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RBSE Class 10 Science Board Model Paper 2022 with Answers in Hindi
समय: 2 घण्टा 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न क्रमांक 17 से 23 तक में आन्तरिक विकल्प है।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए :
(i) पादप में फ्लोएम उत्तरदायी है – [1]
(अ) भोजन का वहन
(ब) जल का वहन
(स) ऑक्सीजन का वहन
(द) अमीनो अम्ल का वहन
उत्तर:
(अ) भोजन का वहन
(ii) मनुष्य में आमाशय एक तंत्र का भाग है जो संबंधित है- [1]
(अ) श्वसन
(ब) उत्सर्जन
(स) पोषण
(द) परिवहन
उत्तर:
(स) पोषण
(iii) निम्नलिखित में से कौनसा पादप हार्मोन है- [1]
(अ) जिब्बेरेलिन
(ब) एस्ट्रोजन
(स) इंसुलिन
(द) थायरॉक्सिन
उत्तर:
(अ) जिब्बेरेलिन
(iv) कोशिका विभाजन को कौनसा हार्मोन प्रेरित करता [1]
(अ) एब्सिसिक अम्ल
(ब) टेस्टेस्टेरोन
(स) ऑक्सिन
(द) साइटोकाइनिन
उत्तर:
(द) साइटोकाइनिन
(v) उत्तल लेंस के लिए वह बिन्दु जिस पर आपतित किरण बिना मुड़े सीधी निकल जाती है, उस बिन्दु को कहते हैं – [1]
(अ) फोकस बिन्दु
(ब) द्वारक
(स) प्रकाश केन्द
(द) वक्रता केन्द्र
उत्तर:
(स) प्रकाश केन्द
(vi) प्रकाश के परावर्तन की घटना में, आपतन कोण (i) तथा परावर्तन कोण (r) में सही सम्बन्ध होता है- [1]
(अ) i = r
(ब) i>r
(स) i <r
(द) i#r
उत्तर:
(अ) i = r
(vii) विभवान्तर को मापने का यंत्र है- [1]
(अ) गैल्वेनोमीटर
(ब) वोल्ट मीटर
(स) अमीटर
(द) वोल्टामीटर
उत्तर:
(ब) वोल्ट मीटर
(viii) किसी चालक तार के प्रतिरोध का मान निर्भर करता है- [1]
(अ) उसकी लम्बाई पर
(ब) उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(स) उसके ताप पर
(द) उपर्युक्त सभी.
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी.
(ix) विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करने की युक्ति को कहते है- [1]
(अ) जनित्र
(ब) मोटर
(स) वोल्ट मीटर
(द) अमीटर
उत्तर:
(ब) मोटर
(x) Fe2O3 + 2Al → Al2O3, +2Fe
ऊपर दी गयी अभिक्रिया किस प्रकार की है- [1].
(अ) संयोजन अभिक्रिया
(ब) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(स) वियोजन अभिक्रिया
(द) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर:
(द) विस्थापन अभिक्रिया
(xi) अपचन का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है- [1]
(अ) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(ब) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(स) एन्टैसिड
(द) ऐन्टीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(स) एन्टैसिड
(xii) खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि – [1]
(अ) टिन का अपेक्षा जिंक महँगा है
(ब) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(स) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(द) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर:
(स) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) नर में ……. हार्मोन का स्रावण होता है। [1]
उत्तर:
टेस्टोस्टेरोन,
(ii) अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने के प्रक्रम को ……. कहते हैं। [1]
उत्तर:
उत्सर्जन,
(iii) ओजोन परत सूर्य से आने वाली …………………………. से सुरक्षा प्रदान करती है। [1]
उत्तर:
पराबैंगनी विकिरणों,
(iv) कोयला एवं पेट्रोलियम …………………………. के उदाहरण हैं।
उत्तर:
जीवाश्म,
(v) गोलीय दर्पण के ध्रुव व वक्रता केन्द्र के बीच की दूरी की आधी दूरी को …………………. कहते हैं। [1]
उत्तर:
फोकस दूरी,
(vi) विद्युत शक्ति का मात्रक .. ……………… है। [1]
उत्तर:
वॉट
प्रश्न 3. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) पचित भोजन का अवशोषण किस भाग में होता है ? [1]
उत्तर:
आहार नाल की क्षुद्रांत्र में पचित भोजन का अवशोषण होता है।
(ii) मधुमेह रोग किस हार्मोन की कमी से होता है? [1]
उत्तर:
इन्सुलिन की कमी से मधुमेह सेग होता है।
(iii) रेफ्रीजेरेटर में किस रसायन का उपयोग किया जाता है? [1]
उत्तर:
फ्रीऑन रसायन का उपयोग होता है।
(iv) ‘अमृतादेवी विश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार’ किससे संबंधित है?
