Rajasthan Board RBSE Class 12 English Literature Article Writing
एक लेख (Article) लिखने का उद्देश्य – एक लेख लिखने का प्रयोजन है विभिन्न कथानकों पर सूचना उपलब्ध कराना अर्थात• एक व्यक्ति, उसके जीवन तथा गतिविधियों का वर्णन करना।
- एक स्थान का वर्णन करना।
- एक घटना का वर्णन करना।
सामाजिक महत्व के मामलों पर अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करना। एक परिकल्पना या घटना के पक्ष या विपक्ष में अपना तर्क प्रस्तुत करना।
Some Solved Examples 7 Article
1. You are Kalu Ram. Write an article on ‘Importance of Cleanliness’ in about 150-200 words.
♦ Importance of Cleanliness by Kalu Ram
Cleanliness is one of the good qualities. It is a part of our civilization. A man of dirty habits is far from culture and civilization. So, with the progress of civilization, a man cleans himself more and more. He cleans his body. He cleans his mind and heart. He modifies all his actions and manners. He purifies his soul. This will lead him to the highest form of civilization. But all other cleanings depend on the cleanliness of body. Hence, cleanliness is considered so important. Sri Narendra Modi, our Prime-Minister has started a ‘Clean India Campaign’.
If we clean our bodies and limbs, we will be free from many kinds of diseases. Clean food cooked in the clean pot and served in the clean dish will give us health and happiness. If we wear clean dress, our mind will be happy. Cleanliness gives us a cheerful mind. We like to read clean books. Hence, we read more and understand better.
So, cleanliness brings us progress and improvement in all the fields of activities and in all the spheres of life. By cleanliness of body and limbs, cleanliness of all our articles of use, cleanliness of our dwellings and soul, we gradually move towards divinity. Hence, there is a saying, “Cleanliness is next to Godliness”. In the same way if our country is clean, more and more tourists will visit our country. Due to this, our country will make more economic progress.
सफाई अच्छे गुणों में से एक गुण है। यह हमारी सभ्यता का एक भाग है। गंदी आदतों वाला व्यक्ति संस्कृति और सभ्यता से दूर होता है। इसलिए, सभ्यता के विकास के साथ मनुष्य अपने आप को अधिक से अधिक साफ रखता है। वह अपने शरीर को साफ करता है। वह अपनी आत्मा और मन को साफ करता है। वह अपने सभी कार्यों और व्यवहार को परिष्कृत करता है। वह अपनी आत्मा को साफ करता है। यह उसे सभ्यता के सर्वोच्च रूप में ले जाता है। लेकिन अन्य सभी सफाई शरीर की सफाई पर निर्भर करती हैं। इसलिए, सफाई को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने तो ‘स्वच्छ भारत अभियान प्रारम्भ कर दिया है।
यदि हम अपने शरीर के अंगों को साफ करें तो हम कई प्रकार की बीमारियों से मुक्त हो जायेंगे। साफ बर्तन में पका हुआ तथा स्वच्छ बर्तनों में परोसा हुआ स्वच्छ खाना हमें स्वास्थ्य तथा प्रसन्नता प्रदान करेगा। यदि हम स्वच्छ कपड़े पहनेंगे तो हमारा दिमाग प्रसन्न रहेगा। स्वच्छता हमें प्रसन्न मस्तिष्क प्रदान करती है। हम स्वच्छ पुस्तकों को पढ़ना पसंद करते हैं। इसलिए, हम और अधिक पढ़ते हैं तथा बेहतर समझते हैं।
इसलिए, स्वच्छता गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में तरक्की तथा सुधार लाती है। शरीर व अंगों की सफाई के द्वारा, हमारे उपयोग की सभी सामग्रियों की सफाई के द्वारा, हमारे निवास की तथा आत्मा की सफाई के द्वारा, हम धीरे-धीरे देवत्व की ओर बढ़ते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जाता है, ‘स्वच्छता देवत्व का दूसरा रूप है’। इसी प्रकार यदि हमारा देश स्वच्छ होगा तो विदेशी पर्यटक भारत भ्रमण के लिए अधिक मात्रा में आयेंगे। इस कारण हमारे देश की आर्थिक प्रगति होगी।
2. Write an article for your school magazine expressing your views on a short-cut to success in about 150-200 words. You are Amit.
♦ Short-Cut to Success
by Amit
One of the greatest shortcuts that anyone can adopt to achieve success is to follow the examples of successful people. One thing that you can safely count on is that whatever goals and ambitions you may have, there will be someone who has been successful in doing the same. Not only will there be someone who has already successfully done something similar, but more than likely, someone might have written about it.
If you want to learn why some people are highly successful and get a better understanding of the thoughts of successful people, try to approach someone you respect and admire. You can still gain significant information by research and observation, and reading books by and about successful people.
You can achieve whatever you want in your life if you are committed and determined, if you are prepared to work hard and learn what you need to know. You will make mistakes, but you don’t have to learn everything through trial and error. You can learn from the experts and the people who have already been there because they had made all the mistakes and learnt the hard way. Utilizing and adopting this information into your plans, you can dramatically increase your progress.
शार्टकट जिसे कोई भी सफल होने के लिए अपनाना चाहता है वह सफल लोगों के उदाहरणों का अनुसरण करना है। एक चीज जिस पर आप बड़े ही सुरक्षित तरीके से भरोसा कर सकते हो वह है आपका कोई भी उद्देश्य या अभिलाषा हो, कोई ना कोई तो है जो इसी या इसी प्रकार की चीज़ करने में सफल रहे हैं। ना केवल कोई ऐसा होगा जिसने इसी प्रकार का कार्य पहले से ही सफलतापूर्वक कर दिया है बल्कि बहुत अधिक संभावना है कि किसी ने इसके बारे में लिख भी दिया होगा।
यदि आप जानना चाहते हो कि क्यों लोग बहुत ही अधिक सफल होते हैं, और सफल लोगों के विचारों की बेहतर समझ क्यों रखते हैं, तो उस व्यक्ति के पास पहुँचने का प्रयास करो जिनका आप सम्मान करते हो या जिनकी आप प्रशंसा करते हो। आप खोज व पर्यवेक्षण के द्वारा तथा सफल लोगों द्वारा या सफल लोगों पर लिखी गई पुस्तकें पढ़कर भी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हो।
यदि आप समर्पित तथा दृढनिश्चयी हैं, यदि आप कठोर परिश्रम करने तथा जो आपको जानना है उसे जानने को तैयार हैं तो आप जीवन में जो कुछ भी चाहते हो उसे पा सकते हो। आप गलतियाँ करोगे लेकिन आपको प्रत्येक चीज़ को प्रयास एवं त्रुटि के द्वारा नहीं सीखना है। आप माहिरे लोगों से तथा उन लोगों से जो पहले से वहाँ हैं उनसे सीख। सकते हैं। क्योंकि उन्होंने सारी गलतियाँ की थीं व कठोर तरीके से सीखे थे। अपनी योजना में इन जानकारी का उपयोग करके तथा अपनाकर आप अपनी तरक्की की गति को नाटकीय ढंग से बढ़ा सकते हो।
