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RBSE Class 12 E-Hindi Compulsory Self Evaluation Test Papers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
RBSE Class 12 E-Hindi Compulsory Self Evaluation Test Paper 1
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए
जीवन का दूसरा नाम संग्राम है। यह संग्राम जन्म से आरम्भ होकर जीवन-पर्यन्त जारी रहता है। इस संग्राम का केन्द्र मानव मन, अच्छी और बुरी प्रवृत्ति दो पक्ष तथा सारा वातावरण ही इसके कारण हैं। जैसे-जैसे मानव साकार रूप देने का प्रयास आरम्भ कर देता है। इस प्रयत्न में वह निम्नतम स्तर पर पहुँच जाता है। स्वार्थ सिद्धि ही उसका एकमात्र उद्देश्य बन जाता है। उसके जीवन का केन्द्र स्वार्थ और तृप्ति में ही निहित हो जाता है। ऐसा व्यक्ति कभी नौतिक मूल्यों पर विचार की कल्पना भी नहीं कर सकता है। यही कारण है कि वह हर समय अशान्त और तनावग्रस्त रहता है। इच्छा-त्याग से ही शान्ति का अनुभव होता है। आसुरी शक्ति के समक्ष हमारे पूर्वजों ने घुटने टेकने के स्थान पर उसका दृढ़ता से सामना करना पसन्द किया। इसके लिये उन्होंने विभीषण के सामने अपने बन्धु रावण के अन्याय को स्वीकार करने के स्थान पर उसका दृढ़ता से विरोध करने का प्रस्ताव किाय। ‘सत्यमेव जयते’ में विश्वास प्रकट करते हुए, असत्य और अन्याय का विरोध किया। अन्याय करना और सहना कायरता की निशानी है। अत: अन्याय सहने वाला भी अन्याय का समर्थक माना जाता है। आज धर्म और नैतिकता लुप्त हो रही है। भौतिकता के प्रति प्रेमाधिक्य के कारण जीवन में संवेदना का अभाव हो गया है।
(i) जीवन का दूसरा नाम ‘संग्राम है, क्योंकि – (1)
(अ) मनुष्य को जीवन-भर युद्ध लड़ने पड़ते हैं।
(ब) मानव-जीवन युद्धों के लिए बना है
(स) वास्तव में युद्ध और मानव-जीवन एक ही हैं
(द) मानव को जीने के लिए निरन्तर संघर्ष करना पड़ता है
(ii) मनुष्य अशान्त और तनावग्रस्त रहता है – (1)
(अ) वह अपने स्वार्थ सिद्ध करना चाहता है।
(ब) वह परोपकार करना चाहता है
(स) स्वार्थपूर्ति तथा तृप्ति न होने के कारण
(द) वह बुरे कार्य करना चाहता है
(iii) अन्त में जीत किसकी होती है – (1)
(अ) बल और ताकत की
(ब) भौतिकता की
(स) सत्य और न्याय की
(द) असत्य और अन्याय की
(iv) ‘साकार’ शब्द का विपरीतार्थक शब्द है – (1)
(अ) आकार
(ब) निराकार
स) सहकार
(द) साकारिता
(v) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है – (1)
(अ) सत्यमेव जयते
(ब) मानव जीवन
(स) जीवन-संग्राम
(द) मानव-संवेदना
(vi) हमारे पूर्वजों ने अपना विश्वास प्रकट किया था – (1)
(अ) ईश्वर पर
(ब) सत्यमेव जयते पर
(स) अपने बल पर
(द) इनमें से कोई नहीं
निम्नलिखित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पस्तिका में लिखिए –
सामने कुहरा घना है
मुझे यही कहता है
और मैं सूरज नहीं हूँ
अरे भई, तुम सूरज तो नहीं हो
क्या इसी अहंसास में जिऊँ
और मैं कहता हूँ
या जैसा भी हूँ नन्हा-सा
न सही सूरज इक दीया तो हूँ
एक नन्हा दीया तो हूँ
क्यों न उसी की उजास में जिऊँ ?
जितनी भी है लौ मुझ में
हर आने वाला क्षण
उसे लेकर जिया तो हूँ।
कम-से-कम मैं उनमें तो नहीं
उड़ते फिर रहे थे जो जुगनू आँगन में
जो चाँद दिल के बुझाए बैठे हैं
उन्हें भी मुट्ठियों में दबाए बैठे हैं।
हर रात को अमावस बनाए बैठे हैं
(i) ‘सामने कुहरा घना है’ रेखांकित शब्द से तात्पर्य है – (1)
(अ) धुंध
(ब) अन्धेरा
(स) अंधकारं
(द) हताशा-निराशा।
(ii) काव्यांश में छिपे सन्देश को स्पष्ट कीजिए – (1)
(अ) दीपक की सूरज को चुनौती
‘ब) दीपकका जलना
(स) प्रकाश फैलाना
(द) शक्ति भर जीवन जीने का।
(iii) दीपक और अमावस यहाँ प्रतीक हैं – (1)
(अ) दिये और अमावस्या के
(ब) अँधेरे और प्रकाश के
(स) वस्तु और तिथि के
(द) आशा और गहन निराशा के।
(iv) ‘हर रात अमावस बनाए बैठे हैं’, रेखांकित शब्द तद्भव शब्द है, इसका तत्सम रूप होगा – (1)
(अ) मावस
(ब) अमावस्या
(स) पूर्णिमा
(द) गहन अँधेरी रात।
(v) उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक निम्न विकल्पों से चुनिए – (1)
(अ) घना कुहरा
(ब) सर्व शक्ति सम्पन्नता
(स) निराशा
(द) दीपक की जिजीविषा।
(vi) पूर्णिमा का विपरीतार्थक शब्द है – (1)
(अ) चतुर्थी
(ब) पूर्णता
(स) अमावस
(द) एकादशी
प्रश्न 2
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) भाषा के उस रूप को …………………………………… कहा जाता है जो एक सीमित क्षेत्र में ही बोली जाती है। – (1)
(ii) …………………………………… चिह्नों के माध्यम से लिखित रूप दिए जाने पर ध्वनि संकेत लिखित भाषा के अंतर्गत आते हैं। – (1)
(iii) “वह सुख के कंटक-शयन में विकल थी।” वाक्य में …………………………………… शब्द शक्ति है। – (1)
(iv) शब्द में निहित जिस शक्ति से शब्द के मुख्यार्थ का बोध …………………………………… होता है, उसे – (1)
(v) छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की। काव्य पंक्ति में …………………………………… अलंकार है। – (1)
(vi) तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। पंक्ति में वर्ण की …………………………………… होने से यहाँ …………………………………… अलंकार है। – (1)
प्रश्न 3
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर एक पंक्ति में दीजिए
(i) किसी पारिभाषिक शब्दों के अर्थ लिखिए – (1)
(A) Zonal (B) Warehouse
(ii) ‘उद्घोषणा’ शब्द के लिए पारिभाषिक शब्द लिखिए। – (1)
(iii) ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के लेखक का नाम बताइए। – (1)
(iv) आलेख-लेखन से आप क्या समझते हो? – (1)
(v) बसंत पाटील से दोस्ती होने के बाद लेखक आनंद यादव के व्यवहार में कौन-से परिवर्तन हुए? – (1)
(vi) यशोधर बाबू किस प्रकार के जीवन के पक्षधर थे? – (1)
(vii) ‘जूझ’ का नायक पढ़ाई क्यों करना चाहता था? – (1)
(viii) यशोधर बाबू की पत्नी किसका साथ देती है? – (1)
(ix) ‘जूझ’ कहानी से लेखक की किस प्रवृत्ति का उद्घाटन होता है? – (1)
(x) हरिवंश राय बच्चन की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए। – (1)
(xi) महादेवी वर्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ? – (1)
खण्ड – (ब)
निम्नांकित लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 40 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 4.
