Students must start practicing the questions from RBSE 10th Social Science Model Papers Set 9 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 10 Social Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi
पूर्णांक : 80
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश :
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड -(अ)
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए
(i) दिसम्बर 1920 का काँग्रेस अधिवेशन निम्न में से कहाँ हुआ था ? [1]
(अ) इलाहाबाद
(ब) कलकत्ता
(स) नागपुर
(द) मद्रास
उत्तर:
(स) नागपुर
(ii) राष्ट्रवाद को चित्रों के माध्यम से दर्शाने वाला निम्नलिखित में से कौन है ? [1]
(अ) फ्रेडरिक सॉरयू
(ब) मेत्सिनी
(स) इमेनुएल II
(द) हैब्सबर्ग
उत्तर:
(अ) फ्रेडरिक सॉरयू
(iii) ब्रेटन वुड्स समझौते के तहत एक गठित संस्था है- [1]
(अ) विश्वबैंक
(ब) संयुक्त राष्ट्र संघ
(स) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) विश्वबैंक
(iv) पवन ऊर्जा किस प्रकार का संसाधन है ? [1]
(अ) अनवीकरण योग्य
(ब) नवीकरण योग्य
(स) विकसित
(द) अजैव
उत्तर:
(ब) नवीकरण योग्य
(v) वन मृदा कहाँ पायी जाती है ? [1]
(अ) पर्वतीय क्षेत्रों में
(ब) मैदानी क्षेत्रों में
(स) अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) पर्वतीय क्षेत्रों में
(vi) इनमें से कौन-सी टिप्पणी प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का सही कारण नहीं है? [1]
(अ) कृषि प्रसार
(ब) वृहत स्तरीय विकास परियोजनाएँ
(स) पशुचारण और. ईंधन-लकड़ी एकत्रित करना
(द) तीव्र औद्योगीकरण और शहरीकरण
उत्तर:
(स) पशुचारण और. ईंधन-लकड़ी एकत्रित करना
(vii) सामुदायिक सरकार का एक अच्छा उदाहरण वाला देश है – [1]
(अ) बेल्जियम
(ब) भारत
(स) चीन
(द) श्रीलंका
उत्तर:
(अ) बेल्जियम
(viii) निम्नलिखित में से कौन-सा विषय समवर्ती सूची में शामिल है? [1]
(अ) पुलिस
(ब) रक्षा
(स) कृषि
(द) शिक्षा
उत्तर:
(द) शिक्षा
(ix) इंग्लैण्ड का राजकीय धर्म है – [1]
(अ) हिन्दू
(ब) ईसाई
(स) मुस्लिम
(द) सिख
उत्तर:
(ब) ईसाई
(x) उच्च आय वर्ग वाला देश है – [1]
(अ) भारत
(ब) संयुक्त राज्य अमेरिका
(स) श्रीलंका
(द) दक्षिण अफ्रीका
उत्तर:
(ब) संयुक्त राज्य अमेरिका
(xi) कपास से कपड़ा बनाना कौन-से क्षेत्रक की गतिविधि है? [1]
(अ) द्वितीयक
(ब) प्राथमिक
(स) तृतीयक
(द) चतुर्थक
उत्तर:
(अ) द्वितीयक
(xii) कारगिल फूड्स किस देश की बहुराष्ट्रीय कम्पनी है? [1]
(अ) अमेरिका
(ब) भारत
(स) फ्रांस
(द) कनाडा
उत्तर:
(अ) अमेरिका
प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) …………………. ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक प्रभावित किया। [1]
उत्तर:
महामंदी
(ii) ……………………. एक प्रकार का औषधीय पौधा है। [1]
उत्तर:
हिमालय यव
(iii) ……… में किसी भी प्रकार के जातिगत भेदभाव पर रोक लगायी गयी है। [1]
उत्तर:
भारतीय संविधान
(iv) किसी देश की कुल आय में उनकी कुल जनसंख्या का भाग देकर …………………. प्राप्त की जाती है। [1]
उत्तर:
औसत आय
(v) एक वस्तु का अधिकांशतः प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन … ……………… क्षेत्रक की गतिविधि है। [1]
उत्तर:
प्राथमिक
(vi) ………………. की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत में सूचना और प्रौद्योगिकी का पर्याप्त विकास हुआ है। [1]
उत्तर:
उदारीकरण।
