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RBSE 12th Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

April 7, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 12th Political Science Model Papers Set 9 with Answers in Hindi Medium provided here.

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

समय : 2:45 घण्टे
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर:पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड – (अ)

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखें

(i) वर्ष 2017 किसके लिए जाना जाता है? [1]
(अ) ट्रेफेल्गर का युद्ध
(ब) वाटरलू का युद्ध
(स) प्रथम विश्व युद्ध
(द) रूसी क्रांति
उत्तर:
(द) रूसी क्रांति

(ii) दक्षेस का नवीन सदस्य राष्ट्र कौन-सा है? [1]
(अ) पाकिस्तान
(ब) भारत
(स) श्रीलंका
(द) अफगानिस्तान
उत्तर:
(द) अफगानिस्तान

(iii) ताशकन्द समझौते का सम्बन्ध है? [1]
(अ) भारत-श्रीलंका
(ब) भारत-पाकिस्तान
(स) चीन-भारत
(द) भारत-बांग्लादेश
उत्तर:
(ब) भारत-पाकिस्तान

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

(iv) निम्न में से जो गुट निरपेक्ष राष्ट्रों में शामिल नहीं है, वह है- [1]
(अ) भारत
(ब) ब्रिटेन
(स) श्रीलंका
(द) मिस्र
उत्तर:
(ब) ब्रिटेन

(v) कौन-सा तथ्य भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता को अधिक वजनदार बनाता है? [1]
(अ) परमाणु क्षमता
(ब) भारत का संयुक्त राष्ट्र में प्रारम्भ से सदस्य होना
(स) भारत एशिया का बड़ा देश है
(द) भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत व स्थिर राजनीतिक व्यवस्था
उत्तर:
(द) भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत व स्थिर राजनीतिक व्यवस्था

(vi) वायुमंडल में जिस गैस की मात्रा में विघटन के कारण कमी आ रही है, वह है? [1]
(अ) कार्बनडाइ ऑक्साइड
(ब) ओजोन
(स) नाइट्रस ऑक्साइड
(द) नाइट्रोजन
उत्तर:
(ब) ओजोन

(vii) भारत का विभाजन किस सिद्धान्त के आधार पर हुआ है? [1]
(अ) एकीकरण के
(ब) संयुक्तीकरण के
(स) द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के
(द) पार्थिव एकता का सिद्धान्त
उत्तर:
(स) द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के

(viii) बांग्लादेश का निर्माण हुआ था? [1]
(अ) 1945 में
(ब) 1948 में
(स) 1971 में
(द) 1983 में
उत्तर:
(स) 1971 में

(ix) इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी के संस्थापक कौन थे? [1]
(अ) के. कामराज
(ब) वी.वी. गिरी
(स) भीमराव अम्बेडकर
(द) पं. नेहरू
उत्तर:
(स) भीमराव अम्बेडकर

(x) राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का उदय हुआ था [1]
(अ) 1857 में
(ब) 1885 में
(स) 1897 में
(द) 1914 में
उत्तर:
(ब) 1885 में

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

(xi) द्वितीय पंचवर्षीय योजना में किस क्षेत्र पर बल दिया गया था? [1]
(अ) कृषि
(ब) नगरीकरण
(स) सेवा
(द) उद्योग
उत्तर:
(द) उद्योग

(xii) भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे [1]
(अ) महेन्द्र सिंह टिकैत
(ब) राजेन्द्र सिंह
(स) भवानी सिंह
(द) रामनारायण
उत्तर:
(अ) महेन्द्र सिंह टिकैत

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) पूर्वी गठबंधन का………………. अगुवा [1]
उत्तर:
सोवियत संघ

(ii) सामूहिक फार्म को …………. …………….. फार्म में बदला गया। [1]
उत्तर:
निजी

(iii) वातावरण में ………………………. गैसों के बढ़ने से तापमान बढ़ रहा है। [1]
उत्तर:
ग्रीन हाऊस

(iv) एजेण्डा 21 का झुकाव पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के बजाय …………….. वृद्धि की ओर है। [1]
उत्तर:
आर्थिक

(v) स्वयंसेवी संगठनों ने अपने को …………… राजनीति से दूर रखा। [1]
उत्तर:
दलगत

(vi) पुरातनपंथी मुसलमानों ने अदालत के इस फैसले को अपने …… में हस्तक्षेप माना। [1]
उत्तर:
पर्सनल लॉ।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्न प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा एक पंक्ति में दीजिए

