Rajasthan Board RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 8 The Song of the Free
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 8 Textual Activities
Choose the correct option :
Question 1.
What do the words “when eyes grow dim and heart grows faint” suggest in the poem?
(a) The disease of eyes and heart
(b)The weakening of eyes and heart due to illness
(c) Old age
(d) Giddiness
Answer:
(c) Old age
Question 2.
Which of the following is an example of personification?
(a) “The flame stirred up doth blaze”
(b) “Great ones unfold their best”
(c) “You are Divine”
(d) “And nature wear an angry frown”
Answer:
(c) “You are Divine”
Answer the following questions in 15-20 words each :
Question 1.
What is the rhyme scheme in the first stanza?
प्रथम पद्यांश में तुक योजना क्या है?
Answer:
The rhyme scheme in the first stanza is based on ABAB.
प्रथम पद्यांश में तुक योजना ABAB पर आधारित है।
Question 2.
Whom does the poet address in stanza 4?
चौथे पद्यांश में कवि किसको सम्बोधित करता है?
Answer:
The poet addresses the man in the form of soul in the fourth stanza.
चौथे पद्यांश में कवि आदमी को आत्मा के रूप में सम्बोधित करता है।
Question 3.
“When lightening cleaves its breast………..” What does ‘its’ refer to here?
“वेन लाइटनिंग क्लीव्ज् इट्स ब्रेस्ट……….” ‘इट्स’ शब्द यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
Answer:
The word “its’ refers to the man’s heart.
‘इट्स’ शब्द यहां आदमी के दिल के लिए प्रयुक्त हुआ है।
Question 4.
Point out an example of metaphor in the poem.
कविता में ‘मेटाफर’ का एक उदाहरण दर्शाइये।
Answer:
The poet introduces the man in the form of wounded snake.
कवि आदमी को एक घायल साँप के रूप में पेश करता है।
Question 5.
Which dreams does the poet refer to in the concluding stanza?
कवि अन्तिम पद्यांश में कौनसे सपनों को प्रस्तुत करता है?
Answer:
The poet refers to the dreams of man in which he thinks to complete his expectations.
कवि आदमी के उन सपनों को प्रस्तुत करता है जिसमें वह अपनी भौतिक आशाओं को पूरा करने की सोचता है।
Answer the following questions in 30-40 words each :
Question 1.
What idea does the poet want to suggest by referring to activities in nature in the first two stanzas?
प्रथम दो पद्यांशों में कवि प्रकृति के क्रियाकलापों के माध्यम से क्या विचारधारा समझाना चाहता है?
Answer:
In the first two stanzas the poet discusses about the troubles and mental conditions of the man and his efforts in adverse situation of life. He clears that the wounded man becomes more powerful like a lion. His heart fills with awareness to prove himself best.
प्रारम्भिक दो पद्यांशों में कवि मानव की परेशानियों तथा उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है कि मानव विपरीत हालात में कैसे प्रयास करता है। वह कहता है कि घायल व्यक्ति शेर की तरह अधिक शक्तिशाली हो जाता है। उसका दिल पूर्ण जागरूक हो जाता है और वह अपने सर्वोत्तम प्रयास करता है।
Question 2.
In stanza 5, why does the poet say “I am He” ?
पाँचवें पद्यांश में कवि क्यों कहता है कि मैं वह हूँ?
Answer:
The poet says that “I am He” because he clears that the soul has no shape and it can neither be called angel and man nor animal. There is no sex of the soul and it is formless. There is no particular explanation about it in books. So the poet calls the man like God.
कवि कहता है कि मैं वह हूँ। क्योंकि वह स्पष्ट करता है कि आत्मा का कोई स्वरूप व शरीर नहीं होता है। इसे ना तो आदमी कह सकते हैं और ना ही देवदूत और ना ही इसे जानवर कह सकते हैं। आत्मा का कोई लिंग भी नहीं होता है तथा उसके बारे में किताबों में भी कोई विशेष व्याख्या नहीं है। इसलिए कवि आदमी को भगवान कहता है।
Question 3.
Explain the words : “I was, I am, I will be.”
“मैं था, मैं हूँ, मैं होऊँगा” शब्दों को समझाइये।
Answer:
Here the poet clears that the man existed in this world before the creation of the planets and the universe. He is at present time and he will remain in this world forever. He means to say that the man is immortal and he never dies.
