Students must start practicing the questions from RBSE 12th History Model Papers Set 8 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 History Model Paper Set 8 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न- निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए
(i) हड़प्पा के स्थलों से प्राप्त जले अनाज के दानों तथा बीजों की खोज से हड़प्पावासियों की आहार सम्बन्धी आदतों के विषय में जानकारी प्राप्त करने में निम्नलिखित विद्वानों का कौन-सा वर्ग सफल रहा? [1]
(अ) पुरा-प्राणि विज्ञानियों
(ब) पुरा-मानवजाति विज्ञानियों
(स) भू-पुरातत्वविदों
(द) पुरा-वनस्पतिज्ञों।
उत्तर:
(द) पुरा-वनस्पतिज्ञों।
(ii) हड़प्पा संस्कृति में शिल्प उत्पादन केन्द्रों की पहचान के संबंध में निम्नलिखित कथनों का अध्ययन कीजिए- [1]
(1) पुरातत्वविद कच्चा माल; जैसे- प्रस्तर पिंड, ताँबा-अयस्क, शंख आदि को खोजते हैं।
(2) वे मृदा की संरचना का अध्ययन करते हैं।
(3) वे अपूर्ण वस्तुएँ, त्याग दिया गया माल और कूड़ा-करकट पाते हैं।
(4) उन्होंने मृदाओं के रासायनिक विश्लेषण के प्रयास किए।
शिल्प उत्पादन केन्द्रों की पहचान के लिए ऊपर दिए गए कारणों में से कौन-से सही हैं?
(अ) (1) और (2)
(ब) (2) और (3)
(स) (1) और (3)
(द) (3) और (4)
उत्तर:
(स) (1) और (3)
(iii) इंडिका के लेखक हैं- [1]
(अ) मेगस्थनीज
(ब) हरिषेण
(स) कनिंघम
(ग) व्हीलर
उत्तर:
(अ) मेगस्थनीज
(iv) किस शासक को भारत का नेपोलियन कहा जाता है? [1]
(अ) विष्णुगुप्त
(ब) समुद्रगुप्त
(स) अशोक
(द) चन्द्रगप्त
उत्तर:
(ब) समुद्रगुप्त
(v) हस्तिनापुर के उत्खननकर्ता थे- [1]
(अ) व्हीलर
(ब) बी. बी. लाल
(स) कनिंघम
(द) एस. आर. राव
उत्तर:
(ब) बी. बी. लाल
(vi) ‘किताब-उल-हिन्द’ के लेखक कौन हैं- [1]
(अ) इब्न बतूता
(ब) बर्नियर
(स) अल बिरूनी
(द) अब्दुल रज्जाक।
उत्तर:
(स) अल बिरूनी
(vii) शेख सलीम चिश्ती की पवित्र दरगाह कहाँ स्थित है? [1]
(अ) फतेहपुर सीकरी
(ब) अजमेर
(स) श्रीनगर
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) फतेहपुर सीकरी
(viii) कृष्णदेव राय का सम्बन्ध किस वंश से था? [1]
(अ) संगम वंश
(ब) सालुव वंश
(स) तुलुव वंश
(द) अराविदु वंश।
उत्तर:
(स) तुलुव वंश
(ix) इस्तमरारी बन्दोबस्त (स्थायी बन्दोबस्त) कब लागू हुआ? [1]
(अ) 1765 ई.
(ब) 1772 ई.
(स) 1784 ई.
