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RBSE Class 12 Economics Model Paper Set 7 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
(i) आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है
(अ) कीन्स को
(ब) एडमस्मिथ को
(स) लिगार्ड को
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) एडमस्मिथ को
(ii) पूँजीगत वस्तु का उदाहरण है
(अ) आहार
(ब) वस्त्र
(स) मनोरंजन
(द) मशीनें
उत्तर :
(द) मशीनें
(iii) परिवार अपनी आय का उपयोग कर सकते हैं
(अ) उपभोग में
(ब) बचत में
(स) करों के भुगतान में
(द) उपरोक्त सभी में
उत्तर :
(द) उपरोक्त सभी में
(iv) साख नियंत्रण का परिमाणात्मक उपाय है
(अ) चयनात्मक साख
(ब) खुले बाजार की क्रियाएँ
(स) साख की राशनिंग
(द) उपभोक्ता साख का नियमन
उत्तर :
(ब) खुले बाजार की क्रियाएँ
(v) किस खाते में जमा पर ब्याज नहीं दिया जाता है
(अ) सावधि जमा खाते में ।
(ब) बचत खाते में
(स) चालू खाते में
(द) आवर्ती जमा खाते में
उत्तर :
(स) चालू खाते में
(vi) जनता के पास करेंसी तथा बैंकों के पास माँग जमा का योग कहलाता है
(अ) M1
(ब) M2
(स) M3
(द) M4
उत्तर :
(अ) M1
(vil) भारतीय अर्थव्यवस्था है
(अ) केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था
(ब) बाजार अर्थव्यवस्था
(स) मिश्रित अर्थव्यवस्था
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) मिश्रित अर्थव्यवस्था
(viii) उपभोक्ता संतुलन उस बिन्दु पर होता है, जहाँ
(अ) सीमान्त उपयोगिता = मूल्य
(ब) सीमान्त उपयोगिता < मूल्य
(स) सीमान्त उपयोगिता > मूल्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) सीमान्त उपयोगिता = मूल्य
(ix) कीमत या बजट सेवा की ढाल होती है
(अ) \(-\frac{\mathrm{P}_{x}}{\mathrm{P}_{y}}\)
(ब) \(-\frac{\mathrm{P}_{y}}{\mathrm{P}_{x}}\)
(स) \(\frac{\mathrm{P}_{x}}{\mathrm{P}_{y}}\)
(द) \(\frac{\mathrm{P}_{y}}{\mathrm{P}_{x}}\)
उत्तर :
(स) \(\frac{\mathrm{P}_{x}}{\mathrm{P}_{y}}\)
(x) उत्पादन आगत नहीं है
(अ) श्रम
(ब) मशीन
(स) लाभ
(द) भूमि
उत्तर :
(स) लाभ
(xi) कुल लागत में उत्पादन मात्रा का भाग देकर प्राप्त होती है
(अ) औसत स्थिर लागत
(ब) औसत परिवर्ती लागत
(स) औसत लागत
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) औसत लागत
(xii) जब सभी आगतों के अनुपातों में वृद्धि के परिणामस्वरूप निर्गत में उसी अनुपात में वृद्धि होती है तो इसे कहते हैं
(अ) वर्धमान पैमाने का प्रतिफल
(ब) ह्रासमान पैमाने का प्रतिफल
(स) स्थिर पैमाने का प्रतिफल
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) स्थिर पैमाने का प्रतिफल
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) …………………………… उत्पादन का वह कारक है जिसमें प्रकृति द्वारा निःशुल्क प्रदत्त सभी चीजें शामिल हैं। (1)
उत्तर :
भूमि
(ii) वे व्यय जो भौतिक तथा वित्तीय सम्पत्तियों के सृजन में सहायक होते हैं …………………………… व्यय कहते हैं। (1)
उत्तर :
पूँजीगत
(iii) सरकारी बजट में सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों के शेयरों की बिक्री से प्राप्त आय को …………………………… प्राप्तियों के अन्तर्गत शामिल किया जाता है। (1)
उत्तर :
पूँजीगत
(iv) मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं में प्रयोग करना ही …………………………… कहलाता है। (1)
उत्तर :
उपभोग
(v) वस्तुओं की माँग की गति उसकी पूरक वस्तुओं की कीमत के …………………………… दिशा में होती है। (1)
उत्तर :
विपरीत
(vi) वे साधन जिनमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता उन्हें …………………………… साधन कहते हैं। (1)
उत्तर :
स्थिर
प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर 10-20 शब्दों में दीजिए
(i) राष्ट्रीय प्रयोज्य आय को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
वह आय, जिसे एक राष्ट्र क्रय कर सकता
(ii) बचत से क्या आशय है?
