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RBSE Class 12 Home Science Board Model Paper 2022 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 56
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न- (9 × 1 = 9)
(i) कार्य के प्रचलित अर्थ हैं-
(अ) एक नौकरी और जीविका के रूप में कार्य
(ब) जीविका के रूप में कार्य
(स) जीविका के रूप में मनपसन्द कार्य
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
(ii) शिल्प के उदाहरण हैं-
(अ) मिट्टी के बर्तन बनाना
(ब) आभूषण बनाना
(स) मिट्टी और टेराकोटा
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
(iii) किस वसा अम्ल की अधिकता मछली में मिलती है?
(अ) बीटा-केरोटीन की
(ब) विटामिन सी
(स) ओमेगा-3
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(स) ओमेगा-3
(iv) परामर्श सेवा है
(अ) कला
(ब) विज्ञान
(स) दोनों
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(स) दोनों
(v) डिजाइन के मुख्य कारक हैं-
(अ) दो
(ब) एक
(स) तीन
(द) चार
उत्तर:
(अ) दो
(vi) फैशन चक्र में गति के स्तर हैं-
(अ) एक
(ब) तीन
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर:
(द) पाँच
(vii) किसी संस्था के लिए आवश्यक है-
(अ) सेवा
(ब) कर्मचारी
(स) धन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) कर्मचारी
(viii) वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करने वाले को कहते हैं-
(अ) सेवा प्रदाता
(ब) उपभोक्ता
(स) विक्रेता
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) उपभोक्ता
(ix) शिक्षा सेवा के लिए उपग्रह है-
(अ) एप्पल
(ब) इन्सेट
(स) एडूसेट
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) एडूसेट
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए- (4 × 1 = 4)
(i) समाज में प्रचलित जेंडर ………………….. प्रकार के हैं।
(ii) भोजन सेवा उपलब्ध कराने वाली सेवाएँ …………………… कहलाती हैं।
(iii) खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम …………………………… में लाग हआ।
(iv) वस्तुओं या सेवाओं के क्रय-विक्रय का स्थान ……………………… कहलाता है।
उत्तर:
(i) तीन,
(ii) रसद विभाग,
(iii) 2006,
(iv) हाट-बाजार।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक- (8 × 1 = 8)
(i) मनोरंजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
मनोरंजन वह गतिविधि है जो शरीर, मन अथवा आत्मा को आराम देती है और व्यक्ति को कठिन कार्य से राहत देती है।
(ii) विद्यालय पूर्व शिक्षा क्या है?
उत्तर:
छोटे बच्चों को उनके विद्यालय जाने से पूर्व संस्थागत शिक्षा दिया जाना विद्यालय पूर्व शिक्षा कहलाती है।
(iii) समावेशी शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जब विशेष शिक्षा आवश्यकता वाले विद्यार्थी सामान्य कक्षाओं में अपने साथियों के साथ पढ़ते हैं तो यह व्यवस्था समावेशी शिक्षा कहलाती है।
(iv) प्राथमिक रंगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लाल, पीला और नीला।
(v) वस्त्रों की देखभाल व रख-रखाव के मुख्य पहलू क्या हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
दो पहलू-
- सामग्री को भौतिक क्षति से दूर रखना।
- रंग, चमक और बनावट को बनाए रखना।
(vi) समारोह क्या होते हैं?
उत्तर:
ऐसा उत्सव जिसमें बहुत धूम-धाम हो अर्थात् धूम-धाम से होने वाला कोई शुभ मंगल कार्य जिससे सभी को खुशी या आनन्द की अनुभूति होती है, समारोह कहलाते हैं।
(vii) औपचारिक समारोह से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे समारोह जो केवल दिखावे के लिए किसी नियम/रीति शिष्टाचार के पालन के लिए किया जाता है, औपचारिक समारोह कहलाता है।
(viii) मानव संसाधन प्रबंधन का कार्य कौन-सा विभाग करता है?
उत्तर:
मानव संसाधन विभाग।
खण्ड – ब
लघूत्तरात्मक प्रश्न- (12 × 1.5 = 18)
प्रश्न 4.
भारत किन सामान्य पोषण समस्याओं का सामना कर रहा है?
