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RBSE 12th Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

March 31, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th Economics Model Papers Set 5 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi

समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

RBSE Solutions

खण्ड – (अ)

प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न

(i) राष्ट्रीय आय मापने की विधि है – (1)
(अ) आय विधि
(ब) व्यय विधि
(स) उत्पाद विधि
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(द) उपरोक्त सभी

(ii) व्यष्टि तथा समष्टि अर्थशास्त्र एक दूसरे के (1)
(अ) विरोधी हैं
(ब) समानार्थी हैं
(स) पूरक हैं
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(स) पूरक हैं

(ii) ‘द जनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लॉयमेंट, इन्टरेस्ट एंड मनी’ के लेखक हैं (1)
(अ) कीन्स
(ब) एडमस्मिथ
(स) लैनिन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) कीन्स

RBSE Solutions

(iv) विनिमय की आवश्यक शर्त है (1)
(अ) दो पक्षों का होना
(ब) दोनों की स्वतन्त्र सहमति
(स) दोनों के पास एक-एक वस्तु की अतिरिक्त मात्रा
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपरोक्त सभी।

(7) रिजर्व बैंक का कार्य नहीं है (1)
(अ) नोट निर्गमन करना
(ब) व्यापारियों को ऋण देना
(स) अन्तिम ऋणदाता
(द) बैंकों का बैंक
उत्तर :
(ब) व्यापारियों को ऋण देना

(vi) संकेतिक मुद्रा होती है (1)
(अ) देश की सहायक मुद्रा
(ब) देश की प्रधान मुद्रा
(स) असीमित विधि ग्राह्य मुद्रा
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) देश की सहायक मुद्रा

RBSE Solutions

(vii) कौन-सी आर्थिक क्रियाएँ अर्थशास्त्र की अध्ययन सामग्री के अंतर्गत सम्मिलित की जाती हैं (1)
(अ) असीमित आवश्यकताओं से जुड़ी आर्थिक क्रियाएँ
(ब) सीमित साधनों से जुड़ी आर्थिक क्रियाएँ
(स) (अ) और (ब) दोनों।
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) (अ) और (ब) दोनों।

(vii) माँग की लोच का सूत्र है (1)
(अ) eD = ΔP x Aq
(ब) eD = \(\frac{\Delta q}{\Delta \mathrm{P}}\)
(स) eD = \(=\frac{P}{q}\)
(द) eD = \(\frac{\Delta Q}{\Delta P} \times \frac{Q}{P}\)
उत्तर :
(द) eD = \(\frac{\Delta Q}{\Delta P} \times \frac{Q}{P}\)

(ix) बजट रेखा की प्रवणता होती है (1)
(अ) धनात्मक
(ब) ऋणात्मक
(स) ऋणात्मक एवं धनात्मक दोनों
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) ऋणात्मक

(४) अति अल्पकाल में पूर्ति होगी – (1)
(अ) पूर्णतः लोचदार
(ब) पूर्णतः बेलोचदार
(स) लोचदार
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) लोचदार

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(xi) कल स्थिर लागत में उत्पादन की मात्रा का भाग देकर निकाली जाती है – (1)
(अ) औसत स्थिर लागत
(ब) औसत परिवर्ती लागत
(स) औसत लागत
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(अ) औसत स्थिर लागत

(xii) पैमाने के प्रतिफल की अवस्था है (1)
(अ) स्थिर पैमाने का प्रतिफल
(ब) वर्धमान पैमाने का प्रतिफल
(स) ह्रासमान पैमाने का प्रतिफल
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

(i) उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने हेतु जो व्यय किया जाता है उसे ………………………………………… व्यय कहते हैं। (1)
उत्तर:
निवेश

(ii) वे कर जिनका बोझ व्यक्ति पर अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है उन्हें …………………………………………  कर कहते हैं। (1)
उत्तर:
अप्रत्यक्ष

(iii) ………………………………………… व्यय के अन्तर्गत सरकार के उन व्ययों को शामिल किया जाता है जिसमें किसी भी प्रकार की भौतिक या वित्तीय परिसम्पत्तियों का निर्माण नहीं होता है। (1)
उत्तर:
राजस्व

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(iv) वस्तुओं में उपयोगिता का सृजन करना ही ………………………………………… कहलाता है। (1)
उत्तर:
उत्पादन

(v) उपभोक्ता को वस्तुओं के उपभोग से मिलने वाली संतुष्टि …………………………………………  कहलाती है। (1)
उत्तर:
उपयोगिता

