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RBSE Class 12 Home Science Model Paper Set 3 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टे 45 मिनट
पूर्णाक : 56
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड – अ
प्रश्न 1.
बहुविकल्पी प्रश्न- (9 × 1 = 9)
(i) कार्य में सम्मिलित हो सकने वाली गतिविधि है-
(अ) वेतन के लिए
(ब) उद्यम वृत्ति
(स) परामर्श
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(ii) सुकार्यिकी द्वारा किन पहलुओं पर विचार किया जाता है?
(अ) श्रमिक क्षमता
(ब) कार्य की माँग
(स) कार्य परिवेश
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
(iii) अधिक लवणयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से किसका खतरा बढ़ता है?
(अ) मधुमेह का
(ब) उच्च रक्तचाप का
(स) अस्थमा का
(द) कैंसर का
उत्तर:
(द) कैंसर का
(iv) समुदाय को ……………. के रूप में परिभाषित किया जा सकता है
(अ) लोगों का एक विशिष्ट समूह
(ब) लोगों के कार्यों की दशा
(स) प्रवास की प्रक्रिया
(द) पोषण का एक प्रकार
उत्तर:
(अ) लोगों का एक विशिष्ट समूह
(v) डिजाइन के मख्य कारक होते हैं-
(अ) तत्व
(ब) सिद्धान्त
(स) अ एवं ब दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) अ एवं ब दोनों
(vi) फैशन क्षेत्र में सफलता के लिये डिजाइनरों, व्यापारियों तथा बाजार चलाने वालों के पास योग्यता होनी चाहिये-
(अ) पूर्वानुमान योग्यता
(ब) विश्लेषणात्मक योग्यता
(स) संप्रेषण योग्यता
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
(vii) मानव संसाधन व्यावसायिकों हेतु जो न्यूनतम अपेक्षा नहीं है, वह है-
(अ) लक्ष्यों के सम्बन्ध में स्पष्टता
(ब) समय प्रबंधन में दक्षता
(स) कार्य निष्पादनों की तुलना
(द) कर्मचारियों का प्रतिधारण
उत्तर:
(द) कर्मचारियों का प्रतिधारण
(viii) वस्तुओं व सेवाओं की खरीददारी करने वाले को कहते हैं-
(अ) क्रेता
(ब) विक्रेता
(स) उपभोक्ता
(द) सेवा प्रदाता
उत्तर:
(स) उपभोक्ता
(ix) विकास संचार की पहल से सम्बन्धित देश का उदाहरण है-
(अ) ब्राजील
(ब) भारत
(स) इंडोनेशिया
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए- (4 × 1 = 4)
(i) भारत में ……………… जनसंख्या के बड़े भाग के मुख्य व्यवसायों में से एक व्यवसाय रहा है।
(ii) निदेशन के लिए सतत आधार पर शीघ्र निर्णय लेने की …………… और …………….. होनी चाहिए।
(ii) भारत ………… अर्थव्यवस्था में रूपान्तरित हो रहा है।
(iv) समारोह के आयोजन के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं किराए पर लेना ………….. कहलाता है।
उत्तर:
(i) कृषि,
(ii) क्षमता, योग्यता,
(iii) अल्पविकसित, विकासशील,
(iv) आउट सोर्सिंग।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न- (8 × 1 = 8)
(i) किसी देश के विकास-स्तर को मापने के लिए क्या-क्या शामिल किया जाता है ?
उत्तर:
किसी देश के विकास-स्तर को मापने के लिए जन्म के समय जीवन की प्रत्याशा, प्रौढ़ साक्षरता दर और प्रति व्यक्ति सफल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) को शामिल किया जाता है।
(ii) शैशवावस्था में बच्चे की देखभाल परिवार के अलावा दो अन्य संस्थागत वैकल्पिक व्यवस्थाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
(1) शिशु केन्द्र (क्रेच) (2) दिवस देखभाल केन्द्र (डे केयर सेन्टर)।
(iii) ऐसे अनेक सामान्य विद्यालय है जो समावेशी है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसका अर्थ है कि विशेष शिक्षा आवश्यकता वाले विद्यार्थी नियमित कक्षाओं में पढ़ते हैं। विशेष शिक्षक, नियमित शिक्षकों के साथ काम का समन्वय करता हैं और विद्यार्थियों को अतिरिक्त शिक्षा सहायता प्रदान करते हैं।
(iv) डिजाइन के तत्व किसके सर्जन हेतु परिचालित किये जाते हैं? अथवा डिजाइन के सिद्धान्तों के नाम बताइये।
उत्तर:
डिजाइन के तत्व सामंजस्य, सन्तुलन, आवर्तन, अनुपात और महत्व के सर्जन हेतु परिचालित किये जाते हैं। ये डिजाइन के सिद्धान्त हैं।
(v) जल निष्कर्षण के प्रमुख तरीके कौन से हैं?
