Students must start practicing the questions from RBSE 12th Chemistry Model Papers Model Paper Set 4 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Chemistry Model Paper Set 4 with Answers in Hindi
पूर्णांक: 56
समय: 2 घण्टा 45 मिनट
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश :
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
खण्ड – (अ)
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए
(i) फ्रेंकेल दोष के कारण आयनिक क्रिस्टल का घनत्व (1)
(अ) घटता है
(ब) बढ़ता है
(स) परिवर्तित होता है
(द) अपरिवर्तित रहता है
उत्तर:
(द) अपरिवर्तित रहता है
(ii) फफोलेदार ताँबा क्या होता है (1)
(अ) शुद्ध कॉपर
(ब) कॉपर का अयस्क
(स) कॉपर की मिश्र धातु
(द) कॉपर जिसमें 2% अशुद्धि हो।
उत्तर:
(द) कॉपर जिसमें 2% अशुद्धि हो।
(iii) [Co(en)2 (NO2)Cl]NO2 एवं [Co(en)2(NO2)]Cl किस प्रकार के समावयवी हैं ? (1)
(अ) आयनन
(ब) उपसहसंयोजन
(स) बहुलीकरण
(द) हाइड्रेट।
उत्तर:
(अ) आयनन
(iv) आयोडोफॉर्म निम्न में से किससे नहीं बनाई जा सकती? (1)
(अ) एथिल मेथिल कीटोन
(ब) आइसोप्रोपिल ऐल्कोहॉल
(स) 2-मेथिल-2-ब्यूटेनॉन
(द) आइसोब्यूटिल ऐल्कोहॉल
उत्तर:
(द) आइसोब्यूटिल ऐल्कोहॉल
(v) आयोडोफॉर्म परीक्षण किसके द्वारा दिया जाता है? (1)
(अ) ऐसीटोन
(ब) एथेनॉइक अम्ल
(स) पेन्टेन-3-ओन
(द) मेथॉक्सीमेथेन
उत्तर:
(अ) ऐसीटोन
(vi) ग्लूकोस को एथिल ऐल्कोहॉल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त एन्जाइम है (1)
(अ) इनवर्टेस
(ब) जाइमेस
(स) डायस्टेस
(द) ये सभी
उत्तर:
(ब) जाइमेस
(vii) निम्न में से प्यूरीन व्युत्पन्न है (1)
(अ) साइटोसीन
(ब) ग्वानीन
(स) यूरेसिल
(द) थायमीन
उत्तर:
(ब) ग्वानीन
(viii) α-हेलिक्स संरचनात्मक लक्षण है- (1)
(अ) सूक्रोस का
(ब) पॉलिपेप्टाइडों का
(स) न्यूक्लिओटाइडों का
(द) स्टार्च को
उत्तर:
(ब) पॉलिपेप्टाइडों का
(ix) एन्जाइम होते हैं (1)
(अ) तेल
(ब) वसा-अम्ल
(स) प्रोटीन
(द) खनिज
उत्तर:
(स) प्रोटीन
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) Ca2O तथा Cu2S के मिश्रण को गर्म करने पर ___________ प्राप्त होता है। (1)
उत्तर:
Cu + SO2
(ii) हेमेटाइट द्वारा आयरन के निर्माण में लाइम स्टोन ___________ की तरह कार्य करता है। (1)
उत्तर:
गालक
(iii) क्रोमेट आयन की आकृति ___________ होती है। (1)
उत्तर:
समचतुष्फलकीय
(iv) [Fe(CN)6]3- में आयरन का प्रभावी परमाणु क्रमांक ___________ है। (1)
उत्तर:
35. 3
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
(i) नेटवर्क ठोस का कोई एक उदाहरण लिखिए। (1)
उत्तर:
हीरा
(ii) 5% \(\left(\frac{\mathbf{W}}{\mathbf{V}}\right)\) NaCl के 200 mL विलयन बनाने हेतु कितने ग्राम NaCl की आवश्यकता होगी? (1)
उत्तर:
द्रव्यमान आयतन
