RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 नाइट्रोजन उपापचय तथा नाइट्रोजन चक्र is part of RBSE Solutions for Class 12 Biology. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Chapter 12 नाइट्रोजन उपापचय तथा नाइट्रोजन चक्र.
Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Chapter 12 नाइट्रोजन उपापचय तथा नाइट्रोजन चक्र
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लेग्यूमिनोसी कुल के पादपों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिए आवश्यक वर्णक है –
(अ) हीमोग्लोबिन
(ब) लेगहीमोग्लोबिन
(स) पर्णहरित
(द) जैन्थोफिल
प्रश्न 2.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों की सक्रियता के लिए आवश्यक तत्व है –
(अ) कोबाल्ट
(ब) मोलिब्डेनम
(स) आयरन
(ब) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3.
पादपों में नाइट्रोजन किस रूप में अवशोषित होता है।
(अ) अमोनिया
(ब) नाइट्रोजन
(स) नाइट्राइट
(द) नाइट्रेट
प्रश्न 4.
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाला जीवाणु है –
(अ) नाइट्रोसोमोनास
(ब) नाइट्रोबेक्टर
(स) राइजोबियम
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5.
निम्न में कौन-सा विनाइट्रीकरण जीवाणु है –
(अ) राइजोबियम
(ब) बैसीलस डिनाइट्रीफिकेन्स
(स) नाइट्रोबेक्टर
(द) नाइट्रोसोमोनास
उत्तरमाला
1. (ब)
2. (द)
3. (द)
4. (स)
5. (ब)
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नील हरित शैवाल में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाली विशिष्ट कोशिका कौन-सी है?
उत्तर
हिटरोसिस्ट (Heterocyst)।
प्रश्न 2.
लेगहीमोग्लोबिन क्या है?
उत्तर
सक्रिय एवं क्रियाशील मूल गुलिकाओं (Root nodules) में पाया जाने वाला लाल-गुलाबी वर्णक लेगहीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin) कहलाता है। यह वर्णक नाइट्रोजन स्थिरीकरण के समय O2 अवशोषित करने का कार्य करता है।
प्रश्न 3.
लैक्टीन नामक ग्लाइकोप्रोटीन का क्या कार्य है?
उत्तर
लैक्टीन (Lactin) राइजोबियम की विशेष जाति को जड़ की ओर आकर्षित करता है।
प्रश्न 4.
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण में प्रयुक्त होने वाली दो प्रमुख प्रोटीन कौन-सी हैं?
उत्तर
लैक्टीन (Lactin) तथा नोड्यूलिन (Nodulin)
प्रश्न 5.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का उसके यौगिकों (नाइट्रेट तथा नाइट्राइट) में परिवर्तित होने की क्रिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitogen fixation) कहलाती है।
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वायुमण्डल में 78% नाइट्रोजन होते हुए भी पादप इसका प्रत्यक्ष उपयोग क्यों नहीं कर सकते हैं?
उत्तर
वायुमण्डल में आण्विक नाट्रोजन (लगभग 78%) अक्रिय गैस (Inert gas) के रूप में पायी जाती है। नाइट्रोजन के इस रूप को पौधे प्रत्यक्षतः उपयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि पौधों में नाइट्रोजनेज एन्जाइम नहीं पाया जाता है। जो नाइट्रोजन को अमोनिया में परिवर्तित करता है। यह एन्जाइम कुछ सूक्ष्म जीवों में पाया जाता है।
प्रश्न 2.
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
कुछ नाइट्रोजन स्थिरीकारी सूक्ष्मजीव, उच्च पादपों के साथ सहजीवी सम्बन्ध बनाकर वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके पौधों को नाइट्रोजन उपलब्ध कराते हैं, इसे सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं। उदारहण के लिए, मटर कुल के पौधों की जड़ों में राइजोबियम, सीसबानिया पौधे की स्तम्भ गुलिकाओं में एजोराइजोबियम आदि।
प्रश्न 3.
निम्न पर टिप्पणियाँ लिखिए –
(क) नाइट्रीकरण
(ख) विनाइट्रीकरण
(स) निफ जीन
(द) लेगहीमोग्लोबिन
उत्तर
(क) नाइट्रीकरण (Nitrification) – अमोनिया का नाइट्रेट में ऑक्सीकरण नाइट्रीकरण (Nitrification) कहलाता है। यह क्रिया विभिन्न प्रकार के रसायन पोषित (Chemotophic) जीवाणुओं द्वारा सम्पन्न होती है। यह अभिक्रिया दो चरणों में पूर्ण होती हैं –
- अमोनिया का नाइट्राइट में परिवर्तन (Change of ammonia into nitrites) – नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas) जीवाणु द्वारे में अमोनियम ऑक्सीकृत होकर नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाती है।
2NH3 + 3O2 → 2HNO2 + 2H2O + ऊर्जा - नाइट्राइट नाइट्रेट में रूपान्तरण (Transformation of nitrite into nitrate) – नाइट्रोवेक्टर (Nitrobactor) जीवाणु द्वारा नाइट्राइट का नाइट्रेट में ऑक्सीकरण हो जाता है।
2HNO2 + O2 → 2HNO3 + ऊर्जा
(ख) विनाइट्रीकरण (Denitrification) – जीवाणुओं द्वारा मृदा में उपस्थित नाइट्रेट को नाइट्रोजन में परिवर्तित करने की क्रिया विनाइट्रीकरण (Denitrification) कहलाती है। इस प्रक्रिया से भूमि की उर्वराशक्ति (Fertility) कम हो जाती है।
उदाहरण– वैसिलस डिनाइट्रीफिकेन्स (Bacillus denirificans) एवं थायोवैसिलस डिनाइट्रीफिकेन्स (Thiobacillus denitificans)
इस प्रकार उपरोक्त चार चरणों में पूर्ण होने वाले नाइट्रोजन चक्र को निम्न आरेख द्वारा समझाया जा सकता है –
(स) निफ जीन (Nif gene) – निफ जीन जीवाण्विक गुणसूत्रों पर पाए जाते हैं लेकिन सहजीवी जीवाणुओं में से प्लाज्मिड पर अन्य जीनों के साथ पाए जाते हैं। निफ जीन नाइट्रोजनेज एन्जाइम को कोडित करते हैं जो कि नाइट्रोजन स्थिरीकरण क्रिया का महत्वपूर्ण एन्जाइम है।
(द) लेगहीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin) – सक्रिय एवं क्रियाशील गुलिकाओं (Nodules) में एक लाल गुलाबी रंग का वर्णक पाया जाता है जिसे लेगहीमोग्लोबिन (Leghhaemoglobin) कहते हैं। यह वर्णक नाइट्रोजन स्थिरीकरण के समय ऑक्सीजन (O2) को अवशोषित करने का कार्य करता है। क्योंकि नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाला एन्जाइम नाइट्रोजनेज ऑक्सीजन के प्रति अति संवेदनशील (Hypergenstive) होता है तथा केवल अनॉक्सी (Anaerobic) वातावरण में सक्रिय होता है एवं ऑक्सीजन की उपस्थिति में निष्क्रिय हो जाता है। अतः लेगहीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अवशोषित करके नाइट्रोजनेज को निष्क्रिय होने से बचाता है। अतः लेगहीमोग्लोबिन की अनुपस्थिति में नाइट्रोजन स्थिरीकरण संभव नहीं होता है।
प्रश्न 4.
लेग्यूमिनोसी पादपों की जड़ों में गुलिका निर्माण की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर
कुछ सूक्ष्म जीव मृदा में स्वतंत्र रूप से रहकर नाइट्रोजन यौगिकीकरण करते हैं, इसे असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं। असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीव निम्न प्रकार के होते हैं –
- स्वतंत्रजीवी वायुवीय जीवाणु (Free living aerobic bacteria) – ये जीवाणु मृदा में स्वतंत्र रूप से पाए जाते हैं और ऑक्सीजन की उपस्थिति में जीवित रहते हैं। उदाहरण- एजोटोबैक्टर (Azotobacter), एजोमोनास (Azomonas)।
- स्वतंत्रजीवी अवायुजीवी जीवाणु (Free living anaerobic bacteria) – ये जीवाणु मृदा में स्वतंत्र रूप में पाए जाते हैं और वायु की अनुपस्थिति में जीवित रहते हैं। उदाहरण- क्लॉस्ट्रीडियम (Clostridium)।
- प्रकाश संश्लेषी जीवाणु (Photosynthetic bacteria) – इन जीवाणुओं में विशेष प्रकार का क्लोरोफिल पाया जाता है, जिसमें ये प्रकाशसंलेषण करके भोजन बनाते हैं। उदाहरण- क्लोरोबियम (Chlorobium), रोडोस्यूडोमोनास (Rhodopseudomanas) आदि।
- रसायन संश्लेषी जीवाणु (Chemosynthetic bacteria) – ये विभिन्न तत्वों के उपयोग से भोजन का संश्लेषण करते हैं।
उदाहरण- थायोबेसलिस (Thiobacillus)। - कवक (Fungi) – कुछ कवक जैसे- यीस्ट (Yeast), प्यूलूलेरिया (Pulluleria) भी असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेते हैं।
- नील हरित शैवाल या सायनोबैक्टीरिया (Blue Green Algae or Cynobercteria) – नील हरित शैवालों में विशिष्ट कोशिका हेटरोसिस्ट (Heterocysts) पायी जाती हैं जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेती हैं। इन सूक्ष्मजीवों की सक्रियता के लिए मोलिब्डेनम तत्व की आवश्यकता होती है। उदाहरण-एनाबीना (Anabaena), नॉस्टॉक (Nastoc) आदि।
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण से क्या अभिप्राय है? पादपों में जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण समझाइए।
उत्तर
नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitogen fixation) –
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन (N2) को उसके यौगिकों में बदलने की क्रिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitogen fixation) कहलाती है। नाइट्रोजन गैस (N2) अणु में दो नाइट्रोजन परमाणु शक्तिशाली त्रिसहसंयोजी आबन्ध (Triple Covalent bond) से जुड़े होने के कारण निष्क्रिय (Inactive) होते हैं। इस आबन्ध को तोड़कर दूसरे अणुओं में बन्धित होने में अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जैवमण्डल (Biosphere) में नाइट्रोजन । | स्थिरीकरण (Nitogen fixation) की क्रिया अलग-अलग पथों द्वारा। | सम्पन्न होती है। जिसे एक रैखिक चार्ट द्वारा समझा जा सकता है –
प्रश्न 2.
नाइट्रोजन चक्र की विभिन्न घटनाओं पर एक लेख लिखिए।
उत्तर
इस प्रकार के नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में अजैविक घटक; जैसे- ताप, दाब, बिजली चमकना, मृदा आदि भाग लेते हैं। यह दो प्रकार का होता है –
1. वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Atmospheric: Nitrogen Fixation) – इस प्रक्रिया में तड़ित (Lightening), मेघ गर्जन, आँधी, बिजली चमकने के समय वायुमण्डलीय स्वतन्त्र नाइट्रोजन (N2) ऑक्सीजन से संयोग करके नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) बनाती है। यह NO ऑक्सीजन की अधिकता में ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (NO2) बनाती है। यह नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जेल से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाती है। HNO3 वर्षा जल के साथ पृथ्वी पर आ जाता है। मृदा में यह अम्ल क्षारीय मूलकों (Basic radicles) के साथ क्रिया करके नाइट्रेट यौगिकों का निर्माण करता है जिसे पौधे जड़ों द्वारा अवशोषित कर सकते हैं।
नाइट्रेट्स जल में विलेय होते हैं तथा पौधों द्वारा सीधे अवशोषित कर लिए जाते हैं।
उपरोक्त प्रक्रिया भौदि, नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहलाती है। यह वायुमण्डल में कुल नाइट्रोजन स्थिरीकरण का लगभग 10% भाग होता है।
2. औद्योगिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Industrial Nitrogen Fixation) – इसमें कृत्रिम रूप से नाइट्रोजन की स्थिरीकरण (Fixation) किया जाता है। इसमें उच्च दाब तथा 200°C पर उत्प्रेरक (Catalyst) की उपस्थिति में नाइट्रोजन तथा हाड्रोजन गैस संयुक्त होकर अमोनिया (NH3) बनाती है। इस विधि को हेबर की अमोनिया संश्लेषण विधि कहते हैं। इस अमोनिया का उपयोग रासायनिक उर्वरक (Chemical fertilizers) बनाने में किया जाता है। इस विधि को रासायनिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहते हैं।
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मृदा में नाइट्रोजन किस रूप में विद्यमान रहती है?
उत्तर
कार्बनिक तथा अकार्बनिक नाइट्रोजन युक्त यौगिकों के रूप में।
प्रश्न 2.
लैग्यूम की जड़ गुलिकाओं में लैगहीमोग्लोबिन द्वारा कैसा वातावरण उत्पन्न किया जाता है?
उत्तर
अनॉक्सीय (Anaerobic)।
प्रश्न 3.
श्रेष्ठ नाइट्रोजन स्थिरकारी जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर
राइजोबियम (Rhizobium)।
प्रश्न 4.
नाइट्रोजनेज की सुरक्षा कौन करता है?
उत्तर
लैगहीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin)
प्रश्न 5.
अमोनिया का उत्पादन औद्योगिक रूप में किस विधि द्वारा किया जाता है?
उत्तर
हैवर विधि (Haber’s process)।
प्रश्न 6.
हैवर विधि द्वारा अमोनिया उत्पादन का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर
प्रश्न 7.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीव क्या कहलाते हैं?
उत्तर
डाइऐजोट्राफ (Diazotrophs)।
प्रश्न 8.
दो वायुजीवी जीवाणुओं के नाम बताइए।
उत्तर
एजोटोवेक्टर (Azotobacter), ऐजोमोनास (Azomonas)।
प्रश्न 9.
किसी अवायवीय जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर
क्लॉस्ट्रीडियम (Clostridium)।
प्रश्न 10.
दो प्रकाशसंश्लेषी जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर
क्लोरोवियम (Chlorobium), रोडोस्यूडोमोनास (Rhodopseudomonas)।
प्रश्न 11.
नाइट्रोजन स्थिरकारी दो नील हरित शैवालों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर
नॉस्टोक (Nostoc), ऐनाबीना (Anubdena)।
प्रश्न 12.
नाइट्रोजन स्थिरीकारी नील हरित शैवालों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाली संरचना का नाम लिखिए।
उत्तर
हेटेरोसिस्ट (Heterocyst)।
प्रश्न 13.
नाइट्रोजन स्थिरीकारी सूक्ष्मजीवों की सक्रियता हेतु किस खनिज तत्व की आवश्यकता होती है?
उत्तर
मॉलिब्डेनम (Mo)।
प्रश्न 14.
ऐजोला की पत्तियों में स्थित सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारी नील हरित शैवाल का नाम लिखिए।
उत्तर
ऐनाबीना (Anabaena)।
प्रश्न 15.
मूलरोम में प्रविष्टि के पश्चात राइजोबियम जीवाणु क्या कहलाता है?
उत्तर
बेक्टीरॉयड (Bacteroid)।
प्रश्न 16.
मूल गुलिकाओं की वृद्धि को प्रेरित करने वाले हॉर्मोन का नाम लिखिए।
उत्तर
इण्डोल ऐसीटिक अम्ल (IAA)।
प्रश्न 17.
नाइट्रोजनेज एन्जाइम किन तत्वों से निर्मित होता है?
उत्तर
प्रोटीन, मॉलिब्डेनम (Mo) तथा लौह (Fe)
प्रश्न 18.
ऐमीनो अम्ल संश्लेषण के जनक अम्ल का नाम लिखिए।
उत्तर
ग्लूटेमिक अम्ल (Glutamic acid)।
प्रश्न 19.
किसी एक नाइट्रीकारी जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर
नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas)
प्रश्न 20.
किसी एक विनाइट्री जीवाणु का नाम लिखो।
उत्तर
बैसिलस डिनाइट्रीफिकेन्स (Bacillus denitrificans)
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नाइट्रोजन चक्र किसे कहते हैं? समझाइए।
उत्तर
पौधों द्वारा नाइट्रोजन के उपयोग के पश्चात् विभिन्न कार्बनिक यौगिकों का निर्माण किया जाता है। कुछ सूक्ष्मजीव वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। इस प्रकार स्थिरीकृत नाइट्रोजन विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा पुनः वातावरण में दूसरे जीवों के उपयोग के लिए मुक्त हो जाती है। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया नाइट्रोजन चक्र कहलाती है। वातावरण में घटित होने वाला यह नाइट्रोजन चक्र निम्न चार चरणों में सम्पन्न होता है।
(A) नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen fixation)
(B) अमोनीकरण (Ammonification)
(C) नाइट्रीकरण (Nitrification)
(D) विनाइट्रीकरण (Denitrification)
प्रश्न 2.
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण समझाइए।
उत्तर
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Atmospheir Nitrogen Fixation) – प्रकृति में तड़ित (बिजली चमकने) एवं पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से वायुमण्डल में उपस्थित मुक्त नाइट्रोजन ऑक्सीजन से संयुक्त होकर नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) का निर्माण करती है। नाइट्रिक ऑक्साइड आक्सीजन से पुनः संयोजित होकर नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (NO2) बनाता है। नाइट्रोजन डाई आक्साइड जल से अभिक्रिया करके नाइट्रस अम्ल (HNO2) व नाइट्रिक अम्ल (HNO3) का निर्माण करता है। इस प्रकार निर्मित नाइट्रिक अम्ल वर्षा जल के साथ मृदा में चला जाता है। जहाँ यह क्षारीय पदार्थों से क्रिया करके नाइट्रेट (NO3–) का निर्माण करता है, जिसका अवशोषण पौधों द्वारा किया जाता है।
- N2 + O2 → 2NO (नाइट्रिक ऑक्साइड)
- 2NO + 02 → 2NO2 (नाइट्रोजन डाईऑक्साइड)
- 2NO2 + H2O → HNO2 + HNO3 (नाइट्रिक अम्ल)
इस प्रकार होने वाला नाइट्रोजन स्थिरीकरण सम्पूर्ण नाइट्रोजन स्थिरीकरण का लगभग 10% तक होता है।
प्रश्न 3.
औद्योगिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
औद्योगिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Industrial Nitrogen Fixation) – अत्यधिक ताप, दाब एवं उत्प्रेरक की उपस्थिति में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन एवं हाइड्रोजन संयुग्मित होकर अमोनिया (NH3) बनाते हैं जिसका उपयोग औद्योगिक स्तर पर रासायनिक उर्वरक बनाने में किया जाता है। अमोनिया निर्माण की यह विधि हैबर विधि कहलाती है –
N2 + 3H2 → 2NH3
प्रश्न 4.
लेगहीमोग्लोबिन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
लेगहीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin) – सक्रिय एवं क्रियाशील गुलिकाओं में एक लाल गुलाबी रंग का वर्णक पाया जाता है जिसे लेगहीमोग्लोबिन कहते हैं। यह वर्णक नाइट्रोजन स्थिरीकरण के समय 0, अवशोषित करने का कार्य करता है क्योंकि नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाला एन्जाइम नाइट्रोजनेज, ऑक्सजीन के प्रति अतिसंवेदनशील होता है तथा केवल अनॉक्सी वातावरण में ही सक्रिय होता है। ऑक्सीजन की उपस्थिति में यह निष्क्रय हो जाता है। अतः लेगहीमोग्लोबीन 0, को अवशोषित कर नाइट्रोजनेज को निष्क्रिय होने से बचाता है। अत: इस वर्णक की अनुपस्थिति में नाइट्रोजन स्थिरीकरण संभव नहीं है।
प्रश्न 5.
नोड्यूलिन प्रोटीन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
नोड्यूलिन (Nodulin) प्रोटीन-इस प्रोटीन के कई प्रारूप हो सकते हैं जो गुलिका की संरचना एवं नाइट्रोजन तथा कार्बोहाइट्रेट से सम्बन्धित हैं।
सहजीवन द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण दो सहजीवों के संजीन में स्थित जीनों के परस्पर सहयोग व अभिव्यक्ति का परिणाम है।
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जैव मण्डल में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया के पथों को चार्ट रूप में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
नाइट्रोजन (N2) वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है। वायमुण्डल में लगभग 78% नाइट्रोजन गैस उपस्थित होती है। नाइट्रोजन जीवद्रव्य में पायी जाने वाली प्रोटीन (Proteins) का मुख्य अवयव है। यह केन्द्रकीय अम्लों (Nucleic acid), विटामिन (Vitamins), प्रोटीन (Proteins), ऐमीनो अम्लों (Amino acids), एन्जाइमों (Enzymes) आदि कार्बनिक यौगिकों के रूप में पादपों में विद्यमान रहती है।
पौधे वायु के साथ नाइट्रोजन को रन्ध्रों (Stomata) द्वारा ग्रहण करते। हैं लेकिन इसका इस रूप में स्वांगीकरण (Assimilation) नहीं कर सकते हैं। पौधे नाइट्रोजन को केवल मृदा (Soil) से प्राप्त करते हैं क्योंकि पौधे नाइट्रोजन को मृदा से घुलित अवस्था में अकार्बनिक नाइट्रोजनी यौगिकों एवं कार्बनिक नाइट्रोजनी यौगिकों के रूप में ही ग्रहण कर सकते हैं।
गैसीय अवस्था में उपस्थित मुक्त नाट्रोजन का उपयोग उच्च विकसित जीवधारियों द्वारा नहीं किया जा सकता है। परन्तु कुछ जीवाणु (Bacteria), कवक (Fungi) तथा नीलहरित शैवाल (Blue green algae), वातावरणीय मुक्त नाइट्रोजन का स्थिरीकरण (Fixation) करने में सक्षम होते हैं। ये सूक्ष्मजीव स्वतन्त्र जीवी (Free living) अथवा सहजीवी (Symbiotic) अवस्था में पाए जाते हैं।
पादपों में नाइट्रोजन युक्त यौगिकों का शुष्क भार (Dry wright) पादप के सम्पूर्ण शुष्कभार को 5-30% तक होता है जो पादपों में नाइट्रोजन का महत्व प्रदर्शित करता है। यह एक नियंत्रक पोषक तत्व (Nutrient) है एवं इसकी न्यूनता/कमी (Definiency) से अनेक पादप रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
पादप निम्न चार प्रकार के नाइट्रोजन युक्त का उपयोग करते हैं।
- नाइट्राइट (Nitrites)
- नाइट्रेट (Nitrates)
- अमोनिया युक्त यौगिक (Ammonia Compounds Containing)
- नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक (Organic compounds containing nitrogen)
पौधों में निर्माणकारी अथवा संश्लेषणात्मक क्रियाएँ (Synthetic procigges) तथा विघटनकारी क्रियाएँ (Destructive processes) लगातार चलती रहती हैं। निर्माणकारी क्रियाएँ उपचयी क्रियाएँ (Anabolic reactions) कहलाती हैं तथा विघटनकारी क्रियाओं को अपचयी क्रियाएँ (Catabolic reactions) कहते हैं। दोनों प्रकार की क्रियाओं के सम्मिलित स्वरूप को उपापचय (Metabolism) कहते हैं। नाइट्रोजन उपापचय में पौधों के अन्दर तथा बाहर अनेक जैव रासायनिक क्रियाएँ होती रहती हैं। पौधे नाइट्रोजन को नाइट्रेट्स के रूप में ग्रहण करते हैं। पौधे के अन्दर नाइट्रेट्स का अवकरण (Reduction) होता है जिसके परिणामस्वरूप अमोनिया (NH) निर्मित होती है। यह अमोनिया अनेक कार्बनिक पदार्थों से संयोग करके ऐमीनो अम्ल (Amino acids) बनाती है। ऐमीनो अम्लों से विभिन्न प्रकार की प्रोटीन्स का निर्माण होता है।
इस प्रकार सरल पदार्थों से नाइट्रोजन युक्त जटिल यौगिकों का निर्माण उपचय (Anabolism) कहलाता है। इसके साथ ही जटिल नाइट्रोजनी यौगिकों का विघटन सरल अवयवों में भी होता है जो उपचय (Catabolism) कहलाता है। अर्थात पौधों में नाट्रोजन उपापचय में उपचय तथा अपचय दोनों प्रकार की क्रियाएँ होती हैं।
पौधों द्वारा नाइट्रोजन के उपयोग के पश्चात् विभिन्न कार्बनिक यौगिकों का निर्माण किया जाता है। कुछ सूक्ष्मजीव वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। इस प्रकार स्थिरीकृत नाइट्रोजन विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा पुनः वातावरण में दूसरे जीवधारियों के उपभोग के लिए मुक्त हो जाती है। यह सम्पूर्ण क्रिया नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen cycle) कहलाती है। वातावरण में घटित होने वाला नाइट्रोजन चक्र (Nitogen cycle) निम्न चार चरणों में पूर्ण होता है –
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitorgen fixation)
- अमोनीकरण (Ammonification)
- नाइट्रीकरण (Nirification)
- विनाइट्रीकरण (Denirification)
प्रश्न 2.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण प्रक्रिया में अमोनिया का स्वांगीकरण समझाइए।
उत्तर:
इस प्रकार के नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में अजैविक घटक; जैसे- ताप, दाब, बिजली चमकना, मृदा आदि भाग लेते हैं। यह दो प्रकार का होता है –
1. वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Atmospheric: Nitrogen Fixation) – इस प्रक्रिया में तड़ित (Lightening), मेघ गर्जन, आँधी, बिजली चमकने के समय वायुमण्डलीय स्वतन्त्र नाइट्रोजन (N2) ऑक्सीजन से संयोग करके नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) बनाती है। यह NO ऑक्सीजन की अधिकता में ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (NO2) बनाती है। यह नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जेल से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाती है। HNO3 वर्षा जल के साथ पृथ्वी पर आ जाता है। मृदा में यह अम्ल क्षारीय मूलकों (Basic radicles) के साथ क्रिया करके नाइट्रेट यौगिकों का निर्माण करता है जिसे पौधे जड़ों द्वारा अवशोषित कर सकते हैं।
नाइट्रेट्स जल में विलेय होते हैं तथा पौधों द्वारा सीधे अवशोषित कर लिए जाते हैं।
उपरोक्त प्रक्रिया भौदि, नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहलाती है। यह वायुमण्डल में कुल नाइट्रोजन स्थिरीकरण का लगभग 10% भाग होता है।
2. औद्योगिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Industrial Nitrogen Fixation) – इसमें कृत्रिम रूप से नाइट्रोजन की स्थिरीकरण (Fixation) किया जाता है। इसमें उच्च दाब तथा 200°C पर उत्प्रेरक (Catalyst) की उपस्थिति में नाइट्रोजन तथा हाड्रोजन गैस संयुक्त होकर अमोनिया (NH3) बनाती है। इस विधि को हेबर की अमोनिया संश्लेषण विधि कहते हैं। इस अमोनिया का उपयोग रासायनिक उर्वरक (Chemical fertilizers) बनाने में किया जाता है। इस विधि को रासायनिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहते हैं।
प्रश्न 3.
नाइट्रोजन चक्र का चित्रात्मक निरूपण कीजिए।
उत्तर
नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitogen fixation) –
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन (N2) को उसके यौगिकों में बदलने की क्रिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitogen fixation) कहलाती है। नाइट्रोजन गैस (N2) अणु में दो नाइट्रोजन परमाणु शक्तिशाली त्रिसहसंयोजी आबन्ध (Triple Covalent bond) से जुड़े होने के कारण निष्क्रिय (Inactive) होते हैं। इस आबन्ध को तोड़कर दूसरे अणुओं में बन्धित होने में अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जैवमण्डल (Biosphere) में नाइट्रोजन । | स्थिरीकरण (Nitogen fixation) की क्रिया अलग-अलग पथों द्वारा। | सम्पन्न होती है। जिसे एक रैखिक चार्ट द्वारा समझा जा सकता है
We hope the given RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 12 नाइट्रोजन उपापचय तथा नाइट्रोजन चक्र will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Chapter 12 नाइट्रोजन उपापचय तथा नाइट्रोजन चक्र, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.
Leave a Reply