Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 30 भारत के पड़ोसी देशों से संबंध (पाकिस्तान, चीन और नेपाल)
- प्रारम्भ से ही भारत की विदेश नीति का मल उद्देश्य रहा है कि पड़ोसी देशों के साथ सदभाव, शान्ति और मित्रतापूर्ण संबंध रखे जायें किन्तु चीन, नेपाल व पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध किसी न किसी कारणवश संवेदनशील बने हुए हैं। परस्पर मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए दोनों पक्षों की सहमति अनिवार्य है।
भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध:
- भारत-पाकिस्तान विभाजन की घटना ने हिन्दू-मुस्लिम, दोनों समुदायों के मध्य घृणा, अविश्वास एवं वैमनस्य को उजागर किया है।
- पाकिस्तान ने अपने जन्म काल से ही समस्याओं को उलझाकर एशिया महाद्वीप में स्थायी रूप से संघर्ष का सूत्रपात कर दिया।
भारत-पाक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाली समस्याएँ:
- भारत-पाकिस्तान सम्बन्धों में तनाव के तीन मुख्य कारण हैं-
- विभाजन से उत्पन्न समस्याएँ
- भारत के विरुद्ध जिहाद (धर्मयुद्ध) व आतंकवाद को खुला समर्थन तथा
- पाकिस्तान द्वारा भारत विरोधी समूह बनाना।
- भारत-पाक तनाव के कारण रक्षा पर होने वाला काम बढ़ रहा है। उदाहरणार्थ-भारत व पाक अपनी सैन्य तैयारियों पर सकल घरेलू उत्पाद का क्रमशः 2.9 प्रतिशत तथा 4.7 प्रतिशत व्यय कर रहे हैं।
- पाकिस्तान जिहाद व आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 8 प्रतिशत से अधिक व्यय करता है। परिणामस्वरूप भारत को सियाचिन क्षेत्र की सुरक्षा हेतु प्रतिवर्ष लगभग 9 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है।
विभाजन से उत्पन्न होने वाली समस्याएँ:
- विभाजन के समय से ही भारत व पाकिस्तान के मध्य कुछ विवाद के मुद्दे रहे हैं जैसे कि-हैदराबाद विवाद, जूनागढ़ विवाद, ऋण की अदायगी का प्रश्न, नदी जल का विवाद, शरणार्थियों का प्रश्न एवं कश्मीर पर कब्जा।
कश्मीर विवाद:
- भारत व पाकिस्तान के मध्य सर्वाधिक जटिल समस्या कश्मीर की समस्या है। स्वतन्त्रता के दौरान ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की थी कि भारतीय रियासतें अपनी इच्छानुसार भारत व पाकिस्तान में विलय हो सकती हैं। अधिकांश रियासतों की समस्या हल हो गई किन्तु कश्मीर की स्थिति कुछ विशिष्ट थी।
- कश्मीर की बहुसंख्यक जनता मुस्लिम तथा राजा हिन्दू था। राजा द्वारा विलय का कोई तात्कालिक निर्णय नहीं लिया जा सका। 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम प्रांत के कबायलियों के भेष में पाकिस्तानी सेना द्वारा कश्मीर पर आक्रमण कर देने से कश्मीर के राजा ने भारत सरकार से सहायता मांगी तथा कश्मीर का भारत में विलय करने का प्रार्थना की।
- भारत ने सहायता के लिए सेनाएं भेज दी तथा युद्ध समाप्ति के बाद जनमत संग्रह की शर्त के साथ कश्मीर को भारत का अंग मान लिया गया।
- 1 जनवरी 1948 को भारत सरकार ने सुरक्षा परिषद् से शिकायत की तथा परिषद् ने समस्या का समाधान करने के लिए 5 राष्ट्रों-चेकोस्लोवाकिया, अर्जेण्टाइना, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोलम्बिया और बेल्जियम को सदस्य नियुक्त कर एक संयुक्त राष्ट्र आयोग नियुक्त किया।
संयुक्त राष्ट्र आयोग के कार्य:
- संयुक्त राष्ट्र आयोग ने 13 अगस्त 1948 को दोनों पक्षों यथा- भारत व पाकिस्तान से युद्ध बंद करने एवं समझौता हेतु विभिन्न आधार प्रस्तुत किए।
- आयोग के प्रयासों से 1 जनवरी 1949 को युद्ध विराम हो गया तथा दोनों देशों के मध्य सीमा-रेखा निर्धारित की गई। पाकिस्तान को कश्मीर का 32000 वर्ग मील क्षेत्रफल मिला जिसकी जनसंख्या 7 लाख थी तथा भारत को 53000 वर्गमील क्षेत्रफल मिला जिसकी जनसंख्या 33 लाख थी।
भारत-पाक के बीच स्थाई है कश्मीर विवाद:
- पाकिस्तान यह मानने को तैयार नहीं था कि कश्मीर घाटी के बहुसंख्यक मुसलमान आबादी भारत के साथ रहकर जनतान्त्रिक धर्मनिरपेक्षता के मार्ग पर चले। यही कारण है कि पाकिस्तान ने कश्मीर समस्या को पेचीदा बना दिया है।
कश्मीर का विशेष दर्जा:
- जम्मू और कश्मीर के शासक हरीसिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू और कश्मीर राज्य को भारतीय संघ में सम्मिलित करने के विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर ने अपना पृथक संविधान बनाया है। संवेदनशील और देश की सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों को छोड़कर अन्य विषय राज्य विधानसभा को प्रदान किये गए। यह प्रावधान तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए किया गया था किन्तु बाद में इसे समाप्त नहीं किया जा सका और यह विवाद का मुद्दा बना हुआ है।
