Students must start practicing the questions from RBSE 12th Economics Model Papers Set 4 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Economics Model Paper Set 4 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
(i) रोजगार सिद्धान्त का सम्बन्ध है (1)
(अ) स्थैतिक अर्थशास्त्र से
(ब) व्यष्टि अर्थशास्त्र से
(स) समष्टि अर्थशास्त्र से
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) समष्टि अर्थशास्त्र से
(ii) किस अर्थव्यवस्था में निजी सम्पत्ति का अस्तित्व एवं प्रधानता पायी जाती है (1)
(अ) समाजवाद की अर्थव्यवस्था
(ब) मिश्रित अर्थव्यवस्था
(स) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
(iii) धन का वह भाग जिसे अधिक धनोपार्जन के लिए लगाया जाता है (1)
(अ) उत्पादन
(ब) पूँजी
(स) निवेश
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) निवेश
(iv) भारत में नोट निर्गमन का कार्य करता है (1)
(अ) रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया
(ब) भारतीय स्टेट बैंक
(स) भारत सरकार
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया
(v) संकटकालीन परिस्थिति में सरकार के आदेश पर निर्गमित मुद्रा कहलाती है (1)
(अ) हिसाबी मुद्रा
(ब) ऐच्छिक मुद्रा
(स) परिवर्तनशील मुद्रा
(द) प्रादिष्ट मुद्रा
उत्तर :
(द) प्रादिष्ट मुद्रा
(vi) भारत में न्यूनतम कोष पद्धति को कब अपनाया गया (1)
(अ) 1955 में
(ब) 1856 में
(स) 1956 में
(द) 1965 में
उत्तर :
(स) 1956 में
(vii) किसने कहा अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है? (1)
(अ) रॉबिन्स
(ब) मार्शल
(स) जे. के. मेहता
(द) एडम स्मिथ
उत्तर :
(द) एडम स्मिथ
(viii) पूरक वस्तु है (1)
(अ) चाय और कॉफी
(ब) बूरा और चीनी
(स) कार और पेट्रोल
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) कार और पेट्रोल
(ix) एक उदासीनता वक्र का ढाल होता है (1)
(अ) धनात्मक
(ब) ऋणात्मक
(स) उपरोक्त दोनों सही
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) ऋणात्मक
(x) आगतों तथा निर्गतों के मध्य सम्बन्ध को बताता है (1)
(अ) उत्पादन लागत
(ब) उत्पादन फलंन
(स) उत्पादन प्रक्रिया
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) उत्पादन फलंन
(xi) कुल लागत प्राप्त करने के लिए कुल परिवर्ती लागत में जोड़ा जाता है (1)
(अ) कुल औसत लागत
(ब) कुल स्थिर लागत
(स) कुल उत्पादन की मात्रा
(द) औसत स्थिर लागत
उत्तर :
(ब) कुल स्थिर लागत
(xii) उत्पादन फलन (q) का सूत्र है (1)
(अ) q = f (x1, x2)
(ब) q = f (x, \(\bar{x}\)2)
(स) q = \(\frac{f\left(x, \bar{x}_{2}\right)}{x_{1}}\)
(द) q = \(\frac{\Delta q}{\Delta x_{1}}\)
उत्तर :
(अ) q = f (x1, x2)
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) जो फर्मों को उत्पादन के कारकों की पूर्ति करते हैं तथा फर्मों से वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करते हैं उन्हें ……………………………………………. कहते हैं। (1)
उत्तर :
परिवार
(ii) वे कर जिनका बोझ प्रत्यक्ष रूप से व्यक्ति पर पड़ता है उन्हें ……………………………………………. कर कहते हैं। (1)
उत्तर :
प्रत्यक्ष
(iii) अर्थशास्त्र को ……………………………………………. शाखाओं में विभाजित किया जाता है। (1)
उत्तर :
दो
(iv) भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि को ……………………………………………. वर्ष कहा जाता है। (1)
उत्तर :
वित्तीय
(v) अनधिमान वक्र अपने मूल की तरफ ……………………………………………. होता है। (1)
उत्तर :
उत्तल
