Students must start practicing the questions from RBSE 12th Home Science Model Papers Set 8 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Home Science Model Paper Set 8 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 56
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न- (9 × 1 = 9)
(i) कम उत्पादकता का परिणाम है-
(अ) मुद्रास्फीति
(ब) व्यापार का प्रतिव
(स) बेरोजगारी
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(ii) कुटीर उद्योग है-
(अ) बुनाई
(ब) रँगाई
(स) कढ़ाई
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(iii) खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम कब लागू किया गया था?
(अ) 2004 में
(ब) 2006 में
(स) 2010 में
(द) 2016
उत्तर:
(ब) 2006 में
(iv) विश्व का सर्वाधिक सामान्य पोषण विकार है-
(अ) अरक्तता
(ब) वी.ए.डी.
(स) आयोडीन हीनता
(द) बौनापन
उत्तर:
(अ) अरक्तता
(v) सन्तुलन की उपलब्धि हो सकती है-
(अ) औपचारिक रूप में
(ब) अनौपचारिक रूप में।
(स) रेडियल रूप में
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
(vi) फैशन शैली का अन्तिम पड़ाव है-
(अ) शैली की प्रस्तुति.
(ब) लोकप्रियता में वृद्धि
(स) शैली का परित्याग
(द) लोकप्रियता की पराकाष्ठा
उत्तर:
(स) शैली का परित्याग
(vii) उपयुक्त तथा अनुकूल कर्मचारी को नियुक्त करना कहलाता है-
(अ) भर्ती
(ब) चयन
(स) अनुरक्षण
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) चयन
(viii) क्रय क्षमता बढ़ने का लाभ है-
(अ) अधिक खरीददारी
(ब) अर्थव्यवस्था का सुदृढीकरण
(स) आय में वृद्धि
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(ix) सर्वाधिक लोकप्रिय, सबसे सस्ता तथा सुविधाजनक जनसंचार माध्यम है-
(अ) रेडियो व टेलीविजन
(ब) समाचार पत्र
(स) कम्प्यू टर
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) रेडियो व टेलीविजन
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए- (4 × 1 = 4)
(i) गृहणियों के लिए किया गया कर्तव्य और घर में दिया जाए योगदान ही ………….. है।
(ii) विभिन्न …………….. और उनके भोजन तैयार करने के तरीकों का ज्ञान होना …………..है।
(iii) उपभोक्ताओं को ……………….. मार्को वाले उत्पादों को ही खरीदना चाहिए।
(iv) भारतीय व्यापार उद्योग प्रासंगिक मुद्दों पर …………. सम्मेलन करता है।
उत्तर:
(i) कार्य,
(ii) संस्कृतियों, महत्वपूर्ण,
(iii) मानकीकरण,
(iv) गोलमेज।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक- (8 × 1 = 8)
(i) जी. डी. पी. से क्या समझते हो?
उत्तर:
जी.डी.पी. (प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद) किसी राष्ट्र/क्षेत्र की भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित समय (सामान्यतः एक वर्ष) में उत्पादित सभी सामग्री और सेवाओं का मूल्य है। (यह सामान्यतः देश की आय और (आर्थिक) उत्पाद को मापने के लिए किया जाता है।)
(ii) शैशवावस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जन्म से लेकर एक वर्ष की आयु तक की अवधि को शैशवावस्था कहा जाता है। कुछ विशेषज्ञ शैशवावस्था को 2 वर्ष तक मानते हैं।
(iii) विशेष शिक्षक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो शिक्षक/अध्यापक विशेष शिक्षा प्रदान करते हैं, वे विशेष शिक्षक कहलाते हैं।
(iv) डिजाइन के तत्वों के नाम बताईये?
उत्तर:
डिजाइन के तत्व कला के उपकरण हैं। ये रंग, बनावट और रेखा, आकृति अथवा रूप है।
(v) चक्रण क्या होता है?
उत्तर:
300 चक्कर प्रति मिनट से अधिक गति से चक्रण होने पर एक उपकेन्द्री बल उत्पन्न होता है जो जल को ऊपर व बाहर फेंकता है। इस प्रकार जल को घुमाने की प्रक्रिया चक्रण कहलाती है।
(vi) निगमित अथवा संस्थागत कार्यक्रमों को किसके अनुरूप बनाया जाता है?
