Students must start practicing the questions from RBSE 12th Home Science Model Papers Set 4 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Home Science Model Paper Set 4 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 56
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न- (9 × 1 = 9)
(i) जेंडर की पहचान किस पर आधारित होती है-
(अ) आनुवंशिकी पर
(ब) यौन अंगों पर
(स) सामाजिक पहचान पर
(द) जनन अंगों पर
उत्तर:
(स) सामाजिक पहचान पर
(ii) नये विचारों को प्रभावी और सफलतापूर्वक उपयोग में लाना कहलाता है-
(अ) नवाचार
(ब) पूर्वाग्रह
(स) सुविचार
(द) अनुसरण
उत्तर:
(अ) नवाचार
(iii) विश्व की मधुमेह की राजधानी बनने की संभावना है?
(अ) USA की
(ब) चीन की
(स) भारत की
(द) ब्राजील की
उत्तर:
(स) भारत की
(iv) पी. ई. एम का तात्पर्य …………… से है।
(अ) लौहतत्वों की कमी
(ब) विटामिन ए की कमी
(स) आयोडीनहीनता
(द) प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण
उत्तर:
(द) प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण
(v) सामग्री में बुनावट का निर्धारण करने वाला कारक है-
(अ) रेशा
(ब) धागे का प्रकार
(स) वस्त्र निर्माण तकनीक
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
(vi) पहनने के लिए तैयार’ वस्त्रों का उत्पादन हुआ-
(अ) वर्ष 1950 में
(ब) वर्ष 1920 में
(स) वर्ष 1970 में
(द) वर्ष 1990 में
उत्तर:
(ब) वर्ष 1920 में
(vii) किसी भी संस्था के लिए आवश्यक होता है-
(अ) कर्मचारी
(ब) पूँजी
(स) सेवा
(द) अवसंरचना
उत्तर:
(अ) कर्मचारी
(viii) आस्ट्रेलियाई उपभोक्ता संघ कौन-सी पत्रिका निकालता है?
(अ) वॉयस
(ब) इनसाइट
(स) चॉइस
(द) कंज्यूमर रिपोर्ट
उत्तर:
(स) चॉइस
(ix) डेवलपमेंट कम्यूनिकेशन अर्थात् विकास संचार शब्द का प्रयोग 1972 में किसने किया था?
(अ) नोरा क्यूबाल
(ब) लीफलेट्स
(स) नोरा गुजराल
(द) चर्चिल
उत्तर:
(अ) नोरा क्यूबाल
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए- (4 × 1 = 4)
(i) ……….. के परिणामस्वरूप हैं- मुद्रास्फीति, व्यापार का प्रतिकूल संतुलन, अल्प वृद्धि दर तथ्य बेरोजगारी।
(ii) बजट बनाने में …………. निर्धारण का नियोजन और वित्तीय संसाधनों और …………… विधि का प्रयोग सम्मिलित है।
(iii) उपभोक्ता को …………… और गुणवत्ता की तुलना करनो पड़ती है।
(iv) समारोह प्रबंधक …………… प्रदान करते हैं।
उत्तर:
(i) कम उत्पादकता,
(ii) वित्त, लेखा,
(iii) कीमत,
(iv) परामर्श।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न- (8 × 1 = 8)
(i) कार्य में सम्मिलित हो सकने वाली किन्हीं चार गतिविधियों को लिखिए।
उत्तर:
- वेतन के लिए
- उद्यम वृत्ति
- परामर्श
- समाज कल्याण के लिए सामाजिक कार्य।
(ii) किस स्थिति में बच्चों को वैकल्पिक देखभाल की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
जब बच्चे की माँ कामकाजी हो और घर के बाहर काम करती हो तब बच्चे की देखभाल के लिए वैकल्पिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
(iii) विशेष विद्यालय किस प्रकार की अपंगताओं वाले बच्चों को सेवाएं प्रदान करते हैं?
उत्तर:
विशेष विद्यालय बौद्धिक दोष, प्रमस्तिष्कघात तथा दृष्टिदोष वाले बच्चों को सेवाएँ प्रदान करते हैं।
(iv) शान्त प्रभाव वाले समूह में आने वाले रंगों के नाम बताइये। .
