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RBSE Class 12 Biology Model Paper Set 9 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 56
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश-
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए-
(i) अगेव (Agave) के पौधे में वर्धी प्रजनन किस की सहायता से होता है- [1]
(अ) ऑफसेट (Offset)
(ब) सकर (Sucker)
(स) राइजोम (Rhizome)
(द) बुलबिल (Bulbil)।
उत्तर:
(द) बुलबिल (Bulbil)।
(ii) जनन छिद्र का क्या कार्य होता है- [1]
(अ) मुलाकुर का निकलना
(ब) बीज अंकुरण के लिए जल का अवशोषण
(स) परागनलिका निकास
(द) नर युग्मक का बाहर आना
उत्तर:
(स) परागनलिका निकास
(iii) अपूर्ण प्रभाविता का उदाहरण है- [1]
(अ) मटर में फूलों का रंग
(ब) एंटीराइनम में फूलों का रंग
(स) ड्रोसोफिला में आँख का रंग
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ब) एंटीराइनम में फूलों का रंग
(iv) विल्किंस व फ्रैंकलिन ने बताया कि DNA में- [1]
(अ) चार क्षारक होते हैं
(ब) हैलिक्स होता है
(स) क्षारक युग्मन पूरक होता है.
(द) न्यूक्लियोटाइड का बना होता है।
उत्तर:
(ब) हैलिक्स होता है
(v) लाइसर्जिक एसिड डाई इथाइल एमाडड किस प्रकार की ड्रग है? [1]
(अ) अवसादक
(ब) उत्तेजक
(स) विभ्रमकारी
(द) प्रशामक।
उत्तर:
(स) विभ्रमकारी
(vi) MOET एक विधि है- [1]
(अ) गर्भ निरोधक की
(ब) पशुओं में संकरण की
(स) मछलियों के सम्वर्धन की
(द) मधुमक्खी पालन की।
उत्तर:
(ब) पशुओं में संकरण की
(vii) युमेटाइड अर्थराइटिस है, एक- [1]
(अ) प्रतिरक्षी न्यूनता रोग
(ब) संक्रामक रोग
(स) स्वप्रतिरक्षी रोग
(द) हार्मोनल रोग।
उत्तर:
(स) स्वप्रतिरक्षी रोग
(viii) जीनगन में किस धातु के कणों पर डी एन ए लेपित कर उनको उच्च वेग से पोषी कोशिका पर प्रेक्षित किया जाता है- [1]
(अ) सोडियम व पोटैशियम
(ब) स्वर्ण व टंगस्टन
(स) रेडियम व पैलेडियम
(द) आर्सेनिक व मरकरी।
उत्तर:
(ब) स्वर्ण व टंगस्टन
(ix) मेलोइडेगाइन इनकोगनिटा है- [1]
(अ) एक जीवाणु
(ब) एक द्विबीजपत्री पोषक
(स) एक सूत्रकृमि
(द) पारजीनी कीट।
उत्तर:
(स) एक सूत्रकृमि
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) उन्नत नस्ल की मादा (गाय) में हार्मोनों के इंजेक्शन द्वारा अनेक अण्डों के निर्माण की प्रक्रिया …………कहलाती है। [1]
(ii) ………….. हाल ही में विलुप्त हुआ पक्षी है। [1]
(iii) आण्विक जीवविज्ञान का मूल सिद्धान्त सेण्ट्रल डोग्मा …………… ने प्रस्तावित किया। [1]
(iv) पृथ्वी पर कार्बन का मुख्य भण्डार …………… है। [1]
उत्तर:
(i) सुपरओव्यूलेशन।
(ii) डोडो।
(iii) फ्रांसिस क्रिक।
(iv) महासागर
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए-
(i) मटर में द्विगुणित क्रोमोसोम संख्या 14 है इसमें कितने सहलग्नता समूह (linkage group) बनेंगे? [1]
उत्तर:
7
(ii) वंशागति के गुणसूत्र सिद्धान्त को प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिकों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
सटन व बोवेरी
(iii) किसी एक स्वप्रतिरक्षी रोग का नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
यूमेटाइड अर्थराइटिस।
(iv) सरसों की श्वेत किट्टरोधी किस्म का नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
सरसों की पूसा स्वर्निम किस्म श्वेत किट्टरोधी
(v) जीवाणु कोशिका में मिलने वाले वर्तुल डी एन ए का प्रमुख कार्य बताइए। [1]
उत्तर:
