Students must start practicing the questions from RBSE 12th Geography Model Papers Set 8 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Geography Model Paper Set 8 with Answers in Hindi
समय: 2:45 घण्टे
पूर्णांक: 56
सामान्य निर्देश :
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तरदी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर: एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न (1 x 9 = 9)
(i) निम्नलिखित में से भूगोल की कौन-सी शाखा मानव भूगोल में सम्मिलित नहीं है
(अ) संसाधन भूगोल
(ब) जलवायु विज्ञान
(स) पर्यटन भूगोल
(द) कृषि भूगोल
उत्तर:
(ब) जलवायु विज्ञान
(ii) निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग अनुपात को निम्न किया है?
(अ) पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास
(ब) पुरुषों की उच्च जन्म दर
(स) स्त्रियों की निम्न जन्म दर
(द) स्त्रियों का उच्च उत्प्रवास।
उत्तर:
(अ) पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास
(iii) ट्यूलिप नामक पुष्प की खेती में निम्न में से कौन-सा देश विशिष्टीकरण रखता है?
(अ) डेनमार्क
(ब) नीदरलैण्ड
(स) बेल्जियम
(द) फ्रांस
उत्तर:
(ब) नीदरलैण्ड
(iv) वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा एवं उभरता हुआ तृतीयक क्रियाकलाप है
(अ) थोक व्यापार
(ब) फुटकर व्यापार
(स) संचार तन्त्र
(द) पर्यटन।
उत्तर:
(द) पर्यटन।
(v) निम्न में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं ?
(अ) वृत्ताकार
(ब) रेखीय
(स) चौक पट्टी
(द) वर्गाकार।
उत्तर:
(ब) रेखीय
(vi) निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है ?
(अ) पश्चिम बंगाल
(ब) केरल
(स) उत्तर: प्रदेश
(द) पंजाब।
उत्तर:
(अ) पश्चिम बंगाल
(vii) निम्न में से ग्रामीण बस्ती का प्रकार है
(अ) गुच्छित
(ब) अर्द्धगुच्छित
(स) पल्लीकृत
(द) ये सभी।
उत्तर:
(द) ये सभी।
(viii) निम्न में से कौन-सी एक खाद्य एवं चारा फसल है
(अ) गेहूँ
(ब) दालें
(स) अरहर
(द) मक्का ।
उत्तर:
(द) मक्का ।
(ix) अरवारी पानी संसद नामक जल संभर विकास परियोजना निम्न में से किस राज्य से सम्बन्धित है
(अ) राजस्थान
(ब) उत्तर: प्रदेश
(स) महाराष्ट्र
(द) केरल।
उत्तर:
(अ) राजस्थान
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (1 x 4 = 4)
(i) ……………… उद्योग सभी उद्योगों का आधार है।
उत्तर:
लौह इस्पात
(ii) भारत की अधिकांश जनसंख्या का प्रमुख भोजन ……………… है।
उत्तर:
चावल
(iii) महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले का ……………. गाँव सम्पूर्ण देश में जल संभर विकास का एक उदाहरण है।
उत्तर:
रालेगण सिद्धी
(iv) बड़ी लाइन में रेलपटरियों के मध्य की दूरी ……………… मीटर होती है।
उत्तर:
1.6161
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (1 x 4 = 4)
(i) लिंगानुपात ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
(ii) विश्व के विकासशील राष्ट्रों में खनन कार्य सफलतापूर्वक क्यों संचालित हो रहा है?
उत्तर:
क्योंकि विश्व में विकासशील राष्ट्रों में पर्याप्त संख्या में सस्ते खनन श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं जिसके कारण खनन कार्य में इन देशों को कम श्रम मूल्य व्यय करना पड़ता है।
(iii) किन्हीं दो निर्माण उद्योगों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) लौह-इस्पात उद्योग
(ii) पेट्रो-रसायन उद्योग,
(iv) वर्तमान समय में किन सेवाओं का विकसित देशों से बाह्य संगठन किया जा रहा है? किन्हीं दो का नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) सूचना प्रौद्योगिकी
(ii) ग्राहक सहायता सेवा।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक (1.5 x 12 = 18)
प्रश्न 4.
