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RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

March 30, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th Geography Model Papers Set 5 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

समय: 2:45 घण्टे
पूर्णांक: 56

सामान्य निर्देश :

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर: दी गई उत्तर: पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर: एक साथ ही लिखें।

खण्ड – (अ)

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न (1 x 9 = 9)

(i) “भौगोलिक वातावरण मानव के क्रियाकलापों एवं सामंजस्य को पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।” यह किस भौगोलिक दर्शन से संबंधित है
(अ) निश्चयवाद
(ब) संभववाद
(स) नव निशचयवाद
(द) अस्तित्ववाद
उत्तर:
(ब) संभववाद

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

(ii) निम्न में से कौन-सा एक क्षेत्र सघन बसा क्षेत्र नहीं है
(अ) पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया .
(ब) संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तर:ी-पूर्वी भाग
(स) पूर्वी एशिया
(द) यूरोप का पश्चिमी भाग।
उत्तर:
(द) यूरोप का पश्चिमी भाग।

(iii) निम्न देशों में से किस देश में सहकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया है ?
(अ) रूस
(ब) डेनमार्क
(स) भारत
(द) नीदरलैण्ड
उत्तर:
(ब) डेनमार्क

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर से सम्बन्धित है?
(अ) संगणक विनिर्माण
(ब) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(स) कागज और कच्ची लुग्दी निर्माण
(द) पुस्तकों का मुद्रण।
उत्तर:
(ब) विश्वविद्यालयी अध्यापन

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

(v) विश्व का सबसे बड़ा मेगासिटी निम्न में से कौन-सा है ?
(अ) टोक्यो
(ब) न्यूयार्क
(स) सिओल
(द) मेक्सिको सिटी।
उत्तर:
(अ) टोक्यो

(vi) निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है ?
(अ) चीनी-तिब्बती
(ब) भारतीय-आर्य
(स) आस्ट्रिक
(द) द्रविड़।
उत्तर:
(द) द्रविड़।

(vii) राजस्थान में गुच्छित बस्तियों की अवस्थिति हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है
(अ) जातिगत संरचना
(ब) जलीय संसाधनों की उपलब्धता
(स) जलवायु
(द) भूभाग की प्रकृति
उत्तर:
(स) जलवायु

(viii) निम्न में से कौन-सी फसलें दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के साथ बोयी जाती हैं
(अ) शीतोष्ण कटिबन्धीय फसलें
(ब) उष्ण कटिबन्धीय फसलें
(स) वाणिज्यिक फसलें
(द) रोपण फसलें।
उत्तर:
(ब) उष्ण कटिबन्धीय फसलें

(ix) निम्न में कौन-सा औद्योगिक अवस्थापना का एक कारण नहीं है ?
(अ) बाजार
(ब) पूँजी
(स) जनसंख्या घनत्व
(द) ऊर्जा। मलें
उत्तर:
(द) ऊर्जा। मलें

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (1 x 4 = 4 )

(i) ब्राजील के कॉफी के बागानों को ………….. कहा जाता है।
उत्तर:
इन्टरनेट

(ii) भारत का सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक राज्य ……………….. है।
उत्तर:
महाराष्ट्र

(iii) राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण ढाँचे …………………. कहलाते हैं।
उत्तर:
2002

(iv) ……….. जनसंचार का प्राचीनतम साधन है।
उत्तर:
जयपुर

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (1 x 4 = 4 )

(i) “एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर बहुत कम लोग और बहुत कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं।” यह कथन किसका है?
उत्तर:
(i) जल की उपलब्धता
(ii) जलवायु।

(ii) मिश्रित कृषि की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर:
ब्राजील में कॉफी के बागानों को फेजेंडा कहा जाता है।

(iii) लौह धातु और अलौह धातु उद्योगों का एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
कुटीर उद्योग में घर के सदस्य कार्य करते हैं जबकि छोटे पैमाने के उद्योगों में स्थानीय श्रमिक भी कार्य करते हैं।