(द) 1793 ई.।
उत्तर:
(द) 1793 ई.।
(x) निम्न में से किस वर्ष रेलवे की शुरुआत हुई? [1]
(अ) सन् 1853 ई. में
(ब) सन् 1953 ई. में
(स) सन् 1984 ई. में
(द) सन् 2012 ई. में।
उत्तर:
(अ) सन् 1853 ई. में
(xi) भारतीय राष्ट्र का पिता माना गया है- [1]
(अ) महात्मा गाँधी को
(ब) पं. जवाहरलाल नेहरू को
(स) सुभाष चन्द्र बोस को
(द) सरदार वल्लभभाई पटेल को।
उत्तर:
(अ) महात्मा गाँधी को
(xii) जमींदार कुंवर सिंह का सम्बन्ध था- [1]
(अ) बरेली (उत्तर प्रदेश) से
(ब) अजमेर (राजस्थान) से
(स) आरा (बिहार) से
(द) कलकत्ता (बंगाल) से।
उत्तर:
(स) आरा (बिहार) से
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(i) कबीर की बानियाँ, कबीर बीजक, कबीर ग्रंथावली ………… में संकलित है। [1]
(ii) चार्ल्स कार्नवालिस बंगार का गर्वनर था जिसने 1793 ई. में. बंगाल में ………… लागू किया था। [1]
(iii) अंग्रेजों ने हिल स्टेशनों को …………. के रूप में विकसित किया जहाँ सिपाहियों को विश्राम करने व इलाज कराने के लिए भेजा जाता था। [1]
(iv) सविनय अवज्ञा आन्दोलन महात्मा गाँधी की …………. से प्रारम्भ हआ। [1]
(v) इतिहासकार समाज में हए परिवर्तनों को समझने के लिए प्रायः …………. का उपयोग करते हैं। [1]
(vi) नाना साहिब पेशवा बाजीराव द्वितीय के उत्तराधिकारी थे जिन्होंने ………… में विद्रोही सिपाहियों व शहर के लोगों का नेतृत्व किया। [1]
उत्तर:
(i) आदि ग्रन्थ साहिब,
(ii) इस्तमरारी बंदोबस्त,
(iii) सेनेटोरियम,
(iv) दाण्डी यात्रा,
(v) साहित्यिक परम्पराओं,
(vi) कानपुर।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न- निम्न प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा एक पंक्ति में दीजिए।
(i) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल रहे किन्हीं दो पुरातत्ववेत्ताओं के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
(1) कनिंघम, (2) व्हीलर।
(ii) महाभारत के समालोचनात्मक संस्करण तैयार करने की परियोजना किसके नेतृत्व में तथा कब शुरू हुई ? [1]
उत्तर:
सन् 1919 में बी. एस. सुकथांकर के नेतृत्व में महाभारत के समालोचनात्मक संस्करण तैयार करने की परियोजना प्रारम्भ हुई।
(iii) किस राजवंश में राजाओं के नाम से पूर्व माताओं का नाम लिखा जाता था ? [1]
उत्तर:
सातवाहन राजवंश में।
(iv) अल बिरूनी द्वारा भारत के धर्म, दर्शन, खगोल विज्ञान तथा कानून पर लिखी गई पुस्तक का नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
‘किताब-उल-हिन्द’।
(v) इब्न बतूता कहाँ का निवासी था? [1]
उत्तर:
मोरक्को का।
(vi) सूफ़ी कौन थे ? [1]
उत्तर:
इस्लाम की आरंभिक शताब्दियों में कुछ आध्यात्मिक लोगों का रहस्यवाद और वैराग्य की ओर अधिक झुकाव था, जिन्हें सूफ़ी कहा जाता था।
(vii) मीराबाई के गुरु कौन थे? [1]
उत्तर:
मीराबाई के गुरु रैदास थे।
(viii) ब्रिटेन में कपास आपूर्ति संघ की स्थापना कब हुई ? [1]
उत्तर:
1857 ई. में ब्रिटेन में कपास आपूर्ति संघ की स्थापना हुई।
(ix) दामिन-ए-कोह किसे कहा गया? [1]
उत्तर:
सन् 1832 में संथालों को स्थाई रूप से बसाने के लिए जमीन के बहत बड़े भाग को संथालों के लिए सीमांकित किया। जिसे दामिन-ए-कोह कहा गया।
(x) अवध का नवाब कौन था? [1]
उत्तर:
नवाब वाजिद अली शाह।
(xi) सहायक संधि कब व किसके द्वारा तैयार की गई? [1]
उत्तर:
सहायक संधि 1798 ई. में लॉर्ड वेलेजली द्वारा तैयार की गई।
(xii) उस किले का नाम लिखिए जिसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा मद्रास में बनाया था। [1]
उत्तर:
सेंट जॉर्ज किला (फोर्ट सेंट जॉर्ज)।
खण्ड – ब
लघूत्तरात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 50 शब्द)
प्रश्न 4.