(vi) लागत ………………………………………… वस्तु की उत्पादन लागत और उत्पादन की मात्रा के सम्बन्ध को व्यक्त करता है। (1)
उत्तर:
फलन

प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर 10-20 शब्दों में दीजिए

(i) समष्टि अर्थशास्त्र के प्रमुख उपकरण कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
समग्र माँग और समग्र पूर्ति।

(ii) आर्थिक एजेंट का तात्पर्य लिखिए।
उत्तर:
वह व्यक्ति अथवा संस्थाएँ जो आर्थिक निर्णय लेते हैं।

(iii) सकल निवेश से क्या तात्पय है?
उत्तर :
पूँजीगत स्टॉक में होने वाली ऐसी वृद्धि जिसमें पूँजी स्टॉक में होने वाली टूट-फूट के लिए प्रतिस्थापन भी शामिल होता है, उसे सकल निवेश कहते हैं।

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(iv) M, में किन-किन तत्वों को शामिल किया जाता है? बताइए।
उत्तर :
M, जनता के पास करेंसी + बैंकों के पास माँग जमा।

(v) मुद्रा गुणक का सूत्र बताइए।
उत्तर :
मुद्रा गुणक = \(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{H}}\) यहाँ, M = मुद्रा की पूर्ति H = उच्च शक्ति मुद्रा

(vi) सकल प्राथमिक घाटा ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर :
सकल प्राथमिक घाटा = सकल राजकोषीय घाट – निवल ब्याज दायित्व।

(vii) राजस्व व्यय की कोई दो मुख्य मदें लिखिए।
उत्तर :
(i) बज अदायगी,
(ii) प्रतिरक्षा व्यय।

(vii) समष्टि अर्थशास्त्र में निर्णयकर्ता कौन होता है?
उत्तर :
समष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत निर्णयकर्ता बाजार, राष्ट्रीय आय, कुल रोजगार, कुल निवेश, कुल बचत आदि होते हैं।

(ix) साम्यावस्था अथवा संतुलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
वह अवस्था जिसमें सभी आर्थिक शक्तियाँ परिवर्तन की प्रवृत्ति नहीं रखती।

(x) औसत उत्पाद का सूत्र लिखिए।
उत्तर :
औसत उत्पाद \(=\frac{\text { कुल उत्पाद }}{\text { आगत की इकाइयाँ }}\)

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(xi) परिवर्तनशील लागत से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
उत्पादन के परिवर्तनशील साधनों पर किया जाने वाला व्यय, परिवर्तनशील लागत हैं।

(xii) लाभ-अलाभ बिन्दु (Break Even Point) किसे कहा जाता है?
उत्तर :
पूर्ति वक्र का वह बिन्दु जिस पर एक फर्म साधारण लाभ अर्जित करती है।

खण्ड – (ब)

प्रश्न 4.
समष्टि अर्थशास्त्र से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)- अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसमें सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित विभिन्न योगों या औसतों का अध्ययन किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कुल उत्पादन, कुल निवेश, कुल रोजगार, राष्ट्रीय आय, कीमत स्तर, मजदूरी स्तर, लागत संरचना, मुद्रा स्फीति, बेरोजगारी, भुगतान शेष आदि के अध्ययन को शामिल किया जाता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित आँकड़ों की सहायता से निवल राष्ट्रीय उत्पाद की गणना कीजिए ₹ में
(i) सकल घरेलू उत्पाद (GD.P.) 60,000
(i) मध्यवर्ती लागत मूल्य 20,000
(iii) मूल्यह्रास 4,000
(iv) विदेशों से शुद्ध आय 800
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद – मध्यवर्ती लागत मूल्य + विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय
+ 60,000 – 20,000 + 800
= ₹40,800

निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) = सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)- मूल्य ह्रास (D)
= 40,800 – 4,000
= ₹36,800.

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प्रश्न 6.
खुले बाजार कार्यवाही से क्या आशय है ?
उत्तर :
जब भारतीय रिजर्व बैंक साख को नियन्त्रित करने की दृष्टि से खुले बाजार में प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करता है तो उसकी इस क्रिया को ‘खुले बाजार की क्रियाएँ’ कहा जाता है।

प्रश्न 7.
सरकारी व्यय के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  • देश को आर्थिक रूप से विकसित करना।
  • सरकारी कामकाज एवं सरकारी प्रशासन को निर्बाध रूप से संचालन में बनाये रखना।
  • अर्थव्यवस्था में व्याप्त मंदी के प्रभाव को कम करना।
  • लोगों की सामूहिक उपभोग वाली वस्तुओं का उत्पादन कर उनकी आवश्यकता को पूरा करना।
  • देश के विकास हेतु आवश्यक आधारभूत ढाँचे का निर्माण करना।

प्रश्न 8.
राजस्व तथा पूँजीगत व्यय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
वे सरकारी व्यय जो सरकारी विभागों के सामान्य संचालन, सरकारी निःशुल्क सेवाओं, ऋणों के ब्याज भुगतान आदि पर किये जाते हैं उन्हें राजस्व व्यय करते हैं तथा वे व्यय जिन्हें भूमि, मशीनरी, कम्पनियों के शेयर आदि खरीदने या सड़क, पुल आदि के निर्माण पर किया जाता है उन्हें पूँजीगत व्यय कहते हैं।

प्रश्न 9.
योजनागत व्यय तथा गैर-योजनागत व्यय से क्या आशय है ?
उत्तर :
वे व्यय जो पंचवर्षीय योजनाओं या अन्य विशेष योजनाओं के माध्यम से किये जाते हैं उन्हें योजनागत व्यय कहते हैं तथा शेष सभी व्यय जो योजनाओं के माध्यम से नहीं किये जाते हैं उन्हें गैर-योजनागत व्यय कहते हैं।

प्रश्न 10.
विकास व्यय तथा गैर-विकास व्यय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
आधारभूत संरचना के विकास तथा विकास कार्यों हेतु गैर-विभागीय उद्यमों एवं स्थानीय निकायों को ऋण प्रदान करके किये जाते हैं उन्हें विकास व्यय कहते हैं। ऐसे व्यय जो प्रतिरक्षा, कर संग्रह, पुलिस प्रशासन, पेंशन, शेष विश्व को ऋण तथा गैर-विकास कार्यों हेतु अन्य संस्थाओं को दिये गये ऋण गैर-विकास व्यय कहलाते हैं।

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प्रश्न 11.
उत्पादन सम्भावना सेट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों की कुल मात्रा तथा प्रौद्योगिकी के ज्ञान की सहायता से उत्पादित हो सकने वाली सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के सभी सम्भावित संयोगों के समूह को अर्थव्यवस्था का उत्पादन सम्भावना सेट कहते हैं।

प्रश्न 12.
यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ हो सकता है ?
उत्तर :
यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ नहीं हो सकता है क्योंकि उसे बंडल (8,6) की अपेक्षा बंडल (10, 8) में दोनों वस्तुओं की अधिक इकाइयाँ प्राप्त होंगी अतः वह बंडल (10, 8) को पसंद करेगा।

प्रश्न 13.
निम्नस्तरीय वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
ऐसी वस्तुएँ जिनकी माँग, उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर घटती है तथा उपभोक्ता की आय में कमी होने पर बढ़ती है उन्हें निम्नस्तरीय वस्तुएँ (Inferior Goods) कहा जाता है, जैसे-डबल रोटी, वनस्पति घी, मक्का आदि।

प्रश्न 14.
अवसर लागत की अवधारणा को समझाइए।
उत्तर:
किसी साधन की अवसर लागत वह लागत है जिसका उस साधन को किसी एक कार्य में कार्यरत होने के फलस्वरूप दूसरे वैकल्पिक कार्य को नहीं कर पाने के कारण त्याग करना पड़ता है। यह किसी वस्तु की उत्पादन लागत के अन्य सर्वोत्तम विकल्प में लगने की लागत है।

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प्रश्न 15.
एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में लाभ-अधिकतमीकरण फर्म की सकारात्मक उत्पादन करने की क्या शर्ते हैं ? 2
उत्तर :
लाभ अधिकतमीकरण के लिए फर्म के सकारात्मक उत्पादन करने की निम्नलिखित तीन शर्ते हैं-

  • बाजार कीमत सीमान्त लागत के बराबर हो।
  • उत्पादन की मात्रा पर सीमान्त लागत कम नहीं हो रही हो।
  • उत्पादन स्तर पर अल्पकाल में, बाजार कीमत को औसत परिवर्ती लागत की तुलना में अधिक अथवा समान होना चाहिए। दीर्घकाल में बाजार कीमत को उत्पादन स्तर पर औसत लागत की तुलना में अधिक अथवा समान होना चाहिए।

प्रश्न 16.
इकाई कर एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर :
इकाई कर वह कर है जिसे सरकार निर्गत मात्रा की प्रति इकाई बिक्री पर लगाती है। इकाई कर लगने से उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि हो जाती है तथा उत्पादन की प्रति इकाई सीमान्त लागत भी बढ़ जाती है जिससे दीर्घकालीन पूर्ति वक्र बाटै ओर शिफ्ट हो जाता है। किसी दी हुई बाजार कीमत पर फर्म अब निर्गत की कम इकाइयों की पूर्ति करती है।

खण्ड – (स)

प्रश्न 17.
व्ययविधि द्वारा सकल घरेलू उत्पाद की गणना विधि को समझाइए।
अथवा
1929 की महामंदी का वर्णन करें। 3
उत्तर :
सन् 1929 ई. में यूरोप और उत्तरी अमरीका के देशों में निर्गत (उत्पादन) और रोजगार के स्तरों में भारी कमी आयी। इस अवधि में संयुक्त राज्य अमरीका में कुल. उत्पादन में लगभग 33 प्रतिशत की गिरावट आयी। इन घटनाओं ने अर्थशास्त्रियों को अर्थव्यवस्था के सम्बन्ध में नए तरीके से सोचने पर विवश कर दिया। इसके परिणामस्वरूप समष्टि अर्थशास्त्र का उद्भव हुआ।

प्रश्न 18.
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के उपकरण के रूप में स्थिरीकरण को समझाइए।
अथवा
केन्द्रीय बैंक को व्यावसायिक बैंकों का अंतिम ऋणदाता क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए। 3
उत्तर :
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थिरीकरण-भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा के अन्तर्वाह के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इससे बचने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अनेक उपाय करता है तथा बाहरी आघातों को नियन्त्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। माना कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास एवं सम्भावना को देखकर विदेशी लोग भारतीय बंधपत्रों (बॉण्ड्स) में निवेश करते हैं।

इन बंधपत्रों के भारतीय विक्रेता को विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी वह इसे अपने व्यावसायिक बैंक में जमा कर देगा तथा व्यावसायिक बैंक इस विदेशी मुद्रा को रिजर्व बैंक के पास अपने कोष में जमा कर देगा। बैंक ने विदेशी मुद्रा प्राप्त करते समय भारतीय मुद्रा भी ग्राहक को दी होगी अत: रिजर्व बैंक के पास इस व्यावसायिक बैंक की जमाओं में ठीक उतनी ही वृद्धि हो जायेगी, जितनी इसके नकद कोष में कमी हुई थी। इससे व्यावसायिक बैंक के कुल रिजर्व में तो कोई परिवर्तन नहीं आयेगा, लेकिन रिजर्व बैंक के तुलन पत्र में परिसम्पत्तियों और दायित्वों दोनों में वृद्धि होगी।

रिजर्व बैंक की देयताओं में वृद्धि के कारण उच्च शक्तिशाली मुद्रा के स्टॉक में वृद्धि होगी जो आगे चलकर अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि करेगी। इससे उत्पन्न स्फीतिक दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा के अन्तर्वाह के बराबर सरकारी प्रतिभूतियाँ बेचेगा। इससे अर्थव्यवस्था में कुल मुद्रा पूर्ति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इस प्रकार खुले बाजार में प्रतिभूतियों की यह बिक्री बाहरी आघातों के होने पर भी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखती है, इसे स्थिरीकरण कहा जाता है।

RBSE Solutions

प्रश्न 19.
आपके अनुसार बाजार अर्थव्यवस्था में उत्पादन कैसे किया जाय की समस्या का समाधान किस प्रकार किया जाता है?
अथवा
एक उत्पादन सम्भावना वक्र बनायें जो स्थिर सीमान्त अवसर लागत को प्रदर्शित करता हो। 3
उत्तर :
RBSE 12th Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 1

प्रश्न 20.
एक फर्म के AR तथा MR वक्र बनाइए जब पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में उत्पाद की कीमत ₹ 10 से कम होकर ₹8 प्रति इकाई हो जाती है?
अथवा
अल्पकाल में एक फर्म का पूर्ति वक्र क्या होता है ?
उत्तर :
RBSE 12th Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 2
एक फर्म का अल्पकालीन पूर्ति वक्र न्यूनतम औसत परिवर्ती लागत से ऊपर अल्पकालीन कीमत वक्र का बढ़ता हआ भाग होता है तथा न्यूनतम औसत परिवर्ती लागत से कम सभी कीमतों पर निर्गत शून्य होता है। रेखाचित्र में फर्म के अल्पकालीन पूर्ति वक्र को मोटी रेखा से प्रदर्शित किया गया है।