संभववाद विचारधारा क्या है? स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
फ्रांसीसी विद्वानों द्वारा प्रतिपादित संभववाद की विचारधारा यह मानती है कि ‘प्रकृति मानव को अनेक संभावनाएँ प्रदान करती है तथा मानव इन संभावनाओं का स्वामी होने के नाते इनके उपयोग का निर्णयकर्ता होता है।’ वस्तुतः संभववादियों के लिए मानव की चयन करने की स्वतंत्रता सबसे अधिक महरापूर्ण है न कि प्रकृति और उसका प्रभाव।.. समय के साथ-साथ लोग अपने पर्यावरण तथा प्राकृतिक बलों को भली-भाँति समझने लगते हैं। वे अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी का विकास कर अपना सामाजिक व सांस्कृतिक विकास भी करते हैं। आधुनिक मानव इसी सक्षम प्रौद्योगिकी के बल पर पर्यावरण से विभिन्न संसाधनों को प्राप्त कर अनेक संभावनाओं या अवसरों को जन्म देता है।
प्रश्न 5.
मानव भूगोल के विषय क्षेत्र के मख्य पक्ष कौन-कौन से हैं? [1.5]
उत्तर:
मानव भूगोल के अन्तर्गत प्राकृतिक पर्यावरण एवं मानव समुदायों के आपसी कार्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत मानव जनसंख्या के विभिन्न पहलुओं, प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक उद्देश्यों, मान्यताओं तथा रीति-रिवाजों का अध्ययन किया जाता है। मानव भूगोल के विषय क्षेत्र के प्रमुख पक्षों को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है
(i) मानव संसाधन।
(ii) प्रदेश में मौजूद विभिन्न प्राकृतिक संसाधन।
(iii) मानव निर्मित सांस्कृतिक भूदृश्य।
(iv) मानव और वातावरण के मध्य आपसी समायोजन।
(v) विभिन्न प्रदेशों के मध्य आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध।
(vi) कालिक विश्लेषण। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने नगर रणनीति की निम्न प्राथमिकताओं को महत्त्वपूर्ण माना ।
प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने नगर रणनीति की कौन-कौन-सी प्राथमिकताएं बताई हैं ? [1.5]
उत्तर:
(i) नगरीय निर्धनों के लिए आश्रय-स्थलों में वृद्धि।
(ii) आधारभूत नगरीय सुविधाएँ; जैस-शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य, स्वच्छ जल तथा सफाई व्यवस्था उपलब्ध कराना।
(iii) महिलाओं की मूलभूत सेवाओं तथा राजकीय सुविधाओं तक पहुँच में सुधार।
(iv) ऊर्जा उपयोग तथा वैकल्पिक परिवहन तत्व को विकसित करना।
(v) वायु प्रदूषण कम करना।
प्रश्न 7.
विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों की चार प्रमुख समस्याएँ लिखिए। [1.5]
उत्तर:
विकासशील देशों में ग्रामीण बस्तियों की निम्नलिखित समस्याएँ हैं
(i) जल की अपर्याप्त आपूर्ति
(ii) जलजनित बीमारियों की अधिकता
(iii) सिंचाई सुविधाओं की कमी
(iv) शौचालय व कूड़ा-कचरा निस्तारण की नगण्य सुविधाएँ
(v) मकानों में उपयुक्त वायु संवहन का अभाव
प्रश्न 8.
अंत:राज्यीय प्रवास एवं अन्तर-राज्यीय प्रवास क्या है ? स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
अंतराज्यीय प्रवास एक ही राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान को होने वाले आवागमन को अंत:राज्यीय प्रवास कहते हैं जैसे-राजस्थान राज्य में अलवर एवं जयपुर के बीच होने वाला आवागमन। अन्तर-राज्यीय प्रवास एक राज्य से दूसरे राज्य में होने वाले प्रवास को अन्तर-राज्यीय प्रवास कहते हैं जैसे- राजस्थान एवं उत्तर: हादेश में होने वाला आवागमन।
प्रश्न 9.