जीवाणु को एंटीबायोटिक प्रतिरोधकता प्रदान करने वाले इस बाह्य गुणसूत्रीय डी एन ए को क्लोनिंग वाहक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(vi) चिकित्सा के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी का एक उपयोग बताइए। [1]
उत्तर:
पुनर्योगज की डी.एन.ए. तकनीक द्वारा मानव इंसुलिन का निर्माण।
(vii) जलारम्भी वशुष्कारम्भी अनुक्रमण में क्या प्रमुख समानता है? [1]
उत्तर:
दोनों समोद्भिदी परिस्थितियों की ओर अग्रसर होते हैं।
(viii) निम्न पाई चार्ट में, जिसमें पौधों की जैव विविधता निरूपित करते हुए प्रमुख वर्गकों (Taxa) की स्पीशीज आनुपातिक संख्या दर्शाई गई है, अनामांकित क्षेत्र a तथा b क्या है? नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
(a) कवक
(b) आवृतबीजी
खण्ड – ब
लघु उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
स्त्रियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली किसी गर्भ निरोधक गोली (pill) का नाम लिखिए। मुखीय गोलियाँ जन्म नियन्त्रण में कैसे काम करती हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
सहेली एक गर्भ निरोधक गोली है जो गैर स्टीराइड गर्भ निरोधक है। मुखीय गोलियाँ प्रायः अकेले प्रोजेस्टीरॉन या प्रोजेस्टीरॉन-एस्ट्रोजन संयोजन से बनी होती हैं। यह गोलियाँ रक्त में इन हार्मोनों का स्तर बढ़ा देती हैं फलस्वरूप फीडबैक इनहिबिशन प्रभाव के कारण अग्रपिट्यूटरी के हार्मोनों का स्रावण कम होता है। एफ. एस. एच. (FSH) के अभाव में पुटकीय विकास व ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन (LH) के अभाव में अण्डोत्सर्ग नहीं होता जो निषेचन हेतु आवश्यक होता है। अतः यह गोलियाँ गर्भ निरोधक की भाँति कार्य करती हैं।
प्रश्न 5.
जनसंख्या विस्फोट के लिए कौन-से कारण सुझाये गये हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर
जनसंख्या विस्फोट के लिए निम्न कारणों को उत्तरदायी माना गया है-
- मृत्युदर में हुई तीव्र गिरावट।
- मातृ मृत्युदर में कमी।
- शिशु मृत्युदर में कमी।
- जनन आयु वर्ग के लोगों में हुई बढ़ोत्तरी। इनके अतिरिक्त कुछ गौण कारण भी हैं जैसे, अशिक्षा, सामाजिक मान्यताएँ, कम उम्र में विवाह आदि।
प्रश्न 6.
एक केला शाक वाइरस से संक्रमित हो गया है। इस शाक से आप केले का स्वस्थ पौधा कैसे प्राप्त करेंगे? समझाइये। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
किसी संक्रमित पौधे के भी शीर्षस्थ (apical) व कक्षस्थ (axillary) विभज्योतक (meristem) विषाणुमुक्त होते हैं। संक्रमित केले के इन भागों को कत्तॊतक या एक्सप्लांट (explant) के रूप में पर्याप्त पोषक पदार्थों वाले संवर्धन माध्यम में निजीकृत परिस्थितियों में उगाने (अर्थात् ऊतक संवर्धन) से स्वस्थ केले के पौधे प्राप्त होंगे।
प्रश्न 7.
पत्ती में कर्तोतक पदाप के प्रवर्धन में जिस माध्यम का प्रयोग किया जाता है, उसमें विभिन्न घटकों का पता लगाइए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
संवर्धन माध्यम के निम्न प्रमुख घटक होते हैं-
- कार्बन स्रोत-सुक्रोस या अन्य शर्करा को कार्बन के स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- अन्य कार्बनिक पदार्थ हैं अमीनो अम्ल व विटामिन।
- अकार्बनिक लवण (Inorganic salt) पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, सल्फर आदि के लवण पादप कोशिकाओं की वृद्धि हेतु आवश्यक हैं।
- वृद्धि नियामक (Growth regulator) ऑक्सिन व साइटोकाइनिन जैसे वृद्धि नियामकों का प्रयोग ऊतक सम्वर्धन में आवश्यक है।
- जल।
- माध्यम को ठोस बनाने हेतु अगर-अगर का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 8.