3. Imagine that you are Shivangi. Write an article for the newspaper on ‘Beauties of Nature’ in about 150-200 words.
♦ Beauties of Nature
by Shivangi
Man has tried differently to appreciate the beauties of Nature and solve her mysteries. To a scientist, Nature has been a puzzle and a challenge to man. He has tried to read her mysteries and solve her riddles. To philosophers, Nature has been an unfailing source of inspiration. He sees in her the presence of God and the divine spirit radiates through its beauty. As an artist, he imitates Nature and worships it in his songs, in his paintings and in his sculpture. Just as a man, he finds in her lap an escape from the worries and anxieties of the world. He consoles his afflicted heart. It acts as a balm to soothe the wounded spirit and furnishes him with more lessons and reveals the great truths. Her silent and continued work has taught him the gospel of work, patience, perseverance and fortitude and to an ordinary man, it is a source of joy and happiness.
We rejoice in the company of Nature for it exercises not only comforting and soothing effect upon us, but it also conveys to us the message of the greatness and glory of God. Indeed, Nature is the expression of the Truth and Beauty of God. In this way, the beauty of Nature is not only a thing of fascination for the young and the playful but it also provides mood to the mind of the old and sober.
मनुष्य ने प्रकृति की सुंदरता की प्रशंसा करने तथा इसके रहस्यों को हल करने के विभिन्न प्रकार से प्रयास किये हैं। एक वैज्ञानिक के लिए प्रकृति एक पहेली है तथा मनुष्य के प्रति एक चुनौती है। उसने उसके रहस्यों को पढ़ने तथा उसकी पहेलियों को हल करने का प्रयास किया है। दार्शनिक के लिए प्रकृति प्रेरणा का अचूक स्रोत रही है। वह उसमें ईश्वर की उपस्थिति को देखता है तथा इसकी सुंदरता के द्वारा दैवीय आत्मा चमकती है। एक कलाकार के रूप में वह प्रकृति की नकल उतारता है तथा अपने गानों में, अपनी चित्रकारी में तथा अपनी मूर्तिकारी में उसकी पूजा करता है। बिल्कुल एक मनुष्य की ही तरह से उसकी गोद में वह दुनिया की चिंताओं तथा सोच को भुला देता। है। वह अपने व्यथित हृदय को सांत्वना देता है। यह घायल आत्मा को सांत्वना देने के मरहम की तरह का कार्य। करती है तथा उसे और अधिक उपदेशों से सुसज्जित कर देती है तथा महान सत्य का खुलासा करती है। उसके शांत व सतत् कार्य ने उसे कार्य, धैर्य, दृढ़ता तथा सहन शक्ति का ईशोपदेश सिखाया है तथा एक आम व्यक्ति के लिए प्रकृति आनंद तथा प्रसन्नता का एक स्रोत है।
हम प्रकृति की संगति में आनन्दित होते हैं क्योंकि यह हमारे ऊपर न केवल सांत्वना देने वाले तथा आराम देने वाले प्रभाव का प्रयोग करती है, बल्कि हमें ईश्वर की महानता तथा भव्यता का संदेश भी देती है। वास्तव में, प्रकृति ईश्वर की सत्यता व सुंदरता की अभिव्यक्ति है। इस प्रकार से प्रकृति की सुन्दरता न केवल युवाओं तथा चंचलों के लिए आकर्षण की चीज है, बल्कि यह बूढों तथा गंभीरों के मस्तिष्क को भाव भी देती है।।
4. You are Aniket, the editor of Rajasthan Patrika. Write an article on advertisement showing it as a boon in about 150-200 words.
♦ Advertisement: A Boon
by Aniket
Advertising can be defined as a paid form of non-professional but encouraging, complimenting and positively favourable presentation of goods and services to a group of people by an identified sponsor. It does not include distribution of free samples or offering bonuses, these are for sales promotion. In the simplest words, advertising is the introduction of services and goods to consumers and the general public.
In a successful business, advertising plays an essential and important role. Though advertising does not mean the selling of products and services, but it helps in increasing your sales. Advertising creates awareness in people. When the general public remains conscious to the products, services and goods under the brands, people will pursuit towards brands. They will buy better brands.
Advertising can be used to create brand awareness in the general public and to make business more popular within the circle of potential buyers. Advertising, in a straight line, increases profit of the companies by growing their revenue.
Advertising agencies have expert consultants and executives to make proper strategies to promote your brands. They are always there to suggest, help and make most of your advertising cost by promoting your brand on right place by appropriate means at suitable time for apt duration.
The expenditure made on advertisement can result into good boost in earnings.
विज्ञापन गैर-व्यावसायिक लेकिन माल का हिम्मत बढ़ाने वाला, आभार प्रदर्शन वाला तथा सकारात्मक रूप से अनुकूल प्रदर्शन होता है तथा किसी जाने-माने प्रायोजक के द्वारा एक समूह के लोगों को सेवायें प्रदान करने वाले के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसमें मुफ्त नमूने वितरण या बोनस देने को शामिल नहीं किया जाता है, ये बिक्री वृद्धि के लिए होता है। साधारण शब्दों में, विज्ञापन ग्राहकों तथा आम जनता को सेवाओं तथा उत्पादन का परिचय देना होता है।
विज्ञापन एक आवश्यक तथा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। हालांकि, विज्ञापन का मतलब वस्तु को तथा सेवाओं को बेचना नहीं होता है लेकिन यह आपकी बिक्री को बढ़ाने में मदद करता है। विज्ञापन लोगों में जागरूकता लाता है। जब आम जनता वस्तु, सेवाओं तथा माल को किसी ब्राण्ड के नाम से जानेगी तो लोग ब्राण्ड को खोजेंगे। वे बेहतर ब्राण्ड खरीदेंगे।
विज्ञापन का प्रयोग आम जनता में ब्राण्ड के प्रति जागरूकता लाने के लिए किया जा सकता है और एक क्षेत्र में संभावित खरीददारों के बीच में व्यवसाय को अधिक प्रसिद्ध करने के लिए किया जाता है। स्पष्ट शब्दों में विज्ञापन, कम्पनियों के राजस्व में वृद्धि करके लाभ को बढ़ा देते हैं।
विज्ञापन एजेंसियों के पास आपके ब्राण्ड को बढ़ावा देने के लिए उचित कार्ययोजना तैयार करने के लिए सलाहकार होते हैं। वे आपके ब्राण्ड को उपयुक्त समयावधि के लिए उपयुक्त समय पर उचित माध्यम से सही स्थान पर प्रस्तुत करने के लिए हमेशा सलाह देते हैं, मदद करते हैं तथा आपके विज्ञापन की अधिकतम कीमत अदा करवा देते हैं।
विज्ञापन पर किया गया खर्च कमाई को बढ़ाने वाला हो सकता है।
5. Write an article stressing on ‘Positive thinking as the very core of success’ in about 150-200 words. You are Anmol.
♦ Positive Thinking
by Anmol
Positive thinking brings inner peace, success, improved relationships, better health, happiness and satisfaction. It also helps the daily affairs of life move more smoothly, and makes life look bright and promising.
