• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2020
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड

May 18, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड

वर्ण :
उस मूल ध्वनि को वर्ण कहते हैं, जिसके टुकड़े न हो सकें, जैसे- क् ख् ग् घ् आदि। इनके टुकड़े नहीं किये जा सकते। इन्हें अक्षर भी कहते हैं। अत: वर्ण या अक्षर भाषा की मूल ध्वनियों को कहते हैं। जैसे- ‘घट’ पद में घ् अ ट् अ ये मूल ध्वनियाँ हैं, जिन्हें वर्ण या अक्षर कहते हैं। इसी प्रकार अन्य पद भी समझिए, जैसे
राम – र् + आ + म् + अ
मोहन – म् + ओ + ह् + अ + न् + अ
पुरुष – प् + उ + र् + उ + ष् + अ
रमा – र् + अ + म् + आ
गीता – ग् + ई + त् + आ

वर्ण के भेद वर्ण दो प्रकार के होते हैं-

  1. स्वर
  2. व्यञ्जन

1. स्वर (अच्) :
जिन वर्गों का उच्चारण करने के लिए अन्य किसी वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती, उन्हें स्वर कहते हैं। स्वरों की संख्या 13 है- अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ लू ए ऐ ओ औ।
स्वरों का वर्गीकरण – उच्चारण काल अथवा मात्रा के आधार पर स्वर निम्न तीन प्रकार के माने गये हैं

  1. ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में केवल एक मात्रा का समय लगे अर्थात् कम से कम समय लगे उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं, जैसे- अ, इ, उ, ऋ, लु। इनकी संख्या 5 है।
  2. दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण काल में मूल स्वरों की अपेक्षा दुगुना समय, अर्थात् दो मात्राओं का समय लगता है, वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। जैसे – आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। इनकी संख्या 8 है।
    नोट – ए, ओ, ऐ, औ ये दीर्घ स्वर हैं। ये दो स्वरों के मेल से बनते हैं। इन्हें मिश्रित स्वर कहते हैं। जैसे – अ + इ = ए। अ + ए = ऐ। अ + उ = ओ। अ + ऊ = औ।
  3. प्लुत स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है वे प्लुत स्वर कहलाते हैं। इनमें तीन मात्राओं का उच्चारण काल होता है। प्लुत का ज्ञान कराने के लिए ३ का अंक स्वर के आगे लगाते हैं। जैसे-अ ३, इ ३, उ ३, ऋ ३, लु ३, ए ३, ऐ ३, ओ ३, औ ३ !

नोट – ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत स्वरों की कुल संख्या 22 है, जिनमें ह्रस्व 5, दीर्घ 8 और प्लुत 9 हैं।

2. व्यंजन :
जिन वर्गों का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है, वे व्यंजन कहलाते हैं। किसी व्यंजन का उच्चारण तभी किया जा सकता है, जब उसमें स्वर मिला हुआ हो। जिन ध्वनियों का उच्चारण करते समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु मुख विवर या स्वर तंत्र के किसी भाग से टकरा कर घर्षण करती हुई या रुक कर बाहर निकलती है, उन्हें व्यंजन ध्वनियाँ कहते हैं। वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं। जैसे-क्, ख्, ग् आदि। इनका उच्चारण स्वर लगाकर ही किया जा सकता है, जैसे क् + अ = क, ख् + अ = ख, ग् + अ = ग। स्वर रहित व्यंजन को उसके नीचे हल् ( ) चिह्न लगाकर लिखते हैं। प्रयत्न के आधार पर व्यंजनों के भेद
(i) स्पर्श व्यंजन
क वर्ग – क्, ख्, ग, घ, डू
च वर्ग – च्, छ्, ज, झ, ञ्
ट वर्ग – ठ् , ड्, ढ् , ण्
त वर्ग – त्, थ्, द्, ध्, न्
प वर्ग – प्, फ्, ब्, भ्, म्।
(ii) अंतस्थ व्यंजन – य्, र, ल, व्
(iii) उष्म व्यंजन – श्, ष, स्, हे
(iv) अयोगवाह व्यंजन – अनुस्वार (-) अनुनासिक (*) तथा विसर्ग (:)
(v) आगत व्यंजन – ड, ढ़।
(vi) व्यंजन गुच्छ – दो या दो से अधिक व्यंजनों के संयोग से बने अक्षर को व्यंजन गुच्छ कहते हैं। ये निम्नलिखित रूप में होते हैं

