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RBSE Class 10 E-Hindi Self Evaluation Test Papers
पूर्णांक : 80
समय : 2 घण्टा 45 मिनट
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न – पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर – पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
- प्रश्नों का अंकभार निम्नानुसार है –
खण्ड | प्रश्नों की संख्या | अंक प्रत्येक प्रश्न | कुल अंक भार |
खण्ड-अ | 1 (1 से 12 ), 2 (1 से 6), 3 (1 से 12 ) | 1 | 30 |
खण्ड-ब | 4 से 16 = 13 | 2 | 26 |
खण्ड – स | 17 से 20 = 4 | 3 | 12 |
खण्ड-द | 21 से 23 = 3 | 4 | 12 |
RBSE Class 10 E-Hindi Self Evaluation Test Paper 1
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए (5 x 1 = 5)
जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता है उनको प्राप्त करना ही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। शिक्षा मानव-जीवन के लिए वैसी ही है जैसे संगमरमर के टुकड़े के लिए शिल्प कला। फलतः शिक्षा केवल ज्ञान-दान ही नहीं करती अपितु संस्कार और सुरुचि के अंकुरों का पोषण भी करती है। वस्तुतः अपने को जीवित रखने के लिए अपने वातावरण तथा उसकी सापेक्षता में निज को समझकर जीवन के अनुकूल कार्यों को करना और प्रतिकूल का निवारण ही शिक्षा का उद्देश्य है। शिक्षा मनुष्य को संस्कारबद्ध कर उसे मानवीय गुणों से विभ पत करती है तथा साथ ही स्वाभिमान से जीना सिखाने में सहायता कर मनुष्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर करती है।
1. शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए
(अ) मानवता का विकास करना
(ब) दानवता का विकास करना
(स) जीवन को अच्छी तरह बिताने की कला सिखाना
(द) सद्गुणों के महत्त्व का ज्ञान कराना।
2. संगमरमर के टुकड़ों में शिल्पकला की तरह शिक्षा भी
(अ) जीवन में विचित्र रंग भरती है।
(ब) जीवन को विचित्र बनाती है,
(स) जीवन को मनमोहक और आकर्षक रूप देती है
(द) जीवन को शक्तिसम्पन्न बनाती है।
3. ज्ञान-दान के अतिरिक्त शिक्षा का कार्य है
(अ) संस्कार और सुरुचि के अंकुरों का पोषण
(ब) धर्म सम्बन्धी मान्यताओं का संरक्षण
(स) जीवन के गहन अनुभवों की जानकारी
(द) भौतिक सुख-साधनों के सदुपयोग का ज्ञान।
4. मानवीय गुणों से कौन विभूषित करती है
(अ) संपत्ति
(ब) स्त्री
(स) शिक्षा
(द) निर्धनता।
5. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए
(अ) ज्ञान-दान
(ब) संस्कार
(स) शिक्षा का उद्देश्य
(द) मानवता।
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :
भारत माँ के कायर-कपूतो, आज माँ ने तुम्हें ललकारा है। देश नहीं जागीर तुम्हारी, यह प्राणों से ज्यादा प्यारा है।। चोर बाज़ारी, काले-धन्धे, भ्रष्टाचार से क्या नाता है, भूल गये इतिहास सुनहरा, कौन तुम्हारी माता है। साथ न देगा तेरा वह, जिस पैसे पर मतवारा है, देश नहीं जागीर तुम्हारी, यह प्राणों से ज्यादा प्यारा है।। अतिथि देवो भव की भू पर, पर-नारी जहाँ माँ सम होती, हाय-धिक्कार तुम्हारे जीवन पर बुरी नज़र उस पर भी होती। भारत विश्व-गुरु होकर भी, तेरे कारण गया नकारा है, देश नहीं जागीर तुम्हारी, यह प्राणों से ज्यादा प्यारा है।। वक्त रहते बदल दो राह बदी की, जीते जी मर जाओगे, गर माँ ने तुमको त्याग दिया, तो कहाँ शरण तुम पाओगे। कोई जगह नहीं उसे जहाँ में, जिसको माँ ने त्यागा है, देश नहीं जागीर तुम्हारी, यह प्राणों से ज्यादा प्यारा है।।
6. भारत माँ के कायर-कपूतो का सम्बोधन किसके लिए किया गया है ?
(अ) चोर-उच्चकों को
(ब) स्वार्थी नेताओं को
(स) पथभ्रष्ट भारतीयों को
(द) डरपोक कुपुत्रों को।
7. मनुष्य का साथ कौन नहीं निभाएगा ?
(अ) चोर-बाजारी
(ब) भ्रष्टाचार
(स) अनीति से इकट्ठा धन
(द) परिवार के लोग।
8. ‘देश नहीं जागीर तुम्हारी’ से क्या तात्पर्य है ?
(अ) भारत देश जागीर नहीं है।
(ब) जागीर जमींदार की होती है हमारी नहीं
(सं) देश राजा की जागीर होता है
(द) भारत भूमि भारतीयों की माँ है, यह जागीर नहीं है।
9. भ्रष्टाचारी लोग भूल गये हैं
(अ) अपना सुनहरा इतिहास
(ब) अपना भविष्य
(स) अपने संस्कार
(द) अपना परिवार
10. उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
(अ) पथभ्रष्ट राजनेता
(ब) भ्रष्ट अधिकारी
(स) दुष्ट भारतीय
(द) भारत माँ के कायर कपूत।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प छाँटिए
11. प्रकृति जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार करती है?
(अ) सर्दियों में पर्वतों पर बर्फ पड़ती है।
(ब) गर्मियों में वह बर्फ पिघलती है
(स) पहाड़ों से निकलने वाली नदियाँ लोगों की प्यास बुझाती है
(द) उपर्युक्त सभी
12. विपदा के समय बालक माता के पास ही क्यों शरण लेता है?
(अ) माता सहनशील होती है।
(ब) माता बच्चे की अधिक सहायता करती है
(स) माता का अँचल प्यार और शांति देने वाला होता है
(द) माता बच्चे को गलती पर नहीं डाँटती
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए : (6 x 1 = 6)
1. रवि ने कुत्ते को रोटी दी। वाक्य में रेखांकित शब्द ……………………….. संज्ञा है।।
2. जिस सर्वनाम में अपने लिए ‘आप’ ‘अपने आप’ ‘स्वयं’ आदि शब्दों का प्रयोग होता है, वह ……………………….. सर्वनाम कहलाता है। 1
3. आपने इतने पैसे खर्च कर दिये। वाक्य में रेखांकित शब्द ……………………….. विशेषण है।
4. वह खाना खाकर सो गया। वाक्य में ……………………….. क्रिया है।
5. ‘चिरस्थाई’ में ……………………….. उपसर्ग का प्रयोग हुआ है।
6. ‘लकड़हारा, पनिहारा’ में ……………………….. प्रत्यय का प्रयोग है। 3
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है।
1. ‘पो + अन = पवन’ में सन्धि का नाम लिखिए।
2. ‘धर्माधर्म’ सामासिक पद का विग्रह कीजिए और समास का नाम बताइए।
3. ‘दाँत पीसना’ मुहावरे से एक ऐसा वाक्य बनाइए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
4. ‘थोथा चना बाजै घना’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
5. ‘अन्त में इस निष्कर्ष पर पहुँचे’ – हालदार साहब किस निष्कर्ष पर पहुँचे ?