(i) पहली दुनिया से क्या तात्पर्य है? [1]
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका महाद्वीप, यूरोप के पश्चिमी राष्ट्रों, आस्ट्रेलिया व जापान को पहली दुनिया के देशों के रूप में जाना जाता है।

(ii) नाटो सदस्य देशों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
ब्रिटेन, नार्वे, डेनमार्क, फ्रांस, स्पेन, पश्चिमी जर्मनी, पुर्तगाल, इटली, ग्रीस, तुर्की, नीदरलैण्ड आदि।

(iii) खेती का बलपूर्वक सामूहिकीकरण का श्रेय किसको दिया जाता है? [1]
उत्तर:
जोसेफ स्टालिन को।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

(iv) बोडुंग सम्मेलन कब व कहाँ आयोजित किया गया? [1]
उत्तर:
इण्डोनेशिया के बोर्डंग शहर में 1955 में।

(v) भारत की सुरक्षा नीति के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? [1]
उत्तर:
(i) सैन्य क्षमता को मजबूत करना,
(ii) देश की आन्तरिक सुरक्षा समस्याओं से निपटारा,
(iii) आर्थिक विकास की रणनीति
(iv) अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों व संस्थाओं को मजबूत करना।

(vi) ओजोन परत में छिद्र के दो कारण लिखिए। [1]
उत्तर:
(i) क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैसों का उत्सर्जन।
(ii) शीतलक यंत्रों व फोटो स्टेट मशीनों से निकलने वाली गैसें।

(vii) सन् 2000 में किन-किन नये राज्यों का गठन हुआ था? [1]
उत्तर:
झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड (उत्तरांचल)

(viiI) इकानॉमी ऑव परमानेंस नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं? [1]
उत्तर:
जे. सी. कुमारप्पा।

(ix) भारत में श्वेत क्रांति का जनक किसे कहा गया है? [1]
उत्तर:
वर्गीज कुरियन को।

(x) दलित पैंथर आंदोलन कहाँ चला था? [1]
उत्तर:
महाराष्ट्र राज्य में।

(xi) पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी दो आंदोलनों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर:
(i) चिपको आंदोलन
(ii) एप्पिको आंदोलन।

(xii) ओबीसी का पूरा नाम क्या है? [1]
उत्तर:
अदर बैकवर्ड कास्ट (अन्य पिछड़ा वर्ग)

खण्ड – (ब)

लघूत्तरात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 50 शब्द)

प्रश्न 4.
शीतयुद्ध के काल में किन दो विचारधाराओं में तनाव चल रहा था और क्यों? [2]
उत्तर:
शीतयुद्ध के काल में उदारवादी लोकतन्त्र व पूँजीवादी विचारधारा और समाजवादी व साम्यवादी विचारधारा के मध्य तनाव चल रहा था। यह तनाव इस बात को लेकर था कि पूरे विश्व में राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक जीवन को सूत्रबद्ध करने का सबसे बेहतर सिद्धान्त कौन सा है।

प्रश्न 5.
गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के कोई चार उद्देश्य बताइए। [2]
उत्तर:
गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के चार प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(i) सदस्य देशों को महाशक्तियों के गुटों से अलग रखना।
(ii) सदस्य देशों में आपसी सामाजिक एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना।
(iii) विकासशील देशों के सम्मान एवं प्रतिष्ठा को बढ़ावा देना।
(iv) सम्पूर्ण विश्व से उपनिवेशवाद व साम्राज्यवाद को समाप्त करना।

प्रश्न 6.
सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् भारत को रूस के साथ मित्रता बनाए रखने के कौन-कौन से दो लाभ (फायदे) मिले? [2]
उत्तर:
भारत को रूस से मैत्री के निम्न दो लाभ मिले
(1) शीतयुद्ध का अन्त होकर विश्व सिकुड़ कर एक ध्रुवीय हो गया जिसके फलस्वरूप भारत शीतयुद्ध की आशंका से, दो महाशक्तियों की चक्की के मध्य पिसने के खतरे से बच गया।
(2) विघटित हुए समस्त गणतन्त्र राज्यों के साथ भारत अपने नवीन व्यापारिक सम्बन्ध कायम रख पाया।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 7.
भारत रूस सम्बन्धों में रूस को क्या लाभ थे? [2]
उत्तर:
रूस को लाभ:
(i) भारत-रूस के लिए युद्ध के हथियारों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। हमारे देश भारत को सैन्य सामग्री तथा तेल का निर्यात करके रूस को पर्याप्त आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।