पुनर्योगज प्रौद्योगिकी में किसी बैक्टीरियल कोशिका के भीतर वांछित DNA खण्ड को प्रवेश कराने में इस्तेमाल की जाने वाली कोई चार विधियाँ लिखिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
- जीवाणु कोशिका को कम ताप पर Ca++ आयन से उपचारित करा के उन्हें पुनर्योगज डी एन ए के साथ बर्फ पर रखना. 42°C का क्षणिक हीटशॉक तथा फिर बर्फ पर रखना।
- बायोलिस्टिक या जीन गन विधि – डी एन ए से विलेपित स्वर्ण या टंगस्टन कणों की उच्च वेग पर बमबारी कराके।
- हानिरहित रोगजनक।
- माइक्रो इंजैक्शन।
प्रश्न 9.
जैव प्रौद्योगिकी में आप अनुप्रवाह संसाधन से क्या समझते हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
अनुप्रवाह संसाधन- रिकाम्बीनेट प्रोटीन/उत्पाद प्राप्त करने हेतु जैव रासायनिक अवस्था के बाद उत्पाद का पृथक्करण व शुद्धिकरण अनुप्रवाह संसाधन कहलाता है। इसके बाद किये संरूपणों व कड़े गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों के बाद ही कोई उत्पाद विपणन हेतु तैयार होता है।
प्रश्न 10.
(a) क्रियाशील (प्रकार्यात्मक) होने के लिए इसके संसाधित होने की अवधि में प्राइंसुलिन में होने वाले परिवर्तन लिखिए।
(b) उस तकनीक का नाम लिखिए जिसके उपयोग द्वारा एली लिली नामक अमेरिकी कम्पनी ने मानव इंसुलिन का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन किया।
(c) क्रियाशील (प्रकार्यात्मक) इंसुलिन के दो पॉलिपेप्टाइड्स रासायनिक रूप से कैसे जुड़े होते हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
(a) क्रियाशील होने के लिए प्राक्इंसुलिन C-पेप्टाइड को हटा दिया जाता है। जिससे यह क्रियाशील रूप में आ जाता है।
(b) पुनर्योगज DNA तकनीक (Recombinant DNA Technology)।
(c) क्रियाशील इंसुलिन के दो पॉलीपेप्टाइड्स डाइसल्फाइड बन्धों द्वारा जुड़े रहते हैं।
प्रश्न 11.
पेटेन्ट किसे कहते हैं? ये किसके लिए प्रदान किए जा सकते हैं? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
अनुमत एकस्व या पेटेन्ट
सरकार द्वारा किसी वस्तु/सेवा के खोजकर्ता को दिया जाने वाला वह अधिकार जो अन्य व्यक्तियों को इस खोज के व्यावसायिक उपयोग से रोकता है पेटेंट कहलाता है।
पेटेन्ट निम्न के लिए दिये जा सकते हैं-
(a) किसी आविष्कार (जिसमें उत्पाद भी शमिल हैं) हेतु।
(b) पहले हो चुके किसी आविष्कार के सुधार (improvement) के लिए।
(c) किसी उत्पाद को बनाने की विधि के लिए।
(d) किसी विचार या अभिकल्पना (Concept or design) के लिए।
प्रश्न 12.
अपरद खाद्य श्रृंखला क्या होती है? उदाहरण देकर बताइए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
अपरद खाद्य श्रृंखला-यह अपरद से प्रारम्भ होती है। अपरद पर सूक्ष्मजीवों की क्रिया होती है, इनका अपरदहारी भक्षण करते हैं। अपरदहारी को विभिन्न प्रकार के परभक्षी खाते हैं। जैसे-
प्रश्न 13.
