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RBSE 12th Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

April 6, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th Political Science Model Papers Set 7 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

समय : 2:45 घण्टे
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर:पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड – (अ)

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखें

(i) निम्न में से जो पूँजीवादी गुट का सदस्य नहीं है, वह है [1]
(अ) ब्रिटेन
(ब) सोवियत संघ
(स) फ्रांस
(द) संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर:
(ब) सोवियत संघ

(ii) रूसी संसद ने सोवितय संघ से अपनी स्वतंत्रता घोषित की थी? [1]
(अ) फरवरी 1990 में
(ब) जून 1990 में
(स) मार्च 1990 में
(द) अगस्त 1991 में
उत्तर:
(अ) फरवरी 1990 में

(iii) कारगिल युद्ध कब हुआ था? [1]
(अ) 1994
(ब) 1997
(स) 1999
(द) 2002
उत्तर:
(स) 1999

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

(iv) दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता (SAFTA) कब से प्रभावी हुआ था? [1]
(अ) 2002 से
(ब) 2006 से
(स) 2008 से
(द) 2012 से
उत्तर:
(ब) 2006 से

(v) भारत ने पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन कब किया? [1]
(अ) 1 जुलाई 2005
(ब) 2 अक्टूबर 2015
(स) 2 अक्टूबर 2016
(द) 10 दिसम्बर 2016
उत्तर:
(स) 2 अक्टूबर 2016

(vi) भारत के विभाजन का बाल्कन प्लान उपज थी? [1].
(अ) चर्चिल की
(ब) जिन्ना की
(स) माउंटबेटन की
(द) मेनन की
उत्तर:
(स) माउंटबेटन की

(vii) योजना आयोग को किस वर्ष स्थापित किया गया? [1]
(अ) 1947
(ब) 1949
(स) 1950
उत्तर:
(स) 1950

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

(viii) दलित पैंथर्स नामक संगठन कब बना था? [1]
(अ) 1968 में
(ब) 1970 में
(स) 1972 में
(द) 1974 में
उत्तर:
(स) 1972 में

(ix) कांग्रेस का विभाजन कब हुआ? [1]
(अ) 1968 में
(ब) 1969 में
(स) 1970 में
(द) 1971 में
उत्तर:
(ब) 1969 में

(x) संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय है? [1]
(अ) न्यूयार्क
(ब) वाशिंगटन डी.सी.
(स) जिनेवा
(द) हेग
उत्तर:
(द) हेग

(xi) बम्बई प्रान्त को किन-किन राज्यों में बाँटा गया? [1]
(अ) राजस्थान-महाराष्ट्र
(ब) महाराष्ट्र-कर्नाटक
(स) महाराष्ट्र-गुजरात
(द) गुजरात-मध्यप्रदेश
उत्तर:
(स) महाराष्ट्र-गुजरात

(xii) किन रियासतों ने भारत में शामिल होने से मना कर दिया था [1].
(अ) जूनागढ़, मैसूर, जम्मू-कश्मीर
(ब) जूनागढ़, हैदराबाद, जम्मू कश्मीर
(स): उदयपुर, कपूरथला, जम्मू कश्मीर
(द) हैदराबाद, मेवाड़, ट्रावनकोर
उत्तर:
(ब) जूनागढ़, हैदराबाद, जम्मू कश्मीर

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) …………… व्यापार संगठन वैश्विक …… के नियमों को निर्धारित करता है। [1]
उत्तर:
विश्व, व्यापार

(ii) पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन सन् …… में बेलग्रेड में हुआ। [1]
उत्तर:
1961

(iii) अमरीका की ताकत और प्रतिष्ठा की शह पाने से अब ……………………. अर्थव्यवस्था अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर …….अर्थव्यवस्था है। [1]
उत्तर:
पूँजीवादी, प्रभुत्वशाली,

(iv) ……………….. शीर्षक से बर्टलैण्ड रिपोर्ट छपी थी। [1]
उत्तर:
अवर कॉमन फ्यूचर

(v) किसान और मजदूरों के आंदोलन का मुख्य जोर आर्थिक………….तथा………….के मसले पर रहा। [1]
उत्तर:
अन्याय, असमानता,

(vi) भाजपा ने ………. तथा ………….. के चुनावों में अपनी स्थिति लगातार मजबूत की। [1]
उत्तर:
1991, 19961

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा एक पंक्ति में दीजिए-

(i) शीतयुद्ध का सम्बन्ध किन-किन गुटों से था? [1]
उत्तर:
अमेरिका व सोवियत संघ से।

(ii) शॉक थेरेपी के एक परिणाम को उजागर कीजिए। [1]
उत्तर:
शॉक थेरेपी से सम्पूर्ण रूस के क्षेत्र की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गयी।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