आप किन आधारों पर कह सकते हैं कि सिंधु सभ्यता के लोग सफाई पसन्द करते थे ? [2]
उत्तर:
हम निम्नलिखित आधारों पर कह सकते हैं कि सिंधु सभ्यता के लोग सफाई पसन्द करते थे-
- प्रत्येक घर में एक स्नानगृह होता था,
- गन्दे पानी के निकास की उचित व्यवस्था थी,
- गलियों की नालियाँ ढकी हुई थी जिनकी नियमित रूप से सफाई होती थी,
- विशाल स्नानागार में लोग विशेष अवसरों पर सामूहिक स्नान करते थे।
प्रश्न 5.
जातक ग्रंथों की मुख्य विषय-वस्तु क्या है? [2]
उत्तर:
जातक कथाएँ पहली सहस्राब्दि ई. के मध्य में पालि भाषा में लिखी गई थीं जो भगवान बुद्ध के पूर्वजन्मों की अति लोकप्रिय कहानियाँ हैं। इनकी मुख्य विषय-वस्तु रचनाकालीन भारत की राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिति है।
प्रश्न 6.
मनुस्मृति के अनुसार पुरुषों के लिए धन अर्जित करने के कौन-कौन से तरीके हैं ? [2]
उत्तर:
मनुस्मृति के अनुसार पुरुषों के लिए धन (सम्पत्ति) अर्जित करने के निम्नलिखित सात तरीके हैं- (i) विरासत के रूप में, (ii) खरीद द्वारा, (iii) विजय प्राप्त करके, (iv) निवेश द्वारा, (v) कार्य द्वारा, (vi) सज्जनों द्वारा दी गयी भेंट को स्वीकार करके, (vii) खोज द्वारा।
प्रश्न 7.
भारतीय संचार प्रणाली के संदर्भ में इब्न बतूता के विवरण का वर्णन कीजिए। [2]
उत्तर:
इब्न बतूता के अनुसार राज्य व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपाय करता था; उदाहरणार्थ-राज्य द्वारा लगभग सभी व्यापारिक मार्गों पर सराय एवं विश्राम गृह की स्थापना करना तथा डाक प्रणाली के जरिए संचार की सुविधा उपलब्ध कराना। डाक प्रणाली से व्यापारियों के लिए लम्बी दूरी तक सूचना भेजना तथा उधार प्रेषित करने के साथ-साथ अल्प सूचना पर माल भेजना भी संभव हुआ। यह डाक (व्यवस्था) दो प्रकार की थी-(1) अश्व डाक व्यवस्था यानि ‘उलुक’ जो हर चार मील की दूरी पर स्थापित घोड़ों द्वारा चालित थी तथा (2) पैदल डाक व्यवस्था यानि ‘दावा’ जिसमें प्रति मील तीन अवस्थान होते थे। अश्व डाक व्यवस्था पैदल डाक व्यवस्था की अपेक्षा तीव्र थी।
प्रश्न 8.
जाति प्रथा के प्रति अलवार और नयनार सन्तों के दृष्टिकोण पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए। इनकी रचनाओं को वेदों के समकक्ष क्यों कहा गया? स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
इतिहासकारों के अनुसार अलवार तथा नयनार सन्तों ने सभी को एक समान माना तथा वैदिक परम्परा की ब्राह्मणवादी जाति-व्यवस्था एवं ब्राह्मणों के वर्चस्व के विरुद्ध समाज को एकजुट करने का प्रयास किया।
अलवार सन्तों द्वारा रचित नलयिरादिव्यप्रबन्धम् नामक काव्य ग्रन्थ को तमिल वेद के रूप में मान्यता दी गई है; तथा इसे चारों वेदों के समकक्ष कहा गया है। वैदिक परम्परा के चारों वेदों के समकक्ष इस ग्रन्थ को रखना अलवार तथा नयनार सन्तों के प्रभुत्व का उदाहरण है। यह प्रभुत्व सम्भवतः इतना व्यापक इसलिए था क्योंकि इन सन्तों की परम्परा में जातिगत भेद नहीं था।
प्रश्न 9.
विजयनगर के लोग अपनी आवश्यकताओं के लिए जल कैसे प्राप्त करते थे? [2]
उत्तर:
- विजयनगर में तुंगभद्रा नदी द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक कुण्ड से जल प्राप्त होता था।
- कमलपुरम् जलाशय से जल प्राप्त करते थे।
- हिरिया नहर से भी जल प्राप्त होता था। इस नहर में तुंगभद्रा नदी पर बने बाँध से पानी लाया जाता था।
प्रश्न 10.