(iv) फुटकर व्यापार के विभागीय भण्डार क्या होते हैं?
उत्तर:
(i) व्यापार
(ii) परिवहन।

खण्ड – (ब)

लघूत्तरात्मक प्रश्न (1.5 x 12 = 18)

प्रश्न 4.
रैटजेल के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
मानव पर्यावरण के अन्तर्सम्बन्धों के संदर्भ में जर्मन भूगोलवेत्ताओं द्वारा पर्यावरणीय निश्चयवाद की विचारधारा प्रस्तुत की गयी। इस विचारधारा के अनुसार मानव अपने सामाजिक विकास की प्रारम्भिक अवस्था में प्रौद्योगिकीय दृष्टिकोण से अत्यंत पिछड़ा हुआ था एवं उसके द्वारा किये जाने वाले समस्त कार्य प्रकृति के आदेशों के अनुसार ही सम्पन्न होते थे। जर्मन भूगोलवेत्ता रैटजेल ने इस विचारधारा को पर्यावरण निश्चयवाद का नाम दिया। इस विचारधारा के समर्थक विद्वान यह मानते हैं कि प्रौद्योगिकी विकास की इस अवस्था में मानव, प्रकृति के आदेशों को न केवल मानता था अपितु उसकी प्रचंडता से भी डरता था एवं प्रकृति की पूजा करता था। ऐसे समाजों में प्रकृति को माता के रूप में देखा जाता था।

प्रश्न 5.
मानव भूगोल में सम्भववाद उपागम के कोई चार लक्षण बताइए। [1.5]
उत्तर:
(i) कल्याणपरक अथवा मानवतावादी विचारधारा-मानव भूगोल की इस विचारधारा का सम्बन्ध मुख्य रूप से लोगों के सामाजिक कल्याण के विभिन्न पक्षों से था। इसमें आवास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे पक्ष सम्मिलित थे।

(ii) आमूलवादी अथवा रेडिकल विचारधारा-मानव भूगोल की इस विचारधारा में निर्धनता के कारण, बंधन एवं सामाजिक असमानता की व्याख्या के लिए कार्ल मार्क्स के सिद्धांत का उपयोग किया गया। समकालीन सामाजिक समस्याओं का सम्बन्ध पूँजीवाद के विकास से था।

(iii) व्यवहारवादी विचारधारा मानव भूगोल की इस विचारधारा ने प्रत्यक्ष अनुभव के साथ-साथ मानवीय जातीयता, प्रजाति, धर्म आदि पर आधारित सामाजिक संवर्गों के दिक्काल बोध पर अधिक जोर दिया।

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 6.
नगरों का कार्यात्मक वर्गीकरण कीजिए। [1.5]
उत्तर:
आकृति के आधार पर बस्तियों को निम्नलिखित दो वर्गों में रखा जाता है
(i) संहत बस्ती-इस प्रकार की बस्ती में मकान एक दूसरे के समीप मिलते हैं। सामान्यतया ऐसी बस्तियों का विकास उपजाऊ मैदानों या नदी घाटियों के सहारे मिलता है। इन बस्तियों में निवास करने वाले व्यक्ति मिल-जुलकर रहते हैं तथा इनमें से अधिकांश व्यक्तियों के व्यवसाय समान होते हैं।

(ii) प्रकीर्ण बस्ती-इस प्रकार की बस्ती में मकान एक-दूसरे से दूर होते हैं तथा दो मकानों के मध्य प्रायः खेत मिलते हैं। इस प्रकार की बस्ती में एक पूजास्थल या बाजार बस्ती के विभिन्न घरों को परस्पर बाँधता है।

प्रश्न 7.
नम बिंदु बस्तियाँ क्या हैं ? इनके प्राप्त लाभों को लिखिए। [1.5]
उत्तर:
विकासशील देशों में मानव बस्तियों से सम्बन्धित कई प्रकार की समस्याएँ होती हैं जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख हैं
(i) अवहनीय जनसंख्या का केन्द्रीकरण।
(ii) छोटे व तंग आवास एवं गलियाँ।
(iii) आधारभूत ढाँचा; जैसे बिजली, गंदे पानी की निकासी, स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी सुविधाओं की कमी।