Positive thinking is contagious. People around you pick your mental moods and are affected accordingly. Think about happiness, good health and success and you will cause people to like you and desire to help you, because they enjoy the vibrations that a positive mind emits.
In order to make positive thinking yield results, you need to develop a positive attitude towards life, expect a successful outcome of whatever you do, but also take some necessary actions to ensure your success.
It is not enough to think positively for a few moments, and then letting fears and lack of belief enter your mind. Some effort and inner work is necessary.
Think positive and expect only favourable results and situations, even if your current circumstances are not as you wish them to be. In time, your mental attitude will affect your life and circumstances and change them accordingly.
सकारात्मक सोच आंतरिक शांति, सफलता, अच्छे संबंध, बेहतर स्वास्थ्य, प्रसन्नता तथा संतोष लाती है। यह जीवन के प्रतिदिन के मामलों को और अधिक सुचारू रूप से चलते रहने में मदद करती है तथा जीवन को प्रसन्न तथा आशाजनक बनाती है।
सकारात्मक सोच एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली चीज है। आपके पास के लोग आपकी मनोदशा को जानकर उसके अनुसार ही आपसे प्रभावित होते हैं। प्रसन्नता, अच्छे स्वास्थ्य तथा सफलता के बारे में सोचो तथा आप लोगों को अपने आपको पसंद करवा लेंगे तथा वे आपकी मदद करने की इच्छा करेंगे क्योंकि वे उस स्पंदन का आनंद लेंगे जो कि एक सकारात्मक मस्तिष्क से बाहर निकलता है।
सकारात्मक सोच से परिणाम प्राप्त करने के लिए, जो कुछ भी आप करते हैं उस सकारात्मक सोच के सिवाय आपको जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना होगा, लेकिन अपनी सफलता को पक्का करने के लिए कोई आवश्यक कदम भी उठायें।
केवल कुछ क्षणों के लिए सकारात्मक सोचना ही पर्याप्त नहीं, फिर डर तथा विश्वास की कमी आपके मस्तिष्क में प्रवेश करती। कुछ प्रयास व आंतरिक कार्य अति आवश्यक हैं।
सकारात्मक तरीके से सोचो तथा केवल अनुकूल परिणाम तथा स्थिति की आशा करो, भले ही आपकी वर्तमान स्थिति ऐसी नहीं हो जैसी कि आप होने की कामना करते हो। समय पर, आपका मानसिक दृष्टिकोण आपके जीवन और परिस्थितियों को प्रभावित करेगा तथा उन्हें उनके अनुसार बदलेगा।
6. We are living in the age of computer. Write an article on an e-book in about 150-200 words.
♦ An E-book
An e-book is a book in electronic format. It is downloaded to a computer and is read on the screen. It has numbered pages, table of contents, pictures and graphics, exactly like a printed book.
E-book presents many benefits and advantages. No trees are required to be cut to manufacture paper for the pages of e-book. E-books take up less space. You practically don’t need any space to store them. You don’t need a library or a room for them. You can store hundreds and thousands of e-books in your computer. E-books are searchable. You can easily search for any information in an e-book instead of turning page after page. E-books can be printable so that if you wish to read an e-book in the traditional way, you can very inexpensively print it using your home printer or at any printing shop. It is possible to purchase an e-book 24 hours a day, every day of the year, from the comfort of your own house or office. You can purchase and download an ebook, even if you are on a vacation if you have a laptop and wireless internet connection.
In this way, e-book is rapidly taking place of traditional books.
एक ई-बुक इलेक्ट्रानिक स्वरूप में होती है। इसे एक कम्प्यूटर पर डाउनलोड किया जाता है तथा स्क्रीन पर पढ़ा जाता है। इसमें नम्बर पड़े हुए पेज, सूची की तालिका, तस्वीरें तथा ग्राफिक्स होते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे कि एक छपी हुई पुस्तक में होते हैं।
ई-बुक के बहुत सारे लाभ व फायदे होते हैं। ई-बुक के पन्नों के निर्माण के लिए किसी भी पेड़ की आवश्यकता नहीं होती है। ई-बुक कम जगह घेरती है। आपको व्यावहारिक तौर पर उनका संग्रह करने के लिए किसी स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। आपको उनके संग्रह के लिए किसी पुस्तकालय या कमरे की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने कम्प्यूटर में सैकड़ों व हजारों ई-बुक स्टोर कर सकते हैं। ई-बुक खोजे जाने योग्य होती हैं। आप बजाय पन्नों के बाद पन्नों को उलटने के, एक ई-बुक में आसानी से किसी भी सूचना को तलाश सकते हैं। ई-बुक को छापा जी सकता है, ताकि यदि आप एक ई-बुक को परम्परागत तरीके से पढ़ना चाहते हैं तो आप अपने घर के प्रिंटर के प्रयोग से या किसी प्रिंटिंग की दुकान से बहुत ही कम खर्चे में इसे छपवा सकते हैं। एक ई-बुक को अपने घर या आफिस में ही आराम से बैठे बैठे चौबीसों घण्टे, साल के प्रतिदिन क्रय करना संभव है। यदि आपके पास एक लैपटाप और इंटरनेट कनेक्शन है तो भले ही आप छुट्टी पर हैं, आप एक ई-बुक को क्रय कर सकते हैं तथा डाउनलोड कर सकते हैं।
इस प्रकार से ई-बुक तेजी से परम्परागत पुस्तकों का स्थान ले रही है।
7. You are Rashi. Write an article on ‘bicycling as a pleasure’ in about 150-200 words for the magazine of your school. Bicycling:
♦ As a Pleasure
by Rashi
Riding a bicycle is a pleasing experience. We can go on our cycle wherever we like. As we travel along on cycle, we enjoy fresh air.
Outdoor life provides us many advantages. New scenes meet our eyes. Our mind gets free from serious thoughts. We forget the bitterness of life as long as we are on the bicycle.
The cycle is a boon to those who live in cities. They have many chances to enjoy nature.
Besides pleasures, cycling also teaches us something. When we travel on it in the neighbouring areas of city, we learn something. We get the opportunity to know the history and geography of places we visit.
A cyclist need not to travel alone. He can always travel in the company of his friends. As they cycle along, merrily goes the talk. When they see some beautiful object, they can stop to enjoy it. They pass their time in laughing, talking and cracking jokes. Thus, their time passes in merrymaking.
Cycling is a kind of outdoor exercise. It improves our health. It is a poor man’s car. It is a time-saving machine. It is cheap too.