आपके विचार में कृषि क्षेत्रों को किलेबंद भू-भाग में क्यों रखा जाता था ? [2]
उत्तर:
- मध्यकाल में कृषि क्षेत्रों को किलेबंद भू-भाग में रखे जाने का मुख्य उद्देश्य शत्रु सेना को खाद्य-सामग्री से वंचित कर समर्पण के लिए बाध्य करना होता था।
- ये किलेबंदियाँ कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक चल सकती थीं। अतः ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए शासक प्रायः किलेबंद क्षेत्रों के भीतर ही विशाल अन्नागारों का निर्माण कर लेते थे।
प्रश्न 11.
बंगाल में इस्तमरारी बन्दोबस्त के बाद बहुत-सी जमींदारियाँ क्यों नीलाम कर दी गई? [2]
उत्तर:
औपनिवेशिक बंगाल में 1793 ई. में इस्तमरारी बन्दोबस्त के तहत ईस्ट इंडिया कम्पनी ने राजस्व की राशि निश्चित कर दी थी जो प्रत्येक जमींदार को देनी होती थी। जो जमींदार निश्चित राजस्व राशि नहीं चुका पाते थे उनसे राजस्व वसूली के लिए उनकी भू-सम्पदाएँ नीलाम कर दी जाती थीं।
प्रश्न 12.
1857 ई. के जन-विद्रोह के स्वरूप पर भारतीय सिपाहियों एवं ग्रामीण जगत के बीच के सम्बन्धों का क्या प्रभाव पड़ा? [2]
उत्तर:
1857 ई. के जन-विद्रोह के स्वरूप पर भारतीय सिपाहियों एवं ग्रामीण जगत के बीच के सम्बन्धों का गहरा प्रभाव पड़ा। जब सिपाही अपने अधिकारियों की अवज्ञा करते थे और हथियार उठा लेते थे तो गाँव में उनके रिश्तेदार भी उनके साथ आ जुटते थे। सभी स्थानों पर किसान शहरों में आकर सिपाहियों एवं शहर के आम लोगों के साथ जुड़कर विद्रोह में सम्मिलित हो जाते थे।
प्रश्न 13.
स्वतंत्रता के पश्चात् गाँधीजी ने साम्प्रदायिक सद्भाव हेतु कौन-कौन से कार्य किये ? [2]
उत्तर:
गाँधीजी ने इतने दिनों तक जिस स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था वह एक बड़ी कीमत चुकाकर उन्हें प्राप्त हुई क्योंकि उनका राष्ट्र दो भागों-भारत व पाकिस्तान में विभाजित हो गया था। हिन्दू एवं मुसलमान एक-दूसरे के खून के प्यासे हो चुके थे। ऐसी स्थिति में गाँधीजी ने पीड़ितों को सांत्वना देने के लिए अस्पतालों व शरणार्थी शिविरों के चक्कर लगाए। उन्होंने दंगाग्रस्त क्षेत्रों में सिखों, हिन्दुओं व मुसलमानों का आह्वान किया कि वे अतीत को भुलाकर एक-दूसरे के प्रति भाईचारे का हाथ बढ़ाने एवं शान्ति से रहने का संकल्प लें। उन्होंने बंगाल एवं दिल्ली में शान्ति स्थापना हेतु अभियान चलाये।
प्रश्न 14.
1856 ई. में अंग्रेजों ने अवध पर कब्जा क्यों किया? किस बहाने को लेकर उन्होंने कब्जा किया? व्याख्या कीजिए। [2]
उत्तर:
1856 ई. में अंग्रेजों ने अवध पर कब्जा इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता था कि वहाँ की जमीन नील तथा कपास की खेती के लिए बहुत अच्छी है और इस क्षेत्र को उत्तरी भारत के एक बड़े बाजार के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने अवध के नवाब वाजिद अली शाह को शासन चलाने में असक्षम होने का तथा जनता में लोकप्रिय नहीं होने का आरोप लगाकर गद्दी से हटाकर कलकत्ता निष्कासित कर दिया।
प्रश्न 15.
