• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

April 4, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th History Model Papers Set 9 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  1. परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  2. सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  4. जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड – अ

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न- निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए-
(i) सिंधु सभ्यता कालीन लोग निम्न में से सर्वाधिक पूजा किसकी करते थे? [1]
(अ) मातृदेवी
(ब) विष्णु
(स) इन्द्र
(द) दुर्गा
उत्तर:
(अ) मातृदेवी

(ii) भारतीय पुरातत्व का जनक किसे माना जाता है? [1]
(अ) व्हीलर को
(ब) एस.आर. राव को
(स) कनिंघम को
(द) बी. बी. लाल को
उत्तर:
(स) कनिंघम को

(iii) पेरिप्लस ऑफ एरीथिपन के लेखक हैं- [1]
(अ) एक यूनानी समुद्री यात्री
(ब) वाणभट्ट
(स) मयूर
(द) रूद्रदामन
उत्तर:
(अ) एक यूनानी समुद्री यात्री

(iv) भारत में सोने के सिक्के सर्वप्रथम किस वंश के शासकों ने जारी किये थे? [1]
(अ) गुप्त वंश
(ब) मौर्यवंश
(स) कुषाणवंश
(द) ये सभी
उत्तर:
(स) कुषाणवंश

(v) धर्म सूत्र व धर्मशास्त्र नाम ग्रन्थ किस भाषा में लिखे गये? [1]
(अ) हिन्दी
(ब) संस्कृत
(स) अंग्रेजी
(द) अवधी
उत्तर:
(ब) संस्कृत

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

(vi) रिला किसका यात्रा वृत्तान्त है- [1]
(अ) अल बिरूनी
(ब) इब्न बतूता
(स) बर्नियर
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) अल बिरूनी

(vii) खालसा पंथ की स्थापना किसने की? [1]
(अ) गुरु नानक देव जी ने
(ब) गुरु गोविन्द सिंह जी ने
(स) गुरु तेगबहादुर जी ने
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) गुरु गोविन्द सिंह जी ने

(viii) विजयनगर पर शासन करने वाला प्रथम वंश कौन-सा था? [1]
(अ) संगम वंश
(ब) सालुव वंश
(स) तुलुव वंश
(द) अराविदु वंश।
उत्तर:
(अ) संगम वंश

(ix) फ्रांसिस बुकानन कौन था? [1]
(अ) एक चिकित्सक
(ब) अंग्रेज अधिकारी
(स) एक यात्री
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) एक चिकित्सक

(x) निम्न में से किस वर्ष अखिल भारतीय जनगणना का प्रथम प्रयास किया गया? [1]
(अ) सन् 1881 ई. में
(ब) सन् 1872 ई. में
(स) सन् 1891 ई. में
(द) सन् 1929 ई. में।
उत्तर:
(ब) सन् 1872 ई. में

(xi) गाँधीजी ने दाण्डी मार्च प्रारम्भ किया था- [1]
(अ) 12 मार्च, 1930 को
(ब) 14 अप्रैल, 1913 को
(स) 26 जनवरी, 1930 को
(द) 8 अक्टूबर, 1942 को।
उत्तर:
(अ) 12 मार्च, 1930 को

(xii) सहायक संधि के निम्नलिखित प्रावधानों में से कौन-सा एक अवध पर 1801 में लागू नहीं था? [1]
(अ) अंग्रेज़ अपने सहयोगी पक्ष की आन्तरिक और बाहरी चुनौतियों से रक्षा के लिए उत्तरदाई होंगे।
(ब) सहयोगी पक्ष के भू-क्षेत्र में ब्रिटिश सैनिक टुकड़ी तैनात रहेगी।
(स) सहयोगी पक्ष को उस ब्रिटिश सैनिक टुकड़ी के रखरखाव की व्यवस्था करनी होगी।
(द) अंग्रेजों की अनुमति के बिना सहयोगी पक्ष किन्हीं अन्य शासकों के साथ संधि कर सकेगा।
उत्तर:
(द) अंग्रेजों की अनुमति के बिना सहयोगी पक्ष किन्हीं अन्य शासकों के साथ संधि कर सकेगा।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) तमिलनाडू के अलवार और नयनार संत प्रारम्भिक …………. के सूत्रधार थे। [1]
(ii) सर्वप्रथम ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की स्थापना …………. में हुई थी। [1]
(iii) बम्बई में स्थान का अभाव तथ्य अत्यधिक भीड़भाड़ के कारण एक विशेष प्रकार की इमारत चलन में आयीं, जिसे …………. कहा गया। [1]
(iv) महात्मा गाँधी का मानना था कि अस्पृथ्यों के लिए …………… के प्रावधान से उनकी दाष्टा स्थाई रूप ले लेगी। [1]
(v) निश्चित ही …………. एक अद्भुत ग्रन्थ है, जो प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में अनेक महत्वपूर्ण सूचनाएँ प्रदान करता है। [1]
(vi) बम्बई दक्कन में लागू की गयी राजस्व प्रणाली को …………. के नाम से जाना जाता था जिसके अन्तर्गत राजस्व की राशि सीधे रैयत के द्वारा तय की जाती थी। [1]
उत्तर:
(i) भक्ति आंदोलन,
(ii) बंगाल,
(iii) चॉल,
(iv) पृथक निर्वाचिका,
(v) महाभारत,
(vi) रैयतवाड़ी।