(iii) हेनरी का नियम समझाइए। (1)
उत्तर:
हेनरी का नियम (Henry’s Law)-किसी द्रव में गैस की विलेयता गैस के दाब के समानुपाती होती है, अर्थात् गैस का आंशिक दाब ‘p’ तथा गैस के मोल अंश (x) हो, तो p = KH जहाँ KH = हेनरी स्थिरांक।
(iv) लोहे के प्रमुख अयस्कों के नाम तथा सूत्र लिखिए। (1)
उत्तर:
- ऑक्साइड अयस्क-लाल हेमेटाइट (Fe2O3.2H2O), मैग्नेटाइट (Fe3O)
- जलीय ऑक्साइड अयस्क- भूरा हेमेटाइट या लिमोनाइट (FeO3.3H2O)
- कार्बोनेट अयस्क-सिडेराइट (FeCO3)
- सल्फाइड अयस्क-आयरन पाइराइट (FeS2), कॉपर आयरन पाइराइट या कैल्को पाइराइट (CuFeS2)
(v) Mn3+/Mn2+ युग्म के लिए E° का मान Cr3+/Cr2+ के मान से बहुत अधिक धनात्मक होता है। कारण दीजिए। (1)
उत्तर:
Mn+3/Mn2+ युग्म, Cr3+/Cr2+ के मान से अधिक धनात्मक होता है क्योंकि Mn2+ का विन्यास 3d5 अधिक स्थायी होता है।
(vi) फीनॉल वायु में खुला छोड़ने पर क्या बनाता है? (1)
उत्तर:
फीनॉल वायु में खुला छोड़ने पर मन्दगति से ऑक्सीकृत होकर क्विनोन युक्त रंगीन मिश्रण बनाता है।
(vii) निम्नांकित अभिक्रिया को पूर्ण कीजिए (1)
उत्तर:
(viii) ऐथेनेमीन की क्षारीय प्रकृति दर्शाने वाला एक समीकरण लिखिए। (1)
उत्तर:
खण्ड -(ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 4.
एक तत्व जिसका घनत्व 11.2g cm-3 है, फलक केन्द्रित घनीय जालक बनाता है जिसका किनारा 4 × 10-8 cm है। तत्व के परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए। NA = 6.022 × 1023 दिया गया है।
उत्तर:
क्रिस्टल के घनत्व के लिए सूत्र
l = \(\frac{n m}{a^{3} \times N_{A}}\)
दिया हुआ है
n = 4, l = 11.2 g cm-3, a = 4 × 18-8 cm NA = 6.022 × 1023
प्रश्न 5.
(अ) ठोस के समदैशिक एवं विषमदैशिक प्रकृति में कोई एक अन्तर दीजिए।
उत्तर:
समदैशिक प्रकृति | विषमदैशिक प्रकृति |
1. यह प्रकृति अक्रिस्टलीय ठोसों द्वारा प्रकट की जाती | 1. यह प्रकृति क्रिस्टलीय ठोसों द्वारा प्रकट की जाती है। |
2. इसमें विभिन्न भौतिक गुणों का मान सभी दिशाओं से मापने पर एक समान आता है क्योंकि कणों का विन्यास अनियमित होता है। उदाहरण-NaCl क्वार्ट्ज आदि। |
2. इसमें कुछ भौतिक गुणों जैसे प्रतिरोधकता, अपवर्तनांक आदि के मान एक ही क्रिस्टल में भिन्न – भिन्न दिशाओं से मापने पर भिन्न-भिन्न आते हैं क्योंकि भिन्न-भिन्न दिशाओं में कणों की व्यवस्था भिन्न-भिन्न होती है। उदाहरण- रबर, प्लास्टिक आदि। |
(ब) ठोसं (क) की विद्युत चालकता 104-107 ohm-1 तथा ठोस (ख) की विद्युत चालकता 10-2 – 10-10 ohm-1 m-1 है तो ठोस (क) एवं ठोस (ख) को पहचानिए तथा इनका नाम लिखिए। (¾ + ¾ = 1½)
उत्तर:
विद्युत चालकता के मान से स्पष्ट है कि ठोस (क) एक चालक पदार्थ है जबकि ठोस (ख) एक कुचालक पदार्थ है। उदाहरण, चालक धातुएँ एवं वैद्युत अपघट्य कुचालक-अधातुएँ एवं लकड़ी, रबर आदि।
प्रश्न 6.
