Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 12 नियोजन और विकास: नीति आयोग
- सोवियत रूस ने सर्वप्रथम 1928 ई. में अर्थव्यवस्था के विकास व वृद्धि हेतु नियोजन को स्वीकार किया।
- 15 मार्च 1950 ई. में भारत सरकार द्वारा योजना आयोग का गठन किया गया। यह सरकार द्वारा निर्मित एक गैर-संवैधानिक निकाय था।
- देश में मौजूद आर्थिक समस्याओं; यथा-निर्धनता, बेरोजगारी, आर्थिक विषमता, उद्योग व कल-कारखानों का विकास करने एवं सूचना प्रौद्योगिकी को गति देने हेतु आर्थिक नियोजन आवश्यक है।
नियोजन क्या है:
- सोच-समझकर सही दिशा में उठाया गया प्रथम कदम नियोजन कहलाता है।
- नियोजन के लिए आवश्यक है कि उद्देश्य स्पष्ट हों, उसे प्राप्त करने के साधन व प्रयास व्यवस्थित हों एवं अवधि निश्चित होनी चाहिए।
नियोजन क्यों:
- हमारे देश में सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु नियोजन अपनाया गया।
- नियोजन का उद्देश्य संसाधनों का समुचित उपयोग, बेरोजगारी दूर करना, कौशल विकास, राष्ट्रीय विकास, ‘ प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि, आत्मनिर्भरता एवं जन कल्याण आदि है।
- भारत में नियोजन एवं विकास की दिशा में प्रथम प्रयास 1934 ई. में एम. विश्वेश्वरैया की पुस्तक “प्लान्ड इकोनोमी फॉर इण्डिया द्वारा किया गया।
- भारत में योजनाबद्ध विकास हेतु 1944 ई. में बम्बई योजना, श्रीमन्नारायण की गाँधीवादी योजना, एम.एन.राय की जन योजना, जयप्रकाश नारायण की सर्वोदय योजना (1950) आदि द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास सराहनीय थे।
भारत में नियोजन के लक्षण:
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहाँ सत्ताधारी राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन की नीतियाँ राष्ट्रीय नियोजन व उसकी प्रकृति को प्रभावित करती हैं।
- अच्छा नियोजन राष्ट्रीय समृद्धि का प्रतीक होता है। भारत में नियोजन की प्रकृति परिवर्तनशील रही है।
- वैश्वीकरण का प्रत्यक्ष प्रभाव हमारे नियोजन पर दिखाई देता है।
नियोजन का विकास से सम्बन्ध:
- आर्थिक क्षेत्र में नियोजन का लक्ष्य राष्ट्रीय विकास है। महात्मा गाँधी नियोजन का लक्ष्य ‘अंतिम व्यक्ति का विकास’ मानते थे।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिया गया नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ नियोजन के साथ विकास की अवधारणा को सुदृढ़ करता है।
- विकास का अर्थ लोगों के जीवन स्तर में उन्नति से है। भारत में विकास के नियोजन प्रयासों में 1950 ई. से 2015 | ई. तक योजना आयोग ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
- 2015 ई. में योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया है।
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान):
- भारत सरकार ने 1 जनवरी 2015 को एक आयोग का गठन किया जिसे ‘नीति आयोग’ के नाम से जाना गया। इसने पूर्ववर्ती योजना आयोग का स्थान लिया है।
- नीति आयोग का पूरा नाम-राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India) है।
- नीति आयोग सरकार के थिंक टैंक (Think Tank) के रूप में कार्य कर रहा है एवं उसे निदेशात्मक तथा नीतिगत गतिशीलता प्रदान कर रहा है।
नीति आयोग गठन के आधार:
- नीति आयोग के गठन का मुख्य आधार देश में उपलब्ध बौद्धिक सम्पदा का समुचित दोहन कर उसे पलायन से | रोकना एवं सुशासन में उसकी भागीदारी सुनिश्चित करना है।
- इसके अतिरिक्त विकास में राज्यों की भूमिका को सक्रिय बनाना तथा विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केन्द्र व राज्यों का साझा मंच तैयार करना भी नीति आयोग के गठन का एक मुख्य आधार है।
उद्देश्य:
- नीति आयोग का विजन प्रधानमंत्री एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय एजेन्डा का प्रारूप तैयार कर सौंपना है। .