प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न- निम्न प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा एक पंक्ति में दीजिए।
(i) मोहनजोदड़ो के दुर्ग में स्थित किन्हीं दो प्रमुख संरचनाओं का नाम बताइए। [1]
उत्तर:

  • मालगोदाम,
  • विशाल स्नानागार।

(ii) ब्राह्मणों द्वारा स्थापित दैवीय व्यवस्था में वर्ण कौन-कौन से थे ? [1]
उत्तर:
(अ) ब्राह्मण, (ब) क्षत्रिय, (स) वैश्य, (द) शूद्र।

(iii) कौरवों ओर पाण्डवों का सम्बन्ध किस वंश से था? [1]
उत्तर:
कौरवों और पाण्डवों का सम्बन्ध कुरु वंश से था।

(iv) फ्रांस्वा बर्नियर कौन था? [1]
उत्तर:
फ्रांस्वा बर्नियर फ्रांस का एक चिकित्सक, राजनीतिक, दार्शनिक और एक इतिहासकार था।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

(v) इब्न बतूता का यात्रा वृत्तान्त किस नाम से जाना जाता है? [1]
उत्तर:
इब्न बतूता का यात्रा वृत्तान्त ‘रिला’ के नाम से जाना जाता है।

(vi) कबीर के गुरु कौन थे? [1]
उत्तर:
गुरु रामानन्द।

(vii) इतिहासकार किसी धार्मिक परम्परा के इतिहास के पुनर्निर्माण के लिए किन-किन स्रोतों का उपयोग करते है? [1]
उत्तर:
इतिहासकार किसी धार्मिक परम्परा के इतिहास के पुनर्निर्माण के लिए मूर्ति पूजा, स्थापत्य, धर्म गुरुओं से जुड़ी कहानियों एवं काव्यों आदि अनेक स्रोतों का उपयोग करते है।

(viii) योमॅन किन्हें कहा जाता था? [1]
उत्तर:
कम्पनी काल में छोटे किसानों को योमॅन कहा जाता था।

(ix) पाँचवीं रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में कब पेश की गयी ? [1]
उत्तर:
1813 ई. में पाँचवीं रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में पेश की गयी।

(x) अंग्रेजों ने अवध के नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से क्यों हटा दिया? [1]
उत्तर:
अंग्रेजों ने अवध के नवाब वाजिद अली शाह को यह कहते हुए गद्दी से हटा दिया कि वे अच्छी तरह शासन नहीं चला रहे थे।

(xi) आरा (बिहार) में विद्रोह का नेतृत्वकर्ता कौन था ? [1]
उत्तर:
स्थानीय जमींदार कुंवर सिंह।

(xii) नव-गॉथिक शैली की इमारतों की प्रमुख विशेषता क्या है ? [1]
उत्तर:
ऊँची उठी हुई छतें, नोंकदार मेहराब एवं बारीक साज-सज्जा।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

खण्ड – ब

लघूत्तरात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 50 शब्द)

प्रश्न 4.
भ्यता स्थलों से मिले शवाधान मिस्र के पिरामिडों से किस प्रकार भिन्न हैं? [2]
उत्तर:
मिस्र के कई पिरामिड राजकीय शवाधान थे। इनमें शवों के साथ विशाल मात्रा में धन-सम्पत्ति दफनायी जाती थी। इसके विपरीत सिंधु सभ्यता के शवाधानों का सम्बन्ध साधारण लोगों से था जिन्हें गर्मों में दफनाया जाता था तथा इनके साथ बहुत अधिक मूल्यवान वस्तुएँ नहीं रखी जाती थीं।