विसरण एवं परासरण में अन्तर लिखें। (1½)
उत्तर:
विसरण एवं परासरण में अन्तर
विसरण | परासरण |
1. इसमें अर्द्ध पारगम्य झिल्ली का प्रयोग नहीं होता है। | 1. इसमें अर्द्धपारगम्य झिल्ली का प्रयोग होता है। |
2. विसरण द्रव, गैस एवं ठोस तीनों में हो सकता है। | 2. यह केवल द्रव में होता है। |
3. इसको न तो रोका जा सकता है और न ही विपरीत दिशा में प्रवाहित किया जा सकता है। | 3. इसे बाह्य दाब लगाकर रोका जा सकता है या विपरीत दिशा में प्रवाहित किया जा सकता है। |
4. इसमें विलेय तथा विलायक दोनों के ही अणु एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जा सकते हैं। | 4. इसमें केवल विलायक के अणु कम सन्द्रिता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की तरफ जाते हैं। |
प्रश्न 7.
वाण्ट-हॉफ गुणांक क्या है? 0.1 मोलल Ca(NO3)2 के विलयन के क्वथनांक की गणना कीजिए। जल के लिए Kb = 0.52 K kg mol-1. (1½)
उत्तर:
वाण्ट-हॉफ गुणांक किसी पदार्थ के अणुसंख्य गुणधर्मों के प्रेक्षित तथा परिकलित या आपेक्षित मानों का अनुपात होता है। वाण्ट-हॉफ गुणांक
Ca(NO3)2 → Ca++ + 2NO–3
i = 3, m = 0.1, kb = 0.52
∆Tb = i × m × kb
= 3 × 0.1 × 0.52 = 0.156°C
क्वथनांक T = 100 + 0.156 = 100.156°C
प्रश्न 8.
रासायनिक अभिक्रिया के वेग पर प्रभाव डालने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए। (1½)
उत्तर:
अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले कारक अग्र हैं
- सान्द्रण-अभिकारक की सान्द्रता बढ़ाने पर, अणुओं के आपस में टकराने की सम्भावना बढ़ जाती है फलस्वरूप अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है।
- ताप-ताप बढ़ाने पर अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है जिसके कारण उनकी आपस में टक्कर भी बढ़ जाती है और अभिक्रिया का वेग भी बढ़ जाता है।
- दाब-दाब बढ़ाने पर गैसों के अणु पास-पास आ जाते हैं जिसके फलस्वरूप उनकी परस्पर टक्कर बढ़ जाती है फलतः अभिक्रिया का वेग भी बढ़ जाता है।
- अभिकारकों का पृष्ठ क्षेत्रफलअभिकारकों का पृष्ठ क्षेत्रफल बढ़ाने पर भी अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। उदाहरणार्थ, चूर्णित धातुओं में अभिक्रिया तीव्र गति से होती है।
- अभिकारकों की प्रकृति-यदि अभिकारक आयनिक है तो उस अभिक्रिया का वेग अनायनिक अभिक्रियाओं की तुलना में अधिक होता है।
प्रश्न 9.
