These comprehensive RBSE Class 9 Science Notes Chapter 3 परमाणु एवं अणु will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 9 Science Chapter 3 Notes परमाणु एवं अणु
→ महर्षि कनाड के अनुसार परमाणु-पदार्थ का वह सूक्ष्मतम कण जिसका विभाजन नहीं होता अर्थात् यह सूक्ष्मतम कण अविभाज्य रहेगा। अन्य दार्शनिक काव्यायाम के अनुसार ये कण सामान्यतः संयुक्त रूप में पाए जाते हैं।
→ रासायनिक संयोजन के नियम-लवाइजिए एवं जोजफ एल. प्राउस्ट ने रासायनिक संयोजन के निम्न दो नियम प्रतिपादित किए
- द्रव्यमान संरक्षण का नियम-इस नियम के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है न ही विनाश।
- स्थिर अनुपात का नियम-इस नियम के अनुसार किसी भी यौगिक में तत्त्व सदैव एक निश्चित द्रव्यमानों के अनुपात में विद्यमान होते हैं।
→ डाल्टन का परमाणु सिद्धांत-इसके अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हों, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं, जिन्हें परमाणु कहते हैं।
→ तत्वों के परमाणओं के प्रतीक-डाल्टन द्वारा दिए गए प्रतीक, उस तत्त्व की एक निश्चित मात्रा को प्रदर्शित करता था अर्थात् यह प्रतीक तत्त्व के एक परमाणु को प्रदर्शित करता था। बर्जिलियस ने तत्वों के ऐसे प्रतीक दिए जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होते थे।
→ परमाणु द्रव्यमान–किसी तत्त्व के सापेक्षिक परमाणु द्रव्यमान को उसके परमाणुओं के औसत द्रव्यमान का कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान के 1/12वें भाग के अनुपात द्वारा परिभाषित किया जाता है।
→ अणु-साधारणतया अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह होता है जो रासायनिक बंध द्वारा जुड़े रहते हैं।
→ तत्त्वों के अणु-किसी तत्त्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा बने होते हैं। किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
→ यौगिक के अणु-भिन्न-भिन्न तत्त्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु का निर्माण करते हैं।
→ आयन-ये आवेशित कण होते हैं तथा इन पर ऋण अथवा धन आवेश होता है। ऋण आवेशित कण को ऋणायन (anion) तथा धन आवेशित कण को धनायन (cation) कहते हैं। आयन एक आवेशित परमाणु अथवा परमाणुओं का ऐसा समूह होता है जिस पर नेट आवेश विद्यमान होता है। परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान हों, उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।
→ रासायनिक सूत्र-किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है।
→ संयोजकता-किसी तत्त्व की संयोजन शक्ति (अथवा क्षमता) उस तत्व की संयोजकता कहलाती है।
→ आणविक द्रव्यमान-किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणु के द्रव्यमानों का योग होता है। इस प्रकार यह अणु का वह सापेक्ष द्रव्यमान है, जिसे परमाणु द्रव्यमान इकाई (u) द्वारा व्यक्त किया जाता है।
→ सूत्र इकाई द्रव्यमान-किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों का योग होता है।
→ मोल संकल्पना-किसी पदार्थ के एक मोल में कणों (परमाणु, अणु अथवा आयन) की संख्या निश्चित होती है जिसका मान 6.022 × 1023 होता है। इसे N0 से निरूपित करते हैं। इसको आवोगाद्रो स्थिरांक अथवा आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। जैसे-C-12 के 12g में विद्यमान परमाणुओं की संख्या 6.022 × 1023 है।
→ मोलर द्रव्यमान-किसी तत्व के परमाणुओं या यौगिक के अणुओं के एक मोल का द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान कहलाता है।
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