• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

March 30, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th Biology Model Papers Set 2 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 56

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश-

  1. परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  2. सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
  3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
  4. जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड – अ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए।
(i) पादपों तथा जन्तुओं दोनों में तरुणावस्था, प्रजननावस्था तथा जीर्णावस्था के परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी हैं- [1]
(अ) एन्जाइम
(ब) हार्मोन्स
(स) जीव व्यवहार
(द) जीव का जैविक पर्यावरण
उत्तर:
(ब) हार्मोन्स

(ii) निम्न चित्र में दिखाए भाग A, B व C में से कौन-सा भाग भ्रूण के रूप में विकसित होगा- [1]
RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi 1
(अ) A
(ब) B
(स) C
(द) A, B व C तीनों
उत्तर:
(स) C

(iii) निम्न में से कौन-सा अलिंगसूत्री प्रभावी रोग है? [1]
(अ) फीनाइल कीटोन्यूरिया
(ब) सिकेल सैल एनीमिया
(स) सिस्टिक फाइब्रोसिस
(द) मायोटोनिक डिस्ट्राफी।
उत्तर:
(स) सिस्टिक फाइब्रोसिस

(iv) डी.एन.ए. का संश्लेषण कहलाता है- [1]
(अ) प्रतिकृतिकरण
(ब) अनुलेखन
(स) अनुवाद
(द) डिएमीनेशन।
उत्तर:
(स) अनुवाद

(v) हेरोइन प्राप्त होती है- [1]
(अ) पेपेवर सोम्नीफेरम से
(ब) केनाबिस सेटाइवा से
(स) इरिथ्रोजाइलान कोका से
(द) थिया साइनेन्सिस से।
उत्तर:
(अ) पेपेवर सोम्नीफेरम से

(vi) निम्न में से कौन-सी तकनीक गौवंश के वांछित गुणों में कमी ला देती है- [1]
(अ) बहि: प्रजनन
(ब) बहुसंकरण
(स) संकरण
(द) अन्तः प्रजनन।
उत्तर:
(द) अन्तः प्रजनन।

(vii) कोलोस्ट्रम में पाई जाने वाली एन्टीबॉडीज हैं- [1]
(अ) IgA
(ब) IgE
(स) IgG
(द) IgM
उत्तर:
(अ) IgA

(viii) पहला पुनर्योगज डी एन ए बनाने में एन्टीबायोटिक प्रतिरोधी जीन प्राप्त किया गया था? [1]
(अ) एग्रोबैक्टीरियम से
(ब) ई. कोलाई से
(स) साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम से
(द) बेसिलस थूरिन्जिजिएंसिस से।
उत्तर:
(स) साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम से

(ix) आर एन ए अन्तरक्षेप में किसका मौनीकरण होता है- [1]
(अ) परजीवी के mRNA का
(ब) पोषक के ds RNA का निती का
(स) परजीवी के अनुलेखन का
(द) ट्रांसपोजोन का।
उत्तर:
(अ) परजीवी के mRNA का

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) ………. गेहूँ की पर्ण धारी किट्ट प्रतिरोधक किस्म है। [1]
(ii) रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क ………….. में स्थित है। [1]
(iii) ……… प्रारम्भन कोडोन का कार्य करता है। [1]
(iv) गैसीय पोषण चक्र में भण्डार ………….. होता है। [1]
उत्तर:
(i) हिमगिरी।
(ii) राजस्थान।
(iii) AUG
(iv) वायुमण्डल।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए-
(i) मनुष्य के किसी ऐसे रोग का नाम लिखिए जो असुगुणिता (aneuploidy) के कारण होता है। [1]
उत्तर:
डाउन सिंड्रोम।

(ii) उत्परिवर्तनजन किसे कहते हैं? [1]
उत्तर:
वह भौतिक रासायनिक व जैविक कारक जो जीव के आनुवंशिक पदार्थ DNA, जीन या क्रोमोसोम में वंशागत होने वाले बदलाव उत्पन्न कर दें।

