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RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

March 26, 2022 by Fazal Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 10th Social Science Model Papers Set 5 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 10 Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश :

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड-(अ)

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1. निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए –
(i) सत्याग्रह निम्नलिखित में से क्या था ? [1]
(अ) शुद्ध आत्मिक बल
(ब) कमज़ोर का हथियार
(स) भौतिक (शारीरिक बल)
(द) हथियारों का बल
उत्तर:
(अ) शुद्ध आत्मिक बल

(ii) अठारहवीं सदी में यूरोप में कौन-सा वर्ग सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से प्रभुत्व रखता था ? [1]
(अ) भू-स्वामी कुलीन वर्ग
(ब) पादरी
(स) मजदूर
(द) सैनिक
उत्तर:
(अ) भू-स्वामी कुलीन वर्ग

(iii) भारत से विदेशों को जाने वाले अनुबन्धित श्रमिक कहलाते थे – [1]
(अ) गिरमिटिया
(ब) पूर्णकालिक श्रमिक
(स) सफेदिया .
(द) एग्रीमेन्ट श्रमिक
उत्तर:
(अ) गिरमिटिया

(iv) अचक्रीय संसाधन है – [1]
(अ) जीवाश्म ईंधन
(ब) पवन ऊर्जा
(स) पश
(द) मनुष्य।
उत्तर:
(अ) जीवाश्म ईंधन

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

(v) निम्नलिखित में से किस राज्य में सीढीदार (सोपानी) खेती की जाती है? [1]
(अ) पंजाब
(ब) उत्तर प्रदेश
(स) हरियाणा
(द) उत्तराखण्ड
उत्तर:
(द) उत्तराखण्ड

(vi) वन्य जीव की वह प्रजाति कौन-सी है, जिसकी हड्डियों का एशियाई देशों में परम्परागत औषधियों में प्रयोग होने के कारण विलुप्ति के कगार पर है – [1]
(अ) बाघ
(ब) बिल्ली
(स) चीता
(द) हिरण
उत्तर:
(अ) बाघ

(vii) निम्न में से किस देश ने 1970 से 1993 ई. के मध्य अपने संविधान में चार संशोधन किये ?[1]
(अ) भारत
(ब) श्रीलंका
(स) बेल्जियम
(द) चीन
उत्तर:
(स) बेल्जियम

(viii) निम्नलिखित में से किस राज्य का गठन भाषा के आधार पर नहीं हुआ है?[1]
(अ) नागालैण्ड
(ब) उत्तराखण्ड
(स) झारखण्ड
(द) ये सभी।
उत्तर:
(द) ये सभी।

(ix) भारत में जनगणना कितने वर्ष पश्चात् होती है ?[1]
(अ) 5 वर्ष
(ब) 10 वर्ष
(स) 11 वर्ष
(द) 20 वर्ष
उत्तर:
(ब) 10 वर्ष

(x) अगर आपको कहीं दूर-दराज के इलाके में नौकरी मिलती है, तो उसे स्वीकार करने से पहले आप आय के अतिरिक्त कौन से कारक पर विचार करेंगे – [1]
(अ) परिवार के लिए सुविधाएँ
(ब) काम करने का वातावरण
(स) सीखने के अवसर
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

(xi) मनरेगा का पूरा नाम है- [1]
(अ) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम
(ब) महानगर राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून
(स) मन से रोजगार योजना
(द) राष्ट्रीय स्वर्णिम चतुर्भुज योजना
उत्तर:
(अ) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम

(xii) वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव में सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। [1]
(अ) वस्त्र निर्यातक
(ब) श्रमिक
(स) धनिक वर्ग
(द) बहुराष्ट्रीय कम्पनी
उत्तर:
(ब) श्रमिक ।

प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) अगस्त 1914 में शुरू हुआ ………………… पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था। [1]
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध,

(ii) हमारे देश में वनों के अन्तर्गत लगभग ……………… क्षेत्रफल है।[1]
उत्तर:
807276 वर्ग किमी.

