Rajasthan Board RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 भारत: भौगोलिक विविधता में सांस्कृतिक एकता
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सप्त सिन्धु में जितनी नदियाँ शामिल हैं, वे हैं-
(अ) सत्रह
(ब) सौ
(स) ग्यारह
(द) सात
उत्तर:
(द) सात
प्रश्न 2.
भारत की मूल चिकित्सा पद्धति है-
(अ) एलोपेथी
(ब) होम्योपेथी
(स) आयुर्वेदिक
(द) यूनानी
उत्तर:
(स) आयुर्वेदिक
प्रश्न 3.
बैशाखी जिसे राज्य का मुख्य त्यौहार है, वह है-
(अ) मध्य प्रदेश
(ब) बिहार
(स) आन्ध्र प्रदेश
(द) पंजाब
उत्तर:
(द) पंजाब
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 4.
संस्कृति का क्या अर्थ है?
उत्तर:
संस्कृति का अर्थ होता है- संस्कारयुक्त होना, परिष्कृत होना, परिमार्जित होना, परिस्थितियों के अनुसार विवेक का उपयोग कर स्वयं को ढालना एवं ऐसे कार्य व विचार को अपनाना जो सृजनात्मक एवं स्वयं तथा दूसरों के लिए जीवनदायी हों।
प्रश्न 5.
वेद-पुराण किस भाषा में लिखे गये हैं?
उत्तर:
वेद-पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं।
प्रश्न 6.
शंकराचार्य के चार मठ कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
शंकराचार्य के चार मठ क्रमश: ज्योतिर्मठ (हिमालय), शृंगेरीमठ (मैसूर), शारदामठ (द्वारका) और गोवर्धन मठ (पुरी) हैं।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 7.
तीर्थ स्थल किसे कहते हैं व कैसे बनते हैं?
उत्तर:
एक ऐसा स्थल जिसको सम्बन्ध किसी चिंतक, मनीषी व महापुरूष के जन्म, निर्वाण व अन्य गतिविधियों के कारण उनसे सम्बद्ध है, उन्हें पुण्य स्थल या पवित्र स्थल माना जाता है। इन स्थानों से लोगों को आस्था बढ़ती जाती है, उनका लगाव बढ़ता जाता है, और वे धीरे-धीरे तीर्थ स्थल बन जाते हैं।
प्रश्न 8.
भूगोल खान-पान को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
भारत में मिलने वाली विभिन्न तरह की जलवायु, मिट्ये व अन्य भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की कृषि की जाती है; यथा-उष्ण व नम जलवायु वाले वे पर्याप्त जल उपलब्धता वाले क्षेत्रों में चावल, शीतोष्ण क्षेत्रों में गेहूं, शुष्क क्षेत्रों में बाजरे की कृषि की जाती है और इन्हीं खाद्यान्नों को खाने में प्रयोग होता है। यदि समुद्रतटीय अवस्थिति होती है तो लोग मुख्यतः चावल व मछलियों का सेवन करेंगे जबकि मैंदानी स्थिति में विभिन्न प्रकार के खाद्यान्नों का प्रयोग करेंगे। मरुस्थलीय क्षेत्रों में केवल शुष्क फसलें उत्पादित होती हैं। अत: ऐसे क्षेत्रों के निवासी मुख्यत: बाजरा, ज्वार व दालों का प्रयोग करते हैं। शीत क्षेत्रों के निवासी उष्णता प्रदान करने वाली सामग्री जबकि शुष्क व उष्ण क्षेत्रों के निवासी शीतलता प्रदान करने वाली सामग्री का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार खान-पान की प्रक्रिया भौगोलिक दशाओं द्वारा नियंत्रित होती है।
प्रश्न 9.
सप्त सिन्धु तथा पाँच सरोवरों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत की धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थिति से लोगों का प्रत्यक्ष जुड़ाव मिलता है। धर्म एवं संस्कृति के प्रति आदर की भावना यहाँ के लोगों में बाल्यावस्था से ही विकसित कर दी जाती है जो बालक के विकास के साथ-साथ परिपक्व होती जाती है। इस धर्म व संस्कृति के अनुसार नदियों एवं जल एकत्रण स्थलों को देवी-देवताओं के रूप में पूजा जाता है। ऐसे सप्त सिन्धु व पाँच सरोवर निम्नानुसार हैं
सप्त सिन्धु (सात पवित्र नदियाँ) – गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, सिन्धु व कावेरी।
पाँच सरोवर – मानसरोवर (हिमालय), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), गलता जी (जयपुर राजस्थान), पुष्कर (अजमेर राजस्थान) तथा पम्पा सरोवर (दक्षिण भारत) प्रमुख हैं।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 10.