कश्मीर समस्या और धर्मनिरपेक्षता और भावनात्मक मुद्दा:
- जम्मू और कश्मीर भारत-चीन सीमांत का सबसे बड़ा अतिसंवेदनशील भाग है।
- कश्मीर का विवाद केवल विवादग्रस्त भाग तक ही सीमित नहीं है। बल्कि कश्मीर का भारत का अभिन्न अंग रहना उसकी धर्मनिरपेक्ष पहचान की एक बड़ी कसौटी भी है।
- केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर राज्य में हिन्दुओं के उत्पीड़न एवं विस्थापन की अनदेखी नहीं कर सकती है।
1965 का भारत-पाक युद्ध:
- अप्रैल 1965 में कच्छ के रण को लेकर भारत और पाकिस्तान के मध्य संघर्ष हुआ।
- 22 सितंबर 1965 को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर दोनों देशों ने युद्ध बन्द कर दिया तथा भारत का युद्ध के दौरान 750 वर्गमील भूमि पर कब्जा हो गया।
ताशकन्द समझौता:
- 10 जनवरी 1966 को सोवियत संघ के प्रयत्नों से भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खाँ के मध्य ताशकंद समझौता हुआ। यद्यपि दोनों देशों के मध्य शान्ति स्थापित हुई किन्तु भारत को प्राप्त भू-भाग छोड़ना पड़ा।
भारत-पाक युद्ध 1971 तथा शिमला समझौता:
- ‘सन् 1971 के युद्ध में भी पाकिस्तान को पराजय का सामना करना पड़ा। इसी दौरान पूर्वी पाकिस्तान पृथक होकर बांग्लादेश के रूप में अस्तित्व में आया।
- 3 जुलाई 1972 को भारत व पाकिस्तान के मध्य ऐतिहासिक शिमला समझौता हआ। भारत ने शान्ति नीति का अनुसरण करते हुए इस युद्ध में प्राप्त 5139 वर्गमील भूमि का क्षेत्र पाकिस्तान को लौटा दिया।
आतंकवाद और पाकिस्तान:
- हाल के वर्षों में विश्व में आतंकवाद का प्रभाव बढ़ा है। इसके लिए कई कारण उत्तरदायी रहे हैं जैसे कि-खाड़ी देशों का जेहादी जुनून, वैश्विक महाशक्तियों द्वारा सामरिक कारणों से इसे नजरअंदाज करना, अफगानिस्तान से सोवियत सेनाओं की वापसी हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में तालिबान का समर्थन।
पाकिस्तान के खस्ता हालात और भारत की परेशानी:
- धार्मिक आधार पर गठित पाकिस्तान ने धर्मनिरपेक्ष भारत से हमेशा वैमनस्यपूर्ण व्यवहार किया है।
- पाकिस्तान में अधिकांश समय सेना के हाथ में सत्ता रही है। अशिक्षित, गरीब व बेरोजगार पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के लिए सिरदर्द रहा है।
पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रोत्साहन:
- पाकिस्तान द्वारा पंजाब व जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लगातार सहायता पहुँचाने से भारत के साथ इसके . सम्बन्ध कटुतापूर्ण रहे हैं।
- पाकिस्तन ने निरन्तर शिमला समझौते व अन्तर्राष्ट्रीय व्यवहार के लिए सर्वमान्य मानकों का उल्लंघन किया है।
- पाकिस्तान चीन से मित्रता स्थापित कर अब भी लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ व आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रहा है।
भारत-पाक सम्बन्ध : रिश्तों को सुधारने के प्रयत्न:
- भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों को हमेशा सामान्य बनाने का प्रयत्न किया जाता रहा है। ताशकंद व शिमला समझौता, इसी दिशा में किये गए प्रयत्न थे।
- 14 अप्रैल 1978 में भारत और पाकिस्तान के मध्य सलाल जलविद्युत परियोजना के सम्बन्ध में एक संधि हुई।
- 10 जनवरी 1986 को भारत और पाकिस्तान के मध्य आपसी आर्थिक सम्बन्धों के एक नए युग का प्रारम्भ हुआ।
- भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने फरवरी 1999 में दिल्ली-लाहौर-दिल्ली बस सेवा का उद्घाटन कर लाहौर की बस यात्रा करके ऐतिहासिक पहल की।
- 31 दिसम्बर 2001 को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला कर दिया।
वार्ता दर वार्ता नतीजा शून्य:
- 15-16 जुलाई 2010 को इस्लामाबाद में सम्पन्न भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की वार्ता बेनतीजा रही।
- 29 सितम्बर 2013 को भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज सरीफ के साथ मुलाकात की।
भारत की नई सरकार की पाकिस्तान के प्रति सकारात्मक पहल:
- पाकिस्तान अभी भी निरन्तर भारतीय सीमा में घुसपैठ व आतंकवाद फैला रहा है। विभिन्न समयों पर हुए सन्धियों व समझौते तथा परस्पर यात्राएँ समस्या सुलझाने में असफल रही है जिसके लिए पाकिस्तान का नकारात्मक रवैया उत्तरदायी रहा है।