(iii) चिकनगुनिया रोग के वाहक का नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
एडीज मच्छर

(iv) इण्टरनेशनल सेन्टर फॉर व्हीट (गेहूँ) एण्ड मेज (मक्का) कहाँ स्थित है? [1]
उत्तर:
मैक्सिको

(v) पी सी आर में प्रयोग किये जाने वाले डी एन ए पॉलीमरेज का स्रोत क्या है? [1]
उत्तर:
इस Tag पॉलीमरेज को जीवाणु थर्मस एक्वेटिकस (Thermus aquaticus) से प्राप्त किया जाता है।

(vi) किस फसल पर अमेरिकी कम्पनी ने 1997 में अमेरिकन पेटेंट व ट्रेडमार्क कार्यालय द्वारा पेटंट अधिकार प्राप्त किया था। [1]
उत्तर:
बासमती चावल पर।

(vii) सकल प्राथमिक उत्पादकता में से नेट प्राथमिक उत्पादकता को घटा देने पर किसका मान प्राप्त होता है? [1]
उत्तर:
पादपों द्वारा श्वसन में उत्पन्न जैव मात्रा का।

(viii) विश्व में आर्किड्स की लगभग कितनी प्रजातियाँ हैं? [1]
उत्तर:
विश्व में आर्किड्स की लगभग 20,000 प्रजातियाँ हैं।

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

खण्ड – ब

लघु उत्तरीय प्रश्न ( उत्तर शब्द सीमा 50 शब्द)

प्रश्न 4.
रोग कारक किस कहते हैं? निम्न रोगों के रोग कारकों के नाम लिखिए- [1\(\frac {1}{2}\)]
(i) जेनाइटल हास, (ii) एड्स, (iii) गोनोरिया, (iv) सिफिलिस
उत्तर:
रोग कारक-रोग उत्पादन करने वाले किसी बाह्य कारक जैसे—सूक्ष्मजीव या पदार्थ को रोगकारक कहते हैं।
(i) जेनाइटल हपीस-हीस सिम्पलैक्स विषाणु
(ii) एड्स-ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी विषाणु
(iii) गोनोरिया-नीसेरिया गोनोरी।
(iv) सिफलिस-ट्रिनोनीया पैडलीडम।

प्रश्न 5.
जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने हेतु किन्हीं तीन उपायों (चरणों) को लिखिए जिन पर आप जोर देना चाहेंगे। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने हेतु प्रमुख उपाय-

  • गर्भ निरोधकों को अधिकाधिक बढ़ावा देना।
  • विवाह की उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित है। साथ ही अभी भारत सरकार ने लड़कियों की उम्र भी 18 वर्ष से 21 वर्ष निर्धारित कर दी गई है।
  • जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणामों को विद्यालयी स्तर एवं सामाजिक स्तर पर प्रकाश में लाना।

प्रश्न 6.
अन्तः प्रजनन एवं बहिः प्रजनन में अन्तर लिखिए।अन्तः प्रजनन के तीन लाभ लिखिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
अन्तः प्रजनन एवं बहिः प्रजनन में अन्तर

अन्तः प्रजनन बहिः प्रजनन
एक ही नस्ल के व आपस में घनिष्ठता से सम्बद्ध पशुओं के बीच 4 से 6 पीढ़ी तक कराया गया संगम (mating) अन्तःप्रजनन कहलाता है। आपस में बिना किसी सम्बन्ध वाले पशुओं के बीच कराया जाने वाला प्रजनन बहि:प्रजनन (Out breeding) कहलाता है।

अन्तःप्रजनन के लाभ-

  • जन्तुओं के शुद्ध वंशक्रम विकसित करने के लिए अन्तः प्रजनन आवश्यक है।
  • अन्तःप्रजनन श्रेष्ठ या उत्तम जीवों का संचयन तथा कम जरूरी जीनों के निष्कासन में मदद करता है।
  • अन्तःप्रजननी जीनों की उत्पादकता बढ़ती है।