(क) संयुक्त व्यंजन – दो असमान व्यंजन संयुक्त होने पर अपना रूप बदल लेते हैं। जैसे – क् + ष = क्ष, ज् + अ = ज्ञ, श् + अ = श्र, त् + र = ञ, द् + य = द्य।
(ख) ‘र’ के विशिष्ट रूप –
(i) जब ‘र’ (स्वर रहित) किसी व्यंजन से पहले आता है तो उस व्यंजन के शीर्ष पर (‘) स्थान पाता है। जैसे – धर्म = धर्म, कर्म = कर्म।
(ii) जब ‘र’ (स्वर रहित) किसी व्यंजन से पहले आता है। तो तिरक्षा (´) रूप या (ˆ) रूप धारण कर लेता है। जैसे-प् + थ + म = प्रथम, क् + र + म = क्रम, ड् + र + म = डुम, रा + ष् + ट् + २ = राष्ट्र।
(ग) वित्व व्यंजन – दो समान व्यंजनों का साथ-साथ प्रयुक्त होना वित्व कहलाता है। जैसे – बच्चा, बब्बू, कच्ची, सम्मान आदि।

अन्य आधार पर व्यंजनों के भेद
(क) स्वर-तंत्रियों की स्थिति और कंपन के आधार पर :

  1. घोष – जिन वर्गों के उच्चारण के समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु स्वर-तंत्रियों से टकराकर (नाद) घोष उत्पन्न करती है, वे घोष वर्ण कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ व्यंजन (ग, घ, ङ, ज, झ, ञ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म), अंत:स्थ व्यंजन (य, र, ल, व), ‘ह’ एवं समस्त स्वरों अर्थात् अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ का ‘घोष’ प्रयत्न है।
  2. अघोष – जिन वर्गों के उच्चारण में फेफड़ों से निकलने वाली वायु स्वर-तंत्रियों से बिना टकराये आसानी से निकल जाती है, वे अघोष वर्ण कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-प्रत्येक वर्ग के पहले, दूसरे व्यंजनों अर्थात् क, ख, च छ, ट ठ, त थ, प फ और श ष स का ‘अघोष’ प्रयत्न है।

(ख) वायु प्रक्षेप की दृष्टि से :

  1. अल्पप्राण – जिन वर्गों के उच्चारण में कम हवा (प्राण या श्वास) बाहर निकलती है, वे ‘अल्पप्राण’ कहलाते हैं। प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ व्यंजन, डु, य, र, ल, व तथा सभी स्वर अल्पप्राण हैं।
  2. महाप्राण – जिन वर्गों के उच्चारण में अधिक हवा या श्वास बाहर निकलती है, वे महाप्राण कहलाते हैं। प्रत्येक वर्ग का दूसरा, चौथा व्यंजन, ढ़, श, ष, स, ह तथा विसर्ग महाप्राण हैं।

वर्गों के उच्चारण स्थान
फेफड़ों से निकलने वाली वायु मुख के विभिन्न भागों में जिह्वा (जीभ) का सहारा लेकर टकराती है, जिससे विभिन्न वर्गों का उच्चारण होता है। इस आधार पर वर्गों के निम्नलिखित उच्चारण स्थान हैं

  1. कंठ (गला) – जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ कंठ की ओर मुड़ती है, उनका उच्चारण स्थान ‘कंठ’ है – अ, आ, अः क, ख, ग, घ, ङ, है। ये कंठ्य’ वर्ण कहलाते हैं।
  2. तालु – जिन वर्णो के उच्चारण में जीभ तालु से स्पर्श करती है, उनका उच्चारण स्थान ‘ तालु’ है – इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ, य, श। इन्हें ‘तालव्य’ वर्ण कहा जाता है।
  3. मूर्धा – जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ मूर्धा (दाँतों से ऊपर खुरदरी जगह) को स्पर्श करती है, उनका उच्चारण स्थान मूर्धा है – ऋ, ट, ठ, ड, ढ, ण, र, ष। ये ‘मूर्धन्य वर्ण हैं।
  4. दंत – जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ दाँतों को स्पर्श करती है, उनका उच्चारण स्थान दंत है – त, थ, द, ध, न, ल, स। इन्हें ‘दन्त्य’ वर्ण कहते हैं।
  5. ओष्ठ – जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ के सहयोग से ओष्ठ परस्पर मिलकर कार्य करते हैं, उन्हें ‘ओष्ठ्य’ कहते हैं – उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म।
  6. नासिका –प्रत्येक वर्ग के पञ्चमाक्षर के उच्चारण में नासिका भी सहायक होती है। इन वर्गों को ‘नासिक्य’ कहते हैं – ङ, ञ, ण, न, म।
  7. कंठ – तालु-जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ का सहयोग कंठ और तालु के साथ होता है, वे ‘कंठ-तालव्य’ वर्ण कहलाते हैं – ए, ऐ।
  8. कंठ – ओष्ठ-जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ का सहयोग कंठ और ओष्ठ के साथ होता है वे ‘कंठोष्ठ्य’ वर्ण कहलाते हैं – ओ, औ।।
  9. दंत – ओष्ठ-जिन वर्गों के उच्चारण में जीभ का सहयोग दंत और ओष्ठ के साथ होता है, वे ‘दंतोष्ठ्य’ वर्ण कहलाते हैं – व, फ।