प्रश्न 8.
उपनिवेश काल में अंग्रेजों ने भारतीय श्रमिकों को किन क्षेत्रों में भेजा था? इन्हें किस कार्य के लिए भेजा गया था? [1.5]
उत्तर:
आर्थिक परिणाम:
(i) उद्गम प्रदेश में मुख्य लाभ अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा भेजी गयी हुंडी (पूँजी) है। यह विदेशी विनिमय का मुख्य स्रोत है।
(ii) सन् 2002 में भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से 110 खरब अमरीकी डॉलर धन के रूप में प्राप्त किया।
(iii) केरल, तमिलनाडु व पंजाब आदि हान्यों के लोग अपने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से महत्त्वपूर्ण राशि प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 9.
“1951-81 के दशकों को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप में जाना जाता है।” कथन को स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
(i) मुख्य श्रमिक: मुख्य श्रमिक वह व्यक्ति कहलाता है जो एक वर्ष में कम से कम 183 दिन तक आर्थिक दृष्टि से लाभकारी कार्य में लगा रहता है।
(ii) सीमान्त श्रमिक: सीमान्त श्रमिक वह व्यक्ति कहलाता है जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन कार्य करता है।
(iii) अश्रमिक: अश्रमिक वह व्यक्ति होता है जो वर्ष भर अपनी आजीविका के लिए कोई कार्य नहीं करता है। अपने भरण-पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। इसे आश्रित जनसंख्या भी कह सकते हैं।

प्रश्न 10.
गुच्छित बस्तियाँ क्या हैं ? इनके लक्षण बताइए। [1.5]
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियाँ:
भौतिक रूप से एक दूसरे से पृथक बस्तियों को पल्ली या पल्लीकृत बस्तियाँ कहा जाता है। इन बस्तियों को भारत के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पुरवे, पाड़ा, पाली, नंगला, ढाँणी आदि नामों से जाना जाता है। ये बस्तियाँ मध्य एवं निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ एवं हिमालय की निचली घाटियों में बहुतायत से पायी जाती हैं।

प्रश्न 11.
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं? बताइए। [1.5]
उत्तर:
भारतीय नगरों का विकास प्रागैतिहासिक काल से जारी है। प्राचीन कालीन नगरों की स्थिति सिंधु घाटी व हड़प्पा सभ्यता में भी मिलती है।
(i) नगरों के विकास की यह प्रक्रिया निरन्तर क्रियाशील है जिस पर यूरोपियन लोगों का प्रभाव भी पड़ा था।
(iii) विकास प्रक्रिया के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न भागों में बाँटा गया है
(अ) प्राचीन नगर, (ब) मध्यकालीन नगर (स) आधुनिक नगर।।

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 12.
भूमि सुधारों में कमी भारतीय कृषि की एक अहम् समस्या है, कैसे? बताइए। [1.5]
उत्तर:
अनाज की संरचना के आधार पर खाद्यान्नों को अनाज एवं दालों में वर्गीकृत किया जाता भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में खाद्यान्न फसलों का महत्व बहुत अधिक है। देश के समस्त बोये गए क्षेत्र के दो तिहाई भाग पर खाद्यान्न फसलें उगायी जाती हैं। देश के समस्त भागों में खाद्यान्न फसलों का महत्त्वपूर्ण स्थान है, चाहे वहाँ जीविका निर्वाह अर्थव्यवस्था अथवा व्यापारिक कृषि अर्थव्यवस्था आधारित हो। भारत विश्व का लगभग 11 प्रतिशत अनाज उत्पादित करता है।