प्रश्न 5.
महाजनपद क्या थे? कुछ महत्वपूर्ण महाजनपदों के नाम बताइए। [2]
उत्तर:
छठी शताब्दी ई. पू. में उत्तरी भारत में कुछ बड़े-बड़े राज्य स्थापित हो गए थे जिन्हें महाजनपद कहा जाता था। बौद्ध एवं जैन धर्म के आरंभिक ग्रन्थों में महाजनपद नाम से 16 राज्यों का उल्लेख मिलता है जिनमें महत्वपूर्ण महाजनपद मगध, कोशल, वज्जि, कुरु, अवंति, पांचाल, गांधार आदि थे।

प्रश्न 6.
महाभारतकालीन स्त्रियों की विभिन्न समस्याएँ लिखिए। [2]
उत्तर:
महाभारत कालीन स्त्रियों की विभिन्न समस्याएँ इस प्रकार थीं-

  • स्त्री को भोग की वस्तु समझा जाता था।
  • स्त्रियों को बहुत कम अधिकार प्राप्त थे।
  • पिता की सम्पत्ति पर पुत्री का कोई अधिकार नहीं होता था।
  • स्त्रियों को पुरुषों से निम्न समझा जाता था।
  • स्त्रियों को पुरुषों के अधीन रहना पड़ता था।

प्रश्न 7.
‘ट्रैवल्स इन द मुगल एम्पायर’ नामक ग्रन्थ में बर्नियर भारत को पश्चिमी जगत की तुलना में अल्प विकसित व निम्न श्रेणी का दर्शाना चाहता था। स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
‘ट्रैवल्स इन द मुगल एम्पायर’ बर्नियर की भारतीय उपमहाद्वीप की यात्राओं का वर्णन है। बर्नियर ने मुगलकालीन इतिहास को भारत की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में न रखकर एक वैश्विक ढाँचे में ढालने का प्रयास किया। बर्नियर के अनुसार यूरोप की प्रशासनिक व्यवस्था तथा यूरोप की सामाजिक, आर्थिक स्थिति भारत से कहीं बेहतर है। वास्तव में उसका भारत चित्रण पूरी तरह पक्षपात पर आधारित है। उसने भारत में जो भी विभिन्नताएँ देखीं; उनको प्रत्येक स्थान पर तुलनात्मक दृष्टिकोण से इस प्रकार क्रमानुसार वर्णित किया है ताकि पश्चिमी जगत के पाठकों को यूरोप की श्रेष्ठता और भारत की हीनता का स्पष्ट बोध हो सके।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 8.
कर्नाटक की ‘वीरशैव’ परम्परा पर एक टिप्पणी लिखिए। [2]
उत्तर:
बारहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में एक नवीन शैव आन्दोलन आरंभ हुआ जिसे वीरशैव परम्परा अथवा लिंगायत मत भी कहा जाता है। इस आन्दोलन का नेतृत्व कलाचुरी राजा के एक मंत्री बासवन्ना (1106-68 ई.) द्वारा किया गया था। इनके अनुयायियों को वीरशैव (शिव के वीर) तथा लिंगायत (लिंग धारण करने वाले) कहा गया। वीरशैव मत उस समय अत्यधिक लोकप्रिय हुआ। जिसकी प्रमुख शिक्षाओं का विवरण निम्नलिखित है-

  • लिंगायत शिव को आराध्य मानकर उनकी पूजा लिंग-प्रतिरूप में करते थे।
  • लिंगायतों का मानना था कि मरणोपरान्त भक्त शिव में लीन हो जाते हैं तथा पुनः संसार में जन्म नहीं लेते।
  • वे पुनर्जन्म के सिद्धान्त को नहीं मानते थे।

प्रश्न 9.
डोमिंगो पेस ने कृष्णदेव राय का किस प्रकार वर्णन किया है? [2]
उत्तर:
डोमिंगो पेस एक विदेशी यात्री था जिसने सोलहवीं शताब्दी में भारत की यात्रा की थी, पेस ने विजयनगर की भी यात्रा की थी। पेस ने विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय का वर्णन करते हुए लिखा है कि “मझला कद, गोरा रंग, अच्छी काठी, कुछ मोटा, राजा के चेहरे पर चेचक के दाग है।