प्रश्न 3. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों का उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) भारत में सबसे पहले महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह किस स्थान पर आयोजित किया था? [1 ]
उत्तर:
चंपारन (बिहार, 1916) में।
(ii) चटनी म्यूजिक कहाँ लोकप्रिय था ? [1]
उत्तर:
चटनी म्यूजिक त्रिनिदाद एवं गुयाना में लोकप्रिय था।
(iii) ज्युसेपे मेसिनी द्वारा स्थापित दो भूमिगत संगठनों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
ज्युसेपे मेत्सिनी द्वारा स्थापित दो भूमिगत संगठन हैं-
- यंग इटली (मार्सेई में),
- यंग यूरोप (बर्न में)।
(iv) राजस्थान के शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में अधिकतर लोग जल में टाँकों के साथ भूमिगत कमरे बनवाया करते हैं ? कारण दें। [1]
उत्तर:
टाँकों के साथ भूमिगत कमरे बनवाने से जल का यह स्रोत इन कमरों को ठंडा रखता है जिससे ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है।
(v) भूमि के छोटे टुकड़े पर आदिम कृषि औजारों की सहायता से की जाने वाली कृषि का नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
प्रारम्भिक जीवन निर्वाह कृषि।
(vi) किन्हीं दो तिलहन फसलों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
- सरसों,
- तिल।
(vi) बेल्जियम में कौन-सी भाषा बोलने वाले लोग समृद्ध व ताकतवर रहे हैं ?[1]
उत्तर:
बेल्जियम में फ्रेंचभाषी लोग अधिक समृद्ध व ताकतवर रहे हैं।
(vii) समवर्ती सूची के प्रमुख विषय कौन-कौन से हैं ? [1]
उत्तर:
- शिक्षा,
- वन,
- मजदूर संघ,
- विवाह,
- गोद लेना,
- उत्तराधिकार।
(ix) किस देश में वर्ग और धर्म के मध्य गहरी समानता है ? [1]
उत्तर:
उत्तरी आयरलैण्ड में वर्ग और धर्म के मध्य गहरी समानता है।
(x) भूस्खलन के लिए उत्तरदायी प्राकृतिक एवं मानवजनित कारक कौन-से हैं ? [1]
उत्तर:
- प्राकृतिक कारक-पवन,
- मानवजनित कारक – वनोन्मूलन।
(xi) मौसमी बेरोजगारी क्या है ? [1]
उत्तर:
बेरोजगारी की वह स्थिति जिसमें लोगों को पूरे साल काम नहीं मिलता अर्थात् साल के कुछ महीनों में ये लोग बिना काम के रहते हैं, मौसमी बेरोजगारी कहलाती है।
(xii) निवेश और विदेशी निवेश में अन्तर कीजिए। [1]
उत्तर:
(xii) निवेश-परिसम्पत्तियों; जैसे-भूमि, भवन, मशीन व अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की मुद्रा को निवेश कहते हैं।
विदेशी निवेश-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किया गया निवेश विदेशी निवेश कहलाता हैं।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न-प्रश्न सं.4 से 16 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
‘प्रथम विश्व युद्ध पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था।’ इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं? [2]
उत्तर:
पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध-मैं इस कथन से सहमत हूँ कि प्रथम विश्व युद्ध पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था। इस युद्ध में मशीनगनों, टैंकों, हवाईजहाजों व रासायनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। ये सभी हथियार आधुनिक विशाल उद्योगों की देन थे। युद्ध के लिए सम्पूर्ण विश्व से असंख्य सैनिकों की भर्ती की गई जिन्हें विशाल जलपोतों व रेलगाड़ियों में भरकर युद्ध के मोर्चों पर ले जाया गया। इस युद्ध में जो भीषण जनहानि व विनाशलीला देखने को मिली, उसकी औद्योगिक युग से पहले और औद्योगिक शक्ति के बिना कल्पना नहीं की जा सकती थी।
प्रश्न 5.