इब्न बतूता लोगों के लिए ऐसी वस्तुओं और स्थितियों के वर्णन की समस्या को कैसे हल करता था, जिससे वे अनभिज्ञ थे और जिन्हें उन्होंने अनुभव नहीं किया था? [2]
उत्तर:
इब्न बतूता को जो भी कुछ अपरिचित लगता था उसे वह विवरण लिखते समय विशेष रूप से रेखांकित करता था। वह ऐसा श्रोताओं अथवा पाठकों के सुदूर पर सुगम्य देशों के वृत्तान्तों से पूर्णतः प्रमाणित हो सकने के लिए करता था। नारियल तथा पान, दो ऐसी वानस्पतिक उपज जिनसे उसके पाठक पूर्णतः अनभिज्ञ थे, का वर्णन उसके चित्रण की विधियों का बेहतरीन उदाहरण है।
प्रश्न 16.
सिविल लाइंस क्या थे ? इन्हें क्यों बसाया गया ? [2]
उत्तर:
सिविल लाइंस नए शहरी क्षेत्र थे जहाँ केवल गोरे लोगों को ही बसाया गया क्योंकि 1857 ई. के जन विद्रोह के पश्चात् भारत में अंग्रेज ‘देशियों’ के बीच स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे थे। अतः वे उनसे दूर अधिक सुरक्षित एवं पृथक बस्तियों में रहना चाहते थे।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)
प्रश्न 17.
सिंध सभ्यता की लिपि को रहस्यमय क्यों कहा गया है ? इस लिपि की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ? [3]
अथवा
सिंधु सभ्यता की बाँट प्रणाली की क्या विशेषताएँ थीं। [3]
उत्तर:
सिंध सभ्यता की लिपि को रहस्यमय इसलिए कहा जाता है क्योंकि अब तक इसे पढ़ा नहीं जा सका है। विशेषताएँ–(i) हड़प्पाई मुहरों पर एक पंक्ति के रूप में कुछ अंकित है। पुरातत्वविदों का कथन है कि शासक के नाम तथा पदवी का वर्णन है। अधिकांश अभिलेख संक्षिप्त हैं तथा सबसे बड़े अभिलेख में लगभग 26 चिह्न हैं, (ii) यह लिपि स्वर तथा व्यंजनों पर आधारित वर्णमालीय रूप में न होकर चित्रात्मक रूप में है जो किसी बात या वस्तु का प्रतीक है। लिपि के चिह्नों की संख्या 375 से 400 के बीच है, (iii) यह लिपि दायीं ओर से बायीं ओर लिखी जाती थी क्योंकि दायीं ओर अन्तराल अधिक है तथा बायीं ओर अन्तराल कम है; जैसे कि लिखते समय बायीं ओर अन्तराल कम पड़ गया हो, (iv) इस लिपि की लिखावट बहुत-सी वस्तुओं; जैसेमुहरों, ताँबे के औजारों, मर्तबान के किनारों, मिट्टी की पट्टिकाओं, आभूषणों, अस्थियों तथा सूचनापट्टों पर प्राप्त हुई है।
प्रश्न 18.
मौर्य साम्राज्य के इतिहास की पुनर्रचना के लिए इतिहासकारों द्वारा उपयोग में लिए गए स्रोतों को स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालिए। [3]
उत्तर:
इतिहासकारों ने मौर्य साम्राज्य के इतिहास की पुर्नरचना के लिए विभिन्न प्रकार के स्रोतों का उपयोग किया है। इन स्रोतों में मूर्तिकला जैसे पुरातात्विक प्रमाण भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त समकालीन रचनाएँ भी मौर्यकालीन इतिहास के पुनर्निर्माण में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई हैं, जैसे चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार के आए यूनानी राजदूत मेगस्थनीज द्वारा लिखा गया वर्णन तथा चन्द्रगुप्त मौर्य के मन्त्री कौटिल्य या चाणक्य द्वारा लिखित अर्थशास्त्र। साथ ही परवर्ती जैन, बौद्ध और पौराणिक ग्रन्थों तथा संस्कृत वाङ्मय द्वारा भी मौर्य शासकों के इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है। सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्रोत, जो मौर्य वंश के इतिहास की विशद् जानकारी देते हैं, सम्राट अशोक द्वारा उत्कीर्ण करवाए गए अभिलेख हैं।
प्रश्न 19.