प्राथमिक अनुक्रमण एवं द्वितीयक अनुक्रमण में तीन अन्तर लिखिए। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
प्राथमिक व द्वितीयक अनुक्रमण में अन्तर
प्राथमिक अनुक्रमण | द्वितीयक अनुक्रमण |
1. ऐसे क्षेत्रों से प्रारम्भ होता है जहाँ पहले किसी प्रकार की वनस्पति/समुदाय नहीं थे। जैसे ठण्डा लावा, नग्न चट्टान, नया बना जलाशय आदि। | 1. ऐसे क्षेत्रों से प्रारम्भ होता है जहाँ की वनस्पति/समुदाय किन्हीं कारणों से नष्ट हो गये हैं जैसे वनों की आग में नष्ट हो गयी वन भूमि में हुआ अनुक्रमण। |
2. अनुक्रमण की गति धीमी होती है चरम समुदाय की स्थापना में समय लगता है। | 2. अनुक्रमण की गति तेज होती है अत: चरम समुदाय की स्थापना शीघ्र होती है। |
3. पायोनियर प्रजातियाँ छोटे पौधे, जैसे चट्टान पर लाइकेन व जलाशयों में प्लवक होते हैं | 3. यहाँ भूमि के नीचे अप्रभावित रहे भूमिगत भाग जैसे राइजोम, बीज या अन्य प्रवर्ध्य पहले उपलब्ध प्रजाति को स्थापित कर देते हैं। |
4. प्रारम्भ में मृदा, व कार्बनिक पदार्थ का सर्वथा अभाव होता है। | 4. मृदा व कार्बनिक पदार्थ उपस्थित होते है। |
प्रश्न 14.
कोई ऐसी चार तकनीकों की सूची बनाइये जिनमें जैव विविधता के बाह्यस्थाने (एक्स सिटू) संरक्षण के नियम को प्रयुक्त किया जाता है? किन्ही दो इनसीटू संरक्षण विधियों के नाम लिखें। [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
- युग्मकों का क्रायो परिरक्षण
- अण्डे का पात्रे निषेचन
- पादपों का ऊतक संवर्धन द्वारा गुणन
- बीजों को लम्बे समय तक बीज बैंक में रखना
दो इनसीटू संरक्षण विधियों के नाम-
- नेशनल पार्क
- वन्य जीव अभयारण्य
प्रश्न 15.
“किसी भी समुदाय की स्थिरता उसकी अपनी स्पीशीज सम्पन्नता पर निर्भर होती है। ऐसा कहा जाना डैविड टिलमैन ने प्रयोग द्वारा किस प्रकार प्रदर्शित किया, लिखिए? [1\(\frac {1}{2}\)]
उत्तर:
डेविड टिलमैन ने पारितंत्रों पर दीर्घावधि (लम्बे समय) प्रयोग आउटडोर प्लॉट के उपयोग द्वारा किये। टिलमैन ने पाया कि ऐसे प्लॉट ने जिनमें अधिक प्रजातियाँ थीं, साल दर साल कुल जैव मात्रा उत्पादन में कम भिन्नता प्रदर्शित की। अर्थात अधिक प्रजाति वाले भूखण्ड अधिक स्थिर थे। उन्होंने यह भी पाया कि अधिक विविधता अधिक उत्पादक होती है।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 16.
क्या एक जनक जीव से बनने वाले सभी युग्मकों का आनुवंशिक संघटन एक सा (जनक जीनोम की हुबहू प्रतिलिपि) होता है? युग्मक जनन की पृष्ठभूमि में इस परिस्थिति का विश्लेषण कीजिए तथा उचित व्याख्या दीजिए। [3]
अथवा
निम्नलिखित में अलैंगिक जनन संरचना का नाम लिखिए- [3]
(i) अदरक, (ii) ब्रायोफिल्लम (iii) स्पंज (iv) अगेव (v) पेनिसिलियम (vi) जलकुम्भी।
उत्तर:
एक जनक से बने सभी युग्मकों का आनुवंशिक संघटन समान नहीं होता। युग्मक बनते समय समजात गुणसूत्रों के जोड़े के गुणसूत्र अलग हो जाते हैं। एक युग्मक में एक जोड़े का एक ही गुणसूत्र जाता है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि एक जोड़े का एक ही गुणसूत्र पूर्णतः समान नहीं होता। उनका डी०एन०ए० एक सा नहीं होता। उन पर एक ही जीन (gene) के दो भिन्न-भिन्न रूप हो सकते हैं। उनके व्यवस्थित होने का ढंग भी युग्मकों में भिन्नता लाता है।
दूसरे प्रथम अर्धसूत्री विभाजन की पेकीटीन व डिप्लोटीन अवस्था में समजात गुणसूत्रों के जोड़े के गुणसूत्रों के बीच क्रासिंग ओवर व कियसेज्मेटा निर्माण होता है। इसके कारण एक गुणसूत्र का एक खण्ड समजात गुणसूत्र से जुड़ जाता है। चूंकि यह स्थानान्तरण या विनिमय सांयोगिक होता है अतः डी०एन०ए० क्रमों के अनेकानेक नये संयोजन बन जाते हैं इसी के कारण अर्धसूत्री विभाजन की समाप्ति पर भिन्न-भिन्न आनुवंशिक संघटन वाले युग्मक बन जाते हैं।
प्रश्न 17.
