्य करते हैं जबकि लोकतंत्र केवल एक वर्ग के हितों की रक्षा नहीं करता बल्कि सभी वर्गों के कल्याण पर नजर रखता है।
- ये समूह सत्ता का उपयोग तो करना चाहते हैं किन्तु अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। राजनीतिक दलों को चुनाव के समय जनता के समक्ष जाना पड़ता है। लेकिन ये समूह जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होते।
- यह भी संभव है कि हित समूहों एवं आन्दोलनों में जनता से समर्थन प्राप्त न हो अथवा आर्थिक सहायता भी प्राप्त न हो। कभी-कभी ऐसा भी सम्भव हो सकता है कि हित समूहों में बहुत ही कम लोगों का समर्थन प्राप्त हो लेकिन उनके पास बहुत अधिक धन हो तथा इसके बल पर अपने संकुचित एजेंडे पर वे सार्वजनिक बहस का रुख मोड़ने में सफल हो जाएँ।
सकारात्मक प्रभाव-
- हित समूहों एवं आन्दोलनों के कारण लोकतन्त्र की जड़ें मजबूत हुई हैं। शासकों के ऊपर दबाव डालना लोकतन्त्र में कोई अहितकारी गतिविधि नहीं है। बशर्ते इसका अवसर सभी को प्राप्त हो।
- सरकारें अक्सर कुछ धनी एवं ताकतवर लोगों के अनुचित दबाव में आ जाती हैं। जन सामान्य के हित समूह तथा आन्दोलन इस अनुचित दबाव के प्रतिकार में उपयोगी भूमिका का निर्वाह करते हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य जनता की आवश्यकताओं एवं सरोकारों से सरकार को अवगत कराते हैं।
प्रश्न 23.
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए- [4]
(क) गोवा
(ख) कोरबा
(ग) मयूरगंज
(घ) कलपक्कम
अथवा
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए [4]
(क) चिक्कमंगलूरु
(ख) तुमकुर
(ग) बस्तर
(घ) भंडार।
उत्तर:
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