उत्तर:
वन एवं जीव संरक्षण हेतु।
(v) गंगानदी पर बने बाँध का नाम बताइए। [1]
उत्तर:
टिहरी बाँध।
(vi) यदि l लम्बाई के चालक तार का प्रतिरोध RΩ है तो उसी चालक तार से 2 RΩ प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए कितनी लम्बाई का तार लेना होगा? [1]
उत्तर:
लम्बाई l1, = 1 तथा प्रतिरोध R1 = RΩ
यदि l2 = ?, तब R2 = 2R
सूत्र, R=P \(\frac{l}{A}\) से
R x l
अतः \(\frac{R_{2}}{R_{1}}=\frac{l_{2}}{l_{1}} \Rightarrow \frac{2 R}{R}=\frac{l_{2}}{l}\)
⇒ l2 = 2 x l
अतः तार की लम्बाई 2l लेनी होगी।
(vii) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे को क्यों प्रतिच्छेद नहीं करती हैं? [1]
उत्तर:
क्योंकि प्रतिच्छेदन बिन्द पर चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ होंगी जोकि असम्भव है।
(viii) किसी परिपथ में धारा प्रवाह है या नहीं तथा किस दिशा में है, जानने के लिए हम किस विद्युत उपकरण का उपयोग करते हैं? [1]
उत्तर:
गैल्वेनोमीटर का उपयोग करते हैं।
(ix) कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है? [1]
उत्तर:
धावन सोड़ा (सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट) Na2CO3.10H2O.
(x) ताजे दूध का pH मान 6 होता है। इससे दही बन जाने पर इसका pH मान परिवर्तित हो जाता है? क्यों? [1]
उत्तर:
दूध के दही में परिवर्तित होने पर pH का मान 6 से कम हो जाएगा क्योंकि दूध की तुलना में दही अधिक अम्लीय होता है।
(xi) आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा जल होता है? [1]
उत्तर:
आसवित जल हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न नहीं करता है तथा यह उदासीन होता है। वर्षा जल अम्लीय होता है तथा हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न करता है। इस कारण से वर्षा जल विद्युत का चालन
करता है।
(xii) CaOCl2, यौगिक का प्रचलित नाम क्या है? [1]
उत्तर:
विरंजक चूर्ण।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 04 से 16 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
भोजन के पाचन में लार की क्या भमिका है? [2]
उत्तर:
भोजन के पाचन में लार की भूमिका निम्न प्रकार:
- यह भोजन को गीला एवं चिकना करती है जिससे भोजन को चबाने तथा निगलने में आसानी होती है।
- लार में उपस्थित टायलिन (Ptylin) विकर भोजन की मंड को माल्टोज शर्करा में बदलता है।
- लार में उपस्थित लाइसोजाइम (Lysozyme) जीवाणु एवं अन्य सूक्ष्म जीवों को नष्ट करता है।
- लार दाँतों के बीच फंसे अन्न के कणों को निकालने में सहायता करती है।
प्रश्न 5.