1901 से 1921 की अवधि को भारत की जनसंख्या की वृद्धि की रुद्ध अथवा स्थिर प्रावस्था क्यों कहा जाता है?[1.5]
उत्तर:
1901 से 1921 की अवधि को भारत की जनसंख्या की रुद्ध अथवा स्थिर प्रावस्था कहलाती है क्योंकि इस अवधि के दौरान जनसंख्या वृद्धि अत्यधिक निम्न थी। 1901 से 1921 की अवधि के दौरान जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गई। जन्म व मृत्यु दर दोनों ऊँची थी जिससे वृद्धि दर निम्न बनी रही। निम्न चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, निरक्षरता, भोजन एवं अन्य आधारभूत आवश्यकताओं का अपर्याप्त वितरण इस अवधि के दौरान उच्च मृत्यु दरों के लिए मुख्य रूप से उत्तर:दायी था।
प्रश्न 10.
भारत की ग्रामीण बस्तियों के किन्हीं दो प्रकारों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। [1.5]
उत्तर:
(i) गुच्छित बस्तियाँ –घरों का एक संहत तथा संकुचित रूप से निर्मित क्षेत्र गुच्छित बस्ती कहलाता है। मध्य भारत के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, नागालैण्ड तथा राजस्थान में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुख रूप से मिलती हैं।
(ii) अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ ऐसी बस्ती किसी परिक्षिप्त (एकाकी) बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने के कारण निर्मित होती हैं। गुजरात के मैदान तथा राजस्थान के कुछ भागों में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुखता से मिलती हैं।
प्रश्न 11.
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति को स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
नगरीकरण के स्तर का माप कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में किया जाता है। भारत में नगरीकरण का इतिहास बहुत प्राचीन है। सन् 1901 में भारत में नगरीय जनसंख्या केवल 2-5 करोड़ थी जो सन् 2011 में बढ़कर 37.70 करोड़ हो गयी। 20 वीं शताब्दी के दौरान देश में नगरीय जनसंख्या लगभग 14 गुनी हो गयी। कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के अनुपात में नगरीय जनसंख्या भी सन् 1901 में 10-84 प्रतिशत से बढ़कर सन् 2011 में 31.16 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि में नगरों की संख्या भी 1827 से बढ़कर 6171 अर्थात् लगभग 3.5 गुनी हो गई। नगरीय केन्द्रों के विस्तार एवं नए नगरों के उदय ने देश में नगरीय जनसंख्या की वृद्धि – एवं नगरीकरण में सार्थक भूमिका निभायी है।
प्रश्न 12.
कृषि भूमि पर निरन्तर बढ़ते दबाव के क्या कारण हैं? [1.5]
उत्तर:
12. समय बीतने के साथ-साथ भूमि पर कृषि का दबाव बढ़ता चला जा रहा है। भूमि पर कृषि के दबाव के बढ़ने के दो प्रमुख कारण
(i) नगरीयकरण की प्रवृत्ति से कृषि योग्य भूमि आवासी एवं परिवहन के कार्यों में प्रयुक्त होती है जिससे कृषि योग्य भूमि घटती है।
(ii) कृषि सेक्टर पर निर्भर करने वाली जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि होती रहती है।
(iii) प्रायः विकासशील देशों में कृषि पर निर्भर व्यक्तियों का अनुपात अपेक्षाकृत धीरे-धीरे कम होता है। जबकि कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान तीव्रता से कम होता है।
प्रश्न 13.
अलवणीय जल का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? [1.5]
उत्तर:
पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत धरातल जल से घिरा हुआ है, परन्तु अलवणीय जल कुल जल का केवल लगभग 3 प्रतिशत ही है। वास्तव में अलवणीय जल का एक बहुत छोटा भाग ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। अलवणीय जल की उपलब्धता स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है। इस अलवणीय जल के द्वारा ही मानवीय भोज्य पदार्थों के उत्पादन एवं पीने योग्य जल की आपूर्ति होती है। किन्तु इस अलवणीय जल की जनसंख्या वृद्धि के कारण घटती उपलब्धता ने मानवीय विकास, उद्योगों, आवासों एवं पारस्परिक संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अत जल संरक्षण आवश्यक है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए [1.5]
रेलमंडल | मुख्यालय |
(i) उत्तर:मध्य रेलवे | (अ) चेन्नई |
(ii) दक्षिण रेलवे | (ब) कोलकाता |
(iii) पूर्वी रेलवे | (स) इलाहाबाद |
उत्तर:
रेलमंडल | मुख्यालय |
(i) उत्तर:मध्य रेलवे | (स) इलाहाबाद |
(ii) दक्षिण रेलवे | (अ) चेन्नई |
(iii) पूर्वी रेलवे | (ब) कोलकाता |
प्रश्न 15.
