Students must start practicing the questions from RBSE 12th Economics Model Papers Set 6 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Economics Model Paper Set 6 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
(i) ‘द जनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लॉयमेन्ट इन्टरेस्ट एंड मनी’ पुस्तक कब प्रकाशित हुई – (1)
(अ) सन् 1836 में
(ब) सन् 1935 में
(स) सन् 1955 में
(द) सन् 1936 में
उत्तर :
(द) सन् 1936 में
(ii) समष्टि अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था को कितने क्षेत्रकों के संयोग के रूप में देखा जाता है (1)
(अ) तीन
(ब) दो
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर :
(स) चार
(iii) कम्प्यू टर है (1)
(अ) गैर-टिकाऊ वस्तु
(ब) टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु
(स) पूँजीगत वस्तु
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु
(iv) प्रामाणिक मुद्रा होती है (1)
(अ) देश की सहायक मुद्रा
(ब) देश की प्रधान मुद्रा
(स) सीमित विधि ग्राह्य मुद्रा
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) देश की प्रधान मुद्रा
(v) साख नियंत्रण का गुणात्मक उपाय नहीं है (1)
(अ) चयनात्मक साख
(ब) साख की राशनिंग
(स) उपभोक्ता साख का नियमन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(द) इनमें से कोई नहीं
(vi) व्यापारिक बैंक में खाता खोल सकते हैं (1)
(अ) चालू खाता
(ब) सावधि खाता
(स) बचत खाता
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपरोक्त सभी।
(vii) सबसे पहले ‘माइक्रो’ शब्द का प्रयोग करने वाले हैं (1)
(अ) मार्शल
(ब) बोल्डिंग
(स) कीन्स
(द) रेगनर फिशर
उत्तर :
(द) रेगनर फिशर
(vii) वस्तु की आवश्यकता पूर्ति की क्षमता को कहते हैं (1)
(अ) उत्पादकता
(ब) उपयोगिता
(स) योग्यता
(द) संतुष्टि
उत्तर :
(ब) उपयोगिता
(ix) कॉफी के मूल्य में वृद्धि होने से चाय की माँग (1)
(अ) बढ़ती है
(ब) घटती है
(स) स्थिर रहती है
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) बढ़ती है
(x) उत्पत्ति ह्रास नियम लागू होने का मुख्य कारण कौन-सा है? (1)
(अ) साधनों की सीमितता
(ब) साधनों का अपूर्ण स्थानापन्न होना
(स) (अ) व (ब) दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) (अ) व (ब) दोनों
(xi) कुल परिवर्ती लागत में उत्पादन की मात्रा का भाग देकर प्राप्त होती है (1)
(अ) औसत स्थिर लागत
(ब) औसत परिवर्ती लागत
(स) औसत लागत
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) औसत परिवर्ती लागत
(xii) जब सभी आगतों के अनुपातों में वृद्धि के परिणामस्वरूप निर्गत में अधिक वृद्धि होती है तो इसे कहते हैं- (1)
(अ) स्थिर पैमाने का प्रतिफल
(ब) ह्रासमान पैमाने का प्रतिफल
(स) वृद्धिमान पैमाने का प्रतिफल
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) वृद्धिमान पैमाने का प्रतिफल
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) वह सम्पत्ति जिसे उद्यमी उत्पादन प्रारम्भ करने हेतु उद्योग में लगाता है ………………………………. कहलाती है। (1)
उत्तर :
पूँजी
(ii) राजस्व व्यय ………………………………. प्रकार के होते हैं। (1)
उत्तर :
दो
(iii) ………………………………. बजट में पूँजीगत प्राप्तियों एवं पूँजीगत व्ययों को शामिल किया जाता है। (1)
उत्तर :
पूँजीगत
(iv) वह व्यक्ति या संस्था जो किसी वस्तु या सेवा का उत्पादन करती है उसे ………………………………. कहते हैं। (1)
उत्तर :
उत्पादक
(v) किसी वस्तु की माँगी गयी मात्रा व उसकी कीमत के मध्य सम्बन्ध दर्शाने वाले वक्र को ………………………………. कहते हैं। (1)
उत्तर :
माँग वक्र
(vi) एक फर्म द्वारा एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं या सेवाओं की कुल मात्रा को ………………………………. कहते हैं। (1)
उत्तर :
कुल उत्पाद
प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर 10-20 शब्दों में दीजिए
(i) निर्गत किसे कहते हैं?