6. लेखिका की माँ तथा पिता में क्या अन्तर था ? ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लिखिए।
7. काशी के मंदिरों में जाति और धर्म के आधार पर भेद-भाव की भावना नहीं थी। सिद्ध कीजिए।
8. गोपियाँ कैसे लोगों को योग का संदेश देने की बात कहती हैं ?
9. सभा के सभी लोगों ने किस बात को अनुचित बताया? ‘लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर लिखिए।
10. कवि को किसकी ‘दंतुरित मुस्कान’ छविमान लगती है, क्यों?
11. भोलानाथ के पिता उसके साथ कौन सा खेल खेलते थे ?
12. ‘तीस्ता नदी के किनारे के बिखरे पत्थरों पर बैठकर लेखिका के मन में एक नया बोध जागृत हो रहा था।’ इस कथन को स्पष्ट कीजिए। 1
खण्ड – (ब)
निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।
प्रश्न 4.
क्या चश्मेवाले द्वारा फ्रेम बदलने का कोई और भी कारण हो सकता है ? अपना अनुमान लिखिए।
प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष कब और किस रूप में सामने आया ?
प्रश्न 6.
‘लखनवी अंदाज’ पाठ में नवाब साहब ने खीरा खाने की बड़ी तैयारी की। आप अपनी प्रिय खाद्य-वस्तु का आनंद लेने के लिए किस प्रकार की तैयारी करेंगे ? अपने शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 7.
‘शहनाई’ शब्द की व्युत्पत्ति और उसके इतिहास पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 8.
“मन की मन ही माँझ रही”-गोपियों की मन की इच्छा उनके मन में ही क्यों रह गई ?
प्रश्न 9.
‘लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर लक्ष्मण और परशुराम के स्वभाव की एक-एक विशेषता बताइए।
प्रश्न 10.
‘हर चन्द्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है’ में कवि ने जीवन के किस यथार्थ को प्रकट किया है?
प्रश्न 11.
शीर्षक कविता में ‘एक नहीं दो नहीं’ शब्दों का प्रयोग क्यों तथा क्या भाव प्रकट करने के लिए किया है?
प्रश्न 12.
भोलानाथ के पिता के खेल में शामिल होने पर बच्चे खेल को छोड़कर हँसते हुए भाग जाते हैं। ऐसा क्यों होता था ?
प्रश्न 13.
“हथियारबंद पहरेदार अपनी जगह तैनात रहे और लाट की नाक चली गई।” लेखक का यह कथन सरकारी तंत्र की किस कमजोरी व्यंग्य करता है ?
प्रश्न 14.
प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका मधु कांकरिया को कैसी अनुभूति होती है ?
प्रश्न 15.
‘मन्नू भण्डारी’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘यशपाल’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न 16.
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘जयशंकर प्रसाद’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
नवाब साहब ने संतृप्त आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा। खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ निश्वास लिया। खीरे की एक फाँक उठाकर होंठों तक ले गए। फाँक को सँघा। स्वाद के आनंद में पलकें मुंद गईं। मुँह में भर आए पानी का घुट गले से उतर गया। तब नवाब साहब ने फाँक को खिड़की से बाहर छोड़ दिया।
नवाब साहब खीरे की फाँकों को नाक के पास ले जाकर, वासना से रसास्वादन कर खिड़की के बाहर फेंकते गए। नवाब साहब ने खीरे की सब फाँकों को खिड़की के बाहर फेंककर तौलिए से हाथ और होंठ पोंछ लिए और गर्व से गुलाबी आँखों से हमारी ओर देख लिया, मानो कह रहे हों – यह है खानदानी रईसों का तरीका !
अथवा
पानवाले के लिए यह एक मजेदार बात थी लेकिन हालदार साहब के लिए चकित और द्रवित करने वाली। यानी वह ठीक ही सोच रहे थे। मूर्ति के नीचे लिखा ‘मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल’ वाकई कस्बे का अध्यापक था। बेचारे ने महीने-भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा। बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए-काँचवाला-यह तय नहीं कर पाया होगा। या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा। या बनाते-बनाते ‘कुछ और बारीकी’ के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा। या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा। उफ !
प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ ? सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा ? अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।
अथवा
बादल, गरजो ! – घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ ! ललित ललित, काले घुघराले, बाल कल्पना के-से. पाले, विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले ! वज्र छिपा, नूतन कविता फिर भर दो – बादल, गरजो !
प्रश्न 19.
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में कहानीकार ने क्या संदेश देना चाहा है ? स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थीं ? उस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
प्रश्न 20.
कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।
(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल। बाँस था कि बबूल? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए :
(अ) सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार क्रान्ति
(i) प्रस्तावना
(ii) भारत में दूरसंचार का महत्व
(iii) दूरसंचार क्रांति का प्रभाव
(iv) दूर संचार क्रांति और भविष्य
(iv) उपसंहार
(ब) भारतीय कृषक :
(i) प्रस्तावना
(ii) भारतीय किसान की दशा
(iii) किसान की दशा में सुधार
(iv) सरकार द्वारा किसान हित में किए गए कार्य
(v) उपसंहार
(स) मित्र की परख संकट में
(i) भले दिनों के मित्र
(ii) बुरे दिनों के मित्र
(iii) मित्र की परख
(iv) उपसंहार
(द) राजस्थान की संस्कृति
(i) प्रस्तावना
(ii) राजस्थानी संस्कृति
(iii) राजस्थान की सांस्कृतिक विशेषताएँ
(iv) उपसंहार
प्रश्न 22.
प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए, जिसमें पुस्तकालय में कुछ और हिन्दी पत्रिकाएँ मँगाने के लिए निवेदन किया गया है। (उत्तर सीमा लगभग 300 शब्द) 4
अथवा
मित्र को अपनी बड़ी बहिन में विवाह का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
प्रश्न 23.