(iii) एंटी बैलेस्टिक संधि कब व क्यों की गयी? [1]
उत्तर:
एंटी बैलेस्टिक संधि 1972 में अमरीका और सोवियत संघ को बैलेस्टिक मिसाइलों को रक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिये की गयी।

(iv) मुस्लिम लीग की स्थापना कब व कहाँ की गयी? [1]
उत्तर:
ढाका में 1906 में।

(v) इकानॉमी ऑफ परमानेस नामक पुस्तक किसने लिखी है? [1]
उत्तर:
जे.सी. कुमारप्पा ने।

(vi) एन.एफ.एफ. का पूरा नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
राष्ट्रीय मछुवारा संघ (National Fishworkers Foroum)

(vii) विश्व राजनीति के कुछ विद्वानों ने जल युद्ध शब्द का निर्माण क्यों किया है? [1]
उत्तर:
सम्भावना व्यक्त की गयी है कि साझे जल संसाधन को लेकर 21वीं सदी में हिंसक संघर्ष होंगे। इसी को इंगित करते हुए विद्वानों ने ‘जलयुद्ध’ शब्द गढ़ा है।

(viii) गुटनिरपेक्षता का क्या अर्थ है? [1]
उत्तर:
किसी भी गुट में शामिल न होना तथा अपनी स्वतंत्र नीति का अनुपालन करना ही गुटनिरपेक्षता है।

(ix) समाजवादी सोवियत गणराज्य का अस्तित्व में आया? [1]
उत्तर:
रूस में हुई 1917 की समाजवादी क्रांति के पश्चात।

(x) भारत में द्वितीय पंचवर्षीय योजना के योजनाकार कौन थे? इनकी क्या भूमिका रही? [1]
उत्तर:
भारत में द्वितीय पंचवर्षीय योजना के योजनाकार पी. सी. महालनोबिस थे। ये तीव्र औद्योगीकरण एवं सार्वजनिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका के लिये जाने जाते हैं।

(xi) गठबंधन युग का एक उदाहरण बताइए। [1]
उत्तर:
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार दो बार सन् 1998 से लेकर सन्2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में रही।

(xii) नर्मदा घाटी परियोजना के विरोध के दो कारण बताइए। [1]
उत्तर:
बाँध से प्रकृति, नदियों, पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिस क्षेत्र में बाँध बनाए जाते हैं वहाँ रह रहे गरीबों के घर-बार, उनकी खेती योग्य भूमि, वर्षों से चले आ रहे कुटीर उद्योगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ते है।

खण्ड – (ब)

लघूत्तरात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 50 शब्द)

प्रश्न 4.
‘क्यूबा मिसाइल संकट’ क्या था? [2]
उत्तर:
अप्रैल, 1961 में सोवियत संघ के नेताओं को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा क्यूबा पर हमला किए जाने का डर था। 1962 में निकिता खुश्चेव ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी ने आदेश दिया कि अमेरिकी लड़ाकू बेड़ों को आगे करके क्यूबा की ओर जाने वाले सोवियत जहाजों को रोका जाए। इस कार्यवाही द्वारा अमेरिका सोवियत संघ को मामले के प्रति अपनी गम्भीरता की चेतावनी देना चाहता था। इस परिस्थिति से ऐसा आभास होने लगा था कि युद्ध होकर ही रहेगा। इस घटना क्रम को ही ‘क्यूबा मिसाइल संकट’ के रूप में जाना जाता है।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

प्रश्न 5.
महाशक्तियों के मध्य गहन प्रतिद्वन्द्विता के बावजूद शीतयुद्ध रक्तरंजित युद्ध का रूप क्यों नहीं ले सका? कथन को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
शीतयुद्ध प्रारम्भ होने के पीछे यह समझ भी कार्य कर रही थी कि परमाणु युद्ध की स्थिति में दोनों ही पक्षों-संयुक्त राज्य अमेरिका व सोवियत संघ को इतना नुकसान उठाना पड़ेगा कि उनमें विजेता कौन है, यह तय करना भी असम्भव होगा। यदि कोई अपने शत्रु पर आक्रमण करके परमाणु हथियारों को नाकाम करने की कोशिश करता है तब भी दूसरे के पास उसे बर्बाद करने लायक हथियार बच जायेंगे इसलिए कोई भी पक्ष युद्ध का खतरा नहीं उठाना चाहता था।