रेल पटरी की चौड़ाई के अनुसार भारतीय रेल के तीन वर्गों का विवरण लिखिए। [1.5]
उत्तर:
रेल पटरी की चौड़ाई के अनुसार भारतीय रेल के निम्नलिखित तीन वर्ग हैं
(1) बड़ी लाइन (Broad Gauge) इसमें रेल पटरियों के मध्य की दूरी 1-616 मीटर होती है। 2016 में देश में 60510 किमी. लम्बाई की बड़ी लाइनें थीं।
(2) मीटर लाइन (Meter Gauge) इसमें रेल पटरियों के मध्य की दूरी 1 मीटर होती है। 2016 में 3880 किमी. लम्बाई की मीटर रेलवे लाइनें थीं।
(3) छोटी लाइन (Narrow Gauge) इसमें रेल पटरियों के मध्य की दूरी 0.762 मीटर या 0-610 मीटर होती है। इन रेल लाइनों की कुल लम्बाई 2297 किमी थी।
खण्ड – (स)
दीर्घउत्तरीय प्रश्न (3 x 3 = 9)
प्रश्न 16.
पर्यटन क्या है? पर्यटन आकर्षण के प्रमुख कारक बताइए। [3]
अथवा
परिवहन सेवाएँ क्या हैं? परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण कीजिए। [3]
उत्तर:
पर्यटन-पर्यटन एक मात्रा है जो व्यापार की अपेक्षा आमोद-प्रमोद के उद्देश्य से की जाती है। दूसरे शब्दों में, मनोरंजन के लिए की – गयी मात्रा पर्यटन कहलाती है। पर्यटन आकर्षण के प्रमुख कारक-पर्यटकों को आकर्षित करने में निम्नलिखित कारकों की भूमिका अग्रणी रहती है
(1) जलवायु:
अवकाश अवधि के दौरान पर्यटक प्रायः ऐसे क्षेत्रों में जाना पसन्द करते हैं, जहाँ अनुकूल जलवायु दशायें मिलती हों। यूरोप में शीतकालीन अवकाश का आनंद उठाने के लिए अधिकांश पर्यटक भूमध्य सागरीय क्षेत्रों के उष्ण व धूपदार मौसम से आकर्षित होकर इन क्षेत्रों में आते हैं।
(2) भूदृश्य आकर्षण: पर्वतीय भूदृश्य, झीलें तथा सागरीय तट जैसे प्राकृतिक भूदृश्य पर्यटकों को प्रमुख रूप से आकर्षित करते .
(3) इतिहास एवं कला: प्राचीन स्मारकों, विरासत स्थलों, पुरातत्व स्थलों, किलों, महलों तथा धार्मिक स्थलों का आकर्षण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
(4) संस्कृति तथा अर्थव्यवस्था:
सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पर्यटक क्षेत्रों के वे अधिवास जहाँ पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवासीय व भोजन व्यवस्था उपलब्ध होती है, उन क्षेत्रों की ओर भी अधिक पर्यटक आकर्षित होते हैं। गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकरे तथा कूर्ग इसके उदाहरण है।
प्रश्न 17.
कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है। कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
परम्परागत बड़े पैमाने वाले उद्योगों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
उद्योगों में बहुत बड़ी मात्रा में कच्चे माल की आवश्यकता होती है। यदि यह कच्चा माल दूर से मँगाया जाता है तो परिवहन में काफी खर्च होता है। उद्योगों के लिए कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं सरलता से परिवहन योग्य होना चाहिए। यदि कच्चा माल भारी है तो परिवहन मूल्य अधिक लगता है और लागत खर्च बढ़ जाता है। अत: जिन क्षेत्रों में भारी कच्चे माल की प्राप्ति तक की अभिगम्यता होती है, उनमें विनिर्माण उद्योग लगाये जा सकते हैं। जैसे लौह इस्पात व चीनी के कारखाने, सीमेण्ट के कारखाने, लुगदी का बनाना, कागज उद्योग आदि कच्चे माल की सुलभता से मिलने पर निर्भर रहते हैं। जो पदार्थ शीघ्र नष्ट होने वाले होते हैं, उनके निर्माण उद्योग भी उन पदार्थों की उपलब्धता के समीप ही स्थापित किए जाते हैं; जैसे-दुग्ध पदार्थों, पनीर, मक्खन आदि का निर्माण तथा फलों से डिब्बा बन्द सामग्री का निर्माण आदि।
प्रश्न 18.
जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है ? इसके संरक्षण हेतु क्या-क्या उपाय किये जा सकते हैं ? संक्षेप मेंबताइये।
अथवा
भारत में जल संसाधनों की उपलब्धता का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
जल संरक्षण की आवश्यकता हमारे देश में अलवणीय जल की उपलब्धता स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है। वर्तमान समय में इसकी घटती हुई उपलब्धता एवं बढ़ती माँग से सतत पोषणीय विकास के लिए इस महत्वपूर्ण जीवनदायी संसाधन के संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गई है। जल संरक्षण हेतु उपाय-जल संरक्षण हेतु जल बचत तकनीकी एवं विधियों के विकास के साथ-साथ जल प्रदूषण से बचाव के भी प्रयास किये जाने आवश्यक हैं। इस हेतु जल संभर विकास, वर्षा जल संग्रहण, जल के पुनः चक्रण और पुन: उपयोग तथा लम्बे समय तक जल की आपूर्ति के लिए जल के संयुक्त उपयोग को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।
खण्ड-(द)
निबन्धात्मक प्रश्न (4 x 2 = 8)
प्रश्न 19.
विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप को बताइए। साथ ही विश्व के विकासशील देशों में हो रही जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों का वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
लिंगानुपात के संदर्भ में एशिया व यूरोप महाद्वीप की स्थिति का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वितरण का प्रारूप जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व के प्रारूप से हमें किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में सहायता प्राप्त होती है। ‘जनसंख्या वितरण’ शब्द का अर्थ भूपृष्ठ पर लोग किस प्रकार वितरित हैं इस बात से लगाया जाता है कि विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। मोटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत इसके 10 प्रतिशत स्थलीय भाग में निवास करता है। विश्व के दस सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों-चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश, रूस एवं मैक्सिको में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
इन दस देशों में 6 देश एशिया महाद्वीप में स्थित हैं। एशिया की जनसंख्या के सम्बन्ध में जॉर्जीसी. क्रेसी ने बिल्कुल ठीक टिप्पणी की है कि, “एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर बहुत कम लोग और बहुत कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं।” यही स्थिति विश्व के जनसंख्या वितरण प्रारूप के सम्बन्ध में देखने को मिलती है। विकासशील देशों में जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामविश्व के अधिकांश विकासशील राष्ट्रों में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि अनुभव की जा रही है। जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के निम्नलिखित दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं
(i) उपलब्ध संसाधनों का तेजी से ह्यस हो रहा है जिसके कारण प्रति व्यक्ति संसाधनों की उपलब्धता का स्तर घटता जा रहा है।
(ii) देश के उपलब्ध संसाधन देश की बढ़ती जनसंख्या का पर्याप्त भरण-पोषण नहीं कर पाते जिसके कारण उन देशों में भुखमरी, महामारी तथा गृह-युद्ध जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। एड्स/ एच. आई. वी. जैसी घातक बीमारियों के प्रकोप ने अफ्रीका सहित स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के कुछ भागों में तथा एशिया में मृत्यु दर को बढ़ा दिया है।
(iii) भुखमरी, महामारी तथा गृह-युद्ध जैसी समस्याओं से ग्रस्त क्षेत्रों के निवासियों के औसत जीवन की जीवन प्रत्याशा घट जाती है।
(iv) पोषण स्तर कम हो जाता है।
(v) आवासों की कमी एवं गंदी बस्तियों का उदय होता है।
(vi) पर्यावरण प्रदूषण संबंधी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
(vii) रोजगारहीनता बढ़ती है।
प्रश्न 20.