- 26 मई 2014 को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ __ को आमंत्रित किया जिससे लगा कि वार्ताओं का सिलसिला शुरु होगा। किन्तु पाकिस्तान के रवैये ने सभी आशाएँ धूमिल कर दी।
- 2 जनवरी 2016 को पठानकोट में सशस्त्र आतंकवादी हमला कराने के बाद से पाकिस्तान निरन्तर कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहा है। कश्मीर के उड़ी सेना शिविर पर हमले की प्रतिक्रियास्वरूप भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक’ किया।
भारत का सख्त रवैया:
- वर्तमान में स्थिति यह है कि पाकिस्तान निरन्तर भारतीय सीमा में घुसपैठ व आतंकवादी कार्रवाइयाँ कर रहा है और भारत ने इसके विरुद्ध सख्त रवैया अपनाया हुआ है।
भारत-चीन सम्बन्ध:
- भारत पहला जनतान्त्रिक देश था जिसने जनवादी चीन को मान्यता दी थी। भारत ने ही चीन को सुरक्षा परिषद में स्थान (सीट) दिलाने के प्रयत्न किये थे। नेहरु व कृष्ण मेनन के प्रयत्नों से ही बांडुंग शिखर सम्मेलन में चीन को आमंत्रित किया गया था।
- तिब्बत के मसले पर भारत ने इस क्षेत्र में चीन की सम्प्रभुता को स्वीकार कर पंचशील समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- 1962 ई. में चीन ने अचानक सीमा विवाद के बहाने भारत पर आक्रमण कर दिया।
- ब्रिटिश शासनकाल में मैकमोहन नामक अंग्रेज सर्वेक्षक ने भारत व चीन के मध्य सीमा का निर्धारण किया था। शिमला समझौते में ब्रिटिश भारत व चीन ने इस सीमा को मान्यता दी थी।
- चीन की स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान भारत की कांग्रेस पार्टी ने चीन के मुक्ति संग्राम के साथ अपना सहयोग प्रदर्शित किया था।
स्वतंत्र भारत और चीन:
- चीन के प्रति भारत का दृष्टिकोण प्रारम्भ से ही मित्रतापूर्ण रहा है। अक्टूबर 1949 की साम्यवादी क्रांति का भारत ने समर्थन किया। 1956 में तिब्बत के खम्भात क्षेत्र में तिब्बती धर्म गुरु दलाईलामा का समर्थन प्राप्त कर चीनी शासन के प्रति विद्रोह हो गया जिसे चीनी सरकार ने कुचल दिया। 31 मार्च 1959 को दलाईलामा ने भारत में शरण ली। चीन ने इसे शत्रुतापूर्ण कार्य कहा।
- सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध के पश्चात दोनों देशों के मध्य स्थाई रूप से तनावपूर्ण सम्बन्ध स्थापित हो गए।
- चीन के रवैये को देखकर सोवियत रुस का भारत के प्रति झुकाब बढ़ता चला गया क्योंकि चीन व रुस के मध्य भी सीमा विवाद था। भारत-रुस मैत्री आज सुदृढ़ है।
- भारत-चीन के मध्य सीमा विवाद के साथ जल विवाद भी है। ब्रह्मपुत्र, जिसे चीन में यारलुंग सांगपो कहते हैं, ऊँचे पहाड़ों में दैत्याद्वार बांध निर्माण कर चीन अपनी जल-सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है किन्तु इससे भारत की जल सुरक्षा एवं पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है।
विकास के सोपान पर सम्बन्ध:
- भारत व चीन के मध्य संवाद, समझौतों, यात्राओं आदि के द्वारा सम्बन्धों को सामान्य बनाने के प्रयास किये जाते रहे हैं किन्तु अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
आर्थिक सम्बन्ध:
- चीन के साथ आर्थिक सम्बन्धों पर गम्भीरता से सोचने की जरुरत है। क्योंकि चीन विश्व का सबसे बड़ा बाजार है और विद्युत श्रम का भण्डार है। अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में भी वह भारत से काफी आगे है।
- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 सितम्बर 2014 को तीन दिवसीय भारत यात्रा पर सर्वप्रथम अहमदाबाद पहुँचे। इस दौरान कई समझौते हुए। चीन भारत में लगभग 1,200 अरब रुपये का निवेश पांच वर्ष के लिए करने को सहमत हुआ। किन्तु दोनों पक्षों में सीमा विवाद पर कोई समझौता नहीं हो सका।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14-16 मई 2015 तक चीन की यात्रा पर रहे। इस दौरान दोनों देशों के मध्य 10 अरब डालर के 24 समझौते हुए।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान वहाँ के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
- चीन ने सिक्किम को भारत का हिस्सा मान लिया है और नाथूला दर्रा व्यापार के लिए खुल गया है।
भारत नेपाल सम्बन्ध:
- नेपाल हिमालय की पहाड़ियों में बसा हुआ एक छोटा-सा देश है। भारत व चीन के मध्य एक अंत:स्थ राज्य (बफर स्टेट) है। यह विश्व का एक मात्र हिन्दू राज्य था। वर्तमान में यहां जनतान्त्रिक धर्मनिरपेक्ष शासन प्रणाली है।
- भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित नेपाल सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। उत्तर में भारत की सुरक्षा नेपाल की सुरक्षा पर निर्भर करती है। ब्रिटिश काल में नेपाल पूरी तरह औपनिवेशिक सरकार के अंकुश में था।
- भारत-नेपाल सीमा एक अदृश्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है जिस पर बिना रोक-टोक इधर-उधर जाया जा सकता है। नेपाल एकमात्र ऐसा विदेशी राष्ट्र है जिसके नागरिक भारतीय सेना में भर्ती किये जाते हैं।
नेपाल के साथ उलझनें:
- नेपाल के साथ भारत के सम्बन्ध अत्यन्त घनिष्ठ व आत्मीय रहे हैं लेकिन आज दोनों देशों के मध्य कुछ तनाव है। तनाव के ये मुद्दे हैं-1950 की विषम सन्धि, नदी जल विवाद, नेपाल में शरण लेने वाले आतंकवादी, मुनाफाखोर भारतीय व्यापारी, भारत द्वारा नेपाल की राजशाही को समर्थन।
भारत-नेपाल सम्बन्ध 1950 की संधि:
- तिब्बत में चीन की गतिविधियों के बढ़ने से नेपाल की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंता बढ़ गई। फलस्वरूप 30 जुलाई 1950 को दोनों देशों के मध्य एक ऐतिहासिक संधि हुई।
नेपाल में राणाशाही का विरोध और भारत की भूमिका:
- 1950 में नेपाल में भारत के सहयोग से ही राणाशाही का अंत हुआ और नेपाल के महाराजा त्रिभुवन वास्तविक शासक बने तथा लोकतंत्र की स्थापना हुई।
- भारत के सहयोग से नेपाल सन् 1955 में संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना। भारत ने नेपाल को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कराने में भरपूर सहायता की।
नेपाली मामलों में चीन की अभिरूचि और भारत की धरती:
- सन् 1959 में नेपाल के प्रधानमंत्री कोईराला ने चीन की यात्रा की व एवरेस्ट पर्वत शिखर के बारे में एक समझौता किया।
- तत्कालीन महाराजा महेन्द्र ने काठमाण्डू ल्हासा मार्ग बनाने के सम्बन्ध में चीन से समझौता कर भारत के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया।
- 1962 के भारत चीन युद्ध में नेपाल की तटस्थता की नीति ने भारत में नेपाल के प्रति आशंका उत्पन्न हो गई।
सम्बन्धों की पुनर्स्थापना व भारत नेपाल आर्थिक तकनीकी सम्बन्ध:
- भारत के प्रति नेपाल के संदेह को दूर करते हुए भारत ने 23 मार्च 1964 को नेपाल के साथ समझौता किया।
- नेपाल के विकास कार्यों में सबसे अधिक धन भारत का ही लगा हुआ है। नेपाल को भारत में हर तरह का प्रशिक्षण, तकनीकी व गैर तकनीकी सहायता मिलती है।
- भारत ने नेपाल को अनेक जल विद्युत परियोजनाओं, मेडिकल कॉलेज निर्माण, सड़क मार्ग निर्माण, टेलीफोन एक्सचेंज तथा रेलवे लाइन के नवीनीकरण में सहयोग प्रदान किया है।
1950 में बनी द्विपक्षीय संधि की समाप्ति तथा भारत नेपाल के मध्य मतभेद:
- 1989 में भारत ने नेपाल के साथ व्यापार और पारगमन संधि की अवधि पूर्ण हो जाने पर इसका नवीनीकरण करने से मना कर दिया, फलस्वरूप दोनों देशों के मध्य तनाव उत्पन्न हो गया।
- नेपाल में कुल विदेशी निवेश का 46 प्रतिशत हिस्सा भारत का है।
- नेपाल ने अनेक बार भारतीय हितों की उपेक्षा करके चीन के साथ समझौते किये हैं।
- नेपाल द्वारा काठमाण्डू-ल्हासा सड़क मार्ग बनाने के सम्बन्ध में चीन के साथ समझोता स्पष्ट रूप से भारत विरोधी कदम है।
- नेपाल स्वयं को शांत क्षेत्र घोषित करना चाहता है ताकि भारत के प्रभाव व विशिष्ट स्थिति को नकारा जा सके।
- 1 फरवरी 2005 को नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र ने देश में आपातकाल लागू कर पूर्णराजशाही स्थापित कर दी।
नेपाल के लोकतंत्र की राह:
- नेपाल में 11 वर्षों से चला आ रहा माओवादियों का सशस्त्र संघर्ष 21 नवम्बर 2006 को समाप्त हो गया।
- नेपाल में विगत 24 वर्षों से चली आ रही राजशाही 28 मई 2008 को समाप्त हो गई तथा नवनिर्वाचित संविधान सभा ने देश को धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया।
नेपाल सरकार के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सद्भाव:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3-4 अगस्त 2014 को नेपाल की सद्भाव यात्रा की तथा वहाँ की संविधान सभा तथा विधायी ससंद को सम्बोधित किया।
मधेशी आन्दोलन और भारत-नेपाल सम्बन्ध:
- मधेश नेपाल का सबसे पिछड़ा गरीब व उपेक्षित क्षेत्र है। यहाँ भारतीय मूल के मैथिली, भोजपुरी व अवधी बोलने वाले पिछड़े व दलित समाज के लोग रहते हैं।