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

(iii) लैंगिक असमानता ……………… का एक रूप है जो प्रत्येक स्थान पर दिखाई देती है। [1]
उत्तर:
सामाजिक असमानता,

(iv) ………………… विकास का एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है। [1]
उत्तर:
राष्ट्रीय आय,

(v) कृषि क्षेत्रक श्रमिकों में ………………… देखने को मिलती है। [1]
उत्तर:
अल्प बेरोजगारी,

(vi) वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने वाला मुख्य कारक ……………………… .[1]
उत्तर:
प्रौद्योगिकी।

प्रश्न 3. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों का उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)

(i) कांग्रेस ने किस अधिवेशन में “पूर्ण स्वराज्य” की माँग की? [1]
उत्तर:
पूर्ण स्वराज की माँग दिसम्बर, 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रखी गयी।

(ii) उस कानून का नाम बताइए जिसके अन्तर्गत ब्रिटिश सरकार ने मक्का के आयात पर पाबन्दी लगा दी थी? [1]
उत्तर:
कॉर्न लॉ कानून के अन्तर्गत ब्रिटिश सरकार ने मक्का पर पाबन्दी लगा दी थी।

(iii). फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों का मुख्य उद्देश्य क्या था? [1]
उत्तर:
यूरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्त कराना।

(iv) जवाहर लाल नेहरू गर्व से बाँधों को ‘आधुनिक भारत के मन्दिर क्यों कहा करते थे ? [1]
उत्तर:
क्योंकि इन परियोजनाओं के कारण कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था, औद्योगीकरण और नगरीय अर्थव्यवस्था समन्वित रूप से विकास करती है।

(v) भारत में उत्पादित की जाने वाली किन्हीं दो रोपण फसलों का नाम लिखिए? [1]
उत्तर:
(i) चाय,
(ii) कॉफी।

(vi) किसानों को बिचौलियों तथा दलालों के शोषण से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये किन्हीं दो कदमों के नाम लिखिए? [1]
उत्तर:
(i) सहायिकी उपलब्ध कराना,
(ii) समर्थन मूल्यों की घोषणा।

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

(vii) नियन्त्रण और सन्तुलन की व्यवस्था किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
वह व्यवस्था जिसमें सरकार का प्रत्येक अंग एक-दूसरे को. नियन्त्रित करता है जिससे सत्ता का सन्तुलन स्थापित बना रहता है।

(vii) ग्रामीण स्थानीय सरकार को और किस नाम से जाना जाता है? [1]
उत्तर:
पंचायती राज।

(ix) मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अमेरिका में किस आन्दोलन का नेतृत्व किया था ?[1]
उत्तर:
मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अमेरिका में नागरिक अधिकार आन्दोलन का नेतृत्व किया था।

(x) काली मृदा की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। [1]
उत्तर:
(i) काली मृदा बहुत महीन कणों अर्थात् मृत्तिका से बनी होती है ।
(ii) गर्म और शुष्क मौसम में इन मृदाओं में गहरी दरारें पड़ जाती हैं।

(xi) सकल घरेलू उत्पाद की गणना किस प्रकार की जाती है? [1]
उत्तर:
तीनों क्षेत्रकों के उत्पादनों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद (जी. डी. पी.) कहते हैं।
यह किसी देश के भीतर किसी विशेष वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य होता है।

(xii) वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका कौन निभा रहा है ?[1]
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

खण्ड – (ब)

लघूत्तरात्मक प्रश्न-प्रश्न सं. 4 से 16 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 50 शब्द)

प्रश्न 4.
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन से आप क्या समझते हैं? इसकी दो ‘जुड़वाँ संतानें’ किसे कहा गया है? [2]
उत्तर:
युद्धोत्तर अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार को बनाए रखना था।
इसके अनुरूप जुलाई 1944 ई. में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति बनी थी।

सदस्य देशों के विदेश व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में ही अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना की गयी। युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए धन की व्यवस्था करने को अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक अर्थात् विश्व बैंक का गठन किया गया। इसलिए विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानें भी कहा जाता है।

प्रश्न 5.
1815 में नेपोलियन की हार के पश्चात् यूरोपीय सरकारें रूढ़िवाद की भावना से क्यों प्रेरित थीं? स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
1815 ई. में नेपोलियन की हार के पश्चात् यूरोपीय सरकारें रूढ़िवाद की भावना से प्रेरित थीं। रूढ़िवादी यह मानते थे कि राज्य और समाज की स्थापित पारम्परिक संस्थाएँ: जैसे-राजतंत्र, चर्च, सामाजिक ऊँच-नीच, सम्पत्ति व परिवार को बनाये रखना चाहिए फिर भी रूढ़िवादी लोग क्रान्ति से पहले के दौर में वापसी नहीं चाहते थे।