रूपक से क्या आशय है ? फ्रांस के नारी रूपक के विषय में संक्षिप्त विवरण दीजिए। [2]
उत्तर:
रूपक से आशय है कोई अमूर्त विचार; जैसे-लालच, ईर्ष्या, स्वतंत्रता एवं मुक्ति आदि को किसी व्यक्ति या किसी वस्तु के माध्यम से इंगित किया जाता है तो उसे रूपक कहते हैं। एक रूपकात्मक कहानी के दो अर्थ होते हैं-एक शाब्दिक व एक प्रतीकात्मक। फ्रांस का नारी रूपक मारीआन था जिसने जन राष्ट्र के विचारों को रेखांकित किया।
प्रश्न 6.
प्रथम विश्वयुद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ? किन्हीं चार को लिखिए।
उत्तर:
प्रथम विश्वयुद्ध का भारत पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ा –
- प्रथम विश्वयुद्ध ने नई आर्थिक एवं राजनैतिक स्थिति पैदा कर दी थी।
- युद्ध के कारण रक्षा व्यय में बहुत अधिक वृद्धि हुई, जिसकी भरपाई युद्ध-ऋणों व करों में वृद्धि से की गई।
- युद्ध के दौरान देश में विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई।
- अंग्रेजों ने गाँवों के लोगों को जबरदस्ती सेना में भर्ती कर लिया जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रोष फैल गया।
प्रश्न 7.
भूमि-निम्नीकरण को नियन्त्रित करने के कोई दो उपाय सुझाइए।
उत्तर:
भूमि-निम्नीकरण की समस्या को हल करने के प्रमुख दो उपाय निम्नलिखित हैं-
- वृक्षारोपण-वनस्पतियाँ भूमि को सुरक्षात्मक आवरण प्रदान करती हैं। वानस्पतिक आवरण के कारण पानी सीधा जमीन पर नहीं गिर पाता है। फलतः यह मिट्टी की उर्वरता को बनाये रखने में मदद करती हैं। वनारोपण भूमि निम्नीकरण की समस्या सुलझाने में बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है।
- पेड़ों की रक्षक-मेखला-पेड़ों की रक्षक-मेखला का निर्माण भी भूमि निम्नीकरण को कम करने में सहायक होता है।
प्रश्न 8.
प्रकृति एवं इसकी कृतियों को संरक्षित रखने में सांस्कृतिक मूल्य किस प्रकार सहायक हैं? स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
प्रकृति एवं इसकी कृतियों को संरक्षित रखने में सांस्कृतिक मूल्य निम्न प्रकार सहायक हैं-
- हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर ही प्रकृति एवं इसकी कृतियों को पवित्र माना जाता है। उदाहरण के लिए- हमारी संस्कृति में झरनों, पहाड़ों, पेड़ों एवं नदियों को पवित्र मानते हुए उनकी पूजा व सुरक्षा की जाती है।
- कई पवित्र एवं धार्मिक स्थलों के आस-पास हम बन्दरों और लंगूरों का जमघट देख सकते हैं। इन पवित्र स्थलों पर आने वाले दर्शनार्थी इन्हें खाना खिलाते हैं। इन प्राणियों को धार्मिक स्थल पर भक्तों के रूप में देखा जाता है।
प्रश्न 9.
भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों को संक्षेप में बताइए। [2]
उत्तर:
भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् कृषि क्षेत्र में निम्नलिखित सुधार किए गए हैं-
- भूमि को टुकड़ों में विभाजित होने से रोकने के लिए चकबन्दी कार्यक्रम चलाया गया।
- सन् 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम शुरू किये गये जो संस्थागत और तकनीकी सुधारों पर आधारित थे।
- किसानों के लाभ के लिए किसान क्रेडिट कार्ड एवं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गयी।
- किसानों को बिचौलियों और दलालों से बचाने के लिए न्यूनतम सहायता मूल्य एवं कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लिए लाभदायक खरीद मूल्यों की सरकार द्वारा घोषणा की जाती है।
प्रश्न 10.
बेल्जियम व श्रीलंका की स्थितियाँ भिन्न कैसे हैं ? [2]
उत्तर:
बेल्जियम के समाज की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। यहाँ फ्रेंच बोलने वाले अल्पसंख्यक लोग तुलनात्मक रूप से धनी व शक्तिशाली हैं, जबकि डच बोलने वाले लोग बहुसंख्यक : होने के बावजद गरीब हैं। जबकि श्रीलंका में सिंहली भाषी लोगों की आबादी कुल जनसंख्या की 74 प्रतिशत है तथा तमिल भाषी लोग केवल 18 प्रतिशत हैं। यहाँ बहुसंख्यक सिंहली लोग धनी व शक्तिशाली हैं। इन्हें अपेक्षाकृत अधिक संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, जबकि अल्पसंख्यक तमिल आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्रों में पिछड़े हुए हैं। यहाँ बहुसंख्यक लोग अल्पसंख्यकों पर हावी हैं। इस प्रकार बेल्जियम व श्रीलंका की स्थितियाँ भिन्न हैं।
प्रश्न 11.
संघीय शासन व्यवस्था की कोई दो विशेषताएँ बताइए। [2]
उत्तर:
संघीय शासन व्यवस्था की विशेषताएँ –
(i) सरकार के दो या अधिक स्तर-संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केन्द्रीय प्राधिकरण और उसकी विभिन्न अनुषांगिक इकाइयों के मध्य बँट जाती है। सामान्यतः संघीय शासन व्यवस्था में दो स्तर पर सरकारें होती हैं। एक सरकार सम्पूर्ण देश के लिए होती है एवं दूसरी सरकार राज्य स्तर की होती है। भारत में सरकार का तीसरा स्तर स्थानीय स्वशासन भी है।
(ii) एक नागरिक समूह, अलग-अलग अधिकार-संघीय शासन व्यवस्था में अलग-अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं, पर कानून बनाने, कर वसूलने एवं प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार क्षेत्र होता है।
प्रश्न 12.
किस प्रकार सामाजिक अन्तर समाज में विभाजन उत्पन्न करते हैं ? [2]
उत्तर:
सामाजिक अन्तर निम्न प्रकार से समाज में विभाजन उत्पन्न करते हैं –
(i) सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर अन्य कुछ विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में श्वेत व अश्वेत का अन्तर सामाजिक विभाजन का एक कारण हो गया क्योंकि अश्वेत लोग गरीब हैं, बेघर हैं तथा भेदभाव के शिकार हैं।
(ii) जब सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुँथ जाती हैं तो एक गहरे सामाजिक विभाजन एवं तनावों की सम्भावनाएँ उत्पन्न हो जाती हैं। जहाँ ये सामाजिक विभिन्नताएँ एक साथ कई समूहों में विद्यमान होती हैं वहाँ उन्हें सँभालना अपेक्षाकृत सरल होता है।
प्रश्न 13.
आर्थिक वृद्धि के लिए सतत् पोषणीय विकास अति आवश्यक क्यों है? स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है, इसके निम्नलिखित कारण हैं-
(i) विश्व स्तर पर हो रहे तीव्र आर्थिक विकास एवं औद्योगीकरण से प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ है। इस अत्यधिक दोहन के कारण सीमित प्राकृतिक संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं। उदाहरणस्वरूप, खनिज तेल सीमित है। यदि यह सीमित संसाधन पूर्णतः समाप्त हो जाते हैं तो भविष्य में सभी देशों का विकास खतरे में पड़ जायेगा।
(ii) यद्यपि खनिज तेल एवं विभिन्न खनिज पदार्थ किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं। परन्तु, इनका प्रयोग पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को नुकसान पहुँचाता है। ये धरती पर प्रदूषण का कारण बनते हैं एवं भविष्य में सन्तुलन को बाधित करते हैं।
प्रश्न 14.