- नेपाल सरकार के मधेशियों के साथ भेदभाव करने पर उन्हें आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ा।
- मधेशियों ने भारत-नेपाल सीमा को बंद कर दिया। चाहे-अनचाहे ही भारत सरकार को मधेशियों के साथ खड़ा होना पड़ा। नेपाल सरकार ने मधेशियों के साथ कुछ समझौते किये।
- नेपाल सरकार ने अपने देश में पेट्रोलियम उत्पादों की पर्याप्तता के लिए 24 अक्टूबर 2015 को चीन से समझौता किया। यह समझौता भारत के लिए खतरा है।
- फरवरी 2016 नेपाली प्रधामंत्री के. पी. शर्मा ओली की भारत यात्रा में नेपाल के साथ 9 समझौते हुए।
नेपाल का मनोविज्ञान व भावी रणनीति:
- नेपाल भारत और चीन के साथ समदूरी सिद्धांत के आधार पर सम्बन्ध विकसित करना चाहता है। जिससे चीन को भी संतुष्ट किया जा सके। भारत इससे सहमत नहीं है।
- नेपाल भारत पर निर्भरता कम करना चाहता है तथा चीन के साथ सम्बन्ध बढ़ाना चाहता है।
महत्त्वपूर्ण तिथियाँ एवं सम्बन्धित घटनाएँ:
14 अगस्त 1947 — पाकिस्तान अपने गठन के कुछ समय बाद ही कश्मीर पर आक्रमण कर उसके एक भाग पर अनधिकृत तरीके से कब्जा कर लिया।
22 अक्टूबर 1947 — पाकिस्तानी सेना द्वारा कबायलियों के भेष में कश्मीर में घुसपैठ
26 अक्टूबर 1947 — कश्मीर के राजा हरीसिंह ने भारत सरकार से सहायता मांगी और जम्मू व कश्मीर राज्य को भारतीय संघ में शामिल करने केविलय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
1 जनवरी 1948 — भारत सरकार ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी घुसपैठ की शिकायत की।
1 जनवरी 1949 — भारत व पाकिस्तान के मध्य युद्ध विराम।
अप्रैल 1965 — कच्छ के रण को लेकर भारत-पाक संघर्ष हुआ।
सितम्बर 1965 — भारत-पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम करने के लिए सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया।
22 सितम्बर 1965 — सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर भारत-पाक युद्ध बन्द।
10 जनवरी 1966 — भारत व पाकिस्तान के मध्य ताशकंद समझौता
3 दिसम्बर 1971 — पाकिस्तानी वायुयानों द्वारा भारत के हवाई अड्डों पर भीषण बमबारी
4 दिसम्बर 1971 — भारतीय वायु सेना द्वारा जबावी हमला किया।
16 दिसम्बर 1971 — पाकिस्तानी जनरल नियाजी द्वारा भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोरा के सम्मुख आत्मसमर्पण।
3 जुलाई 1972 — भारत व पाकिस्तान के मध्य शिमला समझौता हुआ।
अप्रैल 1978 — भारत व पाकिस्तान के मध्य सलाल जल विद्युत् परियोजना के संबंध में सन्धि हुई।
1979 ई. — पाकिस्तान ने सेण्टों की सदस्यता त्याग दी, हवाना शिखर सम्मेलन में गुट निरपेक्ष आन्दोलन की सदस्यता ग्रहण की।
17 दिसम्बर 1985 — प्रधानमंत्री राजीव गांधी व पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिया उल हक के मध्य छः सूत्री समझौता हुआ।
10 जनवरी 1986 — भारत व पाकिस्तान के मध्य नवीन आर्थिक सम्बन्धों की शुरुआत
दिसम्बर 1988 — पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टों के नेतृत्व में लोकतान्त्रिक सरकार गठित हुई।
31 दिसम्बर 1988 — भारत व पाकिस्तान के मध्य तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
12 मार्च 1993 — मुम्बई में बम विस्फोट हुआ जिसमें 317 निर्दोष लोग मारे गए।
फरवरी 1999 — दिल्ली-लाहौर-दिल्ली बस सेवा का प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उद्घाटन।
14-16 जुलाई 2001 — आगरा में पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ व अटल बिहारी बाजपेयी के मध्य निष्फल वार्ता।
13 दिसम्बर 2001 — भारतीय संसद पर पाक समर्थित आतंकवादियों का हमला।
15-16 जुलाई 2010 — इस्लामाबाद में भारत-पाक विदेश मंत्रियों की वार्ता हुई।
8 जनवरी 2013 — पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम का उल्लंघन कर दो भारतीय जवानों की निर्ममतापूर्वक हत्या की।
29 सितम्बर 2013 — प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात की।
26 मई 2014 — प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ।
25 अगस्त 2014 — पाकिस्तानी हाई कमिश्नर द्वारा अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के बाद इस्लामाबाद में होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत को भारत ने रोक दिया।
26-27 नवम्बर 2014 — काठमाण्डू में आयोजित 18वें सार्क सम्मेलन में भी नरेन्द्र मोदी व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के मध्य कोई वार्ता नहीं हुई।
