Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.
RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु
RBSE Class 10 Science Chapter 3 धातु एवं अधातु InText Questions and Answers
पृष्ठ 45.
प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
- पारा (Hg) (मर्करी) ऐसी धातु है जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाती है।
- लीथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K) आदि धातुओं को चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
- सिल्वर तथा कॉपर ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती हैं।
- लैड (Pb) तथा मर्करी (Hg) ऊष्मा की कुचालक होती हैं।
प्रश्न 2.
आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर:
आघातवर्ध्य – कुछ धातुओं को पीटकर पतली चादर के रूप में बदला जा सकता है। इस गुण को आघातवर्धनीयता तथा ऐसी धातुओं को आघातवर्ध्य धातु कहते हैं। सोना तथा चाँदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं। तन्य – धातुओं को एक पतले तार के रूप में खींचने की दक्षता को तन्यता कहते हैं। सोना सबसे अधिक तन्य धातु है। एक ग्राम सोने से 2 किलोमीटर लम्बा तार बनाया जा सकता है।
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प्रश्न 1.
सोडियम को किरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम ऑक्सीजन के साथ इतनी तेजी से अभिक्रिया करती है कि खुले में रखने पर आग पकड़ लेती है। इसलिए इसे सुरक्षित रखने तथा आकस्मिक आग को रोकने के लिए किरोसिन तेल में डुबोकर रखा जाता है। यह नमी से भी अभिक्रिया करता है।
प्रश्न 2.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटेशियम।
उत्तर:
प्रश्न 3.
A,B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक – एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है
आयरन (II) सल्फेट | कॉपर (II) सल्फेट | जिंक सल्फेट | सिल्वर नाइट्रेट |
A. कोई अभिक्रिया नहीं विस्थापन | विस्थापन | कोई अभिक्रिया नहीं | |
B. कौई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | |
C. कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन |
D. आयरन (II) सल्फेट | कॉपर (II) सल्फेट | जिंक सल्फेट | कोई अभिक्रिया नहीं |
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के सम्बन्ध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौनसी है?
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु B है। क्योंकि यह आयरन (II) सल्फेट के साथ विस्थापन अभिक्रिया देता है।
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डालने पर विस्थापन अभिक्रिया होती है जिसके कारण नीले कॉपर (II) सल्फेट विलयन का रंग फीका हो जाता है तथा कॉपर (Cu) विस्थापित होकर धातु B पर निक्षेपित हो जाती है।
(iii) धातु – B सबसे अधिक अभिक्रियाशील है क्योंकि यह आयरन को अपने विलयन से विस्थापित कर देती है। धातु – A कम अभिक्रियाशील है क्योंकि यह कॉपर को अपने विलयन से विस्थापित कर देती है। धातु – C और भी कम अभिक्रियाशील होती है क्योंकि यह केवल सिल्वर को ही अपने विलयन से विस्थापित कर सकती है। धातु – D सबसे कम अभिक्रियाशील है क्योंकि यह किसी भी धातु को अपने विलयन से विस्थापित नहीं कर पाती है। इसलिए धातुओं की अभिक्रियाशील का घटता क्रम निम्नानुसार होगा
B > A > C > D
प्रश्न 4.
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौनसी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO 4की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
किसी अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में डालने पर H2 (हाइड्रोजन) गैस निकलती है। आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण निम्न प्रकार से है।
Fe(s) + H2SO4(aq) → FeSO4(aq) + H2(g)
प्रश्न 5.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जिंक आयरन की तुलना में अधिक अभिक्रियाशील होता है इसलिए जिंक आयरन को आयरन (II) सल्फेट विलयन से विस्थापित कर देता है जिससे हल्के हरे रंग का आयरन सल्फेट विलयन रंगहीन हो जाता है।
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प्रश्न 1.
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना लिखिए।
उत्तर:
सोडियम की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
ऑक्सीजन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
मैग्नीशियम की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानान्तरण के द्वारा Na2O एवं MgO का निर्माण दर्शाइए।
उत्तर:
Na2O का बनना:
(iii) इन यौगिकों में कौनसे आयन उपस्थित हैं?
उत्तर:
Na2O में उपस्थित आयन:
- धनायन = Na+ (सोडियम धनायन)
- ऋणायन = O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)
MgO में उपस्थित आयन:
- धनायन = Mg2+ (मैग्नीशियम धनायन)
- ऋणायन = O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)
प्रश्न 2.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
आयनिक यौगिकों में धनायन एवं ऋणायन निश्चित क्रम में संयोजित होते हैं तथा इनमें अन्तर – आयनिक बल अधिक होता है। आयनिक यौगिकों को जब गर्म किया जाता है, तब इनमें उपस्थित प्रबल अन्तर-आयनिक आकर्षण बल को समाप्त करने के लिए अधिक मात्रा में ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस कारण इनका गलनांक उच्च होता है।
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प्रश्न 1.