खण्ड – (द)

प्रश्न 21.
मुद्रा के आविष्कार ने विनिमय को कैसे सरलता प्रदान की है? समझाइए।
अथवा
रिजर्व बैंक की खुली बाजार कार्यवाही तथा स्थिरीकरण को समझाइए।
उत्तर :
(i) खुली बाजार कार्यवाही-केन्द्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा बाजार में प्रतिभूतियों, ऋण-पत्रों तथा बिलों का क्रय-विक्रय करना, खुले बाजार की कार्यवाही कहलाती है। रिजर्व बैंक द्वारा प्रतिभूतियों को बेचने से बाजार में मुद्रा की मात्रा कम तथा प्रतिभूतियों को खरीदने से मुद्रा की मात्रा बढ़ जाती है।

(ii) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थिरीकरण–भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा के अन्तर्वाह के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इससे बचने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अनेक उपाय करता है तथा बाहरी आघातों को नियन्त्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

माना कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास एवं सम्भावना को देखकर विदेशी लोग भारतीय बंधपत्रों (बॉण्ड्स) में निवेश करते हैं। इन बंधपत्रों के भारतीय विक्रेता को विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी वह इसे अपने व्यावसायिक बैंक में जमा कर देगा तथा व्यावसायिक बैंक इस विदेशी मुद्रा को रिजर्व बैंक के पास अपने कोष में जमा कर देगा। बैंक ने विदेशी मुद्रा प्राप्त करते समय भारतीय मुद्रा भी ग्राहक को दी होगी अतः रिजर्व बैंक के पास इस व्यावसायिक बैंक की जमाओं में ठीक उतनी ही वृद्धि हो जायेगी, जितनी इसके नकद कोष में कमी हुई थी।

RBSE Solutions

इससे व्यावसायिक बैंक के कुल रिजर्व में तो कोई परिवर्तन नहीं आयेगा. लेकिन रिजर्व बैंक के तलन पत्र में परिसम्पत्तियों और दायित्वों दोनों में वृद्धि होगी। रिजर्व बैंक की देयताओं में वृद्धि के कारण उच्च शक्तिशाली मुद्रा के स्टॉक में वृद्धि होगी जो आगे चलकर अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि करेगी।

इससे उत्पन्न स्फीतिक दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा के अन्तर्वाह के बराबर सरकारी प्रतिभूतियाँ बेचेगा। इससे अर्थव्यवस्था में कुल मुद्रा पूर्ति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इस प्रकार खुले बाजार में प्रतिभूतियों की यह बिक्री बाहरी आघातों के होने पर भी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखाती है, इसे स्थिरीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 22.
माँग में वृद्धि को रेखाचित्र के द्वारा स्पष्ट कीजिए।
अथवा
उपभोक्ता के इष्टतम चयन को उपयुक्त रेखाचित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर :
जिस बिन्दु पर बजट रेखा केवल अनधिमान वक्रों में से किसी एक को स्पर्श करती है, वही बिन्दु उपभोक्ता का इष्टतम चयन होगा।
RBSE 12th Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 3
उपर्युक्त चित्र में बिन्दु (e) जो बजट रेखा को स्पर्श कर रहा है वही इष्टतम चयन है क्योंकि बिन्दु वाले बण्डल से दायें वाले बण्डल उपभोक्ता के लिए खरीदने संभव नहीं होंगे तथा बिन्दु (e) से बायें वाले बण्डल उसे बिन्दु e वाले बण्डल से कम सन्तुष्टि प्रदान करेंगे अतः वह बण्डल जो बजट रेखा को छू रहा है, वही उपभोक्ता का इष्टतम चयन है।

RBSE Solutions

प्रश्न 23.
किसी बिन्दु पर अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र अल्पकालीन औसत लागत वक्र को काटता है। रेखाचित्र बनाकर समझाइए।
अथवा
निम्नलिखित तालिका, श्रम की कुल उत्पादन अनुसूची देती है। तदनुरूप श्रम का औसत उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद अनुसूची निकालिए।

L कुल उत्पाद
0 0
1 15
2 35
3 50
4 40
5 48

उत्तर :
श्रम की औसत उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद अनुसूची
RBSE 12th Economics Model Paper Set 5 with Answers in Hindi 4

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