- नीति आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि जो क्षेत्र विशेष रूप से उसे सौंपे गए हैं, उनकी आर्थिक कार्यनीति तथा नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को सम्मिलित किया जाए।
- नीति आयोग का अन्य प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम तथा इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अन्य आवश्यक क्रियाकलाप सम्पादित करना हैं।
नीति आयोग का गठन:
- भारत के प्रधानमंत्री नीति आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं। नीति आयोग के एक उपाध्यक्ष एवं दो पूर्णकालिक सदस्य प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
- नीति आयोग की गवर्निग परिषद के सदस्य समस्त राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- नीति आयोग के अन्तर्गत एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय मामलों पर विचार व निर्णय करने हेतु विशेष अवधि के लिए क्षेत्रीय परिषदों का गठन करने का प्रावधान है।
- वर्तमान में नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, उपाध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगड़िया, दो पूर्णकालिक सदस्य डॉ. विवेक देवरॉय एवं डॉ. वी.के. सारस्वत हैं।
RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 12 प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
- नियोजन — देश के आर्थिक साधनों का विस्तृत सर्वेक्षण करके देश की आवश्यकताओं के अनुसार उनका सर्वोत्तम उपयोग निर्धारित करना नियोजन कहलाता है।
- विकास — समाज में उन्नति, प्रगति, कल्याण और अच्छे जीवन की अभिलाषा से सम्बन्धित सकारात्मक परिवर्तनों की प्रक्रिया को विकास कहते हैं।
- अर्थव्यवस्था — अर्थव्यवस्था या आर्थिक प्रणाली संस्थाओं का वह ढाँचा है जिसके द्वारा उत्पादन के साधनों तथा उसके द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के उपयोग पर सामाजिक नियंत्रण किया जाता है।
- संसाधन — संसाधन प्रकृति से प्राप्त ऐसा तत्व है जिसको मानव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लेता है। मनुष्य अपनी क्षमतानुसार उसका उपयोग करता है, संसाधन प्राकृतिक ही नहीं मानवीय व सांस्कृतिक भी होते हैं। सम्पूर्ण संसाधन सदैव बदलते रहते हैं।
- विजन — विजन से तात्पर्य नजरिया या दृष्टिकोण से है। नीति आयोग का विजन प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय एजेन्डा का प्रारूप तैयार कर सौंपना है।
- योजना आयोग — यह विधि द्वारा निर्मित एक गैर संवैधानिक निकाय था जिसकी स्थापना 15 मार्च 1950 को भारत सरकार ने एक सीधे-सादे प्रस्ताव के माध्यम से की थी। यह आयोग एक सलाहकार की भूमिका निभाता था इसकी सिफारिशें तभी प्रभावशाली हो पाती थीं, जब मंत्रिमंडल उन्हें मंजूर करे। जनवरी 2015 में इसके स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया है।
- बम्बई योजना — सन् 1944 ई. में भारत में उद्योगपतियों का एक समूह बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में एकत्रित हुआ। इस समूह ने देश में नियोजित अर्थव्यवस्था को चलाने का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया। इसे बम्बई योजना या ‘बॉम्बे प्लान’ कहा जाता है। बम्बई योजना में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार औद्योगिक व अन्य आर्थिक निवेश के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए।
- सूचना प्रौद्योगिकी — सूचना प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक विधि से सूचना भेजने, प्राप्त करने एवं संग्रहित करने की पद्धति है। इसमें कम्प्यूटर, डाटाबेस एवं मॉडम का उपयोग किया जाता है। इसमें सूचनाओं का द्रुतगति से त्रुटिरहित एवं कुशलतापूर्वक संपादन होता है। यह एक मिश्रित प्रौद्योगिकी है जिसमें कम्प्यूटर व संचार दोनों प्रकार की प्रौद्योगिकी एक दूसरे के साथ मिलकर सूचना, संसाधन व सम्प्रेषण का कार्य करते हैं।
