Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 भोजन एवं स्वास्थ्य के अन्तर्सम्बन्ध
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्न को परिभाषित कीजिए –
भोजन, पोषक तत्त्व, पोषक, पोषण स्तर, स्वास्थ्य –
उत्तर:
भोजन (Food):
भोजन वे ठोस एवं तरल पदार्थ हैं जिन्हें हमारा शरीर ग्रहण करता है तथा जो शरीर में जाकर पाचन क्रिया के पश्चात् अवशोषित होकर विभिन्न तरह के शारीरिक व मानसिक कार्यों के लिए काम लिया जाता है।
पोषण तत्त्व (Nutrients):
भोजन के वे अवयव जो शरीर के लिए ऊर्जा, वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक होते हैं, पोषक तत्त्व कहलाते हैं।
पोषण (Nutrition):
वह सम्मिलित प्रक्रिया जिसमें भोजन को ग्रहण किया जाता है उसका पाचन होता है और उपापचय (metabolism) द्वारा शरीर का भाग बनता है, पोषण कहलाती है।
पोषण स्तर (Nutritional Status):
पोषण स्तर शरीर की वह अवस्था है जो कि पोषक तत्त्वों को भोजन द्वारा लेने से व उनके शरीर में उपयोग होने पर निर्भर करता है।
स्वास्थ्य (Health):
स्वास्थ्य केवल बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। WHO के अनुसार स्वास्थ्य सिर्फ रोग या दुर्बलता की अनुपस्थिति ही नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक खुशहाली की स्थिति है।
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य के चतुरायाम बताइए।
उत्तर:
स्वास्थ्य के चतुरायाम हैं –
- शारीरिक स्वास्थ्य
- मानसिक स्वास्थ्य
- सामाजिक स्वास्थ्य
- आध्यात्मिक स्वास्थ्य
प्रश्न 3.
पोषण स्तर के प्रकार बताइए।
उत्तर:
पोषण स्तर के दो प्रकार होते हैं –
- सुपोषण
- कुपोषण
प्रश्न 4.
कुपोषण स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
जब भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी, अधिकता या अनुपस्थिति होती है, तब इसे कुपोषण कहते हैं। कुपोषण की स्थिति में अभाव वाले रोग; जैसे-रक्ताल्पता, सूखा रोग आदि या अति पोषण वाले रोग; जैसे – मोटापा आदि हो सकते हैं। ये दोनों ही स्थितियाँ स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इससे शरीर का समुचित विकास नहीं होता है।
प्रश्न 5.
भोजन एवं स्वास्थ्य के अन्तर्सम्बन्ध को रेखांकित कीजिए।
उत्तर:
भोजन एवं स्वास्थ्य में अन्तर्सम्बन्ध
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए –
प्रश्न 1.
भोजन की आवश्यकता होती है –
(अ) ऊर्जा उत्पादन के लिए
(ब) वृद्धि व विकास के लिए
(स) शरीर की आन्तरिक क्रियाओं के लिए
(द) इन सभी के लिए
उत्तर:
(द) इन सभी के लिए
प्रश्न 2.
भोजन के पोषक तत्त्व हैं –
(अ) कार्बोहाइड्रेट्स
(ब) प्रोटीन्स
(स) खनिज लवण
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
प्रश्न 3.
पोषण स्तर की स्थितियाँ हो सकती हैं –
(अ) दो
(द) तीन
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर:
(अ) दो
प्रश्न 4.
अल्प पोषण से होने वाला रोग है –
(अ) जुकाम
(ब) सूखा रोग
(स) परोसिस
(द) मोटापा
उत्तर:
(ब) सूखा रोग
प्रश्न 5.