उत्तर:
निगमित अथवा संस्थागत कार्यक्रमों को सेवार्थी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सेवार्थी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाता है।
(vii) समारोह प्रबंधक को समारोह क्रियान्वयन के समय क्या सुनिश्चित कर लेना चाहिए?
उत्तर:
समारोह प्रबंधक को समारोह क्रियान्वयन के समय सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सेवार्थी की सभी महत्त्वपूर्ण संकल्पनाओं एवं श्रोताओं में सामंजस्य हो।
(viii) मानव संसाधन प्रबंधन किस प्रकार हमारी सहायता करता है?
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन व्यक्तियों का अधिकतम विकास करने, नियोक्ताओं और कर्मचारी के बीच तथा कर्मचारियों में परस्पर अभीष्ट कार्य सम्बन्ध स्थापित करने में उपयुक्त कार्य परिस्थितियाँ उपलब्ध कराके हमारी सहायता करता है।
खण्ड – ब
लघूत्तरात्मक प्रश्न- (12× 1.5 = 18)
प्रश्न 4.
भारत में चल रहे प्रमुख पोषण कार्यक्रम कौन कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में चल रहे प्रमुख पोषण कार्यक्रम निम्न है-
- एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (आई. सी.डी.एस. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और विकास के लिए एक विस्तारित कार्यक्रम है। इसमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएँ, शिशु और 6 साल तक के छोटे बच्चे शामिल हैं।
- पोषण हीनता नियंत्रण कार्यक्रम जैसेविटामिन ए की कमी के कारण अंधापन रोकने के लिए राष्ट्रीय रोग निरोधक कार्यक्रम, राष्ट्रीय आयोडीन हीनता विकार नियंत्रण कार्यक्रम।
- आहार पूरक कार्यक्रम जैसे- मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम।
प्रश्न 5.
अपने क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न खान-पान व्यवस्था सेवाओं का पता लगाइए और पहचान कीजिए किये व्यावसायिक गतिविधियाँ हैं अथवा कल्याणकारी।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने क्षेत्र में अपने शिक्षक के निर्देशन में सेवाओं का पता लगाकर उनकी व्यावसायिक या कल्याणकारी प्रवृत्ति का पता लगायें।
यथा- मैं राजस्थान के दौसा जिले के बाँदीकुई कस्बे का निवासी हूँ मेरा नाम संजय झाड़ोलिया है। मेरे शहर में खान-पान की व्यवस्था सम्बन्धी अनेक सेवाओं के स्थान हैं। इनमें से अधिकांश खान-पान व्यवस्था सम्बन्धी स्थान व्यावसायिक, गतिविधियों में संलग्न हैं ये उपभोक्ता की इच्छानुसार खान-पान की व्यवस्था करके बदले में उपभोक्ता से राशि प्राप्त करते हैं। यहाँ कुछ खान-पान की व्यवस्था करने वाली संस्थाएँ निशुल्क व्यवस्था करके कल्याणकारी संस्थाओं के रूप में भी मिलती है। ये सरकारी भोजनशालाओं व स्थानीय सर्व समाज के लोगों द्वारा संचालित भोजनालयों के रूप में मिलती हैं।
प्रश्न 6.
खाद्य सुरक्षा से संबंधित किसी अधिनियम का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
भारत में खाद्य सुरक्षा से संबंधित खाद्य और मानक अधिनियम, 2006 पारित किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य खाद्य से संबंधित नियमों को समेकित करना है।
अनेक अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान और समझौते हैं जिन्होंने खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और बचाव को बढ़ाने, शोध और व्यापार को सुसाध्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये संस्थान हैं –
- कोडेक्स ऐलिमेन्टेरियस कमीशन (सी.ए.सी)।
- अन्तर्राष्ट्रीय मानव संस्थान
- विश्व व्यापार संगठन।
प्रश्न 7.
आई. एस. आई. एवं एगमार्क क्या हैं?