(ii) क्रायोजेनिक राकेट जैसे अन्तरिक्ष अनुसन्धान के उपयोगी साधनों का भारत को निर्यात करके रूस को फायदा पहुँचता है। इसी तरह दोनों देशों के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से अनेक महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य करके नवीन अनुसन्धान करते रहते हैं। इससे दोनों ही देशों को अत्यधिक लाभ पहुँचता है।

(iii) भारत ने रूस की विदेश नीति का अप्रत्यक्ष लेकिन महत्त्वपूर्ण तरीके से समर्थन किया है।

प्रश्न 8.
अपारम्परिक सुरक्षा स्रोतों से क्या तात्पर्य है? [2]
उत्तर:
1. अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा का सम्बन्ध न केवल बाहरी खतरों से है बल्कि अन्य खतरनाक खतरों को भी सम्मिलित किया जाता
2. अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में सैन्य खतरों को ही नहीं बल्कि मानवीय अस्तित्व पर चोट करने वाले व्यापक खतरों व आशंकाओं को भी खतरनाक समझा जाता
3. अपारम्परिक सुरक्षा की धारणा में खतरे का स्रोत विदेशी राष्ट्र के साथ-साथ कोई अन्य भी हो सकता है।

प्रश्न 9.
भारत और पाकिस्तान के मध्य तनावपूर्ण सम्बन्धों के प्रमुख मुद्दे कौन-कौन से हैं ? नाम लिखिए। [2]
उत्तर:
भारत और पाकिस्तान के मध्य तनावपूर्ण सम्बन्धों के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं
(i) कश्मीर का मुद्दा,
(ii) सियाचिन ग्लेशियर पर नियन्त्रण का मुद्दा,
(iii) हथियारों की होड़ का मुद्दा,
(iv) सिन्धु नदी जल बँटवारे पर विवाद,
(v) एक-दूसरे पर सन्देह तथा आरोप-प्रत्यारोप,
(vi) सरक्रिक की समस्या।

प्रश्न 10.
बुनियादी रूप से किसी सरकार के पास युद्ध की स्थिति में सुरक्षा के कितने विकल्प होते हैं ? संक्षेप में बताइए। [2]
उत्तर:
बुनियादी रूप से किसी सरकार के पास युद्ध की स्थिति में सुरक्षा के तीन विकल्प होते हैं
(i) आत्म-समर्पण करना एवं दूसरे पक्ष की बात को बिना युद्ध किए मान लेना,
(ii) युद्ध से होने वाले विनाश को इस हद तक बढ़ाने का संकेत देना कि दूसरा पक्ष सहमकर हमला करने से रुक जाए।
(iii) यदि युद्ध हो भी जाए तो अपनी रक्षा करना या हमलावर को पराजित कर देना।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 11.
‘केरल में धारा 356 का कांग्रेस द्वारा दुरुपयोग’ विषय पर टिप्पणी लिखिए। [2]
उत्तर:
केरल में सत्ता से बेदखल होने पर कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचित सरकार के खिलाफ ‘मुक्ति संघर्ष’ छेड़ दिया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में इस वायदे के साथ आई थी कि कुछ क्रान्तिकारी तथा प्रगतिशील नीतिगत पहल करेगी किन्तु सन् 1959 में केन्द्र की काँग्रेस सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया। यह फैसला बड़ा विवादास्पद साबित हुआ। संविधान-प्रदत्त आपातकालीन शक्तियों के दुरुपयोग के पहले उदाहरण के रूप में इस फैसले का बार-बार उल्लेख किया जाता है।

प्रश्न 12.
सोशलिस्ट पार्टी बनाने के लिए उत्तरदायी परिस्थितियों व आलोचना के आधारों को स्पष्ट कीजिए। [2]
उत्तर:
(1) सोशलिस्ट पार्टी बनाने के लिए मजबूर करने वाली परिस्थितियाँकांग्रेस द्वारा 1948 में अपने संविधान में परिवर्तन किया गया ताकि कांग्रेस के सदस्य दोहरी सदस्यता न ले सकें। अतः कांग्रेस के समाजवादियों को 1948 में अलग होकर सोशलिस्ट पार्टी बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

