Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 रंगाई एवं छपाई
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनें –
(i) विकसित रंग, एजोइक रंग, स्वतः प्रत्यक्ष रंग के प्रकार हैं –
(अ) क्रोम रंग
(ब) प्रत्यक्ष रंग
(स) गंधक रंग
(द) क्षारीय रंग
उत्तर:
(ब) प्रत्यक्ष रंग।
(ii) रंजक एवं वर्णक संबंधित है –
(अ) प्राकृतिक रंग
(ब) कृत्रिम रंग
(स) गंधक रंग
(द) संश्लेषित रंग
उत्तर:
(अ) प्राकृतिक रंग।
(iii) बंधेज क्रिया में वस्त्र को रंगा जाता है –
(अ) बाँधकर रंगना
(ब) सीधे रंग में रंगना
(स) दोनों तरीके से
(द) काटकर रंगना
उत्तर:
(अ) बाँधकर रंगना।
(iv) रोलर छपाई में नमूने अंकित होते हैं –
(अ) लकड़ी के ठप्पे पर
(ब) रोलरों पर
(स) दोनों पर
(द) स्क्रीन पर
उत्तर:
(ब) रोलरों पर।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. रंगाई एवं छपाई ……… परिसज्जा की विधि है।
2. प्राकृतिक रंग ………… से प्राप्त होते हैं।
3. कृत्रिम रंग ………… से प्राप्त किए जाते हैं।
4. प्राकृतिक एवं कृत्रिम सैल्युलोज के रेशों से बने वस्त्रों को रंगने हेतु ……… रंग उपयुक्त होते हैं।
5. बाटिक क्रिया में ……… मोम उपयोग में लाते हैं।
उत्तर:
1. रंगों क
2. वनस्पति, प्राणिज एवं खनिज स्रोत
3. कोलतार
4. गंधक
5. रंग से बचाने के लिए।
प्रश्न 3.
संश्लेषित रंग की खोज किसने और कब की?
उत्तर:
संश्लेषित रंग की खोज सन् 1856 में हेनरी विलियम परकीन ने एनीलीन से कुनैन बनाते समय की थी।
प्रश्न 4.
प्राकृतिक रंग किसे कहते हैं? .
उत्तर:
प्राकृतिक रंग (Natural Coloures):
प्राकृतिक स्रोतों से जो रंग प्राप्त होते हैं, उन्हें प्राकृतिक रंग कहते हैं। ये रंग वनस्पति स्रोत, प्राणिज स्रोत, एवं खनिज पदार्थों से प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 5.
रंगों की रंगाई के प्रकार लिखो।
उत्तर:
रंगाई के प्रकार –
1. रेशों की रंगाई:
- टॉप रंगाई
- स्टॉक रंगाई
- ड्रॉप रंगाई।
2. धागे की रंगाई
3. तैयार वस्त्र की रंगाई:
- जिग रंगाई
- क्रास रंगाई
- बाँधकर रंगाई
- रील रंगाई
- संयुक्त रंगाई
- निरन्तर मशीन द्वारा रंगाई
- बाटिक।
प्रश्न 6.
तैयार वस्त्र की रंगाई के कोई 5 तरीकों के नाम लिखो।
उत्तर:
तैयार वस्त्र की रंगाई के तरीके –
- जिग रंगाई,
- क्रास रंगाई,
- बंधक या बाँधकर रंगाई,
- रील रंगाई,
- संयुक्त रंगाई
प्रश्न 7.
द्विपक्षी छपाई क्या है?
उत्तर:
द्विपक्षी छपाई – यह छपाई की वह विधि है, जिसमें वस्त्र के दोनों ओर रंग युक्त नमूने एक साथ छपते हैं।
प्रश्न 8.
रंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं? रंग के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
रंग परिसज्जा – वस्त्र को विभिन्न प्रकार के रंगों से रंगकर सुन्दर, आकर्षक एवं कांतिमय बनाने की प्रक्रिया रंग परिसज्जा कहलाती है।
रंगों के प्रकार – रंग निम्न प्रकार के होते हैं –
प्रश्न 9.
निम्न पर टिप्पणी लिखो
1. रंजक व वर्णक
2. क्रास रंगाई
3. द्विपक्षी छपाई
उत्तर:
1.रंजक (Dyes):
ये जल में घुलनशील पदार्थ होते हैं। इनसे आसानी से वस्त्रों को रंगा जा सकता है। ये महंगे होते हैं। ये वस्त्र के तन्तुओं के भीतर प्रवेश करके आत्मसात होते हैं।
वर्णक (Pigments):
ये जल में अघुलनशील पदार्थ होते हैं और ये रेशों को ऊपरी सतह पर चिपक जाते हैं। वर्णक से वस्त्र को रंगने के लिए किसी न किसी प्रकार का चिपकाने वाला पदार्थ लगाया जाता है।
2. क्रॉस रंगाई (Cross dyeing):
यह विधि दो या दो से अधिक रेशों से निर्मित वस्त्र को रंगने के लिए उपयोग में ली जाती है। रेशों में विभिन्नता के कारण एक वस्त्र में, रंगने पर रंगों के प्रति रेशों की सादृश्यता के अनुसार रंग – शेड प्राप्त होते हैं। कभी-कभी मिश्रित रेशों से बने वस्त्र को अलग-अलग रेशों में एक के बाद एक डाला जाता है। रेशों की सादृश्यता के अनुसार विभिन्न शेड में वस्त्र रंगा जाता है। इस प्रकार एक ही वस्त्र विभिन्न रंगों में रंग कर सुन्दर, आकर्षक एवं उपभोक्ता की मांग के अनुसार तैयार हो जाता है।
3. द्विपक्षी छपाई (Duplex Printing):
इस प्रकार की छपाई में वस्त्रों के दोनों ओर एक समान छपाई होती हैं। इसमें वस्त्रों में बुने हुए नमूने जैसा प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। वस्त्र को बेलन छपाई मशीन में से या तो दो बार निकाला जाता है या डुप्लैक्स छपाई में से एक बार गुजारा जाता है। इस विधि में वस्त्र के दोनों ओर नमूने की स्पष्ट रूपरेखा अंकित हो जाती है। यह छपाई इतने कुशल कारीगरों द्वारा की जाती है कि वस्त्र पर बुने हुए नमूने जैसा प्रभाव उत्पन्न हो जाता है।
प्रश्न 10.
रंगाई विधि द्वारा परिसज्जा कैसे की जाती है? बंधेज एवं बटिक परिसज्जा को समझाओ।
उत्तर:
रंगाई द्वारा परिसज्जा:
अधिकांश वस्त्रों को रंगने के लिए वस्त्र को रंग का घोल बनाकर उसमें डाला जाता है। अलग रंगों एवं रंगाई विधि से आकर्षक सुन्दर वस्त्र तैयार किए जाते हैं। वस्त्रों की छपाई करने से पहले भी पृष्ठभूमि रंगीन बनाने के लिए भी इसी विधि से रंगाई कार्य किया जाता है।
बाँधकर रंगना या बंधेजरंगाई (Tie and dye process):
इस विधि को बंधेज या बाँधनी भी कहते हैं। राजस्थान एवं काठियावाड़ की कला इस विधि का उदाहरण है। जयपुर की बाँधनी एवं गुजरात का पटोला प्रसिद्ध है। इस विधि में रंगने के लिए सर्वप्रथम वस्त्र पर नमूना अंकित कर लिया जाता है। अंकित नमूनों पर धागों को कस कर बाँध दिया जाता है। फिर उसे रंग में डुबोया जाता है। धागे से बंधा भाग रंगने से बच जाता है। शेष स्थानों पर रंग चढ़ जाता है। वस्त्रों को कई रंगों में रंगने के लिए पहले हल्के रंग में रंगा जाता है। फिर सूखने के उपरांत नमूने के अनुसार पुन: बाँधकर उसे रंग अर्थात् अलग-अलग रंगों में रंगा जाता है।
बटिक (Batik):
इस विधि में पहले वस्त्र पर नमूना अंकित करते हैं। वस्त्र पर नमूने के अनुसार जो भाग रंग से बचाना है उस भाग पर ब्रश की सहायता से गर्म मोम की सतह लगाकर सुखाया जाता है। मोम सूखने पर वस्त्र को रंग के घोल में डुबोया जाता है। मोम लगे स्थान को छोड़कर शेष स्थान पर रंग चढ़ जाता है। इस क्रिया में मोम सूखने व वस्त्र को रंगने के दौरान कई स्थानों पर चटक जाता है और चटके स्थान पर रंग भी चढ़ जाता है। दूसरे रंग में रंगने के लिए वस्त्र पर सूखने के बाद पुन: मोम लगाया जाता है। फिर पुन: रंगा जाता है। अब वस्त्र को सुखाकर मोम को गर्म पानी से हटा दिया जाता है। इस प्रकार से सुन्दर एवं आकर्षक रंगाई की जाती है।
प्रश्न 11.
छपाई किसे कहते हैं? निम्न पर टिप्पणी लिखो –
1. ठप्पा छपाई,
2. स्क्रीन छपाई,
3. स्प्रे प्रिटिंग
उत्तर:
छपाई (Printing):
छपाई का तात्पर्य है, कपड़े पर नमूने (Design) बनाना। वस्त्र पर आकार एवं आकृति के अनुसार रंग के नमूने तैयार करना छपाई कहलाती है। छपाई के लिए नमूने युक्त सैम्पल के अनुसार रंग संयोजन किया जाता है। छपाई क्रिया के लिए रंग का अर्द्धतरल पेस्ट तैयार किया जाता है। विभिन्न रंगों युक्त छपाई हेतु रंगों के अनुसार डिजाइन के अलग-अलग सैम्पल लेते हैं। छपाई की विभिन्न विधियों में से किसी भी विधि का प्रयोग करते हुए रंगों के सैम्पल डिजाइन से छपाई करते हैं। तत्पश्चात वस्त्र का रंग सुखाते हैं एवं पक्का करते हैं।
1. ठप्पा छपाई (Block Printing):
इस प्रकार की छपाई के लिए नमूने लकड़ी या धातु पर बनाए जाते हैं। कपड़े को गद्देदार सतह पर फैला दिया जाता है। रंग अर्द्धतरल पेस्ट के रूप में नमूने युक्त लकड़ी या धातु पर लगाकर उसे वस्त्र की सतह पर निश्चित स्थान पर जोर से हाथ से दबाया जाता है। रंग सूखने के बाद अलग रंग हेतु ठप्पा लगाते हैं।
2. स्क्रीन छपाई (Screen Printing):
इस विधि में विशेष फ्रेम (स्क्रीन) जिसके रंग नहीं लगाने वाले भाग को अवरोधक पदार्थ से ढक दिया जाता है। इस प्रकार फ्रेम तैयार होने के पश्चात इस फ्रेम को वस्त्र पर रखकर सावधानीपूर्वक रंग का पेस्ट लगाते हैं। अवरोधक पदार्थ के ढके स्थान पर रंग नहीं जाता है। शेष स्थान पर रंग स्क्रीन को पार करके वस्त्र पर लग जाता है और इस प्रकार नमूना वस्त्र पर अंकित होता है।
3. स्प्रे प्रिंटिंग या फुहार छपाई (Spray Printing):
इसमें मशीन एयर ब्रश या हाथ से ब्रश द्वारा वस्त्र पर डिजाइन के अनुसार रंग की फुहार की जाती है।
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही उत्तर का चयन कीजिए –
प्रश्न 1.
रंगाई की प्रक्रिया की जाती है –
(अ) रेशों पर
(ब) धागों पर
(स) तैयार वस्त्र पर
(द) इन सभी पर
उत्तर:
(द) इन सभी पर
प्रश्न 2.
छपाई से सम्बन्धित नहीं है –
(अ) ब्लॉक
(ब) रंग
(स) रेशे
(द) मोम
उत्तर:
(स) रेशे
प्रश्न 3.
क्रॉस रंगाई की जाती है –
(अ) सूती वस्त्र पर
(ब) कॉटस बल पर
(स) रेशम पर
(द) रेयॉन पर
उत्तर:
(ब) कॉटस बल पर
प्रश्न 4.
वर्णक है –
(अ) घुलनशील रंग
(ब) अघुलनशील रंग
(स) चिपकाने वाला पदार्थ
(द) बिखरने वाले रंग
उत्तर:
(ब) अघुलनशील रंग
प्रश्न 5.
वस्त्र की रंगाई के लिए अम्लीय रंग उपयुक्त है –
(अ) कपास
(ब) लिनन
(स) ऊन
(द) रेयॉन
उत्तर:
(स) ऊन
रिक्त स्थान भरिए –
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरिए –
1. सेल्युलोजिक रेशों से बने वस्त्रों को रंगने के लिए ………… रंग उपयुक्त होते हैं।
2. ……… रंग जल में बहुत कम मात्रा में घुलते हैं।
3. द्विपक्षी छपाई में नमूने वस्त्र के ……… छापे जाते हैं।
4. स्क्रीन बनाने के लिए रेशम या नायलॉन के वस्त्र को ……… में कसा जाता है।
5. स्टैंसिल छपाई ………… छपाई का लघु रूप है।
उत्तर:
1. गंधक
2. बिखरने वाले
3. दोनों ओर
4. लकड़ी के छोटे फ्रेम
5. स्क्रीना
सुमेलन
स्तम्भ A तथा स्तम्भ B का मिलान कीजिए –
स्तम्भA स्तम्भ B
1. रंजक (a) अघुलनशीन पदार्थ
2. वर्णक (b) उदासीन रंग
3. बाटिक (c) घुलनशील पदार्थ
4. कपास (d) बंधेज
5. बाँधनी (e) मोम
उत्तर:
1. (c) घुलनशील पदार्थ
2. (a) अघुलनशीन पदार्थ
3. (e) मोम
4. (b) उदासीन रंग
5. (d) बंधेज
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वस्त्र परिसज्जा की सर्वाधिक आकर्षक विधि कौन-सी है?
उत्तर:
वस्त्र परिसज्जा की सर्वाधिक आकर्षक विधि रंगाई एवं छपाई है।
प्रश्न 2.
घुलनशीलता के आधार पर रंग के प्रकार बताइए।
उत्तर:
घुलनशीलता के आधार पर रंग, रंजक, वर्णक, प्रत्यक्ष रंग, बिखरने वाले, मोरडेन्ट, गंधक व वाटरेज होते हैं।
प्रश्न 3.
प्राप्ति स्रोत के आधार पर रंगों के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
प्राप्ति स्रोत के आधार पर रंग दो प्रकार के होते हैं –
प्राकृतिक रंग एवं कृत्रिम या संश्लेषित रंग।
प्रश्न 4.
रंगहीन रंग का प्रयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
रंगहीन रंग का प्रयोग विरंजन के समय किया जाता है।
प्रश्न 5.
गंधक रंग किस प्रकार के रेशों को रंगने के काम आते हैं?
उत्तर:
गंधक रंग प्राकृतिक एवं कृत्रिम सैल्युलोज रेशों को रंगने के लिए काम आते हैं।
प्रश्न 6.
क्षारीय रंग किस प्रकार के वस्त्रों को रंगने में प्रयुक्त होते हैं?
उत्तर:
क्षारीय रंग ऊनी, रेशमी एवं सैल्यूलोजिक वस्त्रों को रंगने में प्रयुक्त होते हैं।
प्रश्न 7.
दो वनस्पतिज रंगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- कत्था
- हल्दी।
प्रश्न 8.
दो खनिज रंगों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- क्रोम पीला,
- पर्शियन ब्लू।
प्रश्न 9.
दो प्राणिज रंगों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- कॉक निपल रंग
- टाटा रियल।
प्रश्न 10.
स्टॉक रंगाई क्या है –
उत्तर:
रंगाई की इस विधि में रेशों को बड़े-बड़े टैंकों में डालकर उच्च तापक्रम की उपस्थित में रंगा जाता है।
प्रश्न 11.
पटोला किस राज्य की रंगाई के रूप में प्रसिद्ध है?
उत्तर:
गुजरात में।
प्रश्न 12.
जयपुर की कौन-सी रंगाई प्रसिद्ध है?
उत्तर:
बाँधनी।
प्रश्न 13.
छपाई की दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- ठप्पा छपाई,
- स्क्रीन छपाई।
प्रश्न 14.
एयर ब्रश का प्रयोग कहाँ होता है?
उत्तर:
एयर ब्रश का प्रयोग स्प्रे प्रिंटिंग में होता है।
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रंगाई की विभिन्न अवस्थाओं का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
जिग रंगाई का विवरण दीजिए।
उत्तर:
जिग रंगाई-जिग यंत्र की सहायता से कपड़े के धागों एवं बंडल को गाइड रोल पर चढ़ाकर रंगा जाता है। इन रोलों के माध्यम से थोड़े-थोड़े समय अन्तराल पर वस्त्र को बार-बार रंग में डुबाया जाता है। इस प्रकार कम समय में किसी भी रंग सेड्स से वस्त्र को रंगा जा सकता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित का संक्षिप्त विवरण दीजिए –
1. रील रंगाई
2. संयुक्त रंगाई
3. निरन्तर मशीन द्वारा रंगाई
उत्तर:
- रील रंगाई – हल्के वजन के वस्त्रों के दोनों सिरे सील करके रील को माध्यम बनाकर रंग के घोल में वस्त्र. बार-बार डुबाया जाता है।
- संयुक्त रंगाई – यह विभिन्न वर्ग के रेशों से निर्मित वस्त्र को समान रूप से रंगने की विधि है।
- निरंतर मशीनद्वारा रंगाई-लम्बे एवं बड़े वस्त्रों को रंगने का कार्य मशीन द्वारा किया जाता है। इसमें रंगने से लेकर सूखने तक का समस्त कार्य मशीन द्वारा ही होता है।
प्रश्न 4.
रोलर छपाई का विवरण दीजिए।
उत्तर:
रोलर छपाई:
इस विधि में बड़े-बड़े रॉलरों पर नमूने उभारे जाते हैं और जब वस्त्र इन रोलरों के बीच से गुजरता है तो उससे नमूने उभर जाते हैं। अलग-अलग रेशों के लिए अलग-अलग रोलर लगाए जाते हैं। इससे कम समय में हजारों मीटर वस्त्र पर विभिन्न रंगों युक्त नमूने अंकित हो जाते हैं।
प्रश्न 5.
द्विपक्षी एवं बटाय छपाई क्या है?