उत्तर:
आई.एस.आई. मार्क (I.S.I. Mark)- भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए जारी किया जाने वाला प्रमाण पत्र। यह मार्क प्रमाणित करता है कि एक उत्पाद भारतीय मानक के अनुरूप है। I.S.I. का पूरा नाम Indian Standard Institute होता है जिसका हिन्दी भाषा में अर्थ भारतीय मानक संस्थान होता है।
ऐगमार्क (Agmark)- ऐगमार्क मूल रूप से खाने पीने की वस्तुओं से जुड़ा एक प्रमाण चिह्न है जो खाद्य वस्तुओं की शुद्धता को प्रमाणित करता है। Agmark का पूरा नाम Agriculture marketing होता है।
प्रश्न 8.
अपंगता के कारणों को कौन-कौन सी श्रेणियों में रखा जा सकता है?
उत्तर:
अपंगता के कारणों को मुख्य रूप से निम्नलिखित तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-
- जन्म से पहले प्रभावित करने वाले आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक दोनों कारक।
- ऐसे कारक जो बच्चों को जन्म के समय और उसके तत्काल बाद प्रभावित करते हैं।
- ऐसे कारक जो विकास की अवधि के समय बच्चे पर प्रभाव छोड़ते हैं।
प्रश्न 9.
टॉडलर एवं विद्यालय पूर्व बच्चे क्या होते हैं?
उत्तर:
टॉडलर : 2 से 3 वर्ष के बच्चों को कभीकभी टॉडलर कहा जाता है । इस शब्द की उत्पत्ति बच्चों की फुदक कर चलने की प्रवृत्ति से हुई है।
विद्यालय पूर्व बच्चा : यह नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि 3 वर्ष की उम्र का बच्चा किसी ऐसे परिवेश में रहने के लिए तैयार होता है जो परिवार से बाहर का होता है। इस कार्यक्रम के लिए शिक्षा को विद्यालय पूर्व अथवा नर्सरी स्कूल शिक्षक के विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 10.
बच्चे संवेदनशील क्यों होते हैं? समझाइये।
उत्तर:
बच्चे संवेदनशील होते हैं क्योंकि बाल्यावस्था सभी क्षेत्रों में तीव्र विकास की अवधि होती है और एक क्षेत्र का विकास अन्य सभी क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करता है। बच्चे के सभी क्षेत्रों में इष्टतम रूप से बढ़ने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चे की भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, प्रेम पालन पोषण और प्रोत्साहन की आवश्यकताओं को समग्र रूप से पूरा किया जाए। प्रतिकूल अनुभवों का बच्चे के विकास पर स्थाई प्रभाव पड़ सकता है।
प्रश्न 11.
संस्थागत शिशु देखभाल के लिए किस अनौपचारिक देखभाल की व्यवस्था हो सकती है?
उत्तर:
संस्थागत शिशु देखभाल के लिए किसी अनौपचारिक पारिवारिक देखभाल की व्यवस्था हो सकती है जैसे कि शिशु केन्द्र (क्रेच)। आस-पड़ोस की कोई महिला अपने घर में व्यवसाय के रूप में शिशु केन्द्र चला सकती है अथवा कोई संस्थागत केन्द्र हो सकता है जहाँ बच्चों की देखभाल की जाती है। शिशु केन्द्र को प्राथमिक देखभाल कर्ता ने विकल्प के रूप में देखा जाता है। यद्यपि इन्हें बच्चे के सीखने और विकास की बेहतरी के लिए आवश्यक अनुभव के रूप में नहीं देखा जा सकता है।
प्रश्न 12.
बड़े धुलाईघरों में किन-किन उपकरणों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
बड़े धुलाईघरों में जल निष्कासक, शुष्कक, प्रक्षालक, समतल सतह प्रेस करने के उपकरण, रोलर, इस्तरी, कैलेंडरिंग मशीन, तह लगाने व पैक करने की मेज व सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए ट्रालियों का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 13.
परिधान उत्पादन पाठ्यक्रम को चयनित करने में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए?
उत्तर:
इस प्रकृति के पाठ्यक्रम को चयनित करने के लिए याद रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं-
(क) संस्थान में काम करने की सुविधा होनी चाहिए और पाठ्यक्रम का एक व्यावहारिक दृष्टिकोण होना चाहिए। बहुत से नगरों और शहरों में संस्थाएँ एक ही कमरे में पाठ्यक्रम चला रही हैं। इनसे बचकर रहें।
(ख) संस्थान का संबंधित उद्योग के साथ कार्य संबंध होना चाहिए। ये पाठ्यक्रम उद्योग की पूरी समझ होने से ही बेहतर रूप से पढ़ाए जाते हैं।
प्रश्न 14.