(2) सोशलिस्ट पार्टी द्वारा कांग्रेस की आलोचना करने के दो आधार
(i) सोशलिस्ट पार्टी का मत था कि कांग्रेस पूंजीपतियों तथा जमींदारों की हिमायत कर रही है तथा मजदूरों-किसानों की उपेक्षा कर रही है।
(ii) सोशलिस्ट पार्टी लोकतांत्रिक समाजवाद की विचारधारा में यकीन करती थी तथा कांग्रेस व साम्यवादी दलों से अपने को पृथक समझती थी।

प्रश्न 13.
आर्थिक नियोजन के महत्व के दो बिन्दुओं का उल्लेख कीजिए। [2]
उत्तर:
आर्थिक नियोजन का महत्त्व-
(i) स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय नेताओं ने अनुभव किया कि देश का सामाजिक-आर्थिक विकास एक योजनाबद्ध तरीके से किया जाए।

(ii) भारतीय नेताओं ने भारत के चहुंमुखी विकास के लिए योजनायें बनाने तथा उनको व्यवहार में लाकर निश्चित समय में अनिवार्य सफलता प्राप्त करने का विचार किया तथा इस हेतु योजना आयोग की स्थापना की।

(iii) सामाजिकआर्थिक विकास के लिए नियोजन का अत्यन्त महत्त्व है, क्योंकि विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके नियोजन में ही अपनाए जाते हैं।

प्रश्न 14.
हरित क्रांति की असफलता के कारण लिखिए। [2]
उत्तर:
भारत में हरित क्रान्ति की असफलता के कारण निम्नलिखित हैं
(i) कृषि क्रान्ति का प्रभाव केवल कुछ ही फसलों, जैसे-गेहूँ, ज्वार, बाजरा तक ही सीमित रहा है। गन्ना, कपास, तिलहन जैसे कृषि पदार्थों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।
(ii) कृषि क्रान्ति का प्रभाव कुछ ही विकसित क्षेत्रों, जैसे-पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के कुछ भागों तक ही सीमित रहा है।
(iii) भारत में कृषि क्रान्ति से केवल बड़े किसान ही लाभ प्राप्त कर सके हैं। इससे गाँव के क्षेत्रों में असमानताएँ बढ़ी हैं तथा इस प्रकार से धनी किसान अधिक धनी तथा निर्धन और अधिक निर्धन होते गए हैं।
(iv) विस्तृत भू-खण्डों पर उत्तम खाद तथा बीज व नवीन तकनीकों के उपयोग से कृषि योग्य भूमि के कुछ लोगों के हाथों में केन्द्रित होने की प्रवृत्ति बढ़ गयी है।
(v) कृषि विकास की गति अत्यधिक धीमी रही है।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 15.
सन् 1967 के आम चुनावों के पश्चात् इंदिरा गाँधी ने किन दो चुनौतियों का साममा किया? [2]
उत्तर:
सन् 1967 के आम चुनाव के पश्चात् इंदिरा गाँधी को निम्न दो चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
(i) काँग्रेस के भीतर ताकतवर व शक्तिशाली नेताओं के समूह सिंडिकेट के प्रभाव से अपने आपको मुक्त रखना।
(i) सन् 1967 के आम चुनावों में खोई अपनी पार्टी की साख को पुनः प्राप्त करना।

प्रश्न 16.
गठबंधन की राजनीति के उदय का हमारे लोकतंत्र पर क्या असर पड़ा है? [2]
उत्तर:
सन् 1989 के चुनावों से भारत में गठबंधन की राजनीति के एक लम्बे दौर की शुरुआत हुई। इसके बाद से केन्द्र में 11 सरकारें बनी। पिछले कुछ दशकों से भारतीय समाज में गुपचुप बदलाव आ रहे थे और इन बदलावों ने जिन प्रवृत्तियों को जन्म दिया वे भारतीय राजनीति को गठबंधन की सरकारों के युग की तरफ ले आई। लोग जाति, लिंग, वर्ग और क्षेत्र के संदर्भ में न्याय तथा लोकतंत्र के मुद्दे उठा रहे हैं।

खण्ड – (स)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)

प्रश्न 17.
नेपाल में राजतंत्र से लोकतंत्र आने की यात्रा की व्याख्या कीजिए। [3]
अथवा
दक्षिण एशिया की विशेषता बताइए। [3]
उत्तर:
नेपाल भारत के उत्तर में बसा हुआ एक देश है। नेपाल अतीत में एक हिन्दू राष्ट्र था।
(i) लोकतन्त्र समर्थक आन्दोलन एवं संवैधानिक लोकतन्त्र की स्थापना-नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना हेतु आन्दोलन से मजबूर होकर राजा ने सन् 1990 ई. में लोकतान्त्रिक संविधान की माँग मान ली। इस प्रकार नेपाल में सन् 1990 ई. में लोकतान्त्रिक सरकार का गठन हुआ।