भौगोलिक विविधता में सांस्कृतिक एकता’ पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र की सभ्यता व संस्कृति में उसे क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों का बहुत बड़ा योगदान होता है। भारत ऐसी भौगोलिक विविधताओं के दृष्टिकोण से एक विशिष्ट राष्ट्र है। सभ्यता का विकास मानव की भौतिक आवश्यकताओं के अनुरूप होता है जबकि संस्कृति का निर्माण मानव के आध्यात्मिक विकास का परिणाम है।
भारत में खाने – पान की विविधता होते हुए भी भारत सास्कृतिक रूप हैं परिष्कृत है जो भारत के शाकाहारी समाज के रूप में प्रमाणित होती है। लोगों में मिलने वाली ‘जीयो व जीने दो’ की भावना उन्हें संगठित करती है। विभिन्न प्रकार के खान-पान होते हुए भी सांस्कृतिक उत्सवों पर सभी का टेबल पर मिलने वाला मिला-जुला रूप इसे एकता के सूत्र में बाँधता हैं। चिकित्सा पद्धतियों की विविधता होते हुए भी उनका एक ही उद्देश्य ‘मानव कल्याण मिलना भारत की साहचर्य व मानव सेवा की भावना को दर्शाता है।
विभिन्न प्रकार के रहन – सहन, वेशभूषा व आभूषणों का स्वरूप मिलने के बावजूद सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान मिलने वाली इनकी एकजुटता सांस्कृतिक एकता का ही कारण है। जो सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के दौरान स्पष्ट हो जाता है। सम्पूर्ण भारत में मिलने वाली नारी की महिमा भी सीता-राम, राधे-श्याम, लक्ष्मी-नारायण आदि स्वरूपों में दिखाई देती है। भिन्न-भिन्न धर्मों एवं समुदायों के अनुयायी होते हुए भी लोगों के द्वारा मिलकर एक-दूसरे के त्यौहार मनाना भारत की अद्वितीय पहचान है।
विविध भाषा-भाषी होने के बावजूद संस्कृत के रूप में एकता का दर्शन होता है। वेदों, पुराणों व उपनिषदों को सर्वत्र समान महत्त्व मिलना सांस्कृतिक एकता का परिचायक है। संस्कृत ने अन्य भाषाओं का विकास करके सम्पूर्ण भारतीय साहित्य को समृद्ध करके इसे अक्षुण्य बनाये रखा है। मीरा, दादू, रैदास, कबीर, नानक, सूर व तुलसी सभी का एक ही उद्देश्य भारत का मानवीय एकीकरण रहा है।
पंच महाभूतों को सम्पूर्ण भारत में माना जाता है। उदारता, सहनशीलता, समन्वयवादिता व ग्रहणशीलता रूपी गुण भारतीय जनमानस को आज एकीकृत किए हुए हैं। तीर्थ स्थलों, सरोवरों, गुफाओं, मठों, मकबरों वे देरगाहों के प्रति धार्मिक आस्था भारतीयों को विविध धर्मावलम्बी होते हुए भी एकता के सूत्र में बाँधती है।
संक्षेप में, यह कहा जा सकता है कि विविध भौगोलिक दशाओं के होते हुए भी भारत अपनी विशिष्ट संस्कृति के कारण एक राष्ट्र के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान सदियों से बनाये हुए है।
प्रश्न 11.