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

प्रश्न 7.
एकल कोशिका प्रोटीन से आप क्या समझते हैं? एकल कोशिका प्रोटीन के लाभ बताइए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
एकल कोशिका प्रोटीन-“एकल कोशिका प्रोटीन (SCP) का अर्थ सूक्ष्मजीवों जैसे जीवाणु, यीस्ट, शैवाल या अन्य कवकों की बड़े पैमाने पर वृद्धि से प्राप्त प्रोटीन से है। प्रोटीन के अतिरिक्त यह खनिज (minerals), विटामिन, अच्छे वसा व कार्बोहाइड्रेट्स का भी अच्छा स्रोत हो सकता है। व्यापक अर्थों में मशरूमों जैसे बड़े कवकों को भी इन्हीं में शामिल किया जाता है।” एकल कोशिका प्रोटीन को खाद्य के रूप में प्रयोग करने के लाभ-

  • इनकी वृद्धि अत्यन्त तेजी से होती है।
  • यह कृषि अपशिष्टों (agricultural wastes) तथा अन्य उद्योगों के अपशिष्टों जैसे मोलासेस (molasses), जन्तु खाद, पनीर का पानी, कागज व पल्प, अपशिष्ट सीवेज आदि जैसे विविध पदार्थों पर उग सकते हैं। अत: इनका उगाना सस्ता होता है।
  • यह परम्परागत फसलों की अपेक्षा कम स्थान घेरते हैं व पोषकों के सान्द्रित (concentrated) स्रोत होते हैं।
  • इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक व बेहतर गुणवत्ता वाली होती है।

प्रश्न 8.
वाहक किसे कहते हैं? किसी वाहक के अन्दर रेस्ट्रिक्शन एंजाइम के लिए एक से अधिक पहचान स्थल नहीं होने चाहिए। टिप्पणी कीजिए। किसी एक वाहक का नाम लिखिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
वाहक-डी.एन.ए. अणु जिसमें उचित पोषक कोशिका के अन्दर प्रतिकृतिकरण की क्षमता होती है तथा जिसमें विजातीय DNA निवेशत किया जाता है, वाहक कहलाता है।

अगर किसी वाहक में रेस्ट्रिक्शन एंजाइम हेतु एक से अधिक पहचान स्थल हैं तब वाहक के अनेक खण्ड हो जायेंगे। अत: पुनर्योगज DNA नहीं बन पायेगा। वाहक का नाम-प्लाज्मिड वाहक।

प्रश्न 9.
आनुवंशिक पदार्थ (DNA) के पृथक्करण के समय मिश्रण में प्रोटिएज डालने का क्या महत्व है? न्यूक्लिऐजेज के दो प्रकार और इनके कार्य समझाइए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
प्रोटिएजेज (Proteases) प्रोटीन को पहुँचाने वाले एंजाइम हैं। कोशिका में डी एन ए के साथ अनेक प्रोटीन सम्बद्ध रहती हैं। DNA को शुद्ध रूप में प्राप्त करने के लिए इन्हें हटाना आवश्यक है अन्यथा यह डी एन ए पर रेस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज की क्रिया में बाधक होगी।

प्रतिबन्धन एंजाइम (restriction enzyme) एंजाइमों के एक बड़े वर्ग न्यूक्लिएजेज (nucleases) में शामिल हैं। न्यूक्लिएजेज दो प्रकार के होते हैं-एक्सोन्यूक्लिएज (exonuclease) तथा एंडोन्यूक्लिएजेज (Endonucleases), एक्सोन्यूक्लिएज एंजाइम डी एन ए को इसके सिरों (ends) से काटते हैं अर्थात यह सिरों से न्यूक्लिओटाइड्स को अलग करते हैं जबकि एंडोन्यूक्लिएजेज डी एन ए को अंदर से विशिष्ट अनुक्रमों पर काटते हैं।