“एक साम्राज्य की राजधानी, विजयनगर में जल-संपदा सुविकसित थी।” इस कथन की उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए। [3]
अथवा
विजयनगर के विट्ठल मंदिर को अनूठा और रोचक क्यों समझा जाता है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। [3]
उत्तर:
तत्कालीन विजयनगर जैसे विशाल साम्राज्य को जलापूर्ति विशेषतः तुंगभद्रा नदी की द्रोणी से हुआ करती थी जो विजयनगर साम्राज्य के उत्तर-पूर्व में बहती है। इसके आस-पास मुख्य रूप से ग्रेनाइट की पहाड़ियाँ विस्तृत रूप से फैली हुई हैं जिन्होंने उस समय के विजयनगर शहर को चारों ओर से घेरा हुआ था। इन पहाड़ियों से निकलने वाली अनेक जल-धाराएँ विजयनगर साम्राज्य को लाभान्वित करती थीं। विजयनगर साम्राज्य में लगभग सभी जल-धाराओं के साथ-साथ बाँध बनाकर विभिन्न आकारों के तालाब अथवा जलाशय बनाए गए थे, क्योंकि विजयनगर शहर वहाँ के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक था। अतः पानी को एकत्र करके शहर तक ले जाने के लिए विशेष प्रबन्ध किए गए थे। यहाँ के सबसे महत्वपूर्ण जलाशय कमलपुरम् का निर्माण 15वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में हुआ जिसके पानी से न केवल आस-पास के खेतों को सींचा जाता था, अपितु इसे एक नहर के माध्यम से शाही केन्द्र तक भी ले जाया गया था। कमलपुरम् जलाशय के अतिरिक्त हिरिया नहर एक अन्य महत्वपूर्ण नहर थी जिसमें तुंगभद्रा पर बने बाँध से पानी लाया जाता था। इस जल का प्रयोग धार्मिक केन्द्र से शहरी केन्द्र को पृथक् करने वाली घाटी की सिंचाई करने के लिए किया जाता था।
प्रश्न 20.
“अंग्रेज सरकार ने अपनी जातीय श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए सोच-समझकर मद्रास शहर का विकास किया।” उचित तर्क देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए। [3]
अथवा
नए शहरों में सामाजिक सम्बन्ध किस हद तक बदल गए थे? वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
अंग्रेज सरकार ने अपनी जातीय श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए सोच समझकर मद्रास शहर का. विकास किया। इस कथन की पुष्टि हेतु निम्न तथ्य प्रस्तुत हैं-
- मद्रास में फोर्ट सेंट जॉर्ज व्हाइट टाउन का केन्द्र बन गया जहाँ अधिकांशतः यूरोपीय आबादी रहती थी। दीवारों एवं बुओं ने इसे एक विशेष प्रकार की घेराबन्दी प्रदान की।
- किले के भीतर रहने का निर्णय रंग एवं धर्म के आधार पर किया जाता था।
- ईस्ट इण्डिया कम्पनी के लोगों को भारतीयों के साथ विवाह करने की अनुमति नहीं थी।
- यूरोपीय ईसाई होने के कारण डच और पुर्तगालियों को वहाँ रहने की छूट थी।
- प्रशासकीय न्यायिक व्यवस्था की संरचना भी गोरे लोगों के पक्ष में ही थी। संख्या की दृष्टि से कम होने के बावजूद यूरोपीय लोग शासक थे।
- मद्रास का विकास वहाँ रहने वाले मुट्ठी-भर गोरों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया।
- ब्लैक टाउन का विकास किले के बाहर किया गया था। इस आबादी को सीधी पंक्तियों में बसाया गया था जोकि औपनिवेशिक नगरों की प्रमुख विशेषता थी।
खण्ड – द
निबन्धात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 250 शब्द)
प्रश्न 21.