उत्तर:
चक्रण, तली निकास व तली निकास तथा चक्रण का संयोजन कर जल निष्कर्षण किया जाता है।
(vi) इवेंट (समारोह किसे ध्यान में रखकर परिकल्पित किया जाता है?
उत्तर:
इवेंट लक्षित दर्शकों को ध्यान में रखते हुए परिकल्पित किया जाता है।
(vii) पारिवारिक समारोह को किन अवसरों के रूप में देखा जाता है?
उत्तर:
पारिवारिक समारोह को पुराने मित्रों, रिश्तेदारों से मिलने तथा अनजान लोगों के साथ नए सम्बंध विकसित करने के अवसरों के रूप में देखा जाता है।
(vii) कार्मिक प्रबंधन व मानक संसाधन प्रबंधन में क्या अंतर है?
उत्तर:
कार्मिक प्रबंधन का ध्यान नियमित गतिविधियों पर अधिक होता है, जबकि मानव संसाधन प्रबंधन में मानवीय प्रक्रियाओं का निरन्तर विकास होता है।
खण्ड – ब
लघूत्तरात्मक प्रश्न (12 × 1.5 = 18)
प्रश्न 4.
सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण के क्षेत्र में कैरियर के विकल्प बताइए।
उत्तर:
सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण के क्षेत्र में कैरियर के विकल्प-
- अस्पतालों के पी.एस.एम. विभागों में सामुदायिक विशेषज्ञ के रूप में।
- सरकार के पोषण कार्यक्रम, जैसे आई. सी.डी.एस खाद्य एवं पोषण बोर्ड में।
- क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थानों में पोषण विशेषज्ञ के रूप में।
- परामर्शदाता के रूप में।
- विद्यालयों, उद्योगों, इत्यादि के लिए आहार विशेषज्ञों या परामर्शदाताओं के रूप में।
- शिक्षण और शैक्षिक के रूप में।
प्रश्न 5.
प्रतिष्ठानों में खाद्य सेवा पद्धति निर्धारित करते समय किन-किन तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए?
उत्तर:
प्रतिष्ठान और खाद्य सेवा पद्धति का प्रकार कुछ भी हो, कुल मिलाकर लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सप्लाई किया गया भोजन अच्छी गुणवत्ता वाला होना चाहिए। इसके लिए खाद्य सेवा प्रबंधक/भोजन प्रबंधक में निम्नलिखित निपुणताएँ होनी चाहिए-
- व्यंजन-सूची नियोजन खाद्य चयन, बनाने और परोसने तथा आवश्यक उपकरणों का ज्ञान।
- संगठनात्मक और प्रबंधन कौशल तथा सफल कार्मिक निदेशन।
- सुनिश्चित कर सके कि सफाई और स्वच्छता सर्वोत्तम है।
- लागत नियंत्रण की समुचित प्रणाली।
- इकाई के भौतिक स्वरूप के लिए स्थान का बुद्धिमता से प्रयोग किया हो।
- सुनिश्चित कर सकें कि अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित कार्रवाई और विधियाँ प्रयोग में लाई जा रही हैं
- सारी प्रक्रिया यथासंभव पर्यावरण हितैषी हो।
प्रश्न 6.