प्रश्न 13.
पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तर दायी [1.5]
उत्तर:
देश के कुल उपयोग किये गये जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना इसलिए है क्योंकि भविष्य में भारत में हो रहे आर्थिक विकास को दृष्टिगत रखते हुए देश में औद्योगिक तथा घरेलू सेक्टरों में जल का उपयोग बढ़ने की सम्भावना है। जो कृषि पर लोगों की घटती निर्भरता का सूचक भी है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए [1.5]

कॉलम-I कॉलम-II
(i) भारतीय रेल की स्थापना (अ) 1960
(ii) कोंकण रेलवे का निर्माण (ब) 1853
(iii) सीमा सड़क संगठन की स्थापना (स) 1998

उत्तर:

कॉलम-I कॉलम-II
(i) भारतीय रेल की स्थापना (ब) 1853
(ii) कोंकण रेलवे का निर्माण (स) 1998
(iii) सीमा सड़क संगठन की स्थापना (अ) 1960

प्रश्न 15.
भारत में राष्ट्रीय महामार्गों के उपयोगों की व्याख्या कीजिए। [1.5]
उत्तर:
देश की आजादी के बाद जिन रेलमार्गों काविकास भारत में किया गया, उनमें से कोंकण रेलवे का निर्माण सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। इस मार्ग का निर्माण सन् 1998 में पूरा हुआ। यह रेलमार्ग 760 किमी. लम्बा है जो पश्चिमी समुद्री तट के साथ-साथ महाराष्ट्र में रोहा से लेकर कर्नाटक राज्य में मंगलौर तक जाता है। यह रेलमार्ग 146 नदियों व जलधाराओं, 2000 पुलों तथा 91 सुरंगों को पार करता है। इस रेलमार्ग पर एशिया की सबसे लम्बी रेल सुरंग (6-5 किमी.) भी है। इस रेलमार्ग के निर्माण से मुम्बई का मंगलौर से सीधा रेल सम्पर्क स्थापित हो गया है।

खण्ड – (स)

दीर्घउत्तरीय प्रश्न (3 x 3 = 9)

प्रश्न 16.
भारत में चिकित्सा पर्यटन के अवसरों की व्याख्या कीजिए। [3]
अथवा
नगरीय बाजार केन्द्रों का विश्लेषण कीजिए। [3]
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बाजार न होकर एक निश्चित समय पर स्थानीय रूप से आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले ये बाजार साप्ताहिक या पाक्षिक होते हैं तथा किसी निश्चित दिन/अथवा तिथि पर लगते हैं। इन बाजारों में आने वाले अधिकांश दुकानदार आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले लगभग सभी आवधिक बाजारों में अपनी सेवायें दिन/तिथि के अनुसार प्रदान करते हैं जिसके कारण महीने के अधिकांश दिनों में यह दुकानदार व्यस्त रहते हैं। किसी ग्रामीण बस्ती में लगने वाले आवधिक बाजार में मूल ग्रामीण बस्ती के अलावा समीपवर्ती ग्रामीण बस्तियों के लोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। इस प्रकार यह बाजार एक विस्तृत क्षेत्र को सेवा प्रदान करते रहते हैं।

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 17.
उत्पाद आधारित उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए। [3]
अथवा
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [3]
उत्तर:
द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। द्वितीयक गतिविधियाँ प्रकृति से प्राप्त कच्चे माल का रूप बदलकर उसे और अधिक मूल्यवान बना देती हैं। द्वितीयक गतिविधियाँ खेतों, वनों, खदानों एवं सागरों व महासागरों से प्राप्त पदार्थों का रूप परिवर्तन कर उन्हें मूल्यवान बना देती हैं। द्वितीयक गतिविधियाँ विनिर्माण, प्रसंस्करण एवं निर्माण अवसंरचना उद्योग से सम्बन्धित उदाहरण (i) कपास एक कच्चा पदार्थ है जिसका उपयोग सीमित है परन्तु रेशे में परिवर्तित होने के पश्चात् यह और अधिक मूल्यवान हो जाता है और इसका उपयोग वस्त्र निर्माण में होता है। (ii) खदानों से प्राप्त लौह अयस्क का प्रत्यक्ष उपयोग नहीं किया जाता लेकिन अयस्क से इस्पात बनाने के पश्चात् यह मूल्यवान हो जाता है तथा इसका उपयोग अनेक प्रकार की मशीनें व औजार बनाने में होता है।