प्रबंधक वर्ग को पूर्वानुमान लगाने की प्रक्रिया क्यों अपनानी चाहिए?
उत्तर:
प्रबंधक वर्ग को पूर्वानुमान लगा लेना चाहिए तथा यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि संस्था की आवश्यकताओं तथा व्यक्तियों की क्षमताओं के बीच उचित मेल है। इसमें कुछ व्यक्ति योग्य प्राप्त हो सकते हैं लेकिन हो सकता है कि जिस विशेष कार्य को करने की उनसे अपेक्षा की जाती है उसके लिए वे उचित रूप से प्रशिक्षित न हों, इसलिए उन्हें अतिरिक्त प्रशिक्षण व अधिक दिशा देने की आवश्यकता होती है। संभव है कि सक्षम कर्मचारी सदैव सक्षम न रहें अतएव, संस्था के साथ काफी लम्बे समय से जुड़े और अच्छा कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी कार्य परिवेश में नयी चनौतियों का सामना करने के लिए क्षमता निर्माण व कौशलों के विकास की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न 15.
समारोह प्रबंधन के क्षेत्र में आपके कार्य प्रोफाइल को बढ़ा सकने बाले कौशलों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
कुछ कौशलों को अपनाकर/अर्जित कर हम अपने कार्य प्रोफाइल को बढ़ा सकते हैं। ये कौशल निम्नानुसार हैं-
- आकर्षक व्यक्तित्व,
- प्रभावी रूप से और धारा प्रवाह बातचीत कर पाने की योग्यता,
- लोगों को संगठित करने और उनके साथ तालमेल स्थापित करने की योग्यता,
- अच्छे अंत:वैयक्तिक कौशल,
- प्रभावी प्रबंधकीय कौशल,
- लेखा और प्रबंधन की क्षमता जैसे-लागत निर्धारित करना, बजट बनाना आदि।
- सेवार्थी को आलोचना स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- (3 × 3 = 9)
प्रश्न 16.
आहारी संशोधन क्या है, जो एक चिकित्सीय पोषण विशेषज्ञ कर सकता है?
उत्तर:
आहारी संशोधन का अर्थ- किसी व्यक्ति या रोगी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उसके द्वारा किये जा रहे भोजन में परिवर्तन करने की प्रक्रिया आहारी संशोधन के रूप में जानी जाती है। इसके तहत आवश्यकतानुसार भोजन को प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट आदि की दृष्टि से बदला जाता है।
चिकित्सीय पोषण विशेषज्ञ द्वारा किये जाने वाले परिवर्तन-
(1) क्रमबद्धता और/अथवा बनावट (जैसेतरल और नरम आहार)
(2) ऊर्जा (कैलोरी) अंतर्ग्रहण में कमी अथवा वृद्धि
(3) एक या अधिक पोषकों को कम या अधिक मात्रा में शामिल करना। उदाहरण के लिए शल्यक्रिया (सर्जरी) में अधिक प्रोटीन लेना, गुर्दा (किडनी) खराब हो जाने पर कम प्रोटीन लेना, अधिक या कम रेशा (फाइबर) कम वसा लेना, सोडियम लेने पर रोक, तरल भोजन पर रोक, कुछ विशेष खाद्य पदार्थों पर रोक, जिनमें अपोषीय आहार अवयवों की मात्रा अधिक हो सकती है, उदाहरण के लिए गुर्दे में पथरी होने पर, एलर्जी की स्थितियों में कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों को सम्मिलित करते हैं या हटा देते हैं
(4) भोजन की संख्या परिवर्तित करते हैं अथवा भोजन करने के समय अंतराल में संशोधन करते हैं अथवा जब भोजन देने का मार्ग बदलता है तो ऐसे रोगियों के लिए विशेष योजना बनाई जाती है।
प्रश्न 17.