प्रश्न 6.
शॉक थेरेपी ने समाज कल्याण की समाजवादी व्यवस्था को किस प्रकार नष्ट किया था? [2]
उत्तर:
समाज कल्याण की समाजवादी व्यवस्था को नष्ट किया जाना-सोवियत संघ से अलग हुए गणराज्यों में समाज कल्याण की समाजवादी व्यवस्था को क्रम से नष्ट किया गया। समाजवादी व्यवस्था के स्थान पर नई पूँजीवादी व्यवस्था को अपनाया गया। इस व्यवस्था के बदलने से लोगों को प्रदान की जाने वाली राजकीय रियायतें समाप्त हो गh; जिससे अधिकांश लोग निर्धन होने लगे। इस कारण मध्यम एवं शिक्षित वर्ग का पलायन हुआ और वहाँ कई देशों में एक नया वर्ग उभर कर सामने आया जिसे माफिया वर्ग के नाम से जाना गया। इस वर्ग ने वहाँ की अधि कांश आर्थिक गतिविधियों को अपने हाथों में ले लिया।

प्रश्न 7.
पूर्व सोवियत संघ के इतिहास की सबसे बड़ी गराज सेल’ किसे कहा जाता है ? [2]
उत्तर:
सोवियत संघ के पतन के पश्चात् अस्तित्व में आए नए गणराज्यों ने शॉक थेरेपी (आघात पहुँचाकर उपचार करना) की विधि द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया परन्तु शॉक थेरेपी के फलस्वरूप सम्पूर्ण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गयी। रूस में पूरा राज्य नियन्त्रित औद्योगिक ढाँचा चरमरा गया। लगभग 70 प्रतिशत उद्योगों को निजी हाथों या कम्पनियों को बेचा गया। इसे ही ‘इतिहास की सबसे बड़ी गराज-सेल’ कहा जाता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित पदों को नके अर्थ से मिलाएँ [2]

(1) विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स-CBMs) (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज।
(2) अस्त्र नियन्त्रण। (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की नियमित प्रक्रिया।
(3) गठबन्धन (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
(4) निरस्त्रीकरण। (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश।

उत्तर:

(1) विश्वास बहाली के उपाय (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स-(CBMs) (ख) राष्ट्रों के बीच सुरक्षा मामलों पर सूचनाओं के आदानप्रदान की नियमित प्रक्रिया।
(2) अस्त्र नियन्त्रण (घ) हथियारों के निर्माण अथवा उनको हासिल करने पर अंकुश।
(3) गठबन्धन (ग) सैन्य हमले की स्थिति से निबटने अथवा उसके अपरोध के लिए कुछ राष्ट्रों का आपस में मेल करना।
(4) निरस्त्रीकरण (क) कुछ खास हथियारों के इस्तेमाल से परहेज।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए घटना [2]

(i) भारत-चीन युद्ध (क) 1966
(ii) ताशकंद समझौता (ख) 1962
(iii) शिमला समझौता (ग) 1954
(iv) पंचशील की घोषणा वर्ष (घ) 1972

उत्तर:

(i) भारत-चीन युद्ध 1962
(ii) ताशकंद समझौता 1966
(iii) शिमला समझौता 1972
(iv) पंचशील की घोषणा 1954

प्रश्न 10.
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते आतंकवाद के पीछे क्या कारण हैं ?[2]
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहे आतंकवाद के दो कारण निम्न हैं
(i) तकनीक तथा सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हुई प्रगति ने आतंकवादियों के दुस्साहस में अभिवृद्धि की है। यह एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से आतंकवाद आज सम्पूर्ण विश्व में अपने पैर जमा चुका है।

(ii) तस्करी, जमाखोरी, वायुयानों के अपहरण तथा पानी के जहाजों को बन्धक बनाने जैसी घटनाओं के पीछे विश्व अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण है। आतंकवादियों द्वारा किसी भी देश की मुद्रा का अन्तरण करना सरल हो गया

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

प्रश्न 11.
प्रथम या द्वितीय आम चुनावों व वर्तमान के चुनावों में क्या अन्तर देखने को मिलता है? [2]
उत्तर:
1. (i) तत्कालीन मतदाता राजनीतिक विचारधाराओं के सम्बन्ध में पूर्ण शिक्षित नहीं था। जबकि वर्तमान में अनेक साधनों की उपलब्धता के कारण लोगों को राजनीतिक शिक्षा अधिक प्रदान की जा रही है।

(ii) उस दौर में राजनीतिक पार्टियाँ देशहित के लिए कार्य करती थीं परन्तु वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों का प्रमुख उद्देश्य सत्ता प्राप्ति व निजी हितों को प्रोत्साहन देना होता

(iii) प्रथम आम चुनाव में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर चुनाव क्षेत्र में जितने उम्मीदवार खड़े होते थे उतनी ही मतपेटियों को रखा जाता था। परन्तु आधुनिक दौर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रयोग किया जाने लगा

(iv) उस दौर में देश में 17 करोड़ मतदाताओं में से 85% मतदाता अशिक्षित थे। जबकि वर्तमान भारत में साक्षरता की दर बहुत बढ़ी

