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Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 13 भारत: जनसंख्या वितरण, घनत्व एवं वृद्धि
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से किस जनगणना-दशक में लिंगानुपात में भारतवर्ष में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई?
(अ) 1911 – 21
(ब) 1921 – 31
(स) 1961 – 61
(द) 1961 – 71
प्रश्न 2.
पिछले दस बार के जनगणना वर्षों में न्यूनतम लिंगानुपात जिस जनगणना वर्ष में था, वह है –
(अ) 1991
(ब) 2001
(स) 1901
(द) 1951
प्रश्न 3.
भारत में मोटे रूप में जनसंख्या का वितरण किस फसल के वितरण प्रारूप के अनुरूप है, वह है –
(अ) चावल
(ब) मक्का
(स) गेहूँ
(द) कपास
प्रश्न 4.
2011 में हुई जनगणना के अनुसार किस राज्य में जनसंख्या घनत्व सबसे कम था?
(अ) केरल
(ब) अरुणाचल प्रदेश
(स) नागालैण्ड
(द) गोवा
प्रश्न 5.
भारत में प्रथम जनगणना किस वर्ष की गई?
(अ) 1945
(ब) 1851
(स) 1872
(द) 1951
प्रश्न 6.
जनसंख्या के संदर्भ में किस वर्ष को ‘महान जन विभाजन का वर्ष कहा गया, जिसके पश्चात भारतीय जनसंख्या में निरन्तर व त्वरित वृद्धि दर्ज की गई?
(अ) 1911
(ब) 1921
(स) 1941
(द) 1951
प्रश्न 7.
भारत में अन्तिम बार जनगणना किस वर्ष हुई थी?
(अ) 1981
(ब) 1991
(स) 2011
(द) 2004
प्रश्न 8.
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में औसत जन घनत्व (व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर) है –
(अ) 294
(ब) 321
(स) 382
(द) 390
प्रश्न 9.
भारत का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है –
(अ) पश्चिम बंगाल
(ब) महाराष्ट्र
(स) उत्तर प्रदेश
(द) बिहार
प्रश्न 10:
भारत में सर्वाधिक प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि वाला राज्य है –
(अ) उत्तर प्रदेश
(ब) बिहार
(स) मेघालय
(द) मध्य प्रदेश
उत्तरमाला:
1. (द), 2. (अ), 3. (अ), 4. (ब), 5. (स), 6. (ब), 7. (स), 8. (स), 9. (द), 10. (स).
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 11.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 121.02 करोड़ थी।
प्रश्न 12.
भारत का कौन-सा राज्य 2011 की जनगणनानुसार न्यूनतम घनत्व वाला रहा?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में न्यूनतम जनघनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश था जिसमें जन घनत्व 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी रहा।
प्रश्न 13.
2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या की दृष्टि से भारत का कौन-सा राज्य बड़ा है?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या आकार की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है।
प्रश्न 14.
भारत में जनसंख्या वृद्धि (2001-2011) सर्वाधिक किस राज्य की रही है?
उत्तर:
सन् 2001 – 2011 के दशक में मेघालय नामक राज्य में जनसंख्या वृद्धि 27.82 प्रतिशत थी, जो भारत के सभी राज्यों में सर्वाधिक है।
प्रश्न 15.
भारत का औसत जनसंख्या घनत्व (2011) कितना है?
उत्तर:
सन् 2011 में भारत का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था।
प्रश्न 16.
सन 2011 की जनगणनानुसार जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का कौनस्थान है?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या आकार की दृष्टि से भारत का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 17.
भारत की जनसंख्या को कौन-से भौगोलिक कारक प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों में निम्नलिखित कारक शामिल हैं –
- जलवायु
- धरातल की बनावट
- जल उपलब्धता
- मृदा की स्थिति।
प्रश्न 18.
जनसंख्या वितरण एवं घनत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या वितरण उस तरीके को प्रदर्शित करता है जिसके अन्तर्गत मानव किसी दिये गए क्षेत्र या स्थल में वितरित होता है, अतः जनसंख्या वितरण का सम्बन्ध स्थल से होता है जबकि जनसंख्या घनत्व किसी दिये क्षेत्र या स्थल में प्रति वर्ग किमी क्षेत्रफल पर निवासित व्यक्तियों से सम्बन्धित होता है।
प्रश्न 19.
जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी क्षेत्र विशेष में किसी दिये गए समय में जनसंख्या आकार में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। जनसंख्या की यह वृद्धि धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों हो सकती है।
प्रश्न 20.
भारत की औसत जनसंख्या वृद्धि दर 2001 से 2011 के दशक में कितनी थी?
उत्तर:
भारत में सन् 2001 – 2011 के दशक में औसत जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत रही।
प्रश्न 21.
जनसंख्या घनत्व (2011) के अनुसार भारत का कौन-सा राज्य सर्वाधिक घनत्व वाला है?
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व रखने वाला राज्य बिहार (1102 यक्त/किमी) है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 22.
