Students must start practicing the questions from RBSE 12th Geography Model Papers Set 1 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 12 Geography Model Paper Set 1 with Answers in Hindi
समय : 2:45 घण्टे
पूर्णांक : 56
सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर: दी गई उत्तर: पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं उन सभी के उत्तर: एक साथ ही लिखें।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न (1 × 9 = 9)
(i) ‘मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के मध्य परिवर्तनशील सम्बन्धों का अध्ययन है।’ मानव भूगोल की उक्त परिभाषा किसने दी?
(अ) जीन ब्रून्स
(ब) एलन सी सेंपल
(स) रैटज़ेल
(द) ब्लाश
उत्तर:
(ब) एलन सी सेंपल
(ii) निम्न में से कौन-सा जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला भौगोलिक कारक है
(अ) भू-आकृति
(ब) जल की उपलब्धता
(स) जलवायु
(द) ये सभी।
उत्तर:
(द) ये सभी।
(iii) निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है?
(अ) बाजारीय सब्जी कृषि
(ब) भूमध्य सागरीय कृषि
(स) रोपण कृषि
(द) सहकारी कृषि
उत्तर:
(ब) भूमध्य सागरीय कृषि
(iv) निम्न में कौन-सा औद्योगिक क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका का ‘जंग का कटोरा’ कहलाता है
(अ) बफैलो
(ब) ड्युलुथ
(स) ईरी
(द) पीट्सबर्ग।
उत्तर:
(द) पीट्सबर्ग।
(v) सन्नगर शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया.
(अ) पैट्रिक गिडिज ने
(ब) जीन गोटमेन ने
(स) ममफोर्ड ने
(द) ए ई स्मेल्स ने।
उत्तर:
(अ) पैट्रिक गिडिज ने
(vi) सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में औसत जन घनत्व रहा
(अ) 310
(ब) 382
(स) 334
(द) 344
उत्तर:
(ब) 382
(vii) बुन्देलखंड, नागालैण्ड, राजस्थान में मिलने वाली ग्रामीण बस्ती का प्रकार है।
(अ) गुच्छित बस्तियाँ
(ब) एकाकी बस्तियाँ
(स) पल्ली बस्तियाँ
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) गुच्छित बस्तियाँ
(viii) भारत में सर्वाधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है
(अ) असम
(ब) पश्चिम बंगाल
(स) तमिलनाडु
(द) कर्नाटक।
उत्तर:
(अ) असम
(ix) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज भूरा कोयला’ के नाम से जाना जाता है।
(अ) लौह
(ब) लिगनाइट
(स) मैंगनीज
(द) अभ्रक।
उत्तर:
(ब) लिगनाइट
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (1 × 4 = 4)
(i) एक उदगम बिन्दु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्वा ………. होता है।
उत्तर:
नोड,
(ii) भारत का कपास उत्पादन में विश्व में ……….. स्थान है।
उत्तर:
दूसरा,
(iii) धरातलीय और भौम जल का सबसे अधिक उपयोग ………………… में होता है। .
उत्तर:
कृषि,
(iv) भारत का सड़क जाल विश्व का ……….. सबसे बड़ा जाल है।
उत्तर:
दूसरा।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (1 × 4 = 4)
(i) अपकर्ष कारकों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
काम के बेहतर अवसर,
(ii) आर्थिक क्रियाएँ क्या हैं?
उत्तर:
रहन-सहन बड़े शहरों में स्थित कार्य स्थलों पर आते-जाते की अच्छी दशाएँ।
(iii) वर्तमान समय में बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
(i) की अच्छी दशाएँ।
(ii) मानव के वे क्रियाकलाप जिनसे आय
(iv) तृतीयक क्रियाकलाप क्या हैं ?
उत्तर:
सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसे क्षेत्र जिनमें की गई भूमि पर निवासियों को समस्त प्रकार मूर्त वस्तुओं के उत्पादन की अपेक्षा सेवाओं की सुविधा; जैसे आवास, पानी एवं अन्य का व्यावसायिक उत्पादन होता है, तृतीयक अवसंरचना आदि उपलब्ध करवाकर बस्तियों क्रियाकलाप कहलाते हैं। को विकसित किया जाता है।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न (1.5 × 12 =18)
प्रश्न 4.
‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ की विचारधारा को स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
ग्रिफिथ टेलर ने नव निश्चयवाद की विचारधारा ग्रामीणीकरण योजना एवं भारत में इंदिरा गाँधी का 1948 में प्रतिपादन किया। इस विचारधारा नहर क्षेत्र में नहरी बस्तियाँ आदि नियोजित को ‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ के नाम बस्तियों के मुख्य उदाहरण हैं। से जाना जाता है। उनके मतानुसार न तो 8. प्रवास के सामाजिक परिणाम प्रवास के प्रकृति का मानव पर पूर्ण नियंत्रण है. और न दो सामाजिक परिणाम निम्नलिखित हैं
(i) ही मानव प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता प्रवास से नवीन तकनीक, परिवार नियोजन, है। बालिका शिक्षा आदि से जुड़े नवीन विचारों मानव को प्रकृति का सहयोग प्राप्त करने के का प्रसार नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की लिए उसके द्वारा निर्धारित सीमाओं को नहीं ओर होता है। तोड़ना चाहिए। मानव को विकास की
(ii) प्रवास से विविध संस्कृतियों के लोगों योजनाएँ क्रियान्वित करते समय प्रकृति के का अन्तर्मिश्रण होता है जिससे मिश्रित संस्कृति साथ सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। यह विचारधारा निश्चयवाद तथा संभववाद के बीच का उद्भव होता है। में एक मध्य मार्ग है।
प्रश्न 5.
“प्रौद्योगिकी किसी समाज के सांस्कृतिक विकास की सूचक होती है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
मनुष्य कुछ उपकरणों एवं तकनीकों की अन्तर्गत जनसंख्या अध्ययन का एक सुस्पष्ट सहायता से उत्पादन एवं निर्माण करता है क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत आयु व लिंग का जिसे प्रौद्योगिकी के नाम से जाना जाता है। विश्लेषण, निवास का स्थान, मानव प्रजातीय मनुष्य प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से लक्षण, जनजातियाँ, भाषा, धर्म, वैवाहिक समझने के पश्चात् ही प्रौद्योगिकी का विकास स्थिति, शिक्षा एवं व्यावसायिक विशेषताओं करता है, जैसे-घर्षण एवं ऊष्मा की आदि का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार संकल्पनाओं ने अग्नि की खोज में हमारा जनसंख्या की प्रजातीय, सामाजिक एवं सहयोग किया। इसी प्रकार डी.एन.ए. तथा आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या संघटन आनुवंशिकी के रहस्यों की समझ ने हमें अनेक के नाम से जाना जाता है।
बीमारियों पर विजय पाने के योग्य बनाया है।
प्रश्न 6.
उपनगरीकरण को परिभाषित कीजिए। [1.5]
उत्तर:
यह नगरीकरण की एक नवीन प्रवृत्ति है जिसमें किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति मानव बड़े शहर के सघन बसे क्षेत्रों में स्थित आवासों को छोड़कर शहर से बाहर एक ऐसे खुले व स्वच्छ वातावरण में अपना आवास बनाकर रहने लगता है जहाँ रहन-सहन की उत्तम सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इस प्रक्रिया से बड़े शहरों के निकट ऐसे उपनगर विकसित हो जाते हैं, जहाँ से प्रतिदिन हजारों व्यक्ति बड़े शहरों में स्थित कार्य स्थलों पर आते-जाते
प्रश्न 7.