25 दिसम्बर 2015 — प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके जन्म दिन की बधाई देने व उनकी नातिन की शादी पर आशीर्वाद देने अचानक लाहौर पहुँचे।
1 जनवरी 2016 — सीमा पार से पठानकोट में पाकिस्तान ने सशस्त्र आतंकी हमला कराया।
1956-59 — तिब्बत के खम्भात क्षेत्र में चीनी शासन के प्रति विद्रोह
31 मार्च 1959 — दलाई लामा ने भारत में शरण ली।
20 अक्टूबर 1962 — चीन द्वारा भारत पर आक्रमण करना।
सन् 1975 — कलकत्ता में आयोजित टेबिल टेनिस प्रतियोगिता में चीनी खिलाड़ियों के एक दल ने भाग लिया।
सितम्बर 1978 — चीन के कृषि वैज्ञानिकों ने भारत की यात्रा की।
1 अक्टूबर 1978 — चीन की स्थापना की 29वीं वर्षगांठ पर उपराष्ट्रपति बी.डी. जत्ती चीन गये।
नवम्बर 1978 — मृणालिनी साराभाई के नेतृत्व में भारतीय नृत्य मण्डली का चीन में भव्य स्वागत हुआ।
12 फरवरी 1979 — विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘टोही मिशन’ के नाम से अपनी चीन की यात्रा आरम्भ की।
17 सितम्बर 2014 — चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीन दिवसीय भारत यात्रा पर अहमदाबाद पहुँचे।
14-16 मई 2015 — प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की यात्रा पर गये।
16 मई 2015 — भारत व चीन की कम्पनियों के मध्य 22 अरब डॉलर के 26 समझौते हुए।
जून 2015 — कैलाश मानसरोवर जाने वाले लोगों के लिए नाथूला मार्ग खोल दिया गया।
30 जुलाई 1950 — भारत व नेपाल के मध्य ऐतिहासिक सन्धि हुई।
16 नवम्बर 1950 — नेपाल के महाराजा त्रिभुवन ने राजपरिवार के 14 सदस्यों के साथ अपने राजमहल का परित्याग कर भारत में शरण ली।
सन् 1955 — नेपाल संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना।
सन् 1959 — नेपाल के प्रधानमन्त्री कोइराला ने चीन की यात्रा की।
23 सितम्बर 1964 — नेपाल व भारत के मध्य सड़क निर्माण (सगौली से अखोरा घाटी के मध्य) का समझौता हुआ।
दिसम्बर 1991 — भारत-नेपाल फाउण्डेशन बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत।
जून 2001 — ज्ञानेन्द्र ने अपने भाई नेपाल नरेश राजा वीरेन्द्र व उनके परिवार की रहस्यमय तरीके से हत्या होने के पश्चात राजगद्दी संभाली।
1 फरवरी 2005 — राजा ज्ञानेन्द्र ने नेपाल में आपातकाल लागू कर पूर्ण राजशाही की स्थापना की।
24 अप्रैल 2006 — जन आंदोलन के समक्ष झुकते हुए राजा ज्ञानेन्द्र की पुरानी संसद को बहाल करने की घोषणा करनी पड़ी।
21 नवम्बर 2006 — नेपाल में 11 वर्षों से चला आ रहा माओवादियों का सशस्त्र संघर्ष समाप्त हुआ।
28 मई 2008 — नेपाल में 240 वर्षों से चली आ रही राजशाही का अंत हो गया।
जनवरी 2011 — भारत के विदेश सचिव ने नेपाल की यात्रा की।
3-4 अगस्त 2014 — प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल का अधिकाधिक दौरा किया।
25 अप्रैल 2015 — नेपाल में आये भूकम्प के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन मैत्री’ अभियान के अन्तर्गत तत्काल सहायता प्रदान की।
28 अक्टूबर 2015 — नेपाल ने ‘पैट्रो चाइना’ के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
फरवरी 2016 — नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली’ अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आये
RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 30 प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
- कश्मीर विवाद — 1947 में स्वतन्त्रता के पश्चात् रियासतों को यह चयन करने की सुविधा दी गई कि वे भारत या पाकिस्तान में मिलने का निर्णय ले सकती हैं। कश्मीर के शासक हरी सिंह द्वारा समय से कोई निर्णय न लिये जाने के कारण यह भारत व पाकिस्तान के मध्य विवाद का मुद्दा बन गया।
- अलगाववाद — यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो समूह, समाज, संस्कृति या धर्म को तोड़ने का समर्थन करती है। कश्मीर में यह समस्या विकराल रूप में है।
- जिहाद — जिहाद अरबी भाषा का एक शब्द है। यह इस्लाम से सम्बन्धित है। जो व्यक्ति अल्लाह को नहीं मानता उसके विरुद्ध युद्ध जिहाद कहलाता है। वह व्यक्ति जो जिहाद करता है उसे मुजाहिद कहते हैं।
- आतंकवाद — व्यक्ति या व्यक्ति समूह जब अपनी अनुचित माँगों की पूर्ति के लिए व्यापक स्तर पर हिंसा व अशांति पर आधारित नकारात्मक प्रभाव करता है तो उसे आतंकवाद कहा जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व में अनगिनत लोगों को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ता है। इसके कारण विश्व में भय का माहौल बना हुआ है।