(vi) वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने पर कुल लागत में जो वृद्धि होती है। उसे ……………………………………………. लागत कहते हैं। (1)
उत्तर :
सीमांत
प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर 10-20 शब्दों में दीजिए
(i) आधुनिक अर्थव्यवस्था का जनक कौन है? (1)
उत्तर :
आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक एडम स्मिथ है।
(ii) समष्टि अर्थशास्त्र के विकास में योगदान प्रदान करने वाले किन्हीं दो अर्थशास्त्रियों के नाम लिखिए। (1)
उत्तर :
- प्रो जोसेफ ए. शुम्पीटर,
- प्रो. जे. एम. कीन्स।
(iii) विश्व बाजार में मन्दी का अध्ययन अर्थशास्त्र किस शाखा में किया जाता है? (1)
उत्तर :
मंदी का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है।
(iv) यदि आपका व्यावसायिक बैंक में बचत खाता है, तो खाते में राशि कौन-सी जमा कहलाएगी। (1)
उत्तर :
यह जमा राशि माँग जमा कहलाएगी।
(v) तरलता अधिमान का क्या तात्पर्य है? (1)
उत्तर :
लोगों द्वारा मुद्रा शेष की माँग को तरलता अधिमान कहते हैं।
(vi) सार्वजनिक व्यय से क्या तात्पर्य है? (1)
उत्तर :
केन्द्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकारों के द्वारा किया जाने वाला व्यय।
(vii) करवंचन किसे कहते हैं? (1)
उत्तर :
बिना भुगतान किये कर के दायित्व से मुक्त हो जाने को करवंचन कहते हैं।
(viii) व्यष्टि अर्थशास्त्र से क्या तात्पर्य है? (1)
उत्तर :
अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसके अंतर्गत व्यक्तिगत इकाइयों का आर्थिक विश्लेषण किया जाता है, व्यष्टि अर्थशास्त्र कहलाता है।
(ix) ह्रासमान विस्थापन दर का आशय लिखिए। (1)
उत्तर :
‘एक उपभोक्ता एक वस्तु की अधिक से अधिक इकाइयाँ प्राप्त होने के बाद, वह दूसरी वस्तु की कम और कम इकाइयाँ छोड़ने के लिए तैयार होता है।’ इसे ही ह्रासमान विस्थापन दर कहते हैं।
(x) अर्थव्यवस्था के उत्पादन संभावना सेट को परिभाषित कीजिए। (1)
उत्तर :
उत्पादन संभावना सेट से अभिप्राय दो वस्तुओं की विभिन्न मात्राओं से है जो किसी अर्थव्यवस्था में उपलब्ध सीमित संसाधनों का उपयोग करके पैदा (निर्मित) की जा सकती
(xi) अल्पकाल क्या है? (1)
उत्तर :
इस अवधि में एक उत्पादक केवल अपने परिवर्ती साधनों में परिवर्तन कर सकता है।
(xii) इकाई कर से क्या आशय है? (1)
उत्तर :
वह कर जो सरकार निर्गत के प्रति इकाई विक्रय पर लगाती है।
खण्ड – (ब)
प्रश्न 4.
व्यष्टि अर्थशास्त्र का आशय स्पष्ट कीजिए। (1)
उत्तर :
व्यष्टि अर्थशास्त्र-व्यष्टि अर्थशास्त्र से आशय एक व्यक्तिगत आर्थिक इकाई के सामने उपस्थित सीमितता एवं चयन की समस्याओं के अध्ययन से है। व्यष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक उत्पादक, एक उपभोक्ता, एक फर्म की आर्थिक क्रियाओं, किसी वस्तु या साधन की कीमत का निर्धारण आदि के अध्ययन को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित आँकड़ों से मध्यवर्ती उपभोग की गणना कीजिए – (1)
(i) उत्पादन का मूल्य
(ii) कारक लागत पर निवल वर्धित मूल्य
(iii) बिक्री कर
(iv) आर्थिक सहायता
(v) मूल्य ह्रास
उत्तर :
मध्यवर्ती उपभोग = उत्पादन का मूल्य – कारक लागत पर निवल वर्धित मूल्य – शुद्ध अप्रत्यक्ष कर – मूल्य हास = 200 – 80 – (15 – 5) – 20 = 200 – 110 = ₹ 90 लाखमध्यवर्ती उपभोग = ₹ 90 लाख
प्रश्न 6.
भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यों की सूची बनाइए। (1)
उत्तर :
- नोट निर्गमन करना।
- सरकार का बैंकर तथा सलाहकार।
- बैंकों का बैंक तथा अंतिम ऋणदाता।
- साख नियमन तथा नियंत्रण करना।
- विदेशी विनिमय को संरक्षण प्रदान करना।
प्रश्न 7.