उत्तर:
भारत निम्नलिखित पोषण समस्याओं का सामना कर रहा है-
- प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण की समस्या-यह जरूरत की अपेक्षा अपर्याप्त भोजन लेन से होता है। बच्चों को प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण से ग्रसित होने का खतरा अधिक होता है।
- सूक्ष्मपोषकों की कमी-इसमें मुख्यतः लौह तत्व, विटामिन A, आयोडीन, जिंक, विटामिन B,, कैल्शियम आदि शामिल हैं।
प्रश्न 5.
व्यंजन सूची (मेन्यू) क्या है?
उत्तर:
खान-पान की प्रक्रिया में आवश्यक सामग्री, उपकरणों के प्रकार व संख्या कर्मचारियों की निपुणता व उनकी कार्यशैली पर व्यंजन सूची तैयार की जाती है। यह किसी खान-पान स्थान पर मिलने वाले भोजन का निर्धारित स्वरूप होता है। भोजन सामग्री की उपलब्धता, मूल्य सीमा व खाने के समय द्वारा निर्धारित मिलती है।
व्यंजन-सूची (मेन्यू) के कार्य- व्यंजन-सूची मुख्य रूप से दो कार्य करती है (A) यह ग्राहक या उपभोक्ता को सूचित करती है कि क्या उपलब्ध है और (B) भोजन-प्रबंध स्टाफ को बताती है कि क्या बनाना है।
प्रश्न 6.
विश्व व्यापार संगठन के मुख्य लाभ क्या हैं?
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन के लाभ-
- यह व्यापार के समझौतों को लागू करके व्यापार नीति के मुद्दों में सहायता करता है।
- स्वतंत्रतापूर्वक एवं पूर्वानुमान के साथ व्यापार के संचालन में मदद करता है।
- संगठन समझौते में वस्तुओं, सेवाओं और बौद्धिक सम्पदा को सम्मिलित करता है।
प्रश्न 7.
संदूषण क्या है? समझाइए।
उत्तर:
संसाधन अथवा भण्डारण के समय पहले या बाद में खाद्य पदार्थों में हानिकारक, अखाद्य अथवा आपत्तिजनक बाहरी पदार्थों जैसे-रसायन, सूक्ष्मजीव, तनुकारी पदार्थों की उपस्थिति खाद्य संदूषण कहलाते हैं।
प्रश्न 8.
एक विशेष शिक्षक बनने के लिए किस प्रकार के ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
विशेष शिक्षक बनने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में ज्ञान एवं कौशल की आवश्यकता होती है-
- संवेदनशीलता विकसित करना
- अपंगता के बारे में जानकारी होना
- अंतर्वैयक्तिक कौशल होना,
- शिक्षण कौशल होना।
प्रश्न 9.
मांटेसरी स्कूल क्या है?
उत्तर:
मांटेसरी स्कूल ऐसे विद्यालय हैं जो प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के उन सिद्धान्तों पर आधारित होते हैं जिनकी रूपरेखा प्रसिद्ध शिक्षाविद् मारिया मांटेसरी द्वारा बनाई गई। इन स्कूलों में बच्चों को विद्यालय पूर्व की शिक्षा दी जाती है।
प्रश्न 10.
बच्चों की संवेदनशीलता के प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
बच्चों की संवेदनशीलता के प्रमुख कारण-
- शरीर में होने वाले जैविक परिवर्तन
- भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल आदि की आवश्यकता
- प्रतिकूल अनुभव।
प्रश्न 11.
शिशु देखभाल के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
महिला के कामकाजी होने या नौकरीपेशा होने की स्थिति में उसके शिशु की देखभाल की वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता होती है। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में परिवार का कोई वयस्क व्यक्ति, वेतन पर रखा गया कोई व्यक्ति या आया हो सकते हैं। इनके अतिरिक्त शिशु केन्द्र या क्रेच, दिवस देखभाल केन्द्र, नर्सरी स्कूल, मांटेसरी स्कूल, आंगनबाड़ी आदि भी शिशुओं की देखभाल की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अपनाए जा सकते हैं।
प्रश्न 12.
धुलाई मशीनें कितने प्रकार की होती हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
धुलाई मशीनों के प्रकार-
- पूर्णतया स्वचालित धुलाई मशीन,
- अर्ध-स्वचालित धुलाई मशीन,
- हस्त-चालित धुलाई मशीन।
प्रश्न 13.
वृहत् उत्पादन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें कोई उत्पाद बहुत मात्रा में एक ही प्रक्रिया का प्रयोग करके तैयार किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक उत्पाद सभी प्रकार से समान हो। ऐसी प्रक्रिया को वृहत् उत्पादन के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 14.