सांस्कृतिक एकता में तीर्थ स्थलों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की भूमि प्राचीन काल से विभिन्न धर्मों की भूमि रही है। भारत के इसी धार्मिक स्वरूप के कारण भारत में अनेक तीर्थ स्थलों का विकास हुआ है। ये तीर्थ स्थल अपनी प्रभावकारी स्थिति के कारण सम्बन्धित धर्म के सम्प्रदाय के लोगों पर अपना प्रभाव डालते हैं। तीर्थ स्थलों के निर्माण में चिन्तकों, मनीषियों, महापुरुषों व उनके जन्म या निर्वाण स्थलों का योगदान रहता है। तीर्थ स्थलों से भारतीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं और इन्हें भारतीयों द्वारा सबसे पुण्य व पवित्र स्थल माना जाता है। इन तीर्थ स्थलों में सम्पूर्ण भारत से वर्षपर्यन्त यात्री आते-जाते रहते हैं जो देश की सांस्कृतिक एकता के ताने-बाने के रूप में कार्य करते हैं। भारत में मिलने वाली सप्त सिन्धु रूपी सातों नदियों ने लोगों को धार्मिक भावना से एक कर रखा है। सभी लोग प्राय: इन नदियों को देवी तुल्य मानकर इनकी पूजा करते हैं।
इनके संगमों पर एकत्रित होते हैं तथा अपनी सभी विविधताओं को भूलकर एक साथ स्नान की प्रक्रिया करते हैं। कुंभ व महाकुंभों की स्थिति में ये विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को अपनी ओर खींचकर उन्हें एकजुट करने का प्रयास करते हैं। तीर्थ स्थल भारतीय संस्कृतिक एकता के ताने-बाने हैं। चार मठे चारों दिशाओं की मजबूती के प्रतीक हैं। चार धामों ने सम्पूर्ण भारत के लोगों को जोड़कर रखी है। लोगों का इन धामों पर एकत्रित होना प्रत्यक्ष रूप से सर्वोच्च सत्ता के दर्शन व उसके अस्तित्व के प्रति लोगों का समर्पण भाव प्रदर्शित करता है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से देश अपनी एकीकृत सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। नदियों के किनारे, पर्वतीय क्षेत्रों व गुफाओं में स्थापित तीर्थ स्थल समाज को प्रकृति के समीप ले जाते हैं। चारों ओर बिखरी प्राकृतिक छटा से मानव के मन में प्रकृति व उसको बनाने वाले के बारे में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
तीर्थ स्थलों पर जाने से वहाँ बहने वाली नदियों के प्रति मैं या मेरी की भावना के स्थान पर हमारी नदी की भावना उत्पन्न हो जाती है। जब ये नदियाँ विभिन्न राज्यों से होकर बहती हैं तो उन राज्यों को एकता के सूत्र में बाँधती हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति की सोच बदलकर राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना विकसित हो जाती है। नदियों को जल देश के सभी नागरिकों के विकास में सहायक है। जैसे माँ अपने सभी पुत्रों का लालन-पालन समान दृष्टि से करती है ठीक उसी प्रकार नदियों के प्रति हमारी मातृत्व की भावना का विकास होने से साझी सम्पदा का महत्व बना रहता है।
पर्वतीय भागों में मिलने वाले तीर्थ स्थलों के कारण अनायास ही पर्वतों को देवभूमि माना जाने लगता है और इन पर्वतीय भागों को संरक्षित करके एवं आराध्य देव के रूप में इनकी पूजा की जाती है। भारत के उत्तर से दक्षिण तक मिलने वाले इन पर्वतीय भागों ने इसे एकता के सूत्र में बाँध रखा है।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से जो शीतोष्ण कटिबंध की फसल है, वह है
(अ) चावल
(ब) गेहूँ
(स) चाय
(द) गन्ना
उत्तर:
(ब) गेहूँ
प्रश्न 2.
भारतीय भोजन में सर्वोच्च स्थान किसका है?
(अ) गाय के दूध को
(ब) बकरी के दूध का
(स) भैंस के दूध का
(द) भेड़ के दूध का
उत्तर:
(अ) गाय के दूध को
प्रश्न 3.
किस कानून के तहत वस्तुओं की खोज के अधिकार का स्वामित्व दिया जाता है?
(अ) रजिस्टर्ड
(ब) ट्रेडमार्क
(स) पेटेन्ट
(द) आई.एस.ओ
उत्तर:
(स) पेटेन्ट
प्रश्न 4.
शिक्षा संस्थाओं द्वारा सांस्कृतिक एकता के अंकुर किस अवस्था में उत्पन्न किए जाते हैं?
(अ) बाल्यावस्था में
(ब) किशोरावस्था में
(स) प्रौढ़ावस्था में
(द) जरावस्था में
उत्तर:
(अ) बाल्यावस्था में
प्रश्न 5.
पोंगल त्यौहार कहाँ मनाया जाता है?
(अ) उत्तर भारत में
(ब) पूर्वी भारत में
(स) पश्चिमी भारत में
(द) दक्षिण भारत में
उत्तर:
(द) दक्षिण भारत में
प्रश्न 6.
रामेश्वरम नामक तीर्थ स्थल किस राज्य की सीमा में है?
(अ) उत्तराखंड में
(ब) असम में
(स) तमिलनाडु में
(द) उड़ीसा में
उत्तर:
(स) तमिलनाडु में
प्रश्न 7.
वेद किस भाषा में लिखे गए हैं?
(अ) अवधी भाषा में
(ब) संस्कृत भाषा में
(स) अंग्रेजी भाषा में
(द) हिन्दी भाषा में
उत्तर:
(ब) संस्कृत भाषा में
प्रश्न 8.
विदेशी पर्यटकों के भारत आगमन (2007) के दृष्टिकोण से अग्रणी राष्ट्र है-
(अ) बांग्लादेश
(ब) यू.के.
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
(द) जर्मनी
उत्तर:
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रश्न 9.