प्रभावी एवं अप्रभावी लक्षण को समझाइए? [2]
उत्तर:
(i) प्रभावी लक्षण-ऐसे लक्षण जो प्रथम पुत्री पीढ़ी में दिखाई देते हैं या प्रकट होते हैं, प्रभावी लक्षण कहलातेहैं, जैसे-लम्बापन मटर के पौधे का प्रभावी लक्षण है।
(ii) अप्रभावी लक्षण-ऐसे लक्षण जो प्रथम पीढ़ी में छिपे रहते हैं, अप्रभावी लक्षण कहलाते हैं, जैसे-बौनापन मटर के पौधे का अप्रभावी लक्षण है।
प्रश्न 6.
एकसंकर एवं द्विसंकर प्ररूप में लक्षण प्ररूप अनुपात लिखिए। [2]
उत्तर:
एकसंकर एवं द्विसंकर प्ररूप में लक्षण प्ररूप अनुपात निम्न प्रकार होता है|
एकसंकर 3:1
द्विसंकर 9:3 : 3 : 1
प्रश्न 7.
जैव निम्नकरणीय किसे कहते हैं? [2]
उत्तर:
जैव निम्नकरणीय वे पदार्थ होते हैं जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते हैं। ये केवल मात्रात्मक रूप में अधिक हो जाने पर ही प्रदूषकों की भाँति व्यवहार करते हैं।
प्रश्न 8.
प्रकाश के अपवर्तन के नियम लिखिए। [2]
उत्तर:
अपवर्तन के नियम (Laws of Refraction) अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं –
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण एवं दोनों माध्यमों को पृथक् करने वाले पृष्ठ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब, सभी एक ही तल में होते हैं।
(ii) प्रकाश के किसी निश्चित रंग तथा निश्चित माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (sin) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin) का अनुपात स्थिर होता है। इस नियम को स्नैल का अपनर्तन का नियम भी कहते हैं।
यदि i आपतन कोण हो तथा r अपवर्तन कोण हो, तब = \(\frac{\sin i}{\sin r}\) स्थिरांक इस स्थिरांक के मान को दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक (refractive index) कहते हैं।
प्रश्न 9.
यदि 2Ω, 3Ω व 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को पार्श्व क्रम में संयोजित किया जाता है तो संयोजन के तुल्य प्रतिरोध की गणना कीजिए। [2]
उत्तर:
R1 = 2Ω, R2 = 3Ω, R3= 6Ω
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\) सूत्र से
= \(\frac{1}{2}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6}=\frac{3+2+1}{6}=\frac{6}{6} \) = 1
अतः तुल्य प्रतिरोध 1Ω है।
प्रश्न 10.
विद्युत परिपथ के लिए ओम का नियम लिखिए। इसके लिए आवश्यक सूत्र भी लिखिए। [2]
उत्तर:
सन् 1827 में जर्मन वैज्ञानिक जॉर्ज साइमन ओम ने यह बताया कि, “किसी धातु के तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उस तार के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर के समानुपाती होती है।
यदि धातु के तार की भौतिक अवस्थायें (लम्बाई, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल तथा ताप) न बदली जाएँ।” यही ओम का नियम है। . .
धारा (I) ∝ विभवान्तर (V)
या V ∝ I
या V=RI
जहाँ R= नियतांक है जिसे प्रतिरोध (R) कहते हैं।
प्रश्न 11.
धारावाही चालक छड़ को चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रखने पर उस पर लगने वाले बल की दिशा की व्याख्या के लिए फ्लेमिंग के बायें हाथ का नियम लिखिए व आवश्यक चित्र बनाइये। [2]
उत्तर:
फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम-इस नियम के अनुसार, “यदि हम अपने बाएँ हाथ के अंगूठे तथा पहली दो
अंगुलियों को इस प्रकार फैलाएँ कि तीनों परस्पर लम्बवत् रहें, तब यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करे, मध्यमा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा को प्रदर्शित करे तो अँगूठा चालक पर लगने वाले बल की दिशा को प्रदर्शित करेगा।
प्रश्न 12.