साईकिल की सवारी करना एक आनंददायक अनुभूति होता है। हम चाहे जहाँ अपनी साईकिल पर जा सकते हैं। जब हम साईकिल की सवारी करते हैं तो हम ताजी हवा का आनंद लेते हैं। घर के बाहर का जीवन हमें कई सारी अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध कराता है। नये दृश्य हमारी आँखों के सामने आते हैं। हमारा दिमाग गंभीर विचारों से मुक्त होता है। जब तक हम साईकिल पर होते हैं तब तक हम जीवन की कटुता को भूल जाते हैं।
जो शहरों में रहते हैं, साईकिल उनके लिए एक वरदान है। प्रकृति का आनंद लेने के लिए उनके पास कई सारे अवसर होते हैं।
इसके अतिरिक्त, आनंद के साथ साथ साईकिल चलाना हमें कुछ सिखाता भी है। जब हम शहर के आसपास के क्षेत्र के भ्रमण के लिये इस पर सवारी करते हैं तो हम कुछ सीखते हैं। हम जिन स्थानों की यात्रा करते हैं उनके इतिहास व भूगोल के बारे में हम बहुत कुछ जान जाते हैं।
एक साईकिल सवार को अकेले ही नहीं जाना चाहिये। वह हमेशा ही अपने मित्रों के साथ यात्रा कर सकता है। जब वे साथ साथ साईकिल चलाते हैं तो खुशी से बातचीत चलती रहती है। जब वे किसी सुन्दर वस्तु को देखते हैं तो इसका आनंद लेने के लिए रुक सकते हैं। वे हँसने, बातचीत करने तथा मजाक करने में अपना समय बिता सकते हैं। इस प्रकार से, उनका समय आनंद लेने में बीत जाता है।।
साईकिल की सवारी करना घर के बाहर एक व्यायाम की तरह से है। यह हमारे स्वास्थ्य को सुधार देता है। यह एक गरीब आदमी की कार होती है। यह एक समय बचाने वाली मशीन है। यह सस्ती भी है।
8. Write an article on divorce as a problem in about 150-200 words for the Dainik Bhasker. Yor are Dileep.
♦ Divorce: A Problem
by Dileep
When a boy gets married to a girl, their two families also establish a bond of relationship and friendship. These families share happiness and grief together. They participate in every ceremony and function. The daughter of one family becomes the daughter-in-law of the other family. Similarly, the son becomes the son-in-law. Both become two solid pillars of the united families.
If or when they break up and seek a divorce, both the families get a shock, a storm or an earthquake; maybe these entire rolled into one. The shock waves reach their very root. Everyone is confused. They do not know how to react. They do not know what to say to others in the community. How can they hate each other? They learned and approved them, they recognized them, accepted them; and began to love each other.
The relationship is not like an electric switch; put it on and put it off when you wish. Is there a way to settle their differences? Can’t they bring about a compromise? Those who admired the couple are confused to the core. Society and horoscopes agreed whole-heartedly to such a perfect alliance. And yet!
When the mystery is revealed, the whole community comes to a stand still !
जब एक लड़के की शादी एक लड़की से होती है तो उनके दो परिवार भी एक रिश्तेदारी तथा मित्रता के बंधन में बंध जाते हैं। ये परिवार प्रसन्नता तथा दुख को साथ साथ बाँटते हैं। वे प्रत्येक समारोह व उत्सव में भाग लेते हैं। एक परिवार की पुत्री दूसरे परिवार की बहू बन जाती है। इसी प्रकार से, पुत्र दामाद बन जाता है। दोनों ही संगठित परिवार के दो मजबूत स्तम्भ बन जाते हैं।
जब वे टूटते हैं या तलाक लेते हैं, तो दोनों ही परिवारों को धक्का लगता है, एक तूफान या एक भूकम्प आ जाता है; हो सकता है कि यह सब एक साथ ही परिवार में हो। सदमे की लहरें उनकी जड़ों तक पहुँच जाती हैं। प्रत्येक व्यक्ति परेशान होता है। वे नहीं जानते कि किस प्रकार से व्यवहार किया जाये। वे नहीं जानते हैं कि समुदाय में अन्य लोगों से क्या कहें। वे एक दूसरे से नफरत किस प्रकार से कर सकते हैं ? वे एक दूसरे को स्वीकृति देना सीख गये थे, वे उनको पहचान गये थे, स्वीकार कर लिया था, और प्यार करने लगे थे।
संबंध एक बिजली के स्विच की भांति नहीं होते हैं, जिन्हें आप चाहे जब चालू कर दें वे चाहे जब बंद कर दें। क्या उनके मतभेदों को दूर करने का कोई तरीका है ? क्या वे समझौता नहीं कर सकते हैं? वे जो दम्पत्ति की प्रशंसा करते थे वे पूर्णतया परेशान हैं। ऐसे उत्तम संबंध के लिए पूरे दिल से समाज सहमत हुआ था तथा कुण्डली भी मिली थी। और फिर भी! जब रहस्य उजागर होता है तो पूरा समाज जड़वत हो जाता है !
9. You are Brijesh Babu Saxena, the Principal. Write an article on living in the present for the school magazine in about 150-200 words.
♦ Living in the Present
by Brijesh Babu Saxena
Living in the present means being aware and conscious of what you are doing, feeling and thinking at the present moment. Living in the present moment helps you to avoid worries, fears and anxieties, and wasting your time on futile and negative thoughts. It means shifting your attention to the present moment and dealing with it effectively, instead of focusing on the past or future. The past has gone away and you cannot change it, and the future is the outcome of the present.
It depends on the way you think, feel and act now. You lose peace of mind if you keep thinking about the past; you allow all kinds of emotions and thoughts to rise into your consciousness. Most often, such reminiscence disturbs the mind and agitates it, which is the opposite of peace of mind. It is the same with thinking about the future. It is okay if you devote some time thinking about it and planning it, but if you just keep dwelling on it and worrying about it, you are keeping peace of mind away. You also gain nothing by worrying about the future.
True living occurs in the present moment, the only moment that exists.
