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Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 3 जनसंख्या: वितरण, घनत्व एवं वृद्धि
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विश्व में दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है?
(अ) चीन
(ब) भारत
(स) इण्डोनेशिया
(द) यू.एस.ए.
प्रश्न 2.
संसार का सबसे बड़ा जनसमूह निवास करता है?
(अ) यूरोप
(ब) एशिया
(स) अफ्रीका
(द) दक्षिणी अमेरिका
प्रश्न 3.
विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्वं किस देश में है?
(अ) बांग्लादेश
(ब) भारत
(स) चीन
(द) ताइवान
प्रश्न 4.
जनसंख्या घनत्व में कार्पिक घनत्व यानि कृषि क्षेत्रीय घनत्व है –
(अ) जनसंख्या ÷ कुल क्षेत्रफल
(ब) कुल जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्र
(स) कृषक जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्र
(द) जनसंख्या ÷ संसाधन
प्रश्न 5.
उत्तरी अमेरिका में जनसंख्या प्रवास किस महाद्वीप से सर्वाधिक हुआ है?
(अ) एशिया
(ब) यूरोप
(स) दक्षिणी अमेरिका
(द) अफ्रीका
प्रश्न 6.
सन् 2015 के अनुसार विश्व का जनसंख्या घनत्व है?
(अ) 57
(ब) 42
(स) 47
(द) 55
प्रश्न 7.
विश्व में सन 2025 तक अनुमानित जनसंख्या कितनी होगी?
(अ) 781.8 करोड़
(ब) 903.6 करोड़
(स) 886.9 करोड़
(द) 960.6 करोड़
उत्तरमाला:
1. (ब), 2. (ब), 3. (अ), 4. (ब), 5. (ब), 6. (स), 7. (अ)
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 8.
सन 2013 में विश्व की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर:
सन् 2013 में विश्व की जनसंख्या 714 करोड़ थी।
प्रश्न 9.
उत्तरी अमेरिका में जनसंख्या का सर्वाधिक संकेन्द्रण किस प्रदेश में है?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका में जनसंख्या का सर्वाधिक संकेन्द्रण इसके उत्तर-पूर्वी भाग (महान झील समूह क्षेत्र) में है।
प्रश्न 10.
उत्तरी गोलार्द्ध में विश्व की कितने प्रतिशत जनसंख्या रहती है?
उत्तर:
उत्तरी गोलार्द्ध में विश्व की 85 प्रतिशत जनसंख्या रहती है।
प्रश्न 11.
प्रवास के कारण किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक हुई है?
उत्तर:
प्रवास के कारण उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि हुई है।
प्रश्न 12.
विगत 350 वर्षों में विश्व की जनसंख्या कितना गुना बढी है?
उत्तर:
सन् 1650 से 2015 की समयावधि में विश्व की जनसंख्या में लगभग 13 गुना वृद्धि हुई है।
प्रश्न 13.
जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त के अनुसार भारत कौन-सी अवस्था में आता है?
उत्तर:
जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त के अनुसार भारत तृतीय अवस्था में आता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 14.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारकों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारकों में मुख्यत: कृषि, खनिज, नगरीकरण, औद्योगीकरण व परिवहन-प्रारूप को शामिल किया जाता है। जिन क्षेत्रों में कृषि हेतु आदर्श दशा होने से भोजन प्राप्ति हेतु फसलों की सुलभता होती है, वहाँ जनसंख्या अधिक मिलती है, जबकि विपरीत स्थिति वाले क्षेत्रों में जनसंख्या कम मिलती है। खनिजों की सान्द्रता अधिक जनसंख्या को, जबकि विरलता कम जनसंख्या वितरण हेतु उत्तरदायी होती है। क्षेत्र की नगरीय स्थिति व उसमें उद्योगों की संख्या या स्थिति जनसंख्या के अधिक वितरण को दर्शाते हैं। इसकी विपरीत स्थिति वाले क्षेत्र जनसांख्यिकीय दृष्टि से विरलता को दर्शाते हैं।
प्रश्न 15.
जनसंख्या घनत्व ज्ञात करने की प्रमुख विधियों के सूत्र लिखिए।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व ज्ञात करने की प्रमुख विधियों के अनुसार गणितीय, आर्थिक, कार्यिक, कृषि व पोषण घनत्व निम्नानुसार ज्ञात करते हैं –
- गणितीय घनत्व = किसी राष्ट्र/क्षेत्र की कुल जनसंख्या ÷ सम्बन्धित राष्ट्र/क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल यः जनसंख्या ÷ कुल क्षेत्रफल।
- आर्थिक घनत्व = कुल जनसंख्या ÷ कुल संसाधन
- कार्यिक घनत्व = कुल जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्र
- कृषि घनत्व = कृषक जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्रफल
- पोषण घनत्व = जनसंख्या ÷ भोज्य फसलों का क्षेत्रफल
प्रश्न 16.
विश्व में जनसंख्या संकेन्द्रण के प्रमुख क्षेत्र बताइए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या का संकेन्द्रण मुख्यतः उन क्षेत्रों में अधिक हुआ है, जो जलवायु की दृष्टि से अनुकूल, उपजाऊ मृदा, सुगम जल उपलब्धता, परिवहन सुविधा की दृष्टि से उपयुक्त हैं। ऐसे क्षेत्रों में मुख्यतः नदी घाटियों व नदी निर्मित मैदानी भागों व झील समूह क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
अधिक जनसंख्या संकेन्द्रण मुख्यतः चीन में सिक्यांग, यांग्टिसिक्यांग नदी के मैदानी भागों, भारत में गंगा-यमुना के मैदानी भाग, पाकिस्तान में सतलज-सिन्धु के मैदान, जापान में क्वाण्टो के मैदान, उत्तरी अमेरिका में पाँच झीलों के समूह क्षेत्र, इण्डोनेशिया में आदर्श स्वरूप वाले द्वीपों, बांग्लादेश में नदी निर्मित मैदानी क्षेत्र व अफ्रीका में नाइजीरिया व घाना का क्षेत्र जनसंख्या संकेन्द्रण के प्रमुख क्षेत्र हैं।
प्रश्न 17.
जनसंख्या वृद्धि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी भौगोलिक क्षेत्र की जनसंख्या के आकार में एक निश्चित समय में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। जनसंख्या में परिवर्तन की यह प्रक्रिया धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों प्रारूपों में हो सकती है, किन्तु वर्तमान में विश्व के अधिकांश देशों में धनात्मक परिवर्तन का स्वरूप ही अधिक देखने को मिल रहा है। जनसंख्या वृद्धि को कुल संख्या अथवा प्रतिशत दोनों के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। जनसंख्या की कुल वृद्धि अथवा निरपेक्ष वृद्धि को ज्ञात करने के लिए विगत जनगणना वर्ष अथवा जनगणना की जनसंख्या को वर्तमान वर्ष अथवा जनगणना की संख्या में से घटाया जाता है और वृद्धि स्पष्ट की जाती है।
प्रश्न 18.
जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त की अवस्थाओं का वर्णन कीजिए। उत्तर–जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त की पाँच अवस्थाएँ हैं, जिनका वर्णन निम्नानुसार है –
- प्रथम अवस्था: इसे उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु दर वाली अवस्था भी कहते हैं। इस अवस्था में जनसंख्या वृद्धि की दर मन्द होती है। विश्व में इस प्रकार की अवस्था वाले देशों में जीवन निर्वाहन कृषि पर निर्भर मिलता है।
- द्वितीय अवस्था: इस अवस्था में जन्म व मृत्यु दर दोनों उच्च होती हैं, परन्तु स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के कारण मृत्यु दर गिरती हुई मिलती है।
- तृतीय अवस्था: इस अवस्था में उच्च जन्म दर एवं मध्यम मृत्यु दर मिलती है। इस अवस्था में जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ती है।
- चतुर्थ अवस्था: इस अवस्था में जन्म दर मध्य व मृत्यु दर निम्न मिलती है।
- पंचम अवस्था: इस अवस्था में निम्न जन्म दर और निम्न मृत्यु दर होती है। ऐसी अवस्था में जनसंख्या के घट जाने का डर रहता है। इस अवस्था में आने पर राष्ट्रों की मानव शक्ति कमजोर हो जाती है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 19.
विश्व में जनसंख्या घनत्व वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या घनत्व वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नानुसार हैं।
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले इन सभी कारकों को संक्षिप्त वर्णन निम्नानुसार है –
(अ) भौतिक कारक-भौतिक कारकों में स्थिति, जल उपलब्धता, जलवायु व मृदाएँ शामिल हैं –
- स्थिति: जनसंख्या वितरण पर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विश्व की अधिकांश जनसंख्या शीतोष्ण कटिबन्धीय प्रदेशों में निवास करती है। लोग समतल मैदानों और मन्द ढालों पर बसने को प्राथमिकता देते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन के विकास में बाधक होते हैं इसलिए प्रारम्भ से कृषि और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते हैं। अत: इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है।
- जल की उपलब्धता:लोग उन क्षेत्रों में बसना चाहते हैं, जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है, यही कारण है कि विश्व की महान नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।
- जलवायु: अति उष्ण अथवा ठण्डे मरुस्थलों की कठोर जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती है। अधिक वर्षा अथवा विषम जलवायु वाले क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है। भूमध्यसागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण प्रारम्भिक काल से ही अधिक बसे हुए क्षेत्र हैं।
- मृदाएँ: उपजाऊ मृदाएँ कृषि तथा इससे सम्बन्धित क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसलिए उपजाऊ मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बनती हैं।
(ब) आर्थिक कारक: आर्थिक कारकों में खनिज, नगरीकरण व औद्योगीकरण को शामिल किया जाता है –
- खनिज-खनिज जमावों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकर्षित करते हैं। खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करती हैं। अतः अकुशल तथा कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं। अफ्रीका की कटंगा ताँबा पेटी इसका एक अच्छा उदाहरण है।
- नगरीकरण: नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। अच्छी नगरीय सुविधाएँ तथा नगरीय जीवन का आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचते हैं।
- औद्योगीकीकरण: औद्योगीकीकरण, बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। इनमें केवल कारखानों के श्रमिक ही नहीं होते बल्कि परिवहन परिचालक, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले भी होते हैं। जापान का कोबे-ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।
(स) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक: कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्त्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं। ठीक उसी प्रकार लोग उन क्षेत्रों को छोड़कर चले जाते हैं जहाँ सामाजिक और राजनैतिक अशान्ति होती है। कई बार सरकारें लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र में बसने अथवा भीड़-भाड़ वाले स्थानों में चले जाने के लिए प्रोत्साहन देती हैं।
प्रश्न 20.
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से विश्व की जनसंख्या को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या का घनत्व प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाता है। विश्व के जिन क्षेत्रों में जनसंख्या का वितरण अधिक मिलता है, वहाँ जनघनत्व भी अधिक पाया जाता है। सम्पूर्ण विश्व में जनसंख्या घनत्व का स्तर भारी विषमताओं को दर्शाता है। विश्व में कहीं जनघनत्व 1 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है, तो कहीं पर 7797 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी। इन विविधताओं के आधार पर विश्व को जनघनत्व की दृष्टि से मुख्यतः निम्नलिखित भागों में बाँटा गया है –
- अत्यधिक जनघनत्व वाले क्षेत्र
- अधिक जनघनत्व वाले क्षेत्र
- सामान्य जनघनत्व वाले क्षेत्र
- कम जनघनत्व वाले क्षेत्र
- प्रायः जनविहीन क्षेत्र
1. अत्यधिक जनघनत्व वाले क्षेत्र:
इस श्रेणी में उन क्षेत्रों को शामिल किया जाता है, जिनमें जनसंख्या घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक मिलता है। इसके अन्तर्गत विश्व के तीन जनसंख्या समूहों को शामिल किया जाता है, जिसमें पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी एशिया, पश्चिमी व मध्यवर्ती यूरोप तथा उत्तर-पूर्वी अमेरिका शामिल हैं। इसके अलावा एशिया के सागर तटीय भागों, यूरोप की औद्योगिक पेटी में भी जनघनत्व अत्यधिक मिलता है।
2. अधिक जनघनत्व वाले क्षेत्र:
विश्व में ऐसे क्षेत्र जिनमें जनसंख्या घनत्व 101-250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है, उन्हें इस श्रेणी में शामिल किया जाता है। इसमें मुख्यत: अत्यधिक जनघनत्व वाले क्षेत्रों के सीमान्त क्षेत्र आते हैं। दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी व पूर्वी यूरोप, मध्य-उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका के तटवर्ती भाग, अफ्रीका के तटवर्ती भाग, दक्षिण-पूर्वी एशिया के आन्तरिक भाग, उत्तर-पश्चिमी चीन, मध्यवर्ती भारत, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया इस घनत्व वर्ग में शामिल हैं।
3. सामान्य जनघनत्व वाले क्षेत्र:
विश्व के ऐसे क्षेत्र जिनमें जनसंख्या घनत्व 11-100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है, उन्हें इस वर्ग में शामिल करते हैं। इसमें एशिया, अफ्रीका तथा उत्तरी अमेरिका के घास क्षेत्र शामिल किये जाते हैं। इन क्षेत्रों में अस्थाई कृषि, पशुचारण, वानिकी व मरुस्थलों के निकट के कृषि क्षेत्र शामिल हैं।
4. कम जनघनत्व वाले क्षेत्र:
विश्व के जिन क्षेत्रों में जनघनत्व 6-10 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मिलता है, उन्हें इस श्रेणी में शामिल किया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में सूडान, लीबिया, मालागासी, कनाडा, उत्तरी अर्जेण्टीना, पेरू, इक्वाडोर, पश्चिमी साइबेरिया, बोर्नियो आदि क्षेत्र शामिल हैं।
5. प्रायः जनविहीन क्षेत्र:
विश्व के वे क्षेत्र जिनमें जनसंख्या घनत्व 5 व्यक्ति या इससे कम मिलता है, उन्हें प्रायः जनविहीन क्षेत्रों की श्रेणी में शामिल किया जाता है। पृथ्वी के स्थलीय भाग का लगभग 70% भाग इसी वर्ग में आता है। ऐसे क्षेत्रों में टुण्ड्रा प्रदेश, भूमध्यरेखीय प्रदेश (अति उष्ण आर्द्र), अति शुष्क प्रदेश (मरुस्थलीय क्षेत्र) व उच्च पर्वतीय प्रदेशों को शामिल किया गया है। विश्व में मिलने वाले जनसंख्या घनत्व के इसी वर्गीकरण प्रतिरूप को निम्नांकित मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है।
प्रश्न 21.
विश्व में जनसंख्या की वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या की वृद्धि प्रादेशिक विषमताओं को दर्शाती है। पृथ्वी पर मानव का आविर्भाव लगभग 10 लाख वर्ष पूर्व हुआ था। तब से ही विश्व की जनसंख्या में निरन्तर परिवर्तन होता रहा है। जनसंख्या वृद्धि के अध्ययन को मुख्यतः निम्नलिखित कालों में बाँटा गया है –
- प्रागैतिहासिक काल
- प्राचीन काल
- मध्य काल
- आधुनिक काल
1. प्रागैतिहासिक काल:
इस काल का प्रारम्भ भोजन संग्रह एवं आखेट व्यवस्था से माना जाता है। आखेट एवं भोजन संग्रह पुरापाषाण काल में स्थलीय भागों पर ही होता था। महाद्वीपों पर बर्फ के कम होने के उपरान्त अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी यूरोप तथा दक्षिण-पश्चिमी व पूर्वी एशिया में मानवीय विस्तार का अनुमान लगाया जाता है। अमेरिकी भूमि पर मानवीय उपस्थिति से पूर्व पृथ्वी पर कुल 33 लाख लोग रहते थे जो बढ़कर 15 हजार वर्ष के उपरान्त लगभग 53 लाख हो गये। इस आधार पर अनुमान लगाया जाता है कि इस समय संसार का औसत घनत्व 0.04 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
2. प्राचीन काल:
आज से लगभग छः हजार वर्ष पूर्व विश्व के कुछ सीमित भागों में मनुष्य ने कृषि और पशुपालन आरम्भ किया। इस प्रकार विश्व के कई भागों में मानव सभ्यता का विकास हो चुका था और नदी-घाटियों में कृषि के साथ ही नगरीय विकास भी प्रारम्भ हुआ। ईसा काल के आरम्भ में विश्व की कुल जनसंख्या 20 से 30 करोड़ के मध्य होने का अनुमान लगाया जाता है। इस दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप में पूर्वी एशिया, यूनानी और रोमन साम्राज्यों, मेसोपोटामिया और मिस्र के साथ-साथ सिन्धु-सरस्वती सभ्यता विशाल जनसमूह के क्षेत्र थे।
3. मध्य काल:
इतिहास की दृष्टि से यह 700 ई. से 1650 ई. के बीच का कालखण्ड है। 1650 ई. में विश्व की कुल जनसंख्या 55 करोड़ थी। इस समय जनसंख्या वृद्धि की गति अत्यन्त मन्द रही, किन्तु कुछ देशों में अधिक रही। इस समय बाढ़, सूखा, महामारी और युद्धों के कारण जनसंख्या में कमी हुई।
4. आधुनिक काल:
17वीं शताब्दी के मध्य से आधुनिक काल का प्रारम्भ माना जाता है। 1650 ई. में विश्व की कुल जनसंख्या 55 करोड़ थी। 1750 ई. में यह बढ़कर 72 करोड़ हो गई। 1850 ई. में दोगुना वृद्धि के साथ 133 करोड़ हो गई। सन् 1950 ई. तक विश्व की जनसंख्या 251 करोड़ हो गई। सन् 2000 में 610 करोड़ तथा 2013 में 714 करोड़ तक पहुँच गई। विश्व की जनसंख्या की वृद्धि को निम्नानुसार दर्शाया गया है –
विश्व में जनसंख्या वृद्धि –
वर्ष | जनसंख्या |
10,000 वर्ष ईसा पूर्व (B.C.) | 50 लाख |
1 ई. (A.C.) | 2000 लाख |
1000 ई. | 3000 लाख |
1750 ई. | 8000 लाख |
1850 ई. | 100 करोड़ |
1930 ई. | 200 करोड़ |
1962 ई. | 300 करोड़ |
1975 ई. | 406 करोड़ |
1987 ई. | 500 करोड़ |
1999 ई. | 600 करोड़ |
2000 ई. | 610 करोड़ |
2010 ई. | 710 करोड़ |
2013 ई. | 714 करोड़ |
2015 ई. | 720 करोड़ |
2025 ई. | 781 करोड़ |
2050 ई. | 903 करोड़ |
Source : According to UN Bureau Source : World Development Reports 2000 and Population Reference Burea, USA 2013 * सम्भावित जनसंख्या |
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 22.
सन् 1650 से 2000 तक विश्व जनसंख्या में जनसंख्या वृद्धि को आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 23.
विश्व मानचित्र में जनसंख्या घनत्व को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तरी गोलार्द्ध में विश्व की कितनी प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?
(अ) 57%
(ब) 85%
(स) 60%
(द) 48%
प्रश्न 2.
सन् 2001 में विश्व की जनसंख्या कितनी थी?
(अ) 417 करोड़
(ब) 546 करोड़
(स) 613 करोड़
(द) 745 करोड़
प्रश्न 3.
विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला महाद्वीप कौन-सा है?
(अ) एशिया
(ब) अफ्रीका
(स) यूरोप
(द) दक्षिणी अमेरिका
प्रश्न 4.
विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या किस जनसमूह में निवास करती है?
(अ) यूरोपीय जनसमूह
(ब) अमेरिकी जनसमूह
(स) एशियाई जनसमूह
(द) अफ्रीकी जनसमूह
प्रश्न 5.
एशियाई जनमसूह मुख्यतः फैला हुआ है –
(अ) 5° से 10° उत्तरी अक्षांशों के मध्य
(ब) 10° से 40° उत्तरी अक्षांशों के मध्य
(स) 30° से 60° उत्तरी अक्षांशों के मध्य
(द) 10° से 40° दक्षिणी अक्षांशों के मध्य
प्रश्न 6.
यूरोप का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(अ) फ्रांस
(ब) इटली
(स) जर्मनी
(द) पौलैण्ड
प्रश्न 7.
अफ्रीकन जनसमूह में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र कौन-सा है?
(अ) सूडान
(ब) इथोपिया
(स) मिस्र
(द) नाइजीरिया
प्रश्न 8.
सन् 1650 में विश्व की कुल जनसंख्या कितनी थी?
(अ) 50 लाख
(ब) 55 करोड़
(स) 100 करोड़
(द) 406 करोड़
प्रश्न 9.
निम्न जन्म दर, निम्न मृत्यु दर किस अवस्था की विशेषता है?
(अ) प्रथम अवस्था
(ब) तृतीय अवस्था
(स) चतुर्थ अवस्था
(द) पंचम अवस्था
प्रश्न 10.
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त में कितनी अवस्थाएँ हैं?
(अ) 2
(ब) 4
(स) 5
(द) 6
उत्तरमाला:
1. (ब), 2. (स), 3. (अ), 4. (स), 5. (ब), 6. (स), 7. (द), 8. (ब), 9. (द), 10. (स)
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए
(क)
स्तम्भ (अ) (जनसंख्या बसाव) |
स्तम्भ (ब) (क्षेत्र) |
(i) सघन जनसंख्या क्षेत्र | (अ) विषुवतरेखीय क्षेत्र |
(ii) सामान्य जनसंख्या क्षेत्र | (ब) उच्चावचीय क्षेत्र |
(iii) विरल जनसंख्या क्षेत्र | (स) पूर्वी एशिया |
(iv) अतिन्यून जनसंख्या क्षेत्र | (द) खनिज प्रधान क्षेत्र |
उत्तर:
(i) स (ii) द (iii) ब (iv) अ।
(ख)
स्तम्भ (अ) (विश्व जनसमूह) |
स्तम्भ (ब) (स्थिति) |
(i) एशियाई जनसमूह | (अ) 30° – 45° उत्तरी अक्षांश |
(ii) यूरोपियन जनसमूह | (ब) नील नदी घाटी, जाम्बिया क्षेत्र |
(iii) अमेरिकन जनसमूह | (स) 10° – 40° उत्तरी अक्षांश |
(iv) अफ्रीकन जनसमूह | (द) 40° – 60° उत्तरी अक्षांश |
उत्तर:
(i) स (ii) द (iii) अ (iv) ब।
(ग)
स्तम्भ (अ) (सन्/ई.) में |
स्तम्भ (ब) (विश्व जनसंख्या) |
(i) 1000 | (अ) 610 करोड़ |
(ii) 1850 | (ब) 500 करोड़ |
(iii) 1987 | (स) 100 करोड़ |
(iv) 2000 | (द) 720 करोड़ |
(v) 2015 | (य) 30 करोड़ |
उत्तर:
(i) य (ii) स (iii) ब (iv) अ (v) द
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या के वितरण व घनत्व का अध्ययन एक कठिन कार्य क्यों है ?
उत्तर:
प्रारम्भ से ही जनसंख्या वितरण क्षेत्रीय विस्तार लिये हुए है तथा राजनैतिक व प्रशासनिक इकाइयों की बढ़ती संख्या के कारण जनसंख्या के वितरण व घनत्व का अध्ययन एक कठिन कार्य हो गया है।
प्रश्न 2.
जनसंख्या वितरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण से तात्पर्य धरातल पर मनुष्य के फैलाव के स्वरूप से है अर्थात् पृथ्वी पर मानव का फैलाव किस प्रकार मिलता है। जनसंख्या के विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए जनसंख्या वितरण प्राथमिक महत्त्व रखता है। इसमें स्थानिक वितरण के आधार पर जनसंख्या का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 3.
मानव भूगोल में मानव का केन्द्रीय स्थान क्यों है?
उत्तर:
मानव भूगोल में मानव का केन्द्रीय स्थान है। क्योंकि मानव ही अपने प्राकृतिक व सांस्कृतिक वातावरणों का उपयोग करता है, उनसे प्रभावित होता है और उनमें परिवर्तन करता है। मानव ही प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके संस्कृति का निर्माण करता है।
प्रश्न 4.
जनसंख्या घनत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य जनसंख्या व धरातल के बीच एक अनुपात से है। सामान्यत: प्रति इकाई क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 5.
जनसंख्या का असमान वितरण कैसे दृष्टिगत होता है?
उत्तर:
विश्व की कुल 80% जनसंख्या केवल 20% भू-भाग पर जबकि शेष 20% जनसंख्या 80% भू-भाग पर निवास करती है, जो इसके विषम वितरण को दर्शाती है।
प्रश्न 6.
विश्व के महाद्वीपों में कितनी-कितनी जनसंख्या मिलती है?
उत्तर:
सन् 2013 के आँकड़ों के अनुसार एशिया महाद्वीप में 430 करोड़, अफ्रीका में 110 करोड़, यूरोप में 74 करोड़, उत्तरी अमेरिका में 55.7 करोड़, दक्षिणी
अमेरिका में 40 करोड़ व ओसानिया में 3.8 करोड़ जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 7.
विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले 10 राष्ट्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाले 10 राष्ट्रों में चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इण्डोनेशिया, ब्राजील, । पाकिस्तान, रूस, बांग्लादेश, जापान व नाइजीरिया शामिल हैं।
प्रश्न 8.
जनसंख्या वितरण की दृष्टि से विश्व के कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण की दृष्टि से विश्व को सघन जनसंख्या के प्रदेश, विरल जनसंख्या के प्रदेश व अतिन्यून जनसंख्या के क्षेत्रों में बाँटा गया है।
प्रश्न 9.
अतिन्यून जनसंख्या वितरण कहाँ मिलता है?
उत्तर:
विश्व के अतिशीतल, उच्च मरुस्थल, उच्च धरातलीय, विषुवतरेखीय आर्द्र वनों व मध्य अक्षांशीय मरुस्थलीय क्षेत्रों में अतिन्यून जनसंख्या वितरण मिलता है।
प्रश्न 10.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में विश्वव्यापी कारक, प्रादेशिक कारक, सांस्कृतिक कारक वे सामयिक कारक शामिल हैं।
प्रश्न 11.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले विश्वव्यापी कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले विश्वव्यापी कारकों में अवस्थिति, जलवायु दशा, धरातल व समुद्र तल से ऊँचाई को शामिल किया गया है।
प्रश्न 12.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले प्रादेशिक कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले प्रादेशिक कारकों में भूमि की बनावट, जल आपूर्ति, मिट्टियाँ, वनस्पति, खनिज व शक्ति संसाधन शामिल हैं।
प्रश्न 13.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले सांस्कृतिक कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले सांस्कृतिक कारकों में आर्थिक अवस्था, उन्नति का स्तर, राजनैतिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक स्थिति, परिवहन व व्यापार को शामिल किया गया है।
प्रश्न 14.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले सामयिक कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले सामयिक कारकों में वातावरण से अनुकूलन, पारस्परिक निर्भरता, धर्म, सामाजिक मान्यताओं व सामाजिक संरचना को शामिल किया गया है।
प्रश्न 15.
महाजनसमूह से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जनसंख्या के विशाल जमाव वाले क्षेत्रों को महाजनसमूह कहा जाता है। ऐसे क्षेत्र प्रायः नदी निर्मित मैदानी भाग, झील जन्य क्षेत्र, अनुकूल जलवायु व समतल क्षेत्रों के रूप में मिलते हैं।
प्रश्न 16.
विश्व के महाजनसमूहों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विश्व के महाजनसमूहों में एशियाई जनसमूह, यूरोपीय जनसमूह, अमेरिकी जनसमूह व अफ्रीकी जनसमूह शामिल हैं।
प्रश्न 17.
एशियाई जनसमूह को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
एशियाई जनसमूह को तीन भागों-पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया व दक्षिणी एशिया में बाँटा गया है।
प्रश्न 18.
मानसून एशिया से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
एशिया में पाकिस्तान से लेकर भारत, म्यांमार, थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, वियतनाम, चीन, जापान व कोरिया तक मानसूनी जलवायु देखने को मिलती है। इसी कारण इस पूरे क्षेत्र को मानसून एशिया कहा जाता है।
प्रश्न 19.
एशियाई जनसमूह की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर:
एशियाई जनसमूह की प्रमुख समस्या तीव्र जनसंख्या वृद्धि दर है। इसके अलावा बेरोजगारी, आवास, भोजन, निर्धनता, चिकित्सा व शिक्षा की समस्याएँ मुख्य हैं।
प्रश्न 20.
यूरोपीय जनसमूह कहाँ सर्वाधिक सघन बसा हुआ है?
उत्तर:
यूरोपीय जनसमूह 45° उत्तर से 55° उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित कोयला पेटी के सहारे सर्वाधिक सघन बसा मिलता है।
प्रश्न 21.
अमेरिकी जनसमूह में सर्वाधिक बसावे कहाँ मिलता है?
उत्तर:
अमेरिकी जनसमूह की सर्वाधिक जनसंख्या (80% जनसंख्या) 100° पश्चिमी देशान्तर के पूर्व में 30° उत्तर से 40° उत्तर अक्षांशों के मध्य मिलती है।
प्रश्न 22.
अमेरिकी जनसमूह में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित क्यों है?
उत्तर:
अमेरिकी जनसमूह में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित होने का प्रमुख कारण यहाँ जन्म दर व मृत्यु दर दोनों का पूर्णत: नियंत्रित होना तथा बाहरी देशों से आप्रवास पर प्रतिबंध लगा होना है।
प्रश्न 23.
अफ्रीकी जनसमूह में जनसंख्या का संकेन्द्रण कहाँ मिलता है?
उत्तर:
अफ्रीकी जनसमूह में जनसंख्या का संकेन्द्रण मुख्यतः नील नदी घाटी क्षेत्र, जाम्बिया व नाइजर नदी घाटी के मध्य स्थित गिनी तट तथा दक्षिणी अफ्रीका के दक्षिणी व पूर्वी तटीय भागों में मिलता है।
प्रश्न 24.
जनसंख्या की सघनता की भावना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
प्रत्येक देश की आर्थिक उन्नति व सामाजिक तथा सांस्कृतिक उन्नति की योजना बनाने के लिए उसे प्रदेश की जनसंख्या की सघनता की भावना आवश्यक है।
प्रश्न 25.
गणितीय घनत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र में निवास करने वाली कुल जनसंख्या को उस क्षेत्र के कुल क्षेत्रफल से विभाजित किया जाता है, तो जनसंख्या व स्थल के इस अनुपात को गणितीय घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 26.
आर्थिक घनत्व क्या है?
उत्तर:
जब किसी प्रदेश के संसाधनों की उत्पादन क्षमता व उस प्रदेश में निवास करने वाले मनुष्यों की संख्या का विचार किया जाता है तो उसे आर्थिक घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 27.
कार्पिक घनत्व किसे कहते हैं?
अथवा
कृषि क्षेत्रीय घनत्व क्या है?
उत्तर:
किसी प्रदेश की खेती की जाने वाली भूमि और उस प्रदेश में निवास करने वाले मनुष्यों के बीच के अनुपात को कार्यिक घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 28.
कृषि घनत्व से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
कृषि की जाने वाली भूमि के क्षेत्रफल व उसमें निवास करने वाली जनता के अनुपात को कृषि घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 29.
पोषण घनत्व क्या होता है?
उत्तर:
खेती की भोज्य-फसलों के क्षेत्रफल व उस प्रदेश की समस्त जनसंख्या के बीच का अनुपात पोषण घनत्व कहलाता है।
प्रश्न 30.
विश्व में सबसे कम व सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व कहाँ मिलता है?
उत्तर:
विश्व में सबसे कम जनसंख्या घनत्व मंगोलिया व ऑस्ट्रेलिया में (1 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) तथा सर्वाधिक जनघनत्व सिंगापुर में (7797 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) मिलता है।
प्रश्न 31.
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से विश्व को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से विश्व को पांच भागों-अत्यधिक घनत्व वाले क्षेत्र, अधिक घनत्व वाले क्षेत्र, सामान्य घनत्व वाले क्षेत्र, कम घनत्व वाले क्षेत्र तथा जनविहीन क्षेत्रों में बाँटा गया है।
प्रश्न 32.
विश्व के कुछ क्षेत्रों में सर्वाधिक जनघनत्व क्यों मिलता है?
उत्तर:
विश्व के कुछ क्षेत्रों में स्वास्थ्यप्रद जलवायु, समतल मैदानी भू-भाग, उपजाऊ मृदा, जल, खनिज सम्पदा, औद्योगिक विकास व परिवहन के साधनों की अनुकूल दशाओं के कारण उच्च जनघनत्व मिलता है।
प्रश्न 33.
विश्व में अधिक जनघनत्व के क्षेत्र कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:
विश्व में दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी एवं पूर्वी यूरोप, अफ्रीका के तटवर्ती भाग, दक्षिण-पूर्वी भाग, एशिया के आन्तरिक भाग, उत्तर-पश्चिमी चीन, मध्यवर्ती भारत व दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया अधिक जनघनत्व वाले क्षेत्रों में शामिल किये जाते हैं।
प्रश्न 34.
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों में भौतिक कारक (स्थिति, जल उपलब्धता, जलवायु व मृदा), आर्थिक कारक (खनिज, नगरीकरण, औद्योगीकरण) व सामाजिक-सांस्कृतिक कारक शामिल हैं।
प्रश्न 35.
जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण हैं ?
अथवा
जनसंख्या वृद्धि क्यों होती है ?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारणों में मृत्यु दर का कम होना, प्रवास, औद्योगिक विकास, खाद्य पदार्थों की निश्चित आपूर्ति, वैज्ञानिक व प्राविधिक प्रगति, शान्ति व सुरक्षा आदि शामिल हैं।
प्रश्न 36.
जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त की अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
जनसंख्या संक्रमण सिद्धान्त की पाँच अवस्थाएँ हैं –
प्रथम या उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु दर की अवस्था, द्वितीय या उच्च जन्म दर व मृत्यु दर की गिरती हुई अवस्था, तृतीय या उच्च जन्म दर व मध्यम मृत्यु दर की अवस्था, चतुर्थ या मध्यम जन्म दर व निम्न मृत्यु दर की अवस्था तथा पंचम या निम्न जन्म दर व निम्न मृत्यु दर की अवस्था।
प्रश्न 37.
जनसंख्या संक्रमण की प्रथम अवस्था में शामिल राष्ट्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वर्तमान में अफ्रीका में सूडान, कांगो, घाना, अंगोला, रोडेशिया, नाइजीरिया तथा ग्वाटेमाला आदि प्रथम अवस्था में शामिल किये गए हैं।
प्रश्न 38.
जनसंख्या संक्रमण की चतुर्थ अवस्था में कौन-कौन-से राष्ट्र शामिल हैं ?
उत्तर:
इस अवस्था में न्यूजीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, चिली, अर्जेण्टीना, संयुक्त राज्य अमेरिका, मलेशिया, थाइलैण्ड, चीन व बांग्लादेश नामक राष्ट्र शामिल हैं।
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
भूगोल के अन्तर्गत जनसंख्या अध्ययन का महत्त्व क्यों बढ़ा है?
उत्तर:
धरातल पर मानव सभ्यता के विकास के साथ उसमें मिलने वाली जटिलताओं के कारण जनसंख्या का वितरण सभी जगह समान नहीं मिलता है। जनसंख्या वितरण क्षेत्रीय विस्तार लिये हुए है तथा राजनैतिक वे प्रशासनिक इकाइयों की बढ़ती संख्या के कारण जनसंख्या के वितरण व घनत्व का अध्ययन एक कठिन कार्य हो गया है, किन्तु मानव भूगोल में जनसंख्या के वितरण व घनत्व का अध्ययन करना एक महत्त्वपूर्ण विषय है। मानव की केन्द्रीय भूमिका के कारण भूगोल में जनसंख्या के अध्ययन का महत्त्व बढ़ गया है।
प्रश्न 2.
जनसंख्या वितरण व घनत्व में क्या अन्तर है?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व व वितरण को सामान्यत: एक ही अर्थ में समझा जाता है, किन्तु ये दोनों भिन्न संकल्पनाएँ हैं। जनसंख्या वितरण से आशय जनसमूह के स्थानिक वितरण से है। इस पक्ष में मनुष्य के धरातल पर स्थितिजन्य प्रारूप का पता चलता है। जबकि जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य जनसंख्या एवं धरातल के अनुपात से है। जनसंख्या घनत्व जनसंख्या जमाव की मात्रा का मापन है। इसे प्रति इकाई क्षेत्र पर व्यक्तियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 3.
“विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है’, कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। एशिया की जनसंख्या के सन्दर्भ में जॉर्ज बी. क्रेसी का कथन है कि “एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग एवं कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं।”
- विश्व की 90% जनसंख्या विश्व के 10% स्थल पर निवास करती है।
- विश्व के 10 सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60% जनसंख्या निवास करती है।
- विश्व की 85% जनसंख्या उत्तरी गोलार्द्ध में एवं केवल 15% जनसंख्या दक्षिणी गोलार्द्ध में निवास करती है।
प्रश्न 4.
सामान्य जनसंख्या वाले प्रदेशों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसे भौगोलिक प्रदेश, जहाँ पारिस्थितिकी दशाएँ मानव के लिए सामान्य स्वरूप को दर्शाती हैं वहाँ सामान्य जनसंख्या के प्रदेश विकसित होते हैं। यहाँ मानव के द्वारा अनेक स्थानों पर प्रकृति के साथ अनुकूलन भी किया जाता है। एण्डीज पर्वत में ताँबे की उपलब्धता के कारण, चिली की चुकार्ड, कामरा, कनाडा के यूरेनियम शहर में यूरेनियम के कारण तथा ऑस्ट्रेलिया में सोने की खानों के कारण सघन जनसंख्या का विकास हुआ है।
प्रश्न 5.
एशियाई जनसमूह की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
एशियाई जनसमूह की निम्न विशेषताएँ हैं –
- यह विश्व का सबसे बड़ा जनसमूह है।
- इस जनसमूह में कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था (जापान को छोड़कर) देखने को मिलती है।
- इस जनसमूह को मानसूनी समूह के नाम से भी जाना जाता है।
- यह जनसमूह 10°-40° उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित है।
- इस जनसमूह में जनसंख्या वृद्धि की तीव्र दर मिलती है।
- इसमें जन्म दर अधिक मिलती है।
प्रश्न 6.
यूरोपीय जनसमूह की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
इस जनसमूह की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- यह विश्व का दूसरा बड़ा जनसमूह है।
- यह जनसमूह 40°-60° उत्तरी अक्षांशों के मध्य मिलता है। इसकी सर्वाधिक सघनता 45°-55° उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित कोयला पेटी के सहारे मिलती है।
- यह आधुनिक नगरों व उद्योगों से युक्त जनसमूह है।
- इस जनसमूह के देशों में जन्म दर और मृत्यु दर दोनों में कमी मिलती है।
- इस जनसमूह में जनसंख्या वृद्धि स्थिर अवस्था में है।
- इस जनसमूह में 70% से अधिक लोर नगरों में निवास करते हैं।
- इस जनसमूह में प्रति व्यक्ति आय अधिक और सामान्य जीवन स्तर उच्च मिलता है।
प्रश्न 7.
अमेरिकी जनसमूह की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
इस जनसमूह की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- यह विश्व का तीसरा बड़ा जनसमूह है।
- यह विश्व का सबसे नवीन व विकसित जनसमूह है।
- इस जनसमूह का विकास यूरोपीय जनसंख्या के प्रवास के कारण हुआ है।
- इस जनसमूह की 80% जनसंख्या 100° पश्चिमी देशान्तर के पूर्व में 30°-45° उत्तरी अक्षांशों के मध्य निवास करती है।
- इस जनसमूह में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित मिलती है क्योंकि इसमें जन्म दर व मृत्यु दर दोनों नियंत्रित होने के साथ-साथ प्रवास पर प्रतिबंध मिलता है।
प्रश्न 8.
विश्व में अत्यधिक जनसंख्या घनत्व कहाँ-कहाँ मिलता है?
अथवा
अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र कौन-कौन-से हैं ?
उत्तर:
विश्व के ऐसे क्षेत्र जहाँ जनसंख्या घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक मिलता है, उन्हें अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है। सम्पूर्ण विश्व में इस प्रकार के तीन क्षेत्र मिलते हैं –
- पूर्वी, दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया।
- पश्चिमी एवं मध्यवर्ती यूरोप।
- उत्तर-पूर्वी अमेरिका। इन तीनों क्षेत्रों में नदी निर्मित मैदानों, खनिजों के जमाव व झीलों की स्थिति इन्हें जनसंख्या की दृष्टि से अधिक सघन बनाती है।
प्रश्न 9.
विश्व में जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो प्रादेशिक कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो भौतिक कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- जल की उपलब्धता: जल की उपलब्धता मानवीय जीवन के विविध कार्यों के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि विश्व की नदी घाटियों में सुगम जल उपलब्धता के कारण सर्वाधिक जन बसाव व घनत्व मिलता है।
- भू-आकृति: धरातलीय सतह का समतल या ऊबड़-खाबड़ होना जनसंख्या घनत्व वितरण का नियंत्रक है। विश्व के समतल मैदानी भागों में कृषि फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण में उद्योगों की स्थापना हेतु आदर्श दशाएँ होती हैं। इसी कारण इन क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या है जबकि ऊबड़-खाबड़ (पर्वतीय व पहाड़ी) क्षेत्रों में प्रतिकूल दशाओं के कारण विरल जनसंख्या मिलती है।
प्रश्न 10.
जलवायु किस प्रकार जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करती है?
उत्तर:
लोग अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं। अधिक ऊँचाई वाले स्थानों तथा ठण्डे मरुस्थलों की विषम जलवायु मानव के बसने के लिए असुविधाजनक होती है। अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होने वाले क्षेत्रों में लोग अधिक बसना पसंद करते हैं। प्रतिकूल जलवायु वाले क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है। यही कारण है कि भूमध्यसागरीय प्रदेश अनुकूल जलवायु के कारण प्राचीनकाल से ही अधिक बसे हुए हैं।
प्रश्न 11.
जल की उपलब्धता किस प्रकार जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करती है?
अथवा
जलापूर्ति किस प्रकार जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करती है?
उत्तर:
जल जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। व्यक्ति उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। जल एक बहु-उपयोगी तत्त्व है। जल का उपयोग पीने, नहाने एवं भोजन के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों एवं नौ-संचालन में किया जाता है। यही कारण है कि नदी घाटियाँ जल की उपलब्धता के कारण विश्व के सबसे अधिक सघन बसे हुए क्षेत्र हैं। विश्व की प्राचीन सभ्यताओं-नील घाटी सभ्यता, सिन्धु घाटी सभ्यता व मेसोपोटामिया की सभ्यता का विकास भी नदियों के किनारे ही हुआ था।
प्रश्न 12.
भू-आकृति किस प्रकार जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करती है? उदाहरण देकर स्पष्ट वीजिए।
उत्तर:
भू-आकृति जनसंख्या के वितरण को बहुत अधिक प्रभावित करती है। लोग समतल मैदानों एवं मन्द ढालों पर बसना पसन्द करते हैं। ऐसे क्षेत्र फसलोत्पादन, सड़क निर्माण एवं उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय एवं पहाड़ी क्षेत्र परिवहन तन्त्र के विकास में अवरोध हैं इसलिए प्रारम्भ में ये क्षेत्र कृषिगत एवं औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते। अतः इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है। उदाहरणार्थ-गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग न्यून जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
प्रश्न 13.
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- खनिज: खनिज संसाधनों से सम्पन्न क्षेत्र खनन कार्य के साथ-साथ अनेक उद्योगों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिसके कारण ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक जमाव देखने को मिलता है।
- नगरीकरण: अच्छी नागरिक सुविधाएँ, रोजगार के अधिक साधन तथा नगरीय जीवन के आकर्षण में बड़ी संख्या में ग्रामीण जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में आकर बस जाती है।
- औद्योगीकीकरण: औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं, जिसके कारण ये क्षेत्र सघन जनघनत्व वाले क्षेत्र हो जाते हैं।
- कृषि: किसी भौगोलिक क्षेत्र में सम्पन्न होने वाला कृषि का सकारात्मक एवं नकारात्मक स्वरूप जनसंख्या के वितरण में महत्त्वपूर्ण निर्धारक होता है।
प्रश्न 14.
नगरीकरण जनसंख्या घनत्व को किस प्रकार प्रभावित करता है?
अथवा
नगरीकरण के परिणामस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि होती है।” कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण के कारण बड़े-बड़े नगरों का विकास होता है तथा रोजगार के पर्याप्त अवसर, शैक्षणिक एवं चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ, परिवहन एवं संचार के बेहतर साधन उपलब्ध होते हैं। अच्छी नागरिक सुविधाएँ एवं नगरीय, जीवन का आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचता है। फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास होता है। विश्व के विशाल नगर प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 15.
औद्योगिक क्षेत्र सघन जनसंख्या वाले होते हैं, क्यों?
उत्तर:
औद्योगिक क्षेत्र लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हैं। विभिन्न प्रकार के कारखाने लोगों को बड़ी संख्या में आकर्षित करते हैं, जिससे लोग औद्योगिक क्षेत्रों के समीप बस जाते हैं। इनमें श्रमिक, परिवहन चालक, परिचालक, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर, अध्यापक एवं अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले लोग भी होते हैं। यथा-जापान या कोबे-ओसाका क्षेत्र अनेक उद्योगों की अवस्थिति के कारण घना बसा हुआ है।
प्रश्न 16.
सामाजिक व सांस्कृतिक कारक जनसंख्या घनत्व को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
विश्व में कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक स्थिति के कारण अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि इन दशाओं में प्रतिकूलता देखने को मिलती है तो लोग उन क्षेत्रों को छोड़कर चले जाते हैं। जहाँ सामाजिक व राजनैतिक अशान्ति होती है, वहाँ लोग निवास करना नहीं चाहते हैं। धर्म विशेष के रीति-रिवाज, खान-पान, तीज-त्यौहार व वंश-परम्पराएँ भी जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 17.
आधुनिक काल में जनसंख्या वृद्धि के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक काल का प्रारम्भ 17वीं शताब्दी के मध्य से माना जाता है। इस समय अर्थात् सन् 1650 में विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी। 1750 ई. तक यह जनसंख्या बढ़कर 72 करोड़ हो गई। इस अवधि के पश्चात् जनसंख्या के बढ़ने की गति तीव्र हो गई और 1850 ई. में विश्व की जनसंख्या बढ़कर 133 करोड़ हो गई। सन् 1950 तक विश्व की जनसंख्या 251 करोड़ हो गई। सन् 2000 तक पहुँचते-पहुँचते विश्व जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिससे जनसंख्या 610 करोड़ तक पहुँच गई। सन् 2013 तक विश्व की जनसंख्या 714 करोड़ तक पहुंच गई।
प्रश्न 18.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि में सहायता की?
उत्तर:
मानवीय श्रम एवं प्राणी ऊर्जा के स्थान पर भाप का इंजन प्रतिस्थापित हो गया, जिसने पवन एवं जल के लिए यांत्रिक ऊर्जा उपलब्ध करायी, जिससे कृषिगत एवं औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप भुखमरी एवं अकाल की समस्या समाप्त हो गई तथा महामारियों एवं अन्य संक्रामक रोगों के विरुद्ध टीकाकरण, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार एवं स्वच्छता ने सम्पूर्ण विश्व में मृत्यु दरों को तीव्रता से घटाया है। इस प्रकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहन प्रदान किया।
प्रश्न 19.
जनांकिकीय चक्र से क्या आशय है?
उत्तर:
जब एक कृषि प्रधान ग्रामीण समाज प्रौद्योगिकी आधारित नगरीय समाज में बदलता है, तब जनांकिकीय प्रवृत्तियों में भी परिवर्तन होता है। ये परिवर्तन विभिन्न अवस्थाओं में होते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से जनांकिकीय चक्र के रूप में जाना जाता है।
प्रश्न 20.
जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था की विशेषता बताइए।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- इस अवस्था में जन्म दर एवं मृत्यु दर दोनों उच्च होती हैं।
- इस अवस्था वाले राष्ट्र आर्थिक पिछड़ेपन को दर्शाते हैं।
- प्रथम अवस्था वाले राष्ट्रों में कृषि पर निर्भरता अधिक मिलती है।
- जन्म दर व मृत्यु दर दोनों अधिक मिलने के कारण जनसंख्या की वृद्धि अत्यधिक मन्द गति से होती है।
- वर्तमान में सूडान, कांगो, घाना, अंगोला, रोडेशिया, नाइजीरिया व ग्वाटेमाला नामक राष्ट्र इस अवस्था में हैं।
प्रश्न 21.
जनांकिकीय संक्रमण की पंचम अवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धान्त की पंचम अवस्था की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
यह जनांकिकीय संक्रमण की अन्तिम अवस्था है। इस अवस्था की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- इस अवस्था में जन्म दर एवं मृत्यु दर दोनों निम्न होती हैं।
- जन्म दर व मृत्यु दर में अति निम्न अंतर के कारण जनसंख्या प्रायः स्थिर हो जाती है।
- इस अवस्था में जनसंख्या के घटने का भय बना रहता है।
- इस अवस्था में आने पर राष्ट्रों की मानव शक्ति दुर्बल हो जाती है।
- यह अवस्था राष्ट्रों की जनसंख्या के शिक्षित व विकसित स्वरूप को दर्शाती है।
- इस अवस्था में पहुँचने पर राष्ट्रों में तकनीकी ज्ञान का स्तर उच्च हो जाता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
पृथ्वी पर मानव का अध्ययन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों है?
अथवा
मानव भूगोलवेत्ताओं के अध्ययन का मुख्य बिन्दु क्यों है?
उत्तर:
मानव अपनी केन्द्रीय भूमिका के कारण मानव भूगोल के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु है। मानव के द्वारा ही प्राकृतिक व सांस्कृतिक वातावरण का प्रयोग किया जाता है। मानव इनमें परिवर्तन करने के साथ-साथ इनसे प्रभावित भी होता है। भूमि, जल, मिट्टी, खनिज पदार्थ, वनस्पति और जन्तुओं का उपयोग मनुष्य करता है।
मानव ही उत्पादन, कृषि, पशुपालन, निर्माण-उद्योग, व्यापार और परिवहन आदि आर्थिक क्रियाएँ करता है तथा सामाजिक संगठन, राजनीतिक प्रबन्ध और सांस्कृतिक विकास करता है। वह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके संस्कृति का निर्माण करता है, इसलिए भूगोलवेत्ता के लिए पृथ्वी पर मानव का अध्ययन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 2.
विश्व जनसंख्या के वितरण प्रतिरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सन् 2013 के आँकड़ों के अनुसार विश्व की कुल जनसंख्या 714 करोड़ थी। सम्पूर्ण विश्व में जनसंख्या का वितरण असमान मिलता है। विश्व की कुल जनसंख्या का 75% से अधिक भाग विकासशील देशों में तथा शेष 25% भाग विकसित देशों में निवास करता है। महाद्वीपीय दृष्टिकोण से एशिया महाद्वीप विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला महाद्वीप है।
एशिया महाद्वीप में 430 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। इसके पश्चात् अफ्रीका महाद्वीप का स्थान आता है जहाँ 110 करोड़ लोग निवास करते हैं। यूरोप महाद्वीप में 74 करोड़, उत्तरी अमेरिका में लगभग 56 करोड़, दक्षिणी अमेरिका में 40 करोड़ एवं ओसानिया में 3.8 करोड़ लोग निवास करते हैं। इस प्रकार जनसंख्या का वितरण कहीं पर सघनता तो कहीं विरलता को दर्शाता है।
एक ही महाद्वीप में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ जनसंख्या की सघनता तो कुछ क्षेत्रों में विरलता देखने को मिलती है। विश्व के दस सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों-चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इण्डोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, रूस, बांग्लादेश, जापान, एवं नाइजीरिया में विश्व की लगभग 60% जनसंख्या निवास करती है। इन दस देशों में से 7 देश एशिया महाद्वीप में अवस्थित हैं।
प्रश्न 3.
विश्व के सघन व न्यून बसाव वाले क्षेत्रों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
विश्व में उच्च एवं निम्न घनत्व वाले क्षेत्रों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व के सघन आबाद/उच्च जनघनत्व वाले क्षेत्र: विश्व के उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में एशिया का पूर्वी, दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी भाग, उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग तथा यूरोप के उत्तर-पश्चिमी भागों को शामिल किया जाती है। इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक मिलता है। ये सभी क्षेत्र भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की अनुकूलता के कारण सघन बसाव को दर्शाते हैं।
विश्व के न्यून आबाद/न्यून जनघनत्व वाले क्षेत्र: विश्व में प्रतिकूल जलवायु, प्रतिकूल भौतिक, आर्थिक वे सामाजिक-सांस्कृतिक दशाओं वाले क्षेत्र न्यून बसाव को दर्शाते हैं। इस प्रकार के क्षेत्रों में उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्रों, उष्ण व शीत मरुस्थलों, भूमध्य रेखा के समीपवर्ती उच्च वर्षा व संघन वनों के क्षेत्रों तथा पर्वतीय क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व प्रायः एक व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर या इससे भी कम मिलता है। इन क्षेत्रों में मिलने वाली प्रतिकूल दशाएँ न्यून बसाव/न्यून जनघनत्व हेतु उत्तरदायी हैं।
प्रश्न 4.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों को तालिका के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
अफ्रीकी जनसमूह का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अफ्रीकी जनसमूह में संन् 2013 के आँकड़ों के अनुसार 110 करोड़ लोग निवास करते थे। इस जनसमूह में विश्व की कुल जनसंख्या के 15.4 % लोग निवास करते हैं। यह आकार की दृष्टि से एशिया के बाद दूसरे स्थान पर है। इस जनसमूह में जनसंख्या का संकेन्द्रण कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में ही देखने को मिलता है क्योंकि अफ्रीका महाद्वीप का 70% भाग मरुस्थलीय दशाओं एवं सघन वनों में आर्द्रता होने से प्रायः निर्जन है।
इसके एक तिहाई भाग पर ही विशाल जनसंख्या का संकेन्द्रण देखने को मिलता है। इन क्षेत्रों में नील नदी घाटी क्षेत्र, जाम्बिया व नाइजर नदी घाटियों के मध्य स्थित गिनी तट व दक्षिण अफ्रीका तथा पूर्वी तटीय भाग शामिल हैं। इस जनसमूह में नाइजीरिया सर्वाधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र है। इसके पश्चात् इथोपिया, मिस्र, दक्षिण अफ्रीका व तंजानिया का स्थान आता है।
प्रश्न 6.
विश्व में जनसंख्या घनत्व के असमान वितरण को महाद्वीपीय आधार पर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
जनसंख्या का घनत्व महाद्वीपों में भिन्नताओं को दर्शाता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या के घनत्व का वितरण भी जनसंख्या के वितरण के अनुरूप है। यह असमान एवं विषम प्रकृति को दर्शाता है। विश्व में जिन स्थानों पर अधिक जनसंख्या का बसाव मिलता है, वहाँ जनघनत्व भी स्वाभाविक रूप से अधिक मिलता है। सम्पूर्ण विश्व में जनसंख्या घनत्व में भी भारी विषमता पायी जाती है। एक ओर सहारा, ग्रीनलैण्ड, साइबेरिया व मंगोलिया में एक व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से कम जनसंख्या घनत्व मिलता है, वहीं दूसरी ओर सिंगापुर में 7797 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी घनत्व मिलता है।
विश्व जनसंख्या ब्यूरो वाशिंगटन के अनुसार सन् 2015 में विश्व का जनसंख्या घनत्व 47 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, लेकिन इसमें क्षेत्रीय असमानता मिलने के कारण एशिया में 116 व्यक्ति, यूरोप में 32 व्यक्ति, अफ्रीका में 27 व्यक्ति, उत्तरी अमेरिका में 16 व्यक्ति, दक्षिणी अमेरिका में 20 तथा ओसेनिया में 3 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी जनसंख्या का घनत्व था।
प्रश्न 7.
वैश्विक स्तर पर जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
21वीं शताब्दी के प्रारम्भ में विश्व की जनसंख्या 600 करोड़ से भी अधिक दर्ज की गई। इस आकार तक पहुँचने में जनसंख्या को शताब्दियाँ लग गईं। मानव सभ्यता के प्रारम्भिक कालों में विश्व की जनसंख्या में मन्द गति से वृद्धि हुई, लेकिन पिछले 100 वर्षों के दौरान विश्व की जनसंख्या में आश्चर्यजनक ढंग से वृद्धि दर्ज की गई है। लगभग 8000 से 12000 वर्ष पूर्व कृषि के उद्भव व आरम्भ के पश्चात् जनसंख्या का आकार बहुत छोटा था। उस काल में विश्व की जनसंख्या लगभग 80 लाख थी।
ईसा की प्रथम शताब्दी में विश्व की जनसंख्या 30 करोड़ से भी कम थी। लेकिन 16वीं व 17वीं शताब्दी में वैश्विक स्तर पर बढ़ते व्यापार ने जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के लिए एक आधार प्रदान किया। 1750Pई. के आस-पास जब हॉलैण्ड में औद्योगिक क्रान्ति हुई, तो उस समय विश्व की जनसंख्या लगभग 55 करोड़ थी। 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् विश्व जनसंख्या में अत्यन्त तीव्र गति से वृद्धि हुई, जिसे जनसंख्या की विस्फोटक वृद्धि भी कहा जा सकता है। वर्तमान प्रौद्योगिकी प्रगति ने जन्म दर को घटाने में सहायता प्रदान की तथा तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि हेतु एक मंच प्रदान किया है।
प्रश्न 8.
विश्व में जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मानव सभ्यता के प्रारम्भिक कालों में विश्व जनसंख्या अत्यन्त न्यून थी। लगभग 8000 से 12000 वर्ष पूर्व कृषि के उद्भव एवं प्रारम्भ के पश्चात् जनसंख्या का आकार बहुत छोटा था। लगभग 10000 ई. पू. सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या लगभग 50 लाख थी। 150 ई. में विश्व की जनसंख्या बढ़कर 25 करोड़ हो गई। 1650 ई. में विश्व जनसंख्या बढ़कर 50 करोड़ हो गई।
इस प्रकार स्पष्ट है कि 150 ई. में विश्व जनसंख्या 25 करोड़ थी, जिसे दोगुना (50 करोड़) होने में 1500 वर्षों का समय लगा। 1850 ई. में जनसंख्या बढ़कर 100 करोड़ हो गई जिसे दोगुना होने में मात्र 200 वर्ष का समय लगी। इसके पश्चात् से विश्व जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि में तीव्र गति से गिरावट अनुभव की जा रही है। सन् 1930 में विश्व की जनसंख्या 200 करोड़ थी, जो 80 वर्षों में दो गुनी हुई जो पुनः 45 वर्षों के पश्चात् सन् 1975 में दो गुना (400 करोड़) हो गई।
वर्तमान में हो रही जनसंख्या वृद्धि दरों को दृष्टिगत रखते हुए यह सम्भावना व्यक्त की जा रही थी कि 400 करोड़ (सन् 1975) की विश्व जनसंख्या के दो गुना (अर्थात् 800 करोड़) होने में लगभग 37 वर्ष का समय लगेगा, किन्तु यह अनुमान गलत साबित हुआ। वर्तमान में विश्व की जनसंख्या 720 करोड़ तक (2015 के अनुसार) पहुँच गई है।
प्रश्न 9.
जनसंख्या समस्या का समाधान किस प्रकार सम्भव है?
अथवा
जनसंख्या की समस्या को किस प्रकार दूर किया जा सकता है?
उत्तर:
जनसंख्या समस्या को अग्रलिखित उपायों द्वारा दूर किया जा सकता है –
- भौगोलिक संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग करके आर्थिक उत्पादन में वृद्धि करना।
- औद्योगीकरण, परिवहन, संचार-साधनों, खनन-उद्योगों और निर्माण-उद्योगों की उन्नति, यन्त्रीकरण, कोयला, पेट्रोल-बिजली के अधिकतम उत्पादन पर नियन्त्रण करके।
- शिक्षा का प्रसार और विज्ञान एवं तकनीकी प्रशिक्षण के अधिक-से-अधिक प्रसार से जागरूकता उत्पन्न करके।
- कृषि का नवीनीकरण करना चाहिए।
- सागरीय संसाधनों का उपयोग किया जाए।
- जनसंख्या को अल्प बसे क्षेत्रों में प्रवास करवाया जाए।
- देरी से विवाह, परिवार नियोजन और सन्तति निग्रह जैसी दशाओं के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए।
RBSE Class 12 Geography Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विश्व जनसंख्या के असमान वितरण प्रतिरूप को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
विश्व में असमान जनसंख्या वितरण को दर्शाने वाले तथ्यों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी तल पर जो जनसंख्या निवास करती है वह अनेक कारकों के द्वारा नियन्त्रित होने के कारण प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाती है। विश्व में मिलने वाले जनसंख्या के इस असमान वितरण को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया गया हैं –
- पृथ्वी की दो तिहाई जनसंख्या उसके लगभग 14 प्रतिशत भाग पर निवास करती है। एक अन्य अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग 57 प्रतिशत जनसंख्या इसके स्थलीय क्षेत्र के 5 प्रतिशत भाग पर निवास करती है।
- विश्व का दो-तिहाई भाग निर्जन प्राय: है। 90% भू-भाग पर मात्र 10% जनसंख्या रहती है। 10% स्थलीय भाग पर कुल जनसंख्या का 90% संकेन्द्रित है।
- विश्व की 85% जनसंख्या उत्तरी गोलार्द्ध में तथा 15% जनसंख्या दक्षिणी गोलार्द्ध में पाई जाती है।
- विश्व की लगभग तीन चौथाई जनसंख्या एशिया एवं यूरोप महाद्वीपों में रहती है। केवल एशिया महाद्वीप में ही विश्व की 60% से अधिक जनसंख्या निवास करती है। ओसेनिया में विश्व जनसंख्या का मात्र आधा प्रतिशत ही पाया जाता है।
- विश्व की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या 20° से 60° उत्तरी अक्षांशों के मध्य रहती है। 60° अक्षांश के उत्तर में विश्व की 1 प्रतिशत से भी कम जनसंख्या निवास करती है।
- विश्व की जनसंख्या का लगभग 75% भाग महाद्वीपों के किनारों की ओर बसा है। महाद्वीपों के आन्तरिक भागों की ओर जनसंख्या का संकेन्द्रण घटता जाता है।
- विश्व की लगभग 80% जनसंख्या सागर तल में 500 मीटर की ऊँचाई तक के क्षेत्र में निवास करती है। उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है कि विश्व के कई अति विशाल क्षेत्र विरल आबाद हैं और कुछ अपेक्षाकृत रूप से छोटे क्षेत्र अत्यधिक सघन आबाद हैं।
प्रश्न 2.
विश्व को जनसंख्या वितरण की दृष्टि से वर्गीकृत कीजिए।
अथवा
जनसंख्या वितरण की दृष्टि से विश्व को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
विश्व को जनसंख्या के वितरण की दृष्टि से निम्नलिखित भागों में विभक्त किया गया है –
(i) सघन जनसंख्या के प्रदेश:
विश्व के पाँच प्रदेश ऐसे हैं, जहाँ सघन जनसंख्या निवास करती है। यहाँ जनसंख्या घनत्व भी अधिक है। इन प्रदेशों में पूर्वी एशिया के चीन, जापान, दक्षिणी कोरिया, ताइवान व हाँगकाँग, दक्षिणी एशिया के भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश व नेपाल एवं सम्पूर्ण दक्षिण-पूर्वी एशिया, उत्तर-पश्चिमी भूरोप के ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, हॉलैण्ड, बेल्जियम, फ्रांस, आयरलैण्ड डेनमार्क, स्पेन व इटली तथा पूर्वी व उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण-पूर्वी कनाडा ओदि देश शामिल हैं। उत्तरी अमेरिका में 1779 ई. की औद्योगिक क्रान्ति के उपरान्त जनसंख्या तीव्रता से बढ़ी है।
(ii) सामान्य जनसंख्या के प्रदेश:
ऐसे भौगोलिक प्रदेशों में पारिस्थितिकी जनसंख्या निवास के लिए सामान्य दशाएँ प्रदान करती है। यहाँ मानव ने अनेक स्थानों पर प्रकृति के साथ अनुकूलन भी किया है। एण्डीज पर्वत पर प्रतिकूल भौतिक दशाओं के होते हुए भी ताँबे की उपलब्धता के कारण चिली की चुकार्ड, कामरा, कनाडा के यूरेनियम शहर में यूरेनियम के कारण तथा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में सोने की खदानों के कारण सघन जनसंख्या पायी जाती है।
(iii) विरल जनसंख्या के प्रदेश:
ये प्रदेश विश्व के 70% भू-भाग पर स्थित हैं। यहाँ विश्व की मात्र 5% जनसंख्या निवास करती है। इन क्षेत्रों में स्थिति, उच्चावच एवं जलवायु की विषम परिस्थितियों के कारण जनसंख्या विरल पायी जाती है।
(iv) अतिन्यून जनसंख्या क्षेत्र:
विश्व के विशाल स्थल भाग पर बिना आबादी वाले या लगभग निर्जन प्रदेशों का मुख्य कारण जलवायु और धरातल की कठोरता है। ऐसे क्षेत्रों में अतिशीतल, उच्च मरुस्थल, उच्च धरातलीय, विषुवतरेखीय आर्द वन तथा मध्य अक्षांशीय मरुस्थलीय प्रदेश आते हैं। जहाँ अल्प संख्या में जनजातियाँ निवास करती हैं। विश्व में जनसंख्या वितरण के इन प्रारूपों को निम्नानुसार प्रदर्शित किया गया है –
प्रश्न 3.
विश्व के जनसंख्या महासमूहों का वर्णन कीजिए।
अथवा
विश्व में अत्यधिक जनसंख्या संकेन्द्रण वाले बड़े क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वितरण के भौगोलिक विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि कुल जनसंख्या का लगभग 80% भाग 20° से 60° उत्तरी अक्षांशों के मध्य मिलता है। पृथ्वी का 50% भू-भाग मानव निवास के अनुकूल नहीं होने के कारण लगभग निर्जन है। इस प्रकार जनसंख्या का बड़ा भाग विश्व के चार विशाल क्षेत्रों में निवास करता है जो भौगोलिक दृष्टि से महाद्वीपों के कुछ विशेष उपयुक्त भाग है। इन विस्तृत बसे क्षेत्रों को प्रमुख जनसंख्या समूह कहते हैं। ये जनसंख्या महासमूह हैं –
- एशियाई जनसमूह
- यूरोपीय जनसमूह
- अमेरिकी जनसमूह
- अफ्रीकी जनसमूह
इन चार जनसंख्या महासमूहों का वर्णन निम्नानुसार है –
1. एशियाई जनसमूह:
- स्थिति यह जनसमूह मुख्यतः 10° से 40° उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित है। यहाँ पर नदियों द्वारा निर्मित उपजाऊ
मिट्टी वाले अनेक मैदान स्थित हैं, जो उत्तम कृषि प्रदेश हैं। जापान को छोड़कर एशियाई जनसमूह के सभी देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं। - क्षेत्र: इसका विस्तार पश्चिम में पाकिस्तान से लेकर भारत, म्यांमार, थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, वियतनाम होते हुए चीन, जापान और कोरिया तक है। इस पूरे प्रदेश में मानसूनी जलवायु पायी जाती है। इसलिए इसे मानसून एशिया भी कहा जाता है। एशियाई जनसमूह को भी अध्ययन की दृष्टि से तीन उप प्रदेशों में –
- पूर्वी एशिया: (चीन, जापान, कोरिया)
- दक्षिण-पूर्वी एशिया: (थाइलैण्ड, म्यांमार, इण्डोनेशिया, फिलीपीन्स, वियतनाम)
- दक्षिणी एशिया: (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका) आदि में विभक्त किया गया है।
- विशेषता: इस जनसमूह में तीव्र जनसंख्या वृद्धि, कृषि पर अत्यधिक निर्भरता, बेरोजगारी, आवास भोजन की कमी तथा निर्धनता जैसी दशाएँ देखने को मिलती हैं।
2. यूरोपीय जनसमूह:
- स्थिति: यूरोपीय जनसमूह 40° उत्तरी अक्षांश से 60° उत्तरी अक्षांश के मध्य पाया जाता है। इसकी सर्वाधिक सघनता 45° उत्तर में 55° उत्तर अक्षांशों के मध्य स्थित कोयला पेटी के सहारे है। यहाँ आधुनिक उद्योगों व नगरों का सर्वाधिक विकास हुआ है।
- क्षेत्र: यह जनसमूह रूस, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैण्ड, पौलैण्ड, बेल्जियम, चेकोस्लोवाकिया व हंगरी में फैला हुआ है।
- विशेषता: विश्व में एशिया के पश्चात् दूसरा बड़ा जनसमूह यूरोप महाद्वीप में है। सम्पूर्ण यूरोप में रूस सहित 74.0 करोड़ जनसंख्या केन्द्रित है, जिसका 75% भाग यूरोपीय जनसमूह के रूप में निवास करता है। इसमें जन्म व मृत्यु दर दोनों कम मिलती हैं। इस जनसमूह की लगभग 70% जनसंख्या नगरीय है।
3. अमेरिकी जनसमूह
- स्थिति: यह जनसमूह उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इस जनसमूह की 80% जनसंख्या 100° पश्चिमी देशान्तर के पूर्व में 30° उत्तर से 45° उत्तर अक्षांशों के मध्य निवास करती है।
- क्षेत्र:
यह जनसमूह संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग में कनाडा के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में फैला हुआ है। उत्तरी अमेरिका का महान झील प्रदेश इस जनसमूह का मुख्य संकेन्द्रण स्थल है। मैक्सिको, ग्वाटेमाला, क्यूबा, डोमेनिका व हेती आदि इसी के अन्दर शामिल हैं। - विशेषता: यह जनसमूह विश्व का तीसरा बड़ा जनसमूह है। यह सबसे नवीन जनसमूह होने के साथ-साथ विकसित जनसमूह भी है। इस जनसमूह में लगभग 90% जनसंख्या यूरोप से प्रवास करके आई है।
4. अफ्रीकी जनसमूह
- स्थिति-अफ्रीकी जनसमूह का विस्तार एक निश्चित प्रतिरूप में नहीं मिलता है। नील नदी घाटी प्राचीन सभ्यता की केन्द्र है। इसके अलावा 8 खनिज संसाधनों के जमाव ने इस जनसमूह को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- क्षेत्र: इस जनसमूह को संकेन्द्रण तीन क्षेत्रों में मिलता है। प्रथम नील नदी घाटी क्षेऊ दूसरा क्षेत्र जाम्बिया एवं नाइजर नदी घाटियों के मध्य स्थित गिनी तट एवं तीसरा क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणी, तथा पूर्वी तटीय भाग है। इसमें नाइजीरिया, इथोपिया, मिस्र, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, सूडान, केन्या, अल्जीरिया, मोरक्को, युगाण्डा नामक प्रमुख राष्ट्र शामिल हैं।
- विशेषता यह विश्व का सबसे पिछड़ा जनसमूह है। इस जनसमूह में सर्वाधिक जन्म दरं व मृत्यु दर मिलती हैं। विश्व के जनसंख्या महासमूहों को अग्रानुसार प्रदर्शित किया है –
प्रश्न 4.
जनसंख्या वृद्धि के कारणों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
विश्व जनसंख्या वृद्धि हेतु उत्तरदायी कारण कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों से ज्ञात होता है कि सभी महाद्वीपों में जनसंख्या वृद्धि हुई है, किन्तु जनसंख्या वृद्धि की दर सभी महाद्वीपों में एक समान नहीं है। पृथ्वी पर मानवीय अस्तित्व के 99% काल में जनसंख्या अत्यन्त कम तथा वृद्धि दर अत्यन्त मन्द रही है, किन्तु पिछले 350 वर्षों में विश्व की जनसंख्या उच्च वृद्धि दर के साथ बढ़ी है। विगत पचास वर्षों में विश्व के अनेक देश जनसंख्या की विस्फोटक स्थिति में पहुंच गए हैं। विश्व में जनसंख्या वृद्धि के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं –
- मृत्यु दर में गिरावट: विश्व में जनसंख्या वृद्धि का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण मृत्यु दर पर नियन्त्रण है। पिछले पचास वर्षों में वैज्ञानिक उपलब्धियों तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के कारण संक्रामक रोगों तथा महामारियों पर सफलतापूर्वक नियन्त्रण से मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है, जिसने जनसंख्या वृद्धि को आधार प्रदान किया है।
- खाद्य पदार्थों की निश्चित आपूर्ति: विश्व में खाद्यान्नों तथा अन्य खाद्य पदार्थों की निश्चित एवं नियमित आपूर्ति से जनसंख्या की वृद्धि दर प्रभावित हुई है। यान्त्रिक एवं गहन कृषि, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, उन्नत खाद-बीजों के उपयोग आदि से कृषि उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अकालों की संख्या भी अत्यन्त कम हुई है।
- औद्योगिक विकास: औद्योगिक क्रान्ति के कारण खनन, ऊर्जा, उत्पादन, उद्योग, परिवहन, व्यापार, तकनीकी आदि सभी क्षेत्रों का बहुमुखी विकास हुआ है, जिसमें रोजगार के माध्यम बढ़े हैं। मनुष्य के सामान्य जीवन स्तर में सुधार आया है, जिससे जनसंख्या बढ़ी है।
- वैज्ञानिक तथा प्राविधिक प्रगति: नवीन आविष्कारों द्वारा मानव जीवन को आरामदायक तथा सुविधाओं से परिपूर्ण बनाने से जनसंख्या में वृद्धि हुई है।
- शान्ति और सुरक्षा: शान्ति और सुरक्षा की स्थापना से विश्व में सामान्य प्रगति का विस्तार हुआ है तथा जनसंख्या में वृद्धि होती रही है।
- प्रवास: मृत्यु दर की तुलना में उच्च जन्म दर के कारण जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी तथा यूरोपीय निवासियों ने बड़े पैमाने पर उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया की ओर प्रवास आरम्भ किया। अत: इन महाद्वीपों में प्रवास के कारण जनसंख्या वृद्धि हुई।
प्रश्न 5.
विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति किस प्रकार भिन्नताओं को दर्शाती है?
अथवा
जनसंख्या वृद्धि की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न महाद्वीपों की तुलना में संसार के सभी महाद्वीपों में जनसंख्या की वृद्धि होती रही है, परन्तु किसी महाद्वीप में जनसंख्या बहुत तीव्र गति से बढ़ी है और किसी में धीमी गति से। जनसंख्या वृद्धि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित प्रकार हैं –
- सन् 1650 से 1750 तक एशिया और यूरोप में साधारण वृद्धि हुई थी और अफ्रीका में जनसंख्या घट गई थी। तब तक उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका में बहुत अल्प जनसंख्या थी।
- सन् 1750 से 1900 तक सभी महाद्वीपों में जनसंख्या वृद्धि हुई, परन्तु अधिक वृद्धि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में हुई थी।
- सन् 1900 के पश्चात् 20वीं शताब्दी में जनसंख्या वृद्धि की देर बहुत तीव्र गति से बढ़ी है। सबसे अधिक वृद्धि उत्तरी अमेरिका और एशिया में हुई है। पिछले 80 वर्षों में एशिया की जनसंख्या दोगुना हो गई है और उत्तरी अमेरिका की लगभग 4 गुना हो गई है। यूरोप में जनवृद्धि कम होने लगी है।
- जनसंख्या वृद्धि पिछले वर्षों में सब महाद्वीपों में एक समान नहीं है। समस्त संसार की जनसंख्या तीन शताब्दियों में लगभग 7 गुना हो गई है। एशिया और यूरोप में तीन शताब्दी पूर्व भी संसार की लगभग 3/4 जनसंख्या रहती थी और अब भी संसार की लगभग 3/4 है।
- उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में अब बहुत अधिक वृद्धि हुई है। उत्तरी अमेरिका में तीन शताब्दियों में जनसंख्या बढ़कर 364 गुना हो गई। दक्षिणी अमेरिका में 14 गुना हो गई है, सबसे कम वृद्धि अफ्रीका में हुई है, जो केवल तीन गुना है।
प्रश्न 6.
विश्व में जनसंख्या वृद्धि एक सोचनीय बिन्दु बन गया है क्यों?
अथवा
जनसंख्या की समस्या एक ज्वलंत समस्या हो गई है कैसे? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
जनसंख्या समस्या का त्वरित निदान आवश्यक क्यों हो गया है?
उत्तर:
दिनों-दिन संसार में जनसंख्या की समस्या अत्यधिक गम्भीर होती जा रही है और सभी विकसित देश इस विषय में चिन्तित होने लगे हैं। इस समस्या के सोचनीय बनने के निम्नलिखित कारण हैं –
(i) अत्यन्त तीव्र और भयावह वृद्धि: वर्तमान काल में संसार की जनसंख्या में अत्यन्त तीव्र गति से वृद्धि हो रही है, ऐसी वृद्धि पहले कभी नहीं हुई थी। यदि इस दर में वृद्धि होती रही, तो सन् 2040 में विश्व जनसंख्या 1400 करोड़ हो जाएगी, जो एक भयावह स्थिति होगी।
(ii) सीमित संसाधन: जिन प्राकृतिक संसाधनों से जनसंख्या को भरण-पोषण प्राप्त होता है, उनकी मात्रा निश्चित है, जबकि जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, जो इन संसाधनों का विदोहन कर इन्हें समाप्त कर देगी।
(iii) वितरण संकेन्द्रित: पृथ्वी पर जनसंख्या का वितरण सर्वत्र एक समान नहीं है। केवल थोड़े से ही भाग ऐसे हैं, जिनमें जनसंख्या संकेन्द्रित है। पृथ्वी के केवल एक तिहाई स्थलखण्ड पर संसार की 90% जनसंख्या निवास करती है। अत: जनसंख्या में वृद्धि होने से जनसंख्या का भार पृथ्वी पर अधिकाधिक बढ़ता चला जा रहा है। चीन, जापान, कोरिया, भारत, पाकिस्तान, इण्डोनेशिया आदि में जनता का जीवन-स्तर बहुत नीचा है। इन देशों में अनेक समस्याएँ भी उत्पन्न हो गई हैं।
(iv) बिना बसे भू-भागों में निराशा: पृथ्वी के बिना बसे हुए भू-भागों का क्षेत्रफल पृथ्वी के समस्त क्षेत्रफल का लगभग 70% है। इससे भविष्य में भी मानव निवास होने या बढ़ने की आशा नहीं है। अत: ये क्षेत्र संसाधनों के उपयोग की दृष्टि से अनुपयोगी बने रहेंगे।
(v) प्राकृतिक और मानवीय प्रतिबन्ध: जब किसी प्रदेश की जनसंख्या का भार वहाँ के भौतिक संसाधन धारण नहीं कर सकते हैं, तो उसे प्रदेश में भुखमरी फैल जाती है। दरिद्रता के कारण रहन-सहन का स्तर इतना नीचा गिर जाता है कि बीमारी और महामारी से मृत्यु दर बढ़ जाती है और जनसंख्या का ह्रास होने लगता है। ऐसी स्थिति किसी भी राष्ट्र के लिए सामाजिक आर्थिक दृष्टि से हानिकारक सिद्ध होती हैं।
प्रश्न 7.
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
अथवा
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का प्रयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन व जनसंख्या के भावी अनुमान के लिए किया जाता है। इस सिद्धान्त से किसी समाज के विभिन्न दौरों से गुजरने की प्रक्रिया का वर्णन किया जाता है। किसी भी राष्ट्र में जनसंख्या में होनेले परिवर्तन की विभिन्न दशाएँ होती हैं। प्रत्येक राष्ट्र को इन दशाओं से होकर गुजरना पड़ता है।
प्राय: एक राष्ट्र/समाज अपने प्रारम्भिक दौर में ग्रामीण, खेतिहर, अशिक्षित व पिछड़ी अवस्था से होता हुआ शिक्षित, नगरीय, औद्योगिक व विकसित स्वरूप की ओर अग्रसर होता है। इस दौरान जनसंख्या-उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु दर से निम्न जन्म दर व निम्न मृत्यु दर में परिवर्तित होने लगती है। जनसंख्या में होने वाला यह परिवर्तन विभिन्न अवस्थाओं में होता है, जिसे सामूहिक रूप से जनांकिकीय चक्र कहा जाता है।
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त की अवस्थाएँ –
- प्रथम अवस्था (उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु दर की अवस्था)
- द्वितीय अवस्था (उच्च जन्म दर, मृत्यु दर की उच्च किन्तु गिरती हुई अवस्था)
- तृतीय अवस्था (उच्च जन्म दर व मध्यम मृत्यु दर की अवस्था)
- चतुर्थ अवस्था (मध्यम जन्म दर व निम्न मृत्यु दर की अवस्था)
- पंचम अवस्था (निम्न जन्म दर व निम्न मृत्यु दर की अवस्था)
जनांकिकीय संक्रमण की अवस्थाओं का चित्रात्मक प्रदर्शन –