उत्तम निर्माण पद्धतियाँ क्या हैं? बताइए।
उत्तर:
उत्तम निर्माण पद्धतियाँ- उत्तम निर्माण पद्धतियाँ गुणवत्ता आश्वासन का एक भाग है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए है कि खाद्य निर्माता यह सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही उपाय करें कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं। इससे संदूषण को कम करने या दूर करने एवं गलत लेबल लगाने से बचने में सहायता मिलती है। इससे उपभोक्ता को उन उत्पादों, जो हानिकारक नहीं है को खरीदने से गुमराह होने से बचाया जा सकता है। निर्माताओं द्वारा अनुपालन और निष्पादन करने में मदद करने हेतु उत्तम निर्माण पद्धतियाँ एक अच्छा व्यावसायिक माध्यम हैं।
प्रश्न 7.
उत्तम हस्तन पद्धतियों क्या है? बताइए।
उत्तर:
उत्तम हस्तन पद्धतियाँ-उत्तम हस्तन पद्धतियाँ एक ऐसा व्यापक अभिगम है जो खेत से भंडार या उपभोक्ता तक के जोखिमों के संभावित स्रोतों की पहचान करता है एवं बताता है कि संदूषण के खतरे को कम करने के लिए क्या कदम उठाने होंगे एवं क्या विधियाँ अपनानी होंगी। उत्तम हस्तन यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य पदार्थों का हस्तन करने वाले सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतें अच्छी हैं।
प्रश्न 8.
विशेष आवश्यकता वाले बच्चे कौन-से होते हैं? इनमें अपंगता किन कारणों से हो सकती है?
उत्तर:
कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हें चलने-फिरने, खेलने, बोलने, देखने और सुनने में समाज में लोगों से बातचीत करने अथवा किसी ऐसे कार्य को करने में अस्वाभाविक रूप से कठिनाई हो सकती है जिन कार्यों को करना हम सामान्य मानते हैं। ऐसे बच्चों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चे कहते हैं।
इन बच्चों में कुछ स्थितियों के कारण अपंगता हो सकती है, जैसे- सुनने में दोष, देखने में दोष या बौद्धिक दोष। इष्टतम रूप से संसार का अनुभव करने के लिए उन्हें अधिक प्रयास करना पड़ता है और इनके आस-पास के लोगों को उनके इस प्रयास में उन्हें सक्षम बनाना होता है।
प्रश्न 9.
टिप्पणी लिखिए-
1. शिशु केन्द्र
2. दिवस देखभाल केन्द्र.
3. नर्सरी एवं मॉन्टेसरी स्कूल।
उत्तर:
1. शिशु केन्द्र (क्रेच) : छोटे बच्चों और शिशुओं के शिक्षक अथवा देखभालकर्ता के रूप में व्यक्ति क्रेच में कार्य कर सकते हैं।
2. दिवस देखभाल केन्द्र : ये छोटे बच्चों की दिन में देखभाल की व्यवस्था करते हैं। इसमें प्रशिक्षित व्यक्ति शिक्षक एवं देखभालकर्ता के रूप में काम कर सकते हैं।
3. नर्सरी एवं मॉन्टेसरी स्कूल : इनमें विद्यालय पूर्व बच्चों को शिक्षा दी जाती है इनमें भी व्यक्ति शिक्षक के रूप में अपना कैरियर बना सकते हैं।
प्रश्न 10.
युवाओं के व्यापक संवर्ग में कौन से समूह विशेषरूप से संवेदनशील हैं?
उत्तर:
युवाओं के व्यापक संवर्ग में निम्नलिखित समूह विशेष रूप से संवेदनशील हैं-
- ग्रामीण और जन जातीय युवा,
- विद्यालय छोड़ चुके युवा,
- किशोर विशेष रूप से किशोरियाँ,
- दिव्यांगताओं वाले युवा, तथा
- विशेष कठिन स्थितियों वाले युवा, जैसे अवैध धंधों के शिकार, अनाथ और सड़क के आवारा बच्चे।
प्रश्न 11.