तृतीयक क्षेत्रक क्या है? क्या भारत में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान बढ़ता जा रहा है? [2]
उत्तर:
तृतीयक क्षेत्रक-इसके अन्तर्गत वे क्रियाएँ आती हैं जो प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रकों के विकास में मदद करती हैं। इसे सेवा क्षेत्रक भी कहते हैं; जैसे-अध्यापक, डॉक्टर, वकील, व्यापार, दूरसंचार, स्वास्थ्य आदि। भारत में विगत दशकों से तृतीयक क्षेत्रक का योगदान निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इस क्षेत्रक में रोजगार में भी वृद्धि हुई है। जी. डी. पी. में इस क्षेत्र के योगदान में निरन्तर वृद्धि हुई है। सन् 1973-74 में इसका जी.डी.पी. में योगदान लगभग 48% था, जो 2013-14 में बढ़कर 68% हो गया है।
प्रश्न 15.
भारत में मुद्रा के आधुनिक रूप कौन कौन से हैं? इसे विनिमय का माध्यम क्यों स्वीकार किया जाता है? [2]
उत्तर:
भारत में मुद्रा का आधुनिक रूप करेंसी है जिसमें कागज के नोट व सिक्के सम्मिलित इसे विनिमय का माध्यम इसलिए स्वीकार किया जाता है क्योंकि सरकार द्वारा इसे प्राधिकृत किया गया है। भारत में भारतीय रिजर्व बैंक केन्द्रीय सरकार की ओर से करेंसी को छापती है और वैधानिक विनिमय के माध्यम के रूप में इसे इस्तेमाल करने के लिए स्वीकार करती है। भारत में किसी भी सौदे एवं लेन-देन के लिए इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 16.
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से क्या आशय है ? इसकी कोई दो विशेषताएँ बताइए। [2]
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से आशय-बहुराष्ट्रीय कम्पनी वह है जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियन्त्रण अथवा स्वामित्व रखती विशेषताएँ–
- बहुराष्ट्रीय कम्पनी उन देशों में अपने कार्यालय व उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है, जहाँ उसे सस्ता श्रम व अन्य संसाधन मिल सकते हैं।
- उत्पादन लागत में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ऐसा करती हैं।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए।(शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
फ्रांस पर नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों का प्रारंभिक उत्साह किस प्रकार शीघ्र ही दुश्मनी में बदल गया? प्रमुख कारण स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
1815 के वियना सम्मेलन के प्रमुख प्रस्तावों को लिखिए। [3]
उत्तर:
फ्रांस पर नेपोलियन के आधिपत्य के बाद फ्रांस के लोगों के प्रारंभिक उत्साह के शीघ्र ही दुश्मनी में बदलने के चार कारण निम्नलिखित हैं –
- प्रशासनिक सुधारों का सही ढंग से लागू नहीं कर पाना-नेपोलियन ने फ्रांस में एक बड़े भू-भाग को शामिल करने में सफलता हासिल की परन्तु वह नवीनतम प्रशासनिक सुधारों को सही ढंग से लागू करने में विफल रहा और लोगों का जीवन प्रशासनिक दुष्चक्र में उलझ कर रह गया।
- करों में वृद्धि-नेपोलियन ने सत्ता संभालते ही करों की दरों में वृद्धि कर दी जिससे जनता की हालत नाजुक हो गई।
- सेंसरशिप को लागू करना-नेपोलियन ने सेंसरशिप लागू कर स्वतंत्र विचारों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके तहत सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने पर कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया।
- फ्रेंच सेना में जबरन भर्ती-नेपोलियन ने शेष यूरोप को जीतने के लिए लोगों को जबरन फ्रेंच सेना में भर्ती करना शुरू कर दिया जिससे लोगों में उसके प्रति रोष उत्पन्न होने लगा।
प्रश्न 18.