उत्तर :
वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करके, बाजार में बेचकर जो लाभ कमाया जाता है उसे निर्गत कहते हैं।
(ii) निर्यात व्यापार किसे कहते हैं?
उत्तर :
किसी देश द्वारा अपने यहाँ निर्मित वस्तु या सेवाओं को अन्य देर्शो को बेचना।
(iii) एडम स्मिथ की पुस्तक का नाम बताइए।
उत्तर :
‘An Enquiry into the Nature and Causes of the Wealth of Nations.’
(iv) भारतीय रिजर्व बैंक के कोई दो कार्य लिखिए?
उत्तर :
- पत्र मुद्रा का निर्गमन
- सरकार का बैंकर।
(v) निकट मुद्रा किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह मुद्रा जिसे आसानी से मुद्रा में बदला जा सके।
(vi) राजस्व घाटे की गणना कैसे की जाती है?
उत्तर :
राजस्व घाटा – राजस्व व्यय – राजस्व प्राप्तियाँ।
(vii) अप्रत्यक्ष कर के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर :
- उत्पादन शुल्क,
- सीमा शुल्क।
(viii) आर्थिक चरों का यथार्थ माप क्या है?
उत्तर :
आर्थिक चरों का यथार्थ माप सकारात्मक (Positive) अर्थशास्त्र है।
(ix) माँग फलन का समीकरण लिखिए।
उत्तर :
माँग फलन q = f (p)
यहाँ, q = मात्रा तथा P = कीमत है।
(x) कौन सा लागत वक्र आयताकार अतिपरवलय आकृति का होता है?
उत्तर :
औसत स्थिर लागत वक्र आयताकार अतिपरवलय आकृति का होता है।
(xi) दीर्घकाल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
दीर्घकाल से तात्पर्य उस पर्याप्त समय से है जिसमें सभी आगत परिवर्तनीय होते हैं। अतः किसी भी आगत में परिवर्तन कर, उत्पादन में परिवर्तन लाया जा सकता है।
(xii) आगम की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
फर्म द्वारा उत्पाद बेचने से प्राप्त होने वाली राशि।
खण्ड – (ब)
प्रश्न 4.
आर्थिक विरोधाभास से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर :
आर्थिक विरोधाभास (Economic Para dox)-जो कुछ व्यक्तिगत इकाई के स्तर पर उचित होता है जरूरी नहीं कि वह सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी उचित हो, जैसे-एक व्यक्ति का बचत करना अच्छा है परन्तु अर्थव्यवस्था में सभी लोगों के बचत करने से बाजार में वस्तुओं तथा सेवाओं की माँग घट जायेगी।
प्रश्न 5.
सकल घरेलू उत्पाद एवं सकल राष्ट्रीय उत्पाद में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 6.
प्रामाणिक एवं सांकेतिक मुद्रा में अन्तर बताइए।
उत्तर :
प्रामाणिक एव सांकेतिक मुद्रा में निम्नलिखित अन्तर है-
प्रश्न 7.
कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर :
कर की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- कर देश की जनता द्वारा सरकार को दिया गया अनिवार्य भुगतान होता है।
- कर से प्राप्त राशि को एकत्रित करके सामूहिक हित के कार्यों पर सरकार द्वारा व्यय किया जाता है। अतः कर से समाज कल्याण में वृद्धि होती है।
- कर का भुगतान अनिवार्य रूप से निश्चित समय पर किया जाता है। ऐसा न करने पर दण्ड का प्रावधान होता है।
प्रश्न 8.