भर्ती एवं चयन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भर्ती का अर्थ-साक्षात्कार एवं परीक्षण आयोजित करके तथा प्रलेखों और संदर्भो का सत्यापन करके अनेक आवेदकों में से सर्वोत्तम आवेदक का नौकरी के लिए निर्धारण करना भर्ती कहलाता है।
चयन का अर्थ- उपयुक्त तथा अनुकूल कर्मचारी को नियुक्त करना चयन कहलाता है।
प्रश्न 15.
निगमित संगठित परिवार में समारोह प्रबंधन की पारस्परिक प्रक्रिया का चित्रण कीजिए।
उत्तर:
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- (3 × 3 = 9)
प्रश्न 16.
आहार विशेषज्ञ बनने के लिए व्यक्ति में किन-किन गुणों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
आहार विशेषज्ञ बनने के लिए व्यक्ति में निम्न गुण होने चाहिए-
(i) रोग की पारिस्थितियों में शारीरिक परिवर्तनों, पोषक तत्व की प्रस्तावित दैनिक मात्रा (आर. डी. ए.) में परिवर्तनों, पोषक तत्व की प्रस्तावित दैनिक मात्रा (आर. डी. ए.) में परिवर्तन/बीमारी में पोषकों की आवश्यकता और आवश्यक आहारी संशोधनों के प्रकार, परंपरागत और जातीय पाक-विधियों, रोगियों के साथ प्रभावी रूप से बातचीत के लिए विभिन्न भाषाओं का ज्ञान।
(ii) नैदानिक और जैवरासायनिक मापदंडों का उपयोग कर रोगियों की आहारी दशा के मूल्यांकन, वैयक्तिक रोगियों और विशिष्ट रोग परिस्थितियों में आवश्कताओं के अनुरूप आहार योजना तैयार करने, रोगियों के लिए आहारों की संस्तुति करने और देने, आहार की सलाह हेतु बातचीत करने, सांस्कृतिक वातावरण को अपनाने तथा भोजन निषिद्धता और मिथ्या धारणाओं से मुक्त होने का कौशल।
प्रश्न 17.
रंग चक्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ह्यू रंग का सामान्य नाम है। वर्णक्रम सात रंगों को दर्शाता है। डिजाइन की दृष्टि से रंग को समझने के लिए मंसेल रंग चक्र का संदर्भ दिया जाता है। जो रंगों को निम्न प्रकार से विभाजित करता है-
प्राथमिक रंग-ऐसे रंग जो किन्हीं अन्य रंगों को मिलाने से प्राप्त नहीं होते जैसे-लाल, पीला, नीला।
द्वितीयक रंग-दो प्राथमिक रंगों से मिलाकर बनाए जाते हैं।
जैसे-नारंगी, हरा, बैंगनी। तृतीयक रंग-ये रंग चक्र पर निकटवर्ती प्राथमिक और द्वितीयक रंग को मिलाकर बनाए जाते हैं। जैसे-लाल-नारंगी, पीला-हरा, नीला-हरा, नीला-बैंगनी और लाल बैंगनी।
उपरोक्त सभी रंगों को निम्न रंग चक्र से समझा जा सकता है-
प्रश्न 18.
वर्तमान समाज में जनसंचार माध्यमों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान समाज में जनसंचार माध्यम की भूमिका को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट कर सकते हैं।
- आज के समाज को संवारने में मीडिया (जनसंचार माध्यम) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- जन संचार माध्यम विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्वजनिक बोध को प्रभावित करते हैं।
- वे विश्वासों, मूल्यों तथा परम्पराओं के एक विशेष स्वरूप का चयन तथा चित्रण करके आधुनिक संस्कृति के विशिष्ट रूप का विकास करते हैं।
निबंधात्मक प्रश्न (2 × 4 = 8)
प्रश्न 19.
विशेष आवश्यक वाले बच्चों से क्या अभिप्राय हैं? बाल्यावस्था में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?