नेपोलियन द्वारा प्रारम्भ किये गये परिवर्तनों से उन्होंने यह जान लिया था कि आधुनिकीकरण, राजतन्त्र जैसी पारम्परिक संस्थाओं को मजबूत बनाने में सक्षम था। वह राज्य की शक्ति को और अधिक शक्तिशाली बना सकता था। अतः एक आधुनिक सेना, कुशल नौकरशाही, गतिशील अर्थव्यवस्था, सामंतवाद तथा भू-दासत्व की समाप्ति यूरोप के निरंकुश राजतन्त्रों को शक्ति प्रदान कर सकते थे।

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 6.
साइमन कमीशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [2]
उत्तर:
ब्रिटेन की गोरी सरकार ने सर जॉन साइमन के नेतृत्व में एक वैधानिक आयोग का गठन किया। राष्ट्रवादी आन्दोलन के जवाब में गठित किए गए इस आयोग को भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन करना था तथा उसके बारे में सुझाव प्रस्तुत करने थे। इस आयोग में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था, इसके समस्त सदस्य अंग्रेज थे। अतः सन् 1928 ई. में जब साइमन कमीशन भारत पहुँचा तो उसका स्वागत ‘साइमन कमीशन वापस जाओ’ (साइमन कमीशन गो बैक) के नारों के साथ किया गया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस व मुस्लिम लीग सहित अन्य कई पार्टियों ने भी भाग लिया।

प्रश्न 7.
रियो-डी-जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992 की प्रमुख बातों को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
रियो-डी-जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992 की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं –

  • जून, 1992 में 100 से भी अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष ब्राजील (दक्षिण अमेरिका) के शहर रियो-डी-जेनेरो में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन में एकत्रित हुए।
  • इस सम्मेलन का आयोजन विश्व स्तर पर उभरते पर्यावरण-संरक्षण, सामाजिक एवं आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूँढ़ने के लिए किया गया था।
  • इस सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने भू-मण्डलीय जलवायु परिवर्तन एवं जैविक-विविधता के एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये थे।
  • 21 वीं शताब्दी में सतत् पोषणीय विकास के लिए एजेंडा-21 को स्वीकृति प्रदान की गयी।

प्रश्न 8.
हिमालयन यव क्या है? इसकी उपयोगिता बताइए। [2]
उत्तर:
हिमालयन यव एक प्रकार का औषधीय पौधा है। यह चीड़ के प्रकार का एक सदाबहार वृक्ष होता है। यह हिमाचल प्रदेश व अरुणाचल प्रदेश के कई भागों में पाया जाता है। इसके पेड़ की छाल, पत्तियों एवं जड़ों से टकसोल (Taxol) नामक रसायन निकाला जाता है, जिसका उपयोग कैंसर रोग की दवा बनाने में किया जाता है। यव वृक्ष के अत्यधिक दोहन से इस वनस्पति प्रजाति को खतरा उत्पन्न हो गया है। पिछले एक दशक में हिमाचल प्रदेश एवं अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में यव के हजारों वृक्ष सूख गये हैं।

प्रश्न 9.
गेहूं की खेती के लिए आवश्यक किन्हीं दो भौगोलिक दशाओं को बताइए। [2]
उत्तर:
गेहूँ की खेती के लिए आवश्यक दो प्रमुख भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं –

  1. तापमान-गेहूँ की खेती के लिए 10° से 25° सेल्सियस तापमान उपयुक्त रहता है। बहुत कम तापमान गेहूँ की खेती के लिए हानिकारक होता है। गेहूँ बोने के समय जलवायु का नम एवं तर होना आवश्यक है। तापमान का क्रमशः बढ़ना बहुत लाभदायक होता है।
  2. वर्षा-गेहूँ बोते समय साधारण वर्षा लाभकारी होती है। इससे गेहूँ का पौधा अंकुरित होकर बढ़ने लग जाता है। इसकी कृषि के लिए 50 से 75 सेमी. वार्षिक वर्षा पर्याप्त रहती है। अधिक वर्षा इसके लिए हानिकारक होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई आवश्यक होती है। गेहूँ की फसल काटते समय शुष्क मौसम अवश्य होना चाहिए।

प्रश्न 10.
बेल्जियम के दो प्रमुख समुदायों में परस्पर संघर्ष के क्या कारण थे ? बताइए। [2]
उत्तर:
बेल्जियम के दो प्रमुख समुदायों में परस्पर संघर्ष के कारण –