(ii) माओवादियों का शासन के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष-सन् 1990 ई. के दशक में नेपाल के माओवादियों ने नेपाल के अनेक हिस्सों में अपना नियन्त्रण स्थापित कर लिया। नेपाल में राजा की सेना, लोकतन्त्र समर्थकों एवं माओवादियों के बीच त्रिकोणीय संघर्ष हुआ फलस्वरूप सन् 2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया और सरकार को गिरा दिया। इस प्रकार नेपाल में राजा ने लोकतन्त्र को पूर्णत: समाप्त कर दिया।

(iii) लोकतन्त्र की बहाली-अप्रैल 2006 में नेपाल में देशव्यापी लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन हुए। संघर्षरत लोकतन्त्र समर्थकों ने अपनी प्रथम बड़ी जीत तब हासिल की जब राजा ज्ञानेन्द्र ने संसद को बहाल कर दिया। इस संसद को अप्रैल 2002 में भंग कर दिया गया था।

प्रश्न 18.
पृथ्वी सम्मेलन क्या था? यह सम्मेलन कितना लाभप्रद सिद्ध हुआ? [3]
अथवा
रियो सम्मेलन के प्रमुख परिणामों का उल्लेख कीजिए। [3]
उत्तर:
सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ का पर्यावरण एवं विकास के मुद्दों पर केन्द्रित एक सम्मेलन ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुआ। इसे पृथ्वी सम्मेलन कहा जाता है। इस सम्मेलन में 170 देशों, हजारों स्वयंसेवी संगठनों एवं अनेक बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वैश्विक राजनीति के दायरे में पर्यावरण को लेकर बढ़ते सरोकारों को इस सम्मेलन में एक ठोस रूप मिला। इस सम्मेलन में यह बात खुलकर सामने आयी कि विश्व के धनी एवं विकसित देश अर्थात् उत्तरी गोलार्द्ध तथा निर्धन और विकासशील देश अर्थात् दक्षिणी गोलार्द्ध पर्यावरण के अलग-अलग एजेंडे के समर्थक हैं। उत्तरी गोलार्द्ध के देशों की मुख्य चिन्ता ओजोन परत में छेद एवं वैश्विक तापवृद्धि को लेकर थी। दक्षिणी देश आर्थिक विकास और पर्यावरण प्रबन्धन के आपसी रिश्तों को सुलझाने के लिए अधिक चिन्तित थे। रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता एवं वानिकी के सम्बन्ध में कुछ नियमाचार निर्धारित हुए। इसमें एजेंडा-21 के रूप में विकास के कुछ तौर-तरीके भी सुझाये गये। इस सम्मेलन में इस बात पर भी सहमति बनी कि आर्थिक वृद्धि का तरीका ऐसा होना चाहिए कि इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। इसे टिकाऊ विकास का तरीका कहा गया।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 19.
जन आंदोलनों के लाभ व हानियों को स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
भारत में पर्यावरणीय आंदोलन द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख कीजिए। [3]
उत्तर:
भारत में पर्यावरण संरक्षण हेतु विभिन्न आन्दोलनों के माध्यम से निम्नलिखित प्रयास किए गए:
(i) स्वतंत्र भारत में वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों की स्थापना की गयी है। यहाँ सभी प्रकार के जीवों की सुरक्षा की व्यवस्था की गयी
(ii) सर्वत्र वृक्षारोपण का कार्य प्रारम्भ किया गया तथा वृक्षों की कटाई पर रोक लगा दी गयी। उत्तराखण्ड के पहाड़ी भागों में सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में ‘चिपको आन्दोलन’ चलाया गया। (iii) कृषि के क्षेत्र में ‘हरित क्रान्ति’ का सूत्रपात हुआ तथा अन्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की गयी।
(iv) सिंचाई सुविधाओं के विस्तार हेतु विभिन्न बाँध बनाए गए हैं। बाँधों से सिंचाई व विद्युत उत्पादन दोनों का कार्य चलने लगा है।
(v) सड़कों के विकास हेतु यातायात के क्षेत्र में क्रान्ति लाई गयी तथा चारों ओर सड़कों का जाल बिछाया गया।
(vi) रेलवे लाइनों को बिछाकर रेल क्षेत्र का विस्तार किया गया। दूरसंचार के क्षेत्र में क्रान्ति लाकर टेलीफोन और इंटरनेट की व्यवस्था की गयी।