“पुरातात्वीय और ऐतिहासिक अभिलेख बताते हैं कि हमने प्राचीन काल से ही भारत में उत्कृष्ट जलीय कृतियाँ बनाई हैं।”
इस कथन को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य दीजिए। [3]
अथवा
आपके मतानुसार बहुउद्देशीय परियोजनाएँ पानी के संरक्षण और प्रबंधन में किस प्रकार मदद करती हैं? [3]
उत्तर
प्राचीनकाल में हमारे पास उत्कृष्ट जलीय कृतियाँ निर्मित करने की तकनीक उपलब्ध थी। प्राचीनकाल से ही हम सिंचाई के लिए पत्थरों और मलबे से बाँध, जलाशय, झील एवं नहर आदि बनाते आ रहे हैं। प्राचीनकाल की प्रमुख जलीय कृतियों के उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- ईसा से एक शताब्दी पूर्व इलाहाबाद के नजदीक भिंगवेरा में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट जल संग्रहण तन्त्र बनाया गया था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में बड़े पैमाने पर बाँध, झील और सिंचाई तन्त्रों का निर्माण करवाया गया।
- कलिंग (ओडिशा), नागार्जुनकोंडा (आन्ध्र प्रदेश), बेन्नूर (कर्नाटक) एवं कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र के प्रमाण मिलते हैं।
- 11वीं शताब्दी में अपने समय की बड़ी झीलों में से एक भोपाल झील का निर्माण किया गया।
- 14वीं शताब्दी में दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की आपूर्ति हेतु एक विशिष्ट तालाब ‘हौज खास’ का निर्माण करवाया गया।
प्रश्न 19.
“साम्प्रदायिकता, राजनीति में अनेक रूप धारण कर सकती है।” किन्हीं तीन रूपों को लिखिए। [3]
अथवा
भारत में महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए तीन उपाय सुझाइए। [3]
उत्तर:
साम्प्रदायिकता राजनीति में निम्नलिखित रूप धारण कर सकती है-
दैनिक जीवन में साम्प्रदायिकतासाम्प्रदायिकता की सबसे आम अभिव्यक्ति दैनिक जीवन में ही देखने को मिलती है। इसमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक समुदायों के बारे में बनी-बनाई धारणाएँ एवं एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने की मान्यताएँ सम्मिलित हैं।
समुदायों के आधार पर राजनीतिक दलों का गठन-साम्प्रदायिक सोच अक्सर अपने धार्मिक समुदाय का राजनैतिक प्रभुत्व स्थापित करने की फिराक में रहती है।
साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी-साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी साम्प्रदायिकता का दूसरा रूप है। इसके अन्तर्गत धर्म के पवित्र प्रतीकों, धर्म गुरुओं, भावनात्मक अपील एवं अपने ही लोगों के मन में डर बैठाने जैसे तरीकों का उपयोग किया जाना एक सामान्य बात है। चुनावी राजनीति में एक धर्म के मतदाताओं की भावनाओं अथवा हितों की बात उठाने जैसे तरीके सामान्यतया अपनाए जाते हैं।
प्रश्न 20.