नियोजित बस्तियाँ क्या होती हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। [1.5]
उत्तर:
सरकार द्वारा एक निश्चित योजना के अन्तर्गत बसाई गयी बस्तियों को नियोजित बस्तियाँ कहते हैं। सरकार द्वारा किसानों से अधिगृहीत की गई भूमि पर निवासियों को समस्त प्रकार की सुविधा; जैसे आवास, पानी एवं अन्य अवसंरचना आदि उपलब्ध करवाकर बस्तियों को विकसित किया जाता है। उदाहरण इथोपिया में वहाँ की सरकार द्वारा ग्रामीणीकरण योजना एवं भारत में इंदिरा गाँधी नहर क्षेत्र में नहरी बस्तियाँ आदि नियोजित बस्तियों के मुख्य उदाहरण हैं।
प्रश्न 8.
प्रवास के कोई दो सामाजिक परिणाम बताइए। [1.5]
उत्तर:
प्रवास के सामाजिक परिणाम प्रवास के दो सामाजिक परिणाम निम्नलिखित हैं
(i) प्रवास से नवीन तकनीक, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि से जुड़े नवीन विचारों का प्रसार नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर होता है।
(ii) प्रवास से विविध संस्कृतियों के लोगों का अन्तर्मिश्रण होता है जिससे मिश्रित संस्कृति का उद्भव होता है।
प्रश्न 9.
जनसंख्या संघटन को परिभाषित कीजिए। [1.5]
उत्तर:
जनसंख्या संघटन, जनसंख्या भूगोल के अन्तर्गत जनसंख्या अध्ययन का एक सुस्पष्ट क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत आयु व लिंग का विश्लेषण, निवास का स्थान, मानव प्रजातीय लक्षण, जनजातियाँ, भाषा, धर्म, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा एवं व्यावसायिक विशेषताओं आदि का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार जनसंख्या की प्रजातीय, सामाजिक एवं आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या संघटन के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 10.
आपके अनुसार अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ क्या हैं ? इनके लक्षण बताइए। [1.5]
उत्तर:
अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ—एकाकी बस्ती के किसी के फलस्वरूप निर्मित बस्तियों को अई-गुच्छित बस्तियों कहते हैं। अर्द्ध-गुच्छित बस्तियों के लक्षणअर्द्धगुच्छित वस्तियों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है
(i) वे बस्तियों किसी एकाकी अस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम होती हैं।
(ii) सामान्यतया इस प्रकार की बरती किसी बड़े संहत गाँव के विखण्डन के कारण भी निर्मित हो सकती है।
प्रश्न 11.
किसी नगरीय संकल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है ?
उत्तर:
एक नगरीय संकुल में निम्नलिखित तीन संयोजकों में से किसी एक का संयोजन हो सकता है.
(अ) एक नगर तथा उसका संलग्न विस्तार
(ब) विस्तार सहित अथवा बिना विस्तार के दो या दो से अधिक सटे हुए नगर
(स) एक नगर और उससे सटे हुए एक या एक से अधिक नगरों का निर्माण।
प्रश्न 12.
अत्यधिक ऋणग्रस्तता के क्या गम्भीर परिणाम हैं ? क्या आप मानते हैं कि देश के विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा आत्महत्या ऋणग्रस्तता का परिणाम है ? [1.5]
उत्तर:
भारतीय कृषक कृषि में पर्याप्त निवेश करने में असमर्थ होने तथा कृषि से कम होती आय व फसलों के खराब हो जाने से अत्यधिक ऋणग्रस्त हो जाते हैं। महाजनों तथा विविध वित्तीय संस्थाओं का कर्जा न चुका पाने की स्थिति में प्रति वर्ष भारत के विभिन्न राज्यों में हजारों कृषक आत्महत्या कर लेते हैं। वस्तुत: हमारा यह मानना है कि देश के विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा आत्महत्या अणग्रस्तता का परिणाम है। साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यधिक निम्न होने से उनकी स्थिति दयनीय मिलती है।
प्रश्न 13.
विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबंधन से आप क्या समझते हैं? [1.5]
उत्तर:
जल संभर प्रबन्धन से आशय-“प्रमुख रूप से धरातलीय और भौम जल संसाधनों का कुशल प्रबन्धन जल संभर प्रबन्धन कहा जाता विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबन्धन के अन्तर्गत सभी प्राकृतिक (जैसे-भूमि, जल, पौधे तथा प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरंत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है। जल संभर प्रबन्धन का प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक
प्रश्न 14.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-
कॉलम-I | कॉलम-II |
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग-1 | (अ) 1943 |
(ii) राष्ट्रीय राजमार्ग-2 | (ब) दिल्ली से अमृतसर तक |
(iii) नागपुर योजना-3 | (स) दिल्ली से कोलकाता तक |
उत्तर:
(i)- ब, (ii)- स, (iii) – अ,
प्रश्न 15.
राष्ट्रीय महामार्ग एवं राज्य महामार्ग में निम्नलिखित अन्तर हैं [1.5]
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग
1. ये राष्ट्र की प्रमुख सड़कें होती हैं।
2. इनका निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है।
3. ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों एवं रेलवे जंक्शनों को आपस में जोड़ते हैं।
4. ये महामार्ग आर्थिक व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। राज्य महामार्ग
राज्य महामार्ग में
1. ये राज्य की प्रमुख सड़कें होती हैं।
2.इनका निर्माण एवं रख-रखाव राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
3. ये महामार्ग राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ते हैं।
4. ये महामार्ग प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
खण्ड – (स)
दीर्घउत्तरीय प्रश्न (3 × 3 = 9)
प्रश्न 16.
तृतीयक क्रियाकलापों में कौन-कौन-से क्रियाकलाप सम्मिलित किये जाने चाहिए। [3]
अथवा
थोक व्यापार का विश्लेषण कीजिए। [3]
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसा क्षेत्र है जिनमें मूर्त वस्तुओं के उत्पादन की अपेक्षा सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन सम्मिलित होता है। तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन तथा विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में उपभोग की जाने वाली सेवाएँ सम्मिलित होती है तथा इसे पारिश्रमिक तथा वेतन के रूप में मापा जाता है। जबकि विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन तथा संचार सेवायें सम्मिलित होती हैं जिनका उपयोग दूरी को तय करने के लिए किया जाता है। वस्तुतः तृतीयक क्रियाकलापों में भौतिक वस्तुओं का उत्पादन न कर, सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है। उदाहरण के लिए-नलसाज, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, चालक, दुकानदार, कोषपाल, अध्यापक, चिकित्सक, प्रकाशक तथा वकील आदि।
प्रश्न 17.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले किन्ही तीन कारकों का वर्णन कीजिए। [3]
अथवा
विनिर्माण उद्योगों को वर्गीकृत कीजिए। [3]
उत्तर:
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने में तीन कारक निम्नलिखित है
(i) बाजार तक अभिगम्यता (पहुँच)-जिन क्षेत्रों में किसी उद्योग विशेष की वस्तुओं की खपतक होती है, वहीं वे उद्योग प्रारम्भ हो जाते हैं। ऐसा करने से तैयार माल को बाजार तक पहुँचाने का व्यय कम हो जाता है। यह तब अधिक लाभप्रद होता है, जब तैयार माल कच्चे माल की तुलना में अधिक भारी होता है। इसी कारण सीमेण्ट, फर्नीचर, काँच मिट्टी के बर्तन, चीनी के बर्तन आदि उद्योग खपत क्षेत्र की समीपता पर निर्भर रहते हैं।
(ii) कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता -उद्योगों में बहुत बड़ी मात्रा में कच्चे माल की आवश्यकता होती है। यदि यह कच्चा माल दूर से मँगाया जाता है तो परिवहन में काफी खर्च होता है। यदि कच्चा माल भारी है तो परिवहन मूल्य अधिक लगता है और लागत खर्च बढ़ जाता है। अत: जिन क्षेत्रों में भारी कच्चे माल की प्राप्ति तक की अभिगम्यता होती है, उनमें विनिर्माणी उद्योग लगाये जा सकते हैं। जैसे- चीनी के कारखाने, सीमेण्ट की फैक्ट्रियाँ, लुगदी का बनाना, कागज उद्योग आदि कच्चे माल की सुलभता मिलने पर निर्भर रहते हैं।
(iii) शक्ति के साधनों तक अभिगम्यता-ऐसे उद्योग जिनमें ऊर्जा की खपत बहुत अधिक होती है, उनको ऊर्जा उत्पादक स्रोतों के समीप ही स्थापित किया जाता है। जैसे-एल्यूमिनियम उद्योग। शक्ति के स्रोतों में कोयला के अलावा खनिज तेल तथा जलविद्युत भी सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 18.