जो बच्चे नर्सरी स्कूल में नहीं जाते हैं, क्या वे नहीं सीखते हैं? अपना तर्क दीजिए।
उत्तर:
जो बच्चे नर्सरी स्कूल में नहीं जाते हैं, क्या वे नहीं सीखते है? ऐसा बिलकुल नहीं है। सभी बच्चे प्राकृतिक रूप से सीखते हैं। विद्यालय पूर्व केन्द्र के अनुभव, बच्चे की अन्य वयस्कों तथा परिवेश और वस्तुओं से सम्बंधित जानकारी बढ़ाते हैं और उससे भी महत्वपूर्ण है छोटे बच्चों को विद्यालय में पढ़ने के लिए तैयार करना। विद्यालय पूर्व एक ऐसा कार्यक्रम है जो बाल-केन्द्रित और अनौपचारिक होता है तथा बच्चे को सीखने का अनुकूल परिवेश प्रदान करता है, जो घर में सीखने के अच्छे परिवेश के लाभों का पूरक है। साथ ही ऐसी स्थितियों में जहाँ घर के बाहर वृद्धि और विकास में सहायता करने में एक प्रमुख कारक हो सकता है।
प्रश्न 12.
धुलाई में किस-किस प्रकार की मशीनें प्रयुक्त की जाती हैं?
उत्तर:
- पूर्णतया स्वचालित- इन मशीनों में प्रत्येक बार उपयोग करने अर्थात् पानी भरने, पानी को निश्चित ताप पर गरम करने, धुलाई चक्र और खंगालने की संख्या के लिए नियंत्रण को एक बार सेट करना पड़ता है। इसके बाद मशीन को चला रहे व्यक्ति के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती।
- अर्ध-स्वचालित-इन मशीनों में समयसमय पर काम कर रहे व्यक्ति के हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। प्रत्येक चक्र के साथ खंगालने का पानी इन मशीनों में भरना पड़ता है और निकालना पड़ता है। ये सामान्यतः दो-टब वाली मशीनें होती हैं।
- हस्त-चालित- इन मशीनों में 50 प्रतिशत या अधिक काम प्रचालक को हाथ से करना पड़ता है।
प्रश्न 13.
वस्त्र उत्पाद व गुणवत्ता नियंत्रण में उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रमुख आवश्यकताएँ कौनसी है?
उत्तर:
वस्त्र उत्पाद व गुणवत्ता नियंत्रण में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख आवश्यकताएँ होती हैं-
- उत्पाद का ज्ञान- इसमें उन सभी सामग्रियों की समझ सम्मिलित है जो उत्पाद को बनाने में काम आती हैं।
- उत्पाद को बनाने में शामिल ‘प्रक्रियाओं का व्यावहारिक ज्ञान।
- उत्पाद को बनाने के लिए आवश्यक मशीनों का व्यावहारिक ज्ञान।
- मानव संसाधनों को समझना और कार्य . के सभी स्तरों कार्मिकों, पर्यवेक्षकों, प्रबंधकों इत्यादि पर संसाधनों के साथ कार्य करने की योग्यता।
प्रश्न 14.
किसी संस्था के लिए कर्मचारी क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर:
किसी भी संस्था के लिए कर्मचारीगण आवश्यक हैं क्योंकि सभी संस्थाओं में व्यक्तियों की तैनाती होती है। बगैर कर्मचारियों के किसी भी संस्था का समग्र कार्य निष्पादन तथा लाभकारिता का कार्य नहीं हो सकता है। कर्मचारी ही संस्थागत कार्यों की क्रियान्विति को सम्पन्न करते हैं। मानव संसाधन की कार्यक्षमता व कार्य निष्पादन प्रक्रिया कर्मचारियों पर ही निर्भर करती है। कर्मचारी किसी संस्था के लिए सबसे मूल्यवान परिसम्पत्ति होते हैं। कर्मचारी व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से संस्था के लक्ष्यों की प्रभावी व दक्षतापूर्ण प्राप्ति के लिए अपना योगदान देते हैं।
प्रश्न 15.
समारोह प्रबंधक (इंवेंट मैनेजर) क्या कार्य करता है?
उत्तर:
समारोह प्रबंधक (इवेंट मैनेजर) समारोह प्रबंधन का विशेषज्ञ होता है। परामर्श सेवा प्रदान करता है और योजना बनाने से लेकर समारोह के सम्पन्न होने तक के सभी कार्यों को करता है।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3 × 3 = 9)
प्रश्न 16.
अस्वस्थता/रोग किस प्रकार किसी व्यक्ति की पोषण स्थिति को प्रभावित करता है?