प्रश्न 10.
सभा मंडप क्या था ? [2]
उत्तर:
सभा मंडप एक ऊँचा मंच था जिसमें पास-पास तथा निश्चित दूरी पर लकड़ी के स्तम्भों के लिए छेद बने हुए थे। इन स्तम्भों पर टिकी दूसरी मंजिल तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई थीं। स्तम्भों के एक-दूसरे से बहुत पास-पास होने से बहुत कम खुला स्थान शेष रहता होगा। इस कारण यह स्पष्ट नहीं है कि यह मंडप किस प्रयोजन के लिए बनवाया गया था।

प्रश्न 11.
औपनिवेशिक बंगाल में जमींदार अपनी जमींदारी को छिनने से कैसे बचाते थे ? [2]
उत्तर:

  • औपनिवेशिक बंगाल में जमींदारों के एजेंट नीलामी में स्वयं बोली लगाते थे। बाद में रकम अदा नहीं करने पर ईस्ट इंडिया कम्पनी फिर सस्ते में उन्हीं जमींदारों को जमीन दे देती थी। इसके अतिरिक्त जमींदार अपनी जमींदारी को छिनने से बचाने के लिए अन्य तरीके भी अपनाते थे।
  • राजस्व की माँग में परिवर्तन नहीं किया जा सकता था। वस्तुतः सूर्यास्त विधि (कानून) के अनुसार, यदि निश्चित तारीख पर सूर्य अस्त होने तक भुगतान नहीं आता था तो जमींदारी को नीलाम किया जा सकता था।

प्रश्न 12.
अवध में ताल्लुकदारों को हटाने के पीछे अंग्रेजों की क्या सोच थी ? इस सोच के क्या परिणाम निकले? [2]
उत्तर:
ब्रिटिश भू-राजस्व अधिकारियों का विचार था कि वे अवध में ताल्लुकदारों को हटाकर जमीन असली मालिकों को सौंप देंगे। इससे किसानों के शोषण में कमी आयेगी एवं राजस्व वसूली में वृद्धि होगी, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हुआ। भू-राजस्व वसूली में अवश्य वृद्धि हुई, परन्तु किसानों के बोझ में कमी नहीं आयी। अधिकारियों को शीघ्र ही समझ में आने लगा कि अवध के बहुत-से क्षेत्रों में मूल्य निर्धारण बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया गया था। कुछ स्थानों पर तो राजस्व माँग 30 से 70 प्रतिशत तक बढ़ गई थी इसीलिए न तो ताल्लुकदार प्रसन्न थे और न ही काश्तकार। ताल्लुकदारों की सत्ता। छिनने का परिणाम यह हुआ कि सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था भंग हो गयी। निष्ठा एवं संरक्षण के जिन बन्धनों से किसान ताल्लुकदारों के साथ जुड़े हुए थे वे अस्त-व्यस्त हो गये।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 13.
नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का महत्वपूर्ण मुद्दा क्यों बन गया था ? [2]
उत्तर:
अंग्रेजों के नमक कानून के अनुसार नमक के उत्पाद तथा विक्रय पर राज्य का एकाधिकार था। प्रत्येक भारतीय के घर में । नमक का प्रयोग होता था किन्तु उन्हें ऊँचे दामों पर नमक को खरीदना पड़ता था। इसके अतिरिक्त भारतीय स्वयं ही अपने घर के लिये नमक नहीं बना सकते थे। अतः इस कानून पर भारतीयों का क्रुद्ध होना स्वाभाविक था। गाँधीजी नमक के इस कानून को सबसे घृणित मानते थे। अतएव उस समय नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्वपूर्ण विषय बन गया। नमक कानून को तोड़ने का मतलब था देश की जनता को एकजुट कर विदेशी दासता और ब्रिटिश शासन की अवज्ञा करना, उससे प्रेरित होकर छोटे-छोटे अन्य कानूनों को तोड़ना ताकि स्वराज्य एवं पूर्ण स्वतंत्रता स्वतः ही देशवासियों को प्राप्त हो जाए तथा स्वतंत्रता संघर्ष का अन्तिम उद्देश्य पूरा हो सके। अतः नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया।

प्रश्न 14.
1857 ई. की क्रान्ति में शाह मल के कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। [2]
उत्तर:
शाह मल का जन्म उत्तर प्रदेश के बड़ौत परगने के एक बड़े गाँव के रहने वाले जाट परिवार में हुआ था। इनका परिवार चौरासी देस (चौरासी गाँव) में फैला हुआ था। ब्रिटिश सरकार ने इस क्षेत्र में ऊँचा लगान लगा रखा था जिसे बड़ी कठोरता से वसूला जाता था जिसके परिणामस्वरूप किसानों की जमीन बाहरी लोगों (व्यापारी एवं महाजन) के हाथों में जा रही थी। इसी कारण यहाँ के लोग ब्रिटिश शासन से मुक्ति चाहते थे। शाह मल ने चौरासी गाँवों के मुखियाओं एवं किसानों को संगठित किया एवं गाँव-गाँव घूमकर जनता को विद्रोह करने हेतु प्रेरित किया। शाह मल के नेतृत्व में व्यापक विद्रोह हुआ।