प्रश्न 10.
सुकेन्द्रकी कोशिकाओं के भीतर mRNA के मौनीकरण में ट्रॉसपोजोनों की भूमिका बताइए। आर.एन.ए. इन्टरफेरंस की क्रियाविधि लिखिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
किसी परजीवी में आर एन ए अंतरक्षेप (RNA interferance) के लिए ds RNA की आवश्यकता होती है। यह mRNA का मौनीकरण कर देते हैं। यूकैरियोटिक कोशिकाओं के लिए इस सम्पूरक (Complemantary) RNA का स्रोत चलायमान जेनेटिक एलीमेंट अर्थात ट्रांसपोजोन हो सकतें है।

आर एन ए इन्टरफेरंस की क्रिया विधि

  • ds RNA को डाइसर (dicer) छोटे-छोटे si RNA (स्माल इन्टरफेरिंग RNA) में काट देता है।
  • Si RNA डाइसर युग्म अन्य घटकों (एन्जाइम) से मिलकर RNA इन्डयस्ड साइलेसिंग काम्पलैक्स RISC बनाता है। si RNA खुल जाता है, रज्जुक अलग-अलग हो जाते हैं।
  • खुला हुआ si RNA पूरक m RNA से बन्ध बनाता है। मशीनरी m RNA को लक्ष्य बनाती है।
  • लक्ष्य आर एन ए के टुकड़े-टुकड़े कर दिये जाते हैं।

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

प्रश्न 11.
मानव इंसुलिन क्या है? मानव इंसुलिन में c पेप्टाइड की भूमिका बताइए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
मानव इंसुलिन-इंसुलिन एक प्रोटीन हार्मोन – है जो दो पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं से बना होता है। इन शृंखलाओं को श्रृंखला की श्रृंखला B नाम दिये गए हैं। दोनों शृंखलाएँ डाइसल्फाइड बन्धों द्वारा आपस में जुड़ी होती हैं। इंसुलिन हार्मोन मानव रुधिर में शर्करा की मात्रा का नियंत्रण करता है। मनुष्य में इंसुलिन का उत्पादन प्रोइंसुलिन के रूप में होता है जिसमें A तथा B पेप्टाइड के साथ एक C पेप्टाइड भी होता है। परिपक्वन के समय C पेप्टाइड हटा दिया जाता है। C पेप्टाइड इंसुलिन को असक्रिय अवस्था में बनाये रखने का कार्य करता है।

प्रश्न 12.
उच्च पोषण स्तर के जीवों को उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा कम होती है। टिप्पणी कीजिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
किसी भी खाद्य श्रृंखला में किसी पोषण स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा का केवल 10 प्रतिशत भाग ही . अगले पोषक स्तर में स्वांगीकृत हो पाता है, यह 10 – प्रतिशत का नियम है। अतः खाद्य श्रृंखला की दायीं ओर अर्थात उच्च पोषण स्तरों में ऊर्जा की मात्रा – क्रमशः कम होती जाती है तथा 3 या 4 स्तर पर अत्यल्प ऊर्जा उपलब्ध होती है। जैसे पौधे (2 kg) → शाकाहारी (200g) → प्राथमिक मांसाहारी (20 g) → द्वितीयक मांसाहारी (2 g).

प्रश्न 13.
उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में अपघटन की उच्च दर का क्या कारण हो सकता है? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
अपघटन की दर जलवायुगत कारकों जैसे तापमान, व मृदीय जल की मात्रा पर निर्भर करती है। ये कारक ही सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में ताप व नमी दोनों की ही अनुकूलतम स्थितियाँ होती हैं। ये परिस्थितियाँ सूक्ष्मजीवों की वृद्धि तेज कर अपघटन प्रक्रिया तेज कर देती हैं।