प्रश्न 12.
एकल पार्टी प्रभुत्व का कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ा था? [2]
उत्तर:
(i) कांग्रेस राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान किए गए वायदों को पूर्ण करने में सफल रही। जनमानस में कांग्रेस एक विश्वसनीय दल था, जनमानस की आशाएँ उसी से जुड़ी थी। अतः मतदाताओं ने उसे ही चुना।

(ii) तत्कालीन मतदाताओं को कांग्रेस में ही आस्था थी। अत: जनता का मानना था कि कांग्रेस से ही जनकल्याण की आशा की जा सकती है।

(iii) प्रभुत्व की स्थिति प्राप्त होने के कारण विपक्षी दलों द्वारा सरकार की आलोचना होने पर भी सरकार अपना कार्य करती रही। इसने भारतीय लोकतंत्र, संसदीय शासन प्रणाली व भारतीय राजनीति की लोकतांत्रिक प्रकृति को सुदृढ़ करने में योगदान दिया।

प्रश्न 13.
आर्थिक नियोजन की प्रमुख विशेषता बताइए। [2]
उत्तर:
(i) नियोजित अर्थव्यवस्था आर्थिक संगठन की एक पद्धति है।
(ii) आर्थिक नियोजन सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में लागू होता है।
(iii) आर्थिक नियोजन की सम्पूर्ण क्रियाविधि एक केन्द्रीय सत्ता द्वारा सम्पन्न की जाती है।
(iv) नियोजन के अन्तर्गत साधनों का वितरण प्राथमिकताओं के अनुसार विवेकपूर्ण नीति से किया जाता है।
(v) योजना के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एक निश्चित अवधि निर्धारित की जाती है।
(vi) नियोजन के अन्तर्गत पूर्ण, पूर्व निश्चित तथा निर्धारित उद्देश्य होते हैं

प्रश्न 14.
अमूल क्या है? अमूल के लाभों का वर्णन कीजिए। [2]
उत्तर:
गुजरात राज्य के एक शहर ‘आणंद’ में सरकारी दुग्ध उत्पादन का आन्दोलन प्रारम्भ हुआ। यह ‘अमूल’ नाम से प्रसिद्ध है। ‘अमूल’ के उत्पादों के पीछे सहकारी डेयरी फार्मिंग की अहम् भूमिका है। इससे गुजरात के 25 लाख दूध-उत्पादक जुड़े हुए हैं। सहकारी डेयरी प्रारम्भ करने का श्रेय वर्गीज कूरियन को जाता है। इन्हें ‘मिल्क मैन ऑफ इण्डिया’ भी कहते हैं। कूरियन ने दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की स्थापना की थी। ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन की दृष्टि से ‘अमूल’ नाम का यह सहकारी आन्दोलन अपने आप में एक अनूठा और सफल मॉडल

प्रश्न 15.
भारत में सन् 1967 के आम चुनावों के परिणामों को राजनीतिक भूचाल’ की संज्ञा क्यों दी गयी? [2]
उत्तर:
सन् 1967 के चुनावी परिणामों ने कांग्रेस को राष्ट्रीय तथा प्रांतीय स्तर पर जोरदार झटका दिया था। उसके मत प्रतिशत और सीटों में भारी गिरावट दर्ज की गयी। अब से पहले कांग्रेस को कभी न तो इतने कम वोट मिले थे और न ही इतनी कम सीटें मिली थीं। इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल के आधे मंत्री चुनाव हार गए थे। तत्कालीन अनेक राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने चुनाव परिणामों को ‘राजनीतिक भूचाल’ या ‘राजनीतिक भूकंप’ की संज्ञा दी।

प्रश्न 16.
गठबंधन सरकारें एक दलीय सरकारों की तुलना में किस प्रकार अधिक लोकतांत्रिक सिद्ध होती हैं? [2]
उत्तर:
1989 के लोकसभा चुनावों से भारत में गठबंधन की राजनीतिक के एक लम्बे दौर की शुरुआत हुई। इससे पहले कांग्रेस की प्रभुत्व वाली राजनीति में एक दलीय सरकार का राजनीतिक दौर चल रहा था। इस एक दलीय शासन काल में तानाशाही प्रवृत्ति का डर बना रहता था। सत्ता में एक दल से अधि क की भागीदारी होने पर लोकतंत्र कमजोर होने के स्थान पर मजबूत बना। कड़े मुकाबले और बहुत से संघर्षों के बावजूद अधिकांश दलों के बीच एक सहमति की स्थिति ने लोकतंत्र को लगातार मजबूत किया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि कोई भी दल कभी इतना शक्तिशाली नहीं हो सकता है कि वह लोकतंत्र का अपहरण कर ले।

खण्ड – (स)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)