कवि स्पष्ट करता है कि आदमी इस संसार में इस बह्माण्ड तथा ग्रहों की उत्पत्ति से भी पहले विद्यमान था और वह वर्तमान समय में भी है तथा वह संसार में हमेशा के लिए रहेगा। अर्थात् आदमी अमर है और वह कभी मरता नहीं है।
Question 4.
What is the poet’s view on human soul?
मानव आत्मा के प्रति कवि का क्या नजरिया है?
Answer:
According to the view of the poet the soul of the human being is immortal. It existed in this world before the creation of the heavenly bodies and it is present now and will remain permanent in this world in near future.
कवि के नजरिये के अनुसार मानव की आत्मा अमर है। यह इस संसार में आकाशीय पिण्डों की उत्पत्ति से भी पहले विद्यमान थी तथा आज भी है और निकट भविष्य में भी विद्यमान रहेगी।
Answer the following questions in about 150 words each :
Question 1.
Explain the following passage with reference to the context And nature wear…………………but to the goal.”
Answer:
[Note : Explanation भाग देखें]
Question 2.
What inspiring message does the poem convey?
कविता कौनसा प्रेरणादायक सन्देश देती है?
Answer:
On behalf of this poem the poet conveys an important message to the human being that the soul is immortal and it is shapeless. He says that in order to feel the presence of soul the man must have to remove his ignorance and avoid the external structure of the man which is mortal. The poet says until the man remains involved among the materialistic world and feel the existence of his body, he cannot understand the presence of soul in his structure.
The poet clears that the man must see in his heart and create awareness of his soul and identify himself in the form of soul and remove the fear of death from his heart and mind and count himself God because God has granted the man all the powers equal to God; so the man is God and he is at present and existed in this world before the creation of the universe and will remain forever in this world. The man ought to admit his existence in this world and believe immortality of soul in this mortal world.
इस कविता के माध्यम से कवि मानव जाति को एक महत्त्वपूर्ण सन्देश प्रदान करता है कि आत्मा अमर है तथा यह निराकार है। वह कहता है कि आत्मा की उपस्थिति को समझने के लिए मानव को अपनी अज्ञानता दूर करनी होगी तथा उसे अपने बाहरी ढाँचे को नकार देना चाहिए जो कि नश्वर है। कवि कहता है कि जब तक मानव भौतिक संसार में लिप्त रहेगा तथा अपने शरीर की उपस्थिति को महसूस करेगा तब तक वह अपने शरीर में आत्मा को नहीं समझ सकता है।
कवि स्पष्ट करता है कि मनुष्य को अपने दिल में देखना चाहिए तथा अपनी आत्मा की जागरूकता को समझना चाहिए तथा स्वयं को आत्मा के रूप में पहचानना चाहिए तथा मृत्यु के भय को अपने दिल व दिमाग से त्याग देना चाहिए तथा स्वयं को भगवान समझना चाहिए। क्योंकि भगवान ने मानव को स्वयं की शक्तियाँ प्रदान की हैं। अतः आदमी ही भगवान है और वह इस संसार में उपस्थित है तथा ब्रह्माण्ड की रचना से पहले इस संसार में था और हमेशा बरकरार रहेगा। मानव को इस संसार में अपने अस्तित्व को समझना चाहिए तथा इस नश्वरे संसार में आत्मा की अमरता को समझना चाहिए।
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 8 Additional Questions
Answer the following questions in about 60-80 words each :
Question 1.
When does the great man do his best effort?
महान आदमी अपना सर्वोत्तम प्रयास कब करता है?
Answer:
When the great man is wounded, he shows his best effort. He lifts his head with great courage like a snake and lifts its hood to create the fire of anger. His heart fills with great courage like a lion and he notices in the depth of his soul and becomes aware about his hidden powers and shows his best effort.
जब महान आदमी घायल हो जाता है तब वह अपने सर्वोत्तम प्रयास करता है। वह अपना सिर साहस के साथ उठाता है जैसे कि एक साँप अपना फन उठाता है तथा क्रोध की आग उगलता है। उसका दिल शेर की तरह साहस से भर जाता है तथा वह अपनी आत्मा की गहराई में देखता है तथा अपनी छुपी हुई शक्तियों से अवगत हो जाता है और अपने पूरे प्रयास करता है।
Question 2.
When does the man lose his love and friends?
आदमी अपने प्रेम तथा दोस्तों को कब खो देता है?
Answer:
When the man becomes old, his eye sight becomes dim and the sense of distrust develops in his heart. He begins to fear about his fate. The sense of ignorance is created in his heart and mind. In such a situation all of his friends leave him alone and all his dear ones who love him forsake him.