भारत में जनसंख्या वितरण के असमानता के कारणों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में नया के स्थानिक वितरण में असमानता के साथ-साथ क्षेत्रीय भिन्नताएं देखने को मिलती हैं। भारत जनसंख्या का वितरण अनेक प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक कारकों द्वारा नियन्त्रित होता है। इन कारकों में नलिखित कारक महत्त्वपूर्ण हैं –
1. जलवायु:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने में जलवायु सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। भारत के अत्यधिक शीतल, अति उष्ण तथा अति आर्द्र क्षेत्र मानवीय निवास की दृष्टि से अनुपयुक्त हैं तथा ऐसे क्षेत्र अति विरल ज़नघनत्व दर्शाते हैं। यही कारण है कि हिमालय के अति शीत प्रधान पर्वतीय क्षेत्र, राजस्थान के शुष्क मरुस्थलीय क्षेत्र तथा तराई के अति आर्द्र क्षेत्र देश के बहुत कम बसे क्षेत्रों में सम्मिलित हैं।
2. धरातल:
उच्चावच की दृष्टि से ऊबड़-खाबड़ तथा विषमता रखने वाले क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि की कमी, कृषि कार्यों में असुविधा, परिवहन की समस्या तथा एकाकीपन होने के कारण जनसंख्या कम मिलती है।
3. जलप्राप्ति:
मानव के जीवन तथा उसके क्रियाकलापों के लिए जल एक आधारभूत संसाधन है। भारत के उत्तरी भाग में जनसंख्या का घनत्व पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा कम होते जाने के साथ-साथ घटता चला जाता है। राजस्थान के उत्तरी पंश्चिमी भागों में इंदिरा गाँधी नहर द्वारा पर्याप्त जल आपूर्ति हो जाने के कारण जनघनत्व अपेक्षाकृत अधिक मिलता है।
4. खनिज संसाधन:
भारत के खनिज सम्पन्न क्षेत्रों में औद्योगिक तथा आर्थिक विकास की पर्याप्त संभावनाएँ मिलती हैं जिसके कारण इन क्षेत्रों में मानव निवास के लिए आकर्षण होता है। भारत में दामोदर घाटी, छोटा नागपुर में पठार तथा कोलार जैसे खनिज सम्पन्न क्षेत्रों में जनसंख्या का सघन जमाव मिलता है।
5. परिवहन सुविधाएँ:
पर्वतों तथा पठारों की तुलना में मैदानी भागों में परिवहन सुविधाएँ अधिक विकसित मिलती हैं जो मैदानी भागों में सघन जनसंख्या जमाव को प्रोत्साहित करती हैं।
6. सामाजिक:
मनोवैज्ञानिक कारक-जनसंख्या घनत्व व वितरण को प्रभावित करने में सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक कारकों की भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। जनसंख्या के वितरण को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले इन कारकों में सामाजिक संगठन, सामाजिक रचना, रीति-रिवाज, धार्मिक संरचना, सामाजिक मूल्य तथा धार्मिक मृल्य आचार-विचार, रहन-सहन, खान-पान जैसे कारक उल्लेखनीय हैं।
7. राजनैतिक व आर्थिक कारक:
जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण को प्रभावित करने वाले राजनैतिक कारकों में राजनैतिक अस्थिरता, असन्तोष तथा असुरक्षा सम्मिलित होते हैं जबकि आर्थिक कारकों में औद्योगीकरण तथा नगरीकरण जैसे कारक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। उदाहरण के लिए पिछले कुछ दशकों में जम्मू-कश्मीर, असम तथा पंजाब जैसे राज्यों में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि होने के कारण जनसंख्या के स्थानान्तरण की दर में बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रश्न 23.
जनसंख्या घनत्व के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व को किसी क्षेत्र व उससे सम्बन्धित दशाओं के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। जनसंख्या घनत्व अलिखित प्रकार हैं –
- गणितीय घनत्व: प्रति वर्ग किमी क्षेत्रफल पर निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या को गणितीय घनत्व कहा जाता है। इसे कुल जनसंख्या तथा कुल क्षेत्र के अनुपात के रूप में प्रकट किया जाता है।
- कार्यिक घनत्व: कार्यिक घनत्व किसी क्षेत्र की जनसंख्या तथा उस क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि के अनुपात को प्रदर्शित करता है। इसे मानव तथा कृषि योग्य भूमि अनुपात भी कहते हैं।
- कृषीय घनत्व: किसी प्रदेश का कृषि घनत्व उस प्रदेश की कुल कृषक जनसंख्या तथा कुल कृषि योग्य भूमि के अनुपात का द्योतक होता है। कृषक जनसंख्या में कृषक, कृषि मजदूर तथा उसके परिवार के सदस्य सम्मिलित होते हैं।
- आर्थिक या आंकिक घनत्व: किसी प्रदेश के आर्थिक घनत्व द्वारा उस प्रदेश के समस्त आर्थिक संसाधनों की उत्पादन क्षमता पर जनसंख्या के भार को ज्ञात किया जाता है।
- पोषण घनत्व: किसी प्रदेश की कुल जनसंख्या तथा उस प्रदेश की खाद्यान्न फसलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल के मध्य अनुपात का द्योतक है।
प्रश्न 24.
भारत में जनसंख्या वृद्धि की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि एक निश्चित समय में किसी क्षेत्र में होनी वाली जनसंख्या के परिवर्तन की द्योतक होती है। भारत में जनसँख्या की वृद्धि सतत् न होकर विविध रूपों को दर्शाती है। भारत में सन् 1901 से 2011 तक हुई जनसंख्या की वृद्धि तथा वृद्धि दर के आँकड़ों को निम्नलिखित तालिका द्वारा दर्शाया गया है –
तालिका : भारत की दशकीय जनसंख्या वृद्धि तथा वृद्धि दर (1901-2011)
वर्ष | कुल जनसंख्या (करोड़ में) | दशकगत वृद्धि (करोड़ में) | वृद्धि दर (%) | औसतन वार्षिक धातीय वृद्धि % |
1901 | 23.84 | – | – | – |
1911 | 25.21 | + 1.37 | 5.75 | 0.56 |
1921 | 25.13 | – 0.08 | -0.31 | -0.03 |
1931 | 27.90 | + 2.77 | 11.60 | 1.64 |
1941 | 31.87 | + 3.97 | 14.22 | 1.33 |
9151 | 36.11 | + 4.24 | 13.1 | 1.25 |
1961 | 43.92 | + 7.77 | 21.1 | 1.96 |
1971 | 54.82 | + 10.89 | 24.80 | 2.22 |
1981 | 68.33 | + 13.52 | 24.86 | 2.20 |
1991 | 84.63 | + 16.30 | 23.85 | 2.14 |
2001 | 102.86 | + 18.23 | 21.54 | 1.95 |
2011 | 121.02 | + 18.16 | 17.64 | 1.64 |
तालिका में दिये गए जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों के अनुसार सन् 1901 – 1911 की अवधि में भारत में हुई जनसंख्या वृद्धि को निम्नलिखित 4 अवस्थाओं में विभक्त किया गया है –
1. मन्द जनसंख्या वृद्धि का काल (सन् 1901 – 21):
सन् 1901 से 1921 के 20 वर्षों की अवधि में भारत की जनसंख्या 23.85 करोड़ से बढ़कर 25.13 करोड़ (कुल 1.27 करोड़ की वृद्धि) हुई। भीषण अकाल, महामारी तथा खाद्यान्न की कमी के कारण 1911 – 1921 के दशक में उच्च मृत्यु दर रही जिससे देश की जनसंख्या में इस दशक में ऋणात्मक वृद्धि हुई।
2. स्थिर जनसंख्या वृद्धि का काल (सन् 1921 – 51):
सन् 1921 के बाद भारत में जनसंख्या में सतत रूप से वृद्धि होती गई जिसके कारण सन् 1921 को महान जनांकिकीय विभाजक वर्ष कहा जाता है। सन् 1921 – 51 की अवधि में भारत की जनसंख्या 25.13 करोड़ से बढ़कर 36.11 करोड़ हो गई। इस प्रकार तीन दशकों में भारत की जनसंख्या में केवल 11 करोड़ की वृद्धि हुई। उक्त अवधि में मृत्यु दर में कमी तथा जन्म दर पूर्ववत् रहने के कारण जनसंख्या में धीमी गति से सतत वृद्धि होती रही।
3. तीव्र जनसंख्या वृद्धि का काल (सन् 1951 – 81):
सन् 1951 के बाद से भारत की जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि प्रारम्भ हो गई इसी कारण सन् 1951 को भारत में द्वितीय जनांकिकीय विभाजक वर्ष कहा जाता है। उक्त अवधि में भारत की जनसंख्या 36.1 करोड़ से बढ़कर 68.3 करोड़ हो गई अर्थात् 1951 – 81 के 30 वर्षों में भारत की जनसंख्या की वृद्धि दर सर्वाधिक रही। 1961 – 71 के दशक में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर 248 प्रतिशत रही। मृत्यु दर में तीव्र गिरावट तथा जन्म दर में धीमी गिरावट उक्त अवधि में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदायी रही।
4. घटती जनसंख्या वृद्धि का काल (सन् 1981 – 2011):
सन् 1981 के बाद भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर में गिरावट का रुख प्रारम्भ हो गया। सन् 1981 – 91 में जनसंख्या की औसत वार्षिक घातीय वृद्धि 2.14 प्रतिशत थी जो सन् 1991 – 2001 में घटकर 1.95 प्रतिशत तथा सन् 2001 – 2011 के दशक में घटकर 1.64 प्रतिशत रह गई। जनसंख्या वृद्धि दर की यह घटती प्रवृत्ति परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता तथा देश में छोटे परिवारों के प्रति आम व्यक्ति को बढ़ता रुझान है।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 25.