प्रश्न 18.
सतत् पोषणीय विकास में जल संभर प्रबंधन की भूमिका की संक्षिप्त विवेचना कीजिए। [3]
अथवा
वर्षा जल संग्रहण हमारे लिए किस प्रकार लाभकारी है। कोई तीन बिंदु लिखिए। [3]
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण के लाभ-वर्षा जल संग्रहण से निम्नलिखित लाभ हैं

  1. वर्षा जल संग्रहण धरातलीय व भूमिगत जल की उपलब्धता में वृद्धि कर भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाता है साथ ही इससे भूमिगत जल को निकालने में ऊर्जा की बचत होती है।
  2. फ्लोराइड और नाइट्रेटस जैसे संदूषकों को कम करके अवमिश्रित भूमिगत जल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
  3. मृदा अपरदन तथा बाढ़ों को नियन्त्रित करने में सहयोग मिलता है।
  4. वर्षा जल संग्रहण विधि को जलभृतों के पुनर्भरण के लिए उपयोग किया जाता है जिसके कारण इससे तटीय क्षेत्रों में सागर के लवणीय जल का प्रवेश रुक जाता है।
  5. वर्षा जल संग्रहण घरेलू उपयोग के लिए भूमिगत जल पर, मानवीय समुदाय की निर्भरता को कम का है।
  6. भारत के अधिकांश नगरों में जल की माँग जल की आपूर्ति की तुलना में काफी बढ़ चुकी है। वर्षा जल संग्रहण से नगरों में जल की बढ़ती माँग को काफी सीमा तक पूरा किया जा सकता है।

खण्ड- (द)

निबन्धात्मक प्रश्न (4 x 2 = 8)

प्रश्न 19.
विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग संघटन में असंतुलन के लिए उत्तर:दायी कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए।
अथवा
विश्व के विकासशील देशों में हो रही जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
जनसंख्या संघटन के महत्त्वपूर्ण/घटक जनसंख्या संघटन के महत्त्वपूर्ण घटक आयु, लिंग, साक्षरता, आवास का स्थान आदि हैं। ये घटक विकास की भावी योजनाओं को निश्चित करने में सहायक होते हैं।
1. लिंग संघटन:
किसी भी देश की महत्त्वपूर्ण जनांकिकी विशेषता उसमें निवास करने वाले स्त्रियों और पुरुषों की संख्या होती है। जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंगानुपात कहा जाता है। लिंगानुपात किसी भी देश में स्त्रियों की स्थिति के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण सूचना होती है। औसतन विश्व में 1000 स्त्रियों के पीछे 1020 पुरुष हैं। यूरोप के लैटविया देश में विश्व का उच्चतम लिंगानुपात दर्ज किया गया है। इसके विपरीत एशिया के संयुक्त अरब अमीरात में निम्नतम लिंगानुपात दर्ज किया गया है। लिंगानुपात के विश्व प्रतिरूप से विश्व के विकसित देशों में कोई भिन्न अंतर नहीं दिखाई पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सूचीबद्ध139 देशों में लिंगानुपात स्त्रियों के लिए अनुकूल है जबकि शेष 72 देशों में यह उनके लिए प्रतिकूल है। सामान्यतः एशिया महाद्वीप में लिंगानुपात की स्थिति अच्छी नहीं है। एशिया वहीं दूसरी ओर रूस सहित यूरोपीय महाद्वीप के एक बड़े भाग में पुरुष अल्प संख्या में हैं। यहाँ लिंगानुपात स्त्रियों के अनुकूल है।