शून्य कोटि की अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण द्वारा समझाइए। इसके वेग स्थिरांक का व्यंजक लिखिए। (1½)
उत्तर:
शून्य कोटि की अभिक्रिया-वह अभिक्रिया जिसकी प्रगति में अभिकारक के किसी भी अणु का सान्द्रण परिवर्तित नहीं होता है अर्थात् जिसका वेग अभिकारक के सान्द्रण पर निर्भर नहीं करता है, शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती है।
A → B + C
यदि इसका वेग ∝ [A]° हो, तो यह शून्य कोटि की अभिक्रिया होगी।
उदाहरणार्थ-सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में H, व Cl, का संयोग
शून्य कोटि के वेग स्थिरांक का व्यंजक-शून्य कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक का व्यंजक x = kt है।
जहाँ X अभिकारक A की वह मात्रा है जो t समय में अभिक्रिया करती है और यह अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है।
प्रश्न 10.
संक्रमण तत्त्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था को प्रदर्शित करते हैं, क्यों? (1½)
उत्तर:
संक्रमण तत्त्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n – 1)d1-10 ns1-2 हैं। (n-1)d-कक्षकों तथा ns-कक्षकों की ऊर्जाओं में अधिक अन्तर नहीं होता है अतः संक्रमण तत्त्वों में, (n-1)d तथा ns दोनों कक्षकों के आबन्ध निर्माण के लिए उपलब्ध रहती हैं। +1 तथा +2 ऑक्सीकरण अवस्थाओं में ns-कक्षकों के साथ (n – 1) d-इलेक्ट्रॉनों का भी योगदान होता है।
उत्तेजित अवस्था में (n – 1)dइलेक्ट्रॉन आबन्ध निर्माण में भाग लेने के लिए स्वतन्त्र हो जाते हैं तथा परमाणु विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करने के योग्य हो जाता है। उदाहरण के लिए, Sc का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्साय 3d1 4s2 है। जब यह केवल 4s-इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करता है। तो +2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है, परन्तु जब यह दोनों 4s-इलेक्ट्रॉनों के साथ एक 3d-इलेक्ट्रॉन का भी उपयोग करता है तो +3 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 11.
(अ) मिश्र-धातु में प्रयुक्त अधिकतम संगठन वाली दो धातुओं के नाम लिखिए। (¾ + ¾ = 1½)
उत्तर:
मिश्र-धातु में अधिकतम मात्रा में 44% नियोडियम तथा 40% सिरियम धातु प्रयुक्त होती है।
(ब) V2+ हेतु चुम्बकीय आघूर्ण का नाम परिकलित कीजिए।
उत्तर:
V2+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d होता है।
∴ अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या (n) = 3
चुम्बकीय आघूर्ण (μ) = \(\sqrt{n(n+2)}\)
= \(\sqrt{3(3+2)}=\sqrt{3 \times 5}\)
= 3.87 B.M.
प्रश्न 12.
निम्नलिखित रूपान्तरण सम्पन्न कीजिए : (¾ + ¾ = 1½)
(अ) प्रोपेनॉइक अम्ल से 2-ब्रोमोप्रोपेनॉइक अम्ल
उत्तर:
कार्बोक्सिलिक अम्ल क्लोरीन या ब्रोमोन से लाल फॉस्फोरस की अल्प मात्रा की उपस्थिति में अभिक्रिया करके a-क्लोरो या a-ब्रोमो अम्ल देते हैं। यह अभिक्रिया हेल बोलार्ड जेलेन्सिकी अभिक्रिया कहलाती है।
(ब) बेन्जॉयल क्लोराइड से बेन्जैल्डिहाइड
उत्तर:
बेन्जोयल क्लोराइड Pd/BaSO4 द्वारा अपचयित होकर बेन्जेल्डिहाइड बनाते हैं
प्रश्न 13.
