Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 22 नियोजन एवं सतत् विकास
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नवीनतम अनुमानों के आधार पर भारत में सर्वाधिक निर्धनों की संख्या किस राज्य में है?
(अ) बिहार
(ब) उड़ीसा
(स) उत्तर प्रदेश
(द) असम
उत्तर:
(अ) बिहार
प्रश्न 2.
निर्धनता अनुपात में सबसे ऊपर आने वाला राज्य है –
(अ) बिहार
(ब) उड़ीसा
(स) उत्तर प्रदेश
(द) राजस्थान
उत्तर:
(स) उत्तर प्रदेश
प्रश्न 3.
भारत में बेरोजगारी का कारण है –
(अ) मानवीय संसाधनों की उचित नियोजन में कमी
(ब) प्राकृतिक साधनों की कमी
(स) राजनीतिक नेतृत्व की कमी
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
प्रश्न 4.
भारत के किस राज्य में सर्वप्रथम रोजगार गारण्टी कार्यक्रम चलाया गया?
(अ) गुजरात
(ब) महाराष्ट्र
(स) राजस्थान
(द) मध्य प्रदेश
उत्तर:
(स) राजस्थान
प्रश्न 5.
स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के सम्बन्ध में कौन-कौन से कथन सत्य हैं ?
(अ) इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भारी संख्या में लघु उद्योगों की स्थापना करना है।
(ब) इस योजना में लक्षित समूह ग्रामीण क्षेत्रों के बी.पी.एल. परिवार हैं।
(स) योजना में दी जाने वाली धनराशि केन्द्र एवं राज्य सरकारें 75 : 25 के अनुपात में विभाजित करती है।
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 6.
वर्तमान में राज्यों में निर्धनों की सर्वाधिक जनसंख्या किस राज्य में है?
(अ) बिहार
(ब) छत्तीसगढ़
(स) झारखण्ड
(द) उत्तर प्रदेश
उत्तर:
(ब) छत्तीसगढ़
प्रश्न 7.
भारत में गरीबी निवारण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का मूल्यांकन निम्न में से किसके द्वारा किया जाता है?
(अ) राष्ट्रीय विकास परिषद्
(ब) कार्यक्रम क्रियान्वयन मन्त्रालय
(स) वित्त मन्त्रालय
(द) योजना आयोग
उत्तर:
(स) वित्त मन्त्रालय
प्रश्न 8.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना का शुभारम्भ हुआ –
(अ) 2 फरवरी 2006
(ब) 15 अगस्त 2006
(स) 2 फरवरी 2007
(द) 15 अगस्त 2007
उत्तर:
(अ) 2 फरवरी 2006
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत कब हुई?
उत्तर:
सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत 1952 में हुई।
प्रश्न 2.
ट्राइसेम का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
यह कार्यक्रम 15 अगस्त 1979 में शुरू किया गया। इसका पूरा नाम-स्वरोजगार हेतु ग्रामीण युवक प्रशिक्षण’ है।
प्रश्न 3.
मनरेगा का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
मनरेगा का पूरा नाम-‘महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कार्यक्रम’ है।
प्रश्न 4.
आई आर डी पी का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
आई आर डी पी का पूरा नाम-‘एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ है।
प्रश्न 5.
गरीबी क्या है?
उत्तर:
गरीबी एक अभिशाप है जिसका सम्बन्ध भूख, कुपोषण, निम्न जीवन स्तर, निराशाजनक अशिक्षा तथा मानव विकास के निम्न स्तर से है। डॉ. लार्ड बॉयड ओर के अनुसार 2300 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीब है।
प्रश्न 6.
प्रधानमन्त्री जन-धन योजना क्या है?
उत्तर:
यह योजना 15 अगस्त 2014 को प्रारम्भ की गयी। बैंकों तक लोगों की पहुँच को सार्वजनिक व सार्वभौमिक बनाने और वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमन्त्री जन-धन योजना की घोषणा प्रधानमन्त्री द्वारा की गयी।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यक्रम – 21 (Agenda – 21) के बारे में लिखिए?
उत्तर:
जून 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरो नगर में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण एवं विकास सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें 178 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में कार्यक्रम – 21 के नाम से रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम – 21 एक विस्तृत दस्तावेज है जिसके अन्तर्गत 21वीं सदी तथा उसके पश्चात् पर्यावरण से सम्बन्धित विभिन्न पर्यावरणीय समस्याओं के साथ ही टिकाऊ विकास सम्बन्धी समस्याओं के निदान पर प्रकाश डाला गया है।
प्रश्न 2.
प्रधानमन्त्री आवास योजना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति, मुक्त बन्धुआ मजदूर, ग्रामीण मजदूरों और युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं/ निकटतम सम्बन्धियों को आवास निर्माण हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में हैं 75,000 तथा मैदानी भागों में ₹ 70,000 प्रति आवास प्रदान किये जाते हैं। यह योजना मई 1985 – 86 में शुरू हुई और 2016 में प्रधानमन्त्री आवास योजना में नाम परिवर्तन किया गया है। इसमें प्रत्येक कच्चे मकान वाले परिवार को शौचालय सहित 1,48,000 प्रदान किये जायेंगे।
प्रश्न 3.
मनरेगा योजना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मनरेगा अधिनियम 5 सितम्बर 2005 को अधिसूचित किया गया। यह कार्यक्रम 2 फरवरी 2006 आन्ध्र प्रदेश राज्य से देश के 200 सबसे पिछड़े जिलों में शुरू किया गया। बाद में 1 अप्रैल 2008 को देश के शेष सभी ग्रामीण जिलों जिनकी संख्या 644 है में लागू कर दिया गया। जिसमें राजस्थान के 6 जिले प्रथम चरण में शामिल थे। मनरेगा में प्रत्येक परिवार के ऐसे वयस्क अकुशल शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्ति कम से कम 100 दिन तक गारण्टी शुदा रोजगार की सुविधा है जो इसके इच्छुक हैं। योजना में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सहभागिता अनिवार्य है।
प्रश्न 4.
सतत विकास क्या है? बताइये।
उत्तर:
विकास की वह सुनिश्चित पद्धति जिसमें संसाधनों का युक्ति-युक्त और भावी पीढ़ी के लिए पर्याप्त संरक्षणात्मक उपायों को अपनाते हुए प्रयोग हो, सतत् विकास कहलाता है। सतत् विकास शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1987 ब्रण्टलैण्ड कमीशन रिपोर्ट में किया गया था। ब्रण्टलैण्ड ने अपने दस्तावेज ‘हमारा साझा भविष्य में लिखा था- “सतत/टिकाऊ विकास एक विकास है जिसमें वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति आने वाली पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति को बिना नुकसान पहुँचाये करती है।” सतत् विकास समाज की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ स्थायी तौर पर भविष्य के लिए भी विकास को आधार प्रस्तुत करता है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गरीबी उन्मूलन हेतु संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गरीबी एक भौगोलिक एवं सामाजिक आयाम है। गरीबी का आशय विकास की कमी, अल्प विकास और पिछड़ेपन से है। संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि के प्रथम निदेशक लार्ड बॉयड ओर के अनुसार 2300 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कम उपभोग करने वाले व्यक्ति को गरीब माना गया है। गरीबी निवारण के लिए संचालित पूर्ववर्ती कार्यक्रमों व वर्तमान में संचालित कार्यक्रमों का संक्षिप्त वर्णन निम्न प्रकार है –
1. स्वरोजगार हेतु ग्रामीण युवक प्रशिक्षण (ट्राइसेम):
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 अगस्त 1979 को शुरू हुआ। 1 अप्रैल, 1999 को इसे स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में समायोजित कर लिया गया।
2. एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP):
यह योजना 1978-79 में प्रारम्भ हुई तथा 1 अप्रैल 1999 को इसे स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में मिला दिया गया। यह गरीब परिवारों को दुधारू पशु खरीदने तथा छोटे कामों के लिए अनुदान की योजना है।
3. जवाहर रोजगार योजना:
यह योजना 1989-90 में प्रारम्भ की गयी थी। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना थी। 1 अप्रैल 1999 से जवाहर ग्राम समृद्धि योजना लागू की गयी।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बच्चों का विकास:
1 अप्रैल 1999 को इस योजना को भी स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में शामिल कर दिया गया।
5. जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना:
यह योजना ग्रामीण गरीबों को गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से जोड़कर उनकी क्षमताओं का विकास कर उनका सशक्तीकरण करने के लिए बनाई गयी।
6. प्रधानमन्त्री आवास योजना:
यह गरीब परिवारों, विधवाओं, शहीद परिवारों आदि के लिए आवास हेतु अनुदान उपलब्ध कराने की योजना थी।
7. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन:
यह कार्यक्रम गरीब ग्रामीण जनता तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
8. गंगा कल्याण योजना:
इस योजना के अन्तर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों को नलकूप/पम्पिंग सेट लगाने के लिए आर्थिक सहयोग एवं मियादी ऋण की सुविधा दी जाती है।
9. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम:
इसमें वृद्धावस्था पेंशन योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना तथा राष्ट्रीय मातृ लाभ योजना के अन्तर्गत अनुदान देने का प्रावधान है।
10. अन्नपूर्णा योजना:
इसमें प्रतिमाह वरिष्ठ नागरिकों को अनाज देने की योजना है।
11. अन्त्योदय अन्न योजना:
इस योजना के अन्तर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत बीपीएल परिवारों को ₹ 2 प्रति किलो की दर से 25 किलो गेहूँ व ₹ 3 प्रति किलो की दर से चावल उपलब्ध करवाया जाता है।
12. स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना:
इस योजना के अन्तर्गत स्वरोजगारियों को निर्धनता रेखा से ऊपर उठाने के लिए तथा उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उपक्रमों में काम पर लगाने की व्यवस्था की जाती है।
13. सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम:
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार, खाद्य सुरक्षा और स्थायी सामुदायिक परिसम्पत्तियों का निर्माण करना है।
14. काम के बदले अनाज योजना:
यह योजना 14 नवम्बर 2004 में देश के 150 अति पिछड़े जिलों में शुरू की गयी। इसमें प्रत्येक गरीब परिवार को वर्ष में 100 दिन रोजगार देना है। प्रतिदिन मजदूरी में 5 किग्रा अनाज व नकद धनराशि दी जाती है। उपरोक्त कार्यक्रमों के अलावा वर्तमान समय में गरीबी निवारण के लिए चलाये जा रहे अन्य सहयोगी कार्यक्रम निम्नलिखित हैं –
- प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना।
- जल संभरण विकास कार्यक्रम।
- बीस सूत्री कार्यक्रम।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन।
- प्रधानमन्त्री जन-धन योजना आदि।
इसके अलावा मनरेगा जैसे कार्यक्रमों द्वारा अकुशल वयस्क शारीरिक श्रम करने के इच्छुक सदस्यों के लिए कम से कम 100 दिनों तक गारण्टी शुदा रोजगार उपलब्ध कराते हुए आजीविका सुरक्षा बढ़ाने का कार्यक्रम संचालित हो रहा है।
प्रश्न 2.
भारत में मनरेगा की भूमिका व लक्ष्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनरेगा कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे प्रत्येक परिवार जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक हैं, इन्हें 1 वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारण्टीशुदा रोजगार उपलब्ध कराते हुए आजीविका की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। विश्व में भारत प्रथम ऐसा देश है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करके मनरेगा अधिनियम बनाया है। वर्तमान में मनरेगा में कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 150 दिन प्रतिवर्ष कर दिया गया है।
भारत में मनरेगा की भूमिका:
मनरेगा एक मांग आधारित योजना है जिसके अन्तर्गत जल संरक्षण, वानिकी, वृक्षारोपण, भूमि विकास, बाढ़ नियन्त्रण, सड़कों का निर्माण इत्यादि कार्यक्रम अपनाये जाने की व्यवस्था है। भारत में मनरेगा कार्यक्रम द्वारा कृषि मजदूरों की क्रय शक्ति बढ़ी है और इससे निजी क्षेत्रों में भी मजदूरी में बढ़ोत्तरी मनरेगा में केन्द्रीय बजट 2014-15 में 33,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जबकि 2012 – 13 बजट में इस पर आंवटित राशि 30,000 करोड़ रुपये थी। वर्ष 2013-14 में लगभग 4.39 करोड़ परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर मनरेगा में भुगतान की गयी औसत मजदूरी जो 2006 – 07 में 65 रुपये थी वर्ष 2015 में 181 रुपये हो गयी।
भारत में मनरेगा का लक्ष्य:
भारत में संचालित मनरेगा कार्यक्रम के निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं –
- सम्बन्धित क्षेत्र में अक्सर रचनात्मक सुविधाओं का विकास करने वाले कार्यों में मजदूरी, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर ग्रामीण गरीबों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना।
- सम्बन्धित क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को पुनः बढ़ावा देना।
- उपयोगी ग्रामीण परिसम्पत्तियों का निर्माण करना।
- ग्रामीण गरीबों को सुरक्षा तन्त्र उपलब्ध कराकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
- महिलाओं का सशक्तीकरण सुनिश्चित करना।
- जमीनी स्तर पर लोकतान्त्रिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण करना।
इस प्रकार भारत में मनरेगा का उद्देश्य अकुशल व्यक्तियों को शारीरिक श्रम उपलब्ध कराकर निर्धारित गुणवत्ता और स्थाई स्वरूप की उत्पादनकारी परिसम्पत्तियों का सृजन करना है। इससे निर्धनों के आजीविका संसाधन आधार सुदृढ़ होंगे, सक्रिय सामाजिक समावेशिता सुनिश्चित होगी तथा पंचातती राज संस्थाएँ सुदृढ़ होगीं।
प्रश्न 3.
भारत में मनरेगा से प्रभावकारी परिवर्तन पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
भारत में संचालित मनरेगा ऐसा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहते हैं, इन्हें एक वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारण्टीशुदा (मजदूरी) रोजगार उपलब्ध कराते हुए आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। विश्व में भारत ही ऐसा प्रथम देश है जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करके गरीबी दूर करने के लिए सरकार ने साविधिक स्वरूप एवं अधिकार आधारित दृष्टिकोण के साथ मनरेगा अधिकार बनाया है।
भारत में संचालित मनरेगा कार्यक्रम द्वारा अनेक परिवर्तन आये हैं। निस्सन्देह रूप से रोजगार गारण्टी कार्यक्रम गाँवों में विद्यमान गरीबी व बेरोजगारी उन्मूलन की दिशा में एक प्रभावकारी कदम है। इस योजना के अन्तर्गत श्रमिकों को गाँवों में ही स्थायी परिसम्पत्तियों जैसे वाटर शेड प्रोग्राम, जल संरक्षण कार्यों, सड़क, पंचायत घरों के निर्माण, तालाब निर्माण, वन संरक्षण व वृक्षारोपण जैसे कार्यों में संलग्न किया गया है। इसी प्रकार क्षेत्र विकास कार्यक्रमों का संचालन, सूखा सम्भाव्य क्षेत्रों व दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले गरीब परिवारों को रोजगार प्रदान करने हेतु किया जा रहा है।
डॉ. स्वामीनाथन ने लिखा है-कृषि क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सम्भावनाएँ कम हो गयी हैं। अत: सरकार को गैर कृषि क्षेत्रों के विकास की ओर ध्यान देते हुए कुशल श्रमिकों को वहाँ नियोजित करने की दिशा में सार्थक प्रयास करना चाहिए। भारत में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध हुई है। इसके अलावा यह सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ दूरसंचार, चिकित्सा, शिक्षा, मरम्मत के कार्यों में भी सहयोग दे रही है।
मनरेगा के वर्तमान मुख्य पहलू:
मनरेगा के मुख्य पहलू निम्नलिखित हैं –
- योजना की गतिविधियों को अधिक विस्तारित किया गया है जिससे इन्हें सार्थक बनाया जा सके।
- मजदूरी भुगतान में इलेक्ट्रोनिक विधि प्रबन्धन प्रणाली को लागू किया गया है।
- अधिसूचित सूखा प्रभावित विकास खण्डों में प्रति परिवार 100 दिनों से अधिक का अतिरिक्त रोजगार अब अनुमान्य है।
- रोजगार रिकार्ड में गड़बड़ी तथा व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आधार कार्ड का प्रयोग तथा नकद लाभ योजना से जोड़ा गया है।
- मनरेगा को पूर्ण स्वच्छता अभियान के साथ जोड़ा गया है।
- मनरेगा के अन्तर्गत देय मजदूरी को CPI-AL के साथ जोड़ना जिससे श्रमिकों को स्फीतिकारी दबाव से प्रतिरक्षित किया जा सके।
- सामाजिक आडिट की व्यवस्था को लागू करना।
- मनरेगा में देय मजदूरी को नकद लाभ अन्तरण स्कीम के साथ जोड़ा गया है।
मनरेगा जहाँ एक ओर मजदूरों की आय में वृद्धि लाकर खाद्यान्नों की माँग में वृद्धि लाता है। वहीं दूसरी ओर लागत में वृद्धि करके दूसरे वैकल्पिक रोजगारों में मजदूरी में वृद्धि लायेगी तथा मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि होगी।
प्रश्न 4.
सतत विकास की संकल्पना व सम्मेलनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सतत् विकास शब्द का प्रथम बार प्रयोग 1987 ब्रण्टलैण्ड कमीशन रिपोर्ट में किया गया था। ब्रण्टलैण्ड ने अपने दस्तावेज ‘हमारा साझा भविष्य में लिखा है-“सतत/टिकाऊ विकास एक विकास है जिसमें वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति को बिना नुकसान पहुँचाये करती है।” सतत् विकास प्रकृति के साथ मानव के सहयोग, साहचर्य, उसके प्रति श्रद्धा व सम्मान की भावना पर आधारित है।
सतत् विकास को टिकाऊ विकास, संदृत विकास, स्थिर विकास, स्थायी विकास, सतत् पोषणीय विकास, संपोषणीय विकास, संधारणीय विकास आदि नामों से भी जाना जाता है। संपोषणीयता विकास प्रयत्नों में गुणवत्ता के विस्तार पर अधिक बल देती है। संपोषणीय विकास का अभिप्राय है-सतत् पोषणीय विकास अर्थात् ऐसा विकास जो मानव समाज की केवल तात्कालिक आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं करे बल्कि वह स्थायी तौर पर भविष्य के लिए भी विकास का आधार प्रस्तुत करे।
सतत् विकास की संकल्पना पर्यावरण तथा संसाधन संरक्षण के साथ ही संसाधनों के विकास एवं वृद्धि पर बल देती है। सम्पोषणीय विकास मानव और पर्यावरण के मध्य किसी स्थैतिक स्थिति को कायम रखने पर नहीं बल्कि ऐसी परिवर्तनकारी क्रिया पर बल देती है जो मानव समाज के वर्तमान तथा भावी आवश्यकताओं तथा संसाधनों, पूँजी एवं प्रौद्योगिकी में सामंजस्य स्थापित करे। सतत् विकास के सम्मेलन जून 1992 में ब्राजील के रियो-डि-जेनेरो में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण एवं विकास सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें विकसित तथा विकासशील देशों के 178 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
इसे प्रथम पृथ्वी सम्मेलन या रियो सम्मेलन के नाम से जाना जाता है। इस सम्मेलन में कार्यक्रम-21 नाम से रूपरेखा प्रस्तुत की गयी थी। इस कार्यक्रम में सतत् विकास से सम्बन्धित निर्देशक सिद्धान्त दिये गये हैं। द्वितीय पृथ्वी सम्मेलन जून 1997 में न्यूयार्क में आयोजित किया गया किन्तु इसमें किसी निश्चित मसौदे प्रस्ताव पर कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया। तीसरा पृथ्वी सम्मेलन अगस्त 2002 में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में आयोजित किया गया।
इसका मुख्य विषय सतत् पोषणीय विकास था। इस सम्मेलन में भारत जैसे विकासशील देशों ने इस मुददे को उठाया कि-अति उत्पादन और अति उपभोग पोषणीय नहीं है। यदि संयुक्त राज्य अमेरिका के उपभोग स्तर के बराबर अन्य देशों में भी उपभोग होने लगे तो आवश्यक संसाधनों के लिए वर्तमान पृथ्वी के तुल्य कई अन्य पृथ्वियों की आवश्यकता पड़ेगी।
इस सम्मेलन में विकासशेल देशों ने सतत् पोषणीय विकास के उद्देश्य से विकसित देशों को जीवन-शैली में परिवर्तन लाने पर जोर दिया किन्तु इस परिवर्तन के लिए विकसित देश तैयार नहीं हुए। इस सम्मेलन में मात्र इस बात पर सहमति बन पायी कि उत्पादन और उपभोग को सतत् पोषणीय विकास बनाने के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम बनाया जायेगा।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य है –
(अ) प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
(ब) भूख को मिटाना
(स) निर्धनता का उन्मूलन करना
(द) ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाना
उत्तर:
(स) निर्धनता का उन्मूलन करना
प्रश्न 2.
स्वरोजगार हेतु ग्रामीण युवक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण की निर्धारित आयु है –
(अ) 15 से 20 वर्ष
(ब) 18 से 30 वर्ष
(स) 18 से 35 वर्ष
(द) 20 से 40 वर्ष
उत्तर:
(स) 18 से 35 वर्ष
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सी योजना है जिसे स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में समाहित नहीं किया गया हैं?
(अ) स्वरोजगार हेतु ग्रामीण युवक प्रशिक्षण
(ब) एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम
(स) ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बच्चों का विकास
(द) जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना
उत्तर:
(द) जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना
प्रश्न 4.
निम्न में से किस योजना में नलकूप/पम्पिंग सेट के लिए अर्थ सहयोग एवं ऋण का प्रावधान है?
(अ) गंगा कल्याण योजना
(ब) राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम
(स) अन्नपूर्णा योजना
(द) जल संभरण विकास कार्यक्रम
उत्तर:
(अ) गंगा कल्याण योजना
प्रश्न 5.
प्रधानमन्त्री जन-धन योजना की शुरुआत कब की गयी?
(अ) 5 सितम्बर 2005 को
(ब) 1 अप्रैल 1999 को
(स) 15 अगस्त 2014 को
(द) 14 नवम्बर 2015 को
उत्तर:
(स) 15 अगस्त 2014 को
प्रश्न 6.
मनरेगा की अधिसूचना जारी हुई –
(अ) 1 अप्रैल 2008 को
(ब) 5 सितम्बर 2005 को
(स) 15 नवम्बर 2014 को
(द) 14 सितम्बर 2010 को
उत्तर:
(ब) 5 सितम्बर 2005 को
प्रश्न 7.
मनरेगा जैसी योजना लागू करने वाला विश्व का प्रथम देश है –
(अ) चीन
(ब) जापान
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
(द) भारत
उत्तर:
(द) भारत
प्रश्न 8.
निम्न में से जो मनरेगा के प्रावधान में शामिल नहीं है, बताइये –
(अ) रोजगार की माँग की तारीख से 15 दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है।
(ब) योजना के क्रियान्वयन में ठेकदारी प्रथा प्रतिबन्धित है।
(स) आधुनिक मशीनरी के प्रयोग को प्राथमिकता है।
(द) कार्यरत व्यक्ति की मृत्यु पर मुआवजे का प्रावधान है।
उत्तर:
(स) आधुनिक मशीनरी के प्रयोग को प्राथमिकता है।
प्रश्न 9.
मनरेगा में भुगतान की औसत मजदूरी 2015 में रही है –
(अ) ₹ 150
(ब) ₹ 160
(स) ₹ 181
(द) ₹ 190
उत्तर:
(स) ₹ 181
प्रश्न 10.
सतत विकास के लिए निम्न में कौन-सा शब्द प्रयोग में नहीं आता?
(अ) टिकाऊ विकास
(ब) सम्पोषणीय विकास
(स) संधारणीय विकास
(द) संरक्षणात्मक विकास
उत्तर:
(द) संरक्षणात्मक विकास
प्रश्न 11.
प्रथम पृथ्वी सम्मेलन (1992) आयोजित किया गया –
(अ) रियो-डि-जेनेरो में
(ब) न्यूयार्क में
(स) टोकियो में
(द) जोहान्सबर्ग में
उत्तर:
(अ) रियो-डि-जेनेरो में
प्रश्न 12.
निम्न में से जो जलवायु परिवर्तन के परिणाम हैं, बताइये –
(अ) ऋतु परिवर्तन
(ब) वैश्विक तापमान में वृद्धि
(स) समुद्र स्तर में वृद्धि
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –
स्तम्भ (अ) | स्तम्भ (ब) |
(i) एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम | (अ) 1 अप्रेल 2001 |
(ii) जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना | (ब) मई 1985 – 86 |
(iii) प्रधानमंत्री आवास योजना | (स) फरवरी 1997 |
(vi) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन | (द) 1978 – 79 |
(v) गंगा कल्याण योजना | (य) मई 2005 |
(vi) अन्नपूर्णा योजना | (र) जुलाई 2000 |
उत्तर:
(i) द (ii) र (iii) ब (iv) य (v) स (vi) अ
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निर्धनता किसकी परिचायक है?
उत्तर:
निर्धनता, भूख, कुपोषण, निम्न जीवन स्तर, निराशाजनक अशिक्षा के गुणों से युक्त मानव विकास के निम्न स्तर की परिचायक है।
प्रश्न 2.
आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य क्या है?
उत्तर:
आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य निर्धनता को उन्मूलन करना है।
प्रश्न 3.
सामुदायिक विकास कार्यक्रम का लक्ष्य क्या रहा है?
उत्तर:
सामुदायिक विकास कार्यक्रम का लक्ष्य गाँवों की पारम्परिक जीवन शैली में सुधार कर ग्रामीण समाज को समानता और न्याय का अधिकार दिलाना हो गया।
प्रश्न 4.
गरीबी रेखा की अवधारणा कब और किसके द्वारा प्रस्तुत की गयी ?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि के प्रथम निदेशक लार्ड बॉयड ओर द्वारा सर्वप्रथम 1945 में गरीबी रेखा की अवधारणा प्रस्तुत की गयी।
प्रश्न 5.
लार्ड बॉयड ओर ने गरीब किसे माना है?
उत्तर:
लार्ड बॉयड ओर के अनुसार 2300 कैलोरी प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीब है।
प्रश्न 6.
निरपेक्ष गरीबी क्या है?
उत्तर:
वह स्थिति जिसमें व्यक्ति अपनी न्यूनतम आधारभूत आवश्यकताओं-खाना, कपड़ा, स्वास्थ्य, मकान आदि की पूर्ति नहीं कर पाता, निरपेक्ष गरीबी है।
प्रश्न 7.
सापेक्ष गरीबी क्या है?
उत्तर:
सापेक्ष गरीबी तुलनात्मक है। इसकी गणना। अन्तर्राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय आर्थिक असमानताओं के सन्दर्भ में की जाती है।
प्रश्न 8.
गरीबी भौगोलिक आयाम है-कैसे?
उत्तर:
भौगोलिक कारणों से कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो पिछड़े हैं और अन्य क्षेत्रों की तुलना में विकास की दृष्टि से पीछे हैं, अतएव गरीबी ऐसे क्षेत्रों की स्थायी प्रवृत्ति हो गयी है। इसीलिए गरीबी को भौगोलिक आयाम कहते हैं।
प्रश्न 9.
गरीबी सामाजिक आयाम है-कैसे?
उत्तर:
गरीबी का सम्बन्ध चूंकि समाज के कुछ विशिष्ट समूहों से है जो प्रारम्भ से लेकर आज तक उसी अवस्था में हैं, अतएव गरीबी एक सामाजिक आयाम है।
प्रश्न 10.
भारत में गरीबी मापने के दो प्रमुख आधार क्या हैं?
उत्तर:
भारत में गरीबी मापने के दो प्रमुख आधार हैं –
- न्यूनतम कैलोरी उपभोग।
- प्रति व्यक्ति प्रतिमाह व्यय।
प्रश्न 11.
योजना आयोग ने बीपीएल किसे माना है?
उत्तर:
योजना आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञ ग्रुप के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 2,400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्रों में 2,100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पोषण न प्राप्त करने वाला गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) माना जाता है।
प्रश्न 12.
तेन्दुलकर समिति के गरीबी के विषय में क्या विचार थे?
उत्तर:
तेन्दुलकर समिति ने न्यूनतम उपभोग व्यय (2011 – 12) के अनुसार बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में है 27 व शहरों में 33 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन खर्च करने वाला व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे नहीं आयेगा।
प्रश्न 13.
तेन्दुलकर समिति के अनुसार भारत में कितनी जनचूंख्या बीपीएल वर्ग में है?
उत्तर:
तेन्दुलकर समिति के अनुसार 2011 में भारत में 26.9 प्रतिशत (ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में क्रमश: 21.65 व 5.28 प्रतिशत) जनसंख्या बीपीएल वर्ग में है।
प्रश्न 14.
रंगराजन समिति के अनुसार भारत में कितनी जनसंख्या बीपीएल वर्ग में है?
उत्तर:
रंगराजन समिति के अनुसार भारत में 36.30 प्रतिशत (ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 26.05 व 10.25 प्रतिशत) जनसंख्या बीपीएल वर्ग में है।
प्रश्न 15.
गरीबी उन्मूलन रोजगार कार्यक्रमों के नाम लिखिए।
उत्तर:
गरीबी उन्मूलन रोजगार कार्यक्रमों में स्वरोजगार हेतु ग्रामीण युवक प्रशिक्षण, एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम, जवाहर रोजगार योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बच्चों का विकास, जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, गंगा कल्याण योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम व अन्नपूर्णा योजना आदि शामिल हैं।
प्रश्न 16.
ट्राइसेम में किन क्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाता है?
उत्तर:
इसमें कृषि एवं सम्बद्ध क्रियाकलापों, उद्योग, सेवाओं एवं व्यापार में स्वरोजगार हेतु दक्षता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्रश्न 17.
एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम में किन मदों में अनुदान की व्यवस्था थी?
उत्तर:
एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम में दुधारू पशुओं (गाय, भेड़, बकरी, भैंस), बैलगाड़ी, सिलाई की मशीनें, हथकरघा आदि के लिए सरकार अनुदान देती थी।
प्रश्न 18.
जवाहर रोजगार योजना में किन कार्यों को कराये जाने का प्रावधान था?
उत्तर:
जवाहर रोजगार योजना में पेयजल के लिए कुओं का निर्माण, स्कूल भवन, दवाखाने, ग्रामीण सड़कें, लघु सिंचाई व भू-संरक्षण आदि के कार्यों को करने का प्रावधान था।
प्रश्न 19.
जवाहर रोजगार योजना में पूर्व संचालित किन कार्यक्रमों का विलय किया गया था?
उत्तर:
जवाहर रोजगार योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार हेतु पूर्व संचालित निम्न दो कार्यक्रमों का विलय किया गया था –
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम।
- ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारण्टी कार्यक्रम।
प्रश्न 20.
जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना किसके सहयोग से कब संचालित की गयी?
उत्तर:
जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से 22 जुलाई सन् 2000 में संचालित की गयी।
प्रश्न 21.
गंगा कल्याण योजना के प्रमुख प्रावधान क्या थे?
उत्तर:
यह योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए नलकूप/पम्पिंग सेट के लिए अनुदान व मियादी ऋण से सम्बन्धित थी। 50 प्रतिशत व्यवस्था अनुसूचित जातियों/जनजातियों के लिए थी।
प्रश्न 22.
अन्नपूर्णा योजना क्या है? बताइये।
उत्तर:
1 अप्रैल 2001 से प्रारम्भ अन्नपूर्णा योजना में वरिष्ठ नागरिकों (65 वर्ष से अधिक) को प्रतिमाह 10 किलो अनाज देने की योजना शामिल है।
प्रश्न 23.
अन्त्योदय अन्नयोजना के प्रावधान बताइये।
उत्तर:
अन्त्योदय अन्नयोजना में बीपीएल परिवारों को ₹ 2 प्रति किलो की दर से 25 किलो गेहूँ तथा ₹ 3 प्रति किलो की दर से चावल उपलब्ध कराया जाता है।
प्रश्न 24. स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना किन-किन योजनाओं का संयुक्त रूप है?
उत्तर:
स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना IRDP, TRYSEM, DwCRA, SITRA, GKY व MWS नामक योजनाओं का संयुक्त रूप है।
प्रश्न 25.
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में कौन सी योजनाएँ सम्मिलित हैं ?
उत्तर:
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में हैं। निम्न दो योजनाएँ सम्मिलित हैं –
- रोजगार गारण्टी योजना।
- जवाहर ग्राम समृद्धि योजना।
प्रश्न 26.
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के कोई तीन उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तीन उद्देश्य निम्न हैं –
- ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार की व्यवस्था।
- खाद्य सुरक्षा।
- स्थायी सामुदायिक परिसम्पत्तियों का निर्माण।
प्रश्न 27.
काम के बदले अनाज योजना के क्षेत्रों का चयन किसके द्वारा किया गया है?
उत्तर:
काम के बदले अनाज योजना के क्षेत्रों का चयन केन्द्र व राज्य सरकारों की सलाह पर योजना आयोग द्वारा किया गया है।
प्रश्न 28.
प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना क्या है?
उत्तर:
यह योजना 25 दिसम्बर 2000 को शुरू की गयी। इसका उद्देश्य 500 से अधिक (पहाड़ी, मरुस्थल एवं जनजातीय क्षेत्रों में 250) जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव को पक्की सड़कों से जोड़ना है।
प्रश्न 29.
जल संभरण विकास कार्यक्रम में किन कार्यक्रमों को समाहित किया गया है?
उत्तर:
जल संभरण विकास कार्यक्रम में निम्न तीन कार्यक्रमों को समाहित किया गया है –
- सूखा प्रणव क्षेत्र विकास कार्यक्रम।
- मरुस्थल विकास कार्यक्रम।
- समन्वित बंजर भूमि विकास कार्यक्रम।
प्रश्न 30.
जल संभरण कार्यक्रम किस प्रकार संचालित होता है?
उत्तर:
जल संभरण कार्यक्रम हरियाली निर्देश के अधीन परियोजना कार्यान्वयन एजेन्सी के माध्यम से ग्राम पंचायत द्वारा लागू किया जाता है।
प्रश्न 31.
जल संभर प्रबन्धन क्या है? बताइये।
उत्तर:
जल संभर प्रबन्धन से आशय है-“धरातलीय एवं भौम जल संसाधनों का कुशल प्रबन्धन करना। जल संभर प्रबन्धन के अन्तर्गत सभी प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पुनरुत्पादन तथा विवेकपूर्ण उपयोग सम्मिलित है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों तथा समाज के मध्य सन्तुलन स्थापित करना है।
प्रश्न 32.
हरियाली परियोजना क्या है?
उत्तर:
हरियाली केन्द्र सरकार द्वारा संचालित जल संभर विकास परियोजना है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है जिससे उन्हें पीने, सिंचाई, मत्स्य पालन तथा वनारोपण के लिए पर्याप्त जलापूर्ति हो सके।
प्रश्न 33.
बीस सूत्री कार्यक्रम कब लागू किया गया? इसके उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
बीस सूत्री कार्यक्रम की घोषणा 1975 में की गयी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की गरीब व वंचित आबादी के जीवन स्तर को सुधारना है।
प्रश्न 34.
प्रधानमन्त्री जन-धन योजना के तीन प्रावधान बताइये।
उत्तर:
प्रधानमन्त्री जन-धन योजना में गरीब परिवारों के लिए निम्न तीन प्रावधान हैं –
- एक बैंक खाता खुलवाना।
- एक डेबिड कार्ड।
- एक लाख रुपये की बीमा की सुविधा प्रदान करना।
प्रश्न 35.
मनरेगा में कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं?
उत्तर:
मनरेगा में सड़क निर्माण, बाढ़ नियंत्रण व संरक्षण, भूमि-विकास, परम्परागत जल स्रोतों के नवीनीकरण लघु सिंचाई कार्यक्रम, सूखा निस्तारण, जल संरक्षण व जल ग्रहण सम्बन्धी कार्य किये जाते हैं।
प्रश्न 36.
मनरेगा में रोजगार देने में वरीयता क्रम में किसे रखा गया है?
उत्तर:
मनरेगा में रोजगार देने में परिगणित जाति, जनजाति, महिलाओं (एक-तिहाई) तथा गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को वरीयता देने की व्यवस्था है।
प्रश्न 37.
मनरेगा में किन योजनाओं का सन्निवेशन किया गया है?
उत्तर:
मनरेगा –
- सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना।
- राष्ट्रीय काम के बदले अनाज कार्यक्रम का सन्निवेशन किया गया है।
प्रश्न 38.
मनरेगा अधिनियम के दो महत्वपूर्ण पहलू क्या हैं?
उत्तर:
मनरेगा अधिनियम के प्रमुख दो पहलू निम्न हैं –
- प्रत्येक जिले में पंचवर्षीय योजना तैयार की जायेगी।
- कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, मस्टर रोल, परिसम्पत्ति, रोजगार रजिस्टर आदि अभिलेखों के रख-रखाव, शिकायत निवारण तथा अनुश्रवण सम्पत्तियों की व्यवस्था है।
प्रश्न 39.
मनरेगा में कार्य के दौरान कौन-कौन सी सेवाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं?
उत्तर:
मनरेगा में कार्य के दौरान तात्कालिक उपचार सुविधा, पेयजल सुविधा, छाँव हेतु शेड व बच्चों के लिए झूलाघर व्यवस्था उपलब्ध करायी जाती है।
प्रश्न 40.
क्या मनरेगा में रोजगार के लिए आरक्षण व्यवस्था है?
उत्तर:
मनरेगा के अन्तर्गत अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए किसी भी प्रकार के आरक्षण की व्यवस्था नहीं है।
प्रश्न 41.
मनरेगा में केन्द्र सरकार की वित्तीय भूमिका क्या रहती है?
उत्तर:
मनरेगा में केन्द्र सरकार द्वारा अकुशल मजदूरी की सम्पूर्ण राशि, सामग्री की लागत की तीन चौथाई राशि तथा प्रशासनिक खर्चे के लिए कुल लागत का तय किया गया प्रतिशत उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
प्रश्न 42.
मनरेगा में राज्य सरकार की क्या वित्तीय भूमिका है?
उत्तर:
मनरेगा में राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता, सामग्री लागत की एक चौथाई राशि व राज्य परिषद् का प्रशासकीय उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
प्रश्न 43.
मनरेगा के सम्बन्ध में डॉ. स्वामीनाथनं ने क्या कहा है?
उत्तर:
मनरेगा के सम्बन्ध में डॉ. स्वामीनाथन का कथन है कि-‘कृषि के क्षेत्र में रोजगार सृजन की सम्भावनाएँ कम हो गयी हैं। अतः सरकार को गैर कृषि क्षेत्रों के विकास की ओर ध्यान देते हुए कुशल श्रमिकों को वहाँ नियोजित करने की दिशा में सार्थक प्रयास करने चाहिए।’
प्रश्न 44.
कार्यक्रम – 21 (Agenda – 21) कब प्रस्तुत किया गया?
उत्तर:
कार्यक्रम – 21 प्रथम पृथ्वी सम्मेलन रियो सम्मेलन 1992) में प्रस्तुत किया गया।
प्रश्न 45.
कार्यक्रम – 21 में प्रथम निर्देशक सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
कार्यक्रम – 21 में उल्लेखित प्रथम सिद्धान्त कहती है-“प्रकृति के साथ सामञ्जस्य में संपोषणीय विकास के केन्द्र में मानव वर्ग होते हैं। ‘इससे आगे कहा गया है-“पर्यावरण सुरक्षा विकास की अभिन्न अंग श्रेणी और शान्ति विकास और पर्यावरणीय सुरक्षा अन्योन्याश्रित तथा अविभाज्य है।’
प्रश्न 46.
जलवायु परिवर्तन के किन्हीं चार दुष्परिणामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जलवायु परिवर्तन के चार दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं –
- ऋतु परिवर्तन
- वैश्विक तापन
- समुद्र जल स्तर में वृद्धि
- फसल चक्र में परिवर्तन
प्रश्न 47.
विद्युत उत्पादन के कौन वैकल्पिक स्रोत हो सकते हैं?
उत्तर:
बिजली उत्पादन के लिए पन बिजली, सौर ऊर्जा, भूतापीय और बायोमास जैसे वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रश्न 48.
भारत ने आई एन डी सी के माध्यम से अपना क्या संकल्प व्यक्त किया है?
उत्तर:
भारत ने आई एन डी सी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से जुड़ने और समस्या का भाग न होते हुए भी समाधान का भाग होने का अपना संकल्प प्रदर्शित किया है।
प्रश्न 49.
संसाधनों के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी का क्या कथन है?
उत्तर:
महात्मा गाँधी ने कहा था-“धरती पर सभी की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, उनके लालच के लिए नहीं।”
प्रश्न 50.
सतत् विकास के लिए कोई तीन उपाय सुझाइये।
उत्तर:
सतत् विकास के लिए तीन उपाय निम्न हैं –
- पर्यावरण मित्र प्रौद्योगिकी का विकास एवं प्रकार।
- पर्यावरण संरक्षण तथा उत्पादन वृद्धि का विकेन्द्रीकरण किया जाये।
- जनसहभागिता को पर्यावरणीय कार्यक्रम में प्राथमिकता दी जाये।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बच्चों का विकास (DwCRA) कार्यक्रम क्या है?
उत्तर:
इस कार्यक्रम में गरीब परिवार की महिलाओं की आय में वृद्धि हेतु 5 – 10 महिलाओं का समूह बनाकर ₹ 15,000 की आवर्ती धनराशि (केन्द्र, राज्य और यूनीसेफ) प्रदान की जाती है। 1980 – 81 से 1997 – 98 के बीच इस योजना के तहत महिलाओं को सहायता प्रदान की गयी।
प्रश्न 2.
जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना किस प्रकार संचालित होती है?
उत्तर:
इस परियोजना में ग्रामीण गरीबों को गैर-सरकारी संस्थाओं के माध्यम से जोड़कर उनकी क्षमताओं का विकास करके उनके सशक्तीकरण के लिए प्रयास किया जाता है। इसे एन जी ओ के द्वारा कामन इन्टरेस्ट ग्रुप बनाकर संचालित किया जाता है। इस परियोजना के तहत सामुदायिक आधार ढाँचा, भूमि आधारित, सामाजिक सेवाएँ व आय सृजन के कार्य किये गये।
प्रश्न 3.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत देश में गरीब ग्रामीण जनता तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गयी है इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं –
- ग्रामीण समाज के विशेषकर कमजोर वर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
- शिशु एवं मातृ मृत्युदर में कमी लाना।
- जनसंख्या स्थिरीकरण, लिंग एवं जनसांख्यिकीय सन्तुलन सुनिश्चित करना।
प्रश्न 4.
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
यह परियोजना 15 अगस्त 1995 को प्रारम्भ की गयी। इसके कुछ प्रमुख प्रावधान निम्न हैं –
- इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय पेंशन योजना में 65 वर्षीय अपेक्षित वृद्ध को प्रतिमाह ₹ 700 व 60 वर्ष तक के 500 प्रतिमाह पेंशन।
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में घर के पालनकर्ता की मौत पर परिवार वालों को ₹ 30,000 दिये जाते हैं।
- राष्ट्रीय मातृ लाभ योजना में गरीबी रेखा से नीचे की 19 वर्ष से अधिक आयु वाली गर्भवती महिलाओं को ₹ 1,400 लड़की के जन्म पर तथा राजश्री योजना में ₹ 50,000 बालिका के सरकारी विद्यालय से पढ़ाई कराने पर प्रदान किये जाते हैं।
प्रश्न 5.
स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना की कार्य प्रणाली क्या है?
उत्तर:
स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना में स्वरोजगारियों को निर्धनता की रेखा से ऊपर उठाने के लिए तथा उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उपक्रमों में काम पर लगाने की व्यवस्था की जाती है। इसमें समूह के आधार पर स्वरोजगार अधिकतम किया जाता है। इसके अन्तर्गत सब्सिडी की व्यवस्था की गयी थी। इससे अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोगों को विशेष लाभ पहुँचाया जाता है।
प्रश्न 6.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1 अप्रैल 1999 से शुरू स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना को ग्रामीण विकास मन्त्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में पुनर्निर्धारित किया है तथा इसका नाम 2011 में आजीविका मिशन कर दिया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए प्रभावी एवं कुशल संस्थागत मंच का निर्माण करना है। टिकाऊ आजीविका वृद्धि और वित्तीय संस्थाओं के उपयोग में सुधार के माध्यम से घरेलू आय में वृद्धि करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना है।
प्रश्न 7.
मनरेगा की वर्तमान उपलब्धियाँ क्या हैं ?
उत्तर:
मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2014 – 15 में 48 हजार करोड़ लोगों ने 100 दिन के कार्य दिवस पूरे कर लिए हैं। जिसमें महिलाओं की सहभागिता 55.26 प्रतिशत है। इसके अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति परिवारों में 17.74 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति में 22.28 प्रतिशत परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
प्रश्न 8.
मनरेगा में वित्तीय व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनरेगा में वित्तीय व्यवस्था के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा योजना के अधीन अकुशल मजदूरों के लिए दी जाने वाली मजदूरी की सम्पूर्ण राशि, सामग्री की लागत की तीन चौथाई राशि तथा प्रशासनिक खर्चा के लिए कुल लागत का तय किया गया प्रतिशत उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता, सामग्री लागत की एक चौथाई राशि तथा राज्य परिषद का प्रशासकीय खर्च उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
प्रश्न 9.
सतत विकास की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सतत् विकास की संकल्पना-पर्यावरण तथा संसाधन संरक्षण तथा ससांधनों के विकास एवं वृद्धि पर बल देती है। वास्तव में सम्पोषणीय विकास मानव और पर्यावरण के मध्य किसी स्थैतिक स्थिति को कायम रखने पर नहीं वरन् ऐसी परिवर्तनशील प्रक्रिया पर बल देती है जो मानव समाज के वर्तमान तथा भावी आवश्यकताओं तथा संसाधनों, पूँजी एवं प्रौद्योगिकी में सामञ्जस्य स्थापित कर सके।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
निर्धनता (गरीबी) के सम्बन्ध में किन्ही पाँच सर्वव्यापक़ तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- गरीबी एक अभिशाप है जो भूख, कुपोषण, निम्न जीवन स्तर, अशिक्षा तथा मानव विकास के निम्न स्तर की सूचक है।
- निर्धनता का दुश्चक्र अनवरत रूप से चलता रहता है।
- डॉ. लार्ड बॉयड ओर ने 2300 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कम उपभोग करने वाले व्यक्ति को गरीब माना है।
- गरीबी का आकलन न्यूनतम कैलोरी उपभोग तथा प्रति व्यक्ति प्रतिमाह व्यय द्वारा किया जा सकता है।
- गरीबी एक भौगोलिक एवं सामाजिक आयाम है।
प्रश्न 2.
मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार प्रदान करने के क्या प्रावधान हैं ?
उत्तर:
मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार प्रक्रिया के निम्न प्रावधान हैं –
- इसके अन्तर्गत पंजीकृत परिवार का वयस्क सदस्य अकुशल मानव श्रम हेतु आवेदन करने का पात्र है।
- जॉब कार्ड प्राप्त हो जाने पर रोजगार हेतु आवेदने ग्राम पंचायत में प्रस्तुत किया जाता है।
- मजदूरी श्रम आयुक्त अथवा केन्द्र सरकार द्वारा इस अधिनियम के लिए निर्धारित दर से दी जायेगी।
- रोजगार माँग के 15 दिन के भीतर रोजगार देना अनिवार्य है अन्यथा बेरोजगारी भत्ता देना होगा।
- योजना में ठेकेदारी प्रथा प्रतिबन्धित है।
- मानव श्रम के स्थान पर कार्य करने वाली मशीनों का प्रयोग प्रतिबन्धित है।
- कार्यस्थल पर तात्कालिक उपचार सुविधा, पेयजल, छाया हेतु शेड, झूलाघर आदि उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
प्रश्न 3.
मनरेगा के लक्ष्यों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनरेगा के निम्न लक्ष्य हैं –
- सम्बन्धित क्षेत्र में अक्सर रचनात्मक सुविधाओं का विकास करने वाले कार्यों में मजदूरी, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर ग्रामीण गरीबों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना।
- सम्बन्धित क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को पुनः बढ़ावा देना।
- उपयोग ग्रामीण परिसम्पत्तियों का निर्माण करना।
- ग्रामीण गरीबों को सुरक्षा तंत्र उपलब्ध कराकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
- महिलाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित करना।
- जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण करना।
प्रश्न 4.
मनरेगा के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनरेगा एक मांग आधारित योजना है जिसके अन्तर्गत जल संरक्षण, वानिकी, वृक्षारोपण, भूमि विकास, बाढ़ नियन्त्रण, सड़क निर्माण आदि कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। मनरेगा के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- ग्रामीण क्षेत्रों में माँग के अनुरूप प्रत्येक परिवार से एक वित्तीय वर्ष में गारण्टी युक्त रोजगार के रूप में कम से कम 100 दिनों का अकुशल शारीरिक श्रमकार्य उपलब्ध कराना।
- निर्धनों के आजीविका संसाधन आधार को सुदृढ़ बनाना।
- सक्रिय रूप से सामाजिक समावेशिता सुनिश्चित करना।
- पंचायती राजसंस्थाओं को सुदृढ़ बनाना आदि।
प्रश्न 5.
मनरेगा के तहत वर्तमान में मुख्य पहलू कौन-कौन से हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनरेगा के तहत मुख्य पहलू निम्नानुसार हैं –
- योजना की गतिविधियों की मात्रा को विस्तारित किया गया है ताकि इन्हें सार्थक बनाया जा सके।
- मजदूरी के भुगतान में विलम्ब में कमी लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक विधि प्रबन्धन प्रणाली लागू की गई है।
- अधिसूचित सूखा प्रभावित ब्लॉकों में प्रति परिवार 100 दिनों से अधिक का अतिरिक्त रोजगार अब अनुमान्य है।
- रोजगार रिकार्ड में गड़बड़ी तथा व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आधार कार्ड का प्रयोग” तथा नकद लाभ योजना के साथ जोड़ना।
- पूर्ण स्वच्छता अभियान के साथ मनरेगा को जोड़ना।
- मनरेगा के अन्तर्गत देय मजदूरी को CPI-AL के साथ जोड़ना जिससे श्रमिकों को स्फीतिकारी दबाव से प्रतिरक्षित किया जा सके।
- सामाजिक ऑडिट की व्यवस्था को लागू करना।
- मनरेगा में देय मजदूरी को नकद लाभ अन्तरण योजना के साथ जोड़ना।
प्रश्न 6.
वर्तमान समय के नवीन आविष्कारों व नवाचारों के दुष्परिणामों को बताइए।
उत्तर:
वैश्विक जनसंख्या वृद्धि तथा जीवन स्तर में वृद्धि के परिणामस्वरूप नवीन आविष्कार एवं नवाचारों को बल मिला है। इसके प्रमुख दुष्परिणाम निम्न रूप में सामने आ रहे हैं –
- मानव की बढ़ती आकांक्षा के फलस्वरूप प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुन्ध विदोहन हुआ है जिससे वे सीमित हो रहे हैं, कुछ समाप्त प्राय हैं।
- प्राकृतिक संसाधनों के त्वरित क्षरण से वैश्विक जलवायु में परिवर्तन हुआ है जिनके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर मानव और प्राणी जातियों के अस्तित्व पर गम्भीर प्रभाव पड़े हैं।
- ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं जिनसे अन्य अनेक समस्याओं के उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण अनुकूलता के अभाव में डायनोसोर विलुप्त हो गये हैं। भय है कि भविष्य में पृथ्वी की एक चौथाई प्रजातियाँ 2050 तक विलुप्त न हो जाये।
- पर्यावरण में यह त्वरित परिवर्तन भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं अकाल, महामारी, जन पलायन तथा स्वास्थ्य के लिए गम्भीर समस्यायें पैदा कर सकता है।
प्रश्न 7.
पेरिस संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के 21वें सत्र में भारत ने अपना क्या राष्ट्रीय संकल्प पत्र प्रस्तुत किया?
उत्तर:
भारत ने पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के 21वें सत्र में अपना निम्न संकल्प आई एन डी सी में प्रस्तुत किया है –
- स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहित करना तथा गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों का प्रयोग कर 2.5 से 3 अरब कार्बन डाइ-आक्साइड के समतुल्य अतिरिक्त कार्बन सिंक तैयार करने के लिए वनों का विस्तार करना।
- कार्बन कम उत्पन्न करने वाले एवं लचीले शहरी केन्द्र विकसित करना।
- कचरे का प्रयोग करने वाले सुरक्षित, कुशल एवं टिकाऊ हरित परिवहन नेटवर्क को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता में 33 से 35 प्रतिशत तक कमी करना।
- विकासशील देशों से अतिरिक्त धन एकत्रित करना एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के प्रसार एवं उनसे सम्बन्धित सामूहिक अनुसन्धान तथा विकास हेतु अन्तर्राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करना आदि।
RBSE Class 12 Geography Chapter 22 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सतत विकास की अवधारणा को समझाइये तथा सतत विकास के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सतत् विकास शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1987 ब्रण्ट लैण्ड कमीशन रिपोर्ट में किया गया था। ब्रण्टलैण्ड ने अपने दस्तावेज-‘हमारा साझा भविष्य में बताया है कि “सतत् विकास वह विकास है जिसमें वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति को बिना नुकसान पहुँचाये करती है।” यह विकास प्रकृति के साथ मानव के सहयोग, उसके प्रति श्रद्धा व सम्मान की भावना पर आधारित है। सतत् विकास को संम्पोषणीय विकास व अन्य कई नामों से जाना जाता है।
सम्पोषणीय विकास का अर्थ है-सतत् सम्पोषणीय विकास अर्थात् ऐसा विकास जो मानव समाज की केवल तात्कालिक आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं करता बल्कि वह स्थायी तौर पर भविष्य के लिए भी विकास का आधार प्रस्तुत करता है। वास्तव में सम्पोषणीय विकास की संकल्पना मूलरूप से विकास की संकल्पना को संशोधित रूप है। वास्तव में सम्पोषणीयता विकास प्रयत्नों में गुणवत्ता के विस्तार पर अधिक बल देता है। वर्तमान समय में ऐसे सम्पोषणीय विकास की आवश्यकता है जिसमें भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।
यह ध्यातव्य है कि प्राकृतिक संसाधन असीमित नहीं हैं। इसलिए उनका प्रयोग तर्कसंगत और युक्तियुक्त होना चाहिए तथा उसकी योजना सतत् विकास सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से बनाई जानी चाहिए। सतत् विकास के उपाय पृथ्वी एक सीमित इकाई है जिसके संसाधन सीमित हैं। युक्तियुक्त उपायों से उनकी उपयोग निरन्तरता को बढ़ाया जा सकता है। एतदर्थ सतत् विकास हेतु निम्न उपाय किये जाने अपेक्षित हैं –
- विकास एवं उत्पादन में वृद्धि हेतु पर्यावरण मित्र प्रौद्योगिकी का विकास एवं प्रसार किया जाना चाहिए।
- नवीन परियोजनाओं की स्थापना से पूर्व पर्यावरण सुरक्षा, पारिस्थितिकी सन्तुलन और आर्थिक दक्षता का उपयुक्त मापन किया जाना चाहिए।
- पर्यावरण संरक्षण एवं उत्पादन वृद्धि का विकेन्द्रीकरण किया जाना चाहिए।
- पर्यावरण अवनयन को रोकने हेतु कठोर कानून बनाये जायें और उनका कड़ाई से पालन किया जाये।
- जनसहभागिता को पर्यावरण कार्यक्रमों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- सरकार, नौकरशाही, मीडिया, गैर सरकारी संगठनों की प्रभावी एवं रचनात्मक भूमिका बढ़ायी जानी चाहिए।
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