योजनागत तथा गैर-योजनागत राजस्व व्यय से आपका क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए। (1)
उत्तर :
योजनागत व्यय केन्द्रीय योजनाओं और राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों की योजनाओं पर किए गए व्यय से सम्बन्धित होता है जबकि गैर योजनागत राजस्व सरकार द्वारा प्रदत्त विभिन्न सामान्य, सामाजिक और आर्थिक सेवाओं पर किए गए व्यय से सम्बन्धित होता है।
प्रश्न 8.
पूँजीगत प्राप्तियों से क्या अभिप्राय है ? पूँजीगत प्राप्तियों की किन्हीं दो मदों का उल्लेख कीजिए। (1)
उत्तर :
पूँजीगत प्राप्तियों से आशय सरकार की ऐसी प्राप्तियों से है जिनसे या तो दायित्वों में वृद्धि होती है या परिसम्पत्तियों में कमी होती है।
पूँजीगत प्राप्तियों की मदें :
- ऋण प्राप्त करना : यह पूँजीगत प्राप्ति की सबसे महत्वपूर्ण मद है। यह सरकार के दायित्वों में वृद्धि करती है।
- सार्वजनिक उद्यमों के शेयरों की बिक्री : सार्वजनिक उद्यमों की शेयरों की बिक्री को ‘विनिवेश’ भी कहा जाता है। यह सरकार की सम्पत्तियों में कमी लाती है।
प्रश्न 9.
बजट घाटे के प्रभावों को कम करने के चार उपाय लिखिए। (1)
उत्तर :
- सरकार को सरकारी व्ययों को घटाने के प्रयास करने चाहिए।
- सरकार को व्ययों के द्वारा अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए।
- सरकार को गैर कर राजस्व में वृद्धि के प्रयास करने चाहिए।
- सरकार को घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश कर देना चाहिए।
प्रश्न 10.
सरकार की पूँजीगत प्राप्तियाँ एवं पूँजीगत व्यय को स्पष्ट कीजिए। (1)
उत्तर :
पूँजीगत प्राप्तियाँ-पूँजीगत प्राप्तियाँ सरकार की वे सभी प्राप्तियाँ होती हैं, जो दायित्वों का सृजन करती हैं। अथवा वित्तीय परिसम्पत्तियों को कम करती हैं। पूँजीगत व्यय-सरकार के वे व्यय जिनके द्वारा भौतिक अथवा वित्तीय परिसम्पत्तियों का सृजन किया जाता है, पूँजीगत व्यय कहलाते हैं, जैसे-सड़क निर्माण के लिए व्यय करना।
प्रश्न 11.
अर्थव्यवस्था की उत्पादन सम्भावनाओं से आपका क्या अभिप्राय है ? (1)
उत्तर :
अर्थव्यवस्था में सीमित संसाधनों के साथ बहुत-सी वस्तुओं का उत्पादन होता है। यह निश्चित करना कि वस्तुओं का किस निर्धारित मात्रा में उत्पादन करना अर्थव्यवस्था के लिए उत्तम होगा, कठिन कार्य होता है। अतः किस वस्तु के साथ किस वस्तु का उत्पादन करने से अधिकतम लाभ हो सकता है इस प्रकार के अनुमान पूर्व उत्पादन क्षमता के आधार पर लगाये जाते हैं, इसी को अर्थव्यवस्था की उत्पादन सम्भावना कहा जाता है।
प्रश्न 12.
‘एकदिष्ट अधिमान’ से आप क्या समझते हैं ? (1)
उत्तर :
जब उपभोक्ता किन्हीं दो बंडलों में से उस बंडल को अधिमान देता है जिसमें इन वस्तुओं में से कम से कम एक वस्तु की अधिक मात्रा हो और दूसरे बंडल की तुलना में दूसरी वस्तु की भी मात्रा कम न हो तो उपभोक्ता के ऐसे अधिमान को एकदिष्ट अधिमान कहते हैं।
प्रश्न 13.
मान लीजिए, कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10) (10,9) तथा (9,9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं ? (2)
उत्तर :
उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट होने पर वह अधिक वस्तु वाले बंडल को अधिमान देता है। अतः वह निम्न प्रकार श्रेणीकरण करेगा –
तालिका
बंडल | श्रेणी |
(10, 10) | प्रथम |
(10, 9) | द्वितीय |
(9, 9) | तृतीया |
प्रश्न 14.
अल्पकालीन कुल लागत (STC) तथा औसत लागत (AC) का तात्पर्य लिखिए।
उत्तर :
कुल लागत (Total Cost)-किसी वस्तु कीएक निश्चित मात्रा को उत्पादित करने हेतु व्यय की गयी राशि को कुल लागत कहते हैं।
औसत लागत (Average Cost) – कुल लागत में वस्तु की उत्पादित इकाइयों का भाग देने पर प्राप्त हुई लागत को औसत लागत कहते हैं।
प्रश्न 15.
एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर :
एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में निम्नलिखित विशेषताएँ पाई जाती हैं –
- बाजार में सभी फर्मे एक विशिष्ट रूपात्मक वस्तु का उत्पादन करती हैं।
- बाजार में प्रत्येक खरीददार और विक्रेता कीमत स्वीकारक होता है।
- क्रेताओं तथा विक्रेताओं को बाजार के बारे में पूर्णज्ञान होता है।
- पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में वस्तु प्रमापित होती
- उद्योग में प्रवेश करने तथा बाहर जाने की फर्मों को पूर्ण स्वतन्त्रता होती है।
प्रश्न 16.
पूर्ति के संकुचन से क्या आशय है ?
उत्तर :
अन्य बातें समान रहने पर जब किसी वस्तु की कीमत में कमी होने से, उसकी पूर्ति में कमी हो जाती है, तो इसे पूर्ति का संकुचन कहते हैं।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
आय विधि द्वारा सकल घरेलू उत्पाद की गणना विधि को समझाइए।
अथवा
समष्टि अर्थशास्त्र की दृष्टि से अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख क्षेत्रकों का वर्णन करें।
उत्तर :
अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रक – समष्टि अर्थशास्त्र की दृष्टि से अर्थव्यवस्था के प्रमुख रूप से चार क्षेत्रक होते हैं
(i) परिवार क्षेत्रक (Household Sector) – अर्थशास्त्र में परिवार से आशय एकल व्यक्तिगत उपभोक्ता जो अपने उपभोग से सम्बन्धित निर्णय स्वयं लेता है अथवा कई व्यक्तियों के समूह जिसमें उपभोग सम्बन्धी निर्णय संयुक्त रूप से लिए जाते हैं, से है। सामान्यतया, एक परिवार में कई सदस्य होते हैं। ये सदस्य फर्मों में श्रमिक के रूप में काम करते हैं तथा मजदूरी प्राप्त करते हैं। परिवार फर्मों के स्वामी भी होते हैं जो लाभ कमाते हैं। पस्विार फर्मों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का उपभोग भी करते हैं, बचत करते हैं एवं कर भी अदा करते हैं।
(ii) फर्म – वस्तु तथा सेवाओं का उत्पादन करने वाली इकाइयों को फर्म कहा जाता है। जो लोग इन फर्मों का संचालन करते हैं उन्हें उद्यमी कहते हैं। उद्यमी ही बाजार से श्रमिकों को लाकर उन्हें उत्पादन कार्यों में नियोजित करते हैं। इसी प्रकार वे भूमि, पूँजी आदि आगतों को नियोजित करके उत्पादन प्रक्रिया को संचालित करते हैं। इन उद्यमियों का प्रमुख उद्देश्य वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करके उनको बाजार में बेचकर लाभ कमाना होता हैं।
(iii) राज्य या सरकार – विकसित एवं विकासशील दोनों प्रकार के देशों में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार कानून बनाने, उसे लागू करने तथा लोगों को न्याय प्रदान करने में प्रमुख भूमिका अदा करती है। सरकार कर लगाती है जिससे एकत्रित राजस्व से वह सार्वजनिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण, स्कूल – कॉलेजों का संचालन, स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन, आवश्यकतानुसार उत्पादन कार्य में सहभागिता आदि कार्य करती है।
प्रश्न 18.
मुद्रा गुणक क्या है? इसका मूल्य निर्धारण आप कैसे करेंगे?
अथवा
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के कोई तीन उपकरण बताइए।
उत्तर :
- खुली बाजार कार्यवाही – केन्द्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा बाजार में प्रतिभूतियों, ऋण – पत्रों तथा बिलों का क्रय – विक्रय करना, खुले बाजार की कार्यवाही कहलाती है। रिजर्व बैंक द्वारा प्रतिभूतियों को बेचने से बाजार में मुद्रा की मात्रा कम तथा प्रतिभूतियों को खरीदने से मुद्रा की मात्रा बढ़ जाती है।
- बैंक दर नीति – वह दर, जिस पर रिजर्व बैंक, व्यापारिक बैंकों को प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों पर ऋण प्रदान करता है, बैंक दर कहलाती है। देश में मुद्रा – प्रसार की स्थिति में बैंक दर में वृद्धि तथा मुद्रा – संकुचन की स्थिति में बैंक दर में कमी की जाती है।
- आरक्षित अनुपातों (नकद आरक्षित अनुपात और वैधानिक तरलता अनुपात) में अन्तर करके – रिजर्व बैंक द्वारा नकद आरक्षित अनुपात तथा वैधानिक तरलता अनुपात में परिवर्तन करके मुद्रा की पूर्ति को घटाया और बढ़ाया जाता है। यह कार्य भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का एक उपकरण है।
प्रश्न 19.