वर्तमान में जीने का मतलब होता है अभी इस क्षण जो आप कर रहे हैं, महसूस कर रहे हैं तथा सोच रहे हैं उसके बारे में जागरूक व सचेत रहना। वर्तमान क्षण में जीना आपको चिंता, डर तथा व्यग्रताओं से तथा व्यर्थ व नकारात्मक विचारों पर आपके समय को नष्ट होने से बचाने में मदद करता है। इसका तात्पर्य होता है भूत या भविष्य पर ध्यान केन्द्रित किये बगैर अपने ध्यान को वर्तमान क्षण पर ले जाना और इससे प्रभावशाली ढंग से निपटना। भूत जा चुका है और आप इसे बदल नहीं सकते हो, और भविष्य वर्तमान का परिणाम है।
यह जिस प्रकार से आप अब सोचते हो, महसूस करते हो तथा कार्य करते हो उस पर निर्भर करता है। यदि आप भूत के बारे में सोचते रहोगे तो आप मानसिक शांति खो दोगे, आप सभी प्रकार की भावनाओं तथा विचारों को अपनी चेतना में उठने दोगे। अक्सर, ऐसी यादें मन को परेशान कर देती हैं तथा इसे उत्तेजित कर देती हैं, जो कि मानसिक शांति के विपरीत है। यह भविष्य के बारे में सोचना जैसा ही है। यदि आप इस पर ही ध्यान केन्द्रित करने लगे और इसके बारे में चिंता करने लगे तो आप मानसिक शांति को दूर कर रहे हो। आप भविष्य के बारे में चिंता करके कुछ भी हासिल नहीं कर पाओगे।
सच्चा जीना वर्तमान में जीने में है, एक मात्र क्षण जो अस्तित्व में है।
10. You are P.K. Sharma, P.E.T. Write an article on ‘Ayurveda – the Indian Science of life’ to be published in the magazine of your school in about 150-200 words.
♦ Ayurveda-The Indian Science of Life
by P. K. Sharma
Ayurveda is the most ancient and traditional system of medicine in India. The Ayurvedic system of medication is based on many centuries of experience in medical practice, handed down through generations. Ayurvedic medicine originated in the early civilizations of India some 3,000-5,000 years ago. It made Ayurvedic medicine the oldest surviving healing system in the world.
Life according to Ayurveda is a combination of senses, mind, body and soul. Ayurveda is not only limited to body or physical symptoms, but it also gives a comprehensive knowledge about spiritual, mental and social health. Thus, Ayurveda is a qualitative, holistic science of health and longevity. It is a philosophy and system of healing the whole person, body and mind.
In Ayurveda disease is viewed as a state of imbalance in one or more of Vata, Pitta and Kapha. Vata governs movement, Pitta is concerned with functions of heat, metabolism, and energy production and Kapha, governs physical structure and fluid balance. Thus, in Ayurveda, the treatment aims to establish balance in these three fundamental qualities.
आयुर्वेद भारत में औषधि की सबसे प्राचीन तथा परम्परागत पद्धति है। इलाज की आयुर्वेदिक पद्धति चिकित्सा कार्य में कई शताब्दियों के अनुभव पर आधारित है, जो कि पीढ़ियों से हमें प्राप्त हुई है। आयुर्वेदिक औषधि को कोई 3000 से 5000 वर्षों पहले भारत की आरम्भिक सभ्यता के द्वारा खोजा गया था। इसने आयुर्वेदिक औषधी को दुनिया की संबसे पुरानी जीवित चिकित्सा प्रणाली बना दिया।
आयुर्वेद के अनुसार जीवन अनुभूतियों, मस्तिष्क, तथा आत्मा का मेल है। आयुर्वेद केवल शरीर या लक्षणों तक ही सीमित नहीं है, वरन् यह आध्यात्मिक, मानसिक तथा सामजिक स्वास्थ्य के बारे में भी व्यापक जानकारी प्रदान करता है। इस प्रकार से, आयुर्वेद स्वास्थ्य तथा दीर्घायु का एक गौरवपूर्ण, समग्र विज्ञान है। यह एक व्यक्ति के शरीर तथा दिमाग के उपचार करने का एक दर्शन तथा एक पद्धति है।
आयुर्वेद में बीमारी को एक या अधिक वात, पित्त तथा कफ से असंतुलन की अवस्था के आधार पर देखा जाता है। वात संचार का परिचालन करता है, पित्त गर्मी, उपापचय, तथा ऊर्जा उत्पादन के कार्य से संबंधित होता है और कफ शारीरिक संरचना तथा द्रव के संतुलन से संबंधित है। इस प्रकार से, आयुर्वेद में उपचार का उद्देश्य इन तीन मूलभूत गुणों में संतुलन स्थापित करना होता है।
11. Write an article on leisure in about 150-200 words. You are Deep.
♦ Leisure
by Deep
Man works to earn his livelihood. Except his working hours he has some time in hand. We call it leisure or spare-time. Leisure is the most important time in human life because during his working hours, man does only the routine work. But great thoughts, great literary works, great theories and great inventions are the outcome of man’s leisure. Newton discovered the laws of gravitation when he was enjoying his leisure in the garden. James Watt invented the steam-engine during his leisure hours.
Many people misuse or wrongly use their leisure. They don’t do any useful thing during their spare-time. They remain idle all the time. But an idle mind is the devil’s workshop. Many vices breed in man’s idleness. So, everybody should know how to make the best use of leisure.
Work is the best guard of man. If a man engages himself in useful work, he cannot find time to make any mischief. He cannot find time to consider about evil thoughts. So, man should keep himself engaged in some useful work during his leisure.
Students get much leisure in their school days and in their holidays. They should try to develop their natural abilities during the leisure. This will make them great in their future life.
मनुष्य अपनी जीविका अर्जित करने के लिए काम करता है। अपने काम के घण्टों के अतिरिक्त उसके पास कुछ समय होता है। हम इसे खाली समय या फुरसत का समय कहते हैं। खाली समय मानव जीवन में सबसे महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि उसके कार्य के घण्टों के दौरान, मनुष्य बंधाबंधाया काम करता है। लेकिन महान विचार, महान साहित्यिक कार्य, महान सिद्धान्त और महान खोजें मनुष्य के खाली समय का परिणाम हैं। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का नियम उस समय खोजा जिस समय वह बगीचे में खाली समय का आनंद ले रहा था। जैम्स बाट ने भाप के इंजन की खोज अपने फुर्सत के घण्टों के दौरान की थी।
कई सारे लोग अपने खाली समय का दुरुपयोग करते हैं या गलत तरीके से उपयोग करते हैं। वे अपने फुर्सत के समय के दौरान कोई उपयोगी कार्य नहीं करते हैं। वे पूरे समय फालतू रहते हैं। लेकिन खाली दिमाग शैतान का घर होता है। निष्क्रियता में कई बुराईयाँ जन्म लेती हैं। इसलिए, प्रत्येक को यह जानना चाहिये की फुर्सत के समय का सबसे बढ़िया उपयोग किस प्रकार से किया जाये।।
कार्य ही मनुष्य का सबसे अच्छा रक्षक होता है। यदि एक मनुष्य अपने आपको उपयोगी कार्यों में व्यस्त रखता है तो उसे कोई दुष्टता करने का समय नहीं मिलेगा। उसे बुरे विचारों के बारे में सोचने का समय नहीं मिलेगा। इसलिए, मनुष्य को फुर्सत के दौरान अपने आपको किसी न किसी उपयोगी कार्य में व्यस्त रखना चाहिये।।
विद्यार्थियों को अपने विद्यालय के दिनों में तथा छुट्टियों में अधिक फुर्सत मिलती है। उन्हें फुर्सत के समय अपनी स्वाभाविक योग्यता को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिये। यह उन्हें उनके भविष्य के जीवन में महान बना देगी।
12. You are Deepu/Deena of class XII. As monitor of the class, write an article for the school magazine on the topic “Growing Indiscipline among the Student” in about 150-200 words.
♦ Growing Indiscipline among the Students
The word discipline in the tradilional Indian culture meant one who sat at the feet of his guru to receive his lessons. The lessons aimed at developing his body, mind and spirit. The disciple obeyed the rules and regulations of the guru’s Ashram or the Pathshala.
But the pious relationship between the guru and the disciple has ended. The student of today has little respect for his teachers. He/She openly challenge the behaviour and the lessons of the teacher. Teachers often find themselves in a difficult situation and fail to protect their dignity.
Students often surround the Principal’s office and strike their fists on his table to press their demands. They break the windowpanes and furniture of the classrooms to show their resentment. In some cases, the police has to be called in to control the situation.
Parents, politicians, students’ leaders and teachers will have to sit together with a serious mind and open heart to revive the feelings of discipline in the temples of education.
भारतीय परम्परागत संस्कृति में शिष्य का अर्थ उस व्यक्ति से था जो गुरू के चरणों में अपने पाठ सीखने के लिये बैठता था। शिक्षा का उद्देश्य शिष्यों का शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक विकास होता था। शिष्य गुरू के आश्रम या पाठशाला के नियमों का पालन करता था।।
परन्तु गुरू-शिष्य के बीच का वह पवित्र सम्बन्ध अब समाप्त हो गया है। आज के छात्र के मन में शिक्षक के प्रति कोई सम्मान नहीं रहा है। वह खुलकर शिक्षक के व्यवहार और शिक्षा को चुनौती देता है। शिक्षक प्रायः अपने आप को विकट परिस्थिति में पाता है और अपनी प्रतिष्ठा की भी रक्षा नहीं कर सकता।
छात्रगण प्रायः प्रधानाचार्य के दफ्तर का घेराव करते हैं और उनकी मेज पर मुक्के मार-मार कर अपनी मांगों का दबाव डालते हैं। वे कक्षों का फर्नीचर तथा खिड़कियों के शीशे तोड़ डालते हैं अपना रोष प्रकट करने के लिए। कुछ मामलों में तो परिस्थितियों पर नियंत्रण करने के लिये पुलिस को बुलाना पड़ता है।
शिक्षा के मन्दिरों में अनुशासन पुनर्जीवित करने के लिये माता-पिता, विद्यार्थी-नेताओं और शिक्षकों को गम्भीर मानसिकता और खुले दिल से साथ-साथ बैठना होगा।
13. Write an article for your school magazine on the topic ‘The need for morality’ in about 150-200 words.
♦ The Need for Morality
Every institution – be it a fanıily, a school or any other public undertaking, we find signs of discontentment, impatience and resentment. Life seems off the track in every department of life. We find better living standards around us, but lawlessness and disorder are seen everywhere. What is missing in our life?
Obviously, morality has vanished from our life. Self-introspection will make it clear that love for money has made us blind towards our family, towards our duties and towards society. We receive huge amounts of salaries and make huge profits in business but our greed for money remains unfulfilled.
Performance of duties sincerely, human sympathy, charity, mercy and helpfulness have vanished from our life. We visit the temples and listen to the preechings of the religious saints. But we never realize our moral duties because our conscience has gone dead. Let us invoke the Divine blessings and pray to Him for the revival of morality in our life
प्रत्येक संस्था चाहे वह परिवार हो, स्कूल हो या अन्य कोई जन संस्थान हो, हमें हर जगह असन्तोष, धैर्यहीनता और रोष के संकेत मिलते हैं। जीवन के प्रत्येक आयाम का जीवन पटरी से उतरा हुआ मिलता है। हम अपने चारों ओर बेहतर रहने-सहने का स्तर पाते हैं, परन्तु हर जगह कानूनहीनता और अफरातफरी देखने को मिलती है। हमारे जीवन से क्या चीज निकल गई है ?
स्पष्ट है कि हमारे जीवन से नैतिकता लुप्त हो गई है। अन्य निरीक्षण इस बात को स्पष्ट करता है कि धन के लोभ ने हमें अपने परिवार के प्रति, अपने समाज के प्रति, अपने कर्तव्यों के प्रति अंधा कर दिया है। हम मोटा वेतन प्राप्त करते हैं और कारोबार में मोटा लाभ कमाते हैं, फिर भी धन का लालच अतृप्त रहता है।
सन्यनिष्ठा से कर्तव्यों का पालन करना, मानवीय सहानुभूति, दानशीलता, दया और दूसरों के सहायता करना ये सब गुण हमारे जीवन से लुप्त हो गये हैं। हम मन्दिरों में जाते हैं, साधु-सन्तों के उपदेश सुनते हैं। परन्तु हम कभी भी अपने नैतिक कर्तव्यों को नहीं समझते क्योंकि हमारी आत्मा मर चुकी है। आओः हम दिव्य आशीर्वाद की कामना करें और प्रभू से प्रार्थना करें कि हमारे जीवन में नैतिकता पुनः जाग उठे।
14. Write an article for your school magazine on the topic ‘Organic Farming’ in about 150-200 words.
♦ Organic Farming
The Green revolution in India brought in new techniques of intensive agricultural practices. This essentially involved use of hybrid varieties, chemical fertilizers, controlled irrigation and crop rotation. The results were encouraging and India soon became an agriculturally surplus nation as crop yields multiplied astonishingly,
However, the extensive use of chemical fertilizers, insecticides and weedicides played havoc with the quality of soil, besides causing soil and water pollution.
Organic farming is the only solution to this problem. Organic farming uses only natural substances as farming inputs. No chemical or synthetic fertilisers are used and no hybrid varieties of foodgrains, vegetables or fruits are sown. Organic agricultural products are healthy while artificial growth boosters used in intensive farming, which have an adverse effect on health and cause many diseases. Of course, in an over-populated country like India, organic farming with its relatively lower yield and thus higher product prices, cannot completely replace regular farming. But people can produce their own organic vegetables and fruits in their backyards or in vacant land in their neighbourhood.