  1. बेल्जियम की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। इस देश की कुल जनसंख्या का 59 प्रतिशत भाग फ्लेमिश क्षेत्र में रहता है तथा डच भाषा बोलता है। शेष 40 प्रतिशत लोग वेलोनिया क्षेत्र में रहते हैं तथा फ्रेंच भाषा बोलते हैं। शेष 1 प्रतिशत लोग जर्मन भाषा बोलने वाले हैं।
  2. बेल्जियम में फ्रेंच भाषी (अल्पसंख्यक) समूह अधिक धनी व शक्तिशाली है। आर्थिक एवं शिक्षा के विकास के प्रश्न को लेकर डच भाषीय समूह ने फ्रेंच भाषीय समूह का विरोध किया। इस कारण दोनों समुदायों के मध्य 1950 से 1960 ई. के दशक में परस्पर तनाव एवं संघर्ष बढ़ते चले गये।

प्रश्न 11.
संघीय शासन व्यवस्था के गठन के तरीकों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर:
संघीय शासन व्यवस्था आमतौर पर दो तरीकों से गठित होती है –

  • साथ आकर संघ बनाना-इसके अन्तर्गत दो या अधिक स्वतन्त्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई का गठन किया जाता है तथा सभी स्वतन्त्र राष्ट्र अपनी सम्प्रभुता को साथ रखते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं। साथ आकर संघ बनाने के प्रमुख उदाहरण-संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया आदि हैं।
  • साथ लेकर चलने वाला संघ-इसके अन्तर्गत एक बड़े देश द्वारा अपनी आन्तरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन किया जाता है तथा फिर राज्य और राष्ट्रीय सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा कर दिया जाता है। इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार अधिक शक्तिशाली होती है। भारत, बेल्जियम और जापान इस प्रकार की संघीय शासन व्यवस्था के उदाहरण हैं।

प्रश्न 12.
पहली नज़र में “राजनीति और सामाजिक विभाजनों का मेल बहुत खतरनाक और विस्फोटक लगता है।” कथन की व्याख्या कीजिए।[2]
उत्तर:
यदि राजनीतिक दल समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीतिक होड़ करने लगें तो इससे सामाजिक विभाजन, राजनीतिक विभाजन में बदल सकता है और ऐसी स्थिति में विखण्डन की ओर जा सकता है, ऐसा कई देशों में हो चुका है। उदाहरण के लिए, आयरलैण्ड के विद्रोह में सुरक्षा बलों सहित सैकड़ों लोग मारे गये। इसी प्रकार की स्थिति यूगोस्लाविया में हुई थी, जो कई टुकड़ों में बँट गया था।

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

प्रश्न 13.
हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं ? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं ? [2]
उत्तर:
देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय एक उपयुक्त माप नहीं है, क्योंकि विभिन्न देशों में जनसंख्या भिन्न-भिन्न होती है इसलिए कुल आय से यह पता नहीं चलता है कि औसत व्यक्ति कितना कमा रहा है। इसका पता औसत आय से ही चलता है। यही कारण है कि हम विकास की माप के लिए औसत या औसत आय का प्रयोग करते हैं। इसके उपयोग की सीमा यह है कि यह हमें लोगों के बीच आय के विभाजन को सही रूप में नहीं दर्शाता है अर्थात् औसत आय से हमें यह पता नहीं चलता है कि यह आय लोगों में कैसे वितरित है।

प्रश्न 14.
अन्तिम वस्तुओं और मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
अन्तिम वस्तुओं और मध्यवर्ती वस्तुओं में निम्नलिखित अन्तर हैं –

अन्तिम वस्तुएँ मध्यवर्ती वस्तुएँ
1.अन्तिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं जो उपभोक्ताओं के पास पहुँचती हैं। 1. मध्यवर्ती वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका उपयोग अन्तिम वस्तुओं के उत्पादन में किया जाता है।
2. अन्तिम वस्तुओं का मूल्य राष्ट्रीय आय में सम्मिलित किया जाता है। उदाहरण-चॉकलेट, बिस्कुट, ब्रेड, अलमारी. व टेलीविजन आदि। 2. मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य राष्ट्रीय आय में सम्मिलित नहीं होता है। उदाहरण-आटा, कपास, गेहूँ, स्टील आदि।