प्रश्न 15.
आपके विचार में अल बिरूनी और इन बतूता के उद्देश्य किन मायनों में समान और भिन्न थे? [2]
उत्तर:
समानताएँ- इनके उद्देश्यों में निम्न समानतायें थीं-(i) भारतीय सामाजिक जीवन के रीति-रिवाजों, प्रथाओं, धार्मिक जीवन, त्योहारों आदि का विस्तृत वर्णन दोनों के द्वारा किया गया है, (ii) दोनों की भारतीय साहित्य, समाज, धर्म तथा संस्कृति में गहरी रुचि थी।

भिन्नताएँ- अल बिरूनी ने ब्राह्मणों, पुरोहितों, विद्वानों के साथ कई वर्ष व्यतीत किये, जबकि इब्न बतूता को ऐसा अवसर प्राप्त नहीं हुआ, (ii) अल बिरूनी ने अपने विवरण संस्कृतवादी परम्पराओं के आधार पर लिखे, जबकि इब्न बतूता ने अपने लेखन में संस्कृतवादी परम्पराओं का उपयोग नहीं किया।

प्रश्न 16.
विकसित होने वाले शहरों के जीवन की गति और दिशा पर निगरानी रखने के लिए अंग्रेज क्या-क्या करते थे? [2]
उत्तर:
विकसित होने वाले शहरों के जीवन की गति और दिशा पर निगरानी रखने के लिए अंग्रेज निम्नलिखित कार्य करते थे-(1) वे नियमित रूप से शहरों का सर्वेक्षण करवाते थे, (2) वे सांख्यिकीय आँकड़े इकट्ठे करते थे तथा (3) वे शहरों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट समय-समय पर बनवाते रहते थे।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

खण्ड – स

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)

प्रश्न 17.
सिंधु सभ्यता की नगर योजना की विशेषताओं को संक्षेप में लिखिए। [3]
अथवा
जॉन मार्शल कौन था? भारतीय पुरातत्व में उसने व्यापक परिवर्तन किस प्रकार किया? [3]
उत्तर:
सिंधु सभ्यता की नगर योजना समकालीन सभ्यताओं से कहीं अधिक श्रेष्ठ थी। हड़प्पा शहर की नगर योजना की मुख्य विशेषताओं का विवरण निम्नलिखित है-

  • सिंधु सभ्यता कालीन शहर नियोजित रूप से दो टीलों पर निर्मित होते थे। ऊपरी टीला छोटा तथा ऊँचा होता था। इसकी मजबूत किलेबन्दी भी होती थी। निचला शहर विस्तृत होता था; इसमें सामान्य जनता निवास करती थी।
  • सिंधु सभ्यता कालीन नगरों की एक अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता उनकी सुनियोजित जल-निकास प्रणाली थी। हड़प्पा सभ्यता के लगभग सभी भवनों में नालियाँ बनी होती थीं जो सड़कों के मेन-होल में जाकर खुलती थीं जिससे सफाई व्यवस्था सुचारु रहती थी।
  • सिंधु सभ्यता के नगरों के भवन पक्की ईंटों से बने होते थे जिनका आकार एक समान (4 : 2 : 1) होता था।
  • नगरों में सार्वजनिक इमारतों के लिए भी पर्याप्त स्थान होता था। ये सार्वजनिक निर्माण सुनियोजित तथा उच्च गुणवत्ता के होते थे।

प्रश्न 18.
“अभिलेखों से प्राप्त जानकारी की भी सीमा होती है।” उपयुक्त तर्कों सहित इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए। [3]
अथवा
छठी शताब्दी ई. पू. से छठी शताब्दी ई. तक के भारत के सिक्कों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
निश्चय ही इतिहास के पुनर्निर्माण के लिए अभिलेख अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, किन्तु अभिलेखों की उपयोगिता की अपनी एक सीमा है। अभिलेखों की इस सीमा को हम निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से समझ सकते हैं-