उत्तर:
विशेष आवश्यकता वाले बच्चे-कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हें चलने-फिरने, खेलने-बोलने, सुनने-पढ़ने में, समाज में लोगों से बातचीत करने अथवा किसी ऐसे कार्य को करने में अस्वाभाविक रूप से कठिनाई हो सकती है, जिन कार्यों को करना हम सामान्य मानते हैं। ऐसे बच्चों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चे कहते हैं।
शैक्षिक संदर्भ में इन्हें अपंग या दिव्यांग बच्चे कहा जाता है।
बाल्यावस्था की अपंगताओं का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
- बौद्धिक क्षति (सीमित बौद्धिक कार्य और अनुकूलनात्मक कौशल)
- दृष्टि दोष (इसमें कम दृष्टि और पूर्ण अन्धता शामिल है)
- श्रवण दोष (इसमें आंशिक श्रवण हानि और बहरापन शामिल है)
- प्रमस्तिष्कघात (सेरीब्रलपाल्सी) मस्तिष्क की क्षति के कारण चलने-फिरने, उठने-बैठने, बोलने और हाथ से काम करने में कठिनाई
- स्वलीनता, (ऐसी अपंगता जो संप्रेषण/बोलचाल सामाजिक अन्त:क्रिया, मेल-जोल और खेल व्यवहार को प्रभावित करती है),
- चलते-फिरने संबंधी अपंगता ( हड्डियों, जोड़ों और पेशियों में क्षति के कारण चलने-फिरने में कठिनाई
- अधिगम अक्षमता (पढ़ने, लिखने और गणित में कठिनाइयाँ)।
अथवा
बच्चों और वृद्धजनों में से प्रत्येक के लिए दो कार्यक्रमों को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
(अ) बच्चों के लिए कार्यक्रम-
1. भारत सरकार की समेकित बाल-विकास सेवाएँ (आई.सी.डी.एस.)- यह विश्व का सबसे बड़ा आरंभिक बाल्यावस्था कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य समेकित तरीके से छः वर्ष से कम आयु के बच्चों के स्वास्थ्य पोषण, आरंभिक अधिगम/शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करता है, जिससे उसके विकास को बढ़ावा दिया जा सके। यह कार्यक्रम माताओं के लिए स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता, शिक्षा, तीन से छ: वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अनौपचारिक विद्यालय पूर्व शिक्षा छ: से कम आयु के सभी बच्चों तथा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पूरक भोजन वृद्धि की निगरानी तथा मूलभूत स्वास्थ्य देखरेख सेवाओं जैसे छ: वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण और विटामिन ए पूरकों को प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम से वर्तमान समय में 41 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। ये सेवाएँ आँगनवाड़ी देखरेख केन्द्र पर समेकित तरीके से दी जाती हैं।
2. एस.ओ.एस. बाल गाँव-यह एक स्वतंत्र गैर-सरकारी सामाजिक संगठन है जिसने अनाथ और परित्यक्त बच्चों की दीर्घावधि देख-रेख के लिए परिवार अधिगम प्रारम्भ किया है। एस.ओ.एस. गाँवों का उद्देश्य ऐसे बच्चों को परिवार आधारित दीर्घावधि की देखरेख प्रदान करता है जो किन्ही कारणों से अपने जैविक परिवारों के साथ नहीं रहते हैं। प्रत्येक एस.ओ.एस. घर में एक माँ होती है जो 10-15 बच्चों की देखभाल करती है। यह इकाई एक परिवार की तरह रहती है और बच्चे एक बार पन: संबंधों और प्रेम का अनुभव करते हैं। इससे इन बच्चों की अपने त्रासद अनुभवों से उबरने में सहायता मिलती है। ये बच्चे एक स्थिर पारिवारिक परिवेश में पलते हैं और एक स्वतंत्र युवा वयस्क बनने तक उनकी व्यक्तिगत रूप से सहायता की जाती है।
(ब) भारत में वृद्धजनों के लिए कार्यक्रम-
- विश्राम गृह/सतत देखभाल गृह-वृद्धावस्था सदनों में रहने वाले ऐसे बुजुर्गों के लिए विश्राम गृह/सतत् देखभाल गृह चलाए जा रहे हैं, जो गंभीर रूप से बीमार हों और जिन्हें सतत् नर्सिंग देखभाल और आराम की आवश्यकता है।
- बहुसेवा केन्द्र-बुजुर्गों के लिए बहुसेवा केन्द्र, उन्हें दिन में देखभाल, शिक्षा और मनोरंजन के अवसर, स्वास्थ्य देखभाल और संगी साथी प्रदान करते हैं।
प्रश्न 20.