प्रश्न 15.
खरीददारी मुद्रा के माध्यम से क्यों होती है ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
मुद्रा मूल्य के मापन का कार्य करती है। मुद्रा के रूप में विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य का निर्धारण किया जा सकता है। मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है। यह आसानी से स्वीकार्य है। जिस व्यक्ति के पास मुद्रा होती है वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति भुगतान मुद्रा के रूप में लेना पसन्द करता है फिर उस मुद्रा का इस्तेमाल अपनी आवश्यकता की वस्तुओं को खरीदने के लिए करता है। उदाहरण-एक किसान बाजार में गेहूँ बेचना चाहता है और घरेलू आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदना चाहता है। इसलिए किसान सबसे पहले गेहूँ के बदले मुद्रा प्राप्त करेगा। इसके पश्चात् मुद्रा का प्रयोग घरेलू आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदने के लिए करेगा।

प्रश्न 16.
भारत में वैश्वीकरण के किन्हीं तीन प्रभावों को समझाइए। [2]
उत्तर:
भारत में वैश्वीकरण के प्रभाव वैश्वीकरण के भारत की अर्थव्यवस्था पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े हैं-

  • वैश्वीकरण में भारतीय उत्पादकों को वस्तुओं और सेवाओं के अनेक विकल्प मिले हैं तथा भारतीय उपभोक्ताओं को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं की प्राप्ति होती है। उपभोक्ता को विश्व स्तर की वस्तुएँ एवं सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।
  • वैश्वीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत में विदेशी निवेश बढ़ा है, जिससे देश में उत्पादन एवं रोजगार में वृद्धि हुई है।
  • उत्पादकों एवं श्रमिकों पर वैश्वीकरण का एक समान प्रभाव नहीं पड़ा है।

खण्ड – (स)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 100 शब्द)

प्रश्न 17.
फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने क्या कदम उठाए ? [3]
अथवा
रेनन की समझ के अनुसार एक राष्ट्र की विशेषताएँ लिखिए। [3]
उत्तर:
फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने निम्नलिखित कदम उठाये –

  • उन्होंने पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों पर बल दिया।
  • इन विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया जिसे एक संविधान के अन्तर्गत समान अधिकार प्राप्त थे।
  • उन्होंने एक नया फ्रांसीसी झंडा-तिरंगा चुना, जिसने पहले के राष्ट्रध्वज का स्थान ले लिया।
  • उन्होंने एस्टेट जनरल का चुनाव सक्रिय नागरिक समूहों द्वारा करवाया तथा उसका नाम बदलकर नेशनल एसेम्बली कर दिया गया।
  • उन्होंने नयी स्तुतियाँ रची, शपथें लीं, शहीदों का गुणगान किया और यह सब राष्ट्र के नाम पर हुआ।
  • उन्होंने एक केन्द्रीय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की जिसने अपने भू-भाग में रहने वाले समस्त नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाये।
  • उन्होंने आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिये तथा भार व नाप की एक समान व्यवस्था लागू की।
  • उन्होंने क्षेत्रीय बोलियों के स्थान पर फ्रेंच भाषा को ही राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित किया।
  • फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने यह भी घोषणा की कि फ्रांसीसी राष्ट्र का यह भाग्य और लक्ष्य है कि वह यूरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्त कराये अर्थात् फ्रांस, यूरोप के अन्य लोगों को राष्ट्र के गठित होने में मदद देगा।

प्रश्न 18.
वर्षा जल संग्रहण क्या है ? भारत में छत वर्षा जल संग्रहण तकनीक के सफल प्रयोग के कोई दो उदाहरण दीजिए। [3]
अथवा
आपके मतानुसार बाँध कैसे उपयोगी हैं? [3]
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण-वर्षा द्वारा भूमिगत जल की क्षमता में वृद्धि करने की तकनीक वर्षा जल संग्रहण कहलाती है। इसमें वर्षाजल को रोकने एवं एकत्रित करने के लिए विशेष ढाँचों; जैसे-कुएँ, गड्ढे, बाँध आदि का निर्माण किया जाता है। इससे न केवल जल का संग्रहण होता है बल्कि जल को भूमिगत होने की अनुकूल परिस्थितियाँ प्राप्त होती हैं।

