RBSE Class 12 Hindi Model Paper 2 are part of RBSE Class 12 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 2.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 12 |
Subject | Hindi |
Paper Set | Model Paper 2 |
Category | RBSE Model Papers |
RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 2
समयः 3.15 घण्टे
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्रे पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में निर्धारित शब्द-सीमा में लिखें।
- प्रश्न के सभी भागों का हल एक साथ सतत् लिखें।
खण्ड – क
प्रश्न 1.
निम्नांकित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा 20 से 30 शब्द है) [4]
जो व्यक्ति नवयुवकों की शिक्षा-दीक्षा के प्रति अपने उत्तरदायित्व का अनुभव करते हैं, वे इतिहास के विभिन्न युगों में शिष्यों को शिक्षित करने के विविध उपाय अपनाते रहे हैं। इनमें सबसे प्रारंभिक उपाय दण्ड देने का भय प्रदर्शित करना था।इसका तात्पर्य था कि मंदबुद्धि, असावधान या अन्यमनस्क छात्र या तो शारीरिक दण्ड मिलने के कारण भयभीत रहता था अथवा उसे यह आशंका बनी रहती थी कि वह आगे चलकर किसी विशेष सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा। इस प्रकार उन लोगों के लिए शिक्षा प्राप्ति एक सीमा तक भय की भावना से जुड़ी हुई थी जो कुछ विषयों पर अधिकार करना कठिन समझते थे।
आगे चलकर शिष्यों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए इस आधार पर प्रोत्साहित किया जाने लगा कि इसके द्वारा उन्हें किसी प्रकार का लाभ मिलेगा। यह लाभ प्रायः दैनिक अथवा साप्ताहिक कार्य करने के लिए अंकों के रूप में दिया जाता था। प्रत्येक वर्ष की समाप्ति होने पर सर्वश्रेष्ठ विद्वान को पुरस्कार देना भी इसी का एक रूपान्तर था। इस पद्धति से प्रतिस्पर्धा की भावना बलवती होती थी, किन्तु इसका प्रभाव लगभग उतना ही अवसादजनक होता था जितना कि उस दण्डप्रधान प्राचीन पद्धति का, जो मंदबुद्धि होने पर भी उत्साही शिष्य की उपेक्षा करती थी।
(अ) शिक्षा-प्राप्ति की भावना किस प्रकार भय के साथ संयुक्त हो गई?
(ब) शिष्यों में प्रतिस्पर्धा जाग्रत करने के कौन-कौनसे साधन थे?
प्रश्न 2.
निम्नांकित अपठित पद्यांशं को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (उत्तर सीमा 20 से 30 शब्द) [4]
लुटा दें राज मैं अपना दलित के त्राण की खातिर।
झुका दें ताज मैं अपना व्यथित के प्राण की खातिर।।
लगा दें पार लहरों से छुड़ाकरे नाव निर्बल की।
भले भिड़ना पड़े तूफान से इस आन की खातिर।।
बड़प्पन आ नहीं जकड़े निहारे जब मुझे कोई।
बढ़ा दें बाँह मैं अपनी विहँस पहचान की खातिर।।
भुलाऊँ मुस्कराकर दिल, मिलाए आँख जो मुझसे।
करूं सर्वस्व न्योछावर तनिक अहसान की खातिर।।
लगा हूँ जान अपनी और की बिगड़ी बनाने में।
वही इंसान है बस, जो मरे इंसान की खातिर।।
(अ) कवि किसके लिए सर्वस्व न्योछावर की बात कहता है?
(ब) कवि किन परिस्थितियों में प्राण की बाजी लगाने को भी तत्पर है?
खण्ड – ख
प्रश्न 3.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक से दो पंक्तियों में दीजिए [2]
(क) भाषा के कौनसे दो रूप होते हैं?
(ख) व्याकरण के प्रमुख विभाग कौन-कौनसे होते हैं?
प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों का पद परिचय दीजिए [2]
(क) राजेश ने रमेश को पुस्तक दी।
(ख) राम ने रावण को मारा।
प्रश्न 5.
लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थ की अंतरे उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। [2]
प्रश्न 6.
निम्नलिखित पंक्तियों में से अलंकार पहचानकर उसकी परिभाषा दीजिए चरण कमल बन्दौ हरिराई [2]
प्रश्न 7.
निम्नलिखित अंग्रेजी शब्दों का अर्थ हिन्दी में लिखिए। [2]
(क) Utopia
(ख) Valid
प्रश्न 8.
कार्यालय नगर परिषद्, ब्यावर की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में विभिन्न त्योहारों, पर्वो, मेलों, उत्सवों, मीटिंग आदि में अस्थाई रोशनी डेकोरेशन कराये जाने हेतु ई-निविदायें आमंत्रित किए जाने का ड्राफ्ट तैयार कीजिए। [2]
प्रश्न 9.
निम्न विषयों में से किसी एक पर लगभग 300 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए [4]
(क) राष्ट्र निर्माण और युवा पीढ़ी
(ख) इंटरनेट : सूचना एवं ज्ञान का भण्डार
(ग) मेरे आदर्श शिक्षक
(घ) मनोरंजन के साधन
खण्ड – ग
प्रश्न 10.
निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: (उत्तर-सीमा लगभग 80 शब्द) [4]
मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ।
जा तन की झाईं परै स्यामु हरित-दुति होई।।
हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन बच क्रम नंदनंदन सों उरे यह दृढ़ करि पकरी।
जागत, सोवत, सपने सौंतुख कान्ह कान्ह जकरी।
सुनतहि जोग लगत ऐसो अलि! ज्यों करुई ककरी।
सोई व्याधि हमें लै आए देखी सुनी न करी।
यह तौ सूर तिन्हें लै दीजै जिनके मन चकरी।।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: (उत्तर-सीमा लगभग 80 शब्द) [4]
“ताकि शासन व्यवस्था शुद्ध बनी रहे, न्यायसंगत रहे, और राजनीति से दूर रहे, इसलिए इंग्लैण्ड के लोगों ने ‘राजनीतिक कार्यालय’ और ‘सिविल कार्यालय में भेद कर दिया है। सिविल कर्मचारी स्थायी रूप से बने रहते हैं। कोई भी पार्टी शासनारूढ़ हो, यह सभी पार्टियों की आज्ञानुसार कार्य करने वाले होते हैं। इनके कार्य में कोई मिनिस्टर हस्तक्षेप नहीं करता जब हमारे देश में ब्रिटेन के लोगों का शासन था, तो यहाँ भी यही बात प्रचलित थी।”
अथवा
हे भगवान् ! तब के लिए! विपद के लिए! इतना आयोजन ! परमपिता की इच्छा के विरुद्ध इतना साहस ! पिताजी, क्या भीख न मिलेगी? क्या कोई हिन्दू भूपृष्ठ पर बचा न रह जाएगा, जो ब्राह्मण को दो मुट्ठी अन्न दे सके। यह असंभव है। फेर दीजिए पिताजी, मैं काँप रही हूँ-इसकी चमक आँखों को अन्धा बना रही है।
प्रश्न 12.
पैसे की उस ‘पर्चेजिंग पावर’ के प्रयोग में ही पावर का रस है। पंक्ति में निहित भावार्थ लिखिए। (उत्तर सीमा 80 शब्द) [4]
अथवा
भीरुता के कौन-कौनसे कारण हो सकते हैं? भय शीर्षक निबन्ध के आधार पर बताइए।
प्रश्न 13.
‘गरुड़ को दावा जैसे नाग के समूह पर, _______ तहाँ दावा सिवराज को।।’ भूषण के इस पद का भावार्थ स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 80 शब्द) [4]
अथवा
“कदली, सीप, भुजंग-मुख, _______ नदी सिरावत मौर।।” उक्त दोहों का भाव एवं संदेश स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 14.
‘उषा’ कविता में कवि का क्या संदेश है? (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 15.
‘मेरा नयाँ बचपन’ कविता के शीर्षक पर विचार कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 16.
मेजदूरी एवं फकीर के संबंध में लेखक ने जो विचार व्यक्त किए हैं, उन्हें संक्षेप में स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [4]
प्रश्न 17.
लेखक ने कौसानी गाँव में डूबते सूरज का जो वर्णन किया है, उसे अपने शब्दों में लिखिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 18.
कवि’कबीर’ अथवा लेखक कन्हैयालाल मिश्र’ का साहित्यिक परिचय दीजिए।(शब्द सीमा 80) [4]
प्रश्न 19.
‘भाषा को सहूलियत से बरतने’ का क्या आशय है? (उत्तर सीमा 20) [2]
प्रश्न 20.
“गंदेपन का स्वभाव मेरी समझ से दूर की वस्तु है।” यह कथन किसने किससे कहा? (उत्तर सीमा 20) [2]
खण्ड – घ
प्रश्न 21.
खेजड़ली गाँव की अमृता देवी का बलिदान किस कारण हुआ? लिखिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 22.
उसने कहा था’ कहानी का मूल स्वर स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 23.
दूधो-नहाओ का आशीर्वाद फलित होने लगा। क्यों? लिखिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
अथवा
‘सुनिए नाथ, मेरा मन त्रिविध ताप से जल रहा है।” उक्त कथन किसका है? स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 24.
मैं प्रतिक्षण यह अनुभव करता रहता हूँ कि जब तक यह अहिंसा हाथ में नहीं आती, तब तक सत्य मिल ही नहीं सकता। मोहनदास करमचंद गाँधी के इस कथन को स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 80 से 100 शब्द) [6]
अथवा
अजन्ता की चित्रकला में स्वाभाविकता है, जीवन है, सादगी है, औचित्य है और सौन्दर्य-भावना है। लेखक ने इतिहास प्रसिद्ध अजन्ता की गुफाओं में विद्यमान चित्रकला के सौन्दर्य को किस प्रकार वर्णन किया है?
खण्डे – ङ
प्रश्न 25.
समाचार में सामयिकता का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 26.
संपादकीय लेखन में ध्यान में रखे जाने वाले बिन्दुओं को स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 27.
साक्षात्कार एक कला है। इस कथन की समीक्षा कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 28.
खेल समाचारों से आप क्या समझते हैं? (उत्तर सीमा 60) [3]
प्रश्न 29.
यात्रा लेखन पर टिप्पणी कीजिए। (उत्तर सीमा 60) [3]
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