भारत के मानचित्र में उचित विधि द्वारा जनसंख्या वितरण (2011) को दर्शाइए।
उत्तर:
भारत के मानचित्र पर छाया विधि द्वारा जनसंख्या के वितरण को निम्नानुसार में प्रदर्शित किया गया है।
प्रश्न 26.
भारत में जनसंख्या घनत्व के वितरण को दर्शाइए।
उत्तर:
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सन 2011 में विश्व की कुल जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग भारत में निवासित है?
(अ) 14%
(ब) 16%
(स) 17.5%
(द) 20.5%
प्रश्न 2.
भारत का उच्चतम घनत्व वाला केन्द्र शासित प्रदेश कौन-सा है?
(अ) दिल्ली
(ब) चंडीगढ़
(स) अण्डमान निकोबार
(द) पुदुचेरी
प्रश्न 3.
जनसंख्या घनत्व (सन 2011) की दृष्टि से भारत के राज्यों का सही अवरोही क्रम है।
(अ) पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल
(ब) केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश
(स) बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश
(द) उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल
प्रश्न 4.
भारत का सबसे कम जनघनत्व वाला केन्द्र शासित प्रदेश कौन-सा है?
(अ) दिल्ली
(ब) अण्डमान निकोबार
(स) लक्षद्वीप
(द) दमन-दीव।
प्रश्न 5.
भारत में सर्वाधिक दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर निम्नलिखित में से किस दशक में रही?
(अ) 1961 – 71
(ब) 1971 – 81
(स) 1981 – 91
(द) 1991 – 2001
प्रश्न 6.
सन 2001 – 11 में न्यूनतम दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर रखने वाला राज्य रहा –
(अ) केरल
(ब) गोवा
(स) तमिनलाडु
(द) नागालैण्ड
प्रश्न 7.
भारत में किस दशक में सर्वाधिक प्राकृतिक वृद्धि दर रही?
(अ) 1911
(ब) 1961
(स) 1981
(द) 2001
प्रश्न 8.
भारत में तीव्र वृद्धि का काल कौन-सा है?
(अ) 1901 – 21
(ब) 1921 – 51
(स) 1951 – 81
(द) 1981 – 2011
प्रश्न 9.
भारत में वर्तमान में हो रही जनसंख्या वृद्धि के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प उत्तरदायी है?
(अ) बढ़ती जन्म दर व स्थिर मृत्यु दर
(ब) बढ़ती जन्म दरे व घटती मृत्यु दर
(स) मंद घटती जन्म दर व तीव्र घटती मृत्यु दर
(द) मंद घटती जन्म दर व मंद घटती मृत्यु दर
उत्तरमाला:
1. (स), 2. (अ), 3. (स), 4. (ब), 5. (अ), 6. (द), 7. (स), 8. (स), 9. (द).
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –
(क)
स्तम्भ (अ) (दशा) |
स्तम्भ (ब) (क्षेत्र/समय) |
(i) उच्च घनत्व का क्षेत्र | (अ) थार का मरुस्थल |
(ii) मध्यम घनत्व का क्षेत्र | (ब) गंगा-यमुना का मैदान |
(iii) न्यून घनत्व का क्षेत्र | (स) पठारी क्षेत्र |
उत्तर:
(i) (ब) (ii) (स) (iii) (अ)।
(ख)
स्तम्भ (अ) (वृद्धि की दशा) |
स्तम्भ (ब) (काल) |
(i) मंद वृद्धि | (अ) 1981 – 2011 |
(ii) स्थिर वृद्धि | (ब) 1951 – 1981 |
(iii) तीव्र वृद्धि | (स) 1901 – 1921 |
(iv) घटटी वृद्धि | (स) 1921 – 1951 |
उत्तर:
(i) (स) (ii) (द) (iii) (ब) (iv) (अ)।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न हो गयी हैं?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण बेरोजगारी, भुखमरी, निम्नतर जीवनस्तर, आवासों की कमी व पर्यावरणीय प्रदूषण जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो गयी हैं।
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या का असमान वितरण किन कारकों की देन है?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का असमान वितरण अनेक प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक, ज़नांकिकीय, राजनीतिक तथा ऐतिहासिक कारकों की देन है। जनसंख्या के वितरण पर इनका सामूहिक रूप से प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 3.
भारत के तीन सर्वाधिक जनसंख्या रखने वाले राज्यों के नाम व उनकी जनसंख्या लिखिए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले निम्नलिखित 3 राज्य हैं –
- उत्तर प्रदेश (जनसंख्या – 19.96 करोड़)
- महाराष्ट्र (जनसंख्या – 11.24 करोड़)
- बिहार (जनसंख्या – 10.38 करोड़)।
प्रश्न 4.
सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के तीन सर्वाधिक जनसंख्या रखने वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणनानुसार सर्वाधिक जनसंख्या वाले केन्द्र शासित प्रदेश निम्न हैं –
- दिल्ली (1.68 करोड़)
- पाण्डिचेरी (12.44 लाख)
- चण्डीगढ़ (10.55 लाख)
प्रश्न 5.