प्रश्न 17.
बांग्लादेश निर्माण के कोई तीन प्रमुख कारण लिखिए। [3]
अथवा
दक्षिण एशिया के देश भारत को एक बाहुबली समझते हैं; जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना दबदबा जपाना चाहता है और उनके अन्दरूनी मामलों में दखल देता है। इन देशों की ऐसी सोच के लिए कौन-कौन सी बातें जिम्मेदार हैं? [3]
उत्तर:
बांग्लादेश का निर्माण क्यों एवं कैसे -सन्
1947 से सन् 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का एक अंग था; जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश शासन काल के दौरान बंगाल और असम के विभाजित हिस्सों से पूर्वी पाकिस्तान का यह क्षेत्र बना था, लेकिन अनेक कारणों से पूर्वी पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान की सरकार से नाराज थे। बांग्लादेश निर्माण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

(i) पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर उर्दू भाषा को लादना -पूर्वी पाकिस्तान के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे एवं अपने ऊपर उर्दू भाषा को थोपने के खिलाफ थे।

(ii) प्रशासन एवं राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की माँग-पूर्वी पाकिस्तान की जनता ने पाकिस्तान के प्रशासन में अपने क्षेत्र के न्यायोचित प्रतिनिधित्व एवं राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की मांग उठायी। पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभुत्व के विरुद्ध जन संघर्ष का नेतृत्व शेख मुजीबुर्रहमान ने किया। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वायत्तता की माँग की।

(iii) सन् 1970 के आम चुनावों में शेख मुजीबुर्रहमान की अवामी लीग पार्टी को बहुमत मिलना-सन् 1970 के आम चुनाव में शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी को पाकिस्तान की समस्त सीटों पर विजय प्राप्त हुई। अवामी लीग को सम्पूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा म बहुमत प्राप्त हो गया। लाकन पाकिस्तान सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था; फलस्वरूप सरकार ने इस सभा को आहूत करने से इंकार कर दिया। शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया। जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पाकिस्तानी सेना ने बंगाली जनता के आन्दोलन को कुचलने की कोशिश की।

प्रश्न 18.
विभिन्न देशों के सामने सबसे गम्भीर चुनौती वैश्विक पर्यावरण को आगे कोई नुकसान पहुँचाए बगैर आर्थिक विकास करने की है। यह कैसे हो सकता है? कुछ उदाहरणों के साथ समझाइए।
अथवा
रियो सम्मेलन कितना लाभप्रद सिद्ध हुआ? विस्तार से स्पष्ट कीजिए। [3]
उत्तर:
विश्व समुदाय ने इस बात की आवश्यकता अनुभव की है कि विकास की रणनीति ऐसी हो कि पर्यावरण की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो। एक वैकल्पिक अवधारणा के रूप में सन् 1987 में छपी बर्टलैण्ड रिपोर्ट (अवर कॉमन फ्यूचर) में टिकाऊ विकास यानी (Sustainable Development) का प्रतिपादन किया गया था। रिपोर्ट में चेताया गया था कि औद्योगिक विकास के चालू तौर-तरीके आगे चलकर प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से टिकाऊ साबित नहीं होंगे। . सन् 1992 में रियो सम्मेलन में पर्यावरण की रक्षा की दृष्टि से टिकाऊ विकास की धारणा पर बल दिया था। टिकाऊ विकास रणनीति में विकास के ऐसे साधन अपनाए जाते हैं कि प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त व जीवन्त बने रहें।

इसमें विकास को पर्यावरण रक्षा के साथ जोड़ दिया जाता है तथा प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा विकास का लक्ष्य बन जाता है। उदाहरण के लिए; वर्तमान में हम ऊर्जा की माँग को देखते हुए गैर-परम्परागत स्रोतों; जैसे-पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भू-तापीय, बायो गैस आदि का दोहन कर सकते हैं, जिससे विकास में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधन भी संरक्षित रहेंगे। इसी तरह नवीन तकनीकों व मशीनों में प्रयोग कर ग्रीन हाउस गैसों व क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैसों के उत्सर्जन को कम कर सकते हैं। विकास के साथ वनों का संरक्षण, भू-जल संरक्षण, सामाजिक-वानिकी आदि को अपनाकर हम संसाधनों की सुरक्षा के साथ-साथ विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। निष्कर्षतः टिकाऊ विकास की धारणा के द्वारा हम पर्यावरण रक्षा व विकास दोनों लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रश्न 19.
भारतीय किसान आंदोलन क्या था? इसकी प्रमुख मांगों व कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए। [3]
अथवा
गैर राजनीतिक दलों के स्वतंत्र आंदोलनों के उदय व विकास के कारणों को स्पष्ट कीजिए। [3]
उत्तर:
गैर-राजनैतिक अथवा स्वतंत्र आन्दोलनों 24
के उदय व विकास के कारण