भारत के कृषि क्षेत्र में सिंचाई हेतु जल की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए। [3]
अथवा
भारत में जल प्रदूषण की समस्या के निवारण के लिए किये गए सरकारी प्रयासों का वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
भारत के कृषि क्षेत्र में सिंचाई की आवश्यकता-कृषि क्षेत्र में जल का उपयोग मुख्य रूप से सिंचाई के लिए किया जाता है। कृषि की सफलता के लिए सिंचाई का महत्वपूर्ण
खण्ड (द)
निबन्धात्मक प्रश्न (4× 2 = 8)
प्रश्न 19.
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित र नाले कारकों का वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
जनसंख्या परिवर्तन के घटकों का उल्लेख कीजिए। [4]
उत्तर:
विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं
I. भौगोलिक कारक
(i) जल की उपलब्धता:
जल की उपलब्धता मानवीय जीवन के विविध कार्यों के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि विश्व की नदी घाटियों में जहाँ जल की पर्याप्त उपलब्धता मिलती है, विश्व के सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र है।
(ii) भू-आकृति:
विश्व के समतल मैदानी भाग सामान्यतया सघन बसे मिलते हैं क्योंकि ये क्षेत्र कृषि फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण तथा उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल दशायें प्रदान करते हैं जबकि पहाड़ी तथा पर्वतीय क्षेत्र इस दृष्टि से अधिक उपयुक्त नहीं होते हैं।
(iii) जलवायु:
अनुकूल जलवायु दशाएँ रखने वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमीय परिवर्तन नहीं होते हैं उनमें जनसंख्या सघन रूप से बसी मिलती है, जबकि अति ठण्डे, अति गर्म मरुस्थलीय क्षेत्रों, अधिक वर्षा एवं विषम जलवायु वाले क्षेत्रों में बहुत कम जनसंख्या बसी मिलती है।
(iv) मृदाएँ:
कृषि की दृष्टि से उपजाऊ मिट्टियों वाले क्षेत्र अधिक जनसंख्या को आकर्षित करते हैं जबकि कम उपजाऊ मिट्टी रखने वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या मिलती है। यथा भारत के मैदानों में काँप या जलोढ़ मृदा के कारण अधिक जन बसाव पाया जाता है जबकि राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों की मृदा वाले भाग कम जन बसाव वाले क्षेत्र
II. आर्थिक कारक
(i) खनिज:
खनिज संसाधनों से सम्पन्न क्षेत्र खनन कार्य के साथ-साथ अनेक उद्योगों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं जिसके कारण ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक जमाव देखने को मिलता है।
(ii) नगरीकरण:
अच्छी नागरिक सुविधाओं, रोजगार की अधिक दशाओं तथा नगरीय जीवन के आकर्षण से बड़ी संख्या में ग्रामीण जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में आकर बस जाती
(iii) औद्योगीकरण:
औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजितहोते हैं जिसके कारण यह क्षेत्र सघन जनघनत्व वाले क्षेत्र हो जाते हैं।
(iv) कृषि:
जिन क्षेत्रों में कृषि सम्बन्धी दशाएँ अधिक उन्नत पायी जाती हैं वहाँ अधिक जनबसाव एवं घनत्व पाया जाता है जबकि कृषि के दृष्टिकोण से अनुपयुक्त क्षेत्रों में कम जनसंख्या मिलती है।
III. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्त्व रखने वाले क्षेत्र अधिक सघन बसे होते हैं यथा (मक्का-मदीना, येरुशलम) जबकि सामाजिक व राजनीतिक अशान्ति रखने वाले क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व विरल हो जाता है; जैसे-जम्मू-कश्मीर।