स्वयं सहायता समूह क्या है? ये किस प्रकार कार्य करते हैं? स्पष्ट कीजिए। [3 ]
अथवा
अपने तर्कों से सिद्ध कीजिए कि ऋण का औपचारिक स्रोत लोगों को आर्थिक शोषण से मुक्ति दिलाता है। [3]
उत्तर:
- एक विशेष सहायता समूह में एक-दूसरे के पड़ौसी 15-20 सदस्य होते हैं जो नियमित रूप से मिलते हैं और बचत करते हैं।
- स्वयं सहायता समूहों का प्रमुख उद्देश्य गरीब लोगों की बचत पूँजी को एकत्रित करना होता है।
- प्रतिव्यक्ति बचत 25 रुपये से लेकर 100 रुपये या उससे अधिक भी हो सकती है।
- स्वयं सहायता समूह अपने सदस्यों को। कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करते हैं।
- बैंकों द्वारा ऋण समूह के नाम पर दिया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य सदस्यों के लिए स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करना है।
- सदस्यों को छोटे-छोटे ऋण अपनी गिरवी भूमि को छुड़ाने हेतु, कार्यशील पूँजी की जरूरतों, जैसे-बीज, खाद, बाँस व कपड़ा खरीदने के लिए, घर बनाने तथा सिलाई मशीन, हथकरघा व पशु आदि खरीदने के लिए दिये जाते हैं।
- समूह ही दिये जाने वाले ऋण, उसका लक्ष्य, उसकी रकम, ब्याज-दर, वापस लौटाने की अवधि आदि के बारे में निर्णय करता है।
खण्ड – (द)
निबन्धात्मक प्रश्न-प्रश्न सं. 21 से 22 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
भारत में राष्ट्रवाद के विकास में विभिन्न सहायक तत्वों के योगदान का विस्तार से वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
खिलाफत आन्दोलन क्या था? राष्ट्रीय आन्दोलन में इसके महत्व का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
भारत में राष्ट्रवाद के विकास में विभिन्न सहायक तत्वों का योगदान –
(i) चित्र-किसी भी राष्ट्र की पहचान सबसे अधिक किसी चित्र में अंकित की जाती है। में सहायता मिलती है जिसके माध्यम से वे राष्ट्र को पहचान सकते हैं। स्वदेशी आन्दोलन की प्रेरणा से सन् 1905 में अबनीन्द्रनाथ द्वारा बनाए चित्र में भारत माता को एक संन्यासिनी के रूप में चित्रित किया गया, इस चित्र में वह शान्त, गम्भीर, दैवीय और आध्यात्मिक गुणों से युक्त दिखाई देती हैं। इस छवि में भारत माता को शिक्षा, भोजन व कपड़े देती हुई दर्शाया गया है। इस मात छवि के प्रति श्रद्धा को राष्ट्रवाद की आस्था का प्रतीक माना जाने लगा।
(ii) चिह्न एवं प्रतीक-भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रसार के साथ-साथ राष्ट्रवादी नेता लोगों को एकजुट करने एवं उनमें राष्ट्रवाद की भावना उत्पन्न करने के लिए विभिन्न चिह्नों एवं प्रतीकों का भरपूर उपयोग होने लगा। बंगाल में स्वदेशी आन्दोलन के दौरान एक तिरंगा झंडा तैयार किया गया जिसमें हरा, पीला व लाल रंग थे। इस तिरंगे झण्डे में ब्रिटिश भारत के आठ प्रान्तों का प्रतिनिधित्व करते कमल के आठ फूल तथा हिन्दुओं व मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता हुआ एक अर्धचन्द्र दर्शाया गया था।
1921 ई. तक गाँधीजी ने भी स्वराज का एक झण्डा तैयार कर लिया था, यह भी तिरंगा था, इसमें सफेद, हरा व लाल रंग था। इस झण्डे के मध्य में गाँधीवादी प्रतीक चरखे को जगह दी गई थी जो स्वावलम्बन का प्रतीक था। जुलूसों में यह झण्डा थामे चलना शासन के प्रति अवज्ञा का संकेत था।
(iii) लोक कथाएँ एवं गीत-भारतीय लोक कथाओं को पुनर्जीवित करने में आन्दोलन ने भी राष्ट्रवाद के विकास में पर्याप्त योगदान दिया। 19वीं सदी में अन्त में राष्ट्रवादियों ने भाटों एवं चारणों द्वारा गाई-सुनाई जाने वाली लोक कथाओं का संग्रह करना प्रारम्भ कर दिया। वे लोकगीतों व जनश्रुतियों को एकत्रित करने के लिए गाँव-गाँव घूमने लगे। उनकी मान्यता थी कि ये लोक कथाएँ हमारी उस परम्परागत संस्कृति की सही तस्वीर प्रस्तुत करती हैं जो बाहरी शक्तियों के प्रभाव से भ्रष्ट व दूषित हो चुकी हैं।
बंगाल में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लोक कथा गीतों, बाल गीतों एवं मिथकों का संग्रह करने का प्रयास किया। उन्होंने लोक कथाओं को पुनर्जीवित करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया। मद्रास में नटेसा शास्त्री ने ‘द फोकलोर्स ऑफ सदर्न इण्डिया’ के नाम से तमिल लोक कथाओं का विशाल संग्रह चार खण्डों में प्रकाशित किया। उनका मत था कि लोक कथाएँ राष्ट्रीय साहित्य होती हैं। यह लोगों के वास्तविक विचारों एवं विशिष्टताओं की सबसे विश्वसनीय अभिव्यक्ति हैं।
प्रश्न 22.