उत्तर:
हरा, नीला और बैंगनी।
(v) हस्तचालित मशीन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जिन मशीनों में 50 प्रतिशत या अधिक काम प्रचालक को हाथ से करना पड़ता है, उन्हें हस्तचालित मशीन कहते हैं।
(vi) समारोह प्रबंधक को समारोह क्रियान्वयन के समय क्या सुनिश्चित कर लेना चाहिए?
उत्तर:
समारोह प्रबंधक को समारोह क्रियान्वयन के समय सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सेवार्थी की सभी महत्त्वपूर्ण संकल्पनाओं एवं श्रोताओं में सामंजस्य हो।
(vii) किसी पार्टी की विषय-वस्तु क्यों निर्धारित करनी चाहिए?
उत्तर:
किसी भी पार्टी की विषय-वस्तु निर्धारित करने से मेहमान पार्टी में आयोजित सभी क्रियाकलापों में उत्साह दिखाते हैं और जिससे उन्हें पार्टी दिलचस्प लगने लगती है।
(viii) प्राचीन काल (भूतकाल) में मानव संसाधन प्रबंधन का कार्य कौन-सा विभाग करता था?
उत्तर:
कार्मिक विभाग।
खण्ड – ब
लघूत्तरात्मक प्रश्न (12 × 1.5 = 18)
प्रश्न 4.
आहार अथवा भोजन आधारित कार्य नीतियाँ क्या हैं?
उत्तर:
ये निवारक और व्यापक योजनाएँ हैं जो पोषण हीनताओं पर काबू पाने के लिए एक माध्यम के रूप में भोजन का प्रयोग करती हैं ये सूक्ष्म पोषकों की कमी को रोकने के लिए, सूक्ष्मपोषक समृद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता व उपभोग को बढ़ाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
प्रश्न 5.
सामाजिक आर्थिक परिदृश्य व वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकीय दशाएँ किस प्रकार भोजन सेवा उद्योग की परिवर्तित करने में सहायक सिद्ध हुयी है?
उत्तर:
सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तनों के साथ भोजन-सेवा और भोजन-प्रबंधन एक उद्योग के रूप में उभरा है, क्योंकि ऐसे भोजन की बहुत अधिक माँग है जो केवल स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि बहुतं साफ़-सुथरा, स्वास्थ्यप्रद हो और बहुत कलात्मक तरीके से परोसा जाता हो। कुछ परिस्थितियों में, अधिक समय तक टिक सकने वाले अर्थात् जल्दी खराब न होने वाले भोजन की माँग होती है। वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय प्रगति ने बड़े पैमाने पर भोजन तैयार करने वालों की गतिविधियों को सरल और कारगर बनाने में मदद की है जो अधिक प्रभावी हैं, भोजन की सुरक्षा और गुणवत्ता में सुधार लाने वाली तथा फिर भी कम थकाने वाली हैं।
प्रश्न 6.
अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) को समझाइए।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ.)-यह राष्ट्रीय मानक संस्थान का विश्वव्यापी गैर सरकारी-संघ है। इसका उद्देश्य वस्तुओं के अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय को सुसाध्य बनाने और बुद्धिजीवी, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रों में सहयोग विकसित करने के दृष्टिकोण से विश्व में मानकीकरण और संबंधित गतिविधियों के विकास को प्रोत्साहन देना है इसके द्वारा किया गया कार्य अन्तर्राष्ट्रीय समझौता में परिणत हो जाता है, जो अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित होते हैं। यह 9000 गुणवत्ता आवश्यकताओं का एक अन्तर्राष्ट्रीय संकेत चिह्न है। यह किसी संस्थान के गुणवत्ता प्रबंधन से संबंधित होता है तथा इन मानकों को अपनाना स्वैच्छिक होता है।
प्रश्न 7.
संकट विश्लेषण संकटपूर्ण महत्वपूर्ण नियंत्रित बिंदु (एच.ए.सी.सी.पी) क्या है? बताइए।
उत्तर:
संकट विश्लेषण संकटपूर्ण नियंत्रित बिंदु (एच. ए.सी.सी.पी) खाद्य की सुरक्षा का आश्वासन देने का एक साधन है। यह खाद्य निर्माण एवं भंडारण के लिए एक उपागम है जिसके अंतर्गत कच्ची सामग्री एवं एक विशेष प्रक्रम के प्रत्येक चरण पर विस्तार से ध्यान दिया जाता है। इसमें शामिल है- संकटों की पहचान, कच्ची सामग्री एकत्र करना, निर्माण, वितरण, खाद्य उत्पादों का उपयेग, आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण के समय होने वाले संकटों की संभावनाओं का आकलन एवं संकटों के नियंत्रण के लिए उपाय बताना।
प्रश्न 8.