(i) गैर-कांग्रेसवाद का प्रयोग असफल होना-सत्तर व अस्सी के दशकों में समाज के अनेक वर्गों का राजनीतिक दलों के आचार-व्यवहार से मोह भंग हुआ। इसका तात्कालिक कारण था कि जनता पार्टी के रूप में गैर-कांग्रेसवाद का प्रयोग विशेष रूप से नहीं चल पाया तथा राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण निर्मित हुआ।

(ii) केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों से निराशा-सन् 1970 के दशक के प्रारम्भ होने के साथ ही पंचवर्षीय योजनाएँ असफल होने लगी। सरकार गरीबी, बेरोजगारी, महँगाई की समस्या पर काबू नहीं कर सकी। अतः सरकार की आर्थिक नीतियों से लोगों का मोहभंग हुआ।

(iii) आर्थिक व सामाजिक असमानताएँआर्थिक समृद्धि होने के बावजूद उसका लाभ प्रत्येक वर्ग को नहीं मिला। धनिक व निर्धन वर्ग के बीच एक खाई पनपी। जातिगत आधार पर समाज लिंग भेद तथा असमानता की कुरीति से ग्रस्त था।

(iv) लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास की जड़ों का हिलना-राजनीतिक माहौल में सक्रिय विभिन्न समूहों का विश्वास लोकतांत्रिक संस्थाओं और चुनावी राजनीति से उठ गया। ये समूह दलगत राजनीति से अलग हुए तथा अपने विरोध को स्वर देने के लिए इन्होंने जनता को लामबंद करना प्रारम्भ किया।

(v) मध्यवर्गीय युवाओं की भूमिका-देश के मध्यम वर्ग के युवा कार्यकर्ताओं ने गाँव के निर्धन वर्ग के बीच रचनात्मक कार्यक्रम चलाए एवं सेवा संगठन भी बनाए। इन संगठनों के सामाजिक कार्यों की प्रकृति स्वयंसेवी थी। अत: इन संगठनों को स्वयंसेवी संगठन अथवा स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठन कहा गया।

प्रश्न 20.
सन् 1989 से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की चुनावी उपलब्धियों में क्या प्रमुख प्रवृत्तियाँ दिखाई दी [3]
अथवा
निम्न पर टिप्पणी लिखिए [3]
(i) गुजरात के 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगे
(ii) भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों का महत्त्व
उत्तर:
सन् 1989 से कांग्रेस की चुनावों में उपलब्धि-
(i) सन् 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी की पराजय हो गयी थी। उसे बहुमत प्राप्त नहीं हुआ।

(ii) कांग्रेस सन् 1991 में दुबारा सत्ता में आई। नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने।

(iii) इसके बाद संयुक्त मोर्चा के दो प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा (जून, 1996 – अप्रैल 1997) तथा इन्द्र कुमार गुजराल (अप्रैल 1997-मार्च 1998) बने। इन्हें कांग्रेस द्वारा बाहर से समर्थन दिया गया।

(iv) कांग्रेस पार्टी मई 2004 से दुबारा सत्ता में आई परन्तु यह एक गठबंधन का हिस्सा थी जिसे वाम दलों सहित अन्य कई दलों ने समर्थन दिया था।

(v) सन् 2009 में एक बार फिर कांग्रेस गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ और सरकार बन गयी। सन् 1989 से भाजपा की चुनावी उपलब्धि

(i) सन् 1989 से भाजपा ने चुनावों में सफलता हासिल करने की शुरुआत की। उसने लगातार अपनी स्थिति मजबूत की। सन् 1996 में पहली बार भाजपा केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई परन्तु अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री की सरकार केवल एक महीने ही अर्थात् मई 1996 से जून 1996 तक केन्द्र में टिक पाई।

(ii) पुन: अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री बने और इस बार उन्होंने केवल 20 महीने अर्थात् 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर, 1999 तक सत्ता संभाली।

(iii) एक बार फिर से अटल जी प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त हुए। 13 अक्टूबर, 1999 को उन्होंने दुबारा सत्ता को सँभाला तथा अप्रैल 2004 तक पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। इस बार यह सरकार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा बनायी गयी थी।

(iv) सन् 2004 तथा 9-72009 के चुनावों में पार्टी को अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हुई।

(v) सन् 2014 व 2019 के चुनावों में यह पार्टी राजग गठबंधन के साथ सत्ता में जीती। वर्तमान में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसकी सरकार संचालित है। उपर्युक्त विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि सन् 1989 के पश्चात् कांग्रेस व भाजपा ने गठबंधन की राजनीति को अंगीकार कर लिया है।

खण्ड – (द)

निबन्धात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 250 शब्द)