दबाव समूह को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। वर्ग विशेष के हित समूह एवं जन सामान्य के हित समूह में क्या अन्तर है? [4]
अथवा
दबाव समूह और आन्दोलन राजनीति पर कैसे असर डालते हैं? स्पष्ट कीजिए। [4]
उत्तर:
दबाव समूह-दबाव समूह ऐसे संगठन होते हैं जो सरकार की नीति को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के समान दबाव समूह का लक्ष्य सत्ता पर प्रत्यक्ष नियन्त्रण करने अथवा उसमें हिस्सेदारी करने का नहीं होता है। दबाव समूह का निर्माण तब होता है, जब समान पेशे, हित, आकांक्षा अथवा मत के लोग एक समान उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एकजुट होते हैं। कुछ मामलों में दबाव समूह राजनीतिक दलों द्वारा ही बनाए गए होते हैं अथवा इन दबाव. समूहों का नेतृत्व राजनीतिक दल के नेता करते हैं।
कुछ दबाव समूह राजनीतिक दल की एक शाखा के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरण-भारत के अधिकांश मजदूर संगठनों तथा छात्र संगठनों का निर्माण तो बड़े-बड़े राजनीतिक दलों द्वारा किया गया है अथवा ये संगठन राजनीतिक दलों से सम्बद्धता रखते हैं। ऐसे दबाव समूहों के अधिकांश नेता किसी-न-किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता व नेता होते हैं।
वर्ग विशेष के हित समूह (वर्ग हितकारी समूह) एवं जन सामान्य हित समूह (लोक कल्याणकारी समूह) में निम्नलिखित अन्तर हैं –
- वह हितकारी समूह जो समाज के किसी विशेष वर्ग या समूह के हितों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं, वर्ग विशेष के हित समूह कहलाते हैं, जबकि वे समूह जो समाज अथवा सामान्य हितों की बात करते हैं, जन सामान्य के हित समूह कहलाते हैं।
- वर्ग विशेष के हित समूह समाज के एक वर्ग, जैसे- कर्मचारी, पेशेवर, उद्योगपति, जाति समूह अथवा किसी धर्म के अनुयायी आदि का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि जन सामान्य के हित समूह सम्पूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- वर्ग विशेष के हित समूह का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्यों की भलाई के लिए कार्य करना है; जबकि जन सामान्य के हित समूह अपने सदस्यों के साथ-साथ सम्पूर्ण समाज की भलाई के लिए कार्य करते हैं।
प्रश्न 23.
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए – [4]
(अ) नागपुर
(ब) जमशेदपुर
(स) बैलाडिला
(द) कैगा
अथवा
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए – [4]
(अ) करीम नगर
(ब) मंगलुरु
(स) सिंगरेनी
(द) रत्नागिरी
उत्तर:
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