• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 8 with Answers

March 23, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 10th Hindi Model Papers Set 8 with Answers provided here.

RBSE Class 10 Hindi Model Paper Set 8 with Answers

पूर्णाक : 80
समय : 2 घण्टा 45 मिनट

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
  • प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
  • प्रश्नों का अंकभार निम्नानुसार है –
खण्ड प्रश्नों की संख्या अंक प्रत्येक प्रश्न कुल अंक भार
खण्ड-अ 1 (1 से 12), 2 (1 से 6),3 (1 से 12) 1 30
खण्ड-ब 4 से 16 = 13 2 26
खण्ड-स 17 से 2014 3 12
खण्ड-द 21 से 23 = 3 4 12

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

खण्ड – (अ)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए: (5 x 1 = 5)

मानव-जीवन की कुछ ऐसी मनोवृत्तियाँ होती हैं, जो प्रकृति के साथ हमारे मेल में बाधक होती हैं, कुछ ऐसी होती हैं, जो इस मेल में सहायक बन जाती हैं। जिन प्रवृत्तियों से प्रकृति के साथ हमारा सामंजस्य बढ़ता है, वह वांछनीय होती हैं, जिनसे सामंजस्य में बाधा उत्पन्न होती है, वे दर्षित हैं। अहंकार, क्रोध या द्वेष हमारे मन की ब प्रवृत्तियाँ हैं। यदि हम इनको बेरोक-टोक चलने दें, तो नि:संदेह वह हमें नाश और पतन की ओर ले जायेंगी, इसलिए हमें उनकी लगाम रोकनी पड़ती है, उन पर संयम रखना पड़ता है, जिससे वे अपनी सीमा से बाहर न जा सकें। हम उन पर जितना कठोर संयम रख सकते हैं, उतना ही मंगलमय हमारा जीवन हो जाता है। किन्तु नटखट लड़कों से डाँटकर कहना-तुम बड़े बदमाश हो, हम तुम्हारे कान पकड़कर उखाड़ लेंगे-अक्सर व्यर्थ ही होता है, बल्कि उस प्रवृत्ति को और हठ की ओर ले जाकर पुष्ट कर देता है। जरूरत यह होती है कि बालक में जो सद्वृत्तियाँ हैं, उन्हें ऐसा उत्तेजित किया जाय कि दूषित वृत्तियाँ स्वाभाविक रूप में शान्त हो जायें। इसी प्रकार मनुष्य को भी आत्मविकास के लिए संयम की आवश्यकता होती है।

1. मनुष्य की कौन-सी प्रवत्तियाँ वांछनीय हैं ?
(अ) जो उसे पशुओं के समान बनाती हैं
(ब) जो प्रकृति के साथ हमारे मेल में सहायक हैं
(स) जो प्रकृति के साथ हमारे मेल में बाधक हैं
(द) जो उसे पशुओं से पृथक् करती हैं।
उत्तर :
(ब) जो प्रकृति के साथ हमारे मेल में सहायक हैं

2. मनुष्य की किन प्रवृत्तियों पर संयम रखना आवश्यक है ?
(अ) जो प्रकृति के साथ हमारे मेल में बाधक हैं
(ब) अहंकार, कामे, क्रोध आदि दुष्प्रवृत्तियाँ
(स) जो दुष्प्रवृत्तियाँ हमारा पतन कर हमारा विनाश करती हैं
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपर्युक्त सभी।

3. मनुष्य की दूषित वृत्तियों को किस प्रकार शान्त किया जाता है ?
(अ) मनुष्य के मनोविकारों को खोलकर
(ब) मनुष्य के हृदय को परिवर्तित कर
(स) सद्वृत्तियों को उभार-उत्तेजित कर
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(स) सद्वृत्तियों को उभार-उत्तेजित कर

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

4. ‘उत्थान’ से यहाँ क्या आशय है?
(अ) मनोवृत्ति
(ब) ऊपर उठना
(स) गिरना
(द) उतरना।
उत्तर :
(ब) ऊपर उठना

5. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक है-
(अ) आत्मविकास में संयम की अनिवार्यता
(ब) मानव जीवन के लाभ
(स) मानव जीवन का उत्थान
(द) मानव जीवन का पतन।
उत्तर :
(अ) आत्मविकास में संयम की अनिवार्यता

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :

चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवे बना।
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना।।
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
है कठिन कुछ भी नहीं जिनके है जी मैं यह ठना।।
कोस कितने ही चले पर वे कभी थकते नहीं।
कौन-सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं।।
संकटों से वीर घबराते नहीं, आपदायें देख छिप जाते नहीं।
लग गये जिस काम में पूरा किया, काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।
हो सरल या कठिन हो रास्ता, कर्मवीरों को न इससे वास्ता।
बढ़ चले तो अन्त तक ही बढ़ चले, कठिनतर गिरिश्रंग ऊपर चढ़ चले।।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