विशेष शिक्षा विधियों के क्रियान्वयन के क्रम को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विशेष शिक्षा विधियों के क्रियान्वयन का क्रम निम्न प्रकार होता है-
- जन्म से पहले प्रभावित करने वाले आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक दोनों कारक।
- मूल्यांकन रिपोर्ट के पश्चात् प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक शिक्षा कार्यक्रम बनाया जाता है।
- शिक्षा कार्यक्रम का नियमित मूल्यांकन किया जाता है।
- सम्पूर्ण क्रम में सहायक सेवाओं तक पहुँच और उनका प्रयोग सुगम बनाया जाता, है।
प्रश्न 9.
बाल केन्द्रित उपागम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
बाल केन्द्रित उपागम से अभिप्राय, छोटे बच्चों की देखभाल और शिक्षा पर केन्द्रित दृष्टिकोण से है। बाल केन्द्रित उपागम और खेल-खेल में सीखने का तरीका जो पढ़ाई को रुचिकर बना देता है, छोटे बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त होता है। विद्यालय पूर्व के बच्चों की शिक्षा और देखभाल के लिए जो विद्यालय पूर्व केन्द्र होते हैं, वे बाल केन्द्रित उपागम पर ही आधारित होते हैं। ये अनौपचारिक होते हैं जो सीखने का अनुकूल परिवेश प्रदान करते हैं, जो घर में सीखने के अच्छे परिवेश के लाभों का पूरक होता है।
प्रश्न 10.
आश्रयहीन बच्चों के लिए भारत सरकार ने कौन-कौन से घर स्थापित किए हैं?
उत्तर:
आश्रयहीन बच्चों के लिए भारत सरकार ने निम्नलिखित तीन प्रकार के घर स्थापित किये हैं-
- प्रेक्षण गृह- ये वे घर होते हैं जहाँ बच्चे अस्थाई रूप से अपने माता-पिता का पता लगाए जाने और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी एकत्रित किए जाने तक रहते हैं।
- विशेष गृह- ये वे घर होते हैं जहाँ कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों (18 वर्ष से कम आये के बच्चे) को कानूनी हिरासत में देख-रेख के लिए रखा जाता है।
- किशोर या बाल गृह-यहाँ उन बच्चों को रखा जाता है जिनके परिवार का पता नहीं चल पाता अथवा जिनके अभिभावक अस्वस्थ/ मृतक होते हैं अथवा जो बच्चों को वापस नहीं ले जाना चाहते। सरकार पर इन्हें घर, बोर्ड शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने का दायित्व होता है।
प्रश्न 11.
एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रकाशित पत्र के अनुसार प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के मूल उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूप रेखा 2005 के प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा पर एन.सी.ई. आर.टी. द्वारा प्रकाशित पत्र के अनुसार प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के मूल उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- बच्चे का समग्र विकास जिससे वह अपनी क्षमता पहचान सकें।
- विद्यालय के लिए तैयारी
- महिलाओं और बच्चों के लिए सहायक सेवा प्रदान करना।
प्रश्न 12.
कपड़ों की देखभाल क्यों की जाती है?
उत्तर:
परिवार में पोशाकों और घरेलू उपयोग में आने वाले कपड़ों के बारे में सब भली-भाँति जानते हैं। आप यह भी जानते होंगे कि कुछ विशिष्ट प्रकार के कपड़े औद्योगिक उद्देश्यों के लिए कुछ संस्थाओं के आंतरिक भाग में ऊष्मा और ध्वनि को रोधित करने के लिए और अस्पतालों में पट्टियों, मास्क आदि के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, क्योंकि विशेष गुणों वाले कपड़ों का विशेष प्रयोग और कार्यात्मकता के लिए चयन किया जाता है, अतः यह महत्वपर्ण हो जाता है कि ये विशेष गुण उन वस्त्रों के अपेक्षित जीवनकाल में बने रहें। उनकी अच्छी देखभाल करके यह प्रयास किया जाते हैं कि उस उत्पाद के काम में आने की अवधि बढ़ सके। इसलिए वस्त्रों की देखभाल की जाती है।
प्रश्न 13.