प्रश्न 14.
पारिस्थितिकीविद् विश्व में उपस्थित प्रजातियों की कुल संख्या का अनुमान कैसे लगाते हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
वैज्ञानिकों का मत है कि पृथ्वी पर अभिलेखित प्रजातियों के अतिरिक्त लगभग 60 लाख प्रजातियाँ और हैं जिनका खोजा जाना अभी बाकी है। इस अनुमान को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक कीटों के उन समूह की मदद लेते हैं जिनका शीतोष्ण व उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों दोनों में गहन अध्ययन हो चुका है। कीटों के इस शीतोष्ण-उष्ण कटिबन्धीय प्रजाति समृद्धता आँकड़ों की सांख्यिकीय तुलना को अन्य जीवों की संख्या के अनुमान में प्रयोग करते हैं। इससे उन्हें पृथ्वी पर प्रजातियों की कुल संख्या का एक मोटा-मोटा अनुमान प्राप्त हो जाता है। इस आधार पर अलग-अलग अध्ययनों में प्रजातियों की संख्या 20 से 50 मिलियन आँकी गई है, लेकिन राबर्ट मे के अधिक वैज्ञानिक व यथार्थवादी अध्ययन यह संख्या 7 मिलियन बताते हैं।

प्रश्न 15.
पवित्र उपवन क्या है? उनकी संरक्षण में क्या भूमिका है? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
पवित्र उपवन (sacred groves) वनाच्छादित क्षेत्र के ऐसे सुरक्षित खण्ड हैं जिन्हें धार्मिक मान्यताओं व सामाजिक विश्वासों के आधार पर संरक्षण प्राप्त है। भारत में ऐसे अनेक पवित्र उपवन, जैव विविधता संरक्षण की आधुनिक अवधारणा के आने से पहले ही अस्तित्व में हैं तथा स्वस्थाने (in situ) संरक्षण का एक कामयाब तरीका है। यहाँ मानवीय गतिविधियाँ प्रतिबन्धित होती हैं। भारत में ऐसे पवित्र उपवन मेघालय की खासी व जैतिया पहाड़ी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ कर्नाटक, महाराष्ट्र व केरल आदि में स्थित हैं। अनेक क्षेत्रों में प्रजाति समृद्धता, स्थानिकता (endemism) पवित्र उपवन के कारण ही संरक्षित हैं। सिक्किम की शोंगू झील व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व राजस्थान के अनेक जलाशयों में भी मानवीय क्रियाकलाप प्रतिबन्धित है व वे केवल संरक्षण हेतु प्रयोग होते हैं।

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

खण्ड – स

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा 100 शब्द)

प्रश्न 16.
(a) अलैंगिक जनन से उत्पन्न संतति को क्लोन क्यों कहा गया है? लैंगिक जनन के परिणाम स्वरूप बनी संतति को जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं? क्यों? क्या यह कथन हर समय सही होता है?
(b) अलैंगिक एवं लैंगिक जनन में अंतर लिखिए। [3]
अथवा
कायिक प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं? कोई दो उदाहरण लिखिए। [3]
उत्तर:
(a) अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई सन्तति आकारिकीय व आनुवंशिक रूप से एक मात्र जनक के समान ही होती है, अतः इन्हे क्लोन कहा जाता हैं।

लैंगिक जनन में विभिन्नताएँ उत्पन्न होने के अनेक अवसर होते हैं जैसे अर्द्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों का यादृच्छिक। पृथक्करण क्रासिंग ओवर तथा युग्मकों का यादृच्छिक संलयन। अधिक विभिन्नताओं के कारण सन्तति की उत्तरजीविता के अधिक अवसर होते हैं। नये पुनर्संयोजन नयी विभिन्नताएँ पैदा करते हैं जो बदले पर्यावरण में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती हैं। लैंगिक जनन प्राय: अच्छे अवसर ही प्राप्त कराता है लेकिन पर्यावरण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लक्षणों का चुना जाना/अच्छा होना या न होना पर्यावरण द्वारा निर्धारित होता है।

(b) अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में अन्तर

अलैंगिक जनन लैंगिक जनन
1. जनन में एक ही जनक भाग लेता है 1. जनन के लिए प्रायः दो जनकों का होना आवश्यक होता है
2. युग्मकों का निर्माण नहीं होता अतः अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता (केवल समसूत्री विभाजन होते हैं) 2. युग्मकों के निर्माण हेतु अर्धसूत्री विभाजन आवश्यक होता है
3. युग्मकों का संलयन (fusion) नहीं होता 3. युग्मकों का संलयन (निषेचन) इस जनन का आवश्यक पद है
4. सन्तति आकारिकीय व आनुवंशिक रूप से जनक के समान होती है 4. सन्तति आनुवंशिक रूप से दोनो जनकों से भिन्नता प्रदर्शित करती है क्योंकि क्रासिंग ओवर व युग्मकों के यादृच्छिक संलयन से नये गुणों का जन्म होता है।
5. जैव विकास में अलैंगिक जनन की भूमिका नगण्य या गौण रहती है 5. जैव विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

प्रश्न 17.
(a) समयुग्मजी एवं विषमयुग्मजी से आप क्या समझते हैं?
(b) समयुग्मजी एवं विषमयुग्मजी में चार अन्तर लिखिए।
(c) कोई द्विगुणित जीव 6 स्थलों के लिए विषम युग्मजी है, कितने प्रकार के युग्मकों का उत्पादन संभव है? [3]
अथवा
एक ही जीन स्थल वाले समयुग्मजी मादा और विषमयुग्मजी नर के संकरण से प्राप्त प्रथम संतति पीढ़ी के फीनोटाइप वितरण का पनेट वर्ग बनाकर प्रदर्शन करो। [3]
उत्तर:
(a) समयुग्मजी एवं विषमयुग्मजी जब किसी विशेषक में दोनों एलील समान होते हैं तब इसे समयुगमजी अवस्था कहते हैं जैसे-TT
या tt
जब किसी विशेषक के दोनों एलील असमान होते हैं तब इसे विषमयुग्मजी दशा कहते हैं जैसे-Tt

(b) समयुग्मजी एवं विषमयुग्मजी में अन्तर-

समयुग्मजी विषमयुग्मजी
1. यह किसी विशेषक (trait) के लिए शुद्ध होते हैं। 1. विषमयुग्मजी किसी विशेषक के लिए शुद्ध नहीं होते, अर्थात संकर होते हैं।
2. इनके अलील समान होते हैं जैसे TT, tt. 2. इनके अलील असमान होते हैं।
3. यह केवल एक प्रकार के युग्मक बनाते हैं। 3. इनसे एक जीन की वंशागति में दो प्रकार के युग्मक बनते हैं।
4. इनमें स्वपरागण होने पर केवल स्वयुग्मजी जीव बनते हैं। 4. स्वपरागण होने पर प्रभावी समयुग्मजी TT, प्रभावी संकर Tt तथा अप्रभावी समयुग्मजी tt प्रकार के जीव बनते हैं।
5. अतिरिक्त ओज का अभाव होता है। 5. विषमयुग्मजी जीवों में संकर ओज (hybrid vigour) पाया जाता है।

(c) 6 स्थलों के लिए विषमयुग्मजी जीव में तीन विभिन्न लक्षणों के 6 विपर्यासी/वैकल्पिक रूपों के अलील होंगे। अर्थात इसका जीनोटाइप Aa Bb Cc होगा। इससे 8 प्रकार के युग्मकों का निर्माण सम्भव है।
ABC, ABc, AbC,Abc, aBC, abC, aBc, abc.