♦ आर्गेनिक (जैविक) कृषि
भारत में हरित क्रान्ति अपने साथ कृषि की नई सघन तकनीक लाई। इसमें मुख्यतः संकर प्रजातियों का प्रयोग रासायनिक खाद, नियन्त्रित सिंचाई व फसलों को निश्चित क्रम जैसी तकनीकों का प्रयोग सम्मिलित था। इसके परिणाम अच्छे थे व जल्दी ही भारत में कृषि उपज कई गुना बढ़ गयी।
किन्तु, रासायनिक खाद, कीटनाशक व खरपतवार-नाशकों के अधिक प्रयोग मृदा की गुणात्मकता को प्रभावित किया तथा मृदा व जल प्रदूषण उत्पन्न किया। इस समस्या का हल केवल आर्गेनिक कृषि है। आर्गेनिक कृषि में केवल प्राकृतिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। इसमें कोई रासायनिक या कृत्रिम खाद का प्रयोग नहीं होतें वे किसी भी संकर प्रजाति के अनाज, सब्जियाँ या फल उगाए नहीं जाते।
आर्गेनिक कृषि उत्पाद स्वस्थ होते हैं, जबकि कृत्रिम वर्धकों द्वारा उत्पन्न सघन कृषि उत्पाद स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं व अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं। यद्यपि भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में कम उत्पादन वाली आर्गनिक कृषि जिसके उत्पाद महँगे होते हैं सामान्य कृषि को विस्थापित नहीं कर सकती-फिर भी लोग स्वयं अपने आँगन व खाली स्थानों पर आर्गेनिक सब्जियाँ व फल उगी सकते हैं।
15. Write an article for your school magazine on the topic ‘Safety of Girls in India’ in about 150-200 words.
♦ Safety of Girls in India
Eve-teasing, harassment of women-especially young school and college going girls-has of becoming an alarming and shameful trend. Girls are subjected to vulgar gestures, rude comments and even physical assaults. They have to face this problem at workplaces, educational institutions, market places, etc.
The government has taken note of this undesirable trend and initiated a number of preventive measures to check the problem. Anti-Romeo squads of police are stationed at key places to apprehend eve-teasers. Women-helpline has been set up where police help is available at just a phone call. Strict laws have been enacted to discourage such acts.
Apart from this, girls are being encouraged to learn martial arts like Judo Karate, etc. and keep themselves physically fit and strong by joining gymnasiums. This would help them tackle eve-teasers effectively and save their dignity and honour.
Finally, as eve-teasing is mainly a social issue, its solution lies in the way parents bring up their sons. Respect for women should be taught to boys in the family. This will help remove this ill very effectively.
भारत में लड़कियों की सुरक्षा। लड़कियों से छेड़खानी तथा उन्हें परेशान करने की घटनाएँ, विशेषकर स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों के साथ गत वर्षों में एक खतरनाक व शर्मनाक प्रवृत्ति हो गयी है। लड़कियों को भद्दे इशारों, अभद्र टिप्पणियों व शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों, बाजारों आदि में इन सब बातों का सामना करना पड़ता है।
सरकार ने इस अवांछनीय प्रवृत्ति को संज्ञान में लेते हुए इस समस्या के निदान हेतु अनेक निषेधात्मक उपाय किए हैं। लड़कियों से छेड़खानी करने वालों को पकड़ने हेतु मुख्य स्थानों पर Anti-Romeo दस्ते तैनात किए गए हैं। महिला सहायता लाइन स्थापित की गई है जहाँ पुलिस सहायता एक फोन कॉल पर उपलब्ध है। सख्त कानून भी बनाए गए हैं जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इसके अतिरिक्त लड़कियों को जूडो, कराटे, आदि जैसी आत्मरक्षक कलाओं को सीखने एवं जिमनेजियम जाकर स्वयं को स्वस्थ्य व मजबूत बनाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है जिससे वे छेड़खानी करने वालों से निपट सकें व अपनी गरिमा व सम्मान की रक्षा कर सकें।
अन्ततः, क्योंकि लड़कियों से छेड़खानी एक सामाजिक समस्या है, इसका निदान इस पर निर्भर है कि माता-पिता अपने पुत्रों का लालन-पालन किस प्रकार करते हैं। लड़कों को परिवार में ही औरतों का सम्मान करना सिखाना चाहिए। इससे इस बुराई का प्रभावी रूप से अन्त हो सकेगा।
16. Write an article for your school magazine on the topic ‘Digital India’ in about 150-200 words.
♦ Digital India
The ‘Digital India’ programme was launched by the Indian Prime Minister, Mr Narendra Modi on July 1st, 2015. The programme aims to employ information technology, computers, telecommunication facilities, internet, network connectivity and digitisation techniques to modernise the services offered to citizens. It also aims to provide internet connectivity to all citizens.
Digital India’ will provide digital vaults (safes) for people to store their certificates online and give each person a unique private key for access. Applications will be made and processed online. Thus the possibility of fraudulent means will be eliminated.
Mobile phones will be used as personal identity for various transaction. People in rural and urban areas will have access to all digital services and Internet on their mobiles or laptops, etc.
Digital India will bring more transparency in governance and processes. Employment will increase, activities will become automated and quality of service will improve.
The programme also aims to provide wi-fi services to 2.5 lakh schools, broadband internet connectivity to 2.5 lakh villages and bring imports on the same level as exports.
डिजिटल भारत ‘डिजिटल भारत’ कार्यक्रम प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जुलाई 1, 2015 को चलाया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सूचना-प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटरों, दूर-संचार माध्यमों, इण्टरनेट, नेटवर्क सम्पर्क व डिजिटाइजेशन तकनीकों का प्रयोग कर नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं को आधुनिकीकरण किया जायेगा। इससे सभी नागरिकों को इण्टरनेट सुविधा भी प्रदान की जायेगी।
‘डिजिटल भारत’ लोगों को अपने प्रमाण-पत्र डिजिटल तिजोरियों में रखने की सुविधा देगा जिसे वे एक अनोखी निजी चाबी द्वारा ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। प्रार्थना-पत्रे को भेजना व. प्रसंस्करण करना ऑनलाइन होगा। इससे धोखाधड़ी के साधन समाप्त हो जायेंगे। मोबाइल फोनों का उपयोग विभिन्न लेन-देन में व्यक्तिगत पहचान के रूप में होगा।
शहरी व ग्रामीण इलाकों में लोगों को सभी डिजिटल सेवाएँ व इण्टरनेट सुविधा अपने मोबाइल फोन वे लेपटॉप पर उपलब्ध होंगी। ‘डिजिटल भारत’ प्रशासन व प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता लायेगा।
नियोजन में वृद्धि होगी, कार्यकलाप स्वचालित हो जायेंगे तथा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम द्वारा 2.5 लाख विद्यालयों को वाइ-फाई सेवाएँ उपलब्ध करायी जायेंगी। 2.5 लाख गाँवों को ब्रॉडबैंड सम्पर्क दिया जायेगा तथा आयात को निर्यात के समान स्तर पर लाया जायेगा।
17. Write an article for your school magazine on the topic “The Educational problems in Rural Areas’ in about 150-200 words. (S.S. Exam 2012)
♦ Educational Problems in Rural Area
by Piyush
A child is born with talents. Education awakens and develops those talents. Only then the child becomes a useful citizen. But, in our villages, children are deprived of such an essential need. In most of the small villages, some primary schools are single-teacher schools. If the teacher is on leave, the school is locked.
Poor parents have more interest in the earning of their children and not in their education. Awakened parents do want to send their children to schools in the neighbouring areas. The girls have no safety. They are molested. Most of the parents are illiterate. So children cannot study at home. Most of the villagers are too poor to send their children to residential schools.
Dishonest politicians flourish on the budget meant for education. Children go to school in the greed of mid-day meal.
बच्चा प्रतिभायें लेकर पैदा होता है, शिक्षा इन प्रतिभाओं को जगाती हैं और उन्नत करती हैं। और तभी बच्चा एक लाभदायक नागरिक बनता है। परन्तु हमारे गांवों में बच्चे इस अतिआवश्यक आवश्यकता से वंचित रहते हैं। अधिकांश छोटे गांवों में कुछ प्रारम्भिक एकल-शिक्षक स्कूल हैं। यदि शिक्षक छुट्टी पर रहता है तो स्कूल में ताला लग जाता
निर्धन माता पिता को बच्चों की कमाई में अधिक रुचि है न कि उनकी शिक्षा में। गिने चुने जागरूक माता पिता अपने बच्चों को आस-पास के क्षेत्र के स्कूलों में भेजना चाहते हैं। लड़कियों की कोई सुरक्षा नहीं है। उन पर गन्दी फब्तियाँ कसी जाती हैं या उन के साथ छेड़छाड़ की जाती है। अधिकांश माता-पिता अशिक्षित हैं। अत: बच्चे घरों पर नहीं पढ़ सकते। अधिकांश माता-पिता इतने निर्धन हैं कि वे अपने बच्चों को रिहायशी स्कूलों में नहीं भेज सकते।। शिक्षा के लिये जो धन सुनिश्चित किया जाता है, बेईमान राजनीतिज्ञ उस पर स्वंय फूलते हैं। बच्चे मध्यान्ह के भोजन के लालच में विद्यालय जाते हैं।
18. You are a member of Wildlife Conservation Society. Write an article in about 150-200 words for the daily newspaper on ‘Problems caused by stray Animals on the Road’. Sign as Hitesh/Heena. (S.S. Exam 2013)
♦ Problems Caused by Stray Animals on the Road
Editor,
The Hindustan Times,
Bahadur Shah Zafar Road,
New Delhi.
Sir,
Through the columns of your esteemed newspaper, I want to draw the attention of the authorities concerned to the nuisance caused by strayed animals. There are occasions when the wild animals come out of their secured parks. This is due to the negligence of the keepers. Such wild animals prey upon children and old people. Fear is let loose and the peaceful life of the people is disturbed. Then there are strayed cattle-cows, buffaloes, bulls and wounded horses onthe roads. They spoil the roads with their dung and urine. Thus they create health hazards. The presence of these animals adds to the traffic problems. The roads are already overcrowded with vehicles and are narrowed by the encroachment of several shop-keepers. The frequency and chances of road accidents increase all the more. Hope the authorities will take strong steps to solve problems in public interest.
Hitesh
171, Man Singh Road
Jaipur
सम्पादक,
दी हिन्दुस्तान टाईम्स,
बहादुरशाह ज़फर रोड,
न्यू देहली:
श्रीमान् जी,
आप के सम्मानित समाचार पत्र के स्तम्भ द्वारा मैं सम्बन्धित अधिकारियों का ध्यान आवारा पशुओं द्वारा जनित मुसीबत की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। ऐसे भी अवसर होते हैं जब जंगली जानवर अपने सुरक्षित पार्को से बाहर निकल आते हैं। यह कीपर्स की लापरवाही के कारण होता है। ये जंगली जानवर बच्चों और कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। भय को खुला छोड़ दिया जाता है और लोगों के शान्तिपूर्ण जीवन में विघ्न पड़ता है। इसके अतिरिक्त गाय, भैंस, साँड और जख्मी घोड़ों जैसे आवारा जानवर सड़कों पर होते हैं। वे अपने मूत्र और गोबर से सड़कों को खराब करते हैं। इस प्रकार वे स्वास्थ्य के लिये एक खतरा पैदा करते हैं। सड़कों पर इन जानवरों की उपस्थिति यातायात की कठिनाईयों को और बढ़ा देती है। सड़कों पर पहले से ही बहुत भीड़ है और कई दुकानदारों के अतिक्रमण से सड़कें संकुचित हो जाती हैं। सड़क पर दुर्घटनाओं के अवसर तथा उनकी आवृति और भी बढ़ जाती।
आशा की जाती है कि जनता के हित में अधिकारीगण इस समस्या को कम करने के लिये और अधिक सख्त कार्यवाई करेंगे। हितेश
171, मान सिंह रोड
जयपुर
19. You attended a mountaineering camp during the summer vacation. Prepare an article for your school magazine in about 150-200 words. (S.S. Exam 2014)
Mountaineering means climbing higher and higher on the peaks of mountains. Mountain climbing is full of risks and dangers. It is more dangerous than hunting a lion from a machan. There is hair breath distance between life and death. It is not a child’s play. One has to learn a lot before starting climbing a mountain.
During the summer vacation, I attended a mountaineering camp. In the camp, the trainers were highly experienced. They were all encouraging. They made us run so fast that we became very tired. They kept us in the severe climates from very hot to very cold. We were kept in rooms where the air was thin and breathing was hard.
They taught us to bind the rope around our waist. They told us what the tightenning and loosening of the rope meant. We learnt the signals sent by the leading climber and the chasing climber. They focussed on developing courage.
पर्वतारोहण का अर्थ है पहाड़ की अधिकाधिक ऊँची चोटियों पर चढ़ना। पर्वतारोहण खतरों से भरा होता है। एक शेर के मचान से शिकार करने से भी यह अधिक जोखिम वाला और खतरों से भरपूर होता है। मृत्यु और जीवन के बीच बाल भर की दूरी होती है। यह बच्चों का खेल नहीं है। पहाड़ पर चढ़ना आरम्भ करने से पहले हमें बहुत कुछ सीखना होता है।।
गर्मियों की छुट्टियों में मैंने एक पर्वतारोही कैम्प में शिक्षण प्राप्त किया। शिविर में शिक्षण देने वाले बहुत ही अनुभवी थे। वे सभी प्रोत्साहन देने वाले थे। उन्होंने हमें अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक ठण्ड के वातावरण में रखा–हमें इतना दौड़ाया गया कि हम पूर्णत: थक कर चूर-चूर हो गये। हमें ऐसे कमरों में रखा गया जहाँ बहुत कम हवा थी और श्वांस लेना बहुत कठिन था।
उन्होंने हमें अपनी कमर के चारों ओर रस्सी बाँधनी सिखाई। उन्होंने हमें सिखाया कि रस्सी को ढीला करने और कसने का क्या अर्थ होता है। हमने यह भी सीखा कि आगे चलने वाले पर्वतारोही का संकेत और पीछे चलने वाले पर्वतारोही के संकेत किस प्रकार के होते हैं और उन संकेतों का क्या अर्थ होता है। उन्होंने साहस की भावना को विकसित करने पर बल दिया।
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