प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करों से क्या आशय है ? इनमें अन्तर कीजिए।
उत्तर :
- प्रत्यक्ष कर का भार अन्य व्यक्तियों पर अन्तरित नहीं किया जा सकता है जबकि अप्रत्यक्ष करों का भार अन्य व्यक्तियों पर अन्तरित किया जा सकता है।
- प्रत्यक्ष कर प्रगतिशील होते हैं क्योंकि आय में वृद्धि के साथ इनमें वृद्धि होती है जबकि अप्रत्यक्ष कर प्रगतिशील नहीं होते हैं।
- प्रत्यक्ष करों का भुगतान अनिवार्य रूप से करना होता है जबकि अप्रत्यक्ष करों का भुगतान करने से बचा जा सकता है।
उदाहरण- प्रत्यक्ष कर-- आयकर
- सम्पत्ति कर।
- अप्रत्यक्ष कर-
- सीमा कर
- उत्पादन कर।
प्रश्न 9.
कर राजस्व और गैर कर-राजस्व के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
(i) कर राजस्व –
- आयकर
- निगमकर।
(ii) गैर कर-राजस्व –
- शुल्क एवं जुर्माना
- प्राप्त ब्याज।
प्रश्न 10.
लेखा अनुदान से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
लेखा अनुदान-यदि किसी वर्ष बजट 1 अप्रैल से पूर्व पारित नहीं हो पाता है तो 1 अप्रैल से बजट पारित होने की तिथि तक की अवधि के लिए सरकार अपने व्ययों को पूरा करने के लिए संसद से लेखा अनुदान के आधार पर स्वीकृति ले लेती है।
प्रश्न 11.
व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र में अन्तर-
प्रश्न 12.
अनधिमान वक्र तथा बजट रेखा की सहायता से उपभोक्ता के इष्टतम चयन को समझाइए।
उत्तर :
जिस बिन्दु पर बजट रेखा किसी एक अनधिमान वक्र को स्पर्श करती है, वही इष्टतम बिन्दु होता है तथा संतुलन बिन्दु पर तटस्थता अथवा अनधिमान वक्र मूल बिन्दु के उन्नतोदर होना चाहिए। इस रेखाचित्र में E बिन्दु उपभोक्ता का इष्टतम बिन्दु है।
प्रश्न 13.
‘एकदिष्ट अधिमान’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
जब उपभोक्ता किन्हीं दो बंडलों में से उस बंडल को अधिमान देता है जिसमें इन वस्तुओं में से कम से कम एक वस्तु की अधिक मात्रा हो और दूसरे बंडल की तुलना में दूसरी वस्तु की भी मात्रा कम न हो तो उपभोक्ता के ऐसे अधिमान को एकदि ष्ट अधिमान (Monotonic Preference) कहते हैं।
प्रश्न 14.
एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता है?
उत्तर :
एक निश्चित समय में अन्य आगतों को स्थिर रखते हुए परिवर्ती आगत की इकाइयों से फर्म को जितना उत्पादन प्राप्त होता है वह उस परिवर्ती आगत का कुल उत्पाद कहलाता है। इसे सूत्र रूप में निम्न प्रकार समझा जा सकता \(q=f\left(x_{1}, \bar{x}_{2}\right)\) जहाँ q = कुल उत्पाद, x1 = परिवर्ती आगत, x2 स्थिर आगत।
प्रश्न 15.