निम्न में से जो पाँच सरोवरों का अंग नहीं है, वह है-
(अ) मानसरोवर
(ब) गलता जी
(स) पुष्कर
(द) हरिद्वार
उत्तर:
(द) हरिद्वार
प्रश्न 10.
शारदा मठ कहाँ स्थित है?
(अ) द्वारका में
(ब) हिमालय में
(स) मैसूर में
(द) पुरी में
उत्तर:
(अ) द्वारका में
प्रश्न 11.
विश्व खाद्य संगठन ने किस भोजन पद्धति को सर्वोत्तम माना है?
(अ) सर्वाहार को
(ब) मांसाहार को
(स) शाकाहार को
(द) उपर्युक्त सभी को
उत्तर:
(स) शाकाहार को
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
प्रश्न 1.
स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए-
स्तम्भ में | स्तम्भ में |
(i) भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति | (अ) राजस्थान |
(ii) घाघरा-लूगड़ी | (ब) दक्षिणी भारत |
(iii) ईदुलफितर | (स) भारत |
(iv) लुंगी | (द) मुस्लिम धर्म |
(v) अयोध्या | (य) आयुर्वेद |
(vi) विश्व गुरु | (र) तीर्थ नगर |
उत्तर:
(i) य, (ii) अ, (iii) द, (iv) ब, (v) र, (v) स.
प्रश्न 2.
स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए-
स्तम्भ अ | स्तम्भ ब |
(i) भारतीय | (अ) घाघरा-लूगड़ी |
(ii) पंजाबी | (ब) कुर्ता-पायजामा |
(iii) मुस्लिम | (स) सलवार-सूट |
(iv) लखनवी | (द) लहंगा-चुनरी |
(v) राजस्थानी | (य) धोती-कुर्ता |
(vi) गुजराती | (र) पठानी सूट |
उत्तर:
(i) ये, (ii) स, (iii) र, (iv) ब, (v) अ, (vi) द.
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीयों के क्रिया-कलाप भिन्न-भिन्न क्यों मिलते हैं?
उत्तर:
भारत में मिलने वाली भौगोलिक विविधताओं के कारण लोगों के क्रिया-कलाप भिन्न-भिन्न मिलते हैं।
प्रश्न 2.
भारत की बहुआयामी संस्कृति किसकी देन है?
उत्तर:
भारत में मिलने वाली सांस्कृतिक विविधता ने भारत को बहुआयामी संस्कृति प्रदान की है।
प्रश्न 3.
भौगोलिक परिस्थितियाँ मानव पर क्या प्रभाव डालती हैं?
उत्तर:
भौगोलिक परिस्थितियाँ मानव शरीर की संरचना व उसकी सोच को प्रभावित करने के साथ-साथ मानव के खान-पान, रहन-सहन पर भी प्रभाव डालती हैं।
प्रश्न 4.
संस्कृति के निर्माण में किसका प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
किसी क्षेत्र की संस्कृति के निर्माण में उस क्षेत्र की भौगोलिक दशाओं का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 5.
सर्वोत्तम भोजन पद्धति किसे माना गया है?
उत्तर:
विश्व खाद्य संगठन ने शाकाहार को सर्वोत्तम भोजन पद्वति मानी है।
प्रश्न 6.
सांस्कृतिक एकता को और दृढ़ता किसने प्रदान की है?
उत्तर:
शिक्षा व संचार के साधनों ने सांस्कृतिक एकता को और दृढ़ता प्रदान की है।
प्रश्न 7.
भारत में कौन-कौन-सी चिकित्सा पद्धतियाँ मिलती हैं?
उत्तर:
भारत में आयुर्वेदिक, यूनानी, ऐलोपेथी और होम्योपेथी आदि चिकित्सा पद्धतियाँ मिलती हैं।
प्रश्न 8.
बालक स्वयं को किस प्रकार एकता के सूत्र में पिरोते हैं?
उत्तर:
अपने विद्यालय के समारोहों में विभिन्न क्षेत्रों की वेश-भूषा पहनकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर बालक स्वयं को एकता के सूत्र में पिरोते हैं।
प्रश्न 9.
कन्यादान को महादान क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
कन्या भविष्य में बहन, पत्नी, माँ के रूप में अपनी सृजनात्मक भूमिका निभाती है इसलिए ही कन्यादान को महादान कहा जाता है।
प्रश्न 10.
भारत के किन्ही पाँच ऐतिहासिक वे पुरातात्विक केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत के पाँच ऐतिहासिक व पुरातात्विक केन्द्रों में राजगीर, सारनाथ, हम्पी, औरंगाबाद खजुराहो मुख्य हैं।
प्रश्न 11.
भारत के किन्ही पाँच अभयारