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RBSE Class 12 Economics Board Model Paper 2022 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
(i) समष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री नहीं है (1)
(अ) निर्गत स्तर
(ब) रोजगार स्तर
(स) मुद्रास्फीति
(द) मांग व पूर्ति संतुलन
उत्तर :
(द) मांग व पूर्ति संतुलन
(ii) निम्न में से पूँजीगत वस्तु का उदाहरण नहीं है (1)
(अ) मशीनें
(ब) औजार
(स) घरेलू कम्प्यूटर
(द) गोदाम
उत्तर :
(स) घरेलू कम्प्यूटर
(iii) NNPMP से क्या आशय है – (1)
(अ) बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(ब) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(स) बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
(द) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
उत्तर :
(स) बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
(iv) केन्द्रीय बैंक की स्थापना किस वर्ष हुई (1)
(अ) 1935
(ब) 1942
(स) 1950
(द) 1955
उत्तर :
(अ) 1935
(V) निम्न में से मुद्रा पूर्ति का कौन-सा रूप संव्यवहार के लिए सबसे तरल व आसान है- (1)
(अ) M1
(ब) M2
(स) M3
(द) M4
उत्तर :
(अ) M1
(vi) निम्न में से कौनसा बजट का एक प्रकार है (1)
(अ) संतुलित बजट
(ब) अधिशेष बजट
(स) घाटा बजट
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(द) उपर्युक्त सभी
(vii) चयन की समस्या का कारण है (1)
(अ) असीमित आवश्यकता
(ब) सीमित संसाधन
(स) संसाधनों के वैकल्पिक प्रयोग
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(द) उपर्युक्त सभी
(vii) तटस्थता वक्र/अनधिमान वक्र का ढाल होता है (1)
(अ) नतोदर
(ब) क्षैतिजीय
(स) उन्नतोदर
(द) लम्बवत्
उत्तर :
(अ) नतोदर
(ix) गिफिन वस्तु में कीमत व मांग के बीच संबंध पाया जाता है (1)
(अ) धनात्मक
(ब) शून्य
(स) ऋणात्मक
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) धनात्मक
(x) सीमांत उत्पाद का सूत्र- (1)
(अ) \(\frac{T P}{Q}\)
(ब) \(\frac{\Delta T P}{\Delta Q}\)
(स) AP x Q
(द) P x Q
उत्तर :
(ब) \(\frac{\Delta T P}{\Delta Q}\)
(xi) औसत स्थिर लागत वक्र की आकृति होती है (1)
(अ) क्षैतिजीय
(ब) आयताकार अतिपरवलय
(स) ऊर्ध्वाधर
(द) ‘यू’ आकार
उत्तर :
(ब) आयताकार अतिपरवलय
(xii) अल्पकाल में कुल लागत व कुल परिवर्तनशील लागत के मध्य अंतर होता है (1)
(अ) TFC
(ब) AFC
(स) MC
(द) AC
उत्तर :
(अ) TFC
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(i) …………………………….. को आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। (1)
(ii) …………………………….. भारत में करेंसी जारी करता है। (1)
(iii) सरकार का हस्तक्षेप चाहे वह मांग विस्तार करने के लिए हो अथवा इसे कम करने के लिए, …………………………….. कहलाता है। (1)
(iv) केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था का निकटतम उदाहरण …………………………….. (1)
(v) ऊँचे तटस्थता वक्र …………………………….. सन्तुष्टि/उपयोगिता प्रदान करते हैं। (1)
(vi) दीर्घकाल में उत्पादन के सभी साधन ……………………………. . (1)
उत्तर :
(i) एडम स्मिथ,
(ii) भारतीय रिजर्व बैंक,
(iii) स्थिरीकरण,
(iv) रूस की अर्थव्यवस्था,
(v) समान,
(vi) परिवर्तनशील।
प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर 10-20 शब्दों में दीजिए
(i) ‘आर्थिक एजेंट’ से का तात्पर्य है? (1)
उत्तर :
‘आर्थिक एजेंट’ ऐसे व्यक्ति अथवा संस्थाएँ होती हैं, जो आर्थिक निर्णय लेती हैं।
(ii) ‘अंतिम वस्तु’ किसे कहते हैं? (1)
उत्तर :
वे वस्तुएँ जो अन्तिम उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग करने के लिए पूर्णरूप से तैयार होती हैं, अन्तिम वस्तुएँ कहलाती हैं।
जैसे – जूते, पेन।
(iii) मूल्यह्रास से आप क्या समझते हैं? (1)
उत्तर :
पूँजीगत वस्तुओं में होने वाली नियमित टूट-फूट या घिसावट के कारण उनके मूल्य में होने वाली कमी को मूल्यह्रास कहते हैं।
(iv) नकद मुद्राकोष रखने का प्रमुख उद्देश्य क्या है? (1)
उत्तर :
नकद मुद्राकोष रखने का प्रमुख उद्देश्य साख पर नियंत्रण रखना है।
(v) वस्तु विनिमय से क्या आशय है? (1)
उत्तर :
एक वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु के प्रत्यक्ष विनिमय को ही वस्तु विनिमय कहते हैं।
(vi) पूँजीगत प्राप्तियों का कोई एक उदाहरण दीजिए ? (1)
उत्तर :
सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों के शेयरों की बिक्री से प्राप्त आय।
(vii) कीन्स की प्रसिद्ध पस्तक का नाम लिखिए? (1)
उत्तर :
कीन्स की प्रसिद्ध पुस्तक का नाम ‘द जनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लॉयमेन्ट, इन्टरेस्ट एंड मनी’ है।
(vii) केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था के अंतर्गत सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय किसके द्वारा लिए जाते हैं? (1)
उत्तर :
केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था के अंतर्गत सभी महत्वपूर्ण निर्णय एक केन्द्रीय सत्ता द्वारा लिए जाते हैं।
(ix) पूरक वस्तु के कोई दो उदाहरण दीजिए। (1)
उत्तर :
- पैन-स्याही,
- चाय-चीनी।
(x) उत्पादन फलन की परिभाषा दीजिए। (1)
उत्तर :
उत्पादन की आगतों और निर्गतों (अन्तिम उत्पाद) के बीच तकनीकी सम्बन्ध को उत्पादन फलन कहते हैं।
(xi) “ह्रासमान पैमाने के प्रतिफल’ से आप क्या समझते हैं? (1)
उत्तर :
जब सभी आगतों के अनुपातों में वृद्धि के परिणामस्वरूप निर्गत में कम वृद्धि होती है तो इसे ह्रासमान पैमाने का प्रतिफल कहते हैं।
(xii) पूर्ण प्रतियोगी बाजार में फर्म की कुल संप्राप्ति ज्ञात करने का सूत्र बताइये। (1)
उत्तर :
कुल सम्प्राप्ति (TR) = P x Q
यहाँ P = वस्तु की कीमत
q = वस्तु की बेची गई मात्रा
खण्ड – (ब)
प्रश्न 4.
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के वितरण व कल्याण में सम्बन्ध को समझाइये? (2)
उत्तर :
किसी देश में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि को देखकर हम यह नहीं कह सकते उस देश में रहने वाले सभी लोगों के कल्याण स्तर में वृद्धि हो रही होगी। क्योंकि यह समग्र स्थिति को बताता है। अतः सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के बाद भी कुछ लोगों की आय में कमी आ सकती है। इसी प्रकार एक क्षेत्र की आय में वृद्धि तथा किसी अन्य क्षेत्र की आय में कमी हो सकती है।
प्रश्न 5.
यदि बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) 310 रु. है तथा मूल्यह्रास 50 रु. है तो बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद की गणना कीजिए। (2)
उत्तर :
बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NNPMP) बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) मूल्यह्रास
अत: NNPMP = 310 – 50
₹ = 260
प्रश्न 6.
वस्तु विनिमय पद्धति की दो कठिनाइयाँ क्या हैं? लिखिए। (2)
उत्तर :
- दोहरे संयोग का अभाव-वस्तु विनिमय प्रणाली में विनिमय हेतु ऐसे दो पक्षों का होना आवश्यक है जिनके पास एक-दूसरे को देने के लिए आवश्यक वस्तु हो तथा बदले में वे एक-दूसरे की वस्तु को लेने के लिए तैयार हों। ऐसें दो पक्षों का मिलना काफी कठिन होता है।
- विभाजकता का अभाव-कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनमें विभाजन के गुण का अभाव पाया जाता है। ऐसे में या तो एक पक्ष को हानि उठानी पड़ती है या फिर विनिमय ही नहीं हो सकता है।
प्रश्न 7.
राजस्व व्यय और पूँजीगत व्यय में अंतर बताइये? (2)
उत्तर :
परिसम्पत्तियों के अतिरिक्त अन्य मदों पर होने वाला सरकारी व्यय, राजस्व व्यय कहलाता है जैसे; राजस्व व्यय का सम्बन्ध वेतन के भुगतान, सम्पत्ति की देखभाल, जनता को निःशुल्क सेवाएँ प्रदान करना आदि। इसके विपरीत परिसम्पत्तियों पर किये जाने वाले व्यय पूँजीगत व्यय कहलाते हैं। इनके अन्तर्गत भवन निर्माण, सड़क निर्माण, पुल निर्माण सम्बन्धी आदि व्ययों को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 8.