  • कभी-कभी अभिलेखों पर अक्षरों को हल्के ढंग से उत्कीर्ण किया जाता है।
  • अस्पष्ट शब्दों को पढ़ने में कठिनाई होती है।
  • समय के साथ-साथ अभिलेखों के नष्ट होने अथवा क्षतिग्रस्त होने का भय रहता है।
  • अभिलेख के वास्तविक अर्थ को समझ पाना कठिन होता है क्योंकि कुछ अर्थ किसी विशेष स्थान या समय से सम्बन्धित होते हैं।
  • अभिलेख मुख्यतः प्रशस्ति अथवा भू-दान की घोषणा के रूप में होते हैं जो प्रायः दानदाता तथा दानग्रहीता की प्रशंसा ही करते हैं जिससे स्पष्ट अर्थ नहीं निकलता है।
  • अभिलेख सामान्यतः राजा अथवा उच्च वर्ग से ही सम्बन्धित होते हैं जिसमें जनसामान्य के विषय में सूचनाओं का सर्वथा अभाव होता है। मूल समस्या यह है कि जनसामान्य से सम्बन्धित राजनीतिक एवं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विवरणों का अभिलेखों में अंकन नहीं है; जैसे खेती की प्रक्रियाएँ, सामान्य जनता के दैनिक जीवन की गतिविधियाँ आदि। अभिलेख प्रायः बड़े और विशेष अवसरों का ही वर्णन करते हैं।
  • कभी-कभी एक अभिलेख को एक से अधिक कवि अथवा लेखक लिखते हैं जिससे अभिलेख की स्पष्टता समाप्त हो जाती है।
  • हजारों की संख्या में अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं, परन्तु सबके अर्थ नहीं निकाले जा सके हैं; अतः इतिहास के इस अवलोकन को समग्र नहीं कहा जा सकता।

प्रश्न 19.
विजयनगर साम्राज्य के विस्तार में कृष्णदेव राय के योगदान पर प्रकाश डालिए। [3]
अथवा
मंदिरों के निर्माण में विजयनगर के शासकों द्वारा प्रारम्भ किए गए किन्हीं तीन नवाचारों का वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
राजा कृष्णदेव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली राजा थे जिनका सम्बन्ध तुलुव वंश से था। उनके शासन की विशेषताएँ राज्य का विस्तार और सुदृढ़ीकरण थीं। उन्होंने तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों के बीच स्थित उपजाऊ भू-क्षेत्र रायचूर दोआब पर अधिकार कर अपने राज्य का विस्तार और आर्थिक सुदृढ़ीकरण किया। साथ ही, उड़ीसा के शासकों और बीजापुर के सुल्तान को पराजित किया। उनकी नीति सामरिक रूप से युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहने की थी, परन्तु राज्य में आन्तरिक शान्ति और समृद्धि की परिस्थितियों में कोई व्यवधान नहीं था।

कृष्णदेव राय ने अनेक मन्दिरों का निर्माण करवाया तथा भव्य गोपुरमों के निर्माण का श्रेय भी उनको ही जाता है। उन्होंने कृषि के विस्तार तथा जलापूर्ति के लिए विशाल हौजों, जलाशयों तथा नहरों का भी निर्माण करवाया। इस प्रकार राजा कृष्णदेव राय ने विजयनगर राज्य की धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि के योगदान में अपनी महती भूमिका का निर्वाह किया।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 20.
“अंग्रेजों ने अपनी जरूरतों के अनुसार कुछ भारतीय भवन निर्माण शैलियों को भी अपना लिया।”‘बंगला’ का उदाहरण देकर कथन को स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
भारतीय इतिहास के मध्यकाल के दौरान दक्षिण भारत के शहरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
अंग्रेजों ने अपनी जरूरतों के अनुसार भवन निर्माण में कुछ भारतीय शैलियों को भी अपना लिया था जिसका एक उदाहरण उन बंगलों को माना जा सकता है जिन्हें बम्बई एवं सम्पूर्ण देश में सरकारी अधिकारियों के लिए बनाया जाता था। बंगला भारतीय परम्परागत फंस की झोंपड़ी का विकसित रूप है जिसे अंग्रेजों ने अपनी आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तित कर लिया था। औपनिवेशिक बंगला एक बहुत बड़ी भूमि पर बना होता था जिसमें रहने वाले लोगों को न केवल निजता (प्राइवेसी) मिलती थी बल्कि उनके और भारतीय लोगों के बीच विभाजन भी स्पष्ट हो जाता था। बंगलों में ढलवाँ छत तथा चारों ओर बरामदा होता था जो इसे ठंडा रखता था। बंगले के परिसर में घरेलू नौकरों के लिए अलग से क्वार्टर होते थे। ये बंगले सिविल लाइन्स में बने होते थे जिनमें शासक वर्ग भारतीयों के साथ दैनिक सामाजिक सम्बन्धों के बिना आत्मनिर्भर जीवन व्यतीत कर सकते थे।

