Rajasthan Board RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 मानव शरीर पर व्यायाम का प्रभाव
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव शरीर में गर्दन के बीच दो भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
मानव शरीर में गर्दन के बीच दो भाग को अग्रबाहु कहते हैं।
प्रश्न 2.
मानव शरीर में कोशिका क्या होती है ?
उत्तर:
मानव शरीर में कोशिका जीवन झिल्ली से घिरा जीवद्रव्य का एक पिण्ड है, जिसमें जीवन होता है।
प्रश्न 3.
ऐच्छिक माँसपेशियों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
ऐच्छिक माँस पेशियाँ- हड्डियों के साथ जुड़ी होती हैं तथा इन्हें हम अपने मन से तथा इच्छानुसार हिला-डुला सकते हैं।
प्रश्न 4.
पाचन तंत्र का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर:
पाचन तंत्र का मुख्य कार्य भोजन को पचाना व उससे शरीर को ऊर्जा देने वाले तत्त्व प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, लवण एवं अन्य उपयोगी पदार्थों में बदलना है।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ऊतक कितने प्रकार के होते हैं एवं व्यायाम का इन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
द्रव के निरन्तर विभाजन से कोशिका समूहों का निर्माण होता है और कोशिका समूहों को ‘ऊतक’ कहते हैं। ऊतक मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –
- उपकला ऊतक
- संयोजक ऊतक
- माँसपेशीय ऊतक
- रासायनिक ऊतक
प्रश्न 2.
मानव कंकाल तंत्र के बारे में विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
मानव शरीर में कंकाल तंत्र की मजबूत हड्डियों की बनावट के अन्दर ही शरीर के विभिन्न कोमल अंग सुरक्षित रहते हैं। मानव कंकाल की रचना और गठन विशिष्ट प्रकार का होता है। मानव शरीर का आधार अस्थियाँ होती हैं। शरीर इनसे एक विशेष आकार पाता है। शरीर की अस्थि निर्मित रचना को कंकाल या अस्थि पिंजर कहते हैं। व्यायाम का कंकाल तंत्र के लिए निम्नलिखित महत्त्व है|
- हड्डियाँ मजबूत होती हैं एवं उनमें लचीलापन आता
- हड्डियों की आपसी पकड़ अर्थात् जोड़ मजबूत बनते हैं।
- वयस्क के समय से ही नियमित व्यायाम करते रहने से हड्डियों की लम्बाई बढ़ती है एवं पर्याप्त विकास होता है।
- शारीरिक बनावट सुन्दर बनती है।
- हड्डियों में चोट सहने की क्षमता बढ़ जाती है।
- शरीर बनावट (Body postural deformity) या शारीरिक विरूपता को ठीक किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
व्यायाम करते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ बरती जानी चाहिए, समझाइये।
उत्तर:
व्यायाम करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ बरती जानी चाहिए –
- व्यायाम शुरुआत में किसी दक्ष व्यक्ति के निर्देशन में ही किया जाना चाहिए।
- व्यायाम नित्य किया जाना चाहिए।
- व्यायाम खाली पेट सुबह-शाम किया जाना चाहिये।
- व्यायाम अपनी क्षमताओं एवं आयु को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
- व्यायाम सरलता से जटिलता की ओर किया जाना चाहिए।
- व्यायाम मौसम के अनुकूल करें।
- व्यायाम एवं अपनी पसंद, अपना काम, जिम्मेदारियाँ, उपलब्धता आदि के बीच बेहतरीन तालमेल बनायें।
- व्यायाम करने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु काम आने वाले व्यायाम ही करें।
- व्यायाम क्रमबद्ध तरीके से ही करें।
- व्यायाम प्रसन्नचिन्त मन से ही करें उसमें तनाव शामिल नहीं हो।
- व्यायाम प्रायः खुली जगह प्राकृतिक स्थान पर करना ज्यादा श्रेष्ठ होता है।
- व्यायाम के समय को अपने से निर्धारित कर दोहरायें।
- व्यायाम करते समय ढीले कपड़े पहनें जिससे किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया में कोई परेशानी नहीं आए।
- व्यायाम करने के पश्चात विश्राम का भी ध्यान रखें।
- व्यायाम के अनुसार ही संतुलित आहार लें।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
जीवनपर्यन्त संकुचित एवं शिथिल होती हैं
(अ) ऐच्छिक पेशी
(ब) हृदय पेशी
(स) (अ) व (ब)
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(ब) हृदय पेशी
प्रश्न 2.
सामान्यतः प्रत्येक व्यक्ति में रक्त पाया जाता है
(अ) 8-10 लीटर
(ब) 2-3 लीटर
(स) 4-5 लीटर
(द) 6 लीटरे।
उत्तर:
(स) 4-5 लीटर
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह शारीरिक श्रम जो क्रमबद्ध तरीके से सुगठित व सुनियोजित ढंग से किया जाये, व्यायाम कहलाता है।
प्रश्न 2.