उत्तर :
आय का वह भाग जो उपभोग पर व्यय नहीं किया जाता है, उसे बचत कहते हैं।
(iii) बंद अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
ऐसी अर्थव्यवथा जिसमें विदेशों से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित नहीं किये जाते हैं, बंद अर्थव्यवस्था कहलाती है।
(iv) भारत के केन्द्रीय बैंक का क्या नाम है?
उत्तर :
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है।
(v) सट्टा के लिए मुद्रा की माँग और ब्याज की दर में कैसा सम्बन्ध होता है?
उत्तर :
सट्टा के लिए मुद्रा की माँग और ब्याज की दर में विपरीत सम्बन्ध होता है।
(vi) सरकारी व्यय गुणक को ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर :
\(\frac{\Delta \mathrm{Y}}{\Delta \mathrm{G}}=\frac{1}{1-C}\)
(vii) राजस्व घाटा क्या बताता है?
उत्तर :
यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों के ऊपर राजस्व व्यय की अधिकता को बताता है।
(viii) बाजार अर्थव्यवस्था का एक उदाहरण बताइए।
उत्तर :
संयुक्त राज्य अमेरिका।
(ix) उपयोगिता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
वस्तुओं तथा सेवाओं के उपभोग के पश्चात् मिलने वाली संतुष्टि उपयोगिता कहलाती है।
(x) औसत स्थिर लागत का सूत्र बताइए।
उत्तर :
औसत स्थिर लागत = कुल स्थिर लागत/q यहाँ, q = उत्पादित इकाइयाँ हैं।
(xi) दीर्घकालीन उत्पादन फलन से क्या आशय है?
उत्तर :
जब उत्पादन की सभी आगतों में वृद्धि होती है तो उसे दीर्घकालीन उत्पादन फलन कहते हैं।
(xii) वस्तु की पूर्ति में ‘कभी’ का एक कारण बताइए।
उत्तर :
उत्पादन के आगतों की कीमत में वृद्धि होना।
खण्ड – (ब)
प्रश्न 4.
स्टॉक और प्रवाह में भेद स्पष्ट कीजिए। 2
उत्तर :
प्रश्न 5.
आय के वर्तुल प्रवाह का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र आपस में एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं। अत: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों के कारण आय व उत्पादों का एक-दूसरे क्षेत्र के मध्य आदान-प्रदान होता रहता है.इसी को आय का चक्रीय प्रवाह या आय का वर्तुल प्रवाह कहा जाता है।
प्रश्न 6.
धातु मुद्रा तथा पत्र मुद्रा में क्या अन्तर है ?
उत्तर :
धातु मुद्रा तथा पत्र मुद्रा में निम्नलिखित अन्तर है
प्रश्न 7.
राजकोषीय घाटे से क्या आशय है ?
उत्तर :
ऋण प्राप्तियों को छोड़कर शेष कुल प्राप्तियों पर कुल बजट व्यय के आधिक्य को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। राजकोषीय घाटा वर्ष के दौरान दायित्वों में वृद्धि की माप करता है। यह व्यय को पूरा करने के लिए धन जुटाने की समस्या की माप करता है।
प्रश्न 8.
अर्थव्यवस्था के लिए राजकोषीय घाटा कैसे समस्या बन जाता है ?
उत्तर :
विकासशील देश अपने आधारभूत ढाँचे के विकास के लिए अधिक व्यय कर रहे हैं, यदि सरकार ऋण लेकर व्ययों को पूरा करती है तो ब्याज के रूप में सरकार को एक बड़ी धनराशि व्यय करनी पड़ती है। इससे यह एक समस्या बन जाती है तथा इसके कारण बजटीय घाटा बढ़ जाता है, और इस प्रकार अन्ततः सरकार ऋण जाल में फँस जाती है।
प्रश्न 9.
विभिन्न प्रकार के कर लगाने के क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर :
- राजस्व प्राप्ति के माध्यम से सरकार की कुल आय में वृद्धि करना।
- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को सन्तुलन में बनाये रखना।
- लोक कल्याण के कार्यों एवं दैनिक प्रशासनिक व्ययों को पूरा करने हेतु धन जुटाना।
- देश के संसाधनों की सुरक्षा व्यवस्था करने हेतु।
प्रश्न 10.
बजट घाटा क्या है ?
उत्तर:
बजट घाटा-बजटीय घाटे से आशय सरकार के कुल व्यय का कुल प्राप्तियों से अधिक होना है। अन्य शब्दों में, सरकार की राजस्व एवं पूँजीगत प्राप्तियों का योग जब राजस्व एवं पूँजीगत व्ययों के योग से कम होता है तो उसे बजटीय घाटा कहा जाता है।
प्रश्न 11.
सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है ? 2
उत्तर :
सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण के अंतर्गत किसी विषय का वास्तविक रूप में अध्ययन, जैसे-इसमें क्या है?’ अथवा ‘वस्तुस्थिति कैसी है ?’ इसका अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत वस्तुस्थिति के विषय में जानकर कारण तथा परिणाम में सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। इसमें विभिन्न आर्थिक क्रियायों की कार्यप्रणाली देखी जाती है तथा वास्तविक आर्थिक घटनाओं के कारण-परिणाम का विवेचन किया जाता है परन्तु उनका मूल्यांकन नहीं किया जाता।
प्रश्न 12.
माँग के विस्तार को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
माँग का विस्तार-जब एक वस्तु की माँग, कीमत में कमी के कारण बढ़ती है तो यह माँग का विस्तार कहलाता है। जैसे-माना कि एक वस्तु की कीमत ₹ 20 प्रति इकाई है तो इसकी माँग में कमी होती है और जब यह र 15 प्रति इकाई हो जाती है तो माँग बढ़ जाती है। इसे रेखाचित्र द्वारा निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
प्रश्न 13.
उदासीनता अथवा तटस्थता मानचित्र क्या है ?
उत्तर :
वह मानचित्र जिसके माध्यम से किसी उपभोक्ता को प्राप्त सन्तुष्टि के विभिन्न स्तरों को एक साथ प्रदर्शित किया जाता है, उसे तटस्थता मानचित्र या उदासीनता मानचित्र कहते हैं। यह सन्तुष्टि के एक निश्चित स्तर को बताता है।
प्रश्न 14.
सीमान्त लागत की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
उत्पादन की वर्तमान मात्रा में एक इकाई की वृद्धि करने पर कुल लागत में जो वृद्धि होती है उसे सीमान्त लागत कहते हैं।
सूत्र रूप में – Mc = Tcn – Tcn-1
प्रश्न 15.
कुल सम्प्राप्ति से क्या आशय है ?
उत्तर :
एक फर्म द्वारा उत्पादित वस्तु की एक निश्चित मात्रा की बिक्री से जो धनराशि प्राप्त होती है, उसे कल सम्प्राप्ति कहते हैं।
सूत्र-कुल सम्प्राप्ति = कीमत x बेची गई मात्रा।
TR = p × q
प्रश्न 16.
पूर्ति से क्या आशय है ?
उत्तर :
किसी वस्तु की पूर्ति से आशय वस्तु की उस मात्रा से है जिसे विक्रेता एक निश्चित समय में, एक निश्चित कीमत पर बेचने को तैयार होता है।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
राष्ट्रीय आय लेखांकन से आप क्या समझते हैं?
अथवा
एक अर्थव्यवस्था के फर्म क्षेत्र से क्या आशय है ?
उत्तर :
वे इकाइयाँ जो उपभोक्ताओं की माँग को पूरा करने हेतु उत्पादन करती हैं उन्हें फर्म कहते हैं। एक फर्म में उद्यमी ही सर्वोच्च स्थान रखता है। वह वस्तुओं का उत्पादन करने हेतु उत्पादन के विभिन्न साधनों को एकत्रित करता है जैसे-वह ब्याज पर पूँजी, लगान पर भूमि, मजदूरी पर श्रमिक प्राप्त करता है तथा उन्हें उत्पादन कार्य में लगाता है।
प्रश्न 18.
उपभोग तक विनियम के क्षेत्र में मुद्रा के महत्व का वर्णन कीजिए।
अथवा
रिजर्व बैंक के गुणात्मक साख नियंत्रण के उपाय बताइए।
उत्तर :
गुणात्मक साख नियंत्रण-इसमें निम्न उपकरण शामिल होते हैं –
- चयनात्मक साख नियंत्रण-इसके अंतर्गत रिजर्व बैंक किसी एक या सभी बैंकों को तीन प्रकार के निर्देश देता है-
- मूल्य अन्तर निश्चित करने से सम्बंधित निर्देश।
- ऋण देने पर प्रतिबंध।
- पूर्वानुमति से ऋण लेना।
- साख की राशनिंग करना-रिजर्व बैंक साख नियंत्रण हेतु व्यापारिक बैंकों द्वारा दी जाने वाली साख का सभी क्षेत्रों के मध्य राशनिंग कर देता है।
- नैतिक दबाव-रिजर्व बैंक अनुसूचित बैंकों को समझाकर अपनी साख-नियंत्रण नीति को मानने के लिए प्रेरित करता है।
- प्रत्यक्ष कार्यवाही-किसी भी व्यापारिक बैंक द्वारा केन्द्रीय बैंक के निर्देशों तथा आदेशों की अवहेलना करने पर वह प्रत्यक्ष कार्यवाही करके उस बैंक की ऋण देने की क्रियाओं पर रोक लगा सकता है।
- प्रचार-प्रसार-रिजर्व बैंक गोष्ठियों, प्रेस तथा प्रकाशकों के माध्यम से जनता को साख नियंत्रण सम्बंधी उपायों के विषय में बताता है।
प्रश्न 19.
आपके अनुसार केन्द्रीय योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में आर्थिक समस्याओं का समाधान कैसे किया जाता 3
अथवा
सीमांत अवसर लागत को चित्र की मदद से समझाइए।
उत्तर :
किसी एक वस्तु की सीमांत अवसर लागत किसी अन्य वस्तु की त्यागी हुई मात्रा के बराबर होती है। रेखाचित्र स्पष्ट करता है कि हमें चावल के उत्पादन की मात्रा बढ़ाने के लिए गेहूँ के उत्पादन की मात्रा को कम करना पड़ेगा।
सीमांत अवसर लागत \(=\frac{\text { एक वस्तु की त्यागी जाने वाली इकाइयाँ }}{\text { अन्यवस्तु के उत्पादन की अतिरिक्त इकाई }}\)
प्रश्न 20.
एक फर्म के पूर्ति व्रक को निर्धारित करने वाले कोई तीन तत्व सुझाइए।
अथवा
दीर्घकाल में एक फर्म का पूर्ति वक्र क्या होता है?
उत्तर :
एक फर्म का दीर्घकालीन पूर्ति वक्र दीर्घकालीन औसत लागत के बराबर अथवा उससे ऊपर दीर्घकालीन सीमान्त लागत वक्र का बढ़ता हुआ भाग होता है, लेकिन न्यूनतम दीर्घकालीन औसत लागत से कम सभी कीमतों पर निर्गत शून्य है। रेखाचित्र में दीर्घकालीन औसत लागत से कम सभी कीमतों पर निर्गत शून्य है।
रेखाचित्रों में दीर्घकालीन पूर्तिवक्र को मोटी रेखा से प्रदर्शित किया गया है।
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
मुद्रा के प्राथमिक एवं सहायक कार्यों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है? इसकी कोई तीन कमियाँ बताइए।
उत्तर :
वस्तु-विनिमय प्रणाली (Barter System)-वस्तुओं का वस्तुओं से होने वाला प्रत्यक्ष विनिमय ही वस्तु-विनिमय प्रणाली कहलाता है। हम यह कह सकते हैं, कि एक वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु के प्रत्यक्ष विनिमय को ही वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता है। वस्तु-विनिमय प्रणाली की कमियाँ या कठिनाइयाँ-वस्तु विनिमय प्रणाली की मुख्य कमियाँ या कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं-
- दोहरे संयोग का अभाव-वस्तु विनिमय प्रणाली में विनिमय हेत ऐसे दो पक्षों का होना आवश्यक है जिनके पास एक-दूसरे को देने के लिए आवश्यक वस्तु हो तथा बदले में वे एक-दूसरे की वस्तु को लेने के लिए तैयार हों। ऐसे दो पक्षों का मिलना काफी कठिन होता है।
- विभाजकता का अभाव-कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनमें विभाजन के गुण का अभाव पाया जाता है। ऐसे में या तो एक पक्ष को हानि उठानी पड़ती है या फिर विनिमय ही नहीं हो सकता है।
- सर्वमान्य मापक का अभाव-विभिन्न वस्तुओं का मूल्य भी भिन्न-भिन्न होता है। वस्तु-विनिमय प्रणाली में इन सभी वस्तुओं के सर्वमान्य मूल्य मापक का अभाव है। इस स्थिति में यह निर्णय करना कठिन होता है कि एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु की कितनी मात्रा दी जाय।
प्रश्न 22.
एक वस्तु की माँग पर स्थानापन्न वस्तु की कीमत में वृद्धि के प्रभाव को रेखाचित्र की सहायता से समझाइए।
अथवा
इकाई से अधिक लोचदार माँग को रेखाचित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर :
इकाई से अधिक लोचदार माँग (eD > 1) – जब किसी वस्तु की माँग में आनुपातिक परिवर्तन वस्तु की कीमत में आनुपातिक परिवर्तन से अधिक होता है।
रेखाचित्र में OP कीमत पर OQ माँग मात्रा है। यदि कीमत OP2 हो जाती है तो माँग OQ2 और जब कीमत OP1 हो जाती है तो माँग OQ1 हो जाती है। अतः माँग में परिवर्तन कीमत की अपेक्षा अधिक होता है।
प्रश्न 23.
पैमाने के स्थिर प्रतिफल की अवस्था को रेखाचित्र के माध्यम से समझाइए।
अथवा
दी गई सारणी से अज्ञात औसत स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, अल्पकालीन औसत लागत और अल्पकालीन सीमान्त लागत मूल्यों की गणना कीजिए –
उत्तर :
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