विकास कार्यक्रम चक्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विकास कार्यक्रम चक्र-विकास कार्यक्रम चक्र के चार चरण निम्नलिखित हैं-
1. स्थिति अथवा विषय-वस्तु का विश्लेषण करना-विकास कार्यक्रम के इस चक्र में विकास समस्या को समझा और परिभाषित किया जाता है। समस्या को पूर्णरूप से समझने के लिए विकास समस्या से सम्बन्धित पूर्व अनुभवों तथा समुदाय व व्यक्तिगत ज्ञान और अभिवृतियों को समझना, प्रचलित मानदण्ड एवं कार्य व्यवहार तथा समाज-अर्थशास्त्रीय एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य के बारे में अन्य सूचनाएँ जानने का प्रयास किया जाता है।
विकास कार्यक्रम के इस चरण का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू मुद्दों के बारे में आपसी संवाद से विभिन्न पण रियों के मध्य आपसी समझ के लिए क्रियाविधि विकसित किया जाना है। इससे विषय की आवश्यकताओं, समस्याओं, जोखिमों और उसके संसाधनों के विषय में समझ के साथ-साथ प्रत्यक्ष ज्ञान के समाधान, मुद्दों की प्राथमिकताओं के बारे में सामंजस्य विकसित होगा और कार्यक्रम के जिन लक्ष्यों पर वे सहमत हैं उनके हलों को परिभाषित करने में सहायता प्राप्त होगी।
2. कार्ययोजना की रूपरेखा बनाना-इस चरण में विकास कार्यक्रम के लक्ष्यों या उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जो कार्यनीति अपनायी जाएगी और जिन क्रियाकलापों को करना अति आवश्यक है, उन्हें निश्चित किया जाएगा योजना का सफलतापूर्वक अभिकल्पन उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने से प्रारम्भ होता है। उद्देश्यों को सुसाध्य और मापन योग्य विधि से परिभाषित करने के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करने के लिए सुस्पष्ट मापन-योग्य, प्राप्य, यथार्थवादी और समयोजित सूत्र को अपनाया जा सकता है।
इस चरण का दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष ऐसे संबद्ध व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं की पहचान करना है, जिनके साथ उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए और स्थिति में सुधार के लिए सहभागिता की आवश्यकता है, क्योंकि कार्यक्रम के प्रति व्यक्तियों और र समहों का अभिप्रेरण तथा प्रतिबद्धता अलग-अलग हो सकती है। अत: भागीदारी विकसित करना, सक्रिय सहभागिता और सभी साझेदारों का सहयोग ऐसी चुनौतियाँ हैं, जिन पर विचार करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम की कार्यनीति विकसित करते समय इसकी अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना और उनके मूल्यांकन व मापन पर विचार करना आवश्यक है।
3. योजना को कार्यान्वित करना- एक बार कार्यक्रम योजना के विकसित हो जाने के पश्चात् सभी संगत क्रियाकलापों के प्रबंधन और अनुवीक्षण के लिए तथा आगे बढ़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कार्य योजना बनायी जाये।
4. योजना का मूल्यांकन- योजनाबद्ध कार्यक्रम का मूल्यांकन उसका अंतिम चरण है और यह कार्यक्रम चक्र को पूरा करता है। मूल्यांकन एक ऐसी समयबद्ध प्रक्रिया है जो सुव्यवस्थित रूप तथा वस्तुनिष्ठ दृष्टि से पूरे हो चुके तथा चल रहे कार्यक्रमों और परियोजनाओं की संगतता की सफलता व निष्पादन को निर्धारित करने का प्रयत्न है। यह कार्यक्रम परियोजनाओं के गुण-दोषों को पहचानने और समझने में सहायता करता है। मूल्यांकन के प्रति विभिन्न पणधारियों की अभिवृति तथा सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम के लाभ-हानि को वस्तुनिष्ठ तरीके से समझने की प्रक्रिया और क्षमता को प्रभावित कर सकती है। यदि इसे सीखने और सुधार लाने की भावना से किया जाए तो यह वर्तमान और भावी कार्यक्रमों में सुधार करने तथा उन्हें उपयोगी बनाने का मूल्यवान साधन हो सकता है। अधिकांश स्थितियों में मूल्यांकन कार्यक्रम के अन्त में किया जाता है या करने की योजना बनाई जाती है, जबकि वास्तविकता, में इसकी योजना परियोजना के प्रारम्भ में ही शुरू होनी चाहिए।
अथवा
प्रमुख संचार माध्यमों के लाभ और हानियों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रमुख संचार माध्यमों की शक्ति / लाभ और कमियाँ/ हानियाँ-
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