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

प्रश्न 18.
दाद (Ringworm) के रोगजनक का नाम, संचरण की विधि तथा प्रमुख लक्षण लिखिए। [3]
अथवा
फाइलेरियासिस रोग के रोगजनक का नाम,संचरण की विधि तथा रोग के लक्षण लिखिए। [3]
उत्तर:
रिंगवर्म विशिष्ट प्रकार के कवक संक्रमणों (फंगल इन्फेक्शनों के लिए एक प्रचलित नाम है। दाद (रिंगवर्म) कवक जन्य सबसे सामान्य संक्रमणों में से एक है।
रोग जनक (Pathogen)-माइक्रोस्पोरम प्रजाति (Microsporum spp), ट्राइकोफाइटॉन प्रजाति (Trichophpyton spp), एपीडोफाइटॉन प्रजाति (Epidermophyton spp), आदि। इन्हें डर्मेटॉफाइट कहा जाता है।

संचरण की विधियाँ-रिंगवर्म रोगी व्यक्ति से सीधे सम्पर्क से तथा फोमाइट जैसे–तौलिया, कपड़े, कंघा, आदि की मदद से फैलता है। व्यापक सन्दर्भो में रिंगवर्म का संक्रमण किसी अन्य व्यक्ति से, किसी जन्तु से, मिट्टी (soil) से, बाथरूम टैप व शावर से, फर्नीचर से व कार्पेट से फैल सकता है।

लक्षण- प्रमुख लक्षण हैं-त्वचा पर चक्रीय, लाल शल्की या छालेनुमा (blistery) धब्बे। यह धब्बे शुष्क (dry) भी हो सकते हैं। तीव्र खुजली (intense itching) भी इसका प्रमुख लक्षण है। त्वचा के वलनों (folds)के बीच उपस्थित ऊष्मा व नमी, जैसे अंगुलियों के बीच बगल व जांघ में इन संक्रमणों की वृद्धि में सहायक है।

खण्ड – द

प्रश्न 19.
आप मादा युग्मकोद्भिद् के एक बीजाणुक विकास से क्या समझते हैं? परिपक्व भ्रूणकोष का कोशिकीय विवरण दीजिए। [4]
अथवा
एक परिपक्व मादा युग्मकोद्भिद् का नामांकित चित्र बनाइए। [4]
उत्तर:
गुरुबीजाणु मातृ कोशिका के अर्धसूत्री विभाजन से बने गुरुबीजाणुओं में से केवल एक क्रियाशील रहता है व बाकी तीन नष्ट हो जाते हैं। यही क्रियाशील गुरुबीजाणु तीन बार समसूत्री रूप से विभाजित होकर आठ केन्द्रकीय भ्रूणकोष बना देता है। अर्थात जब भ्रूणकोष के विकास में केवल एक ही गुरुबीजाणु भाग लेता है तब इसे एकबीजाणुक (Monosporic) विकास कहते हैं।

इस प्रकार का भ्रूणकोष अधिकांश आवृतबीजी पौधों में पाया जाता है। अतः सामान्य प्रकार का कहा जाता है। इसे सर्वप्रथम पोलीगोनम डाइवेरिकेटम (Polygonum divaricatum) पौधे में देखा गया था।
अतः यह पोलीगोनम प्रकार का भ्रूणकोष विकास कहलाता है।

इसमें बीजाण्ड द्वार की ओर एक अण्ड कोशिका व दो सहायक कोशिकाओं से बना एक अण्ड उपकरण, विपरीत सिरे की ओर तीन प्रतिमुखी कोशिकाएँ तथा बीच की एक केन्द्रीय कोशिका में 2 ध्रुवीय केन्द्रक होते हैं। अर्थात् यह 7 कोशिकीय व 8 केन्द्रकीय होता है।

भ्रूणकोष (Embryo Sac)-बीजाणुधानी के मध्य में मादा युग्मकोद्भिद् या भ्रूणकोष स्थित होता है। एक प्रारूपिक भ्रूणकोष 7 कोशिकीय व 8 केन्द्रकीय होता है। इसमें बीजाण्डद्वारीय सिरे की ओर एक अण्ड कोशिका व दो सहायक कोशिका वाला अण्ड उपकरण तथा विपरीत सिरे की ओर तीन प्रतिमुखी कोशिकाएँ होती हैं। बीच की केन्द्रीय कोशिका में दो ध्रुवीय केन्द्रक पाये जाते हैं।