सन 2011 में भारत में सर्वाधिक जनघनत्व रखने वाले तीन राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
1. बिहार (जनघनत्व-1102)
2. पश्चिम बंगाल (जनघनत्व-1029)
3. केरल (जनघनत्वे-859)
प्रश्न 6.
सन 2011 में भारत में सर्वाधिक जनघनत्व रखने वाले दो केन्द्रशासित प्रदेशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. दिल्ली (जनघनत्व-11297)
2. चण्डीगढ़ (जनघनत्व-9252)
प्रश्न 7.
सन 2011 में भारत के न्यूनतम जनघनत्व रखने वाले तीन राज्यों के नाम व घनत्व लिखिए।
उत्तर:
1. अरुणाचल प्रदेश (जनसंख्या घनत्व.17)
2. मिजोरम (52)
3. सिक्किम (86)
प्रश्न 8.
राजस्थान के उत्तरी-पूर्वी मरुस्थलीय भागों में जनघनत्व को प्रभावित करने में किस कारक की ‘महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है?
उत्तर:
इसमें इंदिरा गाँधी नहर द्वारा पर्याप्त जलापूर्ति की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण रही है।
प्रश्न 9.
राजनैतिक अशांति तथा असुरक्षा ने भारत के किन राज्यों में प्रमुख रूप से जनसंख्या पलायन को प्रेरित किया है?
उत्तर:
जम्मू-कश्मीर, पंजाब तथा असम इस श्रेणी के प्रमुख राज्य हैं।
प्रश्न 10.
जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं?
अथवा
जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य है?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य जनसंख्या एवं धरातल के एक निश्चित अनुपात से है। जिसमें जनसंख्या जमाव की मात्रा का मापन होता है इसे प्रति इकाई क्षेत्र में निवासित व्यक्तियों के रूप में व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 11.
गणितीय घनत्व किसे कहते हैं? इसे ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कुल जनसंख्या व कुल भौगोलिक क्षेत्र के अनुपात को जनसंख्या का गणितीय घनत्व कहा जाता है। इसे निम्न सूत्र से ज्ञात करते हैं
प्रश्न 12.
सन 1951 से 2011 तक भारत में बढ़ते जनसंख्या घनत्व को लिखिए।
उत्तर:
सन् 1951 में भारत में जनघनत्व 117 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था जो सन् 1981 में बढ़कर 216 व्यक्ति, सन् 2001 में बढ़कर 325 व्यक्ति तथा सन् 2011 में बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो गया।
प्रश्न 13.
भारत के सर्वाधिक तथा न्यूनतम जनघनत्व रखने वाले राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सन् 2011 में भारत का सर्वाधिक जनघनत्व बिहार (1102 व्यक्ति) तथा न्यूनतम जनघनत्व अरुणाचल प्रदेश (17 व्यक्ति) में रहा।
प्रश्न 14.
भारत में सर्वाधिक व न्यूनतम जनघनत्व वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत के केन्द्र शासित प्रदेशों में उच्चतम जनघनत्व दिल्ली में (11297) वे अण्डमान निकोबार में (46) व्यक्ति मिलता है।
प्रश्न 15.
भारत में जनघनत्व को प्रभावित करने वाले सामाजिक कारकों में सम्मिलित कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक कारकों में सामाजिक संगठन, सामाजिक संरचना, रीति-रिवाज, जातिवाद, धार्मिक संरचना तथा सामाजिक व धार्मिक मूल्य सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 16.
उत्तरी भारत में जनसंख्या घनत्व का वर्षा से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
उत्तरी भारत में वर्षा की घटती मात्रा के साथ-साथ जनसंख्या का घनत्व पूर्व से पश्चिम की ओर घटता जाता है।
प्रश्न 17.
सन 2001 – 11 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर में सर्वाधिक गिरावट रखने वाले भारत के तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. नागालैण्ड (-65.0 प्रतिशत)
2. सिक्किम (-20.7 प्रतिशत)
3. हरियाणा (-8.53 प्रतिशत)
प्रश्न 18.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के क्या दुष्परिणाम हैं।
उत्तर:
ग्राम से शहरों की ओर पलायन, आवास की कमी, खाद्यान्न व जलापूर्ति की समस्या तथा पारिस्थितिकी असंतुलन भारत की जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख दुष्परिणाम हैं।
प्रश्न 19.
भारत में ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि सन् 2001 – 11 के दशक में किस राज्य में रही?
उत्तर:
नागालैण्ड (-0.47%)
प्रश्न 20.
भारत में सन 2001 – 11 में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि रखने वाले तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. नागालैण्ड (-0.47%)
2. केरल (4.87%)
3. गोवा (8.17%)
प्रश्न 21.
मध्यम जनवृद्धि वाले क्षेत्रों से क्या तात्पर्य
उत्तर:
ऐसे राज्य या प्रदेश जिनमें दशकीय वृद्धि दर 20 – 30 प्रतिशत के मध्य रही है उन्हें मध्यम जनवृद्धि वाले क्षेत्र कहते हैं। इनमें बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व पुदुचेरी शामिल है।
प्रश्न 22.
सन 2011 में भारत की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत कितना रहा?
उत्तर:
सन् 2011 में भारत की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 31.16 रहा।
प्रश्न 23.
भारत में लड़के-लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु क्या है?
उत्तर:
भारत में लड़के-लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु क्रमशः 21 वर्ष व 18 वर्ष है।
प्रश्न 24.
भारत में संयुक्त परिवार प्रथा जनसंख्या वृद्धि में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
संयुक्त परिवार में पैदा होने वाले बच्चे के भरण-पोषण का दायित्व माता-पिता पर न होकर सम्पूर्ण परिवार पर होता है। अतः बच्चा पैदा होने के विरुद्ध विवशता नहीं होती साथ ही संयुक्त परिवार प्रथा विवाह की आयु के कम होने को भी प्रोत्साहित करती है।
प्रश्न 25.
भारत में जनसंख्या आकार की दृष्टि से सबसे छोटा राज्य कौन सा है?
उत्तर:
सिक्किम (सन् 2011 में जनसंख्या 6.08 लाख व्यक्ति)।
प्रश्न 26.
भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों में जनसंख्या आकार की दृष्टि से सबसे छोटा राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
लक्षद्वीप (जनसंख्या-64,429 व्यक्ति)।
प्रश्न 27.
जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उपाय लिख़िए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि को विवाह की आयु में वृद्धि करके, उत्पादन में वृद्धि करके, परिवार कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार करके व शिक्षा के प्रसार के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के वितरण की दृष्टि से कितने वर्ग हैं? संक्षेप में इनका विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वितरण की दृष्टि से निम्नलिखित तीन वर्ग हैं –
- उत्तर का मैदानी भाग:
भारत में उत्तर का मैदानी भाग सर्वाधिक जनसंख्या रखने वाला क्षेत्र है जिसमें सन् 2011 में देश की लगभग 52 करोड़ जनसंख्या (42.7 प्रतिशत) निवासित थी। उत्तर के मैदानी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश (19.96 करोड़), बिहार (10.38 करोड़), प. बंगाल (9.13 करोड़), राजस्थान (6.86 करोड़), पंजाब (2,77 करोड़) तथा हरियाणा (2.54 करोड़) नामक राज्य देश में सवार्धिक जनसंख्या वाले राज्य हैं। - दक्षिण के पठारी भाग:
महाराष्ट्र (11.24 करोड़), मध्य प्रदेश (7.26 करोड़), कर्नाटक (6.11 करोड़) तथा आन्ध्र प्रदेश (8.47) दक्षिण के पठारी भाग पर विस्तृत राज्य हैं जिनमें सन् 2011 में देश की 27.3 प्रतिशत जनसंख्या निवासित थी। - तटवर्ती, पर्वतीय तथा मरुस्थलीय भाग:
देश के सभी तटीय क्षेत्रों, उत्तरी-पूर्वी पर्वतीय राज्यों तथा राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय भागों में प्राकृतिक एवं धरातलीय विषमता के कारण जनसंख्या कम निवासित है।
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले दो भौतिक कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- जलवायु:
भारत में जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में जलवायु सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्रों में जनसंख्या की उच्च वितरण व घनत्व मिलता है जबकि कठोर जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे हिमालय के उच्च पर्वतीय भाग तथा राजस्थान के मरुस्थलीय भाग विरल जनसंख्या वितरण व घनत्व रखते हैं। - धरातल:
भारत के विषम धरातल वाले क्षेत्रों में कम जनसंख्या मिलती है जबकि मैदानी भागों में कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता, जलीय संसाधनों की पर्याप्तता तथा परिवहन मार्गों का पर्याप्त विकास मिलने के कारण जनसंख्या का विशाल जमाव मिलता है।
प्रश्न 3.
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं –
- जलवायु
- धरातल
- जल प्राप्ति
- खनिज संसाधन
- परिवहन की सुविधा
- सामाजिक-मनोवैज्ञानिक कारक
- राजनैतिक व आर्थिक कारक
प्रश्न 4.
भारत के औसत घनत्व से अधिक जनसंख्या घनत्व रखने वाले राज्यों को उनके जनघनत्व सहित लिखिए।
उत्तर:
भारत में सन् 2011 में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी रहा। सन् 2011 में इस औसत घनत्व से अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में बिहार (1102), प. बंगाल (1029), केरल (859), उत्तर प्रदेश (828), हरियाणा (573), तमिलनाडु (555), पंजाब (550), झारखण्ड (414), असम (397) तथा गोआ (394) आदि सम्मिलित रहे हैं।
प्रश्न 5.
भारत के औसत जनसंख्या घनत्व से कम जनघनत्व रखने वाले प्रमुख राज्यों के नाम उनके जनघनत्व सहित लिखिए।
उत्तर:
सन् 2011 में भारत के औसत जनसंख्या घनत्व (382) से कम जनघनत्व रखने वाले प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र (365), कर्नाटक (319), आन्ध्र प्रदेश (308), गुजरात (308), झारखण्ड (319), उड़ीसा (269), मध्य प्रदेश (236), राजस्थान (201), उत्तराखण्ड (189), छत्तीसगढ़ (189), नागालैण्ड (119), मेघालय (132), मिजोरम (52), मणिपुर (122), जम्मू-कश्मीर (124) तथा हिमाचल प्रदेश (123) आदि शामिल रहे।
प्रश्न 6.
उच्च घनत्व के क्षेत्रों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसे क्षेत्र जिनमें जनघनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक मिलता है उसे उच्च घनत्व के क्षेत्रों में शामिल किया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में समतल मैदानी भाग, कॉप मिट्टी के क्षेत्र व सिंचाई की सुविधा उपलब्ध रहती है। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मालाबार तट व तमिलनाडु के उच्च प्रदेश ऐसे क्षेत्रों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 7.
भारत में सन् 1911 से 2011 तक हुई जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दरों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में सन् 1911 से 2011 के मध्य जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। भारत में जनसंख्या की सबसे कम प्राकृतिक वृद्धि दर सन् 1921 में 1 रही जबकि सबसे अधिक प्राकृतिक वृद्धि दर सन् 1981 में 23 रही। सन् 1981 के बाद से भारत की जनसंख्या की वृद्धि दर में सतत रूप से गिरावट देखी गई है। सन् 1991 में यह वृद्धि दर घटकर 20 सन् 2001 में 17 तथा सन् 2011 में 16 रह गई।
प्रश्न 8.
भारत में सन 2001 – 11 के दशक में जनसंख्या की प्रतिशत वृद्धि दर में गिरावट रखने वाले राज्यों के नाम अवरोही क्रम में लिखिए।
उत्तर:
सन् 2001 – 11 के दशक में जिन राज्यों में जनसंख्या की प्रतिशत वृद्धि दर में गिरावट अनुभव की गई, वे
निम्नलिखित हैं –
राज्य | सन् 2001-11 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर में प्रतिशत गिरावट |
1. नागालैण्ड | – 65.0 |
2. सिक्किम, | – 20.7 |
3. हरियाणा | -8.5 |
4. गोवा | -7.0 |
5. राजस्थान | -7.0 |
6. महाराष्ट्र | -6.7 |
7. पंजाब | -6.4 |
8. मणिपुर | -6.2 |
9. मिजोरम | -6.0 |
10. उत्तर प्रदेश | – 5.8 |
प्रश्न 9.
भारत के संदर्भ में स्थिर वृद्धि के काल को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में सन् 1921 को भारतीय जनसंख्या विकास के एक जनांकिकीय विभाजक कहा जाता है। सन् 1921 – 1951 तक का काल स्थिर वृद्धि का काल माना गया है। इस अवधि में भारत की जनसंख्या औसतन 1.45 प्रतिशत की दर से बढ़कर 25.13 करोड़ से 36.11 करोड़ हो गयी। इस काल में केवल 11 करोड़ जनसंख्या बढ़ी इस स्थिर जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण अकाल व महामारियां रही थीं।
प्रश्न 10.