प्रश्न 21.
विश्व बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
द्वितीय विश्वयुद्ध काल में संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास क्रम का विस्तार से वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
विश्व बैंक के कार्य-विश्व बैंक एक अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक संस्था है। इसके प्रमुख कार्य निम्नानुसार हैं

(i) सदस्य राष्ट्रों के निर्माण व आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करना-विश्व बैंक के द्वारा अपने सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती प्रदान करने और विध्वंसित अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण का कार्य मुख्य रूप से किया जाता है। इसके साथ ही यह विकसित सदस्य राष्ट्रों को पर्याप्त मात्रा में मौद्रिक व औद्योगिक सहायता प्रदान करके उन्हें आर्थिक विकास की मजबूती प्रदान करने का कार्य किया जाता है।

(ii) युद्धकालीन अर्थव्यवस्था का शांतिकालीन अर्थव्यवस्था में बदलावविश्व बैंक की स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद देशों की युद्धकालीन अर्थव्यवस्था को शांतिकालीन अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए की गयी थी। विश्व बैंक ने इस स्थिति में अस्थिर अर्थव्यवस्था वाले देशों को स्थिर अर्थव्यवस्था वाले देशों के रूप में बदलने का कार्य किया था।

(iii) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावाविश्व बैंक आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है। विश्व बैंक पिछड़े देशों के उत्पादन साधनों को बढ़ाकर उनका व्यापारिक संतुलन ठीक करता है तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संतुलन को बढ़ावा देता

(iv) विदेशी पूँजी विनियोग को बढ़ानाविश्व बैंक के द्वारा निवेशकों को अन्य देशों में अपनी पूँजी विनियोग करने के लिये प्रोत्साहन देने का कार्य करता है। विश्व बैंक के द्वारा उनकी पूँजी की गारंटी दी जाती है। यदि पर्याप्त मात्रा में पूँजी विनियोग की व्यवस्था नहीं होती तो विश्व बैंक अपने साधनों से सदस्य देशों को विकास ऋण प्रदान करने का कार्य भी करता है।

(v) विश्व बैंक मानवीय विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य). कृषि एवं ग्रामीण विकास (सिंचाई, ग्रामीण सेवाएँ), आधारभूत ढाँचा (सड़क, विद्युत, शहरी विकास), पर्यावरण सुरक्षा (प्रदूषण में कमी, नियमों का निर्माण व उन्हें लागू करना) एवं सुशासन (कदाचार का विरोध, विधिक संस्थाओं का विकास) के लिए कार्य करता है।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

प्रश्न 22.
भाबाई आधार पर राज्य पुनर्गठन अलगाववाद की भाषा को उत्पन्न करने स्थान पर मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुआ तथा यह एक लोकतांत्रिक कदम सिद्ध हुआ है। कैसे? [4]
अथवा
भारतीय संघ में जम्मू कश्मीर व गोवा के विलय की प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
आजादी के बाद के शुरूआती सालों में एक बड़ी चिन्ता यह थी कि अलग राज्य बनाने की माँग से देश की एकता पर आँच आयेगी। आशंका थी कि नये भाषाई राज्यों में अलगाववाद की भावना पनपेगी और नव-निर्मित भारतीय राष्ट्र पर दबाव बढ़ेगा। जनता के दबाव में आखिकार भारत सरकार ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का मन बनाया।

(i) उम्मीद थी कि अगर प्रत्येक क्षेत्र के क्षेत्रीय और भाषाई दावे को मान लिया गया तो बँटवारे और अलगाववाद के खतरे में की आयेगी।

(ii) इसके अलावा क्षेत्रीय मांगों को मानना और भाषा के आधार पर नये राज्यों का गठन करना एक लोकतांत्रिक कदम के रूप में भी देखा गया। राज्यों के भाषाई पुनगर्छन से राज्यों के सीमांकन के लिए एक समरूप आधार भी मिला है। अनेक आशंकाओं के विपरीत देश आज भी अखण्डित रूप में है बल्कि इससे देश की एकता और अधिक मजबूत हुई है। भाषाई राज्यों के पुनगर्छन से विभिन्नता के सिद्धान्त को भी स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भाषाई आधार राज्य पुनर्गठन मामले ने देश में अलगाववाद की भावना को पनपाने के स्थान पर उसे मजबूती प्रदान की है। भाषाई आधार पर नए राज्यों का गठन करना एक लोकतांत्रिक कदम सिद्ध होना-भारत के लोकतांत्रिक देश होने का अर्थ है-विभिन्नताओं को पहचानना व उन्हें स्वीकार करना। इसके साथ ही यह मानकर चलना कि विभिन्नताओं में परस्पर विरोध भी हो सकते हैं। अन्य शब्दों में कहें तो, भारत में लोकतंत्र की धारणा विचारों और जीवन पद्धति की बहुलता की धारणा से जुड़ी हुई है। सन् 1952 से लेकर सन् 2014 तक लगातार कई राज्यों के पुनर्गठन हुए हैं और पुनर्गठित राज्यों में पहले की अपेक्षा अधिक आन्तरिक शान्ति का माहौल देखा जा सकता है। पुनर्गठित राज्यों के आर्थिक विकास का संदर्भ भी लिया ।