अति पोषण का परिणाम है –
(अ) रक्ताल्पता
(ब) सूखा रोग
(स) मोटापा
(द) कमजोरी
उत्तर:
(स) मोटापा
रिक्त स्थान भरिए
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए –
1. ……… शरीर की क्रियाओं का विनियमन करता है और शरीर का संरक्षण भी।
2. भोजन ……… और ………जैसी क्रियाओं द्वारा शरीर में प्रयोग किया जाता है।
3. ……… में अल्प पोषण एवं अति पोषण दोनों सम्मिलित हैं।
4. ………सिर्फ बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है।
5. ………स्वास्थ्य से तात्पर्य व्यक्ति विशेष की समुदाय में सामंजस्य बैठा पाने की क्षमता से है।
उत्तर:
1. भोजन
2. उपचय, अपचय
3. कुपोषण
4. स्वास्थ्य
5. सामाजिक।
सुमेलन स्तम्भ A तथा स्तम्भ B के शब्दों का मिलान कीजिए
स्तम्भ-A स्तम्भ B
1. सहोपकारिता (a) अतिपोषण
2. सोचने की क्षमता (b) सामाजिक स्वास्थ्य
3. धार्मिक सहिष्णुता (c) मानसिक स्वास्थ्य
4. रक्ताल्पता (d) आध्यात्मिक स्वास्थ्य
5. फ्लोरोसिस (e) अल्प पोषण
उत्तर:
1. (b) सामाजिक स्वास्थ्य
2. (c) मानसिक स्वास्थ्य
3. (d) आध्यात्मिक स्वास्थ्य
4. (e) अल्प पोषण
5. (a) अतिपोषण
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जीवित रहने के लिए किन-किन मुख्य पदार्थों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
प्राणवायु, जल और भोजन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
भोजन के घटकं कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन्स, वसा, विटामिन्स, खनिज लवण, जल एवं रेशा।
प्रश्न 3.
पोषक पदार्थ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे पदार्थ जो शरीर का पोषण करते हैं, पोषक पदार्थ कहलाते हैं।
प्रश्न 4.
वे कौन सी क्रियाएँ हैं जिनके द्वारा भोजन को शरीर में आत्मसात किया जाता है?
उत्तर:
चपापचयी क्रियाएँ (Metabolic activities)।
प्रश्न 5.
पोषण स्तर किसके अनुसार निर्धारित होता हैं?
उत्तर:
पोषण स्तर भोजन के ग्रहण करने के अनुसार निर्धारित होता है।
प्रश्न 6.
कुपोषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
ऐसा भोजन ग्रहण करना जिसमें पोषक तत्त्व अनुपस्थित, कम या अधिक हों, कुपोषण कहलाता है।
प्रश्न 7.
कुपोषण के दो प्रभाग कौन-से हैं?
उत्तर:
कुपोषण के दो प्रभाग-अल्प पोषण (Under nutrition) तथा अतिपोषण (Over nutrition) है।
प्रश्न 8.
गलगण्ड (Goiter) रोग किसका कारण है?
उत्तर:
गललण्ड रोग अल्पपोषण का कारण हैं।
प्रश्न 9.
अति पोषण से होने वाली दो व्याधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- मोटापा
- फ्लोरोसिस।
प्रश्न 10.
WHO का पूरा नाम क्या हैं?
उत्तर:
World Health Organization (विश्व स्वास्थ्य संगठन)।
प्रश्न 11.
अच्छे स्वास्थ्य में कौन-कौन से स्वास्थ्य निहित हैं?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आधात्मिक स्वास्थ्य निहित हैं।
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भोजन क्या है? समझाइए।
उत्तर:
भोजन (Food):
भोजन वे ठोस एवं तरल पदार्थ हैं जिन्हें हमारा शरीर ग्रहण करता है तथा जो शरीर में जाकर पाचन क्रिया के पश्चात् अवशोषित होकर विभिन्न प्रकार के शारीरिक व मानसिक कार्यों के लिए काम आता है। सामान्य भाषा में भोजन वह वस्तु है, जिसे हम प्रतिदिन ग्रहण करते हैं एवं यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर के निर्माण में सहायक है।
प्रश्न 2.