आपके अनुसार बाजार अर्थव्यवस्था में क्या उत्पादन किया जाय’ की समस्या का समाधान कैसे किया जाता है?
अथवा
साधनों के अकुशल प्रयोग को दिखाने वाला उत्पादन सम्भावना वक्र बनाइए।
उत्तर :
प्रश्न 20.
एक कीमत स्वीकारक फर्म की बाजार कीमत और सीमांत सम्प्राप्ति में क्या सम्बन्ध है? सारणी की सहायता से समझाइए।
अथवा
₹ 10 प्रति इकाई बाजार कीमत पर एक फर्म की सम्प्राप्ति ₹ 50 है। बाजार कीमत बढ़कर ₹ 15 हो जाती है और अब फर्म को ₹ 150 की सम्प्राप्ति होती है। पूर्ति वक्र की कीमत लोच क्या है ?
उत्तर :
अतः पूर्ति वक्र की कीमत लोच 2 है।
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
उपभोग तथा विनिमय के क्षेत्र में मुद्रा की भूमिका बताइए।
अथवा
रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य क्या-क्या हैं?
उत्तर :
केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य –
- सरकार का बैंक – भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के बैंकर के रूप में कार्य करता है। रिजर्व बैंक सरकार के आदेश पर भुगतान करता है, जनता से ऋण प्राप्त करता है, सरकार के लिए वित्त की व्यवस्था करता है।
- मुद्रा जारी करना – भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है अतः नोट निर्गमन का कार्य भी रिजर्व बैंक द्वारा ही किया जाता है।
- व्यावसायिक बैंकों के कोष का रक्षक – भारतीय रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों के नकद आरक्षित कोषों को भी अपने पास जमा करता है।
- विदेशी मुद्रा भण्डार का संरक्षक – भारतीय रिजर्व बैंक देश के विदेशी मुद्रा भण्डार का संरक्षक भी होता है क्योंकि विदेशी मुद्रा में व्यवसाय को नियन्त्रित करने का अधिकार उसी को होता है।
- अन्तिम ऋणदाता – भारतीय रिजर्व बैंक अन्य व्यावसायिक बैंकों को अति आवश्यक होने पर ऋण की व्यवस्था करता है।
- समाशोधन गृह का कार्य – भारतीय रिजर्व बैंक विभिन्न बैंकों के मध्य होने वाले लेन – देन को निपटाने के लिए समाशोधन गृहों का संचालन करता है।
प्रश्न 22.
समझाइए क्यों अनधिमान वक्र नीचे की ओर ढलवाँ और उत्तल होता है?
अथवा
माँग वन में बायीं ओर शिफ्ट होने पर वस्तु की मात्रा और कीमत में क्या प्रभाव पड़ता है? चित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर :
माँग वक्र में शिफ्ट तब होता है, जब कीमत के अलावा किसी अन्य कारक में परिवर्तन होता है।
माना कि उपभोक्ता की आय में कमी से माँग वक्र बायीं ओर शिफ्ट हो गया है।
ऊपर दिये गये चित्र में माँ वक्र बायीं ओर (उपभोक्ता की आय में कमी के कारण) शिफ्ट हो गया है। शिफ्ट होने से पहले वस्तु की मात्रा और कीमत Q और P. से दर्शायी गयी है तथा बायीं ओर शिफ्ट हो जाने के बाद मात्रा और कीमत में परिवर्तन Q, और P, द्वारा दर्शाया गया है।
प्रश्न 23.
अलपकालीन सीमांत लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को न्यूनतम बिन्दु पर काटता है, क्यों? 4
अथवा
निम्नलिखित तालिका एक फर्म के लिए कुल लागत अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि औसत स्थिर लागत निर्गत की 4 इकाइयों पर 5 रु. है। कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, औसत स्थिर लागत, अल्पकालीन औसत लागत, अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची फर्म के निर्गत के तदनुरूप मूल्यों के लिए निकालिए।
उत्तर :
अनुसूची निम्न प्रकार बनेगी
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