- सहकारी संघवाद — यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर संयुक्तरूप से कार्यवाही करती हैं। नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्यों के साथ सतत् आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है।
- प्रति व्यक्ति आय — प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय को ही प्रति व्यक्ति आय कहा जाता है। किसी देश की राष्ट्रीय आय को वहाँ की जनसंख्या से विभाजित करके प्रति व्यक्ति आय ज्ञात की जाती है।
- राष्ट्रीय आय — किसी देश का श्रम एवं पूँजी उसके प्राकृतिक साधनों के साथ मिलकर एक वर्ष में जिन वस्तुओं और सेवाओं का शुद्ध वास्तविक उत्पादन करते हैं, उनका मौद्रिक मूल्य राष्ट्रीय आय कहलाता है।
- सार्वजनिक क्षेत्र — जब किसी उद्योग की पूँजी और सम्पत्ति के अधिकार सत्ता अथवा समुदाय के हाथ में होते हैं। तो उसे सार्वजनिक क्षेत्र कहा जाता है। उस सम्पत्ति का स्वामित्व सम्पूर्ण समुदाय का होता है। जैसे-राजकीय भवन, राजकीय विद्यालय, भिलाई स्थित लौह कारखाना आदि।
- निजी क्षेत्र — जब किसी उद्योग की समस्त पूँजी, लाभ, हानि व सम्पत्ति पर एक ही व्यक्ति/व्यक्ति समूह का स्वामित्व होता है तो उसे निजी क्षेत्र कहते हैं। भारत में कई पूँजीपतियों द्वारा चलाए जा रहे संगठन या उद्योग इसी क्षेत्र में गिने जाते हैं।
- नौकरशाही — कार्यकुशल, प्रशिक्षित एवं कर्तव्य परायण कर्मचारियों का विशिष्ट संगठन जिसमें पद, सोपान एवं आज्ञा की एकता के सिद्धांत का कठोरता से पालन किया जाता है।
- नीति आयोग — केन्द्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को गठित आयोग। इसका पूरा नाम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India) है। इसका उद्देश्य विकास में राज्यों की सक्रिय भागीदारी, विकास की दीर्घकालीन नीतियाँ तैयार करना, सुशासन एवं सतत् व न्याय संगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली विकसित करना आदि है। इस आयोग ने योजना आयोग का स्थान लिया है।
- सुशासन — सुशासन से आशय अच्छे शासन से है। अच्छा शासन वह होता है जब सरकार के निर्णय और कार्य लोगों की सहमति, वैधता और उत्तरदायित्व पर आधारित होते हैं। वर्तमान समय में सुशासन जागरूक जनता और उत्तरदायी संवैधानिक सरकार की ओर इंगित करता है।
- धानमंत्री — देश की वास्तविक कार्यपालिका का प्रधान। मंत्रिमंडल में राष्ट्रपति को परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् की व्यवस्था की गयी है, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- मुख्यमंत्री — राज्य के शासन का वास्तविक अध्यक्ष। इसकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- विधानसभा — यह राज्य में जनता का प्रतिनिधि सदन है। इसके सदस्यों का विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के अनुसार मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन होता है।
- उप राज्यपाल — केन्द्रशासित प्रदेशों का शासन चलाने हेतु राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त पदाधिकारी। (21) नरेन्द्र मोदी-देश के वर्तमान प्रधानमंत्री। इनकी अध्यक्षता में नीति आयोग का गठन किया गया है।
- डॉ. अरविंद पनगड़िया — प्रसिद्ध अर्थशास्त्री। इन्हें नीति आयोग का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। यह राजस्थान के निवासी हैं।
- महात्मा गाँधी — महान स्वतंत्रता सेनानी। इन्होंने नियोजन का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति का विकास माना है। इन्होंने संसाधनों में विकेन्द्रीकरण पर बल दिया है।
- एम, विश्वेश्वरैया — प्लान्ड इकोनोमी फॉर इंडिया’ पुस्तक के रचयिता। इन्होंने ही सर्वप्रथम 1934 ई. में अपनी पुस्तक के माध्यम से भारत में नियोजन और विकास की आवश्यकता पर बल दिया था। | (25) जयप्रकाश नारायण — जे.पी. के नाम से प्रसिद्ध, यह गाँधीवादी विचारधारा के साथ समाजवाद और मार्क्सवाद से प्रभावित थे। इन्होंने नियोजन से सम्बन्धित सर्वोदय योजना प्रस्तुत की।
- एम.एन.राय — प्रसिद्ध श्रमिक नेता। इन्होंने देश के नियोजन से सम्बन्धित जन योजना प्रस्तुत की थी।
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