सहलग्नता किसे कहते हैं? पक्षियों में लिंग निर्धारण को समझाइए। [3]
अथवा
हीमोफीलिया मानवों में एक लिंग सहलग्न अप्रभावी विकार है, नीचे दिए वंशावली चार्ट में एक परिवार में हीमोफीलिया की वंशागति दिखाई गई है। इस वंशावली का अध्ययन कीजिए तथा आगे पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) वंशावली चार्ट के संख्या 4, 5 तथा 6 के सभी सम्भावित जीनोटाइप बताइए।
(ii) रक्त परीक्षण से पता लगा कि व्यक्ति संख्या 14 हीमोफीलिया का वाहक है। सदस्य संख्या 15 ने हाल ही में सदस्य संख्या 14 से विवाह किया है। बताइये कि उनकी प्रथम सन्तान की एक हीमोफीलिया ग्रस्त नर होने की क्या प्राथमिकता होगी? [3]
उत्तर:
सहलग्नता (linkage) एक ही क्रोमोसोम पर स्थित जीन सहलग्न जीन तथा उनका एक साथ वंशागत होना सहलग्नता कहलाता है। अर्थात पूर्ण सहलग्न जीन स्वतन्त्र अपव्यूहन प्रदर्शित नहीं करते।
पक्षियों में लिंग निर्धारण
पक्षियों में ZW-ZZ प्रकार लिंग निर्धारण पाया जाता है। अर्थात इसमें मादा विषमयुग्मकता पायी जाती है।
मादा पक्षी दो प्रकार के युग्मक (अण्ड) बनाती है। आधे अण्ड Z प्रकार के व आधे W प्रकार के होते हैं। नर पक्षी केवल एक प्रकार (Z) प्रकार के शुक्राणु बनाता है। Z अण्ड के Z शुक्राणु द्वारा निषेचन से नर पक्षी तथा W अण्ड के Z शुक्राणु के निषेचन से मादा पक्षी बनता है।
प्रश्न 18.
इन्टरफेरॉन से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेरान एवं एण्टीबॉडीज में चार अन्तर स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
डी-लिम्फोसाइट एवंटी लिम्फोसाइट को संक्षिप्त समझाइए। [3]
उत्तर:
तालिका : इन्टरफेरान व एन्टीबॉडीज में अन्तर
इन्टरफेरॉन | एन्टीबॉडीज |
1. सूक्ष्मजीव से संक्रमित कोशिका द्वारा उत्पन्न होते हैं। | 1. बी लिम्फोसाइट से बनी प्लाज्मा कोशिका द्वारा उत्पादित। |
2. संक्रमित कोशिका से निकलकर स्वस्थ कोशिका में प्रवेश कर उन्हें संक्रमण से बचाते हैं। | 2. रक्त व लिम्फ में परिवहित होकर एन्टीजन व रोगजनक से छुटकारा दिलाते हैं। रोगजनक के भक्षण में भी मदद करते हैं। |
3. प्रतिक्रिया में तेज लेकिन सूक्ष्मजीवों से अस्थायी सुरक्षा दिलाते हैं। | 3. पहली बार विकास की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी लेकिन एन्टीजन/सूक्ष्म जीव से दीर्घावधि सुरक्षा। |
4. स्वस्थ कोशिकाओं को रोगजनक रोधी पदार्थ बनाने को प्रेरित करते हैं। | 4. सूक्ष्मजीवों के एन्टीजन से जुड़कर इनके भक्षण को सहज बना देते हैं। |
खण्ड – द
निबंधात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 19.
