These comprehensive RBSE Class 9 Science Notes Chapter 4 परमाणु की संरचना will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 9 Science Chapter 4 Notes परमाणु की संरचना
→ पदार्थों में आवेशित कण-विभिन्न प्रयोगों के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि परमाणु विभाज्य है तथा आवेशित कणों से बना है।
→ इलेक्ट्रॉन-जे.जे. टॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज की तथा बताया कि परमाणु में एक अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन के रूप में विद्यमान रहता है।
→ केनाल रे’-ई. गोल्डस्टीन ने 1886 में नए विकिरण की खोज की जिसे ‘केनाल रे’ का नाम दिया। ये किरणें धनावेशित विकिरण थीं तथा इन पर आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर किन्तु विपरीत था। इनका द्रव्यमान इलेक्ट्रॉनों की अपेक्षा लगभग 2000 गुणा अधिक है। इनको प्रोटॉन नाम दिया गया।
→ परमाणु संरचना-परमाणु प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन से बना है जो परस्पर आवेशों को संतुलित करते हैं। प्रोटॉन परमाणु के सबसे भीतरी भाग में होते हैं तथा इलेक्ट्रॉन बाहरी क्षेत्र में होते हैं।
→ टॉमसन का परमाणु मॉडल-इन्होंने परमाणु मॉडल की तुलना क्रिसमस केक से की, जिसमें परमाणु एक धनावेशित गोला तथा इलेक्ट्रॉन केक.में लगे सूखे मेवे के समान है। टॉमसन के अनुसार
(i) परमाणु धनआवेशित गोला है जिसमें इलेक्ट्रॉन धंसे होते हैं।
(ii) धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं अतः परमाणु वैद्युत उदासीन होता है।
→ रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल-रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है। परमाणु का अधिकांश द्रव्यमान और सम्पूर्ण धन आवेश एक अति सूक्ष्म आयतन में केन्द्रित रहता है जिसे नाभिक कहते हैं। नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
→ बोर का परमाण्विक मॉडल-बोर की परिकल्पनाओं के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर अचल वृत्ताकार कक्षों में गतिशील रहता है और उसकी ऊर्जा में तब तक कोई परिवर्तन नहीं होता जब तक कि वह अपना कक्ष नहीं बदलता।
→ न्यूट्रॉन की खोज-1932 में जे. चैडविक ने न्यूट्रॉन की खोज की जो अनावेशित और द्रव्यमान में प्रोटॉन के बराबर था। हाइड्रोजन को छोड़कर ये सभी परमाणुओं के नाभिक में पाये जाते हैं।
→ विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण-बोर और बरी ने इलेक्ट्रॉनों के वितरण के निम्नलिखित सा में उपस्थित अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या को सूत्र 2n2 से दर्शाया जाता है । जहाँ ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर।
(ii) सबसे बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती है।
(iii) किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक नहीं भरते जब तक कि उससे पहले वाला भीतरी कक्ष पूर्ण रूप से नहीं भर जाता।
→ संयोजकता-परमाणु के बाह्यतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों का अष्टक पूर्ण करने के लिए जितनी संख्या में इलेक्ट्रॉन की साझेदारी या स्थानान्तरण होता है, वह उस तत्त्व की संयोजकता होती है।
→ परमाणु संख्या-किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटोनों की संख्या को परमाणु संख्या कहते हैं। इसे Z से प्रदर्शित करते हैं।
→ द्रव्यमान संख्या-किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित न्यूक्लियॉनों (प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन) की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहा जाता है।
→ समस्थानिक-एक ही तत्व के वे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्यायें भिन्न-भिन्न लेकिन परमाणु संख्या समान हों, वे उस तत्त्व के समस्थानिक कहलाते हैं। उदाहरण 12C6 और 14C6
→ समभारिक-वे तत्व जिनकी परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न लेकिन द्रव्यमान संख्यायें समान हों, एक दूसरे के समभारिक कहलाते हैं।
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