कारण बताइए कि मेथॉक्सीमेथेन की तुलना में एथेनॉल का क्वथनांक उच्च होता है ? क्यों? (1½)
उत्तर:
एथेनॉल में विद्युत-ऋणात्मक ऑक्सीजन परमाणु से जुड़े हाइड्रोजन की उपस्थिति के कारण यहाँ अन्तरा-आण्विक हाइड्रोजन बन्ध उपस्थित होता है। इसके परिणामस्वरूप एथेनॉल संगुणित हो जाता है और इसके क्वथनांक का मान उच्च हो जाता है।
वहीं दूसरी ओर मेथॉक्सी मेथेन में कोई भी हाइड्रोजन आबन्ध नहीं होता। इस कारण इसका क्वथनांक निम्न होता है।
प्रश्न 14.
फॉर्मेल्डिहाइड तथा ऐथिल ऐल्कोहॉल में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
आप निम्नलिखित को कैसे संश्लेषित करेंगे ? दर्शाइए। (¾ + ¾ = 1½)
(अ) एक उपयुक्त ऐल्कीन से 1-फेनिलएथेनॉल
उत्तर:
तनु H2SO4 की उपस्थिति में एथिनिलबेन्जीन से जल का योग 1-फेनिल एथेनॉल देता है।
(ब) SN 2 अभिक्रिया द्वारा ऐल्किल हैलाइड के उपयोग से साइक्लोहेक्सिलमेथेनॉल
उत्तर:
साइक्लोहेक्सिलमेथिल ब्रोमाइड का जलीय NaOH के द्वारा जल-अपघटन करने पर साइक्लोहेक्सिल मेथेनॉल बनता है।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 16.
(अ) सक्रियण ऊर्जा क्या होती है? किसी अभिक्रिया का वेग सक्रियण ऊर्जा के मान को कैसे प्रभावित करता है?
(ब) A → B अभिक्रिया के लिए, अभिकारक की सांद्रता 0.05 M से 20 मिनट में परिवर्तित होकर 0.03 M हो जाती है। औसत वेग की गणना सेकंड तथा मिनट दोनों इकाइयों में कीजिए। (1½ + 1½ = 3)
अथवा
(अ) वेग स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है? ताप के इस प्रभाव को मात्रात्मक रूप में कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?
(ब) एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 25% वियोजन होने में 25 मिनट लगते हैं। की गणना कीजिए। (2 + 1 = 3)
[दिया गया है – log 2 = 0.3010, log 3 = 0.4771, log 4 = 0.6021]
उत्तर:
(अ) ऊर्जा अवरोध को पार करके उत्पाद बनाने के लिए देहली ऊर्जा से कम ऊर्जा युक्त अभिकारक अणुओं को जिंतनी ऊर्जा की और आवश्यकता होती है उसे अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा कहते हैं।
अतः सक्रियण ऊर्जा = देहली ऊर्जा – अभिकारक अणुओं की औसत ऊर्जा
या Ea = Ethreshold – EReactants
प्रत्येक अभिक्रिया के लिए सक्रियण ऊर्जा का मान निश्चित होता है। किसी अभिक्रिया के लिए जब सक्रियण ऊर्जा का मान कम होता है तो अधिक संख्या में अणु ऊर्जा अवरोध को पार करके उत्पाद बना सकते हैं। इस प्रकार की अभिक्रियाओं के वेग अधिक होते हैं। सक्रियण ऊर्जा के उच्च मान युक्त अभिक्रियाओं के वेग कम होते हैं। अतः तीव्र अभिक्रियाओं के लिए सक्रियण ऊर्जा कम होती है। मन्द अभिक्रियाओं के लिए सक्रियण ऊर्जा अधिक होती है।
(ब) औसत वेग
औसत वेग = 0.001 mol L-1min-1
औसत वेग _ 0.001 mol L-1s-1
औसत वेग = 1.66 × 10-6 mol L-1s-1
प्रश्न 17.
(अ) हैलोजन यौगिकों के निम्नलिखित युगलों में से कौन-सा अधिक तीव्रता से SN1 अभिक्रिया करेगा ?