6. वीर पुरुषों की विशेषता होती है
(अ) कार्य करने का कौशल प्राप्त करते हैं
(ब) प्रारम्भ किए कार्य को अधूरा छोड़ देते हैं
(स) बाधाओं के भय से काम शुरू नहीं करते
(द) संकटों का सामना करते हुए कार्य पूरा करते हैं।
उत्तर :
(द) संकटों का सामना करते हुए कार्य पूरा करते हैं।

7. ‘चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवे बना’ पंक्ति का आशय है
(अ) वीर पुरुष अपने पुरुषार्थ से असम्भव कार्य भी सम्भव कर देते हैं
(ब) वीर पुरुष चिलचिलाती धूप में चाँदनी कर देते हैं
(स) चिलचिलाती धूप में चाँदनी रात का अनुभव करते हैं।
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर :
(अ) वीर पुरुष अपने पुरुषार्थ से असम्भव कार्य भी सम्भव कर देते हैं

8. ‘गिरिश्रंग’ का अर्थ है
(अ) पहाड़ की चोटी
(ब) पहाड़ के बड़े पत्थर
(स) पहाड़ की ऊँचाई
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(अ) पहाड़ की चोटी

9. वीर पुरुष कब नहीं थकते?
(अ) लम्बी दूर तक पैदल चलकर
(ब) युद्ध करके
(स) मेहनत करके
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(अ) लम्बी दूर तक पैदल चलकर

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

10. इस पद्यांश का शीर्षक हो सकता है।
(अ) वीरता
(ब) आपदाएँ
(स) दानवीर
(द) कर्मवीर।
उत्तर :
(द) कर्मवीर।

11. गंतोक में श्वेत पताकाएँ किस अवसर पर फहराई जाती हैं?
(अ) शांति के अवसर पर
(ब) युद्ध के अवसर पर
(स) शोक के अवसर पर
(द) किसी उत्सव के अवसर पर
उत्तर :
(स) शोक के अवसर पर

12. ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ में किस पर व्यंग्य किया गया है?
(अ) रानी एलिजाबेथ पर
(ब) सरकारी तंत्र पर
(स) रानी के दर्जी पर
(द) भारतीयों की मेहमान नवाजी पर
उत्तर :
(ब) सरकारी तंत्र पर

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

1. वह मधुर संगीत सुनता है। वाक्य रेखांकित पद ……………………………….. संज्ञा है।
2. एक सर्वनाम से दूसरे सर्वनाम या संज्ञा का संबंध प्रकट करने वाले सर्वनाम ……………………………….. सर्वनाम कहलाते हैं।
3. किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना न करके उसकी सामान्य विशेषता ……………………………….. में बताई जाती है।
4. संयुक्त क्रिया ……………………………….. क्रियाओं के योग से बनती है।
5. ‘अधोलिखित’ शब्द में ……………………………….. उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
6. ‘उच्चतम, घोरतम’ में ……………………………….. प्रत्यय का प्रयोग हुआ है।
उत्तर :
1. भाववाचक,
2. सम्बन्ध वाचक,
3. मूल अवस्था,
4. चार,
5. अधः,
6. तम।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 x 6)

1. ‘सज्जन’शब्द में सन्धि विग्रह करके सन्धि का नाम लिखिए।
उत्तर:
सज्जन – सत् + जन। सन्धि का नाम-व्यंजन सन्धि।

2. बहुव्रीहि समास की परिभाषा लिखिए।
उत्तर :
जिस समस्त पद का पूर्व या उत्तर पद प्रधान न हो, अपितु कोई अन्य अर्थ ग्रहण करना पड़े, वहाँ बहुव्रीहि समास होता है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

3. ‘ईंट से ईंट बजाना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
अर्थ-डटकर सामना करना।

4. ‘मान न मान, मैं तेरा मेहमान’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर :
न चाहने पर भी गले पड़ना।

5. ‘नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी’, कहने का आशय क्या है?
उत्तर :
उपर्युक्त कथन का आशय यह है कि नगरपालिका नगर के सुधार के लिए कुछ काम अवश्य करती थी परन्तु उसके काम पूर्व योजनाबद्ध नहीं होते थे।

6. कॉलिज की प्रिंसिपल से मिलने जाते समय लेखिका के पिता की मनःस्थिति कैसी थी?
उत्तर :
कॉलेज की प्रिंसिपल से मिलने जाते समय लेखिका के पिता अत्यन्त क्रोधित थे। गुस्से के कारण भन्नाते हुए वह प्रिंसिपल से मिलने गए थे।

7. शहनाई और नागस्वरम् में क्या समानता है ?
उत्तर :
‘नागस्वरम्’ दक्षिण भारत का मंगल के अवसरों पर बजाया जाने वाला वाद्य है। दोनों ही वाद्य शुभ एवं मंगलकारी उत्सवों में प्रयुक्त होते हैं।