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए-
(i) खनिज़
(ii) अयस्क
(iii) गैंग।
उत्तर:
- खनिज – पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं।
- अयस्क – कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु काफी मात्रा में होती है, जिन्हें निकालना लाभकारी होता है। इन खनिजों को अयस्क (Ore) कहते हैं। जैसे लैड का अयस्क गैलेना (PbS) होता है।
- गैंग – पृथ्वी से प्राप्त खनिज अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियाँ होती हैं जिन्हें गैंग (gangue) कहा जाता है।
प्रश्न 2.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं?
उत्तर:
गोल्ड (सोना) तथा प्लैटिनम प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली धातुएँ हैं।
प्रश्न 3.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रम का उपयोग करते हैं। इसके लिए अपचायक के रूप में कार्बन तथा सक्रिय धातुएँ जैसे Al का उपयोग करते हैं।
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प्रश्न 1.
जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गयाधातु.
धातु | जिंक | मैगनिशियाम | कायर |
जिंक ऑक्साइड | |||
मैग्नीशियम ऑक्साइड | |||
कॉपर ऑक्साइड |
उत्तर:
एक अधिक अभिक्रियाशील धातु किसी कम अभिक्रियाशील धातु को उसके धात्विक ऑक्साइड से विस्थापित करता है। जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर में से मैग्नीशियम सबसे अधिक अभिक्रियाशील है जबकि कॉपर सबसे कम अभिक्रियाशील है। इसलिए निम्न स्थितियों में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी
धातु | जिंक | मैगनिशियाम | कायर |
जिंक ऑक्साइड | – | विस्थपान | – |
मैग्नीशियम ऑक्साइड | – | – | – |
कॉपर ऑक्साइड | विस्थपान | विस्थपान | – |
प्रश्न 2.
कौनसी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:
वे धातुएँ, जो वायु, जल तथा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं, वे शीघ्रता से संक्षारित नहीं होती हैं। जैसे – सोना एवं प्लैटिनम।।
प्रश्न 3.
मिश्र धातु क्या होते हैं?
उत्तर:
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं। इसके लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाते हैं। तत्पश्चात् दूसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें मिलाकर फिर इसे कमरे के ताप पर ठण्डा किया जाता है।
RBSE Class 10 Science Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्न में कौनसा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है।
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर:
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
प्रश्न 2.
लोहे के फ्राइंग पैन (frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौनसी विधि उपयुक्त है
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी
उत्तर:
(c) जिंक की परत चढ़ाकर।
प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा
उत्तर:
(a) कैल्सियम।
प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर:
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर:
(a) (i) हथोड़े की चोट से यदि दिया गया नमूना टूट जाता है, तो वह अधातु है। परन्तु यदि वह एक पतली चादर के रूप में परिवर्तित हो जाता है, तो वह धातु है क्योंकि धातु आघातवर्ध्य होती है।
(ii) दिए गए उपकरणों (बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच) को जोड़कर एक परिपथ तैयार करते हैं और इसके दोनों टर्मिनलों के बीच नमूनों को रखते हैं। स्विच ऑन करने पर यदि बल्ब जलता है, तो नमूना धातु है क्योंकि धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं और यदि बल्ब नहीं जलता है तो नमूना अधातु है।
(b) (i) धातुएँ आघातवर्धनीय होती हैं अतः इनकी चादर बनाकर विभिन्न प्रकार के बर्तन, पात्र व विभिन्न वस्तुएँ बनाई जाती हैं जबकि अधातुओं में ऐसा नहीं हो सकता।
(ii) धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं, अतः इनसे विद्युत परिपथ के तार आदि बनाए जाते हैं जबकि अद्यातुओं से नहीं।
प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उभयधर्मी ऑक्साइड: ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।
उदाहरण:
ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) एवं जिंक ऑक्साइड (ZnO) अम्ल तथा क्षारक के साथ ऐलुमिनियम ऑक्साइड निम्न प्रकार से अभिक्रिया करता है
प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर:
Mg तथा Zn तनु अम्लों के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन को विस्थापित करते हैं जबकि Cu तथा Ag ऐसा नहीं करते क्योंकि Mg तथा Zn हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील हैं जबकि Cu व Ag कम क्रियाशील हैं।
प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य कैसे बनाएंगे?
उत्तर:
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण के विलयन का उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में किया जाता है। जैसे Cu (कॉपर) के शोधन में CuSO4 का विलयन विद्युत अपघट्य के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उल्टा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जब सल्फर चूर्ण को वायु में गर्म किया जाता है तो सल्फर पाउडर सल्फर-डाइ-ऑक्साइड (SO2) गैस का निर्माण होता है। वाला स्पैचुला
(a) (i) उत्सर्जित गैस (SO2) सूखे लिटमस पत्र पर कोई – बर्नर क्रिया नहीं करेगी।
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र यदि नीला है तो यह गैस उसे लाल कर देती है क्योंकि SO2 अम्लीय ऑक्साइड है।
(b) अभिक्रियाओं के संतुलित रासायनिक समीकरण
S(s) + O2(g) → SO2(g)
प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर:
- लोहे पर तेल अथवा ग्रीस लगाना।
- लोहे पर पेन्ट करके।
प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:
अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं-अम्लीय व उदासीन। उदाहरण के लिए – N2O5 या N2O3एक अम्लीय ऑक्साइड है जबकि CO2 एक उदासीन ऑक्साइड है।
प्रश्न 12.
कारण बताइए
(a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अन्दर संग्रहित किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यन्त अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर:
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी सक्रियता श्रेणी में नीचे होते हैं अर्थात् इनकी क्रियाशीलता बहुत कम होती है। अतः ये वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन व नमी तथा अम्लों से भी आसानी से क्रिया नहीं करते। इनका संक्षारण भी नहीं होता जिससे इनकी चमक बरकरार रहती है। ये धातुएँ आघातवर्धनीय तथा तन्य होती हैं। इन्हीं कारणों से इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम बहुत ही क्रियाशील धातुएँ हैं। ये वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन तथा नमी से क्रिया करके ऑक्साइड तथा हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं। ये अभिक्रियाएँ तेजी से होती हैं । अतः खुले में रखने पर ये आग पकड़ लेती हैं। अतः इन्हें सुरक्षित रखने तथा आकस्मिक आग को रोकने के लिए इन्हें किरोसिन तेल में संग्रहित किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यन्त क्रियाशील धातु है लेकिन फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है क्योंकि सामान्य ताप पर इस धातु पर ऑक्साइड की पतली परत चढ़ जाती है। यह परत धातु को पुनः ऑक्सीकरण से सुरक्षित रखती है। यह परत इसे संक्षारण से भी बचाती है। यह धातु ऊष्मा की अच्छी सुचालक भी है। इसी कारण ऐलुमिनियम को बर्तन बनाने में प्रयुक्त करते. हैं।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है क्योंकि सल्फाइड या कार्बोनेट की तुलना में धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक आसान है।
प्रश्न 13.
आपने ताँबे के मलिन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर:
ताँबा (कॉपर) वायु में उपस्थित आर्द्र CO2 से अभिक्रिया करके बेसिक कॉपर कार्बोनेट बनाता है जिसके कारण बर्तन मलिन हो जाते हैं | जब बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते हैं तो इनमें उपस्थित अम्ल बर्तन पर उपस्थित बेसिक-कॉपर कार्बोनेट से क्रिया करके उसे विलेय कर देता है, जिससे बर्तन साफ हो जाता है।
प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में अन्तर निम्न प्रकार से हैं:
- धातुएँ विद्युत धनी होती हैं अतः ये आसानी से इलेक्ट्रॉन देकर धनायन बनाती हैं जबकि अधातुएँ विद्युत ऋणी होती हैं अतः ये इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋणायन बनाती हैं।
- धातुएँ वायु में दहन से क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं जबकि अधातुएँ वायु में दहन से अम्लीय एवं उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
- धातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके क्षार बनाते हैं तथा अम्ल से क्रिया करके लवण बनाते हैं। जबकि अधातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके अम्ल बनाते हैं तथा क्षार से क्रिया करके लवण बनाते हैं।
- धातुएँ जल से क्रिया करके भी ऑक्साइड तथा H, देती हैं जबकि अधातुओं में ऐसा नहीं होता।
- धातुएँ तनु हाइड्रोजन अम्लों से क्रिया करके लवण व H, बनाती हैं जबकि अधातुएँ तनु अम्लों से क्रिया नहीं करतीं।
प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलिन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यन्त कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुःखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर:
उस व्यक्ति द्वारा प्रयुक्त किया गया विलयन अम्लराज होता है जो कि सान्द्र HCl तथा सान्द्र HNO3 का मिश्रण होता है जो इन्हें क्रमशः 3 : 1 के अनुपात में मिलाने पर बनता है। सोना (गोल्ड) अम्लराज (ऐक्वा – रेजिया) में घुलनशील है इसलिए महिला के कंगनों का भार कम हो जाता है।
प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परन्तु इस्पात (लोहे की मिश्र धातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर:
ताँबा बहुत कम अभिक्रियाशील धातु है। यह जल तथा भाप के साथ बिल्कुल अभिक्रिया नहीं करता है। इसके विपरीत इस्पात में आसानी से जंग लग जाता है। इसीलिए गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग किया जाता है।
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