RBSE Class 10 Hindi Model Paper 5 are part of RBSE Class 10 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 5.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 10 |
Subject | Hindi |
Paper Set | Model Paper 5 |
Category | RBSE Model Papers |
RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 5
समय : 3 ¼ घण्टे
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड : 1
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
संसार में अमरता ऐसे ही लोगों को मिलती है जो अपने पीछे कुछ आदर्श छोड़ जाते हैं जिनका स्थाई मूल्य होता है। अक्सर यही देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति सम्पन्न परिवार में बहुत कम पैदा होते हैं। अधिकांश ऐसे लोगों का जन्म मध्यम वर्ग के घरों में या गरीब परिवारों में ही होता है। इस तरह का पालन-पोषण साधारण परिवार में होता है और वे सादा जीवन बिताने के आदी हो जाते हैं।
मनुष्य में विनय, उदारता, कष्ट-सहिष्णुता, साहस आदि चारित्रिक गुणों का विकास अत्यावश्यक है। इन गुणों का प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है। ये गुण व्यक्ति के जीवन को अहंकारहीन, सादा व सरल बनाते हैं। सादा जीवन या सादगी का अर्थ है, रहनसहन, वेशभूषा और आचार-विचारों का एक निर्दिष्ट स्तर। जीवन में सादगी लाने के लिए दो बातें विशेष रूप से करणीय हैं, प्रथम कठिन परिस्थितियों में धैर्य को न छोड़ना, द्वितीय अपनी आवश्यकताओं को न्यूनतम बनाना।
सादगी का विचारों से भी घनिष्ठ सम्बन्ध है । सादा जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने विचारों को उच्च बनाए रखना चाहिए। व्यक्ति की सच्ची पहचान उसके विचारों और करनी से होती है। मनुष्य के विचार उसके आचरण पर प्रभाव डालते हैं और उसके विवेक को जाग्रत रखते हैं। विवेकशील व्यक्ति ही अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखता है। उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। सादा जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति को कभी हतप्रभ होकर अपने आत्मसम्मान पर आँच नहीं आने देनी चाहिए। सादगी मनुष्य के चरित्र का अंग है, वह बाहरी चीज नहीं है।
महात्मा गाँधी सादा जीवन पसन्द करते थे और हाथ के कते और बुने खद्दर के मामूली वस्त्र पहनते थे, किन्तु अपने विचारों के कारण वे संसार में वंदनीय हो गए।
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। [1]
प्रश्न 2.
सादा जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति में कौन-से दो गुण विशेष रूप से लक्षित होते हैं? [1]
प्रश्न 3.
वे कौन-से गुण हैं जो मनुष्य के चरित्र को उच्च व आदर्श बनाते हैं? [2]
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
अब भी कुछ लोगों के दिल में, नफरत अधिक, प्यार है कम।
हम जब होंगे बड़े घृणा का, नाम मिटाकर लेंगे दम।
हिंसा के विषमय प्रवाह में, कब तक और बहेगा देश !
जब हम होंगे बड़े देखना, नहीं रहेगा यह परिवेश!
भ्रष्टाचार जमाखोरी की आदत बहुत पुरानी है,
ये कुरीतियाँ मिटा हमें तो नई चेतना लानी है।
एक घरौंदे जैसा आखिर कितना और ढहेगा देश,
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश!
इसकी बागडोर हाथों में जरा हमारे आने दो,
थोड़ा-सा बसा पाँव हमारा, जीवन में टिक जाने दो।
हम खाते हैं शपथ, दुर्दशा कोई नहीं सहेगा देश,
घोर अभावों की ज्वाला में, कल से नहीं दहेगा देश !
प्रश्न 4.
पूरी काव्य पंक्तियों में कवि क्या विश्वास दिलाना चाहता है? [1]
प्रश्न 5.
हिंसा के विषमय प्रवाह से कवि का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिये। [1]
प्रश्न 6.
बच्चे किन कुरीतियों को मिटाने का संकल्प व्यक्त करते हैं? [2]
खण्ड: 2
प्रश्न 7.
दिए गए बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए: [8]
(क) मेरे सपनों का भारत
- प्रस्तावना
- इक्कीसवीं सदी का भारत
- प्रगतिशील भारत की कामना
- उपसंहार।
(ख) राजस्थान के प्रमुख पर्व
- प्रस्तावना
- राजस्थान के प्रमुख पर्व-त्यौहार
- पर्वो की महत्त्व और लाभ
- उपसंहार।
(ग) आरक्षण की समस्या
- प्रस्तावना
- आरक्षण का उद्देश्य एवं परिणाम
- आरक्षण के प्रति युवा आक्रोश एवं समाधान के उपाय
- उपसंहार।
(घ) बढ़ते वाहन : घटता जीवन
- प्रस्तावना
- वाहन वृद्धि के कारण
- बढ़ते वाहनों का कुप्रभाव
- उपसंहार।
प्रश्न 8.