जब आदमी बूढ़ा हो जाता है तब उसकी नेत्र-ज्योति हल्की हो जाती है तथा उसके दिल में अविश्वास पैदा हो जाता है वह अपने भाग्य के प्रति भयभीत हो जाता है। उसके दिल में अज्ञानता के भाव विकसित हो जाते हैं। ऐसी दशा में उसके सभी दोस्त उसे अकेला छोड़ देते हैं तथा उसके सभी प्रेमी जो उसे प्रेम करते हैं, उसे हमेशा के लिए नजरंदाज कर देते हैं।
Question 3.
How old is the existence of man according to the poet?
कवि के अनुसार मानव का अस्तित्व कितना पुराना है?
Answer:
According to the poet the existence of man is very old. He existed in this world before the creation of the sun and moon as well as all the heavenly bodies and the universe. He means to say that the man took birth in this world, at first before the creation of the earth and the space and the natural elements.
कवि के अनुसार मानव का अस्तित्व बहुत पुराना है। वह सूर्य तथा चन्द्रमा की उत्पत्ति से भी पहले इस संसार में विद्यमान था अर्थात् सभी आकाशीय पिण्ड एवं इस ब्रह्माण्ड से पहले। कहने का आशय यह है कि मानव ने पृथ्वी की उत्पत्ति से भी पहले। इस संसार में जन्म लिया तथा इस ब्रह्माण्ड में प्राकृतिक तत्त्वों से भी पहले वह विद्यमान था।
Question 4.
To whom does the poet advise the man to love?
कवि मानव को किससे प्रेम करने की सलाह देता है?
Answer:
The poet advises the man to love himself because the man is God and God lives in the man and all the nature and natural elements exist in man. He existed in this world before the creation of this world and he will remain in it forever. So the man should love himself because his soul is immortal.
कवि मानव को स्वयं से प्रेम करने की सलाह देता है क्योंकि मानव ही भगवान है तथा भगवान मनुष्य में रहता है तथा पूरी प्रकृति एवं प्रकृति के सभी तत्त्व उसमें विद्यमान हैं। वह इस संसार की उत्पत्ति से पहले भी इसमें विद्यमान था तथा हमेशा के लिए इसमें रहेगा। अतः आदमी को स्वयं से प्रेम करना चाहिए अर्थात् उसे . अपनी आत्मा से प्रेम करना चाहिए जो कि अमर है।
Question 5.
What lesson does the poet teach to the readers in this poem?
इस कविता में कवि पाठकों को क्या शिक्षा देता है?
Answer:
The poet delivers an important lesson to the readers that the soul is immortal and the soul exists in the structure of man. In this way the man is immortal and he will remain in this world forever so that the man must love the man in order to become true worshipper of God because God lives in all men and the service of man is the true worship of God who is everywhere.
कवि पाठकों को एक महत्त्वपूर्ण शिक्षा देता है कि आत्मा अमर है तथा आत्मा मानव शरीर में विद्यमान होती है। इस तरह आदमी अमर है तथा वह इस संसार में हमेशा रहेगा। अतः मानव को मानव से प्रेम करना चाहिए ईश्वर का सच्चा उपासक बनने के लिए क्योंकि भगवान सभी लोगों में विद्यमान है तथा मानव की सेवा ही भगवान की सच्ची पूजा है जो कि सब जगह विद्यमान है।
Question 6.
What is the aim of the life of man according to the poet?
कवि के अनुसार मानव जीवन का लक्ष्य क्या है?
Answer:
According to the poet the goal of the life of man is to seek immortality in this mortal world. He says that seeking salvation is the target of the man. In this way the company of God can provide the man permanent existence in this world so that the man must find out the presence of soul in himself and develop the sense of love for the soul which is inside the man. In this way the man can achieve his goal by loving himself.
कवि के अनुसार मानव जीवन का लक्ष्य इस नश्वर संसार में अमरता प्राप्त करना है। वह कहता है कि मोक्ष प्राप्त करना मानव जीवन का लक्ष्य है। अतः भगवान का साथ मनुष्य को इस संसार में पूर्ण स्थायित्व प्रदान कर सकता। है। अत: मानव को स्वयं के अन्दर आत्मा को तलाश करना चाहिए तथा आत्मा के प्रति प्रेम की भावना होनी चाहिए जो कि आदमी के अन्दर है। इस तरह मानव स्वयं से प्रेम करके अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
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