2. आयु संरचना:
यह जनसंख्या संघटन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। सामान्यतः जनसंख्या को तीन प्रमुख आयु समूहों में विभाजित किया जाता है। ये हैं-बाल आयु वर्ग (0-14), प्रौढ़ आयु वर्ग/वयस्क (15-59) एवं वृद्ध आयु वर्ग (60 या इससे अधिक वर्ष)। जब किसी देश में बच्चों की संख्या अधिक होती है तो निर्भर जनसंख्या का अनुपात बढ़ जाता है। इसके विपरीत 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील जनसंख्या अधिक हो जाती है। 60 वर्ष से अधिक आयु वाली जनसंख्या का एक बड़ा अनुपात उस वृद्ध जनसंख्या को प्रदर्शित करता है, जिसे स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओं के लिए अधिक खर्च की आवश्यकता होती

3. साक्षरता:
किसी देश की कुल जनसंख्या में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास का सूचक माना जाता है। साक्षर जनसंख्या के अनुपात से लोगों के रहन-सहन के स्तर, महिलाओं की सामाजिक स्थिति, शैक्षणिक सुविधाओं की उपलब्धता तथा प्रशासनिक नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। वस्तुतः आर्थिक विकास का स्तर साक्षरता का कारण एवं परिणाम दोनों ही है।

4. व्यावसायिक संरचना:
कार्यशील जनसंख्या विभिन्न प्रकार की सेवाओं एवं उत्पादन कार्यों में संलग्न मिलती है। कार्यशील जनसंख्या निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में कार्यरत मिलती है
(i) प्राथमिक क्षेत्र: जैसे कृषि, वानिकी, मत्स्य तथा खानन।
(ii) द्वितीयक क्षेत्र: परिवहन, संचार तथा अन्य सेवाएँ।
(iv) चतुर्थक क्षेत्र: अनुसंधान तथा वैचारिक विकास से संबंधित कार्य।
(v) पंचमक क्षेत्र:
परामर्शदाता, निर्णयकर्ता, नीति निर्माता एवं विशेषज्ञ। उक्त पाँचों क्षेत्रों में संलग्न कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी देश के आर्थिक विकास के स्तर का एक उत्तम सूचक है। आदिम अर्थव्यवस्था वाले देशों की अधिकांश कार्यशील जनसंख्या प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत मिलती है जबकि एक विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश की कार्यशील जनसंख्या का अधिकांश भाग द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थक एवं पंचमक क्षेत्रों में कार्यरत मिलता है।

(i) प्राथमिक क्षेत्र-जैसे कृषि, वानिकी, मत्स्य तथा खानन।
(ii) द्वितीयक
(iii) तृतीयक क्षेत्र: परिवहन, संचार तथा अन्य सेवाएँ।
(iv) चतुर्थक क्षेत्र: अनुसंधान तथा वैचारिक विकास से संबंधित कार्य।
(v) पंचमक क्षेत्र:
परामर्शदाता, निर्णयकर्ता, नीति निर्माता एवं विशेषज्ञ। उक्त पाँचों क्षेत्रों में संलग्न कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी देश के आर्थिक विकास के स्तर का एक उत्तम सूचक है। आदिम अर्थव्यवस्था वाले देशों की अधिकांश कार्यशील जनसंख्या प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत मिलती है जबकि एक विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश की कार्यशील जनसंख्या का अधिकांश भाग द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थक एवं पंचमक क्षेत्रों में कार्यरत मिलता है।