भोजन के कार्य बताइए।
उत्तर:
भोजन के कार्य –
- भोजन शरीर को पोषण प्रदान करता है।
- यह शरीर की विभिन्न क्रियाओं हेतु ऊर्जा प्रदान करता है।
- शरीर की वृद्धि एवं विकास में भाग लेता है।
- शरीर की विभिन्न व्याधियों से रक्षा करता है।
प्रश्न 3.
पोषक तत्त्व क्या हैं? समझाइए।
उत्तर:
पोषक तत्त्व (Nutrients):
पोषक तत्त्व, भोजन के वे घटक हैं जो शरीर के लिए अतिआवश्यक होते हैं। ये शरीर में ऊर्जा प्रदान करने, शरीर की वृद्धि एवं शारीरिक गति विधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक हैं। भोजन में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों के नाम हैं- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन्स, वसा, विटामिन्स, खनिज लवण, जल तथा रेशा। ये सभी साथ मिलकर शरीर को पोषण प्रदान करते हैं एवं एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में योगदान देते हैं।
प्रश्न 4.
पोषण को समझाइए।
उत्तर:
पोषण (Nutrition):
पोषण एक विज्ञान है। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा भोजन में उपस्थित विभिन्न पोषक तत्त्व मनुष्यों द्वारा भोजन के माध्यम से ग्रहण करने के पश्चात् चपापचय क्रियाओं में सम्मिलित होकर शरीर द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इसके फलस्वरूप ही पोषक तत्त्व शरीर की वृद्धि करने में, उसे ऊर्जा प्रदान करने में व शरीर को संरक्षण प्रदान करने के काम आते हैं।
RBSE Class 11 Home Science Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पोषण के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए।
अथवा
निम्नलिखित को समझाइएसुपोषण, कुपोषण, अल्प पोषण एवं अति पोषण।
उत्तर:
पोषण के स्तर (Nutritional Status):
पोषण स्तर भोजन के ग्रहण करने के अनुसार निर्धारित होता है। यह शरीर की अवस्था है जो कि पोषक तत्त्वों को भोजन द्वारा लेने से व उनके शरीर में उपयोग होने पर निर्भर है।
पोषण स्तर की दो स्थितियाँ हो सकती हैं –
- सुपोषण तथा
- कुपोषण।
1. सुपोषण:
सुपोषण अर्थात् अच्छा, उचित पोषण स्तर वह स्थिति है, जिसके अन्तर्गत समस्त पोषक तत्त्व, उचित मात्रा में व्यक्ति के आहार में सम्मिलित होते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है।
2. कुपोषण:
कुपोषण अर्थात् एक अनुचित पोषण स्तर वह स्थिति है, जिसके अन्तर्गत आहार में पोषक तत्त्व कम या अधिक या असन्तुलित मात्रा में उपस्थित होते हैं। अत: कुपोषण में अल्प पोषण (Under nutrition) एवं अति पोषण (Over nutrition) दोनों सम्मिलित हैं।
अल्प पोषण:
यह वह स्थिति है, जिसमें आवश्यक पोषक तत्त्व कम मात्रा में आहार में सम्मिलित होते हैं जिसके कारण व्यक्ति कुपोषण से ग्रसित हो जाता है। अल्प पोषण की स्थिति ऊर्जा या किसी एक या कई आवश्यक पोषक तत्त्वों की कमी से उत्पन्न होती है। अल्प पोषण के उदाहरण हैं-रक्ताल्पता (Anaemia), सूखा रोग (Marasmus), गलगण्ड (Goiter) आदि।
अति पोषण:
यह वह स्थिति है जिसके अन्तर्गत एक या कई आवश्यक पोषक तत्त्वों या ऊर्जा की अधिकता के कारण व्यक्ति अति पोषित हो जाता है, और इसके कारण रोगग्रस्त होने लगता है। अति पोषण के उदाहरण हैं – मोटापा, फ्लोरोसिस आदि। सन्तुलित भोजन ग्रहण करने से पोषण स्तर अच्छा होगा, परिणामस्वरूप व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। सन्तुलित भोजन से यह तात्पर्य है कि भोजन, जिसमें हमारी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार सभी पोषक तत्त्व उचित मात्रा में उपस्थित हो सन्तुलित भोजन कहलाता है।