स्वयं को ज्योति शर्मा मानते हुए आगामी बोर्ड परीक्षाओं के चलते लाउड स्पीकरों के कारण शोर से उत्पन्न होने वाली असुविधाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए पुलिस अधीक्षक, उदयपुर को शिकायती पत्र लिखिए। [4]
अथवा
एक फर्म को पत्र लिखिए जिसमें किराने की वस्तुओं का भाव जानने का अनुरोध किया गया हो।
खण्ड : 3
प्रश्न 9.
सकर्मक तथा अकर्मक क्रिया की परिभाषा लिखिए। [2]
प्रश्न 10.
“बूंद बूंद से घड़ा भरता है।” वाक्य में निहित कारक, काल और वाच्य लिखिए। [3]
प्रश्न 11.
द्वन्द्व समास की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। [2]
प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: [2]
- महादेवी वर्मा विदुषी कवि थीं।
- भारत में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए: [2]
- पत्थर की लकीर होना।
- हवा से बातें करना।
प्रश्न 14.
‘बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए। [1]
खण्ड : 4
प्रश्न 15.
निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
दामिनी दमक, सुरचाप की चमक, स्याम
घटा की झमक अति घोर घनघोर तें।
कोकिला, कलापी कल कुजत हैं जित-तित,
सीकर ते सीतल समीर की झकोर हैं।
सेनापति आवन कहयो है मनभावन सु
लाग्यौ तरसावन विरह-जुर जोर हैं।
आयौ सखी सावन, मदन सरसावन,
लग्यौ है बरसावन सलिल चहुँ ओर तें।।
अथवा
और आज
ऊपर-ही-ऊपर तन गए हैं।
तुम्हारे तंबू,
और आज
छमका रही है पावस रानी
बूंदा-बँदियों की अपनी पायल,
और आज
चालू हो गई है।
झींगुरों की शहनाई अविराम।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
सहसा ईदगाह नजर आया। ऊपर इमली के घने वृक्षों की छाया। नीचे पक्का फर्श है, जिस पर जाजिम बिछा हुआ है और रोजेदारों की पंक्तियाँ एक के पीछे एक न जाने कहाँ तक चली गई हैं, पक्की जगत के नीचे तक, जहाँ जाजिम भी नहीं है। नए आने वाले आकर पीछे की कतार में खड़े हो जाते हैं। आगे जगह नहीं है। यहाँ कोई धन और पद नहीं देखता। इस्लाम की निगाह में सब बराबर हैं।
अथव
जिससे उनके ऊपर चूरा बूंदों की जालियाँ बन जाती थीं। मैं देख रहा था और अपनी पूरी चेतना से महसूस कर रहा था–शक्ति का विस्तार, विस्तार की शक्ति । तीनों तरफ से क्षितिज तक पानी-ही-पानी था, फिर भी सामने का क्षितिज, हिन्द महासागर का, अपेक्षया अधिक दूर और अधिक गहरा जान पड़ता था। लगता था कि उस ओर दूसरा छोर है ही नहीं। तीनों ओर के क्षितिज को आँखों में समेटता मैं कुछ देर भूला रहा कि मैं मैं हूँ, एक जीवित व्यक्ति, दूर से आया यात्री, एक दर्शक।
प्रश्न 17.
आपकी दृष्टि में कन्या के दान की बात करना कहाँ तक उचित है? (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
अथवा
‘कल और आज’ कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द)
प्रश्न 18.
भारत प्रकृति का खूबसूरत उपहार है।” पाठ के आलोक में इस कथन की व्याख्या कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 40 से 50 शब्दों में दीजिए:
प्रश्न 19.
नेत्रों को मधुमक्खी के समान क्यों बताया गया है? [2]
प्रश्न 20.
“जै जग मंदिर दीपक सुंदर” से कवि का क्या तात्पर्य है? [2]
प्रश्न 21.
संकलित अंश के अनुसार किस नगर में नहीं रहना चाहिए? [2]
प्रश्न 22.
“यह सारा दुराचार स्त्रियों को पढ़ाने का ही कुफल है।” पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। [2]
प्रश्न 23.
हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए? [2]
प्रश्न 24.
“मातृभूमि के दीवाने तन का नहीं मन का जीवन जीते हैं।” पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। [2]
प्रश्न संख्या 25 से 28 को उत्तर एक पंक्ति में दीजिए :
प्रश्न 25.
गोपियों को भ्रमर के रूप में कौनसा दूत मिला? [1]
प्रश्न 26.
प्रसंग में ‘गाधि सूनु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है? [1]
प्रश्न 27.
ईद किस महीने में आती है? [1]
प्रश्न 28.
‘अमर शहीद’ एकांकी का मुख्य पात्र कौन है? [1]
प्रश्न 29.
निम्नलिखित रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए: [4]
- नागार्जुन
- रामधारी सिंह दिनकर।
प्रश्न 30.
निम्नांकित यातायात संकेतों का क्या अर्थ है? [4]
We hope the given RBSE Class 10 Hindi Model Paper 5 will help you. If you have any query regarding RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 5, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.
Leave a Reply