उत्तर:
अस्वस्थता/रोग निम्न प्रकार से किसी व्यक्ति की पोषण स्थिति को प्रभावित करता है-
- रोगों के कारण किसी व्यक्ति की रोधक क्षमता कमजोर हो जाती है ऐसी स्थिति मे पोषण दशा का पर्याप्त असर नहीं हो पाता है।
- रोग उत्पन्न होने की स्थिति में ग्रहण किये गये भोजन से पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है।
- रोग की दशा के अनुसार भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया बदलनी पड़ती है।
- अस्वस्थता रोगी के खाने, निगलने आदि के क्षमता को कम कर देती है।
- अस्वस्थता में पाचन, अवशोषण व उपापचय के साथ-साथ उत्सर्जन की प्रक्रियाओं में बधा उत्पन्न हो जाती है।
- शरीर के विभिन्न अवयव/ऊतक/ तंत्र किसी बीमारी से प्रभावित होने पर अपना कार्य व्यवस्थित रूप से नहीं कर पाते हैं।
- अस्वस्थता व्यक्ति की संतुलित पोषण की स्थिति को असंतुलित अवस्था में परिवर्तित कर देती है।
- अस्वस्थता की दशा में पर्याप्त पोषण न मिल पाने से अनेक असाध्य व चिरकालिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
प्रश्न 17.
डिजाइन सिद्धान्त क्या है? डिजाइन के प्रमुख किन्हीं दो सिद्धान्तों को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर:
डिजाइन सिद्धान्त-डिजाइन के सिद्धान्त बेनियम हैं, जो संचालन करते हैं कि किस प्रकार श्रेष्ठतम तरीके से डिजाइन के तत्वों का परस्पर मिलाया जाये। एक सफल डिजाइन का विकास मूल डिजाइन सिद्धान्तों की समझ पर निर्भर करता है। डिजाइन के प्रमुख सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-
1. अनुपात-अनुपात का अर्थ वस्तु के एक भाग या दूसरे भाग से सम्बन्ध होता है। यह सम्बन्ध आमाप, रंग, आकृति और बुनावट में सर्जित किया जा सकता है। इन सभी का परस्पर और सम्पूर्ण रूप में रोचकतापूर्वक सम्बन्धित होना आवश्यक होता है। यह सामान्यतः स्वर्णिम माध्यम के अनुपात पर आधारित होता है। जिसे 3 : 5 : 6 से 5 : 8 : 13 और इसी प्रकार के अन्य अनुपातों से प्रदर्शित किया जाता है।
2. सन्तुलन- इसे पोशाक केन्द्र बिन्दु से भारं के एक समान वितरण करने के रूप में परिभाषित करते हैं। पोशाक को ऊर्ध्वाधर रूप में (केन्द्रीय रेखा से) और क्षैतिज रूप में (ऊपर से नीचे) दोनों प्रकार से सन्तुलित करने की आवश्यकता होती है। इसकी उपलब्धि-औपचारिक, अनौपचारिक तथा रेडियल के रूप में हो सकती है।
प्रश्न 18.
संचार माध्यम आयोजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए? संचार माध्यम के रूप में इंटरनेट की कोई दो शक्तियों बताइए।
उत्तर:
संचार माध्यम आयोजना एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पहले से निर्धारित किए गए उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए यह तय किया जाता है कि कम लागत पर कौन-कौन से माध्यमों को सम्मलित किया जाये। यह कार्रवाई के क्रम को डिजाइन करने की एक ऐसी प्रक्रिया है जो दर्शाती है कि किस प्रकार विज्ञापन और विपणन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विज्ञापन समय तथा स्थान का उपयोग किया जा सकता है। इसमें विज्ञापन के लिए मात्रा माध्यम का चयन करने के साथ-साथ विज्ञापनों की विस्तार सीमाओं का भी विश्लेषण किया जाता है। बहुत से संचार माध्यम योजनाकार विज्ञापन करने के अपरंपरागत तरीकों का चयन करते हैं जैसे-चल वाहनों द्वारा विज्ञापन तथा खुदरा बिक्री विज्ञापन। संचार माध्यम के रूप में इंटरनेट की दो शक्तियाँ- (i) मापन योग्य परिणाम (ii) पारस्परिक क्रिया सम्भव है।
निबंधात्मक प्रश्न (2 × 4 = 8)
प्रश्न 19.