किसी मेले में दुकान, झूले, स्टैण्ड आदि की बुकिंग के लिए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
अथवा
पर्ल चप्पल का 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
RBSE Class 10 E-Hindi Self Evaluation Test Paper 2
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए : (5 x 1 = 5)
आज की भारतीय शिक्षित नारी को अच्छी गृहिणी के रूप में न देख पाना पुरुषों की. एकांगी दृष्टि का परिणाम है। विवाह के बाद बदली हुई उसकी मन:स्थिति तथा परिस्थितियों की कठिनाइयों पर ध्यान नहीं दिया जाता। उसकी रुचियों और भावनाओं की उपेक्षा की जाती है। पुरुष यदि अपने सुख के साथ पत्नी के सुख का ध्यान रखे, तो वह अच्छी गृहिणी हो सकती है। पत्नी और पति दोनों का कर्तव्य है कि वे क-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं और रुचियों का ध्यान रखें। आखिर नारी भी तो मनुष्य है। उसकी अपनी जरूरतें भी हैं और वह भी परिवार में, पड़ोस तथा समाज में सम्मान पाना चाहती है। यदि नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को बलिदानी होना चाहिए।
1. किसकी रुचियों और भावनाओं की उपेक्षा की जाती है ?
(अ) संत की
(ब) पुरुष की
(स) नारी की
(द) कवि की।
2. पुरुष को अपने सुख के साथ और किसके सुख का ध्यान रखना चाहिए ?
(अ) स्वदेशी के
(ब) विदेशी के
(स) पड़ोसी के
(द) पत्नी के।
3. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पत्नी और पति को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
(अ) एक-दूसरे के काम में हाथ बँटाएँ
(ब) एक-दूसरे की भावनाओं का ध्यान रखें
(स) एक-दसरे की इच्छाओं और रुचियों का ध्यान रखें
(द) उपर्यक्त तीनों।
4. ‘शिक्षित नारी’ को अच्छी गृहिणी के रूप में न देख पाना पुरुषों की कैसी दृष्टि का परिणाम है?
(अ) विस्तृत
(ब) सर्वांगी
(स) एकांगी
(द) संकुचित
5. इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है
(अ) सुखी वैवाहिक जीवन का आधार
(ब) दु:खी वैवाहिक जीवन का आधार
(स) भारतीय नारी।
(द) अच्छी गृहिणी।
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :
“हाँ, संकोच-सा था कुछ, था न मैं नया नया,
समझी मैं, पृथ्वी पर धान्य-धन वृद्धि हो,
कार्य भी नया था, अब परिचित हो गया।
और सुरलोक की-सी उसकी समृद्धि हो,
देखता हूँ, कितने अभावों से भरी मही।”
किन्तु अमरत्व क्या इसी से नर पा लेंगे ?
‘पहला निदेश क्यों न मैं इष्ट-वृष्टि का,
उलटी मनुष्यता भी अपनी गँवा देंगे।
जीवन का मूल जल ही है सब सृष्टि का।
पायेंगे प्रयास बिना लोग खाने-पीने को,
मेघ जल मात्र नहीं, बरसावें रत्न भी,
फिर क्यों बहायेंगे वे श्रम के पसीने को!
और करें आवश्यक छाया का प्रयत्न भी।
होंगे अकर्मण्य, उन्हें क्या-क्या नहीं सूझेगा !
देवों के नहीं तो मानवों के ही लिये सही,
कोई कुछ मानेगा न जानेगान बूझेगा !
6. इन्द्र ने पृथ्वीवासियों की समृद्धि के लिए आदेश दिया
(अ) जल-वर्षा करने का
(ब) शीतल-मन्द वायु चलने का
(स) जल के साथ रत्न वर्षा का
(द) दुष्टों के वध का।
7. पृथ्वी पर धन-धान्य की समृद्धि होने से पथ्वीवासी
(अ) मानवता गँवाकर अकर्मण्य हो जाएँगे
(ब) सुखी हो जाएँगे
(स) सम्पन्न हो जाएँगे
(द) परिश्रमी हो जाएँगे।
8. ‘जीवन का मूल जल ही है सब सृष्टि का’ पंक्ति का भावार्थ है –
(अ) संसार के सभी प्राणियों का मूल आधार जल ही है
(ब) पूरी सृष्टि का जीवन जल से उत्पन्न हुआ है
(स) जल से जीवन बना है और जल से ही सृष्टि उत्पन्न हुई है
(द) बादल जल बरसाते हैं तभी सृष्टि का जीवन चलता है।
9. बादल जल के साथ ही बरसाएँ
(अ) ओले
(ब) रत्न
(स) पैसा
(द) स्वर्ण मुद्रा
10. उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
(अ) पृथ्वी पर दैवीय सुख
(ब) मानवता
(स) अकर्मण्यता.
(द) स्वर्ग में मानव।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प छाँटिए :
11. यूमथांग घाटी की क्या विशेषता है?
(अ) यह घाटी बहुत गहरी है
(ब) यह घाटी फूलों से भर जाती है
(स) यह खतरनाक घाटी है
(द) इस घाटी में बड़े-बड़े मैदान हैं
12. अंत में जॉर्ज पंचम की लाट को नाक लगाई गई
(अ) जिन्दा नाक
(ब) पत्थर की नाक
(स) लकड़ी की नाक
(द) प्लास्टिक की नाक
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. बालिका गीत गाती है। वाक्य में रेखांकित शब्द ……………………… संज्ञा है।
2. वे तुम्हारे घर जाएँगे। वाक्य में रेखांकित शब्द ……………………… सर्वनाम है।
3. पंजाबी बहुत मेहनती होते हैं। वाक्य में रेखांकित शब्द ……………………… विशेषण है।
4. वह पुस्तक पढ़ रहा है। वाक्य में ……………………… क्रिया है।
5. पुनरुत्थान में ……………………… उपसर्ग का प्रयोग हुआ है।
6. ‘प्रार्थना, कामना’ में ……………………… प्रत्यय का प्रयोग हुआ है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 = 6)
1. ‘वाङ्मय’ में सन्धि-विच्छेद करके सन्धि का नाम लिखिए।
2. ‘नीलकण्ठ’ सामासिक पद का विग्रह कर समास का नाम लिखिए।
3. ‘दिल टूटना’ मुहावरे से ऐसा वाक्य बनाइए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
4. ‘छछूदर के सिर में चमेली का तेल’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
5. हालदार ने किस बात को महत्वपूर्ण माना ?
6. ‘हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकते चले जाने की यातना’ का क्या आशय है ?
7. बिस्मिल्ला खाँ के शहनाईवादन की उत्कृष्टता कैसे बढ़ती गई ?
8. गोपियों ने उद्धव को क्या संदेश देना चाहा है ?
9. लक्ष्मण ने अपने कुल रघुवंश की क्या परम्परा बताई?
10. ‘छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात’-कहने से कवि का अभिप्राय क्या है?
11. रामनामा बही में लेखक के पिताजी कितनी बार राम-राम लिखते थे?
12. “इफ यू आर मैरिड, डाइवोर्स स्पीड” मार्ग में लिखी इस चेतावनी का आशय क्या था ? स्पष्ट कीजिए।
खण्ड – (ब)
निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।
प्रश्न 4.
