RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 11 ध्वनि are part of RBSE Solutions for Class 9 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 11 ध्वनि.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 9 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter Name | ध्वनि |
Number of Questions Solved | 101 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 11 ध्वनि
पाठ्य-पुस्तक के उदाहरण
उदाहरण 1.1.
किसी ध्वनि तरंग की आवृत्ति 4kHz और उसकी तरंगदैर्ध्य 17.5 cm है। यह 3.5km की दूरी चलने में कितना समय लेगी ?
हल :
दिया गया है,
आवृत्ति n = 4kHz = 4000 Hz
तरंगदैर्घ्य λ = 17.5cm = 0.175m
चूँकि, तरंगवेग = तरंगदैर्ध्य × आवृत्ति
या v = nλ
= 0.175 m × 4000 Hz
= 700 m/s
तरंग को 3.5 km दूरी तय करने में लगने वाला समय,
अत: ध्वनि 3.5 km दूरी तय करने में 5s का समय लेगी।
उदाहरण 1.2.
किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220Hz तथा वेग 440 ms-1 है। इस तरंग की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
दिया गया है,
तरंग की आवृत्ति n =200 Hz
तरंग वेग v = 440 ms-1
तरंग सूत्र v = nλ से
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
वह तरंग जिसमें संपीडन और विरलन है, कहलाती
(अ) अनुप्रस्थ तरंग
(ब) अनुदैर्ध्य तरंग
(स) प्रकाश तरंग
(द) पराबैंगनी किरणें।
उत्तर:
(ब) अनुदैर्ध्य तरंग
प्रश्न 2.
तरंग के वेग तरंगदैर्घ्य (λ) तथा आवृत्ति n के बीच सम्बन्ध है
(अ) y = nλ
(ब) λ = vn
(स) n = vλ.
(द) v = λ/n.
उत्तर:
(अ) y = nλ
प्रश्न 3.
अनुदैर्ध्य तरंगें उत्पन्न की जा सकती हैं
(अ) ठोस व गैस में
(ब) ठोस व द्रव में
(स) गैस व द्रव में
(द) येस, द्रव व गैस तीनों में।
उत्तर:
(द) येस, द्रव व गैस तीनों में।
प्रश्न 4.
अनुदैर्ध्य तरंग में माध्यम के कणों का कम्पन
(अ) तरंग की दिशा में होता है।
(ब) तरंग की दिशा के लम्बवत् होता है।
(स) कण कम्पन नहीं करते हैं।
(द) तरंग की दिशा में 60° के कोण पर होता है।
उत्तर:
(अ) तरंग की दिशा में होता है।
प्रश्न 5.
ध्वनि की चाल अधिकतम होती है
(अ) वायु में
(ब) ठोस में
(स) जल में
(द) जल व ठोस दोनों में।
उत्तर:
(ब) ठोस में
प्रश्न 6.
घड़ी की सुइयों में घण्टे वाली सुई को आवर्तकाल होता
(अ) 1 घण्टे
(ब) 24 घण्टे
(स) 12 घण्टे
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) 12 घण्टे
प्रश्न 7.
एक तरंग की चाल 350m/s तथा तरंगदैर्घ्य 50 cm है, तो तरंग की आवृत्ति होगी
(अ) 13500 Hz
(ब) 700 Hz
(स) 400 Hz
(द) 300 Hz.
उत्तर:
(ब) 700 Hz
प्रश्न 8.
प्रति सेकण्ड समय में पूर्ण किए गए दोलनों की संख्या को कहते हैं
(अ) आयाम
(ब) चाल
(स) आवर्तकाल
(द) आवृत्ति।
उत्तर:
(द) आवृत्ति।
प्रश्न 9.
कम्पन करती एक वस्तु का आवर्तकाल 0.02 3 है, वस्तु के कम्पन की आवृत्ति होगी
(अ) 100 Hz
(ब) 20 Hz
(स) 50 Hz
(द) 1 Hz,
उत्तर:
(स) 50 Hz
प्रश्न 10.
घड़ी में सेकण्ड वाली सुई का आवर्तकाल होता है
(अ) 1 मिनट
(ब) 1 घण्टा
(स) 12 घण्टे
(द) 24 घण्टें।
उत्तर:
(अ) 1 मिनट
प्रश्न 11.
श्रव्यता सीमा होती है
(अ) 200 Hz से 20000 Hz तक
(ब) 20 Hz से 20000 Hz तक
(स) 2 Hz से 20 Hz तक
(द) 20000 Hz से अधिक।
उत्तर:
(ब) 20 Hz से 20000 Hz तक
प्रश्न 12.
प्रतिध्वनि सुनने के लिए हमारे कान तक ध्वनि कम से कम कितने समय बाद पहुँचनी चाहिए ?
(अ) 0.1s
(ब) 0.5s
(स) 1s
(द) 25.
उत्तर:
(अ) 0.1s
प्रश्न 13.
अल्ट्रासोनोग्राफी में प्रयुक्त तरंगों की आवृत्ति है
(अ) 20 Hz
(ब) 20 Hz से कम
(स) 20 Hz से 20000 Hz तक
(द) 20000 Hz से अधिक।
उत्तर:
(द) 20000 Hz से अधिक।
प्रश्न 14.
आयाम का मात्रक है
(अ) m
(च) m/s
(स) Hz
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) m
प्रश्न 15.
ध्वनि की निर्वात में चाल होती है
(अ) 3 × 108 mis
(ब) 330 m/s
(स) ध्वनि निर्वात् में नहीं चल सकती
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) ध्वनि निर्वात् में नहीं चल सकती
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अनुदैर्ध्य तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं ?
उत्तर:
ये तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यमों में उत्पन्न की जा सकती हैं।
प्रश्न 2.
लोहे में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।
प्रश्न 3.
वायु में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।
प्रश्न 4.
किसी तार को दो खुटियों के बीच तानकर लम्बाई के लम्बवत् खींचकर छोड़ दिया जाता है तो तार में उत्पन्न तरंग का नाम बताइए।
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंग।
प्रश्न 5.
तरंगदैर्ध्य का S.I. मात्रक क्या है ?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य का S.I. मात्रक मीटर है।
प्रश्न 6.
आवत्ति का SL मान्नक क्या हैं ?
उत्तर:
आवृत्ति का S.I. मात्रक हर्ट्ज (Hz) है।
प्रश्न 7.
एक स्वतन्त्र रूप से लटकी स्लिंकी को खींचकर छोड़ दिया जाए तो किस प्रकार की तरंगें उत्पन्न होंगी ?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।
प्रश्न 8.
घड़ी की सुइयों की गति किस प्रकार की होती है ?
उत्तर:
आवर्ती गति।
प्रश्न 9.
तरंगदैर्ध्य की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
आवर्ती तरंगों के लगातार दो श्रृंगों या गर्ते अथवा दो संपीडनों या विरलनों के बीच की दूरी उसकी तरंगदैर्घ्य कहलाती है।
प्रश्न 10.
आवृत्ति की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
किसी तरंग की आवृत्ति किसी बिन्दु से सेकण्ड में गुजरने वाले श्रृंगों अथवा गर्तों की संख्या होती हैं।
प्रश्न 11.
राडार क्या है ?
उत्तर:
राडार रेडियो तरंग आधारित एक वैज्ञानिक प्रणाली है जिसकी सहायता से अन्तरिक्ष में आने-जाने वाले वायुयानों का संसूचन और उनकी स्थिति ज्ञात की जा सकती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ध्वनि उत्पन्न करने के लिए क्या आवश्यक हैं ?
उत्तर:
वस्तुओं में कम्पन्न उत्पन्न होने के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है। ध्वनि जिस द्रव्य से संचरित होती हैं उसे माध्यम कहते हैं। अत: ध्वनि उत्पन्न करने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माध्यम का होना है।
प्रश्न 2.
तरंग-गति से आप क्या समझते हो ?
उत्तर:
तरंग-गति किसी माध्यम में पैदा होने वाला वह विक्षोभ हैं जो माध्यम के कणों की सीमित गति के द्वारा माध्यम में ऊर्जा तथा संवेग का स्थानान्तरण करता है और बिना अपना रूप बदले एक नियत चाल से माध्यम में एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करता है। विक्षोभ के आगे बढ़ने की इस प्रक्रिया को तरंग गति कहते हैं।
प्रश्न 3.
अनुदैर्ध्य तरंगें क्या हैं ?
उत्तर:
जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग, अनुदैर्घ्य तरंग कहलाती है। यह तरंग संपीड़न एवं विरलनों के मिलने से बनती है। जब स्वरित्र को कम्पित कराते हैं और स्वरित्र की भुजाएँ बाहर की ओर जाती हैं तो संपीड़न तथा जब भुजाएँ अन्दर की ओर जाती हैं तो विरलन उत्पन्न होता है।
प्रश्न 4.
तरंग संचरण के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर:
ध्वनि एक प्रकार की तरंग है जो किसी कम्पायमान स्रोत से उत्पन्न होती है तथा द्रव्यात्मक माध्यम में एकान्तर क्रम में उत्पन्न होने वाले संपीडनों तथा विरलनों के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करती है। ध्वनि केवल द्रव्यात्मक माध्यम में ही अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में संचरित हो सकती है। निर्वात में किसी भी ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता, क्योंकि निर्वात में द्रव्यात्मक माध्यम नहीं होता है। अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण संपीड़न तथा विरलन के रूप में होता है। संपीडन तथा विरलन का बनना माध्यम के घनत्व तथा आयतन में परिवर्तन से सम्बद्ध होता है। इसी कारण अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण उन सभी माध्यमों में होता है जो अपने आयतन में होने वाले परिवर्तन का विरोध कर सकें।
प्रश्न 5.
तरंग संचरण में एक स्थान से दूसरे स्थान तक किसका स्थानान्तरण होता है, ऊर्जा का या भौतिक द्रव्यमान का ?
उत्तर:
तरंग संचरण में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है। भौतिक द्रव्यमान वहीं बना रहता है। केवल ऊर्जा व संवेग स्थानान्तरित होते हैं।
प्रश्न 6.
अनुदैर्ध्य तरंगों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- वायु में चलने वाली ध्वनि तरंगें।
- जल के अन्दर चलने वाली तरंगें।
प्रश्न 7.
क्या बन्दूक से निकली हुयी गोली या गुलेल से फेंका गया पत्थर तरंग गति करता है ?
उत्तर:
नहीं, बन्दूक से निकली गोली रेखीय पथ पर चलती हैं और गुलेल से फेंका हुआ पत्थर प्रक्षेप्य गति अपनाता है।
प्रश्न 8.
राडार के उपयोग एवं इसके स्थिति निर्धारण की पद्धति बताइए।
उत्तर:
राडार के उपयोग
- राडार का उपयोग अन्तरिक्ष में आने-जाने वाले वायुयानों के संसूचन एवं उनकी स्थिति ज्ञात करने में होता है।
- नौका, जहाज या वायुयान के परिचालन में राडार का महत्वपूर्ण उपयोग है।
- मिसाइल के प्रक्षेपण में राडार का प्रयोग होता है।
स्थिति निर्धारण की पद्धति-राडार में लगे ऐंटिना से लक्ष्य की दिशा का ठीक-ठीक पता चल जाता है। राडार का प्रेषित्र नियमित अन्तराल पर रेडियो ऊर्जा के क्षणिक, किन्तु तीव्र स्पंद भेजता रहता है। प्रेणित स्पंदों के अन्तरालों के बीच के समय में राडार का ग्राही यदि बाहरी किसी वस्तु से परावर्तित होकर तरंगें आयें तो उनको ग्रहण करता है। परावर्तित होकर वापस होने का समय विद्युत परिपथों द्वारा सही-सही मालूम हो जाता है और समय के अनुपात में अंकित सूचक से दूरी तुरन्त मालूम हो जाती है। ग्राही यन्त्र की कैथोड किरण नलिका में वस्तु की स्थिति स्पष्ट दिखाई पड़ती है।
प्रश्न 9.
अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्ध्य तरंगों में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में अन्तर
अनुप्रस्थ तरंग | अनुदैर्ध्य तरंग |
1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् कंपन या दोलन करते हैं। | 1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के अनुरूप ही कंपन या दोलन करते हैं। |
2. इनमें श्रृंग (crest) गर्त (trough) बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरंगें संचरित होती हैं। एक श्रृंग व एक गर्त मिलकर एक तरंग बनाते हैं। | 2. इनमें संपीडन तथा विरलन बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरंगें संचरित होती हैं। एक संपीडन व एक विरलन मिलकर एक तरंग बनाते हैं। |
3. ये तरंगें ठोस में तथा द्रवों की ऊपरी सतहों पर से संचरित हो सकती हैं। ये वायु या अन्य गैसों में संचरित नहीं हो सकर्ती। | 3. ये तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों में से संचरित हो सकती हैं। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न की परिभाषा लिखिए
- आयाम
- आवृत्ति
- आवर्तकाल
- तरंगदैर्थ्य।
उत्तर:
1. आयाम- तरंग संचरण के कारण माध्यम के किसी कण का माध्य स्थिति के एक ओर का अधिकतम विस्थापन तरंग का ‘आयाम’ कहलाता है। ध्वनि तरंग के लिए आयाम का मात्रक मीटर होता है।
2. आवृत्ति- किसी माध्यम में तरंग संचरण के कारण माध्यम के किसी कण द्वारा 1 सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या को उस तरंग की ‘आवृत्ति’ कहते हैं। इसे ॥ से प्रदर्शित करते हैं। आवृत्ति का S.I. मात्रक हर्ट्ज (प्रतीक Hz) है।
3. आवर्तकाल- माध्यम में तरंग संचरण के कारण, माध्यम के किसी कण द्वारा एक कम्पन पूरा करने में लिया गया समय तरंग का ‘आवर्तकाल’ कहलाता है। इसे T से प्रदर्शित करते हैं। इसका S.I. मात्रक सेकण्ड है। अथवा ध्वनि तरंग के दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों को एक निश्चित बिन्दु से गुजरने में लगा समय तरंग का ‘आवर्तकाल’ कहलाता है।
4. तरंगदैर्ध्य- माध्यम के किसी कण को एक कम्पन करने में लगे समय के दौरान तरंग द्वारा चली गई दूरी को तरंगदैर्घ्य कहते हैं। अथवा अनुप्रस्थ तरंग में किन्हीं दो निकटवर्ती भूगों अथवा दो निकटवर्ती गर्तों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। अनुदैर्ध्य तरंग में किन्हीं दो निकटवर्ती अधिकतम संपीड़न अथवा किन्हीं दो निकटवर्ती अधिकतम विरलन वाले कणों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। तरंगदैर्घ्य को ‘2.’ (लेम्डा) से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक मीटर है।
प्रश्न 2.
सम्बन्ध बताइए
- आवर्तकाल और आवृत्ति
- आवृत्ति, तरंगदैर्घ्य और वेग।
उत्तर:
1. यदि दोलन करने वाली वस्तु की आवृत्ति n हर्ट्ज है तो इसका अर्थ है कि वस्तु 1 सेकण्ड में n कम्पन्न करती है।
∴ n कम्पन्न करने में वस्तु द्वारा लिया गया समय
=1 सैकण्ड़
1 कम्पन्न करने में वस्तु द्वारा लिया गया समय = \(\frac { 1 } { n }\) सेकण्ड|
∴ 1 कम्पन्न में लगे समय को आवर्तकाल T कहते हैं, अतः
2. माना कम्पन्न करती हुई किसी वस्तु का आवर्तकाल T,
आवृत्ति n तथा तरंगदैर्ध्य λ है। इस वस्तु द्वारा उत्पन्न तरंग, T
सेकण्ड में λ दूरी तय करेगी।
:: T सेकण्ड में तरंग द्वारा चली गई दूरी = λ
.: 1 सेकण्ड में तरंग द्वारा चली गई दूरी = \(\frac { \lambda } { T }\)
परन्तु सेकण्ड में चली गई दूरी को तरंग की चाल v कहते है।
अत: तरंगवेग = आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य
प्रश्न 3.
उत्तर दीजिए
- माध्यम का कोई कण जब एक दोलन पूरा करता है तो वह कितनी दूरी तय करता है ?
- वायु में ध्वनि तरंगें अनुदैर्घ्य हैं या अनुप्रस्थ।
- किसी लम्बी स्लिंकी (spring) में उत्पन्न ह्ये सकने वाली तरंग/तरंगों के नाम लिखिए।
- अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
- उस भौतिक राशि का नाम लिखिए जिसको मात्रक हर्ट्ज़ है ?
उत्तर:
- तरंगदैर्घ्य (λ) के बराबर
- अनुदैर्ध्य तरंगें।
- अनुदैर्ध्य तरंग,
- अनुप्रस्थ तरंगों के
उदाहरण-- वायलिन, सितार आदि की तनी हुई डोरियों में उत्पन्न तरंगें।
- जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें।अनुदैर्ध्य तरंगों के उदाहरण
- वायु में चलने वाली ध्वनि तरंगें
- जल के अन्दर चलने वाली तरंगें
- आवृत्ति।
प्रश्न 4.
पराध्वनि के पाँच उपयोग लिखिए।
उत्तर:
- समुद्र की गहराई के मापन में तथा समुद्र में पनडुब्बी का पता लगाने में किया जाता है।
- इमारतों की दीवारों तथा धातु की चादरों में दरारों का पता लगाने में किया जाता है।
- शरीर के भीतर स्थित व्रण या घाव पथरी आदि का पता लगाने में किया जाता है।
- मानव भ्रूण की वृद्धि एवं दोषों की जानकारी प्राप्त करने में किया जाता हैं।
- पराध्वनि तरंगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित कर हृदय का प्रतिबिम्ब बनाया जाता है। इसे इकोकार्डियोग्राम (ECG) कहा जाता है।
प्रश्न 5.
SONAR का विस्तृत रूप लिखिए। समुद्र की गाई आप प्रतिध्वनिक परास का उपयोग कर कैसे ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
यह एक ऐसी युक्ति है जिसमें जल में स्थित पिण्डों की दूरी, दिशा तथा चाल मापने के लिए पराध्वनिक तरंगों का उपयोग किया जाता है। सोनार (SONAR) शब्द का अंग्रेजी पर्याय है-Sound Navigation and Ranging. कार्यविधि-सोनार में एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है। और इसे चित्रानुसार किसी नाव या जहाज में लगाया जाता है। प्रेषित्र द्वारा उत्पन्न पराध्वनि तरंगें जल में गमन करती हैं।
तथा समुद्र तल में पिण्ड से टकराने के पश्चात् परावर्तित होकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। संसूचक पराध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में बदल देता है। ध्वनि की चाल (जल में) तथा पराध्वनि के प्रेषण तथा अभिग्रहण के समय अंतराल को ज्ञात करके उस पिण्ड की दूरी की गणना की जा सकती है जिससे ध्वनि तरंग परावर्तित हुई है। माना पराध्वनि संकेत के प्रेषण तथा अभिग्रहण का समय अंतराल t है तथा समुद्री जल में ध्वनि की चाल v है, तब सतह से पिण्ड की दूरी 24 होगी। तब 2d = y × t यह विधि प्रतिध्वनिक परास कहलाती है।
प्रश्न 6.
चित्र बनाकर बताइए कि मनुष्य का काम किस प्रकार कार्य करता है ?
उत्तर:
मानव कर्ण की संरचना- हम अपने कार्यों के द्वारा सुनते हैं। ये सुनने वाली आवृत्तिर्यों द्वारा वायु में होने वाले दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदलते हैं जो श्रवण तंत्रिका द्वारा हमारे मस्तिष्क तक पहुँचते हैं।
बाहरी कान को कर्ण पल्लव कहते हैं। यह परिवेश से ध्वनि एकत्रित करके श्रवण नलिका को भेजता है। श्रवण नलिका के सिरे पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटल या कर्ण पटल झिल्ली कहते हैं। माध्यम के संपीड़न के
कर्णपटल तक पहुँचने से झिल्ली के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है और यह कर्ण पटल को अंदर की ओर दबाता है तथा विरलन के समय कर्ण पटल बाहर की ओर गति करता है, इस प्रकार कर्ण पटल कंपन करता है। मध्य कर्ण में स्थित तीन हड्रिय मुग्दरक, निहाई एवं वलयक इन कंपनों को कई गुना कर देती हैं। मध्य कर्ण इन दाब परिवर्तनों को आंतरिक कर्ण तक संचरित कर देता है। आंतरिक कर्ण में कर्णावर्त (Cochlea) द्वारा दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करके मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। और मस्तिष्क इसकी ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है।
प्रश्न 7.
ध्वनि के परावर्तन के नियम लिखिए। इनके सत्यापन के लिए एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ध्वनि का परावर्तन-प्रकाश की भाँति ध्वनि भी किसी ठोस या द्रव के पृष्ठ से परावर्तित होती है तथा परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है।
- परावर्तक पृष्ठ के आपतन बिन्दु पर खींचे गए अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
- ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
क्रियाकलाप निम्न चित्र की भाँति दो एक जैसे पाइप लेकर इन्हें दीवार के समीप किसी मेज पर व्यवस्थित करते हैं। एक पाइप के खुले सिरे के पास एक घड़ी रखते हैं तथा दूसरे पाइप की ओर से ध्वनि सुनने की कोशिश करते हैं। जब ठीक प्रकार से समायोजित होने पर ध्वनि सुनाई देने लगती है। तब इन पाइपों तथा दर्शाए अभिलंब के बीच के कोणों को मापते हैं तथा इनके बीच के संबंध को देखते हैं।
निष्कर्ष-
- जब पाइप दीवार के साथ बराबर कोण बनाता है अर्थात् ∠i = ∠r तब घड़ी की ध्वनि सबसे अच्छी सुनाई देती है।
- जब दायीं ओर के पाइप को थोड़ा ऊपर उठाया जाता है तो घड़ी की ध्वनि अच्छी तरह सुनाई नहीं देती।
प्रश्न 8.
पराध्वनि क्या है ? बताइए कि इसका उपयोग धातु पिण्ड के दोषों का पता करने और सर्पिलाकार नलियों की सफाई में कैसे किया जाता है ?
उत्तर:
पराध्वनि-वे ध्वनि जिनकी आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज (20 किलो हर्ट्ज) से अधिक होती है, पराध्वनि कहलाती हैं। इन तरंगों को क्वार्ट्ज़ के क्रिस्टल के कम्पनों से उत्पन्न कर सकते हैं। चमगादड़, बिल्लियाँ, कुत्ते जैसे कुछ प्राणी, कुछ पक्षी तथा कीट भी पराध्वनि तरंगें उत्पन्न करते हैं। ये प्राणी इन तरंगों को सुन भी सकते हैं। पराध्वनि तरंगों का प्रयोग संकेत भेजने, समुद्र की गहराई ज्ञात करने, चिकित्सा के क्षेत्र में तथा हवाई अड़ों पर धुंध को दूर करने में होता है। वायु में इन तरंगों की तरंगदैर्घ्य 1.6 सेमी से कम होती है। घातु पिण्ड में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का
उपयोग- पराध्वनि का उपयोग धातुओं से बने ब्लॉकों के दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र बाहर से दिखाई नहीं देते। हैं। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचक का उपयोग किया जाता है। यदि जरा-सा भी दोष आता है तो पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं जो दोष की उपस्थिति को दर्शाती हैं। इस प्रकार धातु के ब्लॉकों से दोष दूर कर दिया जाता है।
सर्पिलाकार नलियों की सफाई में पराध्वनि का उपयोग पराध्वनि का उपयोग ऐसे भागों को साफ करने के लिए किया जाता है, जो पहुँच से परे होती हैं, जैसे- सर्पिलाकार नली। इन्हें साफ करने के लिए साफ करने वाले मार्जन विलयन में रखते हैं। इस विलयन में पराध्वनि की तरंगें भेजी जाती हैं, उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, चिकनाई तथा गंदगी अलग हो जाती है। इस प्रकार सर्पलाकार नली पूर्णतया साफ हो जाती हैं।
प्रश्न 9.
राडार के अवयव एवं उपयोग पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
राडार के निम्न अवयव हैं
1. मॉड्यूलेटर (Modulator)-मॉड्यूलेटर द्वारा रेडियो आवृत्ति दोलित्र (Radio frequency oscillator) को दिए जाने वाली विद्युत शक्ति के आवश्यक विस्फोट प्राप्त होते हैं।
2. रेडियो-आवृत्ति दोलित्र (Radio frequency Oscillator)-यह उच्च आवृत्ति वाली शक्ति के उन स्पंदों को उत्पन्न करता है जिनसे राडार के संकेत बनते हैं।
3. एंटिना (Antenna)- एंटिना द्वारा ये स्पंद आकाश में भेजे जाते हैं और एंटिना ही उन्हें वापसी में ग्रहण करता है।
4. ग्राही (Receiver)-वापस आने वाली रेडियो तरंगों का पता पाता है।
5. सूचक (Indicator)-राडार परिचारक को रेडियो तरंगों द्वारा एकत्रित की गई सूचनाएँ देता है।
राडार के उपयोग-
- राडार का उपयोग अन्तरिक्ष में आने जाने-वाले वायुयानों के संसूचन एवं उनकी स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है।
- राडार द्वारा नौका, जहाज या वायुयान चालन का परिचालन सम्भव है। इसके द्वारा चालकों को दूर स्थित पहाड़ों, हिमशैलों अथवा अन्य रुकावटों का पता चल जाता है।
- राडार के कारण युद्ध के दौरान सहसा आक्रमण प्रायः असम्भव हो गया है। इसके द्वारा जहाजों, वायुयानों और रॉकेटों के आने की पूर्व सूचना मिल जाती है।
- वायुयानों पर भी राडार यन्त्रों से आगन्तुक वायुयानों का पता चलता रहता है तथा इन यन्त्रों की सहायता से आक्रमणकारी विमान लक्ष्य तक जाने और अपने स्थान तक वापस आने में सफल होते हैं।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक वस्तु 6600 कम्पन्न प्रति मिनट कर रही है। यदि वायु में ध्वनि का वेग 330 m/s हो तो ज्ञात कीजिए।
(i) आवर्तकाल,
(ii) आवृत्ति,
(iii) तरंगदैर्थ्य।
हल:
वस्तु द्वारा किया गया कम्पन्न = 6600 कम्पन प्रति मिनट
प्रश्न 2.
एक वस्तु का आवर्तकाल 0.004s है, उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्न 3.
एक तरंग के दो समीपस्थ शृंगों के मध्य की दूरी 30 cm है तथा आवृत्ति 450 Hz है तो तरंग का वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है,
प्रश्न 4.
एक तरंग जिसकी आवृत्ति 256 Hz है, 330 m/s के वेग से संचरण कर रही है। इसी माध्यम में 512 Hz वाली तरंग की गति क्या होगी ?
हल:
तरंग की चाल उसकी आवृत्ति पर निर्भर नहीं करती है। अतः उसी माध्यम में तरंग की गति 330 m/s होगी।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगें अपन्न की जा सकती हैं
(अ) ठोस व गैस में
(ब) ठोस व द्रव में
(स) गैस व द्रव में
(द) ठोस, द्रव व गैस तीनों में।
उत्तर:
(ब) ठोस व द्रव में
प्रश्न 2.
किसकी ध्वनि का तारत्व अधिक होता है।
(अ) शेर
(ब) मच्छर
(स) पुरुष
(द) स्त्री।
उत्तर:
(ब) मच्छर
प्रश्न 3.
सोनार की कार्यविधि किस सिद्धान्त पर आधारित है।
(अ) प्रतिध्वनि के सिद्धान्त पर
(ब) ध्वनि के अपवर्तन पर
(स) लेसर के सिद्धान्त पर
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) प्रतिध्वनि के सिद्धान्त पर
प्रश्न 4.
ध्वनि पट्ट कैसा होता है।
(अ) उत्तल पृष्ठ
(ब) अवतल पृष्ठ
(स) समतल पृष्ठ
(द) उत्तलोवतल पृष्ठ।
उत्तर:
(ब) अवतल पृष्ठ
प्रश्न 5.
0°C ताप पर वायु में ध्वनि की चाल कितनी होती है।
(अ) 3 × 108 मी./से.
(ब) 331 मी./से.
(स) 33 मी./से.
(द) 660 मी./से.
उत्तर:
(ब) 331 मी./से.
प्रश्न 6.
इकाई क्षेत्र से 1 सेकण्ड में गुजरने वाली ध्वनि को क्या कहते हैं ?
(अ) आवृत्ति
(ब) तरंगदैर्घ्य
(स) प्रबलता
(द) तरंगवेग।
उत्तर:
(स) प्रबलता
सुमेलन सम्बन्धित प्रश्न
निम्न को सुमेलित कीजिए
उत्तर:
- – 6,
- – 4,
- – b,
- – a.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगें किस प्रकार के माध्यम में अपन्न की जा सकती हैं?
उत्तर:
ठोसों में तथा द्रवों की सतह परे
प्रश्न 2.
जल में पत्थर फेंकने से जल की सतह पर अपन्न तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें।
प्रश्न 3.
हमारे कान में ध्वनि की संवेदना कितने समय तक बनी रहती है?
उत्तर:
0.1 सेकण्ड तक।
प्रश्न 4.
प्रतिध्वनि सुनाई देने का क्या कारण है?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनाई देने का कारण ध्वनि का परावर्तन
प्रश्न 5.
स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध प्रतिध्वनि से कम-से-कम कितनी दूर होना चाहिए?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध कम-से-कम 17.2 मीटर दूर होना चाहिए।
प्रश्न 6.
हम छोटे कमरों में प्रतिध्वनि क्यों नहीं सुन पाते?
उत्तर:
क्योंकि प्रतिध्वनि सुनने के लिए दीवारों के बीच न्यूनतम 17.2 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
प्रश्न 7.
पराध्वनिक वस्तु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु में ध्वनि की चाल की अपेक्षा, अधिक चाल से चलने वाली वस्तु को पराध्वनिक वस्तु कहते हैं।
प्रश्न 8.
पराध्वनिक बूम क्यों सुनाई देता है?
उत्तर:
किसी वस्तु के वायु में ध्वनि की चाल से अधिक चाल से चलने के कारण।
प्रश्न 9.
संपीड़न किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई अनुदैर्ध्य तरंग आगे बढ़ती हैं तो जिन स्थानों पर माध्यम के कण एक-दूसरे के बहुत समीप आ जाते हैं। उन्हें संपीड़न कहते हैं।
प्रश्न 10.
विरलन किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगों में जिन स्थानों पर माध्यम के कणों की संख्या कम हो जाती हैं अर्थात् कण दूर दूर चले जाते हैं। उन्हें विरलन कहते हैं।
प्रश्न 11.
निम्न से सम्बन्धित आवृत्तियों का परास क्या
(अ) अपश्रव्य ध्वनि,
(ब) पराध्वनि।
उत्तर:
(अ) 20 हर्ट्ज़ से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ।
(ब) 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ।
प्रश्न 12.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण अँधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज़ पहचानने में आपकी सहायता करता है ?
उत्तर:
ध्वनि की गुणता वह अभिलक्षण है जो हमें आवाज पहचानने में सहायता करता है और हम मित्र की आवाज पहचान लेते हैं।
प्रश्न 13.
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के उपयोग
- श्रवण सहायक तन्त्र ध्वनि के परावर्तन की प्रक्रिया पर ही आधारित होते हैं।
- सोनार
प्रश्न 14.
हम चन्द्रमा पर होने वाले विस्फोट की आवाज पृथ्वी पर क्यों नहीं सुन पाते ?
उत्तर:
पृथ्वी व चन्द्रमा के बीच द्रव्यात्मक माध्यम की अनुपस्थिति के कारण।
प्रश्न 15.
कर्ण-तुर्य क्या है ?
उत्तर:
कर्ण-तूर्य श्रवण-सहाय है।
प्रश्न 16.
टोन तथा स्वर में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
एकल आवृत्ति की ध्वनि को टोन कहते हैं तथा अनेक आवृत्तियों के मिश्रण से उत्पन्न ध्वनि को स्वर कहते हैं।
प्रश्न 17.
सूचक का क्या कार्य है ?
उत्तर:
सूचक राडार परिचारक को रेडियो तरंगों द्वारा एकत्रित की गई सूचनाएँ देता है।
प्रश्न 18.
राडार के लिए अतिलघु तरंगदैर्ध्व वाली तरंगें किससे उत्पन्न की जाती हैं ?
उत्तर:
मल्टिकेविटी मैग्नेट्रॉन द्वारा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें इसलिए कहा जाता है; क्योंकि ये माध्यम के कणों की कम्पनिक गति के द्वारा संचारित होती हैं अर्थात् इनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
गुणवत्ता क्या है ?
उत्तर:
गुणवत्ता ध्वनि का वह गुण है जिसके आधार पर दो समान तारत्व तथा समान प्रबलता वाली ध्वनियों में विभेद किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है
(a) प्रबलता
(b) तारत्व।
उत्तर:
(a) प्रबलता-किसी ध्वनि तरंग की प्रबलता मूलतः उसके आयाम द्वारा निर्धारित होती है। बड़े आयाम की ध्वनि प्रबल तथा छेटे आयाम की ध्वनि मृदु होती है।
(b) तारत्व-ध्वनि का तारत्व उसकी आवृत्ति द्वारा निर्धारित होता है। उच्च आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व ऊँचा तथा निम्न आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व नीचा होता है।
प्रश्न 4.
ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता तथा प्रबलता में अन्तर
तीव्रता | प्रबलता |
1. एक सेकण्ड में एकांक क्षेत्रफल से गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं। | 1. कानों की संवेदनशीलता की माप को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। |
2. ध्वनि की तीव्रता मापी जा सकती है। | 2. ध्वनि की प्रबलता को | मापा नहीं जा सकता। |
3. ध्वनि की तीव्रता का सम्बन्ध उसकी ऊर्जा से है। | 3. ध्वनि की प्रबलता तरंग की ऊर्जा की तुलना में हमारे कानों की संवेदनशीलता पर अधिक निर्भर करती है। |
प्रश्न 5.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ अपन्न होते हैं, लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं लेकिन पहले चमक दिखाई देती है और गर्जन की आवाज बाद में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रकाश का वेग, ध्वनि के वेग से अधिक होता है। अतः चमक हमें पहले दिखाई देती है और ध्वनि कुछ देर बाद सुनाई देती है।
प्रश्न 6.
अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर:
ध्वनि के बार-बार दीवार से टकराने तथा बार-बार परावर्तन के कारण ध्वनि निबंध होता है। इसे अनुरणन कहते अनुरणन को कम करने के लिए सभा भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों, जैसे-संपीडित फाइबर बोर्ड, पर्दै आदि लगा देते हैं।
प्रश्न 7.
अनुदैर्ध्य तरंगों के चलने पर माध्यम में घनत्व व दाब वितरण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
अनुदैर्घ्य तरंग के चलने से माध्यम में संपीडन तथा विरलन पैदा हो जाते हैं। संपीडन वाले स्थानों पर माध्यम के कण पास-पास होते हैं। अतः वहाँ माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा अधिक रहता है। इसी प्रकार विरलन वाले स्थानों पर माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा कम रहता है।
प्रश्न 8.
“पराध्वनिक’ से क्या तात्पर्य है? क्या यह पराश्रव्य से भिन्न है?
उत्तर:
कई बार पराश्रव्य (Ultrasonic) तरंग तथा पराध्वनिक तरंगों में भ्रम हो जाता है। पराश्रव्य तरंगें 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति वाली तरंगें हैं। जबकि पराध्वनिक (Supersonic) तरंग पिंड की चाल से संबंधित है। जब कोई पिण्ड ध्वनि की चाल से अधिक चाल से गति करता है तब उसकी चाल को पराध्वनिक चाल कहते हैं।
प्रश्न 9.
ध्वनि बूम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब पराध्वनिक वायुयान वायु में ध्वनि के वेग से अधिक वेग से उड़ते हैं तो वायु में एक प्रघाती तरंग उत्पन्न हो जाती है। ध्वनि से अधिक तीव्र गति से चलने वाली ये प्रघाती तरंगें ऊर्जा की विशाल मात्रा की वाहक हैं। इन तरंगों के कारण वायु दाब में अत्यधिक परिवर्तन होता है तथा वायु में तीव्र ध्वनि (बादल फटने जैसी) उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बुम (Sonic Boom) कहते हैं।
प्रश्न 10.
ध्वनि के परावर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कोई ध्वनि तरंग दो माध्यमों के सीमा पृष्ठ पर पहुँचती है तो उसका कुछ भाग पहले माध्यम में वापस आ जाता है। इस प्रक्रिया को ध्वनि का परावर्तन कहते हैं। जब हम कुएँ पर बोलते हैं या ताली बजाते हैं तो हमें वही किन्तु कुछ धीमी ध्वनि कुएँ के अंदर से आती हुई दोबारा सुनाई देती है। दोबारा सुनाई देने वाली ध्वनि पहली ध्वनि की प्रतिध्वनि (Echo) है जो पहली ध्वनि के कुएँ के जल से परावर्तन के कारण दोबारा सुनाई देती है। इसी प्रकार की प्रतिध्वनि हम एक बड़े हॉल या गुंबद से भी ध्वनि के परावर्तन के कारण सुनते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा समझाइए कि ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
उत्तर:
ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता प्रयोग-एक काँच का बेलजार लेकर उसमें विद्युत घण्टी को लटकाया, घंटी के स्विच को दबाने पर हम उसकी ध्वनि सुन सकते हैं। अब निर्वात पम्प द्वारा बैलजार की वायु बाहर निकाल लेते हैं। ऐसा करने से घंटी की ध्वनि धीमी होती जाती है। बेलजार की वायु बहुत कम रह जाने पर घंटी की ध्वनि बहुत धीमी हो जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
चित्र-निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता यह दर्शाने के लिए बेलजार का प्रयोग।
प्रश्न 2.
यान्त्रिक तरंगें कितने प्रकार की होती हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए तथा इनके प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यान्त्रिक तरंगें-वे तरंगें जो किसी (ठोस, द्रव अथवा गैस)- पदार्थ के कर्मों के दोलनों द्वारा उत्पन्न होती हैं तथा आगे बढ़ती हैं यान्त्रिक तरंगें कहलाती हैं; जैसे-वायु में ध्वनि तरंगें, जल में गिरे पत्थर के कारण जल में उत्पन्न तरंगें, रस्सी में दोलनों के द्वारा उत्पन्न तरंगें आदि।
माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के आधार पर यान्त्रिक तरंगें दो प्रकार की होती हैं
(1) अनुप्रस्थ तरंगें- जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुप्रस्थ तरंग कहलाती है। यह तरंग शृंग तथा गर्त के मिलने से बनी है। जब तालाब के जल में पत्थर फेंकते हैं तो अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न होती हैं। तालाब में पत्धर फेंकने से उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग के उठे हुए भाग को भंग (crest) तथा दबे हुए भाग की गर्त (trough) कहते हैं (चित्र-अ)।
उदाहरण-वायलिन, सितार आदि की तनी हुई डोरियों में उत्पन्न तरंगें तथा जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें। गुण-इस प्रकार की तरंगें केवल ठोस तथा द्रव की सतह पर ही उत्पन्न की जा सकती हैं, जिनमें दृढ़ता होती है। ये तरंगें गैसों में उत्पन्न नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि गैसों में दृढ़ता नहीं होती है।
(2) अनुदैर्ध्य तरंगें-जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है। यह तरंग संपीडन एवं विरलनों के मिलने से बनती है। अब स्वरित्र को कम्पित कराते हैं और स्वरित्र की भुजाएँ बाहर की ओर जाती हैं तो संपीडन तथा जब भुजाएँ अन्दर की ओर जाती हैं तो विरलन उत्पन्न होता है। (चित्र-ब)।
उदाहरण-वायु में चलने वाली ध्वनि तरंगें, हुक से लटके एक स्प्रिंग के सिरे से बाट बाँधकर, खचकर छोड़ने से उत्पन्न तरंगें, जल के अन्दर चलने वाली तरंगें। गुण-इस प्रकार की तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों ही माध्यमों में उत्पन्न होती हैं। वायु में ध्वनि इन्हीं तरंगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक तरंग की चाल 250 मीटर/सेकण्ड तथा आवृत्ति 500 हर्ट्ज है। तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवर्तकाल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है v = 250 मीटर/सेकण्ड,
n = 500 हर्ट्ज़
प्रश्न 2.
एक सरल लोलक 20 सेकण्ड में 40 दोलन पूरे करता है। दोलनों की आवृत्ति तथा आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
हलः
∴ 20 सेकण्ड में पूरे किए गए दोलन = 40
प्रश्न 3.
यदि प्रकाश का वेग 3 × 108 मीटर/सेकण्ड हो तथा आवृत्ति 5 × 1014 प्रति सेकण्ड हो, तो प्रकाश की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।
हुल:
प्रकाश का वेग = 3 × 108 मीटर/सेकण्ड आवृत्ति n = 5 × 1014 प्रति सेकण्ड, λ = ?
प्रश्न 4.
X किरणों की तरंगदैर्ध्य 1A है। यदि X किरणों की चाल 3 × 108 मीटर/सेकण्ड हो, तो इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल;
दिया है λ = 1 A = 10-10 मीटर
प्रश्न 5.
एक इलेक्ट्रॉन के दोलन का आवर्तकाल 0.05 माइक्रोसेकण्ड है, इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है T = 0.05 माइक्रोसेकण्डु = 0.05 × 10-6
सेकण्ड n = ?
प्रश्न 6.
एक रेडियो प्रसारण केन्द्र से 40 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति की विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रसारित होती हैं। यदि विद्युत
चुम्बकीय तरंग की चाल 3 × 108 मीटर/सेकण्ड हो तो इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
दिया है आवृत्ति n = 40 मेगा हर्ट्ज = 40 × 106 हर्ट्ज
v = 3 × 108 मीटर/सेकण्ड λ = ?
प्रश्न 7.
किसी ध्वनि तरंग की आवृत्ति 2 kHz और उसकी तरंगदैर्ध्य 35 cm है। यह 1.5 km दूरी चलने में कितना समय लेगी ?
हल:
दिया है,
प्रश्न 8.
किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 हर्ट्ज तथा वेग 400 मीटर/सेकण्ड है। इस तरंग की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
तरंग की आवृत्ति n = 220 हर्ट्ज, तरंग वेग v = 400 मीटर/सेकण्डू
प्रश्न 9.
कोई प्रतिध्वनि 35 पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 ms हो तो स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच कितनी दूरी होगी ?
हल:
ध्वनि की चाल (v) = 342 ms-1
प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय (t) = 3s
ध्वनि द्वारा चली गई दूरी = v × t = 342 ms-1 × 3s
= 1026m
3s में प्रतिध्वनि सुनाई दी। अत: 3s में ध्वनि ने स्रोत तथा
परावर्तक के बीच की दुगुनी दूरी तय की।
स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच की दूरी होगी
प्रश्न 10.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
हल:
आवृत्ति = 100 Hz
समय = 1 मिनट = 60 सेकण्ड
कपनों की संख्या = आवृत्ति × समय
= 100 Hz × 60 सेकण्ड = 6000 कंपन।
प्रश्न 11.
एक जहाज पराध्वनि उत्सर्जित करता है जो समुद्र तल से परावर्तित होकर 3.42 s के पश्चात् संसूचित की जाती है। यदि समुद्र जल में पराध्वनि की चाल 1531 m/s हो; तो समुद्र तल से जहाज की कितनी दूरी होगी?
हल:
प्रेक्षण तथा संसूचन के बीच लगा समय
t = 3.42 s
अतः जहाज से समुद्र तल की दूरी 2618 m या 2,62 km है।
प्रश्न 12.
एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s-1 हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
सोनार स्पंद प्राप्त करने तथा प्रेषित्र के बीच समय,
t = 1.02s
लवणीय जल (खारे पानी) में ध्वनि की गति,
v = 1531 ms-1
माना चट्टान की दूरी = d
ध्वनि द्वारा तय की गई दूरी = 2d
परंतु 2d = ध्वनि की गति × समय = vt
= 1531 × 1.02m
प्रश्न 13.
एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 55 पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625 m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
हल:
वस्तु की दूरी = 3625 m; समय = 5s ध्वनि की चाल = ?
प्रश्न 14.
जहाज में लगा हुआ एक सोनार उपकरण समुद्र के अन्दर पराश्रव्य तरंगें भेजता है। ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होती हैं। यदि पराश्रव्य तरंगें जहाज से समुद्र तल तक वापस चलने में 2 सेकण्ड का समय लेती हैं; तो समुद्र की गहराई क्या है? (जल में ध्वनि की चाल = 1500 m/s )
हल:
जहाज से समुद्र के तल तक जाने में ध्वनि = \(\frac { 1 }{ 2 } =1\) = सेकण्ड लेती है।
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