भारत में छत वर्षा जल संग्रहण तकनीक के सफल प्रयोग के दो उदाहरण निम्नलिखित –

  • शिलांग (मेघालय)- मेघालय की राजधानी शिलांग को पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए शिलांग के लगभग प्रत्येक परिवार ने छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था कर रखी है। इस तकनीक से प्रत्येक परिवार की जल की कल आवश्यकता का 15-25 प्रतिशत भाग की आपूर्ति होती है।
  • गंडाथूर (कर्नाटक)-कर्नाटक राज्य के मैसूर जिले के गंडाथूर गाँव में भी लोग पानी की आपूर्ति हेतु छत वर्षा जल संग्रहण तकनीक का प्रयोग करते हैं। गाँव के लगभग 200 परिवारों ने इस विधि का उपयोग कर जल की कमी की समस्या का समाधान किया है|

प्रश्न 19.
सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को संक्षेप में बताइए। [3]
अथवा
कोई ऐसे तीन प्रावधानों को बताइए जो भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाते हैं। [3]
उत्तर:
सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

  • महिलाएँ घर के अन्दर का सारा काम-काज; जैसे-खाना बनाना, सफाई करना, कपड़े धोना एवं बच्चों की देखरेख करना आदि करती है।
  • गाँवों में स्त्रियाँ पानी और जलावन की लकड़ी जुटाने से लेकर खेती सम्बन्धी कार्य भी करती हैं।
  • शहरों में भी निर्धन महिलाएँ किसी मध्यमवर्गीय परिवार में नौकरानी का कार्य कर रही हैं और मध्यमवर्गीय महिलाएँ काम करने के लिए दफ्तर जाती हैं।
  • आज हम वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबन्धक, महाविद्यालयी एवं विश्वविद्यालयी शिक्षक जैसे व्यवसायों में बहुत-सी महिलाओं को पाते हैं, जबकि पहले इन कार्यों को महिलाओं के लायक नहीं माना जाता था।
  • विश्व के कुछ हिस्सों; जैसे-स्वीडन, नॉर्वे व फिनलैंड जैसे देशों में सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी का स्तर बहुत ऊँचा है।
  • लैंगिक विभाजन को राजनीतिक अभिव्यक्ति एवं इस प्रश्न पर राजनीतिक गोलबंदी ने सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने में सहायता की है।

प्रश्न 20.
आपके दृष्टिकोण से वस्तु विनिमय प्रणाली और मौद्रिक प्रणाली में कौन-सी प्रणाली श्रेष्ठ है? और क्यों? [3]
अथवा
सुझाव दीजिए कि किस प्रकार छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है? [3]
उत्तर:
मेरे दृष्टिकोण से दोनों प्रणालियों में से मौद्रिक प्रणाली श्रेष्ठ है क्योंकि जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय कोई भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए कर सकता है। हर कोई मुद्रा के रूप में भुगतान लेना पसंद करता है, फिर उस मुद्रा का उपयोग अपनी जरूरत की चीजें खरीदने के लिए कर सकता है। एक जूता निर्माता का उदाहरण लेते हैं। वह बाज़ार में जूता बेचकर गेहूँ खरीदना चाहता है। जूता बनाने वाला पहले जूतों के बदले मुद्रा प्राप्त करेगा फिर इस मुद्रा का इस्तेमाल गेहूँ खरीदने के लिए करेगा।

यदि जूता निर्माता बिना मुद्रा का इस्तेमाल किए जूते का सीधे गेहूँ से विनिमय करता है, तो उसे गेहूँ पैदा करने वाले ऐसे किसान को खोजना पड़ेगा, जो न केवल गेहूँ बेचना चाहता हो बल्कि साथ में जूते भी खरीदना चाहता हो अर्थात् दोनों पक्ष एक-दूसरे से चीजें खरीदने व बेचने पर सहमत हों। विनिमय की दूसरी प्रणाली में समय एवं श्रम अधिक लगेगा जबकि मौद्रिक प्रणाली में समय एवं श्रम की बचत है। चूँकि मुद्रा विनिमय प्रक्रिया में मध्यस्थता का काम करती है, अतः वस्तु विनिमय की तुलना में मुद्रा विनिमय प्रणाली श्रेष्ठ है।

RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

खण्ड – (द)

निबन्धात्मक प्रश्न-प्रश्न सं. 21 से 22 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 250 शब्द)

प्रश्न 21.
1921 में असहयोग आन्दोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूहों की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्हीं तीन को चुनकर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए यह दर्शाइए कि वे आन्दोलन में शामिल क्यों हुए ? [4]
अथवा
पहले विश्वयुद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया? वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
सन् 1921 ई. में असहयोग आन्दोलन में सम्मिलित होने वाले सामाजिक समूह निम्नलिखित थे –