जा सकता है। इसी प्रकार क्षेत्रीय आकांक्षाओं • का सीधा सम्बन्ध क्षेत्र विशेष के लोगों की
विचारधारा और जीवन शैली से है। – क्षेत्रीय मांगों को मानना तथा भाषा के आधार पर नए राज्यों का गठन करना एक लोकतांत्रिक कदम के रूप में देखा गया। भाषाई राज्य तथा इन राज्यों के गठन के लिए चले आन्दोलनों ने लोकतांत्रिक राजनीति तथा नेतृत्व की प्रकृति को बुनियादी रूपों में बदला है। भाषाई पुनर्गठन से राज्यों के सीमांकन के लिए एक समरूप आधार भी मिला इससे देश की एकता और अधिक मजबूत हुई। भाषावार राज्यों के पुनर्गठन से विभिन्नता में एकता के सिद्धान्त को स्वीकृति मिली। लोकतंत्र को चुनने का अर्थ था विभिन्नताओं को पहचानना तथा उन्हें स्वीकार करना। अत: भाषाई आधार पर नए राज्यों का गठन करना एक लोकतांत्रिक कदम साबित हुआ।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 7 with Answers in Hindi

प्रश्न 23.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए [4]
(i) भारत में राजनैतिक उत्तराधिकार की चनौती
(ii) लाल बहादुर शास्त्री के समक्ष देश की प्रमुख चुनौतियाँ
(iii) यदि कांग्रेस में फूट नहीं होती तो सन् 1970 के दशक की घटनाओं पर कैसा असर पड़ता। क्या कांग्रेस की फूट को रोकना सम्भव था।
अथवा
निम्न पर टिप्पणी लिखिए [4]
(i) राम मनोहर लोहिया
(ii) सी. नटराजन अन्नादुरई
(iii) कर्पूरी ठाकुर
उत्तर:
(i) राम मनोहर लोहिया-इनका जन्म सन् 1910 में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 1967 में हुयी। ये एक प्रसिद्ध समाजवादी नेता व विचारक थे। ये प्रसिद्ध स्वतंत्रत सेनानी व कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य रहने के साथ-साथ मूल पार्टी के विभाजन के पश्चात सोशलिस्ट पार्टी व बाद में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता बने। ये 1963 से 1967 तक लोकसभा सांसद रहे। ये मैनकाइंड एवं जन के संस्थापक संपादक रहे थे। इन्होंने गैर यूरोपीय समाजवादी सिद्धान्त के विकास में मौलिक योगदान दिया। इन्हें गैर कांग्रेसवाद के रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की वकालत की तथा अंग्रेजी का विरोध किया। ये नेहरू के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राजनेता के रूप में भी जाने जाते हैं।

(ii) सी. नटराजन अन्नादुरई-इनका जन्म 1909 में हुआ तथा इनकी मृत्यु सन् 1969 में हुयी थी। ये 1967 में मद्रास प्रान्त के मुख्यमंत्री बने। इनकी पहचान एक चर्चित पत्रकार के रूप में भी थी। ये एक प्रसिद्ध वक्ता व लेखक रहे। इनका सम्बन्ध मद्रास राज्य की जस्टिस पार्टी से था। हाद में ये द्रविड़ कषगम में शामिल हो गये। इन्होंने सन् 1949 में द्रविड़ मुनेत्र कषगम पार्टी का राजनीतिक पार्टी के रूप में गठन किया। ये द्रविड़ संस्कृत के प्रबल समर्थक रहे तथा हिन्दी का विरोध व हिन्दी विरोधी आंदोलन का नेतृत्व भी किया। ये राज्यों की व्यापक स्वायत्तता के प्रबल समर्थक रहे।

(iii) कर्पूरी ठाकुर-इनका जन्म सन् 1924 में हुआ तथा इनकी मृत्यु 1988 में हुयी। ये एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता रहे। दिसम्बर 1970 व जून 1971 तथा जून 1977 व अप्रैल 1979 के दौरान बिहार के. मुख्यमंत्री रहे। इनका मजदूर व किसानों आंदोलनों में सक्रिय योगदान रहा। ये राम मनोहर लोहिया के प्रबल समर्थक थे। जेपी द्वारा चलाये गए आंदोलन में इनकी अहम भागीदारी रही। इन्होंने बिहार के पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू करवाने का कार्य किया। इन्होंने अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल का प्रबल विरोध किया।

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