RBSE 12th Biology Model Paper Set 2 with Answers in Hindi

प्रश्न 20.
डी.एन.ए. आनुवंशिक पदार्थ है, इसे सिद्ध करने हेतु अपने प्रयोग के दौरान हर्शे व चेज ने डी.एन.ए. व प्रोटीन के बीच अन्तर कैसे स्थापित किया? [4]
अथवा
निम्न के बीच अन्तर बताइये-
(i) पुनरावृत्ति डी.एन.ए. एवं अनुषंगी डी.एन.ए.
(ii) टेम्पलेट रज्जु व कोडिंग रज्जु [4]
उत्तर:
हर्शे व चेज ने डी.एन.ए. व प्रोटीन के एक रासायनिक अन्तर को इस समस्या के समाधान का आधार बनाया। डी.एन.ए. में फास्फोरस उपस्थित होता है लेकिन सल्फर का अभाव होता है। वहीं प्रोटीन में सल्फर उपस्थित होता है लेकिन फास्फोरस नहीं।

हर्शे व चेज ने जीवाणुभोजियों (Bacteriophage) के डी.एन.ए. को विकिरण सक्रिय या रेडियोएक्टिव 32P से चिन्हित किया। इसके लिए उन्होंने विषाणुओं को इस प्रकार के जैविक माध्यम में सम्वर्धित किया जिसमें रेडियोएक्टिव फास्फोरस था।

इसी प्रकार जीवाणुभोजियों को रेडियोएक्टिव 35S वाले माध्यम पर सम्बर्धित कर उन्होंने उनके प्रोटीन आवरण को रेडियाएक्टिव सल्फर (35S) से चिन्हित किया। रेडियोएक्टिव समस्थानिक जैविक प्रयोगों में एक चिन्हक के रूप में कार्य करते हैं क्योंकि मानक प्रयोगशालायी विधियों द्वारा किसी पदार्थ में उपस्थित रेडियो-एक्टिवता की जाँच की जा सकती है।

जीवाणुभोजी, ‘जीवाणु के संक्रमण के समय जीवाणुओं पर चिपकते हैं तथा अपने आनुवंशिक पदार्थ को जीवाणु कोशिका में प्रविष्ट करा देते है, इनका बाह्य प्रोटीन आवरण (कैप्सिड) बाहर ही रह जाता है। हर्शे व चेज ने यह खोजने का कार्य किया कि संक्रमण के समय जीवाणुभोजी का कौन-सा भाग (प्रोटीन या डी.एन.ए.) जीवाणु में प्रवेश करता है?

32P से चिह्नित जीवाणुीभोजी का डी.एन.ए. कोशिका में प्रवेश करता है अत: रेडियोएक्टीविटी सेन्ट्रीफ्यूज करने के बाद पेलेट के रूप में नीचे बैठी जीवाणु कोशिकाओं में मिलती है।

35S से चिह्नित जीवाणुभोजियों का सल्फर युक्त प्रोटीन आवरण जीवाणु कोशिका से बाहर ही रह जाता है अत: सेंट्रीफ्यूज करने के बाद रेडियोएक्टीविटी ऊपरी द्रव में मिलती है, पैलेट में नही।

इसी से सिद्ध हुआ कि कोशिका में प्रवेश करने वाला 32P युक्त डी.एन.ए. ही आनुवंशिक पदार्थ है तथा सेण्ट्रीफ्यूज नलिका के द्रव में रहने वाला कैप्सिड प्रोटीन है व जीवाणु कोशिका में प्रवेश करने वाला रसायन डी.एन.ए. है।

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Model Papers

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 Comparison of Quantities In Text Exercise
  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...