सुभाषचन्द्र बोस की मूर्ति के निर्माण में कस्बे की नगरपालिका को काफी समय लगा होगा। ऐसा सोचने के क्या कारण हैं ?
प्रश्न 5.
‘तेरी गठरी में लागा चोर, मुसाफ़िर जाग जरा’ इस पंक्ति में ‘गठरी’, ‘चोर’ और ‘मुसाफ़िर’ किन-किनको कहा गया है और क्यों ? -2
प्रश्न 6.
लेखक ने नवाब साहब की असुविधा और संकोच के बारे में क्या अनुमान लगाया ?
प्रश्न 7.
मुहर्रम की आठवीं तारीख बिस्मिल्ला खाँ के लिए विशेष महत्व की क्यों थी?
प्रश्न 8.
गोपियों को श्रीकृष्ण से क्या अपेक्षा थी ? योग-संदेश का उन पर क्या प्रभाव हुआ ?
प्रश्न 9.
मुनि विश्वामित्र के कथन “मुनिहि हरिअरइ सूझ” का आशय क्या था?
प्रश्न 10.
‘जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
प्रश्न 11.
‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता आपके मन पर क्या प्रभाव छोड़ती है ? संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न 12.
‘माता का अँचल’ पाठ में बच्चे जब बाबूज़ी से कुश्ती लड़ते थे तब क्या घटनाएँ घटित होती थीं ? वर्णन कीजिए।
प्रश्न 13.
किसी भारतीय नेता की मूर्ति की नाक काटकर जॉर्ज पंचम की टूटी नाक पर लगाने के प्रस्ताव पर राजी हो जाना, भारतीय शासकों की किस मानसिकता को दर्शाता है ?
प्रश्न 14.
जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते ते हैं ?
प्रश्न 15.
‘यतीन्द्र मिश्र’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘स्वयं प्रकाश’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न 16.
‘गिरिजाकुमार माथुर’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘नागार्जुन’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
अक्सर कहते हैं- “क्या करें मियाँ, ई काशी छोड़कर कहाँ जाएँ, गंगा मइया यहाँ, बाबा विश्वनाथ यहाँ, बालाजी का मंदिर यहाँ, यहाँ हमारे खानदान की कई पुश्तों ने शहनाई बजाई है, हमारे नाना तो वहीं बालाजी मंदिर में बड़े प्रतिष्ठित शहनाईवाज़ रह चुके हैं। अब हम क्या करें, मरते दम तक न यह शहनाई छूटेगी न काशी। जिस जमीन ने हमें तालीम दी, जहाँ से अदब पाई, वो कहाँ और मिलेगी ? शहनाई और काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं इस धरती पर हमारे लिए।’
अथवा पिता के ठीक विपरीत थी हमारी बेपढ़ी-लिखी माँ। धरती से कुछ ज्यादा ही धैर्य और सहनशक्ति थी शायद उनमें। पिताजी की हर ज्यादती को अपना प्राप्य और बच्चों की हर उचित-अनुचित फ़रमाइश और जिद को अपना फर्ज समझकर बड़े सहज भाव से स्वीकार करती थीं वे। उन्होंने जिंदगी भर अपने लिए कुंछ माँगा नहीं, चाहा नहीं … केवल दिया ही दिया। हम भाई-बहिनों का सारा लगाव (शायद सहानुभूति से उपजा) माँ के साथ था लेकिन निहायत असहाय मजबूरी में लिपटा उनका यह त्याग कभी मेरा आदर्श नहीं बन सका ….. न उनका त्याग, न उनकी सहिष्णुता। खैर, जो भी हो, अब यह पैतृक-पुराण यहीं समाप्त कर अपने पर लौटती हूँ।
प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
कौसिक सुनहु मंद येहु बालकु। कुटिलु कालबस निज कुल घालकु।। भानुबंस राकेस कलंकू। निपट निरंकुसु अबुधु असंकू।। काल कवलु होइहि छन माहीं। कहौं पुकारि खोरि मोहि नाहीं।।
तुम्ह हटकहु जौ चहहु उबारा। कहि प्रतापु बल रोषु हमारा।। लखन कहेउ मुनि सुजसु तुम्हारा। तुम्हहि अछत को बरनै पारा।। अपने मुहु तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भाँति बहु बरनी।। ‘नहि संतोषु त पुनि कछु कहहू। जनि रिस रोकि दुसह दुख सहहू।। बीरब्रती तुम धीर अछोभा। गारी देत न पावहु सोभा।।
सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आपु। विद्यमान रिपु पाइ रिपु, कायर कथहिं प्रतापु।।
अथवा
एक के नहीं, दो के नहीं, ढेर सारी नदियों के पानी का जादू एक के नहीं, दो के नहीं, लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमाः एक की नहीं, दो की नहीं, हजार-हजार खेतों की मिट्टी का गुण धर्मः
प्रश्न 19.
‘नेताजी का चश्मा’ कहानी के अनुसार देश के निर्माण में बड़े ही नहीं बच्चे भी शामिल हैं। आप देश के नव-निर्माण में किस प्रकार योगदान देंगे ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
देश की आजादी के संघर्ष में भंडारी की सक्रिय भागीदारी को लेकर पिताजी के साथ उनके टकाराव की स्थिति को अपने शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 20.
लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद-शैली में लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
‘आत्मकथ्य’ कविता की काव्य भाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
खण्ड : (द)
प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए :
(अ) राष्ट्रीय विकास के लिए परिवार नियोजन की आवश्यकता
(i) प्रस्तावना
(ii) बढ़ती हुई जनसंख्या का संकट
(iii) जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण
(iv) जनसंख्या वृद्धि के कारण
(v) उपसंहार
(ब) वाहनों की वृद्धि- घातक समृद्धि
(i) प्रस्तावना
(ii) वाहनों की बढ़ती संख्या
(iii) वाहनों में वृद्धि के दुष्परिणाम
(iv) सुधार के उपाय
(v) उपसंहार
(स) अन्तरिक्ष में विज्ञान
(i) प्रस्तावना
(ii) अन्तरिक्ष का अध्ययन
(iii) विज्ञान और अन्तरिक्ष में यातायात
(iv) उपसंहार
(द) समय का सदुपयोग
(i) समय का जीवन में महत्व
(ii) समय के सदुपयोग से लाभ
(iii) समय के दुरुपयोग से हानि
(iv) उपसंहार
प्रश्न 22.
विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 300 शब्द) 4
अथवा
आपके भाई का मन पढ़ाई में नहीं लगता। पत्र लिखकर उसे पढ़ाई करने के लिए समझाइए।
प्रश्न 23.