रंग कितने प्रकार के होते हैं? समझाइये।
उत्तर:
रंगों को निम्न प्रकार से विभाजित किया जा सकता है-
- प्राथमिक रंग- जो रंग किसी अन्य रंगों मिलाने से नहीं बनते हैं, उन्हें प्राथमिक रंग कहते हैं। जैसे-लाल, पीला और नीला।
- द्वितीयक रंग- जिन रंगों को दो प्राथमिक रंगों को मिलाकर बनाया जाता है, उन्हें द्वितीयक रंग कहलाते हैं। जैसे-नारंगी, हरा और बैंगनी।
- तृतीयक रंग या माध्यमिक रंग- ये रंग चक्र पर निकटवर्ती प्राथमिक और एक द्वितीयक रंग को मिलाकर बनाये जाते हैं। जैसे-लाल-नारंगी, पीला-नारंगी, पीला-हरा, नीला-हरा, नीला-बैंगनी और लाल-बैंगनी। इसके अतिरिक्त अन्य समूह हैं, जैसे उदासीन रंग-सफेद, काला, धूसर, रजत और धात्विक। इनको अवर्णक (बिना रंग के रंग) कहते हैं।
प्रश्न 18.
संचार माध्यमों का डिजाइन और उत्पादन किन-किन कारणों से किया जा सकता है?
उत्तर:
संचार माध्यमों का डिजाइन और उत्पादन निम्नलिखित कारणों से किया जा सकता है-
- प्रारंभिक जानकारी प्रदान करने के लिए
- विचार या उत्पाद के लिए
- जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से
- कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए
- किसी संकल्पना के लिए
- किसी विचार के प्रसार के लिए
- सामाजिक व आर्थिक महत्व के मुद्दों को समर्थन देने के लिए-जैसे कृषि, उद्यमिता विकास और आजीविका उत्पन्न करना, स्वास्थ्य परिवारिक कल्याण पोषक शिक्षा जीवन की गुणवत्ता में सुधार, संधारणीय विकास और जीवन कौशल की प्रारंभिक जानकारी देना।
निबंधात्मक प्रश्न- (2 × 4 = 8)
प्रश्न 19.
विशेष शिक्षा से आप क्या समझते हैं? न सहायक सेवाओं के नाम बताइए जो बच्चों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली विशेष शिक्षा को संभव बनाती हैं।
अथवा
विशेष शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान और कौशल को समझाइए।
उत्तर:
विशेष शिक्षा- ‘विशेष शिक्षा’ शब्द का अर्थ विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शैक्षिक प्रावधानों से है अर्थात् उन बच्चों के लिए जिसमें एक या एक से अधिक अपंगताएँ होती हैं और जिनकी भिन्न आवश्यकताएँ होती हैं, ये विशेष शैक्षिक आवश्यकताएँ कहलाती हैं।
विशेष शिक्षा को संभव बनाने वाली सहायक सेवाएँ-
विशेष और समावेशी शिक्षा के प्रभावी होने के लिए बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों एवं अभिभावकों के लिए सहायता सेवाएँ भी अत्यंत आवश्यक होती हैं। ये सहायता सेवाएँ विद्यालय के अन्दर अथवा समुदाय में उपलब्ध हो सकती हैं, जहाँ ये सरलता से परिवार की पहुँच में हों । ये सहायक सेवाएँ निम्नलिखित हैं-
- विशेष शिक्षा की आवश्यकता वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए संसाधन सामग्री।
- विद्यार्थियों के लिए परिवहन सेवा,
- वाक् चिकित्सा,
- शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक चिकित्सा
- बच्चों, माता-पिता और शिक्षकों के लिए परामर्शी सेवा।
- चिकित्सा सेवाएँ
प्रश्न 20.
संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 को बताइए।
अथवा
विकास कार्यक्रम चक्र के प्रथम द्वितीय चरण को समझाइए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिपादित सतत विकास लक्ष्य- वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में 2030 सतत विकास एजेंडा’ के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य अंगीकृत किये गये जो निम्नलिखित हैं-
- 2030 तक गरीबी के सभी रूपों की पूरे विश्व में समाप्ति।
- भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना।
- सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना।
- समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना।
- लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना।
- सभी के लिये स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना।
- लचीले बुनियादी ढाँचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढ़ावा।
- देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना।
- सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण।
- स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग।
- स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना।
- जलवायु, परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिये तत्काल कार्यवाई करना।
- सतत् उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव-विविधता के बढ़ते के नुकसान को रोकने का प्रयास करना।
- सतत् विकास के लिये शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही साथ सभी स्तरों पर. इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके।
- सतत् विकास के लिये वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना।
Leave a Reply