(ब) निम्नलिखित में A, B, C, D, E को पहचानिए – (1½ + 1½ = 3)
अथवा
(अ) ऐल्कोहॉल तथा KI की अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल का उपयोग नहीं करते हैं, क्यों ?
(ब) C4H9Br सूत्र वाले यौगिक के सभी समावयवी लिखिए। (1½ + 1½ = 3)
उत्तर:
(अ) (i)
तीव्रता से SN1 अभिक्रिया करेगा। यह एक तृतीयक हैलाइड है और तृतीयक हैलाइड के द्वारा बने तृतीयक कार्बोकैटायन का स्थायित्व भी अधिक होगा। अतः इसकी अभिक्रियाशीलता द्वितीयक हैलाइड से अधिक होगी।
(ii)
अधिक तीव्रता से SN1 अभिक्रिया करेगा, क्योंकि प्राथमिक हैलाइड की तुलना में द्वितीयक कार्बोकैटायन का स्थायित्व अधिक होगा।
चूँकि D उसी कार्बन परमाणु से जुड़ा है, जिस पर MgX उपस्थित था अतः
प्रश्न 18.
(अ) निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए
(i) C6H5NH2 + CHCl3 + (ऐल्कोहॉलीय) KOH →
(ii) C6H5N2Cl + H3PO2 + H2O →
(ब) एक ऐरोमैटिक यौगिक ‘A’ जलीय अमोनिया के साथ गर्म करने पर यौगिक ‘B’ बनाता है जो Br2 एवं KOH के साथ गर्म करने पर अणु सूत्र C6H7N वाला यौगिक बनाता है। A, Bएवं c यौगिकों की संरचना एवं इनके . आई.यू.पी.ए.सी. नाम लिखिए। (2 + 1 = 3)
अथवा
(अ) कार्बिलेमीन और हॉफमान ब्रोमाइड अभिक्रियाओं पर टिप्पणी लिखिए।
(ब) निम्नलिखित को उनके बढ़ते हुए क्षारकीय प्रबलता के क्रम में लिखिए। (2 + 1 = 3)
C2H5NH2, C6H5NH2, NH3, C6H5CH2NH2 तथा (C2H5)2 NH
उत्तर:
(ब) (A) चूँकि यौगिक ‘C’ (अणुसूत्र C6H7N) यौगिक ‘B’ की Br2, तथा KOH से अभिक्रिया होने पर बनता है, इसलिए यौगिक ‘B’ एक ऐमाइड तथा . यौगिक ‘C’ ऐमीन होना चाहिए। अणुसूत्र C6H7N से केवल एक ऐमीन C6H5NH6, (ऐनिलीन) प्राप्त हो सकती है। अतः यौगिक ‘C’ . ऐनिलीन (IUPAC नाम) है।
(B) चूँकि ‘C’ ऐनिलीन है, इसलिए वह ऐमाइड जिससे यह बनता है, बेन्जेमाइड होना चाहिए। अतः यौगिक ‘B’ बेन्जेमाइड (IUPAC नाम) है।
(C) चूँकि यौगिक ‘B’ ऐरोमैटिक यौगिक ‘A’ को जलीय अमोनिया के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है इसलिये यौगिक ‘A’ बेन्जोइक अम्ल (IUPAC नाम) होना चाहिए।
खण्ड-(द)
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 19.