विशेष शिक्षा से आपका क्या अभिप्राय है? किसी शिक्षक को ‘विशेष शिक्षक’ क्यों कहते हैं?
अथवा
विशेष शिक्षा में जीविका की तैयारी किस प्रकार की जा सकती है?
उत्तर:
विशेष शिक्षा-विशेष आवश्यकताओं बाले बच्चों के लिए किए जाने वाले शैक्षिक प्रावधानों को विशेष शिक्षा कहते हैं। अर्थात् उन बच्चों के लिए जिनमें एक या एक से अधिक अपंगताएँ होती हैं और जिनकी भिन्न आवश्यकताएँ होती हैं उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था, विशेष शिक्षा कहलाती है। इस प्रकार विशेष शिक्षा का अर्थ सभी व्यवस्थाओं, जैसे- कक्षा, घर, रास्ते और जहाँ कहीं भी बच्चे जा सकते हैं, वहाँ अपंग बच्चों के लिए विशेष रूप से रचित निर्देशों से है।
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षा, पृथक् अथवा विशिष्ट शिक्षा नहीं है। यह एक ऐसा उपागम है जो उन बच्चों के लिए सीखना सुगम बनाता है और विभिन्न क्रियाकलापों में उनकी भागीदारी को संभव बनाता है, जिनमें वे अपनी अक्षमता अथवा विद्यालय के कारण भाग नहीं ले पाते हैं। अतः विशेष आवश्यकताओं बाले बच्चों को सदैव एक अलग संस्थान में नहीं पढ़ना पड़ता। उनमें से अधिकांश बच्चे विद्यालय की सामान्य कक्षाओं में आसानी से पढ़ सकते हैं। कुछ गंभीर समस्याओं वाले बच्चों को ही अलग कक्षाओं या संस्थानों में पढ़ाया जाता है।
विशेष शिक्षक-जो शिक्षक विशेष शिक्षा अर्थात दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते हैं, वे विशेष शिक्षक कहलाते हैं।
प्रश्न 20.
कार्यक्रमों में पणधारियों की भागीदारी क्यों आवश्यक है?
अथवा
टिप्पणी लिखिए (i) विकास कार्यक्रम (ii) सतत् विकास लक्ष्य (iii) पणधारी (iv) कार्य योजना।
उत्तर:
कार्यक्रमों में पणधारियों की भागीदारी की आवश्यकता- पणधारियों की भागीदारी के अनेक लाभों की पहचान की गई है, जो इन्हें विकास कार्यक्रमों का एक आवश्यक साधन बनाते हैं। यथा-
(i) मूलभूत सेवाओं को प्रभावी ढंग से जुटाना-पणधारियों की सहभागिता से पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्था करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित होता है, जो लागत प्रभावी और समावेशी होता है, जिसके कारण वंचित समुदाय उनका लाभ कम कीमत पर उठा सकते हैं।
(ii) नीति बनाने में सहभागिता-नीति बनाने के क्रियाकलापों जैसे-अनुसंधान स्थानीय शासन के कार्यक्रम, जनसुनवाई और बजट बनाने आदि में भाग लेने से विभिन्न पणधारियों-विशेष रूप से सामान्य नागरिकों की सम्मति भी नीति बनाने के प्रक्रम में प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार अधिक जनअनुक्रियाशील नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित किया जा सकता है।
(iii) चिंतन और अधिगम को सुसाध्य बनाना-भागीदारी से विभिन्न पणधारी समूहों के बीच विवेचनात्मक सोच-विचार और अधिगम के लिए बातचीत के अवसर उत्पन्न होते हैं, जो कि विकास कार्यक्रमों या परियोजनाओं का एक मूल तत्व हैं।
(iv) लक्ष्य की ओर प्रगति का अनुवीक्षणभागीदारी होने से विभिन्न पणधारी कार्यक्रमों के क्रियाकलापों के प्रत्यक्ष अनुवीक्षण में भाग लेने और उनके प्रभावी नियमन में समर्थ हो जाते हैं।
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