- बफर स्टेट — दो बड़े राज्यों के मध्य में स्थित एक छोटा स्वशामी राज्य। इस राज्य का एक लाभ यह है कि वह इन दोनों बड़े राज्यों के बीच लड़ाई रोकता है। दूसरे शब्दों में आपस में विरोधी और शक्तिशाली राष्ट्रों के बीच एक स्वतंत्र राष्ट्र जिससे उनके बीच संघर्ष को रोकने में सहयोग मिलता है, बफर स्टेट कहलाता है। इसे मध्यवर्ती राज्य या अंत: स्थराज्य भी कहते है। उदाहरण-भारत व चीन के मध्य नेपाल एक बफर स्टेट के समान है।
- दक्षिण एशिया — प्रायः भारत, नेपाल, मालदीप, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका को इंगित करने के लिए दक्षिण एशिया शब्द का प्रयोग किया जाता है। चीन इस क्षेत्र का एक प्रमुख देश है लेकिन चीन को दक्षिण एशिया का अंग नहीं माना जाता है।
- कबायली-उत्तरी — पश्चिमी सीमा प्रांत के निवासी। इनके भेष में 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तनी सेना कश्मीर में घुसपैठ कर आक्रमण किया था।
- मानवाधिकार — वे अधिकार जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक मानव होने के वास्ते अनिवार्य माने जाते हैं, मानवाधिकार कहलाते हैं। जैसे व्यक्ति की गरिमा, जीवन की रक्षा आदि।
- कारगिल युद्ध — सन् 1999 के प्रारम्भिक महीने में भारतीय क्षेत्र की नियंत्रण सीमा के कई ठिकानों पर अपने को मुजाहिद्दीन बताने वाले पाकिस्तनियों ने कब्जा कर लिया था। इससे भारत-पाकिस्तन के मध्य संघर्ष छिड़ गया। जिसे कारगिल युद्ध कहा गया।
- सीटो (SEATO) — सीटो अर्थात् दक्षिण-पूर्व एशियाई सन्धि संगठन । इसकी स्थापना का प्रमुख उद्देश्य साम्यवादियों की विस्तारवादी नीति से दक्षिण पूर्व एशिया की रक्षा करना था। इसका मुख्यालय बैंकांक में था। 1968 में पाकिस्तान इससे अलग हो गया था।
- सेण्टो (CENTO) — यह बगदाद पैक्ट का ही दूसरा नाम है। इस पर 1955 में इराक व टर्की ने हस्ताक्षर किये थे। इसका प्रमुख उद्देश्य मध्य पूर्व को रुसी साम्यवाद के बढ़ते प्रभाव से बचाना था। बाद में पाकिस्तान भी इसका सदस्य बन गया था।
- सकल घरेलू उत्पाद — यह एक राष्ट्र की सीमा के अन्दर सभी अंतिम माल और सेवाओं का बाजार मूल्य है। इस शब्दावली का सर्वप्रथम प्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अर्थशास्त्री साइमन ने किया था।
- जनमत संग्रह — यह ऐसा प्रत्यक्ष मतदान है जिसमें किसी क्षेत्र विशेष के मतदाताओं को मतदान के द्वारा किसी एक विशेष प्रस्ताव को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने के लिए कहा जाता है। अन्य शब्दों में, इसके माध्यम से किसी कानून या सरकारी नीति के बारे में जनता की राय मालूम की जाती है।
- आजाद कश्मीर — सन् 1947 के भारत-पाक युद्ध के पश्चात् कश्मीर का 32000 वर्गमील क्षेत्रफल पाकिस्तान के पास रह गया जिसकी जनसंख्या 7 लाख थी। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को ‘आजाद कश्मीर’ के नाम से पुकारा।
- अनुच्छेद 370 — जिस समय कश्मीर भारत का अंग बना था, उसकी स्वायत्तता की विशेष पहचान बनाये रखने के लिय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा दिया गया। इसके अन्तर्गत राज्य ने अपना अलग संविध ान बनाया।
- ताशकंद-समझौता — 1965 के भारत पाकिस्तान संघर्ष का अंत संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप से हुआ। भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान के बीच सन् 1966 में ताशकंद समझौता हुआ। सोवियत संघ ने इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाई।।
- शिमला समझौता — सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को पुनः पराजय का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने आत्म समर्पण कर दिया। बंग्लादेश स्वतन्त्र हो गया। पाकिस्तान का शासन जुल्फिकार अली भुट्टों के हाथों में आ गया। 3 जुलाई 1972 को दोनों देशों के मध्य ऐतिहासिक शिमला समझौता हुआ।
- तालिबान — यह पश्तो भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ऐसे छात्र जो इस्लाम की कट्टरपंथ विचारधारा पर विश्वास करते हैं। इसकी शुरुआत सन् 1994 में दक्षिणी अफगानिस्तान में हुई। इसकी सदस्यता पाकिस्तान व अफगानिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलती है। वर्तमान में यह एक आतंकी संगठन के रूप में कार्यरत है।
- सलाल परियोजना — यह भारत की नदी घाटी परियोजना है। इसकी शुरुआत जम्मू कश्मीर राज्य में चिनाब नदी पर सिंचाई व जल विद्युत के लिए सन् 1961 में की गई थी।
- गुट-निरपेक्षता की नीति — गुटनिरपेक्षता का तात्पर्य है किसी भी गुट में शामिल न होना तथा किसी भी गुट या राष्ट्र के कार्य की सराहना या आलोचना, बिना सोचे-समझे न करना। वास्तव में गुट-निरपेक्षता की नीति अपनाने वाला राष्ट्र अपने लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति का निर्धारण करता है।
- हर्रियत काँफ्रेंस — यह जम्मू कश्मीर के 23 विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों का गठबंधन है। यह एक राजनीतिक मोर्चा है जो कश्मीर के भारत से अलगाव की वकालत करता है। इसकी स्थापना 9 मार्च 1993 को की गई थी।
- सर्जिकल स्ट्राइक — उड़ी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर लिया। उड़ी घटना 18 सितंबर 2016 को हुई थी जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे। इसके ठीक दस दिन बाद 28 सितंबर की रात सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। इसके द्वारा पाकिस्तान के सीमावर्ती आतंकी ठिकाने नष्ट किये गए।
- पंचशील के सिद्धान्त — पंचशील का अर्थ है-पाँच सिद्धान्त । ये सिद्धान्त भारतीय विदेश नीति के मूलाधार हैं। इन पाँच सिद्धान्तों के लिए “पंचशील” शब्द का प्रयोग सबसे पहले 29 अप्रैल, 1954 को किया गया था। पंचशील के ये पाँच सिद्धान्त विश्व में शान्ति स्थापित करने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।
- तिब्बत विवाद — ऐतिहासिक रूप से तिब्बत, भारत और चीन के बीच विवाद का एक बड़ा मसला रहा है। सन् 1950 में चीन ने तिब्बत पर नियंत्रण कर लिया। तिब्बत के अधिकांश लोगों ने चीनी कब्जे का विरोध किया। सन् 1950 और 1960 के दशक में भारत के अनेक राजनीतिक दल और राजनेताओं ने तिब्बत की आजादी के प्रति अपना समर्थन जताया।
- स्वायत्त तिब्बत क्षेत्र — चीन ने ‘स्वायत्त तिब्बत क्षेत्र’ बनाया है और इस क्षेत्र को वह चीन का अभिन्न अंग मानता है। तिब्बती जनता चीन के इस दावे को नहीं मानती कि तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है। तिब्बती, चीन के इस दावे को भी अस्वीकार करते हैं कि तिब्बत को स्वायत्तता दी गई है।
- पं. जवाहर लाल नेहरू (1889-1964) — स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री। इन्होंने 29 अप्रैल, 1954 को चीन के प्रमुख चाऊ एन लाई के साथ संयुक्त रूप से शन्तिपूर्ण सह-अस्तित्त्व के पाँच सिद्धान्तों (पंचशील) पर हस्ताक्षर किये।
- सी.राजगोपालाचारी (1878-1972) — स्वतंत्र भारत के प्रथम एवं अन्तिम भारतीय गर्वनर जनरल। इन्हें भारतरत्न से भी सम्मानित किया गया।
- दलाई लामा — तिब्बत के धार्मिक नेता। तिब्बत पर चीनी आधिपत्य के विरुद्ध तिब्बत में असफल सशस्त्र विद्रोह होने के पश्चात् भारत में शरण ली।
- वी.के.कृष्ण मेनन (1896-1974) — पं० जवाहर लाल नेहरू सरकार में रक्षामंत्री रहे। सन् 1962 ई० में भारत-चीन युद्ध के पश्चात् पद से त्यागपत्र दे दिया।
- लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966) — पं० जवाहर लाल नेहरू के पश्चात् भारत के प्रधानमंत्री बने। इन्होंने सन् 1966 ई० में पाकिस्तान के जनरल अयूब खान के साथ ताशकन्द समझौता किया।
- इन्दिरा गाँधी (1917-1984) — लाल बहादुर शास्त्री के पश्चात् भारत की प्रधानमंत्री बनीं । इन्होंने 3 जुलाई 1972 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- अटल बिहारी वाजपेयी (1924-अब तक) — भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, शीर्ष नेता के तौर पर पहली बार 1979 में चीन के दौरे पर गए, तब वे मोरारजी भाई देसाई के मंत्रि-मंडल में विदेशमंत्री थे ।
- महाराजा त्रिभुवन (1903-1955) — सन् 1911 से अपनी मृत्यु के समय तक नेपाल के राजा रहे।
- महाराजा महेन्द्र (1920-72) — सन् 1955 से 1972 तक नेपाल के महाराजा थे। उनसे पहले त्रिभुवन राजा थे तथा उनके पश्चात् वीरेन्द्र राजा बने।
- महाराजा वीरेन्द्र (1944-2001) — वह महाराजा महेन्द्र के ज्येष्ठ पुत्र थे तथा 1972 से 2001 तक नेपाल के महाराजा रहे।
- महाराजा ज्ञानेन्द्र (1944-अब तक) — सन् 2001 में शाही परिवार की हत्या के पश्चात राजा बने तथा 2008 तक इस पद पर रहे।
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