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं? स्वास्थ्य के आयाम समझाइए।
उत्तर:
स्वास्थ्य (Health):
स्वास्थ्य केवल बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य सिर्फ रोग या दुर्बलता की स्थिति ही नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक खुशहाली की स्थिति है। स्वास्थ्य के आयाम अलग-अलग टुकड़ों की भाँति हैं। अत: यदि हम अपने जीवन को कोई अर्थ प्रदान करना चाहते हैं तो हमें स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों को एक साथ अच्छी अवस्था में रखना होगा। अच्छे स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य निहित हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य:
शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की स्थिति को दर्शाता है, जिसमें व्यक्ति की संरचना, विकास, कार्य प्रणाली और रख-रखाव शामिल होता है।
मानसिक स्वास्थ्य:
मानसिक स्वास्थ का अर्थ हमारे भावनात्मक और आध्यात्मिक लचीलेपन से है जो हमें अपने जीवन में दर्द, निराशा और उदासी की स्थितियों में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाता है।
सामाजिक स्वास्थ्य:
सामाजिक स्वास्थ्य से तात्पर्य व्यक्ति विशेष की समुदाय में सामंजस्य बैठा पाने की क्षमता से है। एक सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में परोपकारिता, सहिष्णुता, सचेतता के गुण होते हैं। ऐसे व्यक्ति सदैव प्रसन्न रहते हैं, एवं दूसरों से भी हार्दिक सम्बन्ध बनाए रखते हैं। इस तरह का व्यक्तित्व किसी की सामाजिक स्थिति में सामंजास्य बैठा पाता है एवं यह क्षमता उसके सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक होती है।
आध्यत्मिक स्वास्थ्य:
हमारा अच्छा स्वास्थ्य आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हुए बिना अधूरा है। जीवन के अर्थ और उद्देश्य की तलाश करना हमें आध्यात्मिक बनाता है। प्रार्थना एवं योग के माध्यम से व्यक्ति अपनी आन्तरिक क्षमता एवं ताकत को बनाए रखता है। ऐसे व्यक्ति जीवन की नकारात्मकता की स्थिति में भी अपने चित्र व मस्तिष्क को सदैव शान्त बनाए रखते हैं।
प्रश्न 3.
भोजन एवं स्वास्थ्य में अन्तर्सम्बन्ध समझाइए।
उत्तर:
भोजन एवं स्वास्थ्य में अन्तर्सम्बन्ध:
अच्छा व उत्तम स्वास्थ्य अच्छे भोजन द्वारा ही बनाया जा सकता है। अच्छे भोजन से अभिप्राय है, भोजन में सभी पोषक तत्त्व उचित मात्रा में उपस्थित हों। यदि मूल रूप से समझा जाए तो पोषक तत्त्व ही शरीर को बनाते हैं। समस्त शारीरिक गतिविधियाँ सुचारु रूप से चलती रहें, इसके लिए पोषक तत्त्व अतिआवश्यक हैं। पोषक तत्त्वों के अभाव में पोषण स्तर में गिरावट आती है और व्यक्ति रोग से ग्रसित हो जाता है।
बच्चों में पोषक तत्त्वों की कमी होने के कारण उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा आती है। शारीरिक विकास के धीमे होने या शरीर के रोग ग्रस्त होने से मनुष्य की कार्य – क्षमता में कमी आती है जिसका विपरीत प्रभाव उत्पादन एवं जीविकोपार्जन पर पड़ता है एवं यह पौष्टिक तत्त्वों की उपलब्धता में और अधिक कमी लाता है। यह चक्र इसी प्रकार चलता रहता है।