खण्ड – द

निबन्धात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 250 शब्द)

प्रश्न 21.
सूफी मत के मुख्य धार्मिक विश्वासों और आचारों की व्याख्या कीजिए। [4]
अथवा
“कबीर पहले और आज भी उन लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं जो सत्य की खोज में रूढ़िवादी सामाजिक संस्थाओं और विचारों को प्रश्नवाचक दृष्टि से देखते है।” कथन को स्पष्ट कीजिए। [4]
उत्तर:
सातवीं तथा आठवीं शताब्दी के लगभग कुछ आध्यात्मिक व्यक्तियों का झुकाव रहस्यवाद तथा वैराग्य की ओर बढ़ने लगा। यह काल इस्लाम के उद्भव का काल था। इन रहस्यवादियों को सूफी कहा गया। सूफी मत के प्रमुख धार्मिक विश्वासों एवं आचारों का वर्णन निम्नलिखित है-

  • सूफी मत में भक्ति आन्दोलन के समान ही धार्मिक आडम्बरों को अस्वीकार कर दिया गया।
  • सूफी मत ने भक्ति आन्दोलन के समान व्यक्ति की गरिमा पर सर्वोच्च बल दिया।
  • सूफी सन्तों ने गरीब-अमीर, ऊँच-नीच तथा जाति-पाँति का सदैव तीव्र विरोध किया।
  • सूफी सन्तों ने मानव की समानता पर बल दिया। सूफी सन्तों ने दीन-दुखियों की सहायता करके उनके जीवन को उच्च तथा प्रभावपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
  • सूफी सन्तों ने मुसलमानों को उदार हृदययुक्त तथा उदार विचारधारा वाला व्यक्ति बनने को प्रोत्साहित किया।
  • सूफी सन्तों के प्रयासों से तत्कालीन समाज में वैमनस्यता समाप्त होने लगी तथा दोनों धर्मों के व्यक्ति परस्पर रूप से समीप आये।
  • सूफी सन्तों ने धर्मान्धता, धार्मिक कट्टरता, आपसी शत्रुता, परस्पर द्वेष-भावना तथा घृणा का विरोध करके हिन्दू-मुसलमानों में एकता तथा सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया।
  • लगभग सभी सूफी सन्तों ने अपने उपदेश स्थानीय तथा जनसाधारण की भाषा में दिए जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ हिन्दी तथा उर्दू भाषा का भी विकास सम्भव हुआ।
  • सूफी सन्तों के अनुसार मानव को सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। यदि मनुष्य ईश्वर प्रेम में लीन हो जाए तो वह शीघ्र ही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।
  • सूफी मत में मुर्शिद (गुरु) को बहुत ऊँचा स्थान दिया गया है क्योंकि मुर्शिद ही मनुष्य को सही मार्ग दिखाता है।
  • सूफ़ियों के अनुसार ईश्वर ही सर्वशक्तिमान है जिसका निवास सृष्टि के कण-कण में है।
  • सूफी सिद्धान्तों के अनुसार मानव को सांसारिक पदार्थों से मोह नहीं रखना चाहिए।
  • सूफी सन्तों का कहना है कि मानव को अपना सब कुछ ईश्वर की इच्छा पर ही छोड़ देना चाहिए।
  • सूफ़ियों के अनुसार मानव-सेवा तथा जरूरतमंद व्यक्तियों की सहायता करना ही प्रभु की सच्ची भक्ति है।
  • सूफी सन्तों ने पैगम्बर मोहम्मद को इंसान-ए-कामिल बताते हुए उनका अनुसरण करने की शिक्षा दी।
  • सूफ़ी सन्त सचरित्र तथा मानव के प्रति दयालु भाव रखने पर बल देते थे।
  • सूफी मत के अनुसार परमात्मा अथवा ईश्वर एक है। सभी जीव उसी से उत्पन्न हुए हैं, अतः सभी जीव एक समान हैं।
  • सूफी सन्त संगीत के माध्यम से ईश्वर की आराधना में विश्वास रखते थे।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 22.
“भारत छोड़ो आन्दोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ गाँधीजी का तीसरा बड़ा आन्दोलन था।” कथन की विस्तार से व्याख्या कीजिए। [4]
अथवा
“गाँधीजी एक सक्षम राजनेता होने के अतिरिक्त एक महान समाज सुधारक भी थे।” इस कथन की उपयुक्त तर्क देकर पुष्टि कीजिए। [4]
उत्तर:
क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात् महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना तीसरा बड़ा आन्दोलन छेड़ने का फैसला किया। अगस्त, 1942 ई. में शुरू किए गए इस आन्दोलन को ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ के नाम से जाना गया। भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करने के कारण-
(i) अंग्रेजों की साम्राज्यवादी मीति-सितम्बर, 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारम्भ हो गया। महात्मा गाँधी व जवाहरलाल नेहरू दोनों ही हिटलर व नाजियों के आलोचक थे। तद्नुरूप उन्होंने फैसला किया कि यदि अंग्रेज युद्ध समाप्त होने के पश्चात् भारत को स्वतंत्रता देने पर सहमत हों तो कांग्रेस उनके युद्ध प्रयासों में सहायता दे सकती है, परन्तु ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस मंत्रिमण्डल ने अक्टूबर, 1939 में त्यागपत्र दे दिया। इस घटनाक्रम ने अंग्रेजी साम्राज्यवादी नीति के विरुद्ध आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु प्रोत्साहित किया।