यदि सरकार द्वारा करों में वृद्धि की जाए तो उस स्थिति में प्रयोज्य आय में क्या परिवर्तन होगा? (2)
उत्तर :
यदि सरकार द्वारा करों में वृद्धि कर दी जाय तो प्रयोज्य आय कम हो जायेगी अतः प्रयोज्य आय पर करों में वृद्धि का विपरीत प्रभाव पड़ता है। जब करों में वृद्धि होती है तो प्रयोज्य आय घटती है और जब करों में कमी होती है तो प्रयोज्य आय में वृद्धि होती है।
प्रश्न 9.
सार्वजनिक वस्तुओं व निजी वस्तुओं में दो अंतर बताइये? (2)
उत्तर :
(i) सार्वजनिक वस्तुओं का प्रयोग जनता द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है, जबकि निजी वस्तुओं के लाभ किसी एक उपभोक्ता विशेष तक ही सीमित रहते हैं।
(ii) सार्वजनिक वस्तुओं के सम्बन्ध में सामूहिक रूप से इनका उपभोग करने के कारण मुफ्तखोरी की समस्या लागू होती है, जबकि यदि एक व्यक्ति निजी उपभोग वस्तु की कीमत अदा नहीं करता है तो उसे उपभोग से वंचित किया जा सकता है।
प्रश्न 10.
यदि सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) 0.6 है तो सरकारी व्यय गुणक का मान ज्ञात कीजिए। (2)
उत्तर :
सरकारी व्यय गुणक = \(\frac{1}{1-C}\) (दिया है C = 0.6)
\(=\frac{1}{1-0.6}=\frac{1}{0.4}=2.5\)
प्रश्न 11.
व्यष्टि अर्थशास्त्र की परिभाषा लिखिए। (2)
उत्तर :
व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics)-व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसमें विशेष फर्मों, विशेष परिवारों, व्यक्तिगत कीमतों, मजदूरियों, आय, व्यक्तिगत उद्योगों तथा विशिष्ट वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 12.
कुल उपयोगिता एवं सीमांत उपयोगिता संबंधी निम्न तालिका को पूर्ण कीजिए – (1/2 + 1/2 + 1/2 + 1/2 = 2)
कुल उपयोगिता (TU) | 20 | – | 53 | 63 | – | 76 |
सीमांत उपयोगिता (MU) | 20 | 18 | 15 | – | 8 | – |
उत्तर :
MUN = TUN – TU(N-1)
कुल उपयोगिता (TU) | 20 | 38 | 53 | 63 | 71 | 76 |
सीमांत उपयोगिता (MU) | 20 | 18 | 15 | 10 | 8 | 5 |
प्रश्न 13.
अल्पकाल व दीर्घकाल में दो अंतर बताइये? (1 + 1 = 2)
उत्तर :
- अल्पकाल में उत्पादन के कुछ साधन स्थिर रहते हैं तथा अन्य परिवर्ती होते हैं जबकि दीर्घकाल में उत्पादन के सभी साधन परिवर्ती होते हैं।
- अल्पकाल की समयावधि कम होती है तथा दीर्घकाल की समयावधि अधिक होती है।
प्रश्न 14.
पूर्ण प्रतिस्थापन्न वस्तु के लिए अनधिमान वक्र का निर्माण कीजिए। (2)
उत्तर :
जब स्थानापन्न वस्तु (जैसे-कॉफी) की कीमत बढ़ती है तो वस्तु (जैसे-चाय) की माँग बढ़ जाती है। जिसे निम्न चित्र में देखा जा सकता है-
चित्र में चाय के माँग वक्र को DD वक्र द्वारा दिखाया गया है। स्थानापन्न वस्तु कॉफी की कीमत बढ़ने पर चाय की माँगी गयी मात्रा उसी कीमत पर q से q1 तंक बढ़ जाती है तथा माँग वक्र दायीं ओर D1D1 पर खिसक जाता है।
प्रश्न 15.
पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार की दो विशेषताएँ कौनसी हैं? लिखिए। (2)
उत्तर :
पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार की दो विशेषताएँ
- बाजार में सभी फ एक विशेष प्रकार की एकरूपात्मक वस्तु का उत्पादन करती हैं।
- बाजार में सभी क्रेता और विक्रेता कीमत स्वीकारक होते हैं।
प्रश्न 16.