कबीर और बाबा गुरु नानक के मुख्य उपदेशों का वर्णन कीजिए। इन उपदेशों का किस तरह सम्प्रेषण हुआ? [4]
अथवा
“12वीं शताब्दी के अंत में चिश्तियों ने अपने को स्थानीय परिवेश में अच्छी तरह ढाला और भारतीय भक्ति परम्परा की कई विशिष्टताओं को भी अपनाया।” स्पष्ट कीजिए। [4]
उत्तर:
कबीर के मुख्य उपदेश-कबीरदास जी अपने समय के महानतम समाज सुधारक थे जिन्होंने धार्मिक पाखण्ड, सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव का एक विशिष्ट शैली में विरोध किया। कबीरदास जी से सम्बन्धित मुख्य उपदेश निम्नलिखित हैं-
- कबीरदास जी ने मूर्तिपूजा तथा बहुदेववाद का पूर्ण रूप से विरोध किया।
- उन्होंने निराकार ब्रह्म की आराधना को उचित बताया।
- उन्होंने ज़िक्र तथा इश्क के सूफी सिद्धान्तों के प्रयोग द्वारा नाम स्मरण पर बल दिया।
- उनके अनुसार भक्ति के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है।
- उनके अनुसार परम सत्य अर्थात् परमात्मा एक है, भले ही विभिन्न सम्प्रदायों के लोग उसे भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हों।
- उन्होंने हिन्दू तथा मुसलमानों के धार्मिक आडम्बरों का खण्डन किया।
- कबीर जातीय भेदभाव के विरुद्ध थे।
उपदेशों का सम्प्रेषण- कबीर के उपदेश काव्य रूप में संकलित किए गए हैं। कबीर जनमानस की भाषा में अपने उपदेश देते थे। उन्होंने अपनी भाषा में हिन्दी, पंजाबी, फारसी, अवधी व स्थानीय बोलियों के अनेक शब्दों का प्रयोग किया। उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके शिष्यों ने उनके विचारों का प्रचार-प्रसार किया।
गुरु नानक देव के मुख्य उपदेश- गुरु नानक देव का जन्म 1469 ई. में पंजाब के ननकाना गाँव के एक व्यापारी परिवार में हुआ था। आरम्भ से ही उनका समय सूफी सन्तों के साथ व्यतीत होता था। उनके उपदेशों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-
- उन्होंने हिन्दू तथा मुस्लिम धर्म-ग्रन्थों को नकारा।
- उन्होंने निर्गुण भक्ति का समर्थन किया।
- उन्होंने धर्म के सभी आडम्बरों; जैसे-यज्ञ, आनुष्ठानिक स्नान, मूर्ति पूजा, कठोर तप आदि का खण्डन किया।
- उनके अनुसार परमपूर्ण रब्ब (परमात्मा) का कोई लिंग अथवा आकार नहीं है।
- उन्होंने परमात्मा की उपासना के लिए एक सरल उपाय निरंतर स्मरण, जप बताया।
उपदेशों का सम्प्रेषण- गुरु नानक अपने विचारों का सम्प्रेषण पंजाबी भाषा में ‘शबद’ के गायन से करते थे। गुरु नानक इन ‘शबद’ को अलग-अलग रागों में गाते थे तथा उनका शिष्य मरदाना रबाब बजाकर उनकी संगति करता था।
प्रश्न 22.
निजी पत्रों और आत्मकथाओं से किसी व्यक्ति के बारे में क्या पता चलता है ? ये स्रोत सरकारी ब्यौरों से किस तरह भिन्न होते हैं? [4]
अथवा
“भारत के विभाजन के बीच गाँधीजी ने साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए अपना दृढ़ विश्वास दिखाया।” इस कथन को उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। [4]
उत्तर:
निजी पत्रों एवं आत्मकथाओं से किसी व्यक्ति के बारे में निम्नलिखित तथ्यों का पता चलता है-
(i) सामान्यतः निजी पत्रों के माध्यम से दो व्यक्तियों के सम्बन्धों, तत्कालीन राजनैतिक परिस्थिति, व्यक्ति की विचारधाराओं तथा उनके द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण के विषय में पता चलता है।
(ii) आत्मकथाएँ व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवनकाल, जन्मस्थान, उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, शिक्षा, व्यवसाय, रुचियों, प्राथमिकताओं, कठिनाइयों, जीवन से जुड़ी घटनाओं आदि के बारे में बताती हैं।