लोहे की वस्तुओं को हम पेन्ट क्यों करते हैं? [2]
उत्तर:
लोहे की वस्तुओं को जब आर्द्र वायु में अधिक समय तक खुला छोड़ देते हैं तो इसकी सतह पर भूरे रंग की एक पपड़ीदार पदार्थ का आवरण उत्पन्न हो जाता है। इसे जंग कहते हैं। जंग हाइड्रेटेड आयरन (III) आक्साइड (Fe2O.xH2O) होता है। इस जंग से वस्तुओं को बचाने के लिए पेण्ट किया जाता है।
प्रश्न 13.
सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
रासायनिक समीकरण-जब किसी रासायनिक समीकरण में विभिन्न तत्त्वों के परमाणुओं की संख्या दोनों तरफ बराबर होती है तो उसे संतुलित रासायनिक समीकरण कहते हैं। रासायनिक समीकरण को संतुलित करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा हम न केवल समीकरण की वास्तविक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बल्कि अभिकारकों एवं उत्पादों की वास्तविक संख्या की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 14.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च को होता है? [2]
उत्तर:
आन्तरिक आयनिक आकर्षण के कारण, आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है। इनके क्रिस्टल जालक में धनायन और ऋणायन निश्चित क्रम में संयोजित होते हैं। उनमें आन्तरिक (अंतर) आयनिक बल अधिक होता है। बन्द संकुचित आकृति को तोड़ने के लिए उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए इसका गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न 15.
ताँबे के विद्युत अपघटनी परिष्करण का नामांकित चित्र बनाइये। [2]
उत्तर:
प्रश्न 16.
प्रयोग द्वारा समझाइये कि धातु उष्मा के संचालक होते हैं? आवश्यक चित्र भी बनाइये। [2]
उत्तर:
धातु ऊष्मा के संचालक होते हैं। इस प्रयोग को दर्शाएँगे
(i) ऐलुमिनियम या कॉपर का तार लीजिए। क्लैंप की मदद से इस तार को स्टैंड से बाँध दीजिए जैसा चित्र में दिखाया गया है।
(ii) तार के खुले सिरे पर मोम का उपयोग कर एक पिन चिपका दीजिए।
(iii) स्पिरिट लैंप, मोमबत्ती या बर्नर से क्लैंप के निकट तार को गर्म कीजिए।
(iv) थोड़ी देर बाद अपने प्रेक्षणों को लिखिए। उपरोक्त क्रियाकलाप से पता चलता है कि धातु ऊष्मा के सुचालक हैं। चूँकि धातु द्रवित नहीं होता अतः इनका गलनांक बहुत अधिक होता है। सिल्वर तथा कॉपर ऊष्मा के सबसे अच्छे चालक हैं। इनकी तुलना में लेड तथा मर्करी ऊष्मा के कुचालक हैं।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में अन्तर
वायवीय श्वसन (Aerobic Respiration) | अवायवीय श्वसन (Anaerobic Respiration) |
1. इसे ऑक्सीश्वसन भी कहते हैं। | 1. इसे अनॉक्सीश्वसन भी कहते हैं। |
2. यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। | 2. ऑक्सीजन की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। |
3. इसके द्वारा भोज्य पदार्थों का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है। | 3. इसके द्वारा भोज्य पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है। |
4. इसके अन्तिम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल होते हैं। | 4. इसके अन्तिम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बनिक अम्ल होते हैं। |
5. इसमें अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। | 5. इसमें अपेक्षाकृत कम ऊर्जा उत्पन्न होती है। |
अथवा
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से क्या प्रभाव पड़ेगा? [3]
उत्तर:
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का प्रमुख कार्य फेफड़ों से ऑक्सीजन ग्रहण करके शरीर के विभिन्न ऊतकों तक पहुँचाना है।
अतः इसे श्वसन वर्णक भी कहते हैं। हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन (haemoglobin) की कमी के कारण फेफड़ों से शरीर की कोशिकाओं के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता में कमी हो जाएगी, फलस्वरूप भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण में बाधा उत्पन्न होगी। ऐसा होने से शरीर की विभिन्न कमी हो जाएगी। इसके कारण स्वास्थ्य खराब हो सकता है तथा शरीर में थकान रहने लगती है। हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग को रक्ताल्पता (anaemia) कहते हैं। इसकी अत्यधिक कमी से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
प्रश्न 18.