(ii) क्रिप्स मिशन की असफलता-द्वितीय विश्व युद्ध में कांग्रेस व गाँधीजी का समर्थन प्राप्त करने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने अपने एक मंत्री सर स्टेफर्ड क्रिप्स को भारत भेजा। क्रिप्स के साथ वार्ता में कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि यदि धुरी शक्तियों से भारत की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन कांग्रेस का समर्थन चाहता है तो वायसराय को सबसे पहले अपनी कार्यकारी परिषद् में किसी भारतीय को एक रक्षा सदस्य के रूप में नियुक्त करना चाहिए, परन्तु इसी बात पर वार्ता टूट गयी। क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात् गाँधीजी ने भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करने का फैसला किया।

भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रारम्भ- 9 अगस्त, 1942 ई. को गाँधीजी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ हो गया। अंग्रेजों ने इस आन्दोलन को दबाने के लिए बड़ी कठोरता से काम लिया तथा गाँधीजी को तुरन्त गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया तथा सभाओं, जुलूसों व समाचार-पत्रों पर कठोर प्रतिबन्ध लगा दिए गए। इसके बावजूद देशभर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों एवं तोड़-फोड़ की कार्यवाहियों के माध्यम से आन्दोलन चलाते रहे। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भूमिगत होकर अपनी गतिविधियों को चलाते रहे। पश्चिम में सतारा एवं पूर्व में मेदिनीपुर जैसे कई जिलों में स्वतन्त्र सरकार (प्रति सरकार) की स्थापना कर दी गयी।

आन्दोलन का अन्त- अंग्रेजों ने भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रति कठोर रवैया अपनाया फिर भी इस विद्रोह का दमन करने में एक वर्ष से अधिक समय लग गया।

आन्दोलन का महत्व- भारत छोड़ो आन्दोलन में लाखों की संख्या में आम भारतीयों ने भाग लिया तथा हड़तालों एवं तोड़-फोड़ के माध्यम से आन्दोलन को आगे बढ़ाते रहे। इस आन्दोलन के कारण भारत की ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार यह बात अच्छी तरह जान गई कि जनता में व्यापक असन्तोष है इसलिए अब वह भारत में ज्यादा दिनों तक शासन नहीं कर पायेगी अर्थात् अंग्रेजी राज समाप्ति की ओर है। यद्यपि अंग्रेजी सरकार ने आन्दोलन को कुचल दिया, परन्तु वह भारत की आम जनता की राष्ट्रवादी भावनाओं को न कुचल सकी। इस आन्दोलन का सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि कुछ वर्षों पश्चात् अंग्रेजों को भारत छोड़ना ही पड़ा और भारत को अंग्रेजी दासता से आजादी प्राप्त हुई।

RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 23.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थलों को अंकित कीजिए- [4]
(अ) राजगृह
(ब) बरेली
(स) लखनऊ
(द) ग्वालियर
अथवा
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थलों को अंकित कीजिए- [4]
(अ) शिशुपालगढ़
(ब) पाण्डिचेरी
(स) तन्जौर
(द) हैदराबाद
RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi 1
उत्तर:
RBSE 12th History Model Paper Set 9 with Answers in Hindi 2

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Model Papers

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 4 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 4 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 4 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...