उत्तर:
द्विपक्षी छपाई – यह वस्त्र छपाई की वह विधि है जिसमें वस्त्र के दोनों ओर एक साथ नमूने अंकित किए जाते हैं। बतीय छपाई-छपाई की इस विधि द्वारा वस्त्र की पृष्ठभूमि एवं वस्त्र पर नमूने एक साथ छपते हैं।
RBSE Class 11 Home Science Chapter 23 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रंगों के प्रकार उनकी उपादेयता समझाते हुए लिखिए।
उत्तर:
रंगों के प्रकार – रंग मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं –
1. प्राकृतिक रंग
2. कृत्रिम या संश्लेषित रंग
1. प्राकृतिक रंग:
प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होने वाले रंग प्राकृतिक रंग कहलाते हैं। ये रंग वनस्पति स्रोत, प्राणिज स्रोत एवं खनिज पदार्थों से प्राप्त होते हैं।
2. कृत्रिम अथवा संश्लेषित रंग:
सन् 1856 में इन रंगों की खोज हेनरी विलियम परकीन ने एनीलीन से कुनैन बनाते समय की थी। इन्हें कोलतार रंग भी कहा जाता है। ये रंग निम्न प्रकार के होते हैं –
- अम्लीय रंग – ऊनी एवं रेशमी वस्त्रों एवं कृत्रिम तन्तुओं की रंगाई के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनसे सूती वस्त्र नहीं रंगे जाते हैं।
- क्षारीय रंग- ऊनी, रेशमी एवं सेल्युलोज से निर्मित तन्तुओं को रंगने के लिए उपयोगी होते हैं।
- ऑक्सीकारक रंग-ये काले एवं भूरे रंगों में उपलब्ध होते हैं। ये मुख्यत: सूती वस्त्रों को रंगने में उपयोगी होते हैं किन्तु रेशमी एवं एसीटेट वस्त्रों को भी रंगा जा सकता है।
- क्रोम रंग – वस्त्र पर सबसे अधिक पक्के रंग होते हैं। अम्लीय रंग से ऊनी वस्त्र को रंगने के बाद रंग पक्का करने हेतु क्रोमेट घोल उबाला जाता है।
- प्रत्यक्ष रंग – इनसे रंगने के लिए बंधक की आवश्यकता नहीं होती। ये तीन प्रकार के होते हैं-स्वतः प्रत्यक्ष रंग, विकसित रंग, एजोइक रंग।
- गंधक रंग – प्राकृतिक एवं कृत्रिम सेल्युलोज रेशों के लिए काम में आने वाले रंग होते हैं।
- प्रसारित रंग – इनका प्रयोग नायलॉन, एक्रीलिक, पॉलिस्टर आदि वस्त्रों एवं सेल्युलोज तंतुओं को रंगने के लिए किया जाता है।
- रंगहीन रंग – इनका प्रयोग विरंजन के समय किया जाता है।
- नेप्थोल रंग – नायलॉन, पॉलिस्टर, सूती एवं रेयॉन के तन्तुओं को रंगने वाले गहरे एवं पक्के रंग होते हैं। इनसे रंगने के लिए बंधकों का प्रयोग किया जाता है।
- बाढ़ रंग – इनसे सूती, लिनन, रेयान तंतुओं को रंगा जाता है। बंधकों के साथ नायलॉन, पॉलिम्टर एवं एक्रीलिक वस्त्रों को भी रंगा जा सकता है। ये महंगे एवं अघुलनशील होते हैं।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक रंगों का उदाहरण सहित वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रंगों को रंजक एवं वर्णक के रूप में जाना जाता है।
प्रश्न 3.
रेशों और धागों की रंगाई के लिए प्रयुक्त प्रमुख विधियाँ लिखिए।
उत्तर:
रेशों की रंगाई:
इसे कच्चे माल की रंगाई कहा जाता है। रेशों की रंगाई से रंग पक्का, टिकाऊ, ज्यादा गहराई तक एवं सभी स्थानों पर समान रूप से चढ़ता है। यह निम्नलिखित तीन प्रकार से होती हैं –
- टॉप रंगाई – बस्टेंड ऊनी रेशों को कंघी के पश्चात्, चरखियों पर लपेटकर, चरखियों सहित रंगा जाता है।
- ड्रॉप रंगाई – कृत्रिम रेशों को तैयार करते समय रसायनों के घोल में रंग डालकर स्पिनरेट के छिद्रों से निकालकर रंगीन तंतु बनाए जाते हैं।
- स्टॉक रंगाई – इस रंगाई के लिए रेशों को बड़े – बड़े टैंकों में डालकर उच्च तापक्रम की उपस्थिति में रंगा जाता है।
धागों की रंगाई-धागों की लच्छियों को छड़ (Rod) पर लटकाकर रंग के टैंक में फिट करके रंग में घुमाया जाता है। यह रंगाई भी पक्की कहलाती है।