भारत में वस्त्र उद्योग का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
भारत का वस्त्र उद्योग एक लाख करोड़ रुपयों का है। समस्त वस्त्र उत्पादन का लगभग एक-चौथाई भाग निर्यात बाज़ार में जाता है और शेष तीन-चौथाई घरेलू उपभोग के लिए बचता है। उद्योग में एक लाख से अधिक इकाइयाँ हैं और इनमें लगभग 60 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से और लगभग बराबर अनुपात में रोजगार मिल रहा है। अप्रत्यक्ष भाग वस्त्र उद्योग उत्पादन से जुड़ी वस्तुओं के रूप में प्रत्यक्ष उत्पादन क्षेत्र को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें शामिल हैं सीने/कसीदाकारी के धागे; काँट-छाँटकर सँवारना, मशीनों के पुर्जे, गत्ते की शीटें और पैक करने की सामग्री। वस्त्र उद्योग का संगठित क्षेत्र कुल उद्योग का 20 प्रतिशत है और यह मुख्य रूप से निर्यात पर ध्यान देता है।
प्रश्न 14.
जनशक्ति योजना क्यों बनायी जाती है?
उत्तर:
जनशक्ति या मानव संसाधन योजना का संबंध संस्था के वर्तमान संसाधनों तथा भावी अनुमानित माँगों तथा परिवर्तनों के संदर्भ में संस्था की वर्तमान व भावी आवश्यकताओं के निर्धारण से है। अतः जनशक्ति की माँग तथा पूर्ति को संतुलन में लाने के लिए उचित कदम उठाने की योजना बनाई जाती है। जनशक्ति योजना के माध्यम से ही वर्तमान कर्मचारियों के विविध प्रकार के विवरणों का व्यापक चित्र तैयार किया जाता है। इसमें कर्मचारियों के योजनाबद्ध आवागमन, सेवानिवृत्तियों, सामान्य आवर्त आदि का समय सीमाओं के अनुरूप संस्थागत योजना के अनुसार संशोधन करने की प्रक्रिया शामिल होती है।
प्रश्न 15.
समारोह प्रबंधन के कार्यक्षेत्र बताइए।
उत्तर:
समारोह प्रबंधन किसी समारोह के आयोजन को प्रदर्शित करता है। इसके क्रियान्वयन में विभिन्न कौशल एवं अनेक व्यक्तियों को भूमिकाएँ होती है। इसमें अनेक पारस्परिक क्रियाएँ की जाती हैं जैसे-योजना बनाना, आयोजन करना, कर्मचारियों का चयन नेतृत्व, क्रियान्वयन और मूल्यांकन आदि। उदाहरणयदि किसी महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए किसी समारोह का आयोजन करना है तो उसके प्रबंधन में स्थान का चयन, मंच सज्जा, आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था जैसे-साउण्ड सिस्टम, तंबू, फर्नीचर व्यवस्था आदि, कलाकारों/प्रस्तुतकर्ताओं से संपर्क और अन्य क्रियाकलापों के साथ नेटवर्क जैसे-विज्ञापन, जनसंपर्क, टिकटों की बिक्री आदि। ये सभी समारोह प्रबंधन के कार्यक्षेत्रों के अन्तर्गत आते हैं।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3 × 3 = 9)
प्रश्न 16.
आहार विशेषज्ञ बनने के लिए किन-किन दशाओं की जानकारी होनी चाहिए?
उत्तर:
आहार विशेषज्ञ बनने के लिए निम्न कौशलों/दशाओं का होना आवश्यक है-
- रोग की परिस्थियों के अनुसार होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का ज्ञान।
- पोषक तत्वों की प्रस्तावित दैनिक मात्रा में होने वाले परिवर्तनों का ज्ञान
- बीमारी में पोषक तत्वों की मात्रा, आवश्यकता व आवश्यक आहारी संशोधनों के प्रकारों का ज्ञान।
- परम्परागत व जातीय पाक विधियों का पर्याप्त ज्ञान।
- रोगियों से बातचीत करने के लिए विभिन्न भाषाओं का ज्ञान।
- नैदानिक व जैव रासायनिक मापदंडों का उपयोग कर रोगियों की आहारी दशा का मूल्यांकन करने की कुशलता का होना।
- वैयक्तिक रोगियों व विशिष्ट रोग परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार आहार योजना तैयार करने की कुशलता का होना
- रोगियों के लिए आहारों की संस्तुति करने देने आहार की सलाह हेतु बातचीत करने की निपुणता का होना।
- सांस्कृतिक वातावरण को अपनाने तथा भोजन निषिद्धता व मिथ्या धारणाओं से मुक्त होने की कौशल निपुणता का होना।
प्रश्न 17.