  • शहरी मध्यम वर्ग का समूह (प्रधानाध्यापक, शिक्षक, विद्यार्थी, वकील आदि) ।
  • ग्रामीण क्षेत्र के किसानों का समूह।
  • वन क्षेत्रों के आदिवासियों के समूह ।
  • बागानों में काम करने वाले मजदूरों का समूह।
  • नेता एवं कार्यकर्ता ।
  • खिलाफत समिति के कार्यकर्ता ।
  • व्यापारी एवं व्यवसायी समूह।

प्रश्न 22.
दबाव-समूह से आप क्या समझते हैं ? दबाव-समूह व राजनैतिक दलों में अंतर भी स्पष्ट कीजिए। [4]
अथवा
बोलीविया के जलयुद्ध के बारे में बताइए। [4]
उत्तर:
ऊपर लिखे समूहों में से निम्न तीन समूहों के असहयोग आन्दोलन में सम्मिलित होने के कारण –
(i) शहरी मध्यम वर्ग का समूह-भारत के शहरी मध्यम वर्ग ने महात्मा गाँधी के स्वराज के आह्वान को स्वीकार कर लिया था। हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने विद्यालयमहाविद्यालय छोड़ दिए, प्रधानाध्यापकों एवं अध्यापकों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिये तथा वकीलों ने मुकदमे लड़ना बन्द कर दिया। मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के अतिरिक्त अधिकांश प्रान्तों में परिषद चनावों का बहिष्कार किया गया। मद्रास में गैर-ब्राह्मणों द्वारा बनाई गई जस्टिस पार्टी का मत था कि काउंसिल में प्रवेश के माध्यम से उन्हें वे अधिकार मिल सकते हैं जो सामान्य रूप से केवल ब्राह्मणों को मिल पाते हैं। इसलिए इस पार्टी ने चुनावों का बहिष्कार नहीं किया। आन्दोलन की शुरुआत शहरी मध्यम वर्ग की हिस्सेदारी से हुई जिसमें अध्यापक, वकील, व्यापारी आदि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध असहयोग आन्दोलन में सम्मिलित हो गए।

(ii) वन क्षेत्रों के आदिवासी समूह-आन्ध्र प्रदेश के आदिवासी औपनिवेशिक सरकार की वन नीति से बहुत अधिक परेशान थे। अन्य वन क्षेत्रों की तरह यहाँ भी अंग्रेजी सरकार ने बड़े-बड़े जंगलों में लोगों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। आदिवासी लोग न तो जंगलों में मवेशी चरा सकते थे और न ही जलाने की लकड़ी व खाने के लिए फल इकट्ठा कर सकते थे, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर प्रभाव पड़ रहा था तथा उनको लग रहा था कि उनके परम्परागत अधिकार भी छीने जा रहे हैं। जब अंग्रेज सरकार ने उन्हें सड़कों के निर्माण के लिए बेगार करने पर मजबूर किया तो उन्होंने विद्रोह कर दिया।

(iii) बागानों में काम करने वाले मजदूरों का समूह-महात्मा गाँधी के विचारों एवं स्वराज की आवधारणा के बारे में मजदूरों की अपनी समझ थी। असम के बागानों में कार्य करने वाले मजदूरों के लिए आजादी का अर्थ यह था कि वे उन चारदीवारियों से जब चाहे आ-जा सकते हैं जिसमें वे अब तक कैद थे। उनके लिए आजादी का मतलब था कि वे अपने गाँवों से सम्पर्क रख पायेंगे। जब उन्होंने असहयोग आन्दोलन के बारे में सुना तो हजारों की संख्या में मजदूर अपने अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए तथा अपने घर को चल दिए। उनको यह लगने लगा कि अब गाँधी राज आ रहा है इसलिए अब सबको गाँव में जमीन मिलेगी। अतः उन्होंने भी असहयोग
आन्दोलन में गाँधीजी का साथ दिया।

प्रश्न 23.
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए [4]
(क) तारापुर
(ख) चन्द्रपुर
(ग) बैवर
(घ) बरौनी
अथवा
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए [4]
(क) सिगरेंनी
(ख) कलोल
(ग) विजयवाड़ा
(घ) कोरबा
RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 1
उत्तर:
RBSE 10th Social Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 2

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