प्रश्न 20.
1009 के पश्चात भारतीय राजनीति में आए बदलावों का विश्लेषणा कीजिए। [3]
अथवा
गठबंधन की राजनीति वाली विचारधारा किन पहलुओं पर निर्भर थी? [3]
उत्तर:
1. नयी आर्थिक नीति पर सहमति-कई समूह नयी आर्थिक नीति के खिलाफ हैं, लेकिन ज्यादातर राजनीतिक दल इन नीतियों के पक्ष में हैं। अधिकतर दलों का मानना है कि नई आर्थिक नीतियों से देश समृद्ध होगा और भारत, विश्व की एक आर्थिक शक्ति बनेगा।

2. पिछड़ी जातियों के राजनीतिक और सामाजिक दावे की स्वीकृति-राजनीति दलों ने पहचान लिया है कि पिछड़ी जातियों के सामाजिक और राजनैतिक दावे को स्वीकार करने की जरूरत है। इस कारण आज सभी राजनीतिक दल शिक्षा और रोजगार में पिछड़ी जातियों के लिए सीटों के आरक्षण के पक्ष में हैं। राजनीतिक दल यह भी सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को सत्ता में समुचित हिस्सेदारी मिले।

3. देश के शासन में प्रांतीय दलों की भूमिका की स्वीकृति-प्रांतीय दल और राष्ट्रीय दल का भेद अब लगातार कम होता जा रहा है। प्रांतीय दल केन्द्रीय सरकार में साझीदार बन रहे हैं और इन दलों ने पिछले बीस सालों में देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

4. विचारधारा की जगह कार्यसिद्धि पर जोर और विचारधारागत सहमति के बगैर राजनीतिक गठजोड़-गठबंधन की राजनीति के इस दौर में राजनीतिक दल विचारधारागत अंतर की जगह सत्ता में हिस्सेदारी की बातों पर जोर दे रहे हैं, मिसाल के लिए अधिकतर दल भाजपा की ‘हिन्दुत्व’ की विचारधारा से सहमत नहीं हैं, लेकिन ये दल भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हुए और सरकार बनाई, जो पाँच साल तक चली।

खण्ड – (द)

निबन्धात्मक प्रश्न (उत्तर शब्द सीमा लगभग 250 शब्द)

प्रश्न 21:
संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य शाखाओं और एजेंसियों का सुमेल उनके काम से करें। [4]
अथवा
हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और उससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है, लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाए रखना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं ? [4]
उत्तर:
हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और उससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है परन्तु फिर भी हर देश इसे एक महत्त्वपूर्ण एवं अपवार्य संगठन मानता है। संयुक्त राष्ट्र संघ अपने पूर्ववर्ती संगठन-राष्ट्र संघ की तरह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद असफल नहीं रहा। अतः संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाए रखना आवश्यक है। इसके अन्य प्रमुख निम्नलिखित कारण

(1) संयुक्त राष्ट्र संघ संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व के अन्य देशों के बीच विभिन्न मसलों पर बातचीत करवा सकता है। इसी के माध्यम से छोटे एवं निर्बल देश अमेरिका से किसी भी मसले पर बात कर सकते हैं।

(2) सन् 2011 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 देश सदस्य बन चुके हैं। यह विश्व का सबसे प्रभावशाली मंच है। यहाँ पर अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति, सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक समस्याओं पर खुले मस्तिष्क से वाद-विवाद और विचार-विमर्श होता है।

(3) संयुक्त राष्ट्र संघ के पास ऐसी कोई शक्ति तो नहीं है कि वह किसी देश को बाध्य करे, परन्तु वह ऐसे देशों की शक्तियों पर अंकुश अवश्य लगा सकता है चाहे वह संयुक्त राज्य अमेरिका जैसा देश ही क्यों न हो। संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सदस्यों (देशों) के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका तक की नीतियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है।

(4) आज कुछ राष्ट्रों के पास परमाणु बम हैं किन्तु बड़ी शक्तियों के प्रभाव के कारण काफी सीमा तक सर्वाधिक भयंकर हथियारों के निर्माण और रसायन व जैविक हथियारों का प्रयोग और निर्माण को रोकने में संयुक्त राष्ट्र संघ को सफलता मिली है।