निषेचन पश्च घटनाओं से आपका क्या तात्पर्य है? पुष्प में होने वाली पश्च निषेचन घटनाओं को सूचीबद्ध कीजिए। [4]
अथवा
किसी द्विबीजपत्री पादप के युग्मनज से पूर्ण विकसित भ्रूण बनने तक की अवस्थाओं को केवल नामांकित चित्रों द्वारा प्रदर्शित कीजिए। [4]
उत्तर:
पुष्पीय पौधों में द्विनिषेचन के बाद से फल के परिपक्वन तक की घटनाएँ सम्मिलित रूप से पश्च निषेचन घटनाएँ कहलाती हैं। प्रमुख पश्च निषेचन घटनाएँ निम्न हैं-
- प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक (PEN) से भ्रूणपोष का विकास
- युग्मनज से भ्रूण का विकास, युग्मनज का प्राक्भूण (proembryo), गोलाकार, हृदयाकार स्थितियों से गुजरते हुए परिपक्व भ्रूण में परिवर्तित होना।
- बीजाण्ड का बीज में रूपान्तरण (इसमें अध्यावरण का बीज चोल में परिवर्तन, बीजाण्डकाय का या तो पूर्णतः समाप्त हो जाना अथवा परिभ्रूणपोष के रूप में बचा रहना, बीज से जल की हानि, बीज का प्रसुप्ति में प्रवेश आदि परिघटनाएँ शामिल हैं।
- अण्डाशय का फलभित्ति (Pericarp) के रूप में विकास (बाह्य दलपत्र, दल पत्र, पुंकेसर, आदि का सूखकर गिर जाना, तथा अण्डाशय का फूलकर फल के रूप में रूपान्तरित हो जाना जिसमें बीज स्थित हों)
प्रश्न 20.
आनुवंशिक कूट को परिभाषित कीजिए। आनुवंशिक कूट की विशेषताएँ लिखिए। [4]
अथवा
अनुवाद हेतु आवश्यकताएँ बताइए। [4]
उत्तर:
आनुवंशिक कूट की परिभाषा
आनुवंशिक कूट (Genetic Code) प्रारम्भिक काल से उपस्थित वह सार्वत्रिक कोड है जो सभी जीवधारियों में आनुवंशिक सूचना के आधार पर प्रोटीन संश्लेषण को विशिष्टीकृत करता है। इस आनुवंशिक भाषा का प्रत्येक कोड वर्ड या संकेताक्षर (कोडोन) तीन अक्षरों का बना होता है जो mRNA के न्यूक्लियोटाइडों के संकेत (A U G C) हैं तथा कोडोन प्रोटीनों में पाये जाने वाले 20 अमीनो अम्लों में से किसी एक को इंगित करता है।
जेनेटिक कोड की प्रमुख विशेषताएँ-
- त्रिकूट या कोडोन त्रिक होता है। अर्थात एक अमीनो अम्ल को कोड करने वाले कोड वर्ड या संकेत शब्द में तीन अक्षर (क्षारक) होते हैं। जैसे-AGC । कुल 64 कोडोनों में से 61 कोडोन, अमीनो अम्लों को कूटलेखित (कोडित) करते हैं तथा तीन कोडोन, किसी अमीनो अम्ल को कोडित नहीं करते तथा समापन या रोध प्रकूट कहलाते हैं-UAA, UAG व UGA.
- जेनेटिक कोड असंदेहास्पद या व विशिष्ट होता है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक कोडोन का केवल एक अर्थ होता है। (एक कोडोन केवल एक अमीनो अम्ल का कूटलेखन करता है) जैसे कोड CCG अमीनो अम्ल प्रोलीन को कोड करेगा अन्य किसी अमीनो अम्ल को नहीं।
- जेनेटिक कोड अपह्रासित होता है, अर्थात कुछ अमीनो अम्ल एक से अधिक कोडोनों द्वारा कूटलेखित होते हैं। उदाहरण के लिए GGU, GGC, GGA व GGG कोडोन, अमीनो अम्ल ग्लाइसिन के कोड हैं।
- जेनेटिक कोड कौमा रहित होता है अर्थात विराम चिह्नों का अभाव होता है तथा mRNA पर इसे मिले हुए लगातार रूप से पढ़ा जाता है। जेनेटिक कोड अनतिव्यापी होता है। एक अक्षर का प्रयोग एक ही कोडेन में होता है।
- जेनेटिक कोड सार्वभौमिक होता है। उदाहरण के लिए एक कोशिकीय जीवाणु से लेकर मनुष्य जैसे जटिल जीवों तक में कोडोन UUU, अमीनो अम्ल फिनाइल एलेनीन (Phe) का कोड है। इस नियम के कुछ अपवाद माइट्रोकान्डियल कोडोन व कुछ प्रोटोजोआ में पाये गये हैं।
- कोडोन AUG दोहरा कार्य करता है। यह अमीनो अम्ल मिथियोनीन का कोड है अर्थात उसे कूटित करता है तथा प्रारम्भन प्रकूट की भाँति भी कार्य करता है। कोडोन UAA, UAG व UGA समापन या रोध कोडोन कहलाते हैं।
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