प्रश्न 20.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विस्तार से वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
भारत की नवीन औद्योगिक नीति-1991 में अपनाये गए प्रमुख उपायों की चर्चा कीजिए। [4]
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के कारक- भारत में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता, सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता, बाजार, सस्ती जल विद्युत शक्ति की उपलब ता, स्थानिक निवेश तथा पत्तन की सुविधा . जैसे कारक प्रमुख रूप से प्रभावी रहे हैं। कपास एक शुद्ध कच्चा माल है जिसका वजन निर्माण प्रक्रिया में घटता नहीं है इसलिए वर्तमान में भारत के अधिकांश सूती वस्त्र उद्योग कपास उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलते हैं। वर्तमान में सूती वस्त्र उद्योग को बाजार में या बाजार के समीप स्थापित करने की प्रवृत्ति मिलती है तथा बाजार की माँग यह निर्धारित करती है कि उद्योग में किस प्रकार के कपड़े का उत्पादन होना चाहिए।
जल विद्युत शक्ति के विकास से सूती वस्त्र मिलों को कपास उत्पादक क्षेत्रों से दूर स्थापित करने में सहयोग मिला है। तमिलनाडु राज्य की अधिकांश सूती वस्त्र मिलें सस्ती जलविद्युत शक्ति की उपलब्धता के कारण ही स्थापित हुई हैं। सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता के आधार पर उज्जैन, भरूच, आगरा, हाथरस, कोयंबटूर तथा तिरुनेलवेली नामक स्थानों पर सूती वस्त्र मिलों की स्थापना की गई। स्थानिक निवेश ने मुम्बई तथा कानपुर नगरों में सूती वस्त्र मिलों की स्थापना को बल प्रदान किया। पत्तन की सुविधा के कारण कोलकाता में सूती वस्त्र मिलें स्थापित की गईं। भारत में सूती वस्त्र उत्पादन के प्रमुख केन्द्र भारत में सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक विकास गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल तथा तमिलनाडु राज्यों में हुआ है। जबकि मुम्बई तथा अहमदाबाद भारत में सूती वस्त्र उद्योग के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं। वर्तमान में भारत के प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक राज्यों के निम्नलिखित केन्द्रों पर सूती वस्त्र उद्योग कार्यरत हैं
उत्तर:
1. गुजरात-अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट तथा पोरबन्दर।
2. महाराष्ट्र-मुम्बई, पुणे, जलगाँव, औरंगाबाद, सांगली, कोल्हापुर, शोलापुर, नागपुर तथा वर्धा।
3. कर्नाटक हुबली, मैसूर, बैंगलूरु, देवानगिरी एवं बेल्लारी।
4. मध्य प्रदेश इन्दौर, उज्जैन, देवास तथा बुरहानपुर तथा ग्वालियर।
5. तमिलनाडु-चेन्नई, कोयंबटूर, थंजावुर, तिरुनेलवेली तथा तूतीकोरिन।
6. आन्ध्र प्रदेश गुंटूर तथा काकीनाड़ा।
7. पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद, हावड़ा, हुगली तथा कोलकाता।
8. उत्तर: प्रदेश वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद तथा सहारनपुर।
9. दिल्ली शाहदरा।
10. तेलंगाना हैदराबाद, वारंगल।
प्रश्न क्रमांक 21 से 22 मानचित्र कार्य से सम्बन्धित हैं। प्रत्येक प्रश्न-2 अंक का है।
प्रश्न 21.
दिए गए विश्व के रेखा मानचित्र में निम्नांकित सघन जनसंख्या वाले देशों को दर्शाइए [4]
(i) चीन
(ii) भारत
(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका
(iv) ब्राजील
उत्तर:
प्रश्न 22.
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नांकित सूती वस्त्र उद्योग केन्द्रों को दर्शाइए: [4]
(अ) दिल्ली
(ब) चेन्नई
(स) मुम्बई
(द) कोलकाता
उत्तर:
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