8. उद्धव की विरक्ति को गोपियों ने किसके समान माना है ?
उत्तर :
गोपियों ने उद्धव की विरक्ति को जल में रहने पर भी उसमें न डूबने वाले कमल के पत्ते तथा तेल के कारण चिकने घड़े के समान माना है।

9. परशुराम ने अपने फरसे की क्या विशेषता बताई?
उत्तर :
परशुराम ने लक्ष्मण से कहा कि वह राजा सहस्रबाहु की हजार भुजाओं को काटने वाले फरसे को ध्यान से देख लें।

10. फागुन में पक्षियों का व्यवहार कैसा होता है?
उत्तर :
पक्षी अठखेलियाँ करते हुए डाल से डाल पर, वाटिका से वाटिका में उड़ान भरते रहते हैं। जब पक्षी उड़ते हैं तो सारा आकाश उनसे भरा दिखाई देता है।।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

11. ‘माता का अँचल’ पाठ के लेखक का वास्तविक नाम क्या था ?
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ के लेखक शिवपूजन सहाय का वास्तविक नाम ‘तारकेश्वरनाथ’ था।

12. गैंगटॉक से यूमथांग कितनी दूरी पर था?
उत्तर :
गैंगटॉक से यूमथांग 149 किलोमीटर की दूरी पर था।

खण्ड – (ब)

निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।

प्रश्न 4.
नेताजी की मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सराहनीय प्रयास क्यों बताया गया ? दो कारण बताइए। मूर्ति में किस चीज की कमी थी ?
उत्तर :
मूर्ति लगाने के कार्य को सराहनीय प्रयास कहे जाने के दो कारण निम्नलिखित हो सकते हैं –

  • नेताजी के द्वारा देश के प्रति किए गए महान त्याग और बलिदान का लोगों ने सम्मान किया था।
  • मूर्ति को देखकर लोगों को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती थी। मूर्ति में एक चीज की कमी यह थी कि मूर्तिकार ने नेताजी की आँखों पर चश्मा नहीं बनाया था।

प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत द्वारा पतोहू को पुनर्विवाह के लिए बाध्य करने में भारतीय समाज की किस समस्या का समाधान निहित है?
उत्तर :
अपने पुत्र की मृत्यु के बाद भगत ने पतोहू के भाई को बुलाकर उसके पुनर्विवाह का आदेश दिया। पतोहू के अनुनय-विनय करने पर भी वह अपने निर्णय पर दृढ़ रहे। भगत जानते थे कि भारतीय समाज में विधवा स्त्री का जीवन अनेक कठिनाइयों से पूर्ण होता है। वह नहीं चाहते थे कि उनकी पतोहू को लांछन, निंदा, अर्थ-संकट आदि समस्याओं का सामना करना पड़े। इन सभी समस्याओं का समाधन ही उनकी दृष्टि में उसका पुनर्विवाह करना था।

प्रश्न 6.
नवाब साहब ने लेखक से दोबारा खीरा खाने का आग्रह क्यों किया होगा ?
उत्तर :
लेखक के डिब्बे में प्रवेश करते समय नवाब साहब ने नवाबी की ठसक में दुआ-सलाम करने की साधारण शिष्टता भी नहीं दिखाई थी। अतः पहली बार लेखक से खीरा खाने को कहना उनका केवल दिखावा था और अपनी चूक को छिपाने के लिए था। दूसरी बार फिर लेखक से आग्रह करने में सज्जनता का पुट अवश्य था लेकिन इसका कारण यह रहा होगा कि दूसरे व्यक्ति की उपस्थिति में अकेले खीरा खाना शिष्टता के खिलाफ था।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 7.
बिस्मिल्ला खाँ को काशी की संस्कृति में आ रहे किन परिवर्तनों को देखकर ठेस पहुँचती थी ?
उत्तर :
काशी की भव्य संस्कृति में रचे-बसे खाँ साहब को काशी की अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को लुप्त होते देखकर ठेस लगती थी। मलाई बरफ़ और देशी घी के व्यंजनों का लोप होना, संगतकारों के प्रति संगीतकारों का उपेक्षापूर्ण व्यवहार, संगीत, साहित्य और अदब की अनेक परंपराओं का लुप्त होते जाना आदि बातें, उनके कला-प्रेमी और संवेदनशील स्वभाव वाले हृदय को कष्ट देती थीं।

प्रश्न 8.
‘सूरदास, अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही’-का आशय प्रकट कीजिए।
उत्तर :
श्रीकृष्ण के लौटने की अवधि के बीतने की आशा में गोपियाँ अपने मन को धैर्य बैंधाती आ रही थीं लेकिन उद्धव के हाथों योग का संदेश पाकर उनके हृदय अधीर हो उठे। उनको अब श्रीकृष्ण पर विश्वास नहीं रहा। व्याकुल मन को धैर्य बैंधाने का उनके पास अब कोई साधन नहीं बचा था। योग का संदेश भिजवाकर श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा को तोड़ दिया।

प्रश्न 9.
लक्ष्मण ने परशुराम को देखकर अभिमानपूर्ण बातें करने का क्या कारण बताया और परशुराम से किस कारण क्षमा माँगने का दिखावा किया?
उत्तर:
लक्ष्मण ने परशुराम से कहा कि उन्हें फरसा और धनुषबाण धारण किए देखकर उन्हें क्षत्रिय समझा, इस कारण कुछ अभिमानपूर्ण बातें कह दीं। अब पता चला कि वह भृगवंशी ब्राह्मण हैं। इसीलिए वह उनकी बातें क्रोध को रोककर सहन कर रहे हैं। रघुवंशी लोग देवताओं, ब्राह्मणों, भक्तों और गायों पर वीरता नहीं दिखाते। आपको मारने से पाप लगेगा और हार जाने पर अपयश मिलेगा। इसलिए मेरे अनुचित वचनों को आप क्षमा कर दें।

प्रश्न 10.
लड़की जैसी न दिखाई देने से कवि का क्या तात्पर्य है? ‘कन्यादान’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
लड़की होना बुरा नहीं है। कोमलता, उदारता, स्नेह तथा सरलता आदि उसके स्वाभाविक गुण हैं। परिवार तथा समाज के कुशल संचालन के लिए ये गुण आवश्यक हैं। अतः महिलाओं को इन गुणों की रक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए। नैवं स्वातंत्र्यं अर्हति’ कहकर उसे बंधनों में बाँधा गया है। कवि ने समाज की इसी छलपूर्ण मान्यता पर इस काव्यांश में प्रहार किया है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 11.
‘फसल’ कविता द्वारा कवि क्या संदेश देना चाहता है ?
उत्तर :
कवि फसलों का उपयोग करने वाले सामान्य व्यक्तियों को फसल के तैयार होने में सम्पूर्ण देश के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होने ‘ से परिचित कराना चाहता है। वह बताना चाहता है कि फसल तैयार करने में किसान के कठिन परिश्रम का योगदान है। कवि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और किसानों के प्रति सम्मान का भाव रखने का संदेश दे रहा है।

प्रश्न 12.
“कितनी अद्भुत व्यवस्था है जल संचय की” मणि ने प्रकृति की जल-व्यवस्था के संबंध में यह क्यों
कहा है ?
उत्तर :
इस कथन का आशय यह है कि हिमालय के शिखरों की बर्फ पिघलकर नदियों में बहती है। सर्दियों में प्रकृति बर्फ के रूप में जल संग्रह कर लेती है। जब गर्मियों में पानी के लिए हाहाकार मचता है तब वह बर्फ पिघलाकर नदियों में पानी के रूप में बहा देती है। इस पानी से लोगों की प्यास बझती है। हिमालय से अनेक नदियाँ निकलती हैं और एशिया के देशों की पानी की आवश्यकता को पूरा करती हैं।

प्रश्न 13.
आपके अनुसार जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक किसने और क्यों तोड़ी होगी ?
उत्तर :
जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक को तोड़ने वाला कोई भारतीय स्वाभिमानी देशभक्त ही होगा। स्वतंत्र भारत के किसी स्वाभिमानी भारतीय की नजर जब-जब भी इस मूर्ति पर पड़ती होगी उसके आत्म-सम्मान पर चोट लगती होगी। इसी कारण भारत की गुलामी के प्रतीक जॉर्ज पंचम को किसी देशभक्त युवा ने कुरूप बना डाला होगा।

प्रश्न 14.
सिक्किम में स्थान-स्थान पर फहराती सफेद और रंगीन पताकाएँ किस धार्मिक विश्वास की प्रतीक हैं? 2
उत्तर :
सिक्किम के निवासी बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, उनकी धार्मिक मान्यता है कि मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए सफेद पताकाएँ फहराना आवश्यक है। ये पताकाएँ कभी उतारी नहीं जाती, स्वयं ही धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं। इसी प्रकार कोई नया काम आरम्भ करते समय रंगीन पताकाएँ फहराना शुभ माना जाता है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 15.
‘यशपाल’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
यशपाल हिन्दी के यशस्वी उपन्यासकार, कहानीकार एवं निबन्धकार हैं। इनका जन्म सन् 1903 ई. में पंजाब के फीरोजपुर छावनी में हुआ था। यशपाल की प्रारम्भिक शिक्षा काँगड़ा में हुई। 1936 में उनकी रुचि साम्यवादी विचारधारा में हुई तभी लखनऊ से ‘विप्लव’ पत्रिका निकालना आरम्भ किया। उपन्यास- देशद्रोही, दादा कामरेड, अमिता, दिव्या, मेरी तेरी उसकी बात तथा झूठा सच हैं।

पिंजरे की उड़ान, तर्क का तूफान, ज्ञान-दान, फूलों का कुर्ता आदि। कहानी संग्रह-‘बीबीजी कहती हैं- मेरा चेहरा रोबीला है, देखा सोचा समझा,’ ‘गाँधीवाद की शव परीक्षा’, ‘रामराज्य की कथा’, ‘चक्कर क्लब’, ‘मार्क्सवाद’, ‘बात बात में बात’ न्याय का संघर्ष और जग का मुजरा।

प्रश्न 16.
‘ऋतुराज’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘तुलसीदास’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
कवि ऋतुराज का जन्म राजस्थान में भरतपुर जनपद में सन् 1940 में हुआ। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से अंग्रेजी में एम. ए. की उपाधि ग्रहण की। ऋतुराज के अब तक प्रकाशित काव्य संग्रहों में ‘पुल पर पानी’, ‘एक मरणधर्मा और अन्य’, ‘सुरत निरत’ तथा ‘लीला मुखारविन्द’ प्रमुख हैं। अपनी रचनाओं के लिए ऋतुराज परिमल सम्मान, मीरा पुरस्कार, पहल सम्मान, बिहारी पुरस्कार आदि से सम्मानित हो चुके हैं।

ऋतुराज ने हिन्दी की मुख्य परम्परा से हटकर उन लोगों को अपनी रचनाओं का विषय बनाया है जो प्रायः उपेक्षित रहे हैं। उनके सुख-दुःख, चिन्ताओं और चुनौतियों को चर्चा में स्थान दिलाया है। लोक प्रचलित भाषा के द्वारा आम जीवन की समस्याओं को विमर्श के केन्द्र में लाकर कवि ने सामाजिक न्याय की भावना को बल प्रदान किया है।

खण्ड – (स)

प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3 )

अकसर समारोहों एवं उत्सवों में दुनिया कहती है ये बिस्मिल्ला खाँ हैं। बिस्मिल्ला खाँ का मतलब-बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई। शहनाई का तात्पर्य-बिस्मिल्ला खाँ का हाथ। हाथ से आशय इतना भर कि बिस्मिल्ला खाँ की फूंक और शहनाई की जादुई आवाज़ का असर हमारे सिर चढ़कर बोलने लगता है। शहनाई में सरगम भरा है। खाँ साहब को ताल मालूम है, राग मालूम है। ऐसा नहीं कि बेताले जाएँगे। शहनाई में सात सुर लेकर निकल पड़े। शहनाई में परवरदिगार, गंगा मैया, उस्ताद की नसीहत लेकर उतर पड़े।
अथवा
भादों की वह अँधेरी अधरतिया। अभी, थोड़ी ही देर पहले मुसलधार वर्षा खत्म हुई है। बादलों की गरज, बिजली की तड़प में आपने कुछ नहीं सुना हो, किंतु अब झिल्ली की झंकार या दादुरों की टर्र-टर्र बालगोबिन भगत के संगीत को अपने कोलाहल में डुबो नहीं सकतीं। उनकी खैजड़ी डिमक-डिमक बज रही है और वे गा रहे हैं – “गोदी में पियवा, चमक उठे सखिया, चिहुँक उठे ना!” हाँ, पिया तो गोद में ही है, किंतु वह समझती है, वह अकेली है, चमक उठती है, चिहुँक उठती है। उसी भरे-बादलों वाले भादों की आधी रात में उनका यह गाना अँधेरे में अकस्मात् कौंध उठने वाली बिजली की तरह किसे न चौंका देता ? अरे, अब सारा संसार निस्तब्धता में सोया है, बालगोबिन भगत का संगीत जाग रहा है, जगा रहा है ! तेरी गठरी में लागा चोर, मुसाफ़िर जाग जरा!
उत्तर :
संदर्भतथा प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश पाठ्यपुस्तक ‘क्षितिज भाग-2’ में संकलित ‘बालगोबिन भगत’ से उद्धृत है। इस रेखाचित्र के रचनाकार ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ हैं। भादों की आधी रात में भी बज उठने वाली बालगोबिन भगत की खैजड़ी और उसके साथ प्रवाहित होती उनकी संगीत लहरी के स्वरों के ग्रामवासियों पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन, इस अंश में हुआ है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

व्याख्या-बालगोबिन भगत की स्वर साधना हर ऋतु में दिन-रात चला करती थी। भादों मास की घोर अंधकारमयी आधी रात को भी खेजड़ी के साथ गूंज उठने वाले उनके गीत ग्रामीणों को चौंका दिया करते थे। जब मूसलाधार वर्षा हो रही हो, बादलों का गर्जन हो रहा हो और बिजली चमक रही हो, तब भले ही उनका गायन न सुनाई पड़ता हो। परंतु जब घनघोर वर्षा रुक जाती और झिल्लियाँ झनकारने लगती थीं। मेढकों की टर्र-टर्र की ध्वनि गूंजने लगती थी तो बालगोबिन का गायन स्पष्ट सुनाई देने लगता था।

खैजड़ी की डिमक-डिमक ध्वनि के साथ भगत के कंठ से कबीर का पद गूंजने लगता था। पद के बोल होते थे- प्रियतम (परमात्मा) तो गोदी (हृदय) में लेटे हुए हैं लेकिन सखिया (आत्मा) भ्रमवश स्वयं को अकेली समझकर चौंक-चौंक उठती है। भादों की आधी रात में बिजली चमक उठने की तरह गूंज उठने वाले ये स्वर सुनने वालों को भी चौंका दिया करते थे।

इसी प्रकार जब सारा जगत नीरवता में डूबकर सोया रहता था, तब भी भगत का संगीत सोता नहीं था बल्कि सोने वालों (अज्ञान में डूबे हुए लोगों) को जगाया करता था। कबीर का पद-तेरी गठरी में लागा चोर, मुसाफिर जाग जरा- कानों में पड़ता तो लोग सो नहीं पाते थे। गीत में बसा हुआ संदेश उन्हें मोह निद्रा से जगा देता था।

प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)
हमारै हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।।
अथवा
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है, थके पथिक की पंथा की।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की ?
उत्तर :
सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत पद महाकवि सूरदास द्वारा रचित, पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग-2 में संकलित, भ्रमर गीत प्रसंग से अवतरित है। इस पद में गोपियों की कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम भावना का मर्मस्पर्शी वर्णन है।

व्याख्या-गोपियाँ कहती हैं- “उद्धव ! आप अपने ज्ञान-उपदेशों के द्वारा हमारे मन को श्रीकृष्ण से विमुख करने की व्यर्थ चेष्टा मत कीजिए, क्योंकि श्रीकृष्ण तो हमारे लिए हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं। जैसे हारिल अपने पंजों में लकड़ी को हर समय पकड़े रहता है, उसी प्रकार श्रीकृष्ण भी हमारे मन से पलभर को अलग नहीं रहते। हमने मन, वचन और कर्म से नन्द के पुत्र को अपने हृदय में दृढ़तापूर्वक बसा रखा है।

जागते, सोते, सपनों में, दिन और रात में, हमारे मुख से कृष्ण-कृष्ण की ही रट निकलती रहती है। जैसे कड़वी ककड़ी को चखते ही सारा मुँह असहनीय कड़वाहट से भर जाता है उसी प्रकार आपके ये ज्ञानोपदेश हमारे कानों में पड़ते ही हमारे हृदय को कड़वा कर देते हैं। हे उद्धव ! आप हमारे लिए ये कैसा रोग ले आए हैं जिसे हमने न कभी देखा, न सुना और न अनुभव किया है। अपनी इस ज्ञान और योग की सौगात को आप उनको जाकर सौपिए जिनके मन चलायमान रहते हैं।”

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 19.
मन्नू भंडारी और उसके पिता के बीच मतभेद के दो कारण लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
अथवा
‘शहनाई और काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं इस धरती पर हमारे लिए’-उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ के इस कथन से उनका क्या मनोबल प्रकट होता है। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
उत्तर :
लेखिका और उसके पिता के मतभेदों और टकराहट का मुख्य कारण उनके विचारों का परस्पर विरोधी होना था। लेखिका के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी देश और समाज के हालातों से परिचित हो। प्रगतिशील सोचवाली बने, लेकिन वह उसे घर की चारदीवारी तक ही सीमित रखना चाहते थे। लेखिका को पिता की यह सीमा स्वीकार नहीं थी। पिता के लिए यह असह्य था कि उनकी बेटी लड़कों के साथ शहर की सड़कों पर नारे लगाती, हड़ताल कराती और जुलूस निकालती घूमे। इनके अतिरिक्त लेखिका का पिता की इच्छा के विरुद्ध राजेन्द्र यादव से विवाह करना भी कटुता का कारण बना।

प्रश्न 20.
लक्ष्मण ने परशुराम के बड़बोलेपन को लक्ष्य बनाकर क्या-क्या व्यंग्य किए हैं? संकलित अंश के आधार पर लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
अथवा
‘कन्यादान’ कविता में माँ ने बेटी को क्या सीख दी है ? क्या वह सीख आज के युग के अनुकूल है ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
उत्तर :
लक्ष्मण ने व्यंग्य किया-हे मुनि! आप सचमुच बहुत बड़े योद्धा हैं। आप मुझे फरसा दिखाकर डराना चाह रहे हैं, लेकिन हम भी कोई छुई-मुई नहीं है जो अँगुली छूते ही मुरझा जाए। वह भी उनको भृगुवंशी और ब्राह्मण समझ कर, उनके कठोर वचन सुन रहे हैं। आपसे हारे तो अपयश मिलेगा और मार दिया तो पाप लगेगा।” लक्ष्मण ने व्यंग्य किया-“हे मुनि! आप कितने शीलवान हैं, इसे सारा संसार जानता है।

आपने माता-पिता का ऋण कितने अच्छे ढंग से चुकाया है। अब गुरु का ऋण ही आपको चुकाना है। वह ऋण आपने लगता है-मेरे माथे मढ़ दिया है। जल्दी से कोई जानकार बुलाइए। मैं तुरन्त थैली खोलकर आपका ऋण चुका दूँगा।” इस प्रकार लक्ष्मण ने परशुराम पर बड़े सटीक और चुभने वाले व्यंग्य किए हैं।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

खण्ड – (द)

प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए।
(अ) ऊर्जा की बढ़ती माँग : समस्या और समाधान
(i) प्रस्तावना
(ii) ऊर्जा का प्रमुख स्रोत प्रकृति
(iii) ऊर्जा की निरंतर बढ़ती माँग संकट का संदेश
(iv) ऊर्जा संरक्षण समय की माँग
(v) उपसंहार

(ब) छात्र और शिक्षक
(i) परंपरागत गुरु-शिष्य संबंध
(ii) वर्तमान स्थिति
(iii) परिवर्तन के कारण
(iv) दुष्परिणाम
(v) उपसंहार

(स) भारतीय नारी प्रगति की ओर
(i) नारी सशक्तिकरण से आशय
(ii) वर्तमान समाज में नारी की स्थिति
(iii) नारी सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे प्रयास
(iv) उपसंहार

(द) राजस्थान के प्रमुख मेले
(i) राजस्थान के प्रमुख मेले
(ii) मेलों का सामाजिक महत्व
(ii) मेलों की आवश्यकता
(iv) उपसंहार
उत्तर :

ऊर्जा की बढ़ती माँग :
समस्या और समाधान

(i) प्रस्तावना-आदिम कालीन मनुष्य के प्रकृति से निरंतर संघर्ष और सभ्यता की ओर बढ़ने का मूल आधार है- उसकी वैज्ञानिक सोच। विज्ञान ने ही उसे नाना प्रकार की सुख सुविधाओं से सम्पन्न बनाया है। आज के समय को प्रायः विज्ञान का युग कहा जाता है। विज्ञान ने ही मानव को प्राणियों का सिरमौर बनाया है। जीवन के हर क्षेत्र में उसे विज्ञान का वैभव दिखाई दे रहा है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

आगे बढ़ना, सुख-सुविधाएँ प्राप्त करना कोई बुराई नहीं है, किन्तु उनकी अबाध लालसा का बढ़ते ही जाना, एक दिन मानव जाति के लिए संकट का कारण बन सकता है। विश्व के इतिहास में हम इसके अनेकानेक उदाहरण देख सकते हैं। ऊर्जा की बढ़ती जा रही निरंतर अभिलाषा पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो चला है।

(ii) ऊर्जा का प्रमुख स्रोत प्रकृति-यदि हम ध्यान से देखें तो ऊर्जा के अधिकांश साधन प्रकृति की ही देन हैं। ऊर्जा का अर्थ हैशक्ति या बल। यंत्र आदि को संचालित करने की क्षमता। ऊर्जा साधनों को साधारणतः दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-परंपरागत साधन और नवीन या नवीकृत साधन।

प्रमुख परंपरागत साधन हैं- कोयला, लकड़ी, जलधाराएँ, वायु, पशु आदि। कोयले से रेल, बिजलीघर मिल तथा अन्य भारी यंत्र चलाए जाते रहे हैं। जल प्रपातों से भी यंत्र संचालन होता है। जल विद्युत इसी साधन से बनाई जाती है। बिजली भी एक बहुत महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रदान करने वाला परंपरागत साधन रहा है।

परमाणु के विखंडन से भी ऊर्जा प्राप्त होती है। इससे बिजलीघर चलाए जाते हैं। जलयानों और पनडुब्बियों का भी परमाणु इंजन से संचालन हो रहा है। पैट्रोल, डीजल, एल.पी.जी. और प्राकृतिक गैस भी ऊर्जा प्राप्त करने के साधन हैं। नवीन साधन-बायोगैस, गोबर गैस, चीनी निर्माण से बना ज्वलनशील पदार्थ जिसे पैट्रोल में एक सीमा तक मिलाकर काम लाया जा रहा है।

सौर ऊर्जा-इसे अक्षय ऊर्जा भी कहा जाता है।

(iii) ऊर्जा की निरन्तर बढ़ती माँग संकट का संकेत-ऊर्जा की निरंतर बढ़ती माँग आगे चलकर ऊर्जा संकट कर रूप ले सकती है इसमें वाहनों की निरंतर बढ़ रही संख्या प्रमुख कारण है। अभी कुछ दिन पहले कोयले की खदानों में पानी भर जाने से कोयले की कमी हो गई और अनेक बिजलीघरों को बंद करना पड़ा।