(5)संयुक्त राष्ट्र संघ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक से पिछड़े और गरीब राष्ट्रों को ऋण, भुगतान और आपातकाल में अनेक प्रकार की सहायता दिलाने में सक्षम रहा है। इसलिए इसका अस्तित्व में रहना आवश्यक है।

(6) आज प्रत्येक देश पारस्परिक निर्भरता को समझने लगा है और पारस्परिक निर्भरता बढ़ रही है। इसके पीछे भी संयुक्त राष्ट्र संघ है। यह एक ऐसा मंच है जिस पर विश्व के अधिकांश देश उपलब्ध रहते हैं। कोई भी देश पूर्ण नहीं होता उसे सदैव दूसरे देश के सहयोग की आवश्यकता होती है फिर चाहे वह. अमेरिका हो या इंग्लैण्ड। उपरोक्त कारणों से स्पष्ट होता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ का उपयोग और अधिक मानव मूल्यों, विश्व-बन्धुत्व एवं पारस्परिक सहयोग की भावना से किया जाना चाहिए। इसका अस्तित्व आज अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सहयोग के लिए परम आवश्यक है।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 22.
स्वतंत्र भारत के समक्ष कौन-कौन सी चुनौतियाँ थीं? [4]
अथवा
देशी रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका को स्पष्ट कीजिए। [4]
उत्तर:
देसी रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका-सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख नेता थे। पटेल को ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् रियासतों का भारत में विलय करना सरल कार्य नहीं था। इस कार्य में प्रमुख बाधा थी-जिन्ना द्वारा स्वयं को पूर्ण स्वतंत्र करना व. भारत तथा पाकिस्तान दोनों से सम्बन्ध
रखना। परन्तु सरदार पटेल ने असाधारण योग्यता का परिचय दिया। 5 जुलाई, 1947 ई. को सरदार पटेल की अध्यक्षता में ‘स्टेट विभाग’ की स्थापना की गयी। स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री की हैसियत से पटेल ने सबसे पहले 565 रजवाड़ों का भारत संघ में विलय करना ही अपना पहला कर्त्तव्य समझा।

सरदार पटेल ने देखा कि 565 राज्यों में से 100 राज्य प्रमुख थे, जैसे हैदराबाद, कश्मीर, बड़ौदा, ग्वालियर, मैसूर आदि। सरदार पटेल के प्रयासों से शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से लगभग समस्त रियासतें जिनकी सीमाएँ स्वतंत्र भारत की नयी सीमाओं से मिलती थीं, 15 अगस्त 1947 से पहले ही भारतीय संघ में सम्मिलित हो गए। अधिकांश रियायतों के शासकों ने भारतीय संघ में अपने विलय के एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस सहमति पत्र को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेशन’ कहा गया। जूनागढ़, हैदराबाद व कश्मीर की रियासतों का भारत में विलय करने के लिए सरदार पटेल को सेना की सहायता भी लेनी पड़ी। जूनागढ़ गुजरात के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित एक छोटी सी रियासत थी।

इस रियासत की जनता मुख्यतः हिन्दू थी तथा इसका नबाव मुसलमान था। वह पाकिस्तान में मिलना चाहता था जबकि जनता भारत. में। सरदार पटेल ने नबाव पर जनमत संग्रह कराने का दबाव डाला। नबाव द्वारा असहमत होने पर सरदार पटेल ने सेना की सहायता से जूनागढ़ रियासत का भारत में विलय कराया। हैदराबाद भारत के दक्षिण में स्थित एक विशाल राज्य था। यहाँ का शासक जिसे निजाम कहा जाता था, वह आजाद रियासत का दर्जा चाहता था। जनता निजाम के अत्याचारी शासन से परेशान थी। वह भारत में मिलना चाहती थी। सरदार पटेल के प्रयासों से निजाम को आत्मसमर्पण करना पड़ा और यह रियासत भी भारत में सम्मिलित हो गयी।

इसी प्रकार कश्मीर का भारत में विलय हुआ। यहाँ का हिन्दू शासक भारत में शामिल नहीं होना चाहता था। उसने अपने स्वतंत्र राज्य के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ समझौता करने की कोशिश की। पाकिस्तान के घुसपैठियों से परेशान होकर यहाँ के शासक ने भारत से मदद माँगी और भारत संघ में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए। इस प्रकार पटेल के प्रयासों से इन रियासतों का भारत संघ में विलय हुआ। इसके अलावा सरदार पटेल ने रियासतों से अपील की कि वे भारत की अखण्डता को बनाए रखने में उनकी सहायता करें। इस प्रकार सभी रियासतों का भारत में विलय कराने में सरदार पटेल सफल रहे। यह उनकी असाधारण उपलब्धि थी, जिसने भारत की अखण्डता की रक्षा की।