रंग सिद्धान्त क्या है? समझाइये।
उत्तर:
रंग सिद्धान्त-रंग को प्रकाश के किसी वस्तु के पृष्ठ से टकराकर परावर्तन होने के रूप में परिभाषित किया जा सकता हैं। यह दृश्य प्रकाश किरणों के परावर्तन के परिणामस्वरूप होने वाली अनुभूति है। किरणें दृष्टिपटल से टकराती हैं और आँख की तंत्रिकाओं की कोशिकाओं को उत्तेजित करती हैं। तंत्रिकायें मस्तिष्क को एक सन्देश भेजती हैं, जो एक विशेष अनुभूति उत्पन्न करता है और हम रंग देखते हैं। जो रंग मस्तिष्क द्वारा अवलोकित किया जाता है, वह प्रकाश स्रोत की एक विशिष्ट तरंग-दैर्यों के संयोजन पर निर्भर करता है। किसी वस्तु का रंग देखने के लिये आवश्यक है कि वस्तु द्वारा परावर्तित प्रकाश को देखा जा सके।
जब प्रकाश की सभी किरणें परावर्तित होती हैं तो वस्तु सफेद दिखाई पड़ती है, जब कोई भी किरण परावर्तित नहीं होती तो वस्तु काली दिखाई पड़ती है। कम तरंगदैर्ध्य वाली प्रकाश किरणें का समूह शांत प्रभाव वाले रंगों (हरा, नीला और बैंगनी) वाला होता है। अधिक तरंग-दैरों वाले प्रकाश में लाल, नारंगी और पीला प्रकाश है, जो उत्तेजित प्रभाव वाले रंग हैं।
प्रश्न 18.
संचार माध्यमों के प्रबंधन, डिजाइन और उत्पादन के क्षेत्र जीविकाएँ बताइए अथवा मीडिया के क्षेत्र में प्रमुख रोजगार के अवसर बताइए?
उत्तर:
संचार माध्यमों (मीडिया) के प्रबंधन, डिजाइन और उत्पादन के क्षेत्र में निम्नलिखित जीविकाएँ प्रमुख रोजगार के अवसर निम्नलिखित हैं-
- व्यवसायों तथा उद्योगों में विज्ञापन, संवर्धन, छवि निर्माण, कंपनियों का आकार बढाने और उनका विस्तार करने में संचार माध यमों का उपयोग करने के लिए व्यक्तियों की आवश्यकता होती है।
- जन संचार माध्यमों अर्थात् मुद्रित जनसंचार माध्यम, इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम, विज्ञापन, वेब प्रकाशन आदि में, दूरदर्शन तथा ऑल इंडिया रेडियो में अथवा निजी प्रसारकों के साथ रोजगार या जीविका के बढ़ते अवसर।
- निर्देशन, उत्पादन, फोटोग्राफी, ग्राफिक्स, संपादन, ध्वनि, कार्यक्रम अनुसंधान, आलेख लेखन के क्षेत्रों में जीविका के अवसर उपलब्ध हैं।
- फील्ड रिपोर्टर, लेखक,संपादक, अनुसंधानकर्ता, संवाददाता, ऐंकर, प्रस्तुतकर्ता तथा समाचार विश्लेषक के रूप में कार्य करना।
- उद्यमी के रूप में कार्य करना।
निबंधात्मक प्रश्न (2 × 4 = 8)
प्रश्न 19.
