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RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 27 गठबंधन की राजनीति

August 8, 2019 by Prasanna Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 27 गठबंधन की राजनीति

  • भारत में गठबंधन की राजनीति का उदय:
  • भारतीय राजनीति में गठबंधन में एक दल की प्रधानता रहती है।
  • गठबंधन में शामिल दल सबकी विचारधारा में स्वीकार्य ऐसे कार्यक्रम तय करते हैं जिसका गठबंधन में शामिल दलों द्वारा विरोध न हो।
  • अनेक दलों द्वारा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर जिस गठबंधन का निर्माण किया जाता है, उसके आधार पर मिलकर राजनीतिक गतिविधियों का जो संचालन होता है उसी को वर्तमान में गठबंधन की राजनीति कहा जाता है।
  • लोकसभा के प्रथम तीन आम चुनावों में कांग्रेस का वर्चस्व रहा राज्यों में भी कांग्रेस का ही बहुमत रहा।
  • फरवरी 1969 में हुए चतुर्थ आम चुनाव में कांग्रेस को कई राज्यों में बहुमत से हाथ धोना पड़ा।
  • सन् 1977 में केन्द्र में जनता पार्टी की सरकार बनी।
  • 11वीं से लेकर 15वीं लोकसभा तक भारत में किसी भी दल को लोकसभा में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ।
  • मई 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र 13 दिन ही चल पायी।
  • धीरे-धीरे भारतीय राजनीति में दो महत्वपूर्ण गठबंधन उभर कर आये हैं
    • भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (एन.डी.ए.)
    • कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए.)
  • 1977 के आम चुनाव में प्रथम बार केन्द्र में कांग्रेस की हार हुई और मोरार जी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की गठबंधन सरकार बनी।
  • 1980 के चुनावों के पश्चात् 1989 तक कांग्रेस का एक दलीय शासन रहा।
  • दिसम्बर 1989 में वी. पी. सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी व वामपंथी दलों के समर्थन से जनता दल की सरकार बनी।

गठबंधन सरकारों का इतिहास:

  • 12 वीं लोकसभा के चुनाव के परिणाम विखंडित जनादेश के थे, जिसमें सबसे बड़े दल के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित किया गया था।
  • 13 वीं लोकसभा चुनाव के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लगभग 20 से अधिक दलों के गठबंधन की सरकार बनी।
  • 14 वीं लोकसभा के निर्वाचन के बाद डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लगभग 20 दलों की गठबंधन सरकार बनी जिसको वामपंथियों ने बाहरी समर्थन दिया।
  • गठबंधन राजनीति में दल-बदल की प्रवृत्ति होती है।
  • 16 वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अकेले स्पष्ट बहुमत मिल गया फिर भी नयी सरकार के गठन में गठबंधन के सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया।
  • 16वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एन.डी.ए. गठबंधन को 336 सीटें प्राप्त हुईं। वहीं कांग्रेस के यू.पी.ए. गठबंधन को मात्रं 59 सीटें ही प्राप्त हुईं।
  • 1984 के पश्चात् प्रथम बार 2014 के लोकसभा चुनाव में किसी एक दल (भारतीय जनता पार्टी) को जनता ने स्पष्ट बहुमत प्रदान किया था।

भारतीय गठबंधन की राजनीति की विशेषताएँ:

गठबंधन की भारतीय राजनीति की प्रमुख विशेषताएँ हैं-

  • गठबंधन में एक दल की प्रधानता होना
  • गठबंधन में विचारधारागत समानता का अभाव
  • गठबंधन में स्थायित्व नहीं होना
  • गठबंधनों में स्पष्ट विचारधारागत अलगाव का अभाव
  • गठबंधन, दल और सिद्धांतों के बजाय नेताओं के आधार पर
  • दल बदल की प्रवृत्ति
  • निषेधात्मक आधार पर गठित राजनीतिक गठबंधन
  • दबाव की राजनीति।

गठबंधन सरकारों के बनने के कारण:

  • भारत में बहुदलीय व्यवस्था है, जिसके परिणामस्वरूप किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के अवसर अधिक पैदा होते हैं।
  • बिना बहुमत के संसदीय शासन का निर्माण एवं संचालन संभव नहीं होता है, इसीलिए राजनीति में गठबंधन बना कर सरकार बनाने का प्रचलन बढ़ा है।
  • 16 वीं लोकसभा में बहुमत प्राप्त होने के बावजूद भी अकेले भारतीय जनता पार्टी की सरकार न बनाकर गठबंधन की सरकार बनायी गयी।
  • वर्गीय हितों के आधार पर सैकड़ों राजनीतिक दलों का गठन हो गया है।
  • एक गठबंधन में 20 से 24 तक राजनीतिक दल शामिल रहते आए हैं। वर्तमान में गठबंधन की राजनीति भारतीय राजनीति का स्थायी तत्व बन गयी है।

गठबंधन की राजनीति का सकारात्मक पक्ष (लाभ):

गठबंधन की राजनीति के निम्नलिखित लाभ हैं

  • शासन निरंकुश नहीं बन पाता
  • अधिक योग्य लोगों के योगदान का देश को लाभ
  • सशक्त विपक्ष का निर्माण
  • व्यापक जन समर्थन
  • अतिवादी दृष्टिकोण से मुक्ति आदि।

गठबंधन राजनीति का नकारात्मक पक्ष (हानि):

गठबंधन की राजनीति का नकारात्मक पक्ष (हानि) निम्नलिखित है

  • अस्थायी सरकारों का निर्माण
  • सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत के कमजोर होने का भय
  • कमजोर सरकार
  • प्रधानमंत्री की भूमिका में सीमितता
  • सरकारों में स्थायित्व नहीं
  • क्षेत्रीय दलों के प्रभाव का बढ़ना
  • राष्ट्रीय एकता को नुकसान
  • सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में तालमेल का अभाव
  • सुदृढ़ विदेश नीति का अभाव
  • सरकार किसी स्पष्ट नीति पर कार्य नहीं कर पाती
  • छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के निर्माण को प्रोत्साहन आदि।

भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की धाराएँ:

वर्तमान में भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की तीन उपधाराएँ हैं

  • राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.)
  • संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए.)
  • वामपंथी राजनीतिक दल। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सबसे बड़ा दल भारतीय जनता पार्टी है जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में कांग्रेस सबसे बड़ा राजनीतिक दल है।

अध्याय में दी गई महत्वपूर्ण तिथियाँ एवं संबंधित घटनाएँ:

सन् 1977 ई. — वर्ष 1977 के आम चुनाव में पहली बार केन्द्र में कांग्रेस की हार हुई थी तथा उसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं हुआ। . मोरार जी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की गठबंधन सरकार बनी।
सन् 1980 ई. — 980 के चुनावों के बाद 1989 तक पुनः कांग्रेस का एक दलीय शासन रहा।
सन् 1989 ई. —दिसंबर 1989 में वी. पी. सिंह की सरकार बनी जो दो विरोधी विचारधारा के दलों के समर्थन पर टिकी हुई थी, जिसमें भारतीय जनतापार्टी एवं वामपंथी दल शामिल थे। 4. सन् 1990 ई. — भाजपा के समर्थन वापस लेने पर अक्टूबर 1990 में वी. पी. सिंह सरकार गिर गई।
सन् 1991 ई. — 6 मार्च 1991 को चन्द्रशेखर ने प्रधानमंत्री पद के त्याग पत्र दिया।
सन् 1996 ई. — 11 वीं लोकसभा के चुनाव के बाद अस्तित्व में आयी त्रिशंकु लोकसभा के कारण अप्रैल-मई 1996 के बाद फिर गठबंधन सरकारों कादौर शुरू हुआ। मई 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद से त्याग-पत्र दिया। उनकी यह सरकार मात्र 13 दिन ही चल पायी।
सन् 1999 ई. — अप्रैल 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार मात्र एक मत से गिरी।
सन् 2004 ई. — भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लोकसभा का कार्यकाल अक्टूबर 2004 में पूरा होना था,लेकिन प्रधानमंत्री ने फरवरी 2004 में ही लोकसभा को भंग करने का परामर्श दे दिया।
सन् 2014 ई. —16वीं लोकसभा के चुनाव सम्पन्न हुए। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी।

RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 27 प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली

  • प्रतिनिधि सदन — भारत में लोकसभा को प्रतिनिधि सदन कहा जाता है। इसके सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। अतः यह जनता का प्रतिनिधि सदन है।
  • गठबंधन — इसे मोर्चा भी कहते हैं। जब किसी बहुदलीय व्यवस्था में अनेक पार्टियाँ चुनाव लड़ने तथा सत्ता में आने के लिए आपस में हाथ मिला लेती हैं तो इस दशा को गठबंधन कहते हैं।
  • गठबंधन की राजनीति — अनेक दलों द्वारा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर गठबंधन का निर्माण किया जाता है . राजनीतिक दल इसके आधार पर राजनीतिक गतिविधियों का संचालन करते हैं। इसी को वर्तमान में गठबंधन की राजनीति कहा जाता है।
  • आम चुनाव — संसद और विधानसभाओं के लिए रीति के अनुसार नियत अवधि पर आयोजित चुनाव को आम चुनाव ‘ कहते हैं। भारत में ये चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष बाद होते हैं।
  • राजनीतिक दल — राजनीतिक दल लोगों का एक समूह होता है जो चुनाव लड़ने तथा सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य करता है।
  • गठबंधन सरकार — एक से अधिक राजनैतिक दलों द्वारा साथ मिलकर बनायी गयी सरकार को गठबंधन सरकार या मिली-जुली सरकार कहते हैं।
  • बहुदलीय व्यवस्था — जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में होते हैं और दो दलों से अधिक के लिए अपने बल पर या दूसरों से गठबन्धन करके सत्ता में आने का ठीक-ठाक अवसर हो तो उसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।
  • जनता पार्टी — 1977 में पाँच दलों से मिलकर बना राजनीतिक दल। 1977 में इस दल के मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री रहे।
  • प्रधानमंत्री — प्रधानमंत्री देश की कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान होता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 74 प्रधानमंत्री पद की व्यवस्था करता है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल। दलों के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है।
  • भारतीय जनता पार्टी — 1980 में बनी इस पार्टी का संक्षेप में भाजपा या बीजेपी कहते हैं। वर्तमान में इस दल के नेतृत्व में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार है।
  • राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन — इसे संक्षेप में एन. डी. ए. कहते हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव में इस गठबन्धन को 336 सीटें प्राप्त हुई थीं। वर्तमान में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस गठबंधन की केन्द्र में सरकार है।
  • संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन — इसे संक्षेप में यूपीए कहते हैं। इस गठबंधन को 2014 के लोकसभा चुनाव में 59 सीटें प्राप्त हुई थीं। 2004 में 2014 तक इस गठबंधन की केन्द्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार रही थी।
  • कांग्रेस — 1885 ई. में गठित इस राजनैतिक दल का पूरा नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। 2004 से 2014 तक इस दल की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में रही थी।
  • लोकसभा — भारत की संघीय विधायिका (संसद) का निम्न सदन जिसके सदस्य मतदान द्वारा 5 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इसके सदस्यों को सांसद कहते हैं।
  • विपक्षी दल — विपक्षी दल से आशय सतारूढ़ दल के पश्चात दूसरे प्रमुख दल से है। यह अस्थायी रूप से ही अल्पमत में होता है। विपक्ष में कई दल सम्मिलित हो सकते हैं। यह दल सत्तारूढ़ दल की नीतियों व कार्यक्रमों की आलोचना करता है।