समजात तथा समरूप अंग किन्हें कहते हैं? चित्र बनाइए।
उत्तर:
(i) समजात अंग-ऐसे अंग जो उत्पत्ति एवं मूल रचना में समान होते हैं तथा जिनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं। उदाहरण-घोड़े के अग्रपाद, चमगादड़ एवं पक्षी के पंख, मनुष्य के हाथ आदि।
(ii) समरूप अंग–ऐसे अंग जिनकी उत्पत्ति तथा मूल रचना भिन्न-भिन्न होती है किन्तु कार्य समान होते हैं, समवृत्ति अंग कहलाते हैं। उदाहरण – तितली के पंख एंव चमगादड़ के पंख आदि।
अथवा
जीवाश्म किन्हें कहते हैं? चित्र बनाइए। [3]
उत्तर:
सामान्यतः जीव की मृत्यु के बाद उसके शरीर का अपघटन हो जाता है तथा वह समाप्त हो जाता है। परन्तु कभी-कभी जीव अथवा उसके कुछ भाग ऐसे वातावरण में चले जाते हैं जिसके कारण इनका अपघटन पूरी तरह नहीं हो पाता है और ये शरीर चट्टानों में परिरक्षित हो जाते हैं, इन अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं।
प्रश्न 19.
चुम्बकीय क्षेत्र से आप क्या समझते हैं? चुम्बकीय बल रेखाओं की विशेषताएँ लिखिए। किसी धारावाही वृत्ताकार कुण्डली द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र को प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक चित्र बनाइये। [3]
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र-किसी चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें इस चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।
चुम्बकीय बल रेखाओं की विशेषताएँ’ –
- चुम्बक के बाहर इन बल रेखाओं की दिशा उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर तथा चुम्बक के अन्दर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती है। ये बन्द वक्र के रूप में होती हैं।
- चुम्बकीय बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।
- चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटतीं, क्योंकि एक बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ सम्भव नहीं हैं।
- एक समान चुम्बकीय क्षेत्र की चुम्बकीय बल रेखाएँ, परस्पर समान्तर एवं बराबर दूरियों पर होती हैं। धारावाही वृत्ताकार कुण्डली द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का प्रदर्शन
अथवा
विद्युत मोटर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है? आवश्यक चित्र बनाकर कार्यप्रणाली समझाइये। विद्युत मोटर के दो उपयोग बताइये।
विद्युत मोटर-वैद्युत मोटर एक ऐसा यंत्र है, जो वैद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है। सिद्धान्त-वैद्युत मोटर का सिद्धान्त इस तथ्य पर आधारित है कि जब किसी कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर उसमें वैद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो कुण्डली पर एक बलयुग्म कार्य करने लगता है, जो कुण्डली को उसके अक्ष पर घुमाने का प्रयास करता है। यदि कुण्डली अपने अक्ष पर घूमने के लिए स्वतन्त्र हो तो वह घूमने लगती है।
कार्य प्रणाली- जब बैटरी से कण्डली में वैद्यत धारा प्रवाहित करते हैं, तो फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम से कुण्डली की भुजाओं AB तथा CD पर बराबर परन्तु विपरीत दिशा में दो बल कार्य करने लगते हैं, ये दोनों बल एक बल-युग्म बनाते हैं जिसके कारण कुण्डली वामावर्त दिशा में घूमने लगती है। कुण्डली के साथ इसके सिरों पर लगे विभक्त वलय भी घूमने लगते हैं। इन विभक्त वलयों की मदद से धारा की दिशा इस प्रकार रखी जाती है कि कुण्डली पर बल-युग्म लगातार एक ही दिशा में कार्य करें अर्थात् कुण्डली एक ही दिशा में घूमती रहे।
उपयोग:
- बिजली के पंखे चलाने में।
- गेहूँ पीसने की चक्की चलाने में।
प्रश्न 20.