उलटा पिरामिड शैली की विशेषताएँ बताइए। – (2)
प्रश्न 5.
इंटरनेट पत्रिका के द्वितीय दौर में इसकी किस प्रकार उन्नति हुई?- (2)
प्रश्न 6.
प्रतिदिन हो रही सड़क दुर्घटनाएँ एक विकट समस्या बन चुकी है। इस विषय पर एक आलेख तैयार कीजिए।- (2)
प्रश्न 7.
उसको उतना ही पाते हैं, खुद को जितना खो ले हैं-फ़िराक गोरखपुरी की इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।- (2)
प्रश्न 8.
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने। ‘उषा’ कविता की इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।- (2)
प्रश्न 9.
‘बाजार दर्शन’ पाठ के आधार पर ‘पैसे की व्यंग्य शक्ति’ को सोदाहरण समझाइए।- (2)
प्रश्न 10.
‘पहलवान की ढोलक की उठता-गिरती जावाज बीमारी से दम तोड़ रहे ग्रामवासियों में संजीवनी का संचार कैसे करती है।- (2)
प्रश्न 11.
‘जूझ’ कहानी के प्रमुख पात्र को पढ़ना जारी रखने के लिए कैसे जूझना पड़ा? किस उपाय से वह सफल हुआ?- (2)
प्रश्न 12.
यशोधर बाबू अपने रोल मॉडल किशन दा से क्यों प्रभावित हैं? ‘सिल्वर वैडिंग’ के आधार पर लिखिए।- (2)
खण्ड – (स)
निम्नांकित दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 13.
कवि ‘मुक्तिबोध’ की कविता ‘सहर्ष स्वीकारा है’ के अनुसार बताइए कि वे कौन-सी स्थितियाँ हैं, जो पहले कवि को प्रिय थीं, किन्तु अब सही नही जातीं; पिराती और डराती हैं। – (3)
अथवा
‘अपाहिज की फूली हुई आँख की एक बड़ी तस्वीर’ तथा ‘उसके होठों पर एक कसमसाहट’ दिखाने का क्या उद्देश्य है ? यदि इसे न दिखाया जाय तो क्या हानि होगी?
प्रश्न 14.
“बाजार की जादुई ताकत कैसे हमें अपना गुलाम बना लेती है” ‘बाजार दर्शन’ पाठ के आधार पर समझाइए कि बाजार की जादुई ताकत क्या है? – (3)
अथवा
हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी हो जाती है, ‘शिरीष के फूल’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
प्रश्न 15.
आधुनिकता की ओर बढ़ता हमारा समाज एक ओर कई नई उपलब्धियों को समेटे हुए है तो दूसरी ओर मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने वाले मूल्य कहीं घिसटते चले गये हैं। ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। – (3)
अथवा
“इन कविताओं के साथ खेलते हुए मुझे दो बड़ी शक्तियाँ प्राप्त हुई हैं”- कविताओं के साथ खेलने का आशय स्पष्ट करते हुए ‘जूझ’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक को कौन-सी दो बड़ी शक्तियाँ प्राप्त हुई हैं ?
प्रश्न 16.
हरिवंश राय बच्चन का कवि परिचय लिखिए। – (3)
अथवा
जैनेन्द्र कुमार का लेखक परिचय दीजिए।
खण्ड – (द)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (2 + 4 = 6)
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ,
कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर
मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ।
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,
मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,
जग पूछा रहा उनको, जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ!
अथवा
आँगन में लिए चाँद के टकडे को खड़ी
हाथों पे झलाती है उसे गोद – भरी
रह-रह के हवा में जो लोका देती है
गूंज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (2 + 4 = 6)
जेठ की जलती धूप में, जबकि धरित्री निर्धूम अग्निकुंड बनी हुई थी, शिरीष नीचे से ऊपर तक फूलों से लद गया था। कम फूल इस प्रकार की गरमी में फूल सकने की हिम्मत करते हैं। कर्णिकार और आरग्वध (अमलतास) की बात मैं भल नहीं रहा हूँ। वे भी आस-पास बहत हैं। लेकिन शिरीष के साथ आरग्वध की तुलना नहीं की जा सकती। वह पंद्रह-बीस दिन के लिए फूलता है, ५ ऋत के पलाश को भाँति। कबीरदास को इस तरह पंद्रह दिन के लिए लहक उठना पसंद नहीं था। यह भी क्या कि दस दिन फूले और फिर खंखड़-के-खखड़ – दिन दस फूला फूलिके खंखड़ भया पलास!’ ऐसे दुमदारों से तो लैंडूरे भले। फूल है शिरीष। वसंत के आगमन के साथ लहक उठता है। आषाढ़ तक जो निश्चित रूप से मस्त बना रहता है। मन रम गया तो भरे भादों में भी निर्घात फुलता रहता है। जब उमस से प्राण उबलता रहता है और लू से हृदय सूखता रहता है, एकमात्र शिरीष कालजयी अवधूत की भाँति जीवन की अजेयता का मंत्र प्रचार करता रहता है।
अथवा
विजयी लुट्टन कूदता-फाँदता, ताल-ठोंकता सबसे पहले बाने वालों की ओर दौड़ा और ढोलों को श्री उसने राजा साहब को गोद में उठा लिया। राजा साहब के कीमती कपड़े मिट्टी में सन गए। मैनेजर साहब ने आपत्ति की-“हे-हैं अरे-रे!” किंतु राजा साहब ने स्वयं उसे छाती से लगाकर गद्गद् होकर कहा-“जीते रहो, बहादुर! तुमने मिट्टी की लाज रख ली!” पंजाबी पहलवानों की जमायत चाँद सिंह की आँखें पोंछ रही थी। लुट्टन को राजा साहब ने पुरस्कृत ही नहीं किया, अपने दरबार में सदा के लिए रख लिया। तब से लुट्टन राज-पहलवान हो गया। राजा साहब उसे लुट्टन सिंह कहकर पुकारने लगे। राज-पंडितों ने मुँह बिचकाया-“हुजूर! जाति का सिंह!”, मैनेजर साहब क्षत्रिय थे। ‘क्लीन-शेव्ड’ चेहरे को संकुचित करते हुए, अपनी शक्ति लगाकर नाक के बाल उखाड़ रहे थे। चुटकी से अत्याचारी बाल को रगड़ते हुए बोले- “हाँ सरकार, यह अन्याय है!” राजा साहब ने मुसकुराते हुए सिर्फ इतना ही कहा-“उसने क्षत्रिय का काम किया है।”
प्रश्न 19.
आयुक्त, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जयपुर (राजस्थान) की ओर से पेयजल संबंधी समस्या के त्वरित निवारण हेतु एक विज्ञप्ति तैयार कीजिए। – (4)
अथवा
विशिष्ट सचिव उच्च शिक्षा विभाग, राजस्थान जयपुर की ओर से रिब्यू डी.पी.बी बावत् एक ज्ञापन तैयार कीजिए। – (4)
प्रश्न 20.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर सारगर्भित निबंध लिखिए (शब्द सीमा 300 शब्द) – (5)
(i) भ्रष्टाचार: कारण और निवारण
(ii) मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य
(iii) राजस्थान में लोक देवताओं का महत्व
(iv) भारतीय राजनीति, राजनेता और जातिवाद
RBSE Class 12 E-Hindi Compulsory Self Evaluation Test Paper 2
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए भारत की एक विशेषता जो दूसरे देशों में नहीं पाई जाती, वह है उसका अनेकरूपी होना। यहाँ एक ही आदमी एक ही साथ कई तरह की चीजों में विश्वास करता है। उदाहरण के रूप में यहाँ आदमी बीमार पड़ने पर होम्योपैथी का इलाज भी करवाता है, जुकाम में ऐलोपैथी और आवश्यकता पड़ने पर आयुर्वेदिक और यूनानी नुस्खे भी आजमा लेता है। एक भारतीय जो अपने आपको बहुत आधुनिक मानता है वह कभी-कभी परेशानी की दशा में निस्संकोच भाव से टोना-टोटका भी करवा लेता है और लगे हाथ ज्योतिषी को भी दिखा लेता है। हम देखते हैं कि लोग बड़े श्रद्धाभाव से मजार पर माथा टेकते हैं और शिव की प्रतिमा के सामने भी सिर झुका लेते हैं। एक ही व्यक्ति एक साथ घोर पुरातन पंथी हो सकता है और अत्याधुनिक भी। विश्वासों और मान्यताओं का घालमेल भारतीयता का विशिष्ट बुनियादी तत्व है। हमारे लिए गर्व की बात यह है कि दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अपनेपन के सम्बन्ध अभी पूरी तरह पैसों के सम्बन्धों में परिवर्तित नहीं हो पाए हैं। निश्छल पारिवारिक स्नेह, पड़ोसियों का आत्मीय व्यवहार भारत में ही दिखाई देता है।
(i) अपने आपको बहुत आधुनिक मानने वाले भारतीय की विशेषता है कि वह- (1)
(अ) पुरातनपंथी भी है और अत्याधुनिक भी
(ब) आधुनिक सभ्यता में विश्वास करता है
(स) नई जीवन शैली को अपनाता है
(द) भावनात्मक सम्बन्धों को महत्त्वहीन मानता है।
(ii) विश्वासों और मान्यताओं के घालमेल का तात्पर्य है, एक ही व्यक्ति का- (1)
(अ) आस्तिक भी होना और नास्तिक भी
(ब) अत्याधुनिक और पुरातनपंथी होना
(स) हिंसावादी और अहिंसावादी होना
(द) विविधतापूर्ण दृष्टिकोण होना।
(iii) भारत के लिए गौरव की बात है
(अ) आर्थिक रूप से प्रगति करना
(ब) कई शताब्दियों का जीवन साथ जीना
(स) अनेक प्रकार की चिकित्सा पद्धतियाँ
(द) परिवार और पड़ोसी में अपनेपन के सम्बन्ध।
(iv) ‘निश्छल’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है, प्रयुक्त सन्धि का सही नाम है- (1)
(अ) व्यंजन सन्धि
(ब) दीर्घ सन्धि
(स) विसर्ग सन्धि
(द) स्वर सन्धि।
(v) गद्यांश का उचित शीर्षक है
(अ) भारतवर्ष।
(ब) भारतीयता
(स) अनेकरूपी होना।
(द) भारत की विशेषता-अनेकता में एकता।
(vi) निश्छल पारिवारिक स्नेह, पड़ोसियों का आत्मीय व्यवहार दिखाई देता है- (1)
(अ) अमेरिका में
(ब) इंग्लैण्ड में
(स) भारत में
(द) चीन में
निम्नलिखित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
मैं न बँधा हूँ देश-काल की जंग लगी जंजीर में, मैं न खड़ा हूँ जाति-पाँति की ऊँची-नीची भीड़ में, मेरा धर्म न कुछ स्याही-शब्दों का एक गुलाम है, मैं बस कहता हूँ कि प्यार है तो घट-घट में राम है, मुझसे तुम न कहो मन्दिर-मस्जिद पर मैं सर टेक हूँ, मेरा तो आराध्य आदमी देवालय -हर द्वार है। कहीं रहे कैसे भी, मुझको प्यारा यह इन्सान है, मुझको अपनी मानवता पर बहुत-बहुत अभिमान है, मुझे मिली है प्यास विषमता का विष पीने के लिये मैं जन्मा हूँ नहीं स्वयं-हित, जग-हित जीने के लिये मैं सिखलाता हूँ कि जियो और जीने दो संसार को, जितना ज्यादा बाँट सको तुम बाँटो अपने प्यार को, हँसो इस तरह, हँसे तुम्हारे साथ दलित यह धूल भी चलो इस तरह, कुचल न जाये पग से कोई शूल भी, पुण्ख न तुम्हारा सुख केवल जग में भी उसका भाग है, फल डाल का पीछे, पहले उपवन का गार है। कोई नहीं पराया, मेरा घर सारा संसार है।
(i) कवि का आराध्य और देवालय क्या है?- (1)
(अ) महादेव, मन्दिर
(ब) अल्लाह, मस्जिद
(स) मानव, धर
(द) ईसा और चर्च।
(ii) “हँसो इस तरह, हँसे तुम्हारे साथ दलित यह धूल भी।” पाक्त का भावार्थ है- (1)
(अ) तुम्हारे हँसने के साथ धूल भी हँसे
(ब) जहाँ धूल उड़ रही हो वहाँ हँसना चाहिए
(स) अपनी प्रसन्नता-खुशी में दलित वर्ग का भी साथ है
(द) दलित धूल तुम्हारे साथ ही हँसती है।
(iii) “कोई नहीं पराया, मेरा घर सारा संसार”, पद्यांश का अन्तिम पंक्ति किस आर्ष वचन की पुष्टि करती है- (1)
(अ) सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय
(ब) वसुधैव कुटुंबकम्
(स) आप भला तो जग भला
(द) सबकी उन्नति में अपनी उन्नति है।
(iv) मुझे मिली है प्यास विषमता का विष पीने के लिए। रेखांकित अंश में निहित अलंकार है- (1)
(अ) अनुप्रास
(ब) यमक
(स) श्लेष
(द) उत्प्रेक्षा
(v) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक निम्नलिखित विकल्पों में से चुनिए- (1)
(अ) इन्सान का प्यार
(ब) जीने दो संसार को
(स) मानवता पर गर्व
(द) मनुष्यता
(vi) कवि संसार को क्या सिखाना चाहता है
(अ) पैसा कमाना
(ब) धन कमाना
(स) स्वास्थ्य लाभ
(द) जियो और जीने दो
प्रश्न 2.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) …………………………………… भाषा परिवर्तनशील होती है, जबकि लिखित रूप में भाषा स्थिर होती है।
(ii) विश्व की प्रत्येक भाषा की अपनी …………………………………… होती है।- (1)
(ii) ‘प्रजातंत्रवाद की सम्यक्’ सफलता के लिए विरोधी पक्ष का होना एक अनिवार्य शर्त है” वाक्य में …………………………………… शब्द शक्ति है।।- (1)
(iv) संदर्भ, व्यक्ति व स्थिति के अनुसार शब्द का कल्पना आधारित अर्थ निकले तथा जो अभिधेय अर्थ और लक्ष्यार्थ से परे हो, वहाँ …………………………………… शब्द शक्ति है।- (1)
(v) “नित्य ही नहाता क्षीरसिन्धु में कलाधर है, सुन्दर तवानन की समता इच्छा से।” काव्य पंक्ति में की समता इच्छा से।” काव्य पंक्ति में …………………………………… अलंकार है।- (1)
(vi) “हलधर के प्रिय हैं सदा केशव और किसान। पंक्ति में हलधर शब्द …………………………………… अर्थ व्यक्त करता है। अतः यहाँ …………………………………… अलंकार है।- (1)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर एक पंक्ति में दीजिए
(i) निम्न पारिभाषिक शब्दों के अर्थ लिखिए- (1)
(A) Manifesto (B) Patent
(ii) वसीयत’ शब्द के लिए पारिभाषिक शब्द लिखिए।- (1)
(iii) लेखक ने शिरीष की तुलना किससे की है?- (1)
(iv) फीचर किन विषयों पर लिखे जाते हैं?- (1)
(v) यशोधर बाबू का अपने बच्चों के प्रति कैसा व्यवहार था?- (1)
(vi) ‘जूझ’ का लेखक एक जूझारू योद्धा की तरह संघर्ष करके जीवन को ऊँचा बनाता है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?- (1)
(vii) यशोधर बाब के बड़े लड़के को कितने रुपये मासिक की नौकरी मिली?- (1)
(viii) स्कूल से छुट्टी के बाद लेखक आनन्द यादव को कितने घंटे पशु चराने होते थे?- (1)
(ix) यशोधर बाबू की पत्नी किसका साथ देती है?- (1)
(x) आलोक धन्वा की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए।- (1)
(xi) फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ का जन्म कब और कहाँ हुआ?- (1)
खण्ड – (ब)
निम्नांकित लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 40 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 4.
रेडियो के लिए समाचार लिखते समय अंकों को लिखने में क्या सावधानी रखनी चाहिए? (2)
प्रश्न 5.
इंटरनेट का प्रयोग निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है, सिद्ध कीजिए। (2)
प्रश्न 6.
आजकल विवाह दिन पर दिन खर्चीले होते जा रहे हैं। कन्या का पिता होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। इस समाचार पर एक आलेख – लिखिए। (2)
प्रश्न 7.
तुम भी आँखें रक्खो हो-यह बात फिराक गोरखपुरी ने किसके प्रति कही है? (2)
प्रश्न 8.
‘जिन्दगी में जो कुछ है, जो भी है’ उस सबको कवि ‘मुक्तिबोध’ ने संघर्ष क्यों स्वीकारा है? (2)
प्रश्न 9.
बाजार किसी लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता, वह देखता है सिर्फ उसकी क्रय शक्ति को। इस रूप में वह किस प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं? (2)
प्रश्न 10.
लेखक जीजी की संतुष्टि और सहभाव की रक्षा के लिए उन सभी रीति-रिवाजों को पूरा करता था, जिनको अंध-विश्वास कहकर वह मिटाना चाहता था। इससे क्या समझा जाए-विज्ञान का सत्य बड़ा है या सहज प्रेम का रस या दोनों। (2)
प्रश्न 11.
मास्टर के दरवाजे पर छाई मालती की बेल का लेखक आनन्द यादव के कवि बनने में क्या योगदान है? समझाकर लिखिए। (2)
प्रश्न 12.
यशाधर बाबू की पत्नी सुनती है मगर नहीं सुनती-यशोधर बाबू के कथन पर तर्कपूर्ण टिप्पणी कीजिए। ‘पत्नी सुनती है, मगर नहीं सुनती’ से लेखक का क्या तात्पर्य है? (2)
खण्ड – (स)
निम्नांकित दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 13.
‘उषा’ कविता में कवि द्वारा आकाश को ‘नीला शंख जैसा’ तथा ‘राख से लीपा हुआ चौका’ अभी गीला पड़ा है। कहने का क्या कारण है विस्तार से लिखिए।
अथवा
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए गरबीली गरीबी, भीतर की सरिता, बहलाती सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल। (3)
प्रश्न 14.
‘नमक’ कहानी में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान सन्दर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए। (3)
अथवा
‘काले मेघा पानी दे’ के आधार पर समझाइए कि लेखक ने भारतीयों के अंग्रेजों से पिछड़ने व उनका गुलाम बनने के क्या कारण बताए हैं? वह उस स्थिति में सुधार चाहते हुए भी क्यों नहीं कर पाता?
प्रश्न 15.
दत्ता की राय से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा। यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता तो आगे का घटनाक्रम क्या होता? लिखिए। (3)
अथवा
पुराने होते जा रहे जीवन मूल्यों और नए प्रचलनों के बीच यशोधर पंत के संघर्ष पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 16.
कुँवर नारायण का कवि परिचय लिखिए। (3)
अथवा
धर्मवीर भारती का लेखक परिचय लिखिए।
खण्ड – (द)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (2 + 4 = 6)
कविता एक खिलना है फूलों के बहाने।
कविता का खिलना भला फूल क्या जाने !
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
बिना मुरझाए महकने के माने
फूल क्या जाने?
कविता एक खेल है बच्चों के बहाने
बाहर भीतर
यह घर, वह घर
सब घर एक कर देने के माने
बच्चा ही जाने।
अथवा
रक्षाबन्धन की सुबह रस की पुतली
छायी है घटा गगन की हलकी-हलकी
बिजली की तरह चमक रहे हैं लच्छे
भाई के है बाँधती चमकती राखी।
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (2 + 4 = 6)
वे सचमुच ऐसे दिन होते जब गली-मुहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग गरमी में भुन-भुनकर त्राहिमाम कर रहे होते, जेठ के दसतपा जीत कर आषाढ़ का पहला पखवारा भी बीत चुका होता पर क्षितिज पर कहीं, बादल की रेख भी नहीं दीखती होती, कुएँ सूखने लगते, नलों में एक तो बहुत कम पानी आता और आता भी तो आधी रात को भी मानो खौलता हुआ पानी हो। शहरों की तुलना में गाँव में और भी हालत खराब होती थी। जहाँ जुताई होनी चाहिए वहाँ खेतों की मिट्टी सुखकर पत्थर हो जाती फिर उसमें पपड़ी पड़कर जमीन फटने लगती, लू ऐसी कि चलते-चलते आदमी आधे रास्ते में लू खाकर गिर पड़े। ढोर-ढंगर प्यास के मारे मरने लगते लैंकिन बारिश का कहीं नाम-निशान नहीं, ऐसे में पूजा-पाठ, कथा-विधान सब करके लोग जब हार जाते तब अंतिम उपाय के रूप में निकलती यह इंदर सेना।
अथवा
मैंने मन में कहा, ठीक। बाज़ार आमंत्रित करता है कि आओ मुझे लूटो और लूटो। सब भूल जाओ, मुझे देखो। मेरा रूप और किसके लिए है? मैं तुम्हारे लिए हूँ। नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हरज़ है। अजी आओ भी। इस आमंत्रण में यह खूबी है कि आग्रह नहीं है आग्रह तिरस्कार जगाता है। लेकिन ऊँचे बाज़ार का आमंत्रण मूक होता है और उससे चाह जगती है। चाह मतलब अभाव। चौक बाजार में खड़े होकर आदमी को लगने लगता है कि उसके अपने पास काफी नहीं है और चाहिए, और चाहिए। मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है ओह!
कोई अपने को न जाने तो बाज़ार का यह चौक उसे कामना से विकल बना छोड़े। विकल क्यों, पागल। असंतोष, तृष्णा और ईर्ष्या से घायल कर मनुष्य को सदा के लिए यह बेकार बना डाल सकता है।
प्रश्न 19.
प्रधानाचार्य डायट, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर (राज.) की ओर से परीक्षा प्रश्न 20.22 के लिए उत्तरपुस्तिका एवं अन्य सामग्री सप्लाई हेतु एक निविदा तैयार कीजिए। (4)
अथवा
उपशासन सचिव, गृह मंत्रालय, राजस्थान सरकार, जयपुर की ओर से सभी विभागों द्वारा जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण किए जाने हेतु एक विज्ञप्ति तैयार कीजिए। (4)
प्रश्न 20.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर सारगर्भित निबंध लिखिए-(शब्द सीमा 300 शब्द) (5)
(i) बढ़ते बेरोजगार-घटते रोजगार
(ii) आतंकवाद की विश्वव्यापी समस्या
(iii) वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएँ
(iv) भारत में खेलों का भविष्य
RBSE Class 12 E-Hindi Compulsory Self Evaluation Test Paper 3
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
भारत की एक मूल शक्ति या सामर्थ्य उसकी प्राकृतिक साधन-रूपी बुनियाद है। यद्यपि भारत के पास सब मूल्यवान धातुओं और कच्ची धातुओं का एक-सी गुणवत्ता वाला भण्डार नहीं है, तो भी उनमें से धातुएँ और कच्ची धातुएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। जैसे-जैसे हम अपने भु-साधनों का अधिकाधिक उपयोग करना आरम्भ करेंगे, वैसे-वैसे वे भविष्य के लिए हमारी शक्तियाँ बन जाएँगे। अपने समुद्रों के तल में छिपे साधनों की खोज अभी होनी शेष है। इन सबके अतिरिक्त, हमारे पास जीवित साधनों का भी उत्तम आधार है। हमारा जैव-वैविध्य बहुत समृद्ध है और प्रचुर धूप, वैविध्यपूर्ण कृषि-योग्य जलवायु, एक सम्पूर्ण-विश्व, जिसमें ध्रुव देश जैसी ठण्ड, उष्णकटिबन्ध मण्डल की हरियाली, रेगिस्तानी इलाका और काफी वर्षा सभी कुछ है, हालाँकि हम उसका पूरा उपयोग नहीं करते। इसके लिए एक उदाहरण पर्याप्त होगा। सारे भारत में होने वाली वार्षिक वर्षा की मात्रा को यदि बराबर बराबर सारे देश में छितरा दिया जाए, तो पानी एक मीटर की गहराई तक दिखाई देगा! काश! हम इस प्राकृतिक उपहार को काम में ला सकते! भारत की प्रौद्योगिकीय परिकल्पना उसके प्राकृतिक साधन, उसके मानव-संसाधन और राष्ट्र की मूल सामर्थ्य के आधार पर ही प्रतिष्ठित है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का समुचित शीर्षक हो सकता है- (1)
(अ) भारत के संसाधन
(ब) भारतीय सम्पन्नता
(स) भारतीय औद्योगिक विकास
(द) भारत का भावी औद्योगिक विकास।
(ii) भारत की मूल शक्ति क्या है? (1)
(अ) अनाज
(ब) सैन्य शक्ति
(स) संगठनात्मक शक्ति
(द) खनिज पदार्थ।।
(iii) भारत की औद्योगिक परिकल्पना का आधार क्या है? (1)
(अ) प्राकृतिक संसाधन
(ब) नागरिकों का अदम्य उत्साह
(स) कर्मठ जनसंख्या
(द) अथाह धन-सम्पत्ति।
(iv) हमारे पास क्या-क्या हैं? (1)
(अ) विविध प्रकार के जीव
(ब) कृषि योग्य जलवायु व अच्छी वर्षा
(स) उष्ण कटिबन्धीय हरियाली
(द) उपर्युक्त सभी कुछ।
(v) ‘संसाधन’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग बताइए (1)
(अ) सन्
(ब) सन।
(स) सम्
(द) सम।
(vi) भारत का जैव-जैविध्य कैसा है? (1)
(अ) बहुत समृद्ध
(ब) नगण्य
(स) बहुत कम
(द) अपर्याप्त
निम्नलिखित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
“हाँ, संकोच-सा था कुछ, था न मैं नया नया,
कार्य भी नया था, अब परिचित हो गया।
देखता हूँ, कितने अभावों से भरी मही।”
“पहला निदेश क्यों न हूँ मैं इष्ट-वृष्टि का,
जीवन का मूल जल ही है सब सृष्टि का।
मेघ जल मात्र नहीं, बरसावें रत्न भी,
और करें आवश्यक छाया का प्रयत्न भी।
देवों के नहीं तो मानवों के ही लिये सही,
समझी मैं, पृथ्वी पर धान्य-धन वृद्धि हो,
और सुरलोक की-सी उसकी समृद्धि हो,
किन्तु अमरत्व क्या इसी से नर पा लेंगे?
उलटी मनुष्यता भी अपनी गँवा-देंगे।
पायेंगे प्रयास बिना लोग खाने-पीने को,
फिर क्यों बहायेंगे वे श्रमं के पसीने को!
होंगे अकर्मण्य, उन्हें क्या-क्या नहीं सूझेगा!
कोई कछ मानेगा न जानेगा न बोगी।
(i) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए (1)
(अ) पृथ्वी पर दैवीय सुख
(ब) मानवता
(स) अकर्मण्यता
(द) स्वर्ग में मानव।
(ii) इन्द्र ने पृथ्वीवासियों की समृद्धि के लिए आदेश दिया (1)
(अ) जल-वर्षा करने का
(ब) शीतल-मन्द वायु चलने का
(स) जल के साथ रत्न वर्षा का
(द) दुष्टों के वध का।
(iii) पृथ्वी पर धन-धान्य की समृद्धि होने से पृथ्वीवासी- (1)
(अ) मानवता गँवाकर अकर्मण्य हो जाएँगे
(ब) सुखी हो जाएँगे
(स) सम्पन्न हो जाएँगे
(द) परिश्रमी हो जाएँगे
(iv) ‘जीवन का मूल जल ही है सब सृष्टि का’ पंक्ति का भावार्थ है (1)
(अ) संसार के सभी प्राणियों का मूल आधार जल ही है
(ब) पूरी सृष्टि का जीवन जल से उत्पन्न हुआ है
(स) जल से जीवन बना है और जल से ही सृष्टि उत्पन्न हुई है
(द) बादल जल बरसाते हैं तभी सृष्टि का जीवन चलता है।
(v) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार से युक्त पंक्ति निम्नलिखित में से कौन-सी है? (1)
(अ) मेघ जल मात्र नहीं बरसावें रत्न भी
(ब) करें आवश्यक छाया का प्रयत्न भी
(स) उलटी मनुष्यता भी अपनी गँवा देंगे
(द) हाँ, संकोच-सा था कुछ, था न मैं नया-नया।
(vi) ‘कर्मण्य’ का विपरीतार्थक काव्यांश में से छाँटकर लिखिए (1)
(अ) अमरत्व
(ब) मनुष्यता
(स) श्रम
(द) अकर्मण्य
प्रश्न 2.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) ध्वनि, वर्ण, शब्द, पद एवं वाक्य …………………………………… की प्रमुख इकाइयाँ हैं। (1)
(ii) …………………………………… लिपि उच्चारण के अनुरूप लिखी जाती है। (1)
(iii) ‘तिल भर न आगे बढ़ रहे हाँ वीर हो निश्चय बड़े।” वाक्य में …………………………………… शब्द शक्ति है। (1)
(iv) जहाँ शब्द सीधा अर्थ न देकर अन्य अर्थ देता है, वहाँ …………………………………… शब्द शक्ति होती है। (1)
(v) कठिन आँगन चली ताते राते पाँय।” काव्य पंक्ति में …………………………………… अलंकार है। (1)
(vi) “साल वृक्ष दो अति विशाल थे, मानो प्रहरी हों वन के।” पंक्तियों में उपमेय में …………………………………… की संभावना व्यक्त की है। अतः …………………………………… अलंकार है। (1)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर एक पोक्त में दीजिए-
(i) निम्न पारिभाषिक शब्दों के अर्थ लिखिए- (1)
(A) Extrorert (B) Duplicate
(ii) ‘निर्वचन’ शब्द के लिए पारिभाषिक शब्द लिखिए। (1)
(iii) नमक की पुड़िया भारत के जाने से किसने मना किया? (1)
(iv) आलेख किन विषयों पर लिखे जाते हैं? (1)
(v) यशोधर बाबू के विवाह की कौन-सी वर्षगाँठ मनाई गई? (1)
(vi) कहानी के शीर्षक ‘जूझ’ का क्या अर्थ है? (1)
(vii) दफ्तर के बाबुओं को अपनी सिल्वर वैडिंग के लिए यशोधर बाबू ने कुल कितने रुपये दिये? (1)
(viii) ‘जूझ’ उपन्यास मूलतः किस भाषा में रचित है? (1)
(ix) लेखक ने यशोधर बाबू को किशनदा का कौन-सा पुत्र कहा है? (1)
खण्ड – (ब)
निम्नांकित लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 40 शब्दों में दीजिए –
प्रश्न 4.
प्रिंट माध्यम की चार विशेषताएँ लिखिए। (2)
प्रश्न 5.
हिन्दी की वेब पत्रकारिता के बारे में आप क्या जानते हो? (2)
प्रश्न 6.
‘युवा पीढ़ी के घटते संस्कार’ विषय पर एक फीचर तैयार कीजिए। (2)
प्रश्न 7.
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता कुछ लोगों की संवेदनहीनता प्रकट करती है, कैसे? (2)
प्रश्न 8.
कवि ने कविता की उड़ान और खिलने को चिड़िया और फूलों से किस प्रकार भिन्न बताया है? (2)
प्रश्न 9.
“लुट्टन पहलवान की ढोलक गाँव के असहाय और मरणासन्न लोगों को मरने का हौसला देती है।” इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (2)
प्रश्न 10.
भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छिपाप्ती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा? (2)
प्रश्न 11.
‘जूझ’ कहानी प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष की प्रेरक कथा है। इस कथन की सोदाहरण समीक्षा कीजिए। (2)
प्रश्न 12.
‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी का प्रमुख पात्र वर्तमान में रहता है, किन्तु अतीत को आदर्श मानता है। इससे उनके व्यवहार में क्या-क्या विरोधाभास दिखाई पड़ते हैं? सोदाहरण उल्लेख कीजिए। (2)
खण्ड – (स)
निम्नांकित दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 13.
कवि बच्चन ने जीवन के विरोधाभासों को सहजता से निभाया है। ‘आत्मपरिचय’ कविता के आधार पर अपना मत पक्ष या विपक्ष में दीजिए। (3)
अथवा
बात की चूड़ी मरने और उसे सहूलियत से बरतने से कवि का क्या अभिप्राय है। ‘बात सीधी थी पर’ कविता के आधार पर लिखिए। (3)
प्रश्न 14.
“भक्तिन ने महादेवी वर्मा को अधिक देहाती बना दिया किन्तु स्वयं शहर की से दूर रही।” इस वाक्य की सत्यता सिद्ध कीजिए। (3)
अथवा
“बाजार एक जादू है’, इस कथन को बाज़ार दर्शन अध्याय के आधार पर उचित उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए। (3)
प्रश्न 15.
“उन बातों से मैं सौंदलगेकर मास्टर के बहुत नजदीक पहुँच गया” आनंद सौंदलगेकर के नजदीक कैसे पहुँचा तथा इसका क्या परिणाम हुआ? (3)
अथवा
“नवीन पीढ़ी और नवीन जीवन मूल्य पुरानी पीढ़ी और प्राचीन जीवन मूल्य-इन दोनों के मध्य सदैव टकराहट चलती रहती है।” सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए।
प्रश्न 16.
रघुवीर सहाय का कवि परिचय लिखिए। (3)
अथवा
फणीश्वर नाथ रेणु का लेखक परिचय लिखिए।
खण्ड – (द)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (2 + 4 = 6)
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने
नील जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।
और …….
जादू टूटता है इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा है।
अथवा
हम हों या किस्मत हो हमारी दोनों को इक ही काम मिला
किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो लेवे हैं।
जो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें
मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (2 + 4 = 6)
मेरे पास वहाँ जाकर रहने के लिए रुपया नहीं है, यह मैंने भक्तिन के प्रस्ताव को अवकाश न देने के लिए कहा था; पर उसके परिणाम ने मुझे विस्मित कर दिया। भक्तिन ने परम रहस्य का उद्घाटन करने की मुद्रा बनाकर और पोपला मुँह मेरे कान के पास लाकर हौले-हौले बताया कि उसके पास पाँच बीसी और पाँच रुपया गड़ा रखा है। उसी से वह सब प्रबन्ध कर लेगी। फिर लड़ाई तो कुछ अमरौती खाकर आई नहीं है। जब सब ठीक हो जायेगा, तब यहीं लौट आयेंगे। भक्तिन की कंजूसी के प्राण पूजीभूत होते-होते पर्वताकार बन चुके थे, परन्तु इस उदारता के डाइनामाइट ने क्षणभर में उन्हें उड़ा दिया। इतने थोड़े रुपये का कोई महत्व नहीं: पान्तु रुपए के प्रति भक्तिन का अनुराग इतना प्रख्यात हो चुका है कि मेरे लिए उसका परित्याग मेरे महत्व की सीमा तक पहुँचा देता है।
अथवा
उसने कीनू कालीन पर उलट दिए। टोकरी खाली की और नमक को पुड़िया उठाकर टोकरी की तह में रख दी। एक बार झाँककर उसने पुड़िया को देखा और उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसने अपने किसी प्यारे को कब्र की गहराई में उतार दिया हो! कुछ देर उकडूं बैठी वह पुड़िया को ताकती रही और उन कहानियों को याद करती रही जिन्हें वह अपने बचपन में अम्मा से सुना करती थी, जिनमें शहजादा अपनी रान चीरकर हीरा छिपा लेता था और देवों, खौफनाक भूतों तथा राक्षसों के सामने से होता हुआ सरहदों से गुजर जाता था। इस जमाने में ऐसी कोई तरकीब नहीं हो सकती थी वरना वह अपना दिल चीरकर उसमें यह नमक छिपा लेती। उसने एक आह भरी।
प्रश्न 19.
शासन सचिव, पंचायती राज विभाग राजस्थान सरकार, जयपुर की ओर से मुख्यालय परिवर्तन की अधिसूचना तैयार कीजिए। (4)
अथवा
जिला कलक्टर जयपुर की ओर से रजिस्ट्रार, रसद विभाग, जयपुर को एक अर्द्ध शासकीय पत्र लिखिए जिसमें सरकारी राशन की दुकानों पर होने वाली अनियमितताओं के संबंध में उचित कार्यवाही करने का आग्रह हो।
प्रश्न 20.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर सारगर्भित निबंध लिखिए (शब्द सीमा 300 शब्द) (5)
(i) दूरदर्शन का जीवन पर बढ़ता अनुचित प्रभाव
(ii) पर्यावरण संरक्षण: जीवन का मूल आधार
(iii) मेरा प्रिय खिलाड़ी
(iv) वैर नहीं मैत्री करना सिखाते हैं धर्म।
RBSE Class 12 E-Hindi Compulsory Self Evaluation Test Paper 4
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
वाणी एक अनमोल वरदान है। कोयल अपनी मीठी वाणी से सबका मन हर लेती है, जबकि कौए की काँव-काँव किसी को अच्छी नहीं लगती। वाणी के बिना सब कुछ सूना है। मीठी वाणी का प्रभाव बहुत व्यापक होता है। मीठी वाणी से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। मधुर बोलने वाले का समाज में बहुत आदर होता है। मधुरभाषी के मुख से निकला एक-एक शब्द सुनने वाले के मन को लुभाता है। उसके सम्पर्क में आने वाला व्यक्ति उसके वश में हो जाता है। मीठी वाणी केवल सुनने वाले को ही आनंदित नहीं करती वरन् बोलने वाले को भी आनन्द पहुँचाती है। तुलसी ने कहा है-‘मीठे वचन तें सुख उपजत चहुँ ओर’। मृदुभाषी समाज में सद्भावना का प्रसार करता है। कटु भाषा बोलने वाले को अनेक प्रकार की हानियाँ उठानी पड़ती हैं। ऐसे व्यक्ति के लिए ही कहा गया है-‘खीरे का मुँह काट कै, मलियत नौन लगाय। रहिमन कड़वे मुखन कौ, चहियत यही सजाय।’ कटु भाषा का प्रयोग काम को बिगाड़ देता है। जहाँ मधुर वाणी अमृत है, वहीं कटु वाणी विष है। कहा भी गया है-‘मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर’।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए (1)
(अ) अनमोल वरदान
(ब) मृदुभाषी
(स) मधुर वाणी
(द) बहुभाषी
(ii) ‘नौन’ देशज शब्द है, इसका तत्सम रूप होगा- (1)
(अ) लवण
(ब) नमक
(स) नमकीन
(द) खारी।
(iii) मृदु बोलने वाले से समाज में बढ़ती है (1)
(अ) एकता
(ब) अनेकता
(स) सद्भावना
(द) दुर्भावना
(iv) सभी कार्य वाणी से हो जाते हैं (1)
(अ) विफल
(ब) सफल
(स) सफल-विफल
(द) कोई नहीं
(v) कोयल और कौए में अन्तर का आधार है (1)
(अ) उनका रंग
(ब) उनका कर्म
(स) उनकी वाणी
(द) उनका व्यवहार
(vi) मधुर शब्द का विपरीतार्थक गद्यांश में है- (1)
(अ) मीठा
(ब) मीठी
(स) मधुरता
(द) कटु
निम्नलिखित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
कातरता, चुप्पी या चीखें
तो क्या इन टटकी बन्दूकों से डर जाऊँगा ?
या हारे हुओं की खोज
तुम मुझको दोषी ठहराओ
जहाँ भी मिलेगी
मैंने तुम्हारे सुनसान का गला घोंटा है
उन्हें प्यार से सितार पर बजाऊँगा।
पर मैं गाऊँगा
जीवन ने कई बार उकसाकर
चाहे इस प्रार्थना सभा में
मुझे अनलंध्य सागरों में फेंका है
तुम सब मुझ पर गोलियाँ चलाओ
अगन-भट्टियों में झोंका है
मैं मर जाऊँगा
मैंने वहाँ भी
लेकिन मैं कल फिर जन्म लूँगा ज्योति की मशाल प्राप्त
करने के यत्न किये
कल फिर आऊँगा। बचने के नहीं,
(i) कवि ने किस महापुरुषों के भावों का उल्लेख किया है ?
(अ) महात्मा बुद्ध
(ब) महावीर स्वामी
(स) महात्मा गाँधी
(द) दयानन्द सरस्वती।
(ii) मैं मर जाऊँगा लकिन मैं कल फिर जग लूंगा कल फिर आऊँगा। – पद्यांश की उक्त अन्तिम तीन पंक्तियों में कवि क्या कहना चाहता है ? (1)
(अ) मैं मरने के बाद कल फिर जन्म लूँगा
(ब) कवि बार-बार मरना और जन्म लेना चाहता है
(स) देश-सेवा करने वाले बार-बार जन्म लेते हैं और मरते हैं
(द) मानवता के रक्षक हर जन्म में मानवता की सेवा की चाह रखते हैं।
(iii) ‘सुनसान का गला घोंटा है’ का तात्पर्य बताइए (1)
(अ) सुनसान रूपी व्यक्ति की गर्दन दबा दी
(ब) सुनसान में ले जाकर व्यक्ति का गला घोंट दिया
(स) सूने मानव-मन में आशा की उमंगें भर दी
(द) सुनसान-स्थल पर सुन्दर गीत गाया।
(iv) किसी रचना को लिखने की कई शैलियाँ होती हैं। शैली भेद के अनुसार उपर्युक्त पद्यांश की लेखन शैली है- (1)
(अ) आत्मकथा शैली
(ब) वर्णनात्मक शैली
(स) संवाद शैली
(द) प्रश्न शैली।
(v) उपर्युक्त पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक नीचे लिखे विकल्पों से छाँटिए- (1)
(अ) ज्योति की मशाल
(ब) अग्रदूत
(स) मानवता के मसीहा महात्मा गाँधी
(द) महावीर स्वामी।
(vi) ‘अनलंघ्य’ शब्द का विपरीतार्थक शब्द है (1)
(अ) दुर्लध्य
(ब) लंध्य
(स) अलंध्य
(द) सुलंघ्य
प्रश्न 2.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) जब उच्चरित ध्वनि-संकेतों को निश्चित चिहनों द्वारा लिखकर अंकित किया जाता है तो उसे …………………………………… भाषा कहते हैं। (1)
(ii) लिखित ध्वनि-संकेतों को …………………………………… कहते हैं। (1)
(iii) “देश की नाव मँझधार में है।” वाक्य में …………………………………… शब्द शक्ति है। (1)
(iv) …………………………………… शब्द की वह शक्ति है, जिसके द्वारा मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ से भी परे शब्द का अर्थ ग्रहण किया जाता है। (1)
(v) “विमलाम्बरा रजनी वधू, अभिसारिका सी जा रही।” काव्य पंक्ति में …………………………………… अलंकार है। (1)
(vi) “बलिहारी नृप कूप की गुन बिन बूंद न देइ।” पंक्ति में गुन शब्द के …………………………………… अर्थ हैं। अतः यहाँ अलंकार है। (1)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर एक पंक्ति में दीजिए
(i) निम्न पारिभाषिक शब्दों के अर्थ लिखिए (1)
(A) Census (B) Brain drain
(ii) ‘विवरणिका’ शब्द के लिए पारिभाषिक शब्द लिखिए। (1)
(iii) ‘भक्तिन’ पाठ में किसका वर्णन लेखिका ने किया है? (1)
(iv) फीचर-लेखन किन विषयों पर किए जाते हैं? (1)
(v) यशोधर बाबू मूलतः कहाँ के रहने वाले थे? (1)
(vi) पाठशाला भेजने के लिए लेखक के दादा ने उसने क्या वचन लिए थे? (1)
(vii) ‘सिल्वर वैडिंग’ में गाउन पहनते समय यशोधर बाबू को कौन-सी बात चुभी थी? (1)
(viii) कवि बनने के लिए लेखक आनंद यादव ने किसे गुरु बनाया? (1)
(ix) यशोधर बाबू ने अपनी पत्नी में समय के अनुसार क्या-क्या परिवर्तन देखे? (1)
(x) गजानन माधव मुक्तिबोध’ की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए। (1)
(xi) हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म कब और कहाँ हुआ? (1)
खण्ड – (ब)
निर्देश- निम्नांकित लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 40 शब्दों में दीजिए –
प्रश्न 4.
श्रोताओं अथवा पाठकों को बाँधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट माध्यम, रेडियो और टेलीविजन में से सबसे सशक्त माध्यम कौनसा है? (2)
प्रश्न 5.
हिन्दी में नेट पत्रकारिता का प्रारंभ किस प्रकार हुआ? (2)
प्रश्न 6.
‘मेरे स्कूल का पुस्तकालय’ पर फीचर लिखिए। (2)
प्रश्न 7.
‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिएं कि कवि के कदमों की शिथिलता और उसमें विह्वलता का क्या-क्या कारण है? (2)
प्रश्न 8.
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने तथा पंग भरने से कवि का क्या आशय है? (2)
प्रश्न 9.
“हाय, वह अवधूत आज कहाँ है।” ऐसा कहकर लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी ने यहाँ किसे स्मरण किया है? (2)
प्रश्न 10.
यदि सभी उपभोक्ता भगत जी जैसे हो जाएँ तो बाजार और ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अपना मत लिखिए। (2)
प्रश्न 11.
‘सिल्वर वैडिंग’ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देने का प्रयास करता है? (2)
प्रश्न 12.
‘जूझ’ कहानी के आधार पर लेखक में कविता के प्रति रुचि जगाने और कविता करना सिखाने में उसके अध्यापक के योगदान को स्पष्ट कीजिए। (2)
खण्ड – (स)
निर्देश- निम्नांकित दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में दीजिए –
प्रश्न 13.
बच्चों को कपास की तरह कोमल और उनके पैरों को बेचैन क्यों कहा गया है। ‘पतंग’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए। (3)
अथवा
“कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता के द्वारा पत्रकारिता के अमानवीय पहलू पर चोट की गई है, तर्क सहित सिद्ध कीजिए। (3)
प्रश्न 14.
‘पहलवान की ढोलक’ पाठ का एक संदेश यह भी है कि लोककलाओं को संलण दिया जाना चाहिए। अपने विचार लिखिए। (3)
अथवा
‘नमक’ कहानी में सफिया की मन:स्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ से अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफिया की जगह होती/होते तो क्या आपकी मन:स्थिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 15.
कथनायक ‘आनंदा’ (जकाते) की चरित्रगत विशेषताएँ ‘जूझ’ पाठ के आधार पर लिखिए। (3)
अथवा
“यशोधर बाबू ने अपने बच्चों की शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया। अत: उनकी शैक्षिक योग्यता की सदैव प्रशंसा की जाती है।” सिद्ध कीजिए
प्रश्न 16.
शमशेर बहादुर सिंह का कवि परिचय लिखिए। (3)
अथवा
लेखिका महादेवी वर्मा का परिचय लिखिए।
खण्ड – (द)
प्रश्न 17.
निम्नांकित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए – (2 + 4 = 6)
सोचिए
बताइए
आपको अपाहिज होकर
कैसा लगता है। कैसा
यानी कैसा लगता है
(हम खुद इशारे से बाताएँगे कि क्या ऐसा?)
सोचिए
बताइए
थोड़ी कोशिश करिए
(यह अवसर खो देंगे?)
आप जानते हैं कि कार्यक्रम रोचक बनाने के वास्ते
हम पूछ-पूछकर उसको रुला देंगे
इंतजार करते हैं आप भी उसके रो पड़ने का
करते हैं?
(यह प्रश्न पूछा नहीं जाएगा)
अथवा
जिन्दगी में जो कुछ है, जो भी है,
सहर्ष स्वीकारा है,
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
वह तुम्हें प्यारा है।
गरबीली गरीबी यह, ये गम्भीर अनुभव सब
यह विचार-वैभव सब
दढता यह भीतर की सरिता यह अभिनव सब
मौलिक है, मौलिक है
इसीलिए कि पल-पल में
जो कुछ भी जाग्रत है अपलक है-
संवेदन तुम्हारा है!!
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए – (2 + 4 = 6)
भक्तिन और मेरे बीच में सेवक-स्वामी का संबंध है, यह कहना कठिन है; क्योंकि ऐसा कोई स्वामी नहीं हो सकता, जो इच्छा होने पर भी सेवक को अपनी सेवा से हटा न सके और ऐसा कोई सेवक भी नहीं सुना गया, जो स्वामी के चले जाने का आदेश पाकर अवज्ञा से हँस दे। भक्तिन को नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अँधेरे-उजाले और आँगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना। वे जिस प्रकार का अस्तित्व रखते हैं, जिसे सार्थकता देने के लिए ही हमें सुख-दुःख देते हैं, उसी प्रकार भक्तिन का स्वतंत्र व्यक्तित्व अपने विकास के परिचय के लिए ही मेरे जीवन को घेरे हुए है।”
अथवा
पर उस जादू की जकड़ से बचने का एक सीधा-सा उपाय है। वह यह कि बाजार जाओ तो खाली मन न हो। मन खाली हो, तब बाज़ार न जाओ। कहते हैं लू में जाना हो तो पानी पीकर जाना चाहिए। पानी भीतर हो, लू का लूपन व्यर्थ हो जाता है। मन लक्ष्य में भरा हो तो बाज़ार भी फैला-का-फैला ही रह जाएगा। तब वह घाव बिलकुल नहीं दे सकेगा बल्कि कुछ आनंद ही देगा। तब बाज़ार तुमसे कृतार्थ होगा, क्योंकि तुम कुछ-न-कुछ सच्चा लाभ उसे दोगे। बाज़ार की असली कृतार्थता है आवश्यकता के समय काम आना।
प्रश्न 19.
सचिव राजस्थान लोकसेवा आयोग राजस्थान, अजमेर की ओर से वरिष्ठ अध्यापक संवीक्षा परीक्षा की तिथि परिवर्तन की विज्ञप्ति तैयार कीजिए।
अथवा
आयुक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जयपुर की ओर से चिकित्सा-सामग्री की आपूर्ति हेतु निविदा तैयार कीजिए। (4)
प्रश्न 20.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर सारगर्भित निबंध लिखिए। (शब्द सीमा 300 शब्द) (5)
(i) कम्प्यूटर शिक्षाः समय की माँग
(ii) नवीन समाज-रचना और युवा शक्ति
(iii) समाज में नारी का महत्व
(iv) स्वास्थ्य ही श्रेष्ठ धन है।
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