भारत के भूसंसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएँ कौन-सी हैं ? उनका निदान कैसे किया जाए? [4]
अथवा
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों की संक्षेप में विवेचना कीजिए। [4]
उत्तर:
भारत के भूसंसाधनों पर बढ़ते दबाव के कारण अनेक पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं, जिनमें निम्नलिखित पर्यावरणीय समस्याएँ उल्लेखनीय हैं
(i) मृदा उर्वरकता में ह्रास:
कृषि भूमि पर तेजी से बढ़ती जनसंख्या के बढ़ते दबाव से कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से जहाँ एक ओर दलहनों के कृषि क्षेत्र में कमी आ रही है, वहीं दूसरी ओर बहु-फसलीकरण में बढ़ोत्तरी होने से परती भूमि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कमी आई है। इससे भूमि में पुन उर्वरकता पाने की प्राकृतिक प्रक्रिया अवरुद्ध हुई है जैसे नाइट्रोजनीकरण। साथ ही पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक रसायनों का प्रयोग भी भारतीय कृषकों द्वारा किया जा रहा है। उक्त कारणों २. से भारत के विभिन्न क्षेत्रों की मृदा उत्पादकता में ह्यस अनुभव किया जा रहा है। सिंचाई र तथा कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों के : कारण यह समस्या और भी गम्भीर हो गई.
(ii) मृदा अपरदन:
भारत में समुचित रख-रखाव व प्रबन्धन के अभाव में प्रतिवर्ष ‘लाखों हेक्टेयर भूमि मृदा अपरदन की समस्या से ग्रस्त हो रही है। शुष्क क्षेत्रों, पर्याप्त वर्षा प्राप्त करने वाले वनस्पति विहीन क्षेत्रों, जलोढ़ मिट्टी वाले भागों, कटे-फटे पठारी भागों में. तथा तीव्र ढाल रखने वाले धरातलीय भू-भागों में मृदा अपरदन प्रमुख रूप से प्रभावी मिलता
(iii) लवणता एवं मृदा क्षारता तथा जलाक्रांतता:
अभी तक भारत की लगभग 80 लाख हेक्टेयर भूमि लवणता व क्षारता से प्रभावित हो चुकी है। इसके अलावा देश की लगभग 70 लाख हेक्टेयर भूमि जलाक्रांतता. के कारण अपनी उर्वरकता खो चुकी है।
(iv) मृदा परिच्छेदिका में जहरीले तत्वों का जमाव:
भारतीय कृषकों द्वारा कृषि भूमि में अत्यधिक कीटनाशक रसायनों के प्रयोग से वहाँ की मृदा परिच्छेदिका में जहरीले तत्वों का जमाव बढ़ रहा है जिसके कारण कृषि उत्था भी विषैले हो रहे हैं जिनके उपयोग से मानवीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भूसंसाधनों की पर्यावरणीय समस्याओं का निदान
(i) मृदा उत्पादकता में बस, मृदा अपरदन, लवणता तथा जलाक्रांतता की समस्या से निपटने के लिये कृषि भूमि के समुचित रख-रखाव व प्रबन्धन सम्बन्धी वैज्ञानिक विधियों का समुचित उपयोग आवश्यक है।
(iii) कृषि फसलों में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक उर्वरकों का अधिकाधिक उपयोग किया जाये। साथ ही, खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ दलहनी फसलों की कृषि को पर्याप्त प्रोत्साहन दिया जाए।
(iii) मृदा परिच्छेदिका में कीटनाशक रसायनों के जमाव को रोकने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सहायता लेकर फसलों को सुरक्षित किया जाए।
प्रश्न क्रमांक 21 से 22 मानचित्र कार्य से सम्बन्धित हैं। प्रत्येक प्रश्न-2 अंक का है।
प्रश्न 21.
दिए गए विश्व के रेखा मानचित्र में निम्नांकित को अंकित कीजिए [4]
(अ) जर्मनी
(ब) नाइजीरिया
(स) टोक्यो
(द) विशाखापट्टनम विश्व
उत्तर:
प्रश्न 22.
भारत के दिए गए रेखा मानचित्र में निम्नलिखित अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तनों को दर्शाइए। [4]
(अ) चेन्नई
(ब) अमृतसर
(स) बैंगलूरु
(द) थिरुवनंथपुरम।
उत्तर:
Leave a Reply