जल के वैद्युत अपघटन की विधि लिखिये। इसकी आवश्यक रासायनिक अभिक्रिया दीजिए एवं नामांकित चित्र बनाइये। [3]
उत्तर:
जब जल से होकर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो जल के अणुओं का विघटन हो जाता है और हाइड्रोजन एवं आक्सीजन प्राप्त होती है।
इसे ही जल का विद्युत अपघटन (Electrolysis of water) कहते हैं। चूँकि शुद्ध जल, विद्युत का कुचालक है, इसलिये शुद्ध जल में बहुत कम मात्रा में अम्ल मिला दिया जाता है ताकि कम वोल्टता लगाकर ही जल से होकर आसानी से धारा प्रवाहित की जा सके।
जल के विद्युत-अपघटन में दो आंशिक अभिक्रियाएँ होती हैं, जो दो इलेक्ट्रोड (कैथोड और एनोड) पर होती हैं।
इस रेडॉक्स अभिक्रिया की समग्र प्रतिक्रिया यह है –
अथवा
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो वह भूरे रंग का हो जाता है। क्योंकि लोहा कॉपर सल्फेट के विलयन में से कॉपर को विस्थापित करने देता है और आयरन सल्फेट बनता है। आयरन, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील होता है।
खण्ड -द
निबन्धात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 21 से 23 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
(i) युग्मानुबन्धन (सिनेप्स) किसे कहते हैं?
(ii) तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य बताइए।
(iii) तंत्रिका कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए। [4 ]
उत्तर:
(i) युग्मानुबन्धन – वह सम्पर्क बिन्दु जो एक न्यूरॉन के एक्सॉन की अन्य शाखाओं एवं दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइटों के बीच बनता है; युग्मानुबन्धन (सिनेप्स) कहलाता है।
(ii) तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य(1) तंत्रिका कोशिका आपस में मिलकर शृंखलाएँ बनाती हैं। ये उद्दीपन और प्रेरणाओं को विद्युत् आवेश के रूप में द्रुतगति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती हैं जिससे क्रियाएँ तुरन्त सम्पन्न हो जाती हैं।
(2) तंत्रिका कोशिका का अन्य कार्य अवचेतन मस्तिष्क से जुड़े रहना भी है। गौरतलब है कि अवचेतन मस्तिष्क मनुष्य के जीवन से जुड़ी सभी यादों को सुरक्षित एवं संग्रहित करके रखता है। इस कारण तंत्रिका कोशिका का कार्य अनेकों क्षणों की प्रतिमा पहुँचाना भी है।
(iii) तंत्रिका कोशिका का नामांकित चित्र
अथवा
(i) मस्तिष्क का कौनसा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
(ii) अनैच्छिक क्रियाओं के दो उदाहरण लिखिए।
(iii) मानव मस्तिष्क का नामांकित चित्र बनाइए। [4]
उत्तर:
(i) मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क भाग शरीर की स्थिति और सन्तुलन का अनुरक्षण करता है।
(ii) अनैच्छिक क्रियाओं के दो उदाहरण हैं
(a) भोजन को देखकर मुँह में लार आना,
(b) उल्टी होना।
(iii) मानव मस्तिष्क का नामांकित चित्र
प्रश्न 22.