किसी मोबाइल फोन या स्मार्ट फोन से संबंधित एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
अथवा
एक प्रतिष्ठित कम्पनी की ओर से इलेक्ट्रिक वाटर हीटर्स का विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द).4
RBSE Class 10 E-Hindi Self Evaluation Test Paper 3
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए : (5 x 1 = 5)
उपासना की दृष्टि से कई लोग काफी बढ़े-चढ़े होते हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि जहाँ दूसरे लोग भगवान को बिलकुल ही भूल बैठे हैं, वहाँ वह व्यक्ति ईश्वर का स्मरण तो करता है, औरों से तो अच्छा है। इसी प्रकार जो बुराइयों से बचा है, अनीति और अव्यवस्था नहीं फैलाता, संयम और मर्यादा में रहता है, वह भी भला है। उसे बुद्धिमान कहा जाएगा, क्योंकि दुर्बुद्धि को अपनाने से जो अगणित विपत्तियाँ उस पर टूटने वाली थीं, उनसे बच गया। स्वयं भी उद्विग्न नहीं हुआ और दूसरों को भी विक्षुब्ध न करने की भलमनसाहत बरतता रहा। यह दोनों ही बातें अच्छी हैं। ईश्वर का नाम लेना और भलमनसाहत से रहना, एक अच्छे मनुष्य के लिये योग्य कार्य है। उतना तो हर समझदार आदमी को करना ही चाहिये था। जो उतना ही करता है, उसकी उतनी तो प्रशंसा की ही जाएगी कि उसने अनिवार्य कर्त्तव्यों की उपेक्षा नहीं की और दुष्ट दुरात्माओं की होने वाली दुर्गति से अपने को बचा लिया।
1. एक अच्छे मनुष्य के लिए योग्य कार्य कौन-कौन से हैं ?
(अ) वह ईश्वर में आस्था रखता है।
(ब) वह दूसरों को संकट से बचाता है
(स) वह भलमनसाहत से जीवन-यापन करता है।
(द) उपर्युक्त सभी।
2. ‘दुर्बुद्धि’ को अपनाने का परिणाम क्या होता है
(अ) मनुष्य संकट में फँस जाता है।
(ब) स्वयं को व दूसरों को हानि पहुँचाता है
(स) दुर्बुद्धि अपनाने वाले लोग अनीति और अव्यवस्था फैलाते हैं
(द) (अ), (ब) और (स) तीनों ही सही हैं।’
3. दूसरों को दु:खी करता है
(अ) एक सज्जन आदमी
(ब) एक दुर्बुद्धि आदमी
(स) एक परोपकारी आदमी
(द) एक भला आदमी।
4. इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है
(अ) एक उपासक
(ब) उपासना
(स) दुर्बुद्धि
(द) अच्छा मनुष्य।
5. समय और मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति होता है
(अ) भला
(ब) बुरा
(स) नास्तिक
(द) आस्तिक
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :
मन-दीपक निष्कंप जलो रे।
मरण-गीत आकर गा जाएँ
सागर की उत्ताल तरंगें।
दिवस-रात आपद-विपदाएँ।
आसमान को छू-छू जाएँ।
फिर भी तुम हिमपात-तपन में
डोल उठे डगमग भूमण्डल
बिना आह चुपचाप चलो रे।
अग्निमुखी ज्वाला बरसाए
धूमकेतु बिजली की द्युति से
कालकूट जितना हो पी लो
धरती का अन्तर हिल जाए
दर्द, दंश दाहों को जी लो
फिर भी तुम जहरीले फन को
जीवन की जर्जर चादर को
कालजयी बन उसे दलो रे!
अटल नेह साहस से सी लो
कदम-कदम पर पत्थर, काँटे
आज रात है तो कल निश्चय
पैरों को छलनी कर जाएँ
अरुण हँसेगा, खुशियाँ ले लो
श्रांत-क्लांत करने को आतुर
आकुल पाषाणी अन्तर से
क्षण-क्षण में जग की बाधाएँ
निर्झर-सा अविराम ढलो रे!
जन-हिताय दिन-रात गलो रे!
6. निरन्तर चलने की प्रेरणा कवि किस उद्देश्य से दे रहा है ?
(अ) संघर्ष करने के लिए
(ब) आत्मसन्तोष के लिए
(स) समाज के हित के लिए
(iv) बाधाओं को हटाने के लिए।
7. कविता में बाधाओं के लिए कई प्रतीक आए हैं, निम्न में से कौन-सा विकल्प बाधाओं के लिए नहीं आया है?
(अ) पत्थर
(ब) काँटे
(स) कालकूट
(द) निर्झर।
8. ‘निर्झर-सा अविराम ढलो रे’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
(अ) झरना निरन्तर बहता रहता है
(ब) अविराम ढलना ही झरने की आदत है
(स) झरने के समान निरन्तर जनहित के लिए प्रयत्नशील रहो
(द) झरने के समान हमें भी अविराम बहना चाहिए।
9. ‘जीवन की जर्जर चादर को’ किससे सिलने के लिए कहा गया है?
(अ) सुई-धागे से
(ब) मशीन से
(स) अटल प्रेम-साहस
(द) इनमें से कोई नहीं
10. उपर्युक्त पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है
(अ) निर्झर
(ब) भूमण्डल
(स) कालकूट
(द) कालजयी
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प छाँटिए :
11. सिक्किम के अधिकतर लोग किस धर्म को मानने वाले हैं?
(अ) ईसाई धर्म
(ब) हिन्दू धर्म
(स) बौद्ध धर्म
(द) मुस्लिम धर्म
12. नई दिल्ली में सब कुछ था, लेकिन नहीं थी
(अ) शांति
(ब) नाक
(स) मूर्ति
(द) आत्मा
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
1. धावक दौड़ रहा है। वाक्य में रेखांकित शब्द …………………………… संज्ञा है।
2. सर्वनाम …………………………… के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं।
3. चाय में तीन किलो चीनी खर्च हुई। वाक्य में रेखांकित शब्द …………………………… विशेषण है।
4. बालक रो रहा है। वाक्य में …………………………… क्रिया है।
5. स्वागत में …………………………… उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
6. ‘भिक्षुक, भावुक’ में …………………………… प्रत्यय है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 = 6)
1. ‘पुनश्च’ में विग्रह करके सन्धि का नाम लिखिए।
2. ‘नवरात्र’ सामासिक पद में समास का नाम बताइए व समास-विग्रह भी कीजिए। 3. ‘आसमान सिर पर उठाना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।
4. ‘गोद में छोरा नगर में ढिंढोरा’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए।
5. “तभी उन्होंने इसे लक्षित किया”-किसने, क्या तथा कब देखा?
6. “धरती से कुछ ज्यादा ही धैर्य और सहनशक्ति थी शायद उनमें।” लेखिका मन्नू भंडारी के इस कथन का आशय प्रकट कीजिए। 1
7. ‘भीतर की आस्था रीड के माध्यम से बजती है’- का आशय प्रकट कीजिए।
8. ‘बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी’ पंक्ति में क्या व्यंग्य किया है ?