RBSE Class 12 Political Science Model Paper Set 9 with Answers in Hindi

प्रश्न 23.
कांग्रेस की पुनर्स्थापना से जुड़ी घटनाओं का वर्णन कीजिए। [4]
अथवा
कांग्रेस के प्रभुत्व स्थापित करने के पक्ष में अपने तर्क दीजिए। [4]
उत्तर:
(i) कांग्रेस तथा ग्रँड अलायंस में मुकाबला-फरवरी 1971 में पाँचवीं लोकसभा का आम चुनाव हुआ। चुनावी मुकाबला कांग्रेस (आर) के विपरीत जान पड़ रहा था। आखिर नई कांग्रेस एक जर्जर होती हुई पार्टी का एक भाग मात्र थी। सभी को भरोसा था कि कांग्रेस पार्टी की वास्तविक संघटनात्मक शक्ति कांग्रेस (ओ) के नियंत्रण में है।

(ii) दोनों राजनैतिक खेमों में अंतर-इसके बावजूद नई कांग्रेस के साथ एक ऐसी बात थी, जिसका उनके बड़े विपक्षियों के पास अभाव था। नयी कांग्रेस के पास एक मुद्दा था। एक एजेंडा तथा कार्यक्रम था। “ग्रैंड अलायंस” के पास कोई सुसंगत राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। इंदिरा गांधी ने देश भर में घूम-घूम कर कहा था कि विपक्षी गठबंधन के पास बस एक ही कार्यक्रम है, ‘इंदिरा हटाओ’।

(iii) चुनाव के परिणाम-कांग्रेस (आर) तथा सीपीआई के गठबंधन को इस बार जितने वोट या सीटें मिर्ली, उतनी कांग्रेस पिछले चार आम चुनावों में कभी हासिल नहीं कर सकी थी। इस गठबंधन को लोकसभा की 375 सीटें मिली तथा इसने कुल 48.4 प्रतिशत वोट हासिल किए। अकेली इंदिरा गांधी की कांग्रेस (आर) ने 352 सीटें तथा 44 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। अपनी भारी जीत के साथ इंदिराजी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने अपने दावे को साबित कर दिया कि वही “वास्तविक कांग्रेस” है तथा उसे भारतीय राजनीति में फिर से प्रभुत्व के स्थान पर पुनर्स्थापित किया। विपक्षी ग्रैंड अलायंस धराशायी हो गया था। इसे 40 से भी कम सीटें मिली थीं।

(iv) बांग्लादेश का निर्माण तथा भारत-पाक युद्ध-सन् 1971 के लोकसभा चुनावों के तुरन्त बाद पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है।) में एक बड़ा राजनीतिक तथा सैन्य संकट उठ खड़ा हुआ। सन् 1971 के चुनावों के बाद पूर्वी पाकिस्तान में संकट पैदा हुआ तथा भारत-पाक के मध्य युद्ध छिड़ गया।

(v) राज्यों में कांग्रेस की पुनस्र्थापना-सन् 1972 के राज्य विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को व्यापक सफलता मिली। उन्हें गरीबों तथा वंचितों के रक्षक और एक मजबूत राष्ट्रवादी नेता के रूप में देखा। पार्टी के अंदर अथवा बाहर उसके विरोध की कोई गुंजाइश नहीं बची। कांग्रेस लोकसभा के चुनावों में जीती थी तथा राज्य स्तर के चुनावों में भी। इन दो लगातार जीतों के साथ कांग्रेस का दबदबा एक बार फिर कायम रहा। कांग्रेस अब लगभग सभी राज्यों में सत्ता में थी। समाज के विभिन्न वर्गों में यह लोकप्रिय भी थी। महज चार साल की अवधि में इंदिरा गांधी ने अपने नेतृत्व तथा कांग्रेस पार्टी के प्रभुत्व के सामने खड़ी चुनौतियों को धूल चटा दी थी। जीत के पश्चात् इंदिरा गांधी ने कांग्रेस प्रणाली को पुनर्स्थापित जरूर किया, परन्तु कांग्रेस प्रणाली की प्रकृति को बदलकर।

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