गोलीय लेंसों के लिए चिह्न की परिपाटी को समझाइये। किसी अवतल लेंस की फोकस दूरी 15 cm है। किसी बिम्ब को लेंस से कितनी दूरी पर रखें कि इसका प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm दूरी पर बने। लेंस द्वारा उत्पन्न आवर्धन भी ज्ञात कीजिए। उत्तल लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब के लिए किरण चित्र बनाइये जबकि बिम्ब को 2F1, व F1, के बीच रखा जाता है। [4]
उत्तर:
गोलीय लेंस के लिए चिह्न की परिपाटी:
- लेंस के बायीं ओर हमेशा बिम्ब को रखा जाता – है। जिसकी वजह से प्रकाश की किरणें लेंस पर हमेशा बायें से दायें की ओर पड़ती हैं।
- सभी दूरी को प्रकाशिक केन्द्र से मुख्य अक्ष के समानांतर हमेशा मापी जाती है।
- प्रकाशिक केन्द्र से दायीं ओर सभी दूरी की माप हमेशा धनात्मक ली जाती है तथा प्रकाशिक केन्द्र से बायीं ओर सभी दूरी की माप ऋणात्मक मानी जाती है।
- लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत ऊपर की ओर सभी दूरी को धनात्मक लिया जाता है।
- लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत नीचे की ओर सभी दूरी को ऋणात्मक लिया जाता है।
आंकिक का हल- अवतल लेंस द्वारा सदैव ही आभासी, सीधा प्रतिबिम्ब उसी ओर बनता है जिस ओर बिम्ब रखा होता है।
प्रतिबिम्ब दूरी, v = – 10
सेमी फोकस दूरी, f= -15 सेमी
बिम्ब दूरी u = ?
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
या
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
या \(\frac{1}{u}=\frac{1}{-10}-\frac{1}{(-15)}=\frac{1}{10}+\frac{1}{15}\)
या \(\frac{1}{u}=\frac{-3+2}{30}-\frac{1}{-30}\)
या u =-30 सेमी.
इसी प्रकार बिम्ब की दूरी 30 सेमी है।
आवर्धन m = \(\frac{v}{u} \)
m = \(\frac{-10 \mathrm{~cm}}{-30 \mathrm{~cm}}=\frac{1}{3}\) =+ 0.33
यहाँ धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है। प्रतिबिम्ब का आकार बिम्ब के आकार का एक तिहाई है।
जब बिम्ब 2F1 व F1 के बीच रखा हो तो उत्तल लेंस द्वारा बनने वाला प्रतिबिम्ब का किरण आरेख इस प्रकार है
अथवा
15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर क्या होना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति व आकार पर टिप्पणी लिखिए। इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का किरण चित्र बनाइये। एक दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन + 1 है। इसका अर्थ है? [4]
उत्तर:
अवतल दर्पण द्वारा वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु को दर्पण के मुख्य फोकस एवं ध्रुव के बीच रखना होगा। अतः वस्तु की दर्पण के ध्रुव से दूरी 15 cm से कुछ कम हो सकती है। वस्तु का प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है तथा आकार में वस्तु से बड़ा है।
m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}\) =+1 या h2 = h1
चूँकि प्रतिबिम्ब एवं बिम्ब का आकार बराबर है। धनात्मक चिह्न प्रदर्शित करता है कि समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब आभासी होता है तथा वस्तु के विपरीत (दर्पण के पीछे) बनता है।
प्रश्न 23.
धातु के सथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौनसी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे? आवश्यक चित्र भी बनाइये। [1+2+1=4]
उत्तर:
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है। धातएँ नाइट्रिक अम्ल के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त नहीं करती।
उदाहरण –
Zn+2 HCl → ZnCl2 + H2
तथा
Fe+ H2SO4 → FeSO4 + H2
हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति की जाँच करना इसकी जाँच करने के लिए गैस के पास एक जलती हुई मोमबत्ती (तीली) ले जाने से फट-फट की ६ वनि के साथ गैस भी जलने लगती है। यह गैस ज्वलनशील है। इससे सिद्ध हो जाता है कि यहाँ हाइड्रोजन गैस उपस्थित है।
आवश्यक चित्र इस प्रकार है –
अथवा कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है।
धातु यौगिक A एवं उत्पन्न होने वाली गैस का नाम बताते हुए पूर्ण अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। [1+2+1=4]
उत्तर:
धातु यौगिक ‘A’ कैल्सियम कार्बोनेट होगा। उत्पन्न गैस कार्बन डाइऑक्साइड है। सन्तुलित समीकरण इस प्रकार है –
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