9. नाहीं ” कहने से लक्ष्मण का आशय क्या है?
10. ‘कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा’ से कवि का क्या आशय है ?
11. भोलानाथ के पिता बच्चों के खेल में बार-बार शामिल हो जाते हैं। आपके अनुसार इसका क्या कारण हो सकता है ?
12. पर्वतीय लोगों की वहाँ के पर्वतों, नदियों और झरनों आदि के प्रति क्या भावनाएँ हैं ? नगरों और महानगरों के निवासियों को इससे क्या प्रेरणा लेनी चाहिए ?
खण्ड – (ब)
निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।
प्रश्न 4.
‘नेताजी का चश्मा’ कहानी में वर्णित कस्बे का अपने शब्दों में संक्षिप्त परिचय दीजिए।
प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत अपने बेटे को बहुत मानते थे और उसका विशेष ध्यान रखते थे। क्या इसे उनका पुत्र-मोह कहा जा सकता है ?
प्रश्न 6.
लेखक के मत में नवाब साहब का उससे खीरे का शौक फरमाने का आग्रह किस कारण था ?
प्रश्न 7.
बिस्मिल्ला खाँ के मन में संगीत-प्रेम जगाने का आरम्भिक योगदान किनका रहा ?
प्रश्न 8.
गोपियों के व्यंग्य, कटाक्ष और आरोप.सुनकर उद्धव की क्या दशा हुई होगी ? कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए।
प्रश्न 9.
विश्वामित्र द्वारा अपना प्रताप और बल लक्ष्मण को समझाने की बात पर लक्ष्मण ने परशुराम पर क्या व्यंग्य किया?
प्रश्न 10.
‘प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है’ इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 11.
‘चिर प्रवासी मैं, इतर मैं अन्य !’ इस पंक्ति में अन्तर्निहित भाव को स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 12.
बच्चे को खाना खिलाने के संबंध में ‘माता का अँचल’ नामक कहानी में माँ क्या सलाह देती है ?
प्रश्न 13.
कमेटी के सभापति ने मूर्ति के निर्माण में विदेशी पत्थर के प्रयोगं और उसके भारत में न मिलने की बात सुनकर क्या कहा ? सभापति के कथन में छिपे व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। 2
प्रश्न 14.
‘साना-साना हाथ जोड़ि’ यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए। 2
प्रश्न 15.
‘यशपाल’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘यतीन्द्र मिश्र’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न 16.
‘ऋतुराज’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘गिरिजाकुमार माथुर’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की संप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
बालगोबिन भगत की मौत उन्हीं के अनुरूप हुई। वह हर वर्ष गंगा-स्नान करने जाते। स्नान पर उतनी आस्था नहीं रखते, जितना संत-समागम और लोक-दर्शन पर। पैदल ही जाते। करीब तीस कोस पर गंगा थी। साधु को संबल लेने का क्या हक ? और, गृहस्थ किसी से भिक्षा क्यों माँगे? अतः घर से खाकर चलते, तो फिर घर पर ही लौटकर खाते। रास्ते भर खंजड़ी बजाते, गाते जहाँ प्यास लगती, पानी पी लेते। चार-पाँच दिन आने-जाने में लगते; किन्तु इस लम्बे उपवास में भी वही मस्ती ! अब बुढ़ापा आ गया था, किन्तु टेक वही जवानी वाली। इस बार लौटे तो तबीयत कुछ सुस्त थी। खाने-पीने के बाद भी तबीयत नहीं सुधरी, थोड़ा बुखार आने लगा। किन्तु नेम-व्रत तो छोड़ने वाले नहीं थे। वही दोनों जून गीत, स्नान-ध्यान, खेतीबारी देखना। दिन-दिन छीजने लगे। लोगों ने नहाने-धोने से मना किया, आराम करने को कहा। किन्तु हँसकर टाल देते रहे। उस दिन भी संध्या में गीत गाए, किन्तु मालूम होता जैसे तागा टूट गया हो, माला का एक-एक दाना बिखरा हुआ। भोर में लोगों ने गीत नहीं सुना, जाकर देखा तो बालगोबिन भगत नहीं रहे सिर्फ उनका पंजर पड़ा हैं।
अथवा
लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको ! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-न-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज-तेज कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों परं सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।
प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना।। का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरें।। छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू।। बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा।।। बालकु बोलि बधौं नहिं तोही। केवल मुनि जड़ जानहिं मोही।। बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रिय कुल द्रोही।। भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।। सहसबाहु भुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीप कुमारा।।
मातु पितहिं ज़नि सोचबस, करसि महीसकिसोर। गर्भन्ह के अर्भक दलन, परसु मोर अति घोर।।
अथवा
दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं, देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं। दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर, क्या हुआ जो खिला फूल रस-वसंत जाने पर ? जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण, छाया मत छूना मन, होगा दुख दूना।
प्रश्न 19.
‘नेताजी का चश्मा’ कहानी की कौन-सी घटना या प्रसंग आपको सबसे अधिक प्रभावित करता है? कारण सहित लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
नवाब साहब ने खीरे के रसास्वादन का यह विचित्र तरीका क्यों अपनाया ?
प्रश्न 20.
आत्मकथ्य कविता के माध्यम से प्रसादजी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)
अथवा
कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए :
(अ) राष्ट्र निर्माण में छात्रों का योगदान
(i) प्रस्तावना
(ii) युवावस्था का महत्व
(iii) युवावर्ग और छात्रों का योगदान
(iv) छात्र और युवा आगे बढ़ें
(v) उपसंहार
(ब) साहित्य और समाज
(i) प्रस्तावना
(ii) साहित्य और समाज का संबंध
(iii) साहित्य समाज का प्रेरणा स्रोत
(iv) साहित्य का दायित्व
(v) उपसंहार
(स) योग-व्यायाम का परिचय
(i) योग-व्यायाम का परिचय
(ii) योग-व्यायाम के प्रकार
(iii) योग-व्यायाम से होने वाले लाभ
(iv) उपसंहार
(द) विज्ञान वरदान या अभिशाप
(i) प्रस्तावना
(ii) कल्पवृक्ष विज्ञान
(iii) विज्ञान का अभिशाप
(iv) उपसंहार
प्रश्न 22.
दूरदर्शन के निदेशक को पत्र लिखकर राष्ट्रीय एकता संबंधी अच्छे कार्यक्रम प्रसारित करने के लिए निवेदन कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 300 शब्द) 4.
अथवा
आपके मित्र का बनाया हुआ मॉडल अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले के लिए चुना गया है। उसे बधाई देते हुए पत्र लिखिए।
प्रश्न 23.
किसी ऑनलाइन कम्पनी की ओर से ऑन लाइन शॉपिंग करने हेतु एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
अथवा
आप सिक्योरिटी सर्विसेज कम्पनी चलाते हैं। आपको सिविल (सुपरवाइजर) गार्ड की आवश्यकता है। इसके लिए विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
RBSE Class 10 E-Hindi Self Evaluation Test Paper 4
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए : (5 x 1 = 5)
वाणी एक अनमोल वरदान है। कोयल अपनी मीठी वाणी से सबका मन हर लेती है, जबकि कौए की काँव-काँव किसी को अच्छी नहीं लगती। वाणी के बिना सब कुछ सूना है। मीठी वाणी का प्रभाव बहुत व्यापक होता है। मीठी वाणी से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। मधुर बोलने वाले का समाज में बहुत आदर होता है। मधुरभाषी के मुख से निकला एक-एक शब्द सुनने वाले के मन को लुभाता है। उसके सम्पर्क में आने वाला व्यक्ति उसके वश में हो जाता है। मीठी वाणी केवल सुनने वाले को ही आनंदित नहीं करती वरन् बोलने वाले को भी आनन्द पहुँचाती है। तुलसी ने कहा है ‘मीठे वचन तें सुख उपजत चहुँ ओर’। मृदुभाषी समाज में सद्भावना का प्रसार करता है। कटु भाषा बोलने वाले को अनेक प्रकार की हानियाँ उठानी पड़ती हैं। ऐसे व्यक्ति के लिए ही कहा गया है-‘खीरे का मुँह काट कै, मलियत नौन लगाय। रहिमन कड़वे मुखन कौ, चहियत यही सजाय।’ कटु भाषा का प्रयोग काम को बिगाड़ देता है। जहाँ मधुर वाणी अमृत है, वहीं कटुं वाणी विष है। कहा भी गया है.’मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर’।
1. कोयल और कौए में अन्तर का आधार है उनकी
(अ) रंग
(ब) कर्म
(स) वाणी
(द) व्यवहार।
2. सभी कार्य वाणी से हो जाते हैं
(अ) विफल
(ब) सफल
(स) सफल-विफल
(द) कोई नहीं।
3. मृदु बोलने वाले से समाज में बढ़ती है-
(अ) एकता
(ब) अनेकता
(स) सद्भावना
(द) दुर्भावना।
4. ‘मीठे वचन तें सुख उपजत चहुँ ओर’ कथन है
(अ) कबीर
(ब) रहीम
(स) तुलसी
(द) इनमें से कोई नहीं
5. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए.
(अ) अनमोल वरदान
(ब) मृदुभाषी
(स) मधुर वाणी
(द) बहुभाषी।
निम्नलिखित काव्यांश को पढकर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :
हँस लो दो क्षण खुशी मिली पर
आसमान को छूने वाली,
वरना जीवन-भर क्रंदन है।
वे ऊँची-ऊँची मीनारें।
किसका जीवन हँसी-खुशी में
मिट्टी में मिल जाती हैं वे
इस दुनिया में रहकर बीता ?
छिन जाते हैं, सभी सहारे।
सदा-सर्वदा संघर्षों को
दूर तलक धरती की गाथा
इस दुनिया में किसने जीता ?
मौन मुखर कहता कण-कण है।
खिलता फूल म्लान हो जाता
यदि तुमको मुसकान मिली तो
हँसता-रोता चमन-चमन है।
मुसकाओ सबके संग जाकर।
कितने रोज़ चमकते तारे
यदि तुमको सामर्थ्य मिला तो
कितने रह-रह गिर जाते हैं
थामो सबको हाथ बढ़ाकर हँ
सता शशि भी छिप जाता है
झाँको अपने मन-दर्पण में
जब सावन घन घिर आते हैं।
प्रतिबिंबित सबका आनन है।
उगता-ढलता रहता सूरज
हँस लो दो क्षण खुशी मिली पर
जिसका साक्षी नील गगन है।
वरना जीवन-भर क्रंदन है।
6. कवि के अनुसार जीवन में किसकी अधिकता है ?
(अ) आनन्द की
(ब) सुख-सुविधाओं की
(स) दु:ख व कष्टों की
(द) शान्ति की।
7. ऊँची-ऊँची इमारतें मिट्टी में मिलकर संकेत करती हैं
(अ) उन्नति पर घमण्ड करना व्यर्थ है
(ब) सुख-दुख आते-जाते हैं।
(स) नष्ट होना सत्य है।
(द) निर्माण में विनाश छिपा है।
8. सामर्थ्य की सार्थकता सिद्ध होती है –
(अ) अभिमान करने में
(ब) जीवन-जीने में
(स) सबको सहारा देने में
(द) स्वयं का उद्धार करने में।
9: उगते-डूबते सूर्य का साक्षी है-
(अ) आकाश
(ब) चन्द्रमा
(स) पवन
(द) इनमें से कोई नहीं।
10. उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
(अ) खिलता फूल
(ब) रोता चमन
(स) व्यर्थ न गँवाएँ खुशियों के क्षण
(द) मुसकान।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प छाँटिए :
11. एक किलोमीटर के क्षेत्र में देवी-देवताओं का निवास स्थान कहलाता है
(अ) बोदुम
(ब) खेदुम
(स) गंतोक
(द) यूमथांग
12. किस राज्य के शहीद बच्चों की नाक भी जॉर्ज पंचम की नाक से बड़ी थी
(अ) उत्तरप्रदेश
(ब) राजस्थान
(स) बिहार
(द) छत्तीसगढ़
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. राम महेश का मित्र है। वाक्य में रेखांकित शब्द ………………………………. संज्ञा है।
2. सर्वनाम शब्दों में ………………………………. कारक होते हैं।
3. भारत का प्रत्येक नागरिक ज्ञानी है। वाक्य में रेखांकित शब्द ………………………………. विशेषण है।
4. वे नाश्ता कर चुके हैं। वाक्य में रेखांकित शब्द में ………………………………. क्रिया है।
5. ‘उपयोग’ शब्द में ………………………………. उपसर्ग प्रयोग हुआ है।
6. ‘सुनार, लुहार’ में ………………………………. प्रत्यय है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 = 6)
1. अयादि सन्धि का उदाहरण लिखिए।
2. ‘त्रिभुवन’ सामासिक पद में समास का नाम बताइए तथा समास-विग्रह भी कीजिए।
3. ‘कान पर जूं न रेंगना’ मुहावरे का वाक्य में किस अर्थ में प्रयोग होता है ?
4. ‘चुपड़ी और दो-दो’ लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
5. ‘कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको !’ – कौन चीखा, किसको रुकने को कहा ?
6. ‘उस जमाने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं’ से लेखिका मन्नू भंडारी का क्या आशय है ?
7. कुलसुम की देसी घी वाली दुकान में बनी कचौड़ी को बिस्मिल्ला खाँ संगीतमय कचौड़ी क्यों कहते हैं?