मनुष्य में बढ़ती जा रही ऊर्जा के साधनों की अनियंत्रित अभिलाषा ने उसे प्रकृति का शत्रु बना दिया है। वह प्रकृति से प्राप्त होने वाले ऊर्जा उत्पादक पदार्थों का अंध-अपहरण कर रहा है। इन पदार्थों में भूगर्भ से प्राप्त खनिज, भूमि के ऊपर स्थित वृक्ष, नदियों, पर्वत, जल-शक्ति, वायुमण्डल आदि आते हैं। प्रकृति से प्राप्त होने वाले ऊर्जा के स्रोतों की भी एक सीमा है। ये साधन एक दिन समाप्त हो सकते हैं।

उस महासंकट से बचने के लिए आवश्यक है कि प्रकृति द्वारा प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का नियंत्रित उपयोग ही किया जाए। ऊर्जा की खपत का निरंतर बढ़ना एक व्यापक समस्या है। इसका प्रभाव हमारे सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक सुरक्षा संबंधी मामलों पर गहराई से पड़ता है। जो देश सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा से सम्पन्न हैं, वे निरन्तर प्रगति कर रहे हैं।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

(iv) ऊर्जा संरक्षण समय की मांग- ऊर्जा संरक्षण आज समय की माँग है। इसके लिए आवश्यक है कि हम ऊर्जा के अपरंपरागत साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करें। ये साधन जहाँ दीर्घजीवी हैं, वहीं स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा के विश्वसनीय स्रोत भी हैं।

(v) उपसंहार-इस समस्या का समाधान समाज के हर दूरदर्शी व्यक्ति को सोचना होगा। आवश्यक है कि ऊर्जा के हर साधन का नियंत्रित उपयोग होना चाहिए। आगे आने वाले वर्षों में ऊर्जा की माँग बढ़ना सुनिश्चित है। इस दिशा में जनता और शासन दोनों के बीच तालमेल और समझदारी आवश्यक है। जनसंख्या पर नियंत्रण भी इसमें योगदान कर सकता है।

हमारा लक्ष्य होना चाहिए-सुरक्षित, स्वच्छ और पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने वाले साधनों का उपयोग।

प्रश्न 22.
आपके क्षेत्र में अनधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं, जिससे आपको तथा आपके पड़ोसियों को बहुत असुविधा हो रही है। इस समस्या की रोकथाम के लिए जिला अधिकारी को पत्र लिखिए।
अथवा
परीक्षा में कम अंक आने पर असंतुष्ट और दुखी मित्र को सांत्वना-पत्र लिखिए।
उत्तर :
नीलिमा
34/7, टी.टी. नगर
भोपाल
14 मार्च, 20_ _

प्रिय स्नेहा
स्नेह!

मुझे पता चला है कि इस बार तुम्हारा परीक्षण-परिणाम बहुत खराब रहा। तुमने मेहनत भी खूब की थी। ट्यूशन भी रखी थी। तुम बता रही थीं कि तुम्हारे पेपर भी अच्छे हुए हैं। तब भी परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहा। यह सुनकर मेरा मन भी परेशान है। मैं समझ नहीं पा रही कि गलती कहाँ हुई है? क्या तुमसे लिखने में कोई गलती हुई है? या परीक्षक ने सावधानी से पेपर चैक नहीं किए? या तुम्हारी कॉपी किसी अन्य बच्चे से बदल गई है?

प्रिय स्नेहा! पहले तो तुम अपने कम अंक आने का ठीक कारण जानो। मैं तुम्हारे पास नहीं हूँ। वरना मैं भी इसमें सहयोग करती। यदि पता चले कि कहीं गलती तुम्हारी पढ़ाई में है तो अपने अध्यापकों के पास व्यक्तिगत रूप से जाओ। उन्हें अपनी पीड़ा बताओ। तुम्हारी सफलता का रास्ता जरूर निकलेगा क्योंकि तुम सचमुच मेहनती लड़की हो। आशा है, तुम ठीक दिशा में प्रयत्न करोगी।

तुम्हारी ही
नीलिमा

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 23.
‘निराला’ वाशिंग पाउडर बनाने वाली कम्पनी के लिए एक विज्ञापन 25 से 50 शब्दों में तैयार कीजिए। 4
अथवा
आप’मानवता’ नामक सामाजिक हितकारी संगठन के कार्यकर्ता हैं। यह संगठन धूम्रपान से होने वाली हानियों से सबको जाग्रत करना चाहता है। इस संस्था के लिए एक आकर्षक विज्ञापन 25-50 शब्दों में बनाइये। 4
उत्तर :
RBSE 10th Hindi Model Paper Set 8 with Answers 1

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Model Papers

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 4 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 4 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 4 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...