विशेष और समावेशी शिक्षा के विभिन्न मॉडलों का वर्णन कीजिए।
अथवा
दिव्यांगता या अपंगता से आप क्या समझते हैं? अपंगता के कारण लिखिए।
उत्तर:
विशेष और समावेशी शिक्षा के मॉडल- विशेष और समावेशी शिक्षा के विभिन्न मॉडल हैं, जिनमें विशेष शिक्षक, विशेष शिक्षा आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए कार्य करते हैं। ये मॉडल निम्नलिखित हैं-
(1) विशेष विद्यालय/कार्यक्रम- कुछ विद्यालय/ कार्यक्रम केवल अपंग बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। ये विद्यालय बौद्धिक दोष, वाक्दोष, प्रमस्तिष्कघात (सेरीब्रलपाल्सी) अथवा दृष्टि दोष जैसी विशिष्ट अपंगताओं वाले बच्चों को सेवाएँ प्रदान करते हैं। ऐसे विद्यालय/कार्यक्रम विशेष विद्यालयों कार्यक्रमों की श्रेणी में आते हैं और इनके लिए विशेष शिक्षकों की आवश्यकता होती है जो उन विशिष्ट दिव्यांगताओं वाले बच्चों के लिए काम करने में प्रशिक्षित है।
(2) सामान्य शिक्षा विद्यालय/कार्यक्रमएक सामान्य शिक्षा विद्यालय या सामान्य शिक्षा कार्य के अपने परिसर में ही विशेष शिक्षा आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए भी कार्यक्रम संचालित किया जाता है। यहाँ कुछ समय के लिए उन्हें संयमित कक्षाओं में रखा जाता है। ऐसी व्यवस्था में विशेष शिक्षक पूर्णतः केवल विशेष शिक्षा आवश्यकता वाले बच्चों को ही नहीं पढ़ाते हैं बल्कि सामान्य कक्षा के शिक्षकों को भी शिक्षा संबंधी सहायता प्रदान करते हैं।
(3) समावेशी सामान्य विद्यालय-समावेशी सामान्य विद्यालय ऐसे विद्यालय होते हैं जिनमें विशेष शिक्षा आवश्यकता वाले बच्चे भी नियमित कक्षाओं में सामान्य बच्चों के साथ-साथ पढ़ते हैं। इनमें विशेष शिक्षक, नियमित शिक्षकों के साथ काम का समन्वय करते हैं और विद्यालय के संसाधन कक्ष में विद्यार्थियों को अतिरिक्त शिक्षा सहायता प्रदान करते हैं।
प्रश्न 20.
विकास कार्यक्रम चक्र के संदर्भ में निम्न को समझाइए-
(1) योजना को कार्यान्वित करना
(2) योजना का मूल्यांकन।
अथवा
सतत् विकास लक्ष्यों के नाम लिखिए। (कोई आठ)
उत्तर:
1. योजना को कार्यान्वित करना-एक बार कार्यक्रम योजना के विकसित हो जाने के पश्चात् सभी संगत क्रियाकलापों के प्रबंधन और अनुवीक्षण के लिए तथा आगे बढ़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कार्य योजना बनायी जाये।
2. योजना का मूल्यांकन-योजनाबद्ध कार्यक्रम का मूल्यांकन उसका अंतिम चरण है और यह कार्यक्रम चक्र को पूरा करता है। मूल्यांकन एक ऐसी समयबद्ध प्रक्रिया है जो सुव्यवस्थित रूप तथा वस्तुनिष्ठ दृष्टि से पूरे हो चुके तथा चल रहे कार्यक्रमों और परियोजनाओं की संगतता की सफलता व निष्पादन को निर्धारित करने का प्रयत्न है। यह कार्यक्रम परियोजनाओं के गुण-दोषों को पहचानने और समझने में सहायता करता है। मूल्यांकन के प्रति विभिन्न पणधारियों की अभिवृति तथा सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम के लाभ-हानि को वस्तुनिष्ठ तरीके से समझने की प्रक्रिया और क्षमता को प्रभावित कर सकती है। यदि इसे सीखने और सुधार लाने की भावना से किया जाए तो यह वर्तमान और भावी कार्यक्रमों में सुधार करने तथा उन्हें उपयोगी बनाने का मूल्यवान साधन हो सकता है। अधिकांश स्थितियों में मूल्यांकन कार्यक्रम के अन्त में किया जाता है या करने की योजना बनाई जाती है, जबकि वास्तविकता, में इसकी योजना परियोजना के प्रारम्भ में ही शुरू होनी चाहिए।
Leave a Reply