(iii) जिस अवस्था में पत्र या आत्मकथा लिखी जाती है उससे हमें सम्बन्धित व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में पता लग जाता है। उसको पढ़कर हमें सम्बन्धित व्यक्ति के भाषा ज्ञान के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है।
(iv) राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान विभिन्न नेताओं द्वारा आपस में लिखे गये निजी पत्रों से कांग्रेस व अन्य पार्टियों के कार्यक्रमों की जानकारी मिलती है। उदाहरणस्वरूप; डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा जवाहरलाल नेहरू को लिखे गये पत्र में कांग्रेस के कार्यक्रम एवं उसकी प्राथमिकताओं की जानकारी दी गयी थी। इसी प्रकार जो निजी पत्र जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गाँधी को लिखे उनमें भी विभिन्न नेताओं, उनके विचार, कार्यक्रमों, कार्यक्षमता आदि की जानकारी मिलती है। महात्मा गाँधी ने जो पत्र व्यक्तिगत तौर पर जवाहरलाल नेहरू अथवा अन्य लोगों को लिखे उनसे हमें यह जानकारी मिलती है कि एक दल के रूप में कांग्रेस के आदर्श किस प्रकार विकसित हुए तथा समय-समय पर उठने वाले आन्दोलनों में गाँधीजी ने क्या भूमिका निभायी। इन पत्रों से कांग्रेस की आन्तरिक प्रणाली एवं राष्ट्रीय आन्दोलन के बारे में विभिन्न नेताओं के दृष्टिकोण के बारे में भी पता चलता है।
(v) विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न नेताओं, संगठनों के द्वारा लिखे गए पत्रों के माध्यम से प्राप्त जानकारियों, सरकार के दृष्टिकोण, व्यवहार, राष्ट्रीय नेताओं द्वारा उनके समक्ष जेल में आयी कठिनाइयों एवं आन्तरिक दशाओं के बारे में जानकारी मिलती है।
उदाहरण- गाँधीजी द्वारा जवाहरलाल नेहरू को लिखा गया पत्र-
- इस ,पत्र में गाँधीजी ने जवाहरलाल नेहरू को लिखा-“तुम्हारा पत्र मेरा हृदय छू गया”, इन शब्दों से स्पष्ट होता है कि दोनों के मध्य अत्यधिक आत्मीय सम्बन्ध था।
- तथ्य यह है कि तुम्हारे…यह पंक्ति स्पष्ट करती है कि जवाहरलाल नेहरू के अन्य साथियों के साथ अधिक मधुर सम्बन्ध नहीं थे क्योंकि वे जवाहरलाल नेहरू की बेवाकी से चिढ़ते थे।
- इस काँटों के ताज…यह पंक्ति स्पष्ट करती है कि उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बैठना आसान नहीं था क्योंकि गाँधीजी की नजर में वह काँटों का ताज था।
- कमेटी की बैठकों…इस पंक्ति से स्पष्ट होता है कि गाँधीजी अपने कनिष्ठ साथियों को आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक सलाह भी देते थे।
गाँधीजी का उपर्युक्त पत्र निश्चय ही तात्कालिक स्थिति, व्यक्तित्व तथा विचारों को स्पष्ट करता है।
सरकारी ब्यौरों व निजी पत्रों में अन्तर- सरकारी ब्यौरों से स्रोतों के रूप में निजी पत्र व आत्मकथाएँ पूर्णतः भिन्न होती हैं। सरकारी ब्यौरे प्रायः गुप्त रूप से लिखे जाते हैं तथा लिखने वाली सरकार एवं लिखने वाले विवरणदाता लेखकों के पूर्वाग्रहों, दृष्टिकोणों, नीतियों आदि से प्रभावित होते हैं। इसके विपरीत निजी पत्र दो व्यक्तियों के मध्य आपसी सम्बन्ध, विचारों के आदान-प्रदान तथा निजी स्तर से जुड़ी सूचनाएँ देने के लिए होते हैं। किसी भी व्यक्ति की आत्मकथा उसकी ईमानदारी, निष्पक्षता एवं वास्तविक विवरण पर उसका मूल्य निर्धारित करती है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि सरकारी ब्यौरों से आत्मकथा तथा निजी पत्र पूर्णतः भिन्न होते हैं।
प्रश्न 23.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थलों को अंकित कीजिए- [4]
(अ) उज्जयिनी
(ब) नागेश्वर
(स) साँची
(स) साँची
(द) दांडी
अथवा
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थलों को अंकित कीजिए- [4]
(अ) आरा
(ब) चौरी-चौरा
(स) जगदीशपुर
(द) विजयनगर
उत्तर:
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