पूर्ति की कीमत लोच (eS) का सूत्र लिखिए। (2)
उत्तर :
पूर्ति की कीमत लोच =
\(\mathrm{e}_{\mathrm{s}}=\frac{\Delta q}{\Delta P} \times \frac{P^{\circ}}{q^{\circ}}\)
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
आय के वर्तुल प्रवाह की अवधारणा को समझाइये। (11/2 + 11/2 = 3)
अथवा
राष्ट्रीय आय गणना की किन्हीं दो विधियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र आपस में एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं। अतः अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों के कारण आय व उत्पादों का एक-दूसरे क्षेत्र के मध्य आदान-प्रदान होता रहता है इसी को आय का चक्रीय प्रवाह या आय का वर्तुल प्रवाह कहा जाता है।
प्रश्न 18.
बैंकिंग व्यवस्था द्वारा साख सृजन की प्रक्रिया को समझाइये।
अथवा
सट्टा उद्देश्य के लिए मुद्रा की मांग की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। (3)
उत्तर :
व्यापारिक बैंक अपनी जमाओं में आरक्षित अनुपात रखकर शेष राशि ऋण स्वरूप दे देते हैं तथा ऋणी के खाते में उस राशि को जमा कर देते हैं। बैंक उस राशि को भी जमा मानकर उसमें से आरक्षित अनुपात रखकर पुनः ऋण दे देती है। यही प्रक्रिया साख सृजन कहलाती है। इस प्रकार ये बैंक ऋण प्रदान करके और प्रतिभूतियों की खरीद करके साख सृजन करते हैं। साख सृजन की यह प्रक्रिया इस मान्यता पर आधारित होती है कि बैंक के सभी ग्राहक एक ही समय पर अपनी जमा राशि के विरुद्ध नकदी की माँग नहीं करेंगे।
प्रश्न 19.
सीमांत उत्पादन संभावना वक्र की तालिका की सहायता से चित्र का निरूपण कीजिए। (3)
अथवा
आपके अनुसार बाजार अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं (किन्हीं दो) का समाधान किस प्रकार किया जाता
उत्तर :
सीमान्त उत्पादन संभावना से अभिप्राय उस बैंक से है जो वस्तुओं के उन संयोगों को दर्शाती है जिनका उत्पादन अर्थ व्यवस्था के संसाधनों का पूर्ण उपयोग करने पर किया जाता है।
तालिका
उत्पादन सम्भावना | ट्रैक्टर | कार |
A | 0 | 125 |
B | 50 | 115 |
C | 75 | 100 |
D | 100 | 75 |
E | 125 | 0 |
उपर्युक्त तालिका में दी गयी वस्तुओं ट्रैक्टर व कार की उत्पादन सम्भावनाओं के आधार पर हमें AE उत्पादन सम्भावना वक्र प्राप्त हुआ।
प्रश्न 20.
कुल संप्राप्ति की अवधारणा को तालिका व रेखाचित्र के माध्यम से समझाइये। (11/2 + 11/2 = 3)
अथवा
पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार में अल्पकाल में एक फर्म की लाभ अधिकतमीकरण की समस्या को रेखाचित्र द्वारा समझाइये। (3)
उत्तर :
कुल सम्प्राप्ति (Total Revenue)- वस्तु की एक निश्चित उत्पादित मात्रा को बेचकर किसी फर्म को जो आय प्राप्त होती है वह कुल सम्प्राप्ति कहलाती है।
तालिका
विक्रय मात्रा | कुल सम्प्राप्ति | सीमान्त सम्प्राप्ति | औसत सम्प्राप्ति। |
1 | 10 | 10 | 10 |
2 | 18 | 8 | 9 |
3 | 24 | 6 | 8 |
4 | 28 | 4 | 7 |
5 | 30 | 2 | 6 |
उपरोक्त तालिका एवं रेखाचित्र से स्पष्ट है कि कुल सम्प्राप्ति में निरन्तर घटती हुई दर से वृद्धि होती है। जब सीमान्त एवं औसत सम्प्राप्ति में गिरावट आती है तो सीमान्त सम्प्राप्ति औसत सम्प्राप्ति की तुलना में अधिक तेजी से गिरती है।
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
मुद्रा के प्रमुख दो कार्यों का वर्णन कीजिए। (2 + 2 = 4)
अथवा
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा पूर्ति नियंत्रण के दो उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा पूर्ति नियंत्रण के दो उपाय निम्नलिखित हैं
(i) खुले बाजार की क्रियाएँ -केन्द्रीय बैंक द्वारा बाजार में प्रतिभूतियों, ऋण-पत्रों तथा बिलों का क्रय-विक्रय करना, खुले बाजार की क्रियाएँ कहलाती हैं। केन्द्रीय बैंक द्वारा प्रतिभूतियों को बेचने से बाजार में मुदा की मात्रा कम तथा प्रतिभूतियों को खरीदने से मुद्रा की मात्रा बढ़ जाती है।
(ii) आरक्षित कोषों के अनुपात में परिवर्तन करके-यह दो प्रकार से किया जाता है-प्रत्येक व्यावसायिक बैंक को : अपनी कुल जमाओं का एक निश्चित अनुपात नकद रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखना पड़ता है इसे नकद आरक्षित अनुपात (CRR) कहा जाता है। व्यावसायिक बैंकों को अपनी कुल देयताओं के एक न्यूनतम अनुपात को तरल सम्पत्तियों के रूप में अपने पास रखना होता है, इसे वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) कहा जाता है। अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति बढ़ाने हेतु रिजर्व बैंक इन अनुपातों में कमी करता है तथा मुद्रा की पूर्ति कम करने हेतु इन अनुपातों में वृद्धि करता है।
प्रश्न 22.