ज्ञानेन्द्रियाँ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिन अंगों से हमें पर्यावरण एवं परिवेश का ज्ञान होता है उन्हें हम ज्ञानेन्द्रियाँ कहते हैं।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उपकला ऊतक के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
उपकला ऊतक के कार्य इसका मुख्य कार्य शरीर की सुरक्षा करना है। यह ऊतक सम्पूर्ण शरीर सहित विभिन्न अंगों को ठीक करता है, तथा अंगों की भीतरी सतह को ठीक कर उसको सुरक्षा प्रदान करवाता है। जैसे – मुख, भोजन नलिका, पेट, आँत, फेंफड़े, श्वसन नलिका, रक्त नलिका यह ऊतक पेट के भीतर ग्रन्थियाँ बनाते हैं, जो पाचन रस स्रावित करती हैं तथा पचे हुए भोजन को अपने में समेट लेती हैं। चमड़ी में वे बेकार मैले कुचैले को पसीने के रूप में बाहर निकाल देती हैं तथा ये आंतरिक अंगों को गीला भी रखते हैं तथा हानिकारक बैक्टीरिया से रक्षा करते हैं।
प्रश्न 2.
माँसपेशी तन्त्र के लिए व्यायाम के महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
माँसपेशी तन्त्र के लिए व्यायाम का महत्त्व निम्नलिखित प्रकार है
- पेशियाँ आपस में जुड़ी हुई रहती हैं तथा व्यायाम से इनमें मजबूती आती है तथा इनकी आपसी पकड़ मजबूत हो जाती है।
- अधिक व्यायाम करने से हाइ पर ट्रोफी (Hypertrophy) माँसपेशी का आकार व स्वरूप बढ़ जाता है।
- कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है।
- अतिरिक्त वसा पर नियन्त्रण रहता है।
- माँसपेशियों में व्यायाम के द्वारा लम्बे समय तक खिंचाव में तनाव देकर अंगों को उनकी कार्य क्षमता एवं सहनशीलता को बढ़ाया जाता है।
- व्यायाम के माध्यम से माँसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है उनमें थकान पैदा नहीं होती है।
- व्यायाम के माध्यम से सफेद माँसपेशीय रेशों को बढ़ाया जा सकता है जो तेजी से संकुचन करती हैं तथा अधिक बल उत्पन्न करती हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मैराथन धावक की हड्डियों में 75 से 80 प्रतिशत श्वेत माँसपेशी कोशिकाएँ पायी जाती हैं।
प्रश्न 3.
पाचन तन्त्र को व्यायाम किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
व्यायाम पाचन तन्त्र को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित करता है –
- व्यायाम से शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- व्यायाम से शरीर की ऊर्जा नष्ट होती है और शरीर उस ऊर्जा की पूर्ति के लिए हमारे द्वारा किये गये भोजन को ठीक प्रकार से पचाकर पाचन की सम्पूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा पूर्ति करता है।
- भोजन को निगलने, पचाने, पाचन करने तथा मलमूत्र त्याग करने की प्रक्रिया के लिए पाचन तंत्र के विभिन्न अंग अपना-अपना कार्य ठीक से सम्पादित करें, इस कार्य में व्यायाम उन्हें सहयोग व मजबूती प्रदान करता है।
- भोजन के पश्चात् पाचन क्रिया हेतु होने वाली रासायनिक क्रियाओं में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के रस एवं उन्हें बनाने वाले अंगों को व्यायाम से सुदृढ़ता मिलती है।
- पाचन पथ की तीनों प्रक्रियाओं, चलन, स्राव तथा झिल्ली परिवहन व्यायाम करने से अपने कार्य ठीक से सम्पादित करते रहते हैं।
- भोजन से प्राप्त ऊर्जा का शरीर में ठीक से पाचन हो जाता है।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य एवं शरीर के विभिन्न अंगों पर जिन व्यायामों का प्रभाव पड़ता है वे व्यायाम निम्नलिखित हैं –
- यौगिक सूक्ष्म व्यायाम-
- उच्चारण स्थल तथा विशुद्ध चक्र शुद्धि
- यौगिक प्रार्थना
- बुद्धि विकासक सूक्ष्म व्यायाम
- स्मरण शक्ति विकास
- मेघाशक्ति विकासक
- नेत्र शक्ति विकासक
- उदर शक्ति विकासक
- स्थूल व्यायाम-रेखा गति, इंजन दौड़, कुर्सी दौड़, रस्सी कूदना, तेज दौड़ना, पैदल चलना आदि।
- साइकिल चलाना।
- तैरना।
- भार वाहक व्यायाम।
- खींचना या धक्का देना।
- विभिन्न उपकरणों के व्यायाम या जिम में किये जाने वाले व्यायाम।
- विद्यालयों में किये जाने वाले अन्य व्यायाम, डम्बल, लाठी, लेजियम, भारतीयम, मल्लखम्भ, मार्च-पास्ट, पी-टी, गर्मी वाले व्यायाम, विभिन्न खेलों के माध्यम से व्यायाम व नृत्य लयबद्ध आदि।
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