भारत में सन् 1981 – 2011 के मध्य हुई जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
अथवा
घटती वृद्धि के काल को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में सन् 1981 – 2011 के तीस वर्षों की अवधि में यद्यपि 52.7 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि हुई लेकिन उक्त अवधि में भारत की जन्म दर में सतत् रूप से धीमी वृद्धि अनुभव की गई है। सन् 1981 – 91 में देश में जनसंख्या की औसत वार्षिक घातीय वृद्धि 2.14% थी जो 1991 – 2001 में घटकर 1.95 तथा सन् 2001 – 11 की अवधि में घटकर 1.64 प्रतिशत रह गई। दूसरी ओर सन् 1981 में शिशु जन्म दर 38 प्रति हजार थी जो सन् 2001 में घटकर 26 रह गई। इसी प्रकार सन् 1981 में शिशु मृत्यु दर 15 प्रति हजार से घटकर सन् 2001 में 8 प्रति हेजार हो गई।
प्रश्न 11.
कम जनसंख्या वृद्धि के क्षेत्रों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत के ऐसे क्षेत्र या राज्य जिनमें दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 20 प्रतिशत से कम रही है, उन्हें इस श्रेणी में शामिल किया गया है। आन्ध्र प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, नागालैण्ड, उड़ीसा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, लक्षद्वीप व अण्डमान निकोबार इसमें शामिल हैं।
प्रश्न 12.
भारत की जनसंख्या वृद्धि में नगरीकरण की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
सन् 2011 में भारत की कुल जनसंख्या का 68.8 प्रतिशत भाग ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 31.2 प्रतिशत भाग नगरीय क्षेत्रों में निवास करता है। नगरीय क्षेत्रों में निवासित जनसंख्या की जन्म दरें अपेक्षाकृत कम रहती हैं, साक्षरता दर उच्च रहती है, विवाह की औसत उम्र अधिक होती है तथा उनकी सोच उदारवादी होती है, इस कारण नगरीय क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा जनसंख्या वृद्धि कम होती है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
भारत में तीव्र जनसंख्या वृद्धि के काल को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में 1951 – 1981 के काल को तीव्र जनसंख्या वृद्धि का काल माना जाता है। सन् 1951 को द्वितीय जनांकिकीय विभाजक कहा जाता है। इसके बाद देश की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि प्रारम्भ हुई थी। सन् 1951 – 1981 के मध्य जनसंख्या वृद्धि 2.2 प्रतिशत की दर से हुई थी। इस काल में जनसंख्या 36.10 करोड़ से बढ़कर 68.33 करोड़ पर पहुँच गयी। इस समयावधि के 1961 – 71 के दशक में सर्वाधिक 24.8 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। इस अधिक वृद्धि दर का मुख्य कारण विकास कार्यों में तेजी आना व स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आना था। मृत्यु में आयी तीव्र गिरावट व जन्म दर में निम्न गिरावट के कारण उच्च जनसंख्या वृद्धि हुई।
प्रश्न 2.
कार्यिक तथा कृषीय घनत्व को परिभाषित करते हुए उनकी उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
कुल कृषि योग्य भूमि पर जनसंख्या के दबाव के संदर्भ में मानव-भूमि अनुपात के बेहतर ज्ञान के लिये कार्मिक तथा कृषीय घनत्वों को ज्ञात किया जाता है जो भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले कृषि प्रधान देश के लिए सार्थक है।
- कार्यिक घनत्व: कार्यिक घनत्व किसी क्षेत्र की जनसंख्या तथा उस क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि के अनुपात को प्रदर्शित करता है।
- कृषीय घनत्व: किसी प्रदेश का कृषि घनत्व उस प्रदेश की कुल कृषक जनसंख्या तथा कुल कृषि योग्य भूमि के अनुपात का द्योतक होता है। कृषक जनसंख्या में कृषक, कृषि मजदूर तथा उसके परिवार के सदस्य सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 3.
एक ओर उत्तरी-पूर्वी राज्यों और दूसरी ओर कुछ केन्द्र शासित प्रदेशों (पुदुचेरी, लक्षद्वीप तथा अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर) में अति उच्च जनसंख्या वृद्धि दरें क्यों पाई जाती हैं ?
उत्तर:
सन् 1991 – 2001 के दौरान भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों विशेष रूप से नागालैण्ड, मेघालय, मिजोरम तथा मणिपुर में जनसंख्या की दशकीय प्रतिशत वृद्धि दरें क्रमशः 64.53, 30.65, 28.82 तथा 24.86 रहीं। इन राज्यों में उच्च जनसंख्या वृद्धि दरों में प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि के अलावा बांग्लादेश से लाखों व्यक्तियों के उक्त राज्यों में अवैध घुसपैठ का सर्वाधिक योगदान रहा।
दूसरी ओर दमन और दीव (55.73%), दादरा-नगर हवेली (59.22%), दिल्ली (47.02%) तथा चण्डीगढ़ (40.28%), आदि केन्द्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या की अति उच्च वृद्धि दरों में इन प्रदेशों में वृहद स्तर पर होने वाले अन्तर्राज्यीय आप्रवास को योगदान सर्वाधिक रहा।
RBSE Class 12 Geography Chapter 13 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या घनत्व की भिन्नता के आधार पर भारत को प्रमुख जनसंख्या घनत्व पेटियों में विभक्त कर उनकी विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या घनत्व की भिन्नता के आधार पर निम्नलिखित 3 प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है –
1. उच्च जनघनत्व के क्षेत्र:
भारत में उच्च जनघनत्व वाले क्षेत्रों में 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक जनघनत्व रखने वाले क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाता है। भारत में उच्च जनघनत्व रखने वाले राज्यों में निम्नलिखित राज्य सम्मिलित हैंबिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु व पंजाब भारत के उक्त राज्य कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था तथा ग्रामीण बहुल क्षेत्र हैं जहाँ समतल उपजाऊ मैदान, जलोढ़ मिट्टी, सिंचाई तथा पेयजल की उपलब्धता मिलती है जिसके कारण इन राज्यों में उच्च जनसंख्या घनत्व मिलता है।
2. मध्यम जनघनत्व के क्षेत्र:
इस वर्ग में सम्मिलित भारत के राज्यों में जनघनत्व 300 से 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है। सन् 2011 में असम (397), महाराष्ट्र (365), झारखण्ड (414), गुजरात (308), आन्ध्र प्रदेश (308) तथा कर्नाटक (319) राज्यों के एक बड़े भाग प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे। भारत में महाराष्ट्र तथा गुजरात के अधिकांश भाग झारखण्ड में छोटा नागपुर पठार, तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश के तटीय भाग मध्यम जनघनत्व रखने वाले प्रमुख क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में धरातल की विषमता तथा सिंचाई के लिए जल की कमी के कारण कृषि अधिक विकसित नहीं हो पाई है।
3. निम्न जनघनत्व के क्षेत्र:
इस वर्ग में भारत के वे क्षेत्र सम्मिलित हैं जिनमें जनघनत्व 300 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से कम रहता है। पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थलीय जलवायु के कारण तथा उत्तरी-पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में पर्वतीय धरातल के कारण जनसंख्या का कम घनत्व भिलुता हैंजबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा राज्यों के पैठारी व जनजातीय क्षेत्रों एवं कर्नाटक राज्य के पूर्वी भागों तथा आन्ध्र प्रदेश के मध्यवर्ती भागों में धरातलीय अवरोधों के कारण कृषि का विकास नहीं हो पाया है जो इन क्षेत्रों में विरल जनघनत्व के लिए उत्तरदायी है। भारत में मिलने वाले जनसंख्या घनत्व के इस स्वरूप को अग्र रेखा मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है –
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के स्थानिक प्रतिरूपों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सन् 2010 – 11 के दशक में भारत में जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 17.64% रही। इस दशक के दौरान भारत के विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हुई जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर भारत में अग्रलिखित तीन प्रकार के क्षेत्र मिलते हैं –
1. तीव्र जनसंख्या वृद्धि वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश:
इस वर्ग में 2001 – 11 के दशक के दौरान 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि रखने वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों को सम्मिलित किया जाता है। इस वर्ग में भारत के केवल दो केन्द्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली (55.5 प्रतिशत) तथा दमन-दीव (53.5 प्रतिशत) सम्मिलित रहे।
2. मध्यम जनसंख्या वृद्धि वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश:
इस वर्ग में भारत के वे राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं जिनमें 2001 – 11 के दशक के दौरान जनसंख्या वृद्धि
20 – 30 प्रतिशत में मध्य रही। इनमें मेघालय (27.82%), पाण्डिचेरी (27.72%), बिहार (25.07%), जम्मू-कश्मीर (23.7%), मिजोरम (22.78%), छत्तीसगढ़ (22.59%), झारखण्ड (22.34%), राजस्थान (21.44%), दिल्ली (20.96%), मध्य प्रदेश (20.3%) तथा उत्तर प्रदेश (20.09%) नामक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं।
3. कम जनसंख्या वृद्धि वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश:
इस वर्ग में सन् 2001 – 11 के दशक के दौरान 20 प्रतिशत से कम जनसंख्या वृद्धि रखने वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं जिनमें हरियाणा (19.9%), उत्तराखण्ड (19.17%), गुजरात (19.17%), मणिपुर (18.65%), चण्डीगढ़ (17.1%), असम (16.93%), महाराष्ट्र (15.99%), कर्नाटक (15.67%), तमिलनाडु (35,06%), त्रिपुरा (14.75%), उड़ीसा (1:3.97%), प. बंगाल (1:393%), पंजाब (1373%), हिमाचल प्रदेश (1281), सिक्किम (12.36%) तथा आन्ध्र प्रदेश (11.1%) राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं साथ ही इस वर्ग में भारत के निम्न राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं जिनमें दशकीय जनसंख्या वृद्धि का प्रतिशत 10 से कम है। स्पष्ट है कि भारत में नागालैण्ड एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें सन् 2001 – 11 के दशक में ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि रही।
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | दशकीय जनसंख्या की प्रतिशत वृद्धि |
1. गोवा | + 8.17 |
2. अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह | + 6.68 |
3. लक्षद्वीप | + 6.23 |
4. केरल | + 486 |
5. नागालैण्ड | – 0.47 |
प्रश्न 3.
भारत में तीव्र जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
सन् 1951 के बाद से भारत में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि अनुभव की जा रही है। सन् 1951 में भारत की जनसंख्या 36.1 करोड़ थी जो सन् 2011 में तेजी से बढ़कर 121.02 करोड़ हो गई। वर्तमान में देश की जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर देश की जनसंख्या में प्रति वर्ष लगभग 8 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि हो जाती है। भारत में हो रही इस तीव्र जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव निम्नलिखित हैं –
- निम्न साक्षरता:
भारत में साक्षरता का स्तर निम्न मिलता है। भारत में अभी भी लगभग 27 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर नहीं है यही नहीं भारत में पुरुष साक्षरता की तुलना में महिला साक्षरता बहुत कम मिलती है। - परम्परावादी सोच:
भारत की जनसंख्या का एक बड़ा भाग आज भी रूढ़ियों तथा पुरानी परम्पराओं से ग्रसित है जिसके कारण इस तरह के लोग जन्म निरोध के आधुनिक उपायों को नहीं अपनाते हैं जिससे जन्मदर का ऊँचा स्तर बना रहता है। - संयुक्त परिवार:
भारत के कई क्षेत्रों में आज भी संयुक्त परिवार प्रथा का प्रचलन देखने को मिलता है। संयुक्त परिवार में बच्चे के लालन-पालन का दायित्व माता-पिता पर न होकर सम्पूर्ण परिवार पर होता है। इसी कारण ऐसे दम्पत्ति बच्चों के जन्म को भार नहीं समझते, साथ ही संयुक्त परिवार में लड़के/लड़कियों की विवाह की आयु भी कम होती है। - पुत्र के जन्म को प्राथमिकता:
देश के अधिकांश परिवारों में लड़कियों की तुलना में लड़कों के जन्म को महत्त्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू धर्म में पुत्र को वंश चलाने वाला माना जाता है तथा पुत्र से परिवार को आर्थिक संरक्षण भी प्राप्त होता है। यही कारण है कि कई पुत्रियों के होने के बावजूद पुत्र होने की चाहत में परिवार बच्चे पैदा करते जाते हैं जिससे परिवार का आकार बड़ा हो जाता है। - समाज में महिलाओं की उपेक्षित स्थिति:
समाज में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम सम्मान मिलता है। उन्हें केवल बच्चों के जन्म देने का माध्यम माना जाता है जिससे परिवार बड़ा होता जाता है। - मध्यम नगरीकरण:
भारत की कुल जनसंख्या की 31.16 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में निवास करती है। देश की शेष 68.84 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामों में निवास करती है जो रूढ़िवादी व परम्परावादी होने के कारण छोटे परिवार के महत्त्व को नहीं समझते। यही कारण है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म दर अपेक्षाकृत अधिक मिलती है जो जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।
प्रश्न 4.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत जैसे विकासशील देश में अनियन्त्रित रूप से बढ़ रही जनसंख्या से देश के सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं जिनमें निम्नलिखित सामाजिक-आर्थिक प्रभाव उल्लेखनीय हैं –
- व्यक्ति अपनी भौतिकवादी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंग से विदोहन कर रहा है जिससे प्रकृति में असंतुलन उत्पन्न हो रहे हैं।
- कृषि में कीटनाशकों तथा रासायनिक उर्वरकों की अधिकाधिक प्रयोग वि र जा रहा है जिसके गम्भीर प्रतिकूल प्रभाव मानवीय स्वास्थ्य पर पड़ रहे हैं।
- बढ़ती जनसंख्या के लिए मकानों की आपूर्ति (निर्माण) के लिए कृषि भूमि का उपयोग बढ़ रहा है। घटती कृषि भूमि से देश में खाद्यान्न उत्पादन की समस्या गम्भीर होने का संकट उत्पन्न हो सकता है।
- प्राकृतिक संसाधनों के अति विदोहन से अनेक उन पशु-पक्षी व वन्यजीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है जो पर्यावरण संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- भूमिगत जलस्तर में सतत् रूप से गिरावट आती जा रही है जिससे भविष्य में मानव को गम्भीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण मानव ने उपलब्ध पेयजल का लगभग 70 प्रतिशत भाग प्रदूषित कर दिया है तथा शेष 30 प्रतिशत जल अति प्रदूषित होने के कारण संक्रामक रोगों को फैलाने के लिए उत्तरदायी होता है जिससे भारत में जलजन्य संक्रामक रोगों से प्रतिवर्ष लगभग 15 लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है।
- मानव द्वारा प्रकृति से की जा रही अनावश्यक छेड़छाड़ से अनेक औषधियुक्त पौधे विलुप्त होने के कगार पर हैं।
- वायुमण्डल में भारी मात्रा में कार्बन डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन से जहाँ पृथ्वी के तापमान में वृद्धि (भूमंडलीय तापन) हो रही है साथ ही ग्लेशियरों के पिघलने की दर में बढ़ोत्तरी होने से सागरतल में वृद्धि हो रही है। मानव द्वारा प्रकृति से की जा रही अनावश्यक छेड़छाड़ से मौसम परिवर्तन तथा सागरीय जीव-जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
- वनों के काटने से सूखा, बाढ़ तथा मिट्टी अपरदन की घटनाएँ बढ़ी हैं।
- वाहनों से वायु प्रदूषण तथा शोर प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई है जिसका मानव के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
- कुपोषण व भूख ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ी है।
- आर्थिक विकास की वृद्धि धीमी पड़ी है तथा बेरोजगारी बढ़ी है।
- क्षेत्रवाद, जातिवाद, धर्मवाद की भावना समाज में बढ़ने से कानून व्यवस्था में गिरावट आई है।
- एड्स, यौन रोग, खसरा, चेचक, डेंगू तथा मलेरिया जैसे रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
प्रश्न 5.
भारत में जनसंख्या वृद्धि को नियन्त्रित करने के उपाय बताइए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि को नियन्त्रित करने के निम्नलिखित उपाय हैं –
1. विवाह की आयु में वृद्धि:
भारत सरकार द्वारा कानूनन देश में विवाह के लिए लड़कों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व लड़कियों के लिए 18 वर्ष कर दी है लेकिन इस कानून का खुले आम उल्लंघन किया जा रहा है। यदि भारत में विवाह की इस निर्धारित आयु को और बढ़ा दिया जाए तो इससे साक्षरता में तो वृद्धि होगी ही साथ ही सन्तानोत्पत्ति समय पर नियन्त्रण भी होगा जिससे जनसंख्या वृद्धि कम हो सकती है।
2. उत्पादन में वृद्धि:
कृषि तथा उद्योग के क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि करने से आम व्यक्ति की आय बढ़ती है तथा रहन-सहन का स्तर भी बढ़ता है जिसके परिणामस्वरूप वह भविष्य के लिए लाभकारी योजनाओं का निर्माण करता है। तथा व्यक्तियों का झुकाव छोटे परिवार की ओर बढ़ता है।
3. परिवार कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार:
जनसंख्या वृद्धि नियन्त्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा जनजागरण कार्यक्रमों का संचालन कर छोटे परिवार के महत्त्व की जानकारी प्रत्येक परिवार तक पहुँचाना आवश्यक है। इससे जनसंख्या वृद्धि नियन्त्रण में पर्याप्त सहयोग मिलेगा।
4. शिक्षा का प्रसार:
परिवार कल्याण कार्यक्रमों के समुचित क्रियान्वयन के लिए अधिकाधिक जनसंख्या को साक्षर करना अति आवश्यक है। साथ ही शैक्षणिक स्तर के उन्नयन के लिए यथासम्भव प्रयास किये जाने चाहिए। शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास करते हैं साथ ही छोटे परिवार का महत्त्व समझते हैं। वस्तुतः शिक्षा का प्रसार जनसंख्या नियन्त्रण हेतु प्रभावी उपाय हो सकता है।
भारत जनसंख्या आंकड़े: भारत में जनसंख्या आकार के अनुसार राज्यों की श्रेणी (अवरोही क्रम में) –
तालिका 1. भारत में राज्य वार जनसंख्या आकार (अवरोही क्रम में) सन् 2011 जनसंख्या –
तालिका 2. भारत में केन्द्र शासित प्रदेशों का गुजरात जनसंख्या आकार (अवरोही क्रम में) सन 2011 उड़ीसा 4.19 –
तालिका 3. भारत के राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व (अवरोही क्रम में) –
तालिका 4. भारत के राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में सन 2001-11 के दशक हुई जनसंख्या की प्रतिशत वृद्धि (अवरोही क्रम में) –
जनसंख्या सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य। – केरल (93.91%)
- न्यूनतम साक्षरता वाला राज्य। – बिहार (63.82%)
- सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाला राज्य। – केरल (96.02%)
- न्यूनतम पुरुष साक्षरता वाला राज्य। – बिहार (73.39%)
- सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला राज्य। – केरल (91.98%)
- न्यूनतम महिला साक्षरता वाला राज्य। – राजस्थान (52.66%)
- सर्वाधिक साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश। – लक्षद्वीप (92.28%)
- न्यूनतम साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश। – दादरा एवं नगर हवेली (77.65%)
- सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश। – लक्षद्वीप (96.11%)
- न्यूनतम पुरुष साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश। – दादरा एवं नगर हवेली (86.46%)
- सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश – लक्षद्वीप (88.25%)
- न्यूनतम महिला साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश। – दादरा एवं नगर हवेली (65.93%)