प्रौद्योगिकीय प्रगति एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर :
एक निश्चित निर्गत स्तर का उत्पादन करने के लिए संगठनात्मक नवप्रवर्तन (नई प्रौद्योगिकी) के कारण फर्म आगतों की कम इकाइयों का उपयोग करती है। इससे निर्गत के सभी स्तरों पर फर्म की सीमान्त लागत में कमी आयेगी तथा कुल सीमान्त लागत वक्र दाहिनी ओर (अथवा नीचे की ओर) शिफ्ट होगा। जिसमें पूर्ति वक्र दाहिनी ओर शिफ्ट हो जायेगा तथा फर्म अधिक इकाइयों का उत्पादन करने में सक्षम (समर्थ) हो जायेगी।
प्रश्न 16.
पूर्ति के विस्तार से क्या आशय है ?
उत्तर :
अन्य बातें समान रहने पर जब किसी वस्तु की कीमत में वृद्धि होने से, उसकी पूर्ति में वृद्धि हो जाती है, तो इसे पूर्ति का विस्तार कहते हैं।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
एक देश की अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय आय के अध्ययन का महत्व बताइए।
अथवा
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर :
- उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था माँग और पूर्ति की बाजार शक्तियों द्वारा नियंत्रित होती है।
- वस्तुओं का उत्पादन बाजार में बेचने हेतु किया जाता है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय आर्थिक योजना का अभाव पाया जाता है।
प्रश्न 18.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मात्रात्मक साख नियंत्रण के लिए जाने वाले उपायों का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य बताइए। 3
उत्तर :
केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य
- सरकार का बैंक-भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के बैंकर के रूप में कार्य करता है। रिजर्व बैंक सरकार के आदेश पर भुगतान करता है, जनता से ऋण प्राप्त करता है, सरकार के लिए वित्त की व्यवस्था करता है।
- मुद्रा जारी करना-भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है अतः नोट निर्गमन का कार्य भी रिजर्व बैंक द्वारा ही किया जाता है।
- व्यावसायिक बैंकों के कोष का रक्षक-भारतीय रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों के नकद आरक्षित कोषों को भी अपने पास जमा करता है।
- विदेशी मुद्रा भण्डार का संरक्षक-भारतीय रिजर्व बैंक देश के विदेशी मुद्रा भण्डार का संरक्षक भी होता है क्योंकि विदेशी मुद्रा में व्यवसाय को नियन्त्रित करने का अधिकार उसी को होता है।
- अन्तिम ऋणदाता-भारतीय रिजर्व बैंक अन्य व्यावसायिक बैंकों को अति आवश्यक होने पर ऋण की व्यवस्था करता है।
- समाशोधन गृह का कार्य-भारतीय रिजर्व बैंक विभिन्न बैंकों के मध्य होने वाले लेन-देन को निपटाने के लिए समाशोधन गृहों का संचालन करता है।
- मुद्रा पूर्ति एवं साख का नियन्त्रण-भारतीय रिजर्व बैंक केन्द्रीय बैंक के रूप में देश में मुद्रा की पूर्ति एवं साख को नियन्त्रित करने का कार्य करता है।
- औद्योगिक वित्त की व्यवस्था करना-भारतीय रिजर्व बैंक औद्योगिक वित्त निगम’ तथा ‘राज्यवित्त निगमों के अंश धारण किए हुए हैं जिन्हें वह अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराता है।
- आर्थिक आँकड़े एकत्रित करना-भारतीय रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित आँकड़ों को एकत्रित करता है तथा उन्हें प्रकाशित करता है।
प्रश्न 19.
आपके अनुसार बाजार अर्थव्यवस्था में उत्पादन किसके लिए किए किया जाय की समस्या का समाधान किस प्रकार किया जाता है? 3
अथवा
साधनों की वृद्धि को प्रदर्शित करते हुए उत्पादन सम्भावना वक्र बनायें।
उत्तर :
प्रश्न 20.
एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में फर्म की औसत सम्प्राप्ति (AR) तथा सीमांत सम्प्राप्ति (MR) कैसे प्रदर्शित होते 3
अथवा
X की कीमत में 20 प्रतिशत की कमी होने पर इसकी पूर्ति 500 इकाई से घटकर 450 इकाई हो जाती है। इसकी पूर्ति की कीमत लोच का परिकलन कीजिए।
उत्तर :
कीमत में परिवर्तन = 20%
पूर्ति में परिवर्तन = \(\frac{50}{500}\) x 100 = 10%
पूर्ति की कीमत लोच \(=\frac{\text { पूर्ति में परिवर्तन }}{\text { कीमत में परिवर्तन }}\)
= \(\frac{10}{20}\) = 0.5
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
भारतीय रिजर्व बैंक साधार बैंकिंग सम्बन्धी क्या-क्या कार्य करती है?
अथवा
रिजर्व बैंक गुणात्मक साख नियंत्रण के लिए क्या-क्या कदम उठा सकती है?
उत्तर :
गुणात्मक साख नियंत्रण- इसमें निम्न उपकरण शामिल होते हैं –
- चयनात्मक साख नियंत्रण-इसके अंतर्गत रिजर्व बैंक किसी एक या सभी बैंकों को तीन प्रकार के निर्देश देता है-
- मूल्य अन्तर निश्चित करने से सम्बंधित निर्देश।
- ऋण देने पर प्रतिबंध।
- पूर्वानुमति से ऋण लेना।
- साख की राशनिंग करना-रिजर्व बैंक साख नियंत्रण हेतु व्यापारिक बैंकों द्वारा दी जाने वाली साख का सभी क्षेत्रों के मध्य राशनिंग कर देता है।
- नैतिक दबाव-रिजर्व बैंक अनुसूचित बैंकों को समझाकर अपनी साख-नियंत्रण नीति को मानने के लिए प्रेरित करता है।
- प्रत्यक्ष कार्यवाही-किसी भी व्यापारिक बैंक द्वारा केन्द्रीय बैंक के निर्देशों तथा आदेशों की अवहेलना करने पर वह प्रत्यक्ष कार्यवाही करके उस बैंक की ऋण देने की क्रियाओं पर रोक लगा सकता है।
- प्रचार-प्रसार-रिजर्व बैंक गोष्ठियों, प्रेस तथा प्रकाशकों के माध्यम से जनता को साख नियंत्रण सम्बंधी उपायों के विषय में बताता है।
प्रश्न 22.
माँग में संकुचन तथा माँग में कमी में अंतर बताइए।
अथवा
इकाई लोचदार माँग को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर :
इकाई लोचदार माँग (eD = 1)-जब माँग की मात्रा में उसी अनुपात में परिवर्तन होता है जिस अनुपात में कीमत में परिवर्तन होता है तो माँग की कीमत लोच इकाई के बराबर (eD = 1) होती है। सामान्यतया आरामदायक वस्तुओं की माँग इस श्रेणी में आती है। इसका माँग वक्र आयताकार बनता है। रेखाचित्र में OP कीमत पर OQ माँग मात्रा है। यदि कीमत OP1 हो जाती है तो माँग OQ1 हो जायेगी, यदि कीमत OP2 हो जाय तो माँग OQ2 हो जायेगी।
प्रश्न 23.
पैमाने के बढ़ते प्रतिफल की अवस्था को रेखाचित्र के माध्यम से समझाइए।
अथवा
दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा औसत लागत वक्र कैसे दिखते हैं ?
उत्तर :
दीर्घकाल में उत्पादन के सभी आगत (साधन) परिवर्ती होते हैं जिससे दीर्घकाल में पैमाने का प्रतिफल नियम लागू होता है। रेखाचित्र के _ अनुसार दीर्घकालीन सीमान्त लागत वक्र तथा दीर्घकालीन औसत लागत वक्र ‘U’ आकार के होते हैं लेकिन ये अल्पकालीन औसत लागत वक्र एवं अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र से अधिक चपटे होते हैं। दीर्घकालीन सीमान्त लागत वक्र, औसत लागत वक्र को उसके न्यूनतम बिन्दु ‘B’ पर काटता है।
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