आय में परिवर्तन के कारण बजट सेट में होने वाले परिवर्तन को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए। (2 + 2 = 4)
अथवा
अनधिमान वक्र की दो विशेषताओं को रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आय में वृद्धि होने पर सामान्य वस्तुओं की माँग में वृद्धि हो जाती है तथा आय में कमी होने पर माँग कम हो जाती है। यह निम्न रेखाचित्रों द्वारा समझा जा सकता है।
आय में कमी उपरोक्त रेखाचित्रों से स्पष्ट है कि आय में वृद्धि से माँग वक्र दायीं तरफ तथा आय में कमी होने पर यह बायीं तरफ शिफ्ट हो जाता है।
प्रश्न 23.
ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम की रेखाचित्र सहित व्याख्या कीजिए। (2 + 2 = 4)
अथवा
दीर्घकालीन सीमांत लागत वक्र व औसत लागत वक्रों के सम्बन्ध को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
परिवर्ती अनुपात नियम अथवा ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम
(Law of Variable Proportion or The Law of Diminishing Marginal Product)
अल्पकाल में, अन्य आगतों की मात्राओं को स्थिर रखते हुए एक परिवर्तनशील आगत की इकाइयों और उत्पादन की मात्रा के बीच सम्बन्ध बताने वाले नियम को ही परिवर्ती अनुपात नियम अथवा ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम कहते हैं। इस नियम की व्याख्या उत्पादन की निम्नलिखित तीन अवस्थाओं के माध्यम से की गयी है जिनमें भूमि तथा पूँजी स्थिर आगत तथा श्रम को परिवर्ती आगत माना है।
प्रथम अवस्था (First Stage)-प्रारम्भ में जब श्रम (परिवर्ती आगत) की इकाइयों में वृद्धि की जाती है तो तीव्र गति से बढ़ने लगता है तथा सीमान्त उत्पाद (MP) में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होती है। अतः इस अवस्था में कुल उत्पाद, सीमान्त उत्पाद तथा औसत उत्पाद (TP, MP, AP) तीनों में ही वृद्धि होती है। यह उत्पत्ति वृद्धि नियम या साधन के बढ़ते हुए प्रतिफल की अवस्था है।
द्वितीय अवस्था (Second Stage)-इस अवस्था में TP में घटती हुई दर से वृद्धि होती है अतः MP गिरने लगता है। जहाँ TP अधिकतम हो जाता है वहाँ MP शून्य हो जाता है। यह उत्पत्ति ह्रास नियम की अवस्था कहलाती है।
तृतीय अवस्था (Third Stage)-इस अवस्था में TP घटना आरम्भ हो जाता है। AP गिरने लगता है तथा MP ऋणात्मक हो जाता है। इस अवस्था में घटते हुए औसत उत्पादन का नियम लागू होता है तथा इस समय फर्म उत्पादन नहीं करेगी।
रेखाचित्र द्वारा व्याख्या –
रेखाचित्र से स्पष्ट है कि 0 से 8 तक TP में तीव्रगति से वृद्धि हो रही है अत: TP वक्र 0 से D तक ox के प्रति उन्नतोदर है। लेकिन D बिन्दु के बाद OD रेखा ox के प्रति नतोदर हो रही है। चित्र से स्पष्ट हो रहा है कि MP की उच्चतम सीमा A के ऊपर बिन्दु B तक स्थित है जहाँ से TP वक्र में झुकाव आ रहा है।
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