(अ) निम्नलिखित लिगैण्डों के नाम लिखिए
OH–, H2O, NH3, NH2, CH2, NH2-CH2NH2, CH3COOH, CN–, NCS
(ब) (i) बन्धनी तथा आयनन समावयवता को परिभाषित कीजिए।
(ii) [Ti(H2O)6]3+ में इलेक्ट्रॉन का संक्रमण दर्शाने वाला चित्र बनाइए।
(iii) [Ti(H2O)6]3+ में इलेक्ट्रॉन के संक्रमण से धातु संकुल पर क्या प्रभाव पड़ता है। (1 + 3 = 4)
अथवा
(अ) प्राथमिक संयोजकता किसे कहते हैं? लिखिए।
(ब) निम्न के ज्यामितीय समावयव बनाइए
(i) [Pt(NH3)2 Cl]
(ii) [Co(OX)2Br2]3-
(स) Ni(CO)4 एवं Cr(CO)6 का संरचनात्मक सूत्र लिखिए। (1 + 2 + 1 = 4)
उत्तर:
(अ) OH– ⇒ हाइड्रॉक्सो
H2O ⇒ एक्वा
NH3 ⇒ ऐम्मीन
NH2 ⇒ एमिडो
CH2NH2-CH2NH2 ⇒ एथीलिन डाइएमीन.
CH3COO– ⇒ एसीटेटो
CN–⇒ सायनो
NCS– ⇒ थायोसायनेटो
(ब) (i) बन्धनी या बन्धन समावयवता- ऐसे उपसहसंयोजक यौगिक, जिनमें एक दन्तुक उभयदन्ती लिगैण्ड हों अर्थात् वे लिगैण्ड जो केन्द्रीय धातु परमाणु/आयन से दो दाता परमाणुओं द्वारा उपसहसंयोजक बन्ध को बना सकें, बन्धनी समावयवी कहलाते हैं तथा यह परिघटना बन्धनी समावयवता कहलाती है।
आयनन समावयता-ऐसे उपसहसंयोजक यौगिक जिनका अणु सूत्र समान होता है परन्तु जलीय विलयन में पृथक्-पृथक् आयन देते हैं। आयनन समावयवी कहलाते हैं। उदाहरण-
[Co(NH)3)5Br]SO4(aq) तथा [Co(NH3)5SO4]Br
(ii) [Ti(H2O)6]3 में Ti+3 आयन का 3d1 4s0 विन्यास होता है जिसमें did संक्रमण के कारण एक इलेक्ट्रॉन t2g से eg में (t2geg° → t2g°eg1) चला जाता है।
(iii) [Ti(H2O)6]+3 संकुल हरे पीले रंग के प्रकाश की आवृत्ति का अवशोषण करके उत्तेजित अवस्था में चला जाता है और संकुल बैंगनी रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न 20.
(अ) प्रयोगशाला में शुद्ध ऐसीटेल्डिहाइड बनाने की रासायनिक समीकरण भी दीजिए। इसके कुछ प्रमुख रासायनिक गुण भी दीजिए।
(ब) आप बेन्जोइक अम्ल को बेन्जामाइड में कैसे परिवर्तित करेंगे? (2 + 2 = 4)
अथवा
(अ) विशिष्ट गन्ध वाला कार्बनिक यौगिक A, सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ क्रिया करके दो यौगिक B तथा C बनता है। यौगिक B का अणुसूत्र C7H8Os है। इसका ऑक्सीकरण करने पर पुनः यौगिक A बनता है। यौगिक C को सोडालाइम के साथ गर्म करने पर बेंजीन प्राप्त होती है। A, B तथा C कार्बनिक यौगिकों की संरचनाएँ लिखिए। सम्बन्धित अभिक्रियाओं के समीकरण भी लिखिए।
(ब) यूरोट्रोपीन पर टिप्पणी लिखिए। (3 + 1 = 4)
उत्तर :
(अ) एथिल ऐल्कोहॉल का K2Cr2O, तथा तनु H2SO4 द्वारा ऑक्सीकरण कराकर प्रयोगशाला में ऐसीटेल्डिहाइड बनाया जाता है।
रासायनिक परीक्षण-
(1) यह I, व NaOH के साथ पीले रंग का क्रिस्टलीय पदार्थ आयोडोफॉर्म बनाता है।
2. अपचायक गुण-यह फेहलिंग विलयन को अपचयित कर Cu2O को लाल रंग देता है।
3. NH2OH से अभिक्रिया
4. NaHSO3 से अभिक्रिया
Leave a Reply