8. गोपियों की विरह व्यथा और अधिक क्यों बढ़ गई ?
9. परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को अपना सेवक क्यों नहीं माना?
10: ‘भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म’ से कवि का क्या आशय है ?
11. भोलानाथ के पिताजी पूजा के समय उनके मस्तक पर किसका तिलक लगाते थे?
12. लेखिका ने ‘माया’ और ‘छाया’ का खेल किसको बताया है ?
खण्ड – (ब)
निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।
प्रश्न 4.
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि मूर्ति की कौन-सी कमी देखते ही खटकती थी?
प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत को हम कुछ ऐसे कार्य करते देखते हैं जो सामाजिक परम्पराओं के विरुद्ध हैं। भगत का यह आचरण हमें क्या संदेश देता
प्रश्न 6.
खीरे की फाँकों पर नमक-जीरा बुरकते समय नवाब साहब के हाव-भाव क्या बता रहे थे ?
प्रश्न 7.
बिस्मिल्ला खाँ का जन्म और लालन-पालन संगीत-प्रेमी घराने में हुआ। इस पर अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
प्रश्न 8.
उद्धव के चरित्र में किस गुण का अभाव है, जिसके कारण गोपियाँ उनकी ज्ञान-सम्पन्नता को महत्वहीन मानती हैं? समझाकर लिखिए।2
प्रश्न 9.
लक्ष्मण की उपहासपूर्ण क्षमायाचना को सुनकर, परशुराम ने विश्वामित्र से क्या कहा?
प्रश्न 10.
‘देह सुखी हो पर मन के दुःख का अन्त नहीं।’ इस पंक्ति में कवि ने क्या बात बताई है ?
प्रश्न 11.
कवि को शिशु की दंतुरित मुसकान देखने का अवसर कैसे मिला ?
प्रश्न 12.
‘लडके और बंदर पराई पीर नहीं समझते।’ क्या बच्चे सचमच स्वभाव से क्रर होते हैं ? आपका मत क्या है ?
प्रश्न 13.
‘मूर्तिकार यों तो कलाकार था पर जरा पैसे से लाचार था।’ लेखक के इस कथन से मूर्तिकार के चरित्र पर क्या प्रकाश पड़ता है ? 2
प्रश्न 14.
जितेन ने लेखिका को गुरु नानक के विषय में क्या जानकारियाँ दीं? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर लिखिए।
प्रश्न 15.
‘रामबृक्ष बेनीपुरी’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘स्वयं प्रकाश’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न 16.
‘तुलसीदास’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘सूरदास’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
खण्ड – (स)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
यों खेलने को हमने भाइयों के साथ गिल्ली-डंडा भी खेला और पतंग उड़ाने, काँच पीसकर माँजा सूतने का काम भी किया, लेकिन उनकी गतिविधियों का दायरा घर के बाहर ही अधिक रहता था और हमारी सीमा थी घर। हाँ, इतना. ज़रूर था कि उस जमाने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ यह महसूस होता है कि अपनी जिन्दगी खुद. जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ्लैट में रहने वालों को हमारे इस परंपरागत ‘पड़ोस-कल्चर’ से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है। मेरी कम-से-कम एक दर्जन आरंभिक कहानियों के पात्र इसी मोहल्ले के हैं जहाँ मैंने अपनी किशोरावस्था गुजार अपनी युवावस्था का आरंभ किया था।
अथवा
सचमुच हैरान करती है काशी-पक्का महाल से जैसे मलाई बरफ गया, संगीत, साहित्य और अदब की बहुत सारी परंपराएँ लुप्त हो गईं। एक सच्चे सुर साधक और सामाजिक की भाँति बिस्मिल्ला खाँ साहब को इन सबकी कमी खलती है। काशी में जिस तरह बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ एक-दूसरे के पूरक रहे हैं, उसी तरह मुहर्रम-ताजिया और होली-अबीर, गुलाल की गंगा-जमुनी संस्कृति भी एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। अभी जल्दी ही बहुत कुछ इतिहास बन चुका है। अभी आगे ही बहुत कुछ इतिहास बन जाएगा। फिर भी कुछ बचा है जो सिर्फ काशी में है। काशी आज भी संगीत के स्वर पर जगती और उसी की थापों पर सोती है। काशी में मरण भी मंगल माना गया है। काशी आनन्दकानन है। सबसे बड़ी बात है कि काशी के पास उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ जैसा लय और सुर की तमीज़ सिखाने वाला नायाब हीरा रहा है जो हमेशा से दो कौमों को एक होने व आपस में भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देता रहा।
प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)
फसल क्या है ?
और तो कुछ नहीं है वह
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का !
अथवा
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।
प्रश्न 19.
आशय स्पष्ट कीजिए –
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का. जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।” (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
मन्न भंडारी ने यह क्यों कहा है कि अपनी जिंदगी खुद जीने के कल्चर ने हमें ‘पड़ोस कल्चर’ से विच्छिन्न कर दिया है?
प्रश्न 20.
गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं ? क्या आपको गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आता है ? स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
पाठ लक्ष्मण-परशुराम संवाद के आधार पर तुलसी के भाषा-सौन्दर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
खण्ड – (द)
प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए।
(अ) राष्ट्रीय एकता की सुरक्षा : हमारा कर्तव्य
(i) प्रस्तावना
(ii) राष्ट्रीय एकता का अभिप्राय
(iii) राष्ट्रीय एकता अखण्डता की आवश्यकता
(iv) राष्ट्रीय एकता और हमारा कर्तव्य
(v) उपसंहार
(ब) नारी का शत्रु-दहेज
(i) प्रस्तावना
(ii) नारी का स्थान
(iii) दहेज का वर्तमान स्वरूप
(iv) दहेज के दुष्परिणाम
(v) उपसंहार
(स) बचना कठिन है विज्ञापन के जाल से
(i) विज्ञापन का अर्थ
(ii) विज्ञापनों का वर्तमान स्वरूप
(iii) विज्ञापनों से लाभ-हानि
(iv) उपसंहार
(द) वृक्ष हमारे सच्चे मित्र
(1) वृक्षों का महत्व
(ii) वृक्षों के लाभ
(iii) वृक्षों का विकास
(iv) उपसंहार
प्रश्न 22.
विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठे खोमचे वालों की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 300 शब्द) 4
अथवा
अपनी छोटी बहिन को एक पत्र लिखिए जिसमें चिड़िया घर की सैर से प्राप्त अनुभव का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 23.
आपने एक नया फैमिली शोरूम खोला है, उसकी विशेषताएँ बताते हुए विज्ञापन तैयार कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
अथवा
राधिका ऑप्टिकल्स की ओर से कम्प्यूटर द्वारा लोगों को मुफ्त नेत्र जाँच करने से संबंधित एक विज्ञापन (उत्तर सीमा लगभग 25 से 50 शब्द) 4
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