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RBSE Solutions for Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 प्रेरक जीवन

May 21, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 प्रेरक जीवन

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
दाहिर सेन के राज्य की राजधानी कौन-सी थी?
(क) सिन्ध
(ख) देवल
(ग) रावर दुर्ग
(घ) अलोर
उत्तर:
(घ) अलोर

प्रश्न 2.
प्रजावत्सल का अर्थ है
(क) प्रजा का पुत्र
(ख) प्रजा का पुत्रवत् पालन करने वाला
(ग) प्रजा का प्रतिनिधि
(घ) प्रजा का रक्षक
उत्तर:
(ख) प्रजा का पुत्रवत् पालन करने वाला

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 3.
महाराजा दाहिर सेन से पूर्व सिन्ध के शासक कौन-कौन थे?
उत्तर:
महाराजा दाहिर सेन से पूर्व सिन्ध के शासक थे-राय साहरस, राय साहसी, चचराय और चन्दन

प्रश्न 4.
महाराजा दाहिर सेन की पुत्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:
महाराजा दाहिर सेन की पुत्रियाँ सूर्यकुमारी तथा परमाल थीं।

प्रश्न 5.
किस अरब को दाहिर सेन ने अपने राज्य में शरण दी थी?
उत्तर:
राजा दाहिर सेन ने अपने राज्य में अरब सरदार मुहम्मद बिन अलाफी को शरण दी थी।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6.
दाहिर सेन से पूर्व भारतीयों के अरबों से संघर्ष को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
महराजा दाहिर सेन से पूर्व छठी शताब्दी में राजा राय साहस तथा उनके पुत्र राय साहसी के साथ ईरान के शाह नीमोज का युद्ध हुआ था। अरबी सरदार हज्ज़ाज के दामाद महम्मद बिन कासिम ने भारत पर हमला किया था। देवल और नेरून के शासकों ने उसके सामने समर्पण कर दिया था।

प्रश्न 7.
अरबों के आक्रमण की भारत में सफलता को मुख्य कारण बताइए।
उत्तर:
अरबों को भारत में युद्ध में सफलता छल-कपट के द्वारा मिली थी। उनको मिली सफलता का मुख्य कारण भारतीय पक्ष के लोगों का विश्वासघात, शरणागत की धोखेबाजी, युक्तिपूर्वक अफवाहें फैलाना आदि कार्य थे जो अरबों की वीरता नहीं छलपूर्ण आचरण को प्रकट करते हैं।

प्रश्न 8.
दाहिरसेन किस पड्यन्त्र में फंसकर हारे? लिखिए।
उत्तर:
दाहिर सेन कासिम के षड्यन्त्र में फँस गये। युद्ध में अपनी पराजय होते देखकर कासिम ने महिलाओं और महिला वेशधारी अरब सैनिकों से शोर मचवा दिया-‘अरब हमारी अस्मत लूट रहे हैं। हमें बचाओ।” राजा दाहिर सेन अकेले ही उधर बढ़े तो उनको चौतरफा घेरकर उनकी हत्या कर दी गई।

प्रश्न 9.
सूर्या और परमाल कौन थीं? उन्होंने अपनी पराजय का बदला कैसे लिया? बताइए।
उत्तर:
सूर्या और परमाल महाराज दाहिर सेन की राजपुत्री थीं। कासिम ने उनको बन्दी बनाकर खलीफा को भेंट कर दिया। दोनों ने खलीफा से कहा कि वे पवित्र नहीं हैं। कासिम ने उन्हें तीन रात अपने हरम में रखा है। इस पर क्रोधित होकर खलीफा ने कासिम को साँड़ की खाल में सिलकर अपने सामने पेश करने का आदेश दिया। इससे उसकी मृत्यु हो गई।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 10.
दाहिर सेन की चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दाहिर सेन सिन्धु देश के राजा थे। दाहिर सेन की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैंमहान वीर-दाहिर सेन महान वीर थे। अरब आमने-सामने के युद्ध में उनको पराजित नहीं कर सकते थे। प्रजावत्सल-दाहिर अपनी प्रजा का पुत्रवत् पालन करते थे। वह शरणागत की रक्षा करने वाले भी थे। उनकी प्रजा सम्पन्न थी। प्रदेश धनधान्य से भरा-पूरा था। उनकी राजधानी अलोर एक सुन्दर और समृद्ध शहर था। उदार-दाहिर एक उदार शासक थे।

उन्होंने अलाफी को शरण दी थी। मुसलमान सेना के विरुद्ध उनका साथ देने से मना करने पर भी उसको उदारतापूर्वक वहाँ से जाने की अनुमति दे दी थी। धर्मप्रेमी-राजा दाहिर धर्मप्रेमी हिन्दू थे। वह गाय और महिलाओं के रक्षक थे। उनके इसी गुण का लाभ उठाकर कासिम ने षड्यन्त्र रचकर उनकी हत्या कर दी थी। त्यागी-बलशाली-राजा दाहिर सेन ने मातृभूमि की रक्षार्थ युद्ध करते हुए अपने प्राण दिए थे। उनकी महारानी ने अन्य वीरांगनाओं के साथ जौहर कर लिया था।

प्रश्न 11.
धर्म, नारी और गौरक्षा को भारतीय मान्यता के आधार पर महत्वपूर्ण क्यों माना गया है?
उत्तर:
भारतीय धर्मपरायण होते हैं। अपने धर्म के प्रति समर्पित रहकर उसकी रक्षार्थ प्राण देना उनका गुण होता है। नारी का सम्मान और सुरक्षा भी भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण मानी गई है। गाय की रक्षा करने की शिक्षा भी भारतीय विचारधारा का अंग है। भारतीय मान्यता के अनुसार इन तीनों को महत्वपूर्ण माना गया है। धर्म को पूजा-पाठ मात्र न मानकर जीवन-पद्धति का अंग माना जाता है। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, करुणा आदि गुणों की शिक्षा धर्म देता है। राजा को प्रजावत्सल होना चाहिए-यह भी धर्म की शिक्षा है।

नारी समाज का महत्वपूर्ण भाग है। उसका सम्मान करना तथा उसकी रक्षा करना वीरों का धर्म बताया गया है। नारी पर अत्याचार करने वाला पुरुष भारत में कदापि आदरणीय नहीं होता। गाय लोगों को मधुर दूध देती है। उससे प्राप्त अन्य पदार्थ भी भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाते हैं। उसके बछड़े भी बड़े होकर खेती और उद्योग में सहायता पहुँचाते हैं।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत पर आक्रमण करने वाले विदेशी किस मार्ग का प्रयोग किया करते थे?
उत्तर:
आक्रमणकारी भारत की पश्चिमी सीमा पर स्थित सिंध के मार्ग से आक्रमण किया करते थे।

प्रश्न 2.
ईरान का शाह नीमोज युद्ध के बीच ही अपने देश को क्यों लौट गया ?
उत्तर:
राजा राय साहरस की षड्यन्त्र से हत्या के बाद जब नीमोज का सामना उसके पुत्र राय साहसी से हुआ तो वह । सिन्धी सैनिकों के पराक्रम को देख वापस लौट गया।

प्रश्न 3.
मुहम्मद बिन कासिम ने देवल पर कैसे विजय पाई ?
उत्तर:
बिन कासिम ने नगर के मंदिर की ध्वजा को गिरा दिया। इससे देवल के सैनिक और नागरिक अपशकुन की आशंका से हताश हो गए और हार गए।

प्रश्न 4.
महाराज दाहिर की मृत्यु किस प्रकार हुई?
उत्तर:
कासिम ने षड्यन्त्र करके महाराज दाहिर की हत्या करा दी थी।

प्रश्न 5.
कासिम किस प्रकार मरा?
उत्तर:
खलीफा के आदेश पर कासिम को जीवित ही साँड़ की खाल में सिल दिया गया। इससे उसकी मृत्यु हो गई।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
महाराज दाहिर सेन कौन थे?
उत्तर:
महाराज दाहिर सेन सिन्ध के राजा थे। वह देवाजी वंश के थे। उनके पिता का नाम चचराय था। 672 ई. में चचराय की मृत्यु के बाद उनका छोटा भाई चन्दन राज्य का शासक था। उसकी भी आठ वर्ष बाद मृत्यु होने पर दाहिर सेन विशाल साम्राज्य के स्वामी बने। वह एक प्रजावत्सल तथा वीर और देशप्रेमी शासक थे।

प्रश्न 2.
राजकुमारी सूर्यकुमारी तथा परमाल की तुरन्त निर्णय की क्षमता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
राजपुत्री सूर्यकुमारी और परमाल को कासिम ने महाराज दाहिर की मृत्यु के बाद बन्दी बनाकर भेंटस्वरूप खलीफा के पास भेजा। दोनों राजकुमारियों ने खलीफा को अपनी त्वरित बुद्धि का प्रयोग करते हुए बताया कि कासिम ने उनको तीन रात अपने हरम में रखा है। इस कारण वह पवित्र नहीं हैं। खलीफा ने कासिम को दण्डस्वरूप साँड की खाल में सिलने का आदेश दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह उन्होंने अपनी प्रत्युत्पन्नमतित्व से अपनी पराजय का बदला लिया।

प्रश्न 3.
महाराजा दाहिर की सेना और अरब सेना के बीच हुए भयंकर युद्ध का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महाराजा दाहिर की सेना के बीच भयंकर युद्ध हुआ। महाराज दाहिर ने पाँच हजार सैनिकों और हाथियों के साथ बिना कासिम की सेना पर आक्रमण किया और उसे पीछे धकेल दिया। सूर्यास्त होते-होते अरब सैनिक भयग्रस्त हो गए। अगले दिन दाहिर अपने दोनों पुत्रों के साथ रणक्षेत्र में पहुँचे भयंकर युद्ध से त्रस्त होकर अरब सेना पलायन करने लगी। तब कायर बिन कासिम ने एक घृणित षड्यन्त्र का आश्रय लेकर महाराज दाहिर की घेरकर हत्या कर दी।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मोहम्मद बिन कासिम तथा महाराज दाहिर सेन के चरित्रों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
बिन कासिम और महाराज दाहिर के चरित्रों की तुलना में बिन कासिम कहीं भी नहीं ठहरता। वह एक लुटेरा, कायर, कपटी और हत्यारा आक्रमणकारी था। उसने देवल पर छल से अधिकार किया। इसी प्रकार जब महाराज दाहिर की सेना से पराजित होकर उसकी सेना भागने लगी तो उसने फिर छल-कपट से अकेले दाहिर सेन को घेरकर उनकी हत्या कर दी।

इतना ही नहीं उसने महाराज दाहिर की पुत्रियों को बंदी बनाकर खलीफा को भेंट के रूप में भेज दिया। अपनी कायरता, क्रूरता और नीचता का उचित परिणाम भी कासिम को भोगना पड़ा। इसके विपरीत महाराज दाहिर सेन एक वीर योद्धा, शरणागत के रक्षक और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का आदर करने वाले शासक थे। उन्होंने अपने पिता के साम्राज्य पर कुशलता से शासन किया। वह एक प्रजावत्सल शासक थे। दुर्बलों और नारियों के रक्षक थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी और समृद्ध थी। वह एक आदर्श भारतीय शासक थे।

प्रेरक जीवन-2

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
अब्दुल कलाम भारत के कौन-से राष्ट्रपति थे
(क) बारहवें
(ख) दसवें
(ग) ग्यारहवें
(घ) तेरहवें
उत्तर:
(ग) ग्यारहवें

प्रश्न 2.
डॉ. कलाम ने स्वदेशी होवरक्राफ्ट का क्या नाम रखा था?
(क) अग्नि
(ख) त्रिशूल
(ग) पृथ्वी
(घ) नन्दी।
उत्तर:
(घ) नन्दी।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 3.
डॉ. अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
डॉ. अब्दुल कलाम का पूरा नाम है-डॉ. अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम।।

प्रश्न 4.
डॉ. कलाम ने बी. एस-सी. की शिक्षा किस संस्था से अर्जित की थी?
उत्तर:
डॉ. कलाम ने बी. एस-सी. की शिक्षा तिरुचापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से अर्जित की थी।

प्रश्न 5.
एस. एल. बी. ने सफल उड़ान कब भरी?
उत्तर:
एस. एल. बी. ने 18 जुलाई, 1980 को श्री हरिकोटा रॉकेट प्रशिक्षण केन्द्र से सफल उड़ान भरी।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6.
डॉ. अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहते हैं?
उत्तर:
डॉ. अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशाला में गाइडेड मिसाइल डेवलपमेन्ट की जिम्मेदारी ग्रहण की। वहाँ इस परियोजना पर कार्य करते हुए उन्होंने पृथ्वी, त्रिशूल, अग्नि, आकाश, नाग, ब्रह्मोस आदि मिसाइलों का विकास किया। उनके द्वारा विकसित मिसाइलों को जमीन, हवा तथा समुद्र कहीं से भी चलाया जा सकता है। अनेक मिसाइलें विकसित करने के कारण कलाम को मिसाइल मैन कहा जाता है।

प्रश्न 7.
डॉ. कलाम के वैज्ञानिक क्षेत्र में योगदान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
डॉ. कलाम एक वैज्ञानिक तथा वैमानिक अभियन्ता थे। आपने ‘नन्दी’ नामक स्वदेशी होवर क्राफ्ट का मॉडल तैयार किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति में रॉकेट इंजीनियर के पद पर रहे। इसके बाद आप सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना प्रबन्धक बने। आपने पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश, नाग, ब्रह्मोस आदि मिसाइलें भी विकसित कीं। परमाणु परीक्षण (पोकरण) में भी आपका योगदान था।

प्रश्न 8.
डॉ. कलाम ने विजन 2020′ को साकार करने के लिए क्या प्रयास किए?
उत्तर:
डॉ. कलाम ‘विजन 2020’ के माध्यम से भारत को विश्व में समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने भारत की युवा शक्ति को जाग्रत करने के लिए राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद देशभर में दौरे किये थे। वह स्कूलों, कॉलेजों, प्रबन्ध संस्थानों में व्याख्यान देकर युवकों को, देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए प्रेरित करते थे।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘भारत रत्न कलाम’ का जीवन विद्यार्थी के लिए किस प्रकार प्रेरक है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत रत्न कलाम’ का जीवन संघर्ष, श्रम और जीवट का जीवन है। बचपन में अर्थाभाव से जूझते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा अपने प्रयासों से ही ग्रहण की थी। इसके बाद वह वैज्ञानिक अभियन्ता बने तथा भारत को रक्षा क्षेत्र में शक्तिशाली तथा आत्मनिर्भर बनाने में अथक प्रयास किया। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद ‘विजन 2020’ के जरिये युवकों को राष्ट्र की समृद्धि और शक्ति के लिए काम करने की प्रेरणा दी। डॉ. कलाम एक कर्मठ व्यक्ति थे। उनको लगनपूर्वक अपने लक्ष्य के लिए कार्य करना पसन्द था।

वह नहीं चाहते थे कि उनकी मृत्यु के बाद अवकाश घोषित हो। डॉ. कलाम का व्यक्तित्व और कृतित्व अत्यन्त प्रेरणादायी था। उसको जानकर हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि कठिन-से-कठिन बाधाओं को भी दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम के द्वारा अपने रास्ते से हटाया जा सकता है। अगर मनुष्य ठान ने तो उसको सफलता जरूर मिलती है। पहली बार मिली असफलता हमें सफलता की ओर ले जाती है। एक बार असफल होने पर मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए। उसे बार-बार प्रयास करना चाहिए। हमें जागते हुए सपने देखना चाहिए। आँखें खोलकर देखे सपने ही साकार होते हैं। उनको पूरा करने के लिए लगन और परिश्रम करने की जरूरत होती

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
डॉ. कलाम का जन्म कब हुआ था?
उत्तर:
डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 ई. को हुआ था।

प्रश्न 2.
राजस्थान सरकार ने डॉ. कलाम के जन्म दिवस को किस रूप में मनाने की घोषणा की है?
उत्तर:
राजस्थान सरकार ने डॉ. कलाम के जन्म दिवस को ‘विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है।

प्रश्न 3.
डॉ. कलाम का देहावसान कब हुआ था?
उत्तर:
डॉ. कलाम का देहावसान 25 जुलाई, 2015 को हुआ था।

प्रश्न 4.
डॉ. कलाम को माता-पिता से कौन-से गुण प्राप्त हुए ?
उत्तर:
डॉ. कलाम को माता से ईश्वर में विश्वास और करुणाभाव तथा पिता से ईमानदारी और अनुशासन जैसे गुण प्राप्त हुए।

प्रश्न 5.
डॉ. कलाम द्वारा विकसित कुछ मिसाइलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी, त्रिशूल, अग्नि, आकाश, नाग, ब्रह्मोस आदि के विकास में डॉ. कलाम का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा

प्रश्न 6.
डॉ. कलाम को ‘भारत रत्न’ अलंकरण किस उपलक्ष्य में प्रदान किया गया ?
उत्तर:
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए भारत सरकार ने इन्हें ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
डॉ. कलाम ने शिक्षा किस प्रकार प्राप्त की थी?
उत्तर:
डॉ. कलाम की प्रारम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। आपने तिरुचापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से बी. एस-सी. की। इसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया। वहाँ से आप हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बंगलौर चले गये और वैज्ञानिक अभियन्ता बन गए। धनाभाव के कारण अपनी शिक्षा को निरन्तर चलाने के लिए डॉ. कलाम ने अखबार वितरण का काम भी किया था।

प्रश्न 2.
डॉ. कलाम का मिसाइल विकास में क्या योगदान
उत्तर:
डॉ. कलाम को रक्षा अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशाला में गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट की जिम्मेदारी मिली। इस परियोजना पर काम करते हुए आपने पृथ्वी, त्रिशूल, अग्नि, आकाश, नाग, ब्रह्मोस आदि मिसाइलों के विकास में अपना योगदान दिया।

प्रश्न 3.
राष्ट्रपति डॉ कलाम का कार्यकाल कैसा रहा ?
उत्तर:
राष्ट्रपति डॉ. कलाम का कार्यकाल अत्यन्त सफल रहा। संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए आपने भारत के विकास के लिए भी कार्य किए। उनको अपने देश व देशवासियों के प्रति गहरा स्नेह था। वह सदा उनके हितों का ध्यान रखते थे। वह अपना काम ईमानदारी और निष्ठा के साथ करते थे। उनका कार्यकाल भारत के इतिहास का स्वर्ण युग है।

RBSE Class 9 Hindi प्रबोधिनी Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न:
डॉ. कलाम की एक अभिलाषा थी कि सदैव उन्हें एक अध्यापक के रूप में याद किया जाए। उन्होंने यह अभिलाषा किस प्रकार पूरी की ?
उत्तर:
डॉ. कलाम ने ‘विजन 2020′ का सुनहरा सपना सँजो रखा था। उनका मानना था कि उनके स्वप्न को साकार करने में युवाशक्ति पूर्णतः सक्षम है। इसलिए राष्ट्रपति पद से मुक्त होकर उन्होंने देशभर में भ्रमण करना आरम्भ किया। वे विद्यालयों, महाविद्यालयों और प्रबंध संस्थानों में अपना व्याख्यान देने लगे।

उनके व्याख्यान से ऐसा लगता था मानो कक्षा में कोई पूर्व राष्ट्रपति नहीं, एक धीर, गंभीर अध्यापक व्याख्यान दे रहा हो और अपार ज्ञान-भंडार से युक्त हो। युवकों को डॉ. कलाम में एक सच्चे पथ प्रदर्शक के दर्शन होते थे। डॉ. कलाम केवल व्याख्यान ही नहीं देते थे, वरन् छात्रों की जिज्ञासा भी उसी समय शांत कर देते थे। यह एक संयोग ही था कि 25 जुलाई, 2015 को डॉ. कलाम आई. आई. एम. शिलांग में छात्रों के समक्ष अपना व्याख्याने देते हुए ही इस संसार से विदा हुए।

-संकलित

पाठ-परिचय

भारत में अनेक महान पुरुष हुए हैं। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरक तथा मार्गदर्शक हो सकता है। संकलित पाठ में ऐसे दो महापुरुषों का उल्लेख हुआ है। सिन्धु नरेश महाराज दाहिर सेन एक महान पराक्रमी तथा प्रजावत्सल शासक थे। विदेशी आक्रमणकारी मुहम्मदबिन कासिम के साथ स्वदेश की रक्षार्थ युद्ध करते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनका त्याग-बलिदान आज भी. हमको देशहित के लिए सर्वस्व त्याग का सन्देश देता है। आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीक से भारत को सशक्त बनाने वाले मिसाइल मैन डॉ. अब्दुल कलाम का जीवन भी प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आपका जीवन कर्मठता, अनुशासन, दृढ़निश्चय तथा राष्ट्रप्रेम को जीवन्त उदाहरण है।

प्रेरक जीवन-1
सिन्धुपति महाराज दाहिर सेन

शब्दार्थ-आक्रान्ता = आक्रमणकारी। कुत्सित = नीचतापूर्ण। जांबाज = वीर। उत्सर्ग = त्याग। पार पाना = जीतना। वीरगति = युद्ध में मरना। लिहाजा = अतः। अधिपति = स्वामी। पलायन = भागना। संवेदनशील = विशेष महत्व देने वाला। चौतरफा = चारों ओर से। शहादत = बलिदान। सतीत्व = आबरू, अस्मत। त्वरित = शीघ्र।

महत्वपूर्ण गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ

प्रश्न-
निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए

1. भारत का पश्चिमी सीमा प्रान्त सिन्ध प्रारम्भ से ही विदेशी आक्रान्ताओं के हमलों को शिकार रहा है। भारत भूमि पर बुरी नजर रखने वाले ईरानी, ईराकी, यवन, सिन्ध के रास्ते ही भारत भूमि में प्रवेश करने का कुत्सित प्रयास करते रहे हैं, मगर जिन जांबाजों ने आतताइयों को नाकों चने चबवाएं, उनमें सिन्ध देश के महान सपूत शूरवीर और प्रतापी महाराजा दाहिर ने स्वयं तो प्राणों की कुर्बानी देकर देश की रक्षा की अपितु उनके पूरे परिवार ने देश की रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। (पृष्ठ – 76)।

सन्दर्भ एवं प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी प्रबोधिनी’ के प्रेरक जीवन’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। लेखक ने यहाँ सिन्धुपति महाराज दाहिर सेन की वीरता, देशप्रेम और त्याग का उल्लेख किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि सिन्धु पहले भारत की पश्चिमी सीमा पर स्थित प्रान्त था। विदेशी आक्रमणकारी सदा से उस पर आक्रमण करते रहे थे। ईरान, ईराक और यूनान के निवासी हमेशा भारत की लूट-खसोट करते थे। वे भारत में घुसने के लिए सिन्ध के रास्ते को ही चुनते थे। किन्तु उनका यह अपवित्र प्रयत्न भारतीय वीरों के पराक्रम के आगे सफल नहीं होता था। इन आक्रमणकारियों का कठोर प्रतिरोध करने वालों में सिन्ध देश के महान पुत्र, वीर और पराक्रमी राजा दाहिर का नाम उल्लेखनीय है। उन्होंने अपना जीवन देकर देश की रक्षा की थी। उनके पूरे परिवार ने भी देश की रक्षा में अपने जीवन का बलिदान कर दिया था।

विशेष-
(1) तत्सम शब्दों के साथ, अरबी-फारसी भाषा के शब्दों और मुहावरों से युक्त भाषा है।
(2) शैली विवरणात्मक है।

2. यह पताका देवल के सैनिकों और नागरिकों की प्रेरक शक्ति थी। दुर्भाग्यवश मन्दिर के पुजारी ने यह रहस्य कासिम तक पहुँचा दिया और कासिम ने उसे पताका को गिरा दिया। अपशगुन की आशंका से सेना और जनता का मनोबल टूट गया और उन्होंने विश्वासघातियों के कारण आत्मसमर्पण कर दिया। (पृष्ठ – 77)

सन्दर्भ एवं प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘हिन्दी प्रबोधिनी’ में संकलित ‘प्रेरक जीवन’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। मुहम्मद बिन कासिम सिन्ध के प्रसिद्ध बन्दरगाह नगर देवल तक आ पहुँचा। देवल के परकोटे में एक विशाल मन्दिर था। उस पर एक केशरिया पताका लहरा रही थी।

व्याख्या-लेखक कहता है कि देवल में मन्दिर पर लहराने वाली पताका को देखकर वहाँ के नागरिक और सैनिक उत्साहित और प्रेरित होते थे। यह पताका उनमें जोश भरती थी। मन्दिर के पुजारी ने यह बात कासिम को बता दी। कासिम ने नागरिकों और सैनिकों को हतोत्साहित करने के लिए उस झण्डे को गिरा दिया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से वहाँ के सैनिक और नागरिक निराश हो गए, उनका मनोबल नष्ट हो गया। उनको लगा कि पताका का गिरना किसी बुरी घटना के होने का संकेत है। इससे भयभीय होकर उन्होंने कासिम की सेना के सामने हथियार डाल दिए।

विशेष-
(1) भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण है।
(2) विदेशी आक्रमणकारी भारत में तभी सफल हुए जब किसी देशद्रोही ने उनका साथ दिया।

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