वर्णमाला

वर्णमाला – वर्गों का व्यवस्थित समूह वर्णमाला कहलाता है। हिंदी की वर्णमाला में पहले ‘स्वर वर्णो’ तथा बाद में ‘व्यंजन वर्णो’ की व्यवस्था है। इनकी कुल संख्या 44 है। इसके अतिरिक्त संयुक्त व्यंजन, अनुस्वार तथा विसर्ग हैं। हिंदी में विदेशी भाषाओं के शब्द भी सम्मिलित हो जाने से कुछ नए वर्गों का भी समावेश हो गया है।

व्यञ्जन के साथ स्वरों का संयोग
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 1
नोट – इसी प्रकार सभी व्यंजन वर्गों में सभी स्वरों का संयोग (जोड़) होता है।
संयुक्त वर्ण – दो व्यञ्जन मिलकर संयुक्त वर्ण बनाते हैं –
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 2

हलन्त – जिस शब्द के अंत में हल हो, उसे हलन्त कहते हैं,
यथा – देवम् शब्द हलन्त है। इसका चिह्न (‘) तिरछी रेखा के रूप में वर्ण के नीचे लगाया जाता है। शुद्ध अथवा हल् व्यञ्जनों के नीचे ही हलन्त लगाया जाता है, जैसे – खु प् ग् इसके उच्चारण में बहुत कम समय लगता है तथा वर्षों में स्वर मिलने के बाद इसका लोप हो जाता है।
यथा – ख् या ख् + अ = ख प् या प + अ = प ग् यो + अ = ग।

आक्षरिक खण्ड
इसे दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-
(i) वर्ण विन्यास
(ii) वर्ण संयोजनम्

(i) वर्ण विन्यास – शब्द जिन अक्षरों से बना हो उन सबको अलग-अलग कर देना ही वर्ण – विन्यास अथवा वर्ण – विच्छेद कहलाता है, उदाहरण

RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 3
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 4

(ii) वर्ण संयोजनम् – शब्द जिन अक्षरों से बना होता है उन में सभी वर्गों को मिलाकर एक शब्द के रूप में लिखना ही वर्ण संयोजन कहलाता है।
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 5

विशेष :

  1. स्वर जुड़ने के बाद व्यञ्जनों से हलन्त हट जाता। है। इसी प्रकार स्वर से अलग होने पर पुन: व्यञ्जन में हलन्त जुड़ जाता है।
  2. एक ही ध्वनि से अनेक शब्द शुरू हो सकते हैं।
  3. ‘ऋ’, ‘लू’ स्वर हैं।
  4. प्रत्येक ध्वनि के उच्चारण के लिए हमारे मुख के विशेष अंग प्रयास करते हैं।
  5. शुद्ध व्यञ्जनों के उच्चारण के लिए ध्वनि पर अधिक बल दिया जाता है।
  6. संयोग होने पर शुद्ध व्यञ्जनों को ऊपर (अर्थात् पहले) तथा सस्वर व्यंजन को नीचे (अर्थात् बाद में) स्थान दिया जाता है।
  7. ‘ध’ तथा ‘घ’ लु तथा ल, व तथा ब इत्यादि एक जैसे लगने वाले वर्गों को ध्यान से बोलें व लिखें।
  8. शब्द के अन्तिमाक्षर का उच्चारण ध्यान से करें।
  9. ह्रस्व ‘अ’ से युक्त वर्गों के उच्चारण का भी विशेष ध्यान रखें, क्योंकि ‘अ’ की कोई मात्रा वर्गों के साथ नहीं लगती।

स्मरणीय बिन्दु :

  1. विभिन्न ध्वनियाँ ही वर्ण कहलाती हैं।
  2. ध्वनियों के संयोग को शब्द कहते हैं।
  3. कुल 33 वर्ण होते हैं।
  4. ले का दीर्घ नहीं होता।
  5. शुद्ध व्यंजन स्वरों की सहायता के बिना नहीं बोले जाते।
  6. ह्रस्व स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा तथा दीर्घ स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा एवं प्लुत स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगता है।
  7. दो स्वरों के मिलने से संयुक्त स्वर बनते हैं।
  8. अनुस्वार (-) तथा विसर्ग (:) स्वरों के बाद लगते हैं। इनका उच्चारण व प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं होता।
  9. जब भी वर्ण विन्यास किया जाए विसर्ग को लिखते समय अन्तिम स्वर के बाद ही लिखा जाए।

परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नांकित में अनुस्वार का प्रयोग किसमें हुआ है
(क) गंगा
(ख) आँख
(ग) दु:ख
(घ) सत्
उत्तर:
(क) गंगा

प्रश्न 2.
‘ई’ स्वर है
(क) ह्रस्व स्वर
(ख) दीर्घ स्वर
(ग) प्लुत स्वर
(घ) संयुक्त स्वर
उत्तर:
(ख) दीर्घ स्वर

लघु/दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित संयुक्त अक्षरों को अलग – अलग करके लिखिए-
1. क्ष
2. त्र
उत्तर:

  1. क्ष = क् + ष
  2. त्र = त् + र

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में अनुनासिक (°) एवं अनुस्वार (‘) का प्रयोग कीजिए-चादी, चद, सुदर, हसना, अश, दात, चाद, वश।
उत्तर:
चाँदी, बँद, सुंदर, हँसना, अंश, दाँत, चाँद, वंश।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से वित्व व संयुक्त व्यंजन युक्त शब्द छाँटकर लिखिएकच्चा, चरित्र, हड्डी, श्रम, क्या, सम्मान
उत्तर:
दवित्व व्यंजन – कच्चा, हड्डी, सम्मान संयुक्त व्यंजन-चरित्र, श्रम, क्या

प्रश्न 6.
‘र’ के विभिन्न रूप वाले तीन शब्द लिखिए।
उत्तर:
प्रकाश, गर्व तथा ट्रक।

प्रश्न 7.
स्वर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिन वर्गों का उच्चारण बिना किसी अवरोध के होता है, उन्हें स्वर कहते हैं।

प्रश्न 8.
उच्चारण के आधार पर स्वरों के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
उच्चारण के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं –

  1. ह्रस्व
  2. दीर्घ
  3. प्लुत

प्रश्न 9.
व्यंजन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिन वर्णो का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं।

प्रश्न 10.
हिंदी भाषा किस लिपि में लिखी जाती है ?
उत्तर:
हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित चिह्नों के नाम बताइए
(i) : (ii)‌. (iii) •
उत्तर:

  1. विसर्ग
  2. चंद्रबिंदु या अनुनासिक
  3. अनुस्वार

प्रश्न 12.
वर्णमाला किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वर्गों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।

प्रश्न 13.
वर्ण विच्छेद से आप क्या समझते हैं? निम्नलिखित शब्दों का वर्ण विच्छेद कीजिएसमय, मानक, नितीश, बुलावा, करेले, कृष्ण, प्रकाश
उत्तर:
किसी शब्द में प्रयुक्त सभी वर्गों की अलग – अलग करके लिखना ही वर्ण विच्छेद कहलाता है।
वर्ण विच्छेद –
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 6

प्रश्न 14.
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण – विच्छेद कीजिएगंगा, ट्रक, त्रिशूल, बच्चा, ज्ञानी, व्यापार, धर्म, अतः
RBSE Class 9 Hindi व्याकरण वर्ण विचार एवं आक्षरिक खण्ड 7

प्रश्न 15.
निम्नलिखित वर्गों का क्रम संयोजन करके शब्द रचना कीजिए
1. ध् + व् + अ + न् + इ
2. व् + आ + क् + य् + अ
3. स् + व् + अ + त् + अ + न् + त् + र् + अ
4. क् + उ + र् + उ + क् + ष् + ए + त् + र् + अ
5. अ + + इ + व् + आ + र् + य् + अ
6. च् + इ + ह् + न् + अ
उत्तर:

  1. ध्वनि
  2. वाक्य
  3. स्वतंत्र
  4. कुरूक्षेत्र
  5. अनिवार्य
  6. चिह्न
RBSE Solutions for Class 9 Hindi

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Google+ (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 9

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 11 Geography भूगोल
  • RBSE Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions Ex 2.4
  • Rajasthan Board Class 12 Books | RBSE 12th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 11 Books | RBSE 11th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 10 Books | RBSE 10th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 9 Books | RBSE 9th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 8 Books | RBSE 8th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 7 Books | RBSE 7th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 6 Books | RBSE 6th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 5 Books | RBSE 5th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 4 Books | RBSE 4th Class Books PDF Download in English Hindi Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
Target Batch
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2021 RBSE Solutions