RBSE 12th Geography Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 20.
हुगली औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के प्रमुख कारण बताइये। इस क्षेत्र पर भारत विभाजन का क्या प्रभाव पड़ा ? [4]
अथवा
मुम्बई में सूती वस्त्र मिलों की स्थापना के लिए उत्तर:दायी कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हुगली औद्योगिक प्रदेश:
यह भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक प्रदेश है। यह प्रदेश हुगली नदी के दोनों किनारों पर उत्तर:ं में बॉसबेरिया से दक्षिण में बिड़लानगर तक लगभग 100 किमी. में फैला हुआ है। इस औद्योगिक प्रदेश के विकसित होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
(i) इस औद्योगिक प्रदेश में रेलों एवं सड़कों का जाल बिछा हुआ है। इसके अतिरिक्त हुगली नदी एक विशाल जलमार्म है। कोलकाता वायुमार्गों एवं समुद्री मार्गों से जुड़ा हुआ है।

(ii) इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। देश का अधिकांश जूट आसपास के क्षेत्रों में उगाया जाता है जिसका प्रयोग जूट उद्योग में किया जाता है। यहाँ अन्य उद्योगों जैसे कागज, रसायन, इंजीनियरिंग उद्योगों के लिए भी पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध है।

(iii) इस प्रदेश को दामोदर घाटी की कोयला खानों से कोयला एवं छोटा नागपुर पठार से पर्याप्त मात्रा में लौह अयस्क मिल जाते हैं।

(iv) इस प्रदेश को बिहार के घने बसे भागों, पूर्वी उत्तर: प्रदेश और उड़ीसा से पर्याप्त मात्रा में सस्ते श्रमिक उपलबही जाते हैं।

(v) इस प्रदेश को हुगली नदी से पर्याप्तस्वच्छ जल मिल जाता है जो जूट उद्योग, कागज उद्योग, रसायन उद्योग एवं अन्य कई उद्योगों के लिए अति आवश्यक है।

(vi) कोलकाता एक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह है, जिससे इस क्षेत्र को आयात-निर्यात की सुविधाएँ प्राप्त हो जाती हैं।

(vii) ब्रिटिशकालीन भारत की प्रथम राजधानी होने के कारण कोलकाता में ब्रिटिश पूँजी के मिलने में बड़ी सुविधा थी।

(viii) इस प्रदेश के समीपवर्ती राज्य अधिक आबादी वाले क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में यहाँ के उद्योगों में निर्मित वस्तुओं की भारी माँग रहती

(ix) इस प्रदेश को निकटवर्ती दामोदर नदी घाटी परियोजना से पर्याप्त जल विद्युत उपलब्ध हो जाती है।

(x) कोलकाता में इस प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए पर्याप्त पूँजी एवं बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं। हुगली औद्योगिक प्रदेश पर भारत विभाजन का प्रभाव-हुगली औद्योगिक प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग जूट उद्योग था। भारत की लगभग 90 प्रतिशत जूट से बनी वस्तुओं का निर्माण इसी क्षेत्र में होता था। सन् 1947 में भारत के विभाजन के साथ ही अधिकांश जूट उत्पादक क्षेत्र बाँग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) में चला गया। जिससे यहाँ के जूट उद्योग को कच्चा माल प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न हुई। इस समस्या को इस प्रदेश में तथा अन्य प्रदेशों में अधिक मात्रा में जूट उत्पादित करके सुलझाया गया।

प्रश्न क्रमांक 21 से 22 मानचित्र कार्य से सम्बन्धित हैं। प्रत्येक प्रश्न-2 अंक का है।

21. दिए गए विश्व के रेखा मानचित्र में सहकारी कृषि वाले निम्नांकित देशों को दर्शाइए [4]
(अ) डेनमार्क
(ब) नीदरलैंड
(स) स्वीडन
(द) इटली
RBSE 12th Geography Model Paper Set 1 with Answers in Hindi 18
उत्तर:
RBSE 12th Geography Model Paper Set 1 with Answers in Hindi 20
22. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नांकित खनिज उत्पादक क्षेत्रों को दर्शाइए [4]
(अ) कोरबा
(ब) नेवेली
(स) खेतड़ी
(द) मयूरगंज।
RBSE 12th Geography Model Paper Set 1 with Answers in Hindi 19
उत्तर:
RBSE 12th Geography Model Paper Set 1 with Answers in Hindi 21

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