  • मताधिकार — मत. (वोट) देने का अधिकार। भारत में 18 वर्ष या उससे ऊपर की उम्र वाले व्यक्तियों को मताधिकार प्राप्त है।
  • दल-बदल — जब कोई जन प्रतिनिधि किसी विशेष राजनैतिक पार्टी का चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़े एवं वह चुनाव जीत जाए एवं अपने स्वार्थ के लिए अथवा किसी अन्य कारण से अपने दल को छोड़कर किसी अन्य दल में सम्मिलित हो जाए तो इसे दल-बदल कहा जाता है।
  • आयाराम गयाराम की प्रवृत्ति — यह दलबदल के लिए प्रयुक्त पद है। इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1967 ई. में हुआ था। आयाराम गयाराम नामक टिप्पणी हरियाणा राज्य के कांग्रेस के विधायक से सम्बन्धित है जो सन् 1967 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बना था। उसने एक पखवारे में तीन बार दल बदल-बदल कर दल बदलने का एक कीर्तिमान बनाया था।
  • मंत्रिपरिषद — देश/राज्य की वास्तविक कार्यपालिका। इसका मुखिया प्रधानमंत्री (राष्ट्रीय स्तर) तथा मुख्यमंत्री (राज्य स्तर) कहलाता है।
  • सरकार — संस्थाओं का ऐसा समूह जिसके पास देश/राज्य में व्यवस्थित जनजीवन सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने, लागू करने एवं उसकी व्याख्या का अधिकार होता है।
  • क्षेत्रीय दल — वह दल जिनका जन्म किसी विशेष क्षेत्र अथवा राज्य में होता है तथा वे उस क्षेत्र के निवासियों के लिए कार्य करते हैं, क्षेत्रीय दल या प्रांतीय दल कहलाते हैं। 22. विदेश नीति — विदेश नीति से तात्पर्य उस नीति से है जो एक राष्ट्र द्वारा अन्य राष्ट्रों के प्रति अपनायी जाती है।
  • मंत्रालय — मंत्री का कार्यालय या विभाग मंत्रालय कहलाता है।
  • मोरारजी देसाई — स्वतंत्रता सेनानी व गांधीवादी नेता। 1977 में प्रथम गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री बने। 1991 में इन्हें भारत रत्न दिया गया। 10 अप्रैल 1995 को इनका निधन हो गया।
  • चौधरी चरण सिंह — मोरारजी देसाई के बाद देश के प्रधानमंत्री बने। ये भारतीय लोकदल के नेता थे। 1987 में इनका निधन हो गया।
  • कुलदीप नैयर — प्रसिद्ध पत्रकार/इण्डियन एक्सप्रेस नामक समाचार पत्र से सम्बन्धित।
  • वी.पी.सिंह — 2 दिसम्बर सन् 1989 में देश के प्रधानमंत्री बने। पूर्व में ये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के रक्षामंत्री भी रहे थे। इन्होंने बोफोर्स कांड को उछालकर 1989 के लोकसभा चुनावों में जनता दल को विजय दिलाई थी।
  • चन्द्रशेखर — 1990 में केन्द्र में वी.पी. सिंह सरकार के पतन के बाद देश के प्रधानमंत्री बने। युवा तुर्क के नाम से मशहूर। यह जनता पार्टी के अध्यक्ष व इसकी ओर से संसद सदस्य भी रहे।
  • अटल बिहारी वाजपेयी — भारतीय जनता पार्टी के नेता। 16 मई 1996 को देश के प्रधानमंत्री बने। इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।
  • एच.डी. देवगौड़ा — देश के पूर्व प्रधानमंत्री। कांग्रेस के बाहरी समर्थन से मात्र 10 माह देश के प्रधानमंत्री रहे।
  • इन्द्रकुमार गुजराल — कांग्रेस के समर्थन से देश के प्रधानमंत्री रहे। इनकी सरकार में 15 राजनीतिक दल सम्मिलित
  • डॉ. मनमोहन सिंह — प्रख्यात अर्थशास्त्री/रिजर्व बैंक के अध्यक्ष व देश के 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। 33. नरेन्द्र मोदी-देश के वर्तमान प्रधानमंत्री, भाजपा नेता। 34. जयप्रकाश नारायण — लोकनायक के रूप में विख्यात सर्वोदयी नेता जिनके सक्रिय सहयोग से जनता पार्टी कीमें विश्वास करती है।
  • मुलायम सिंह — समाजवादी पार्टी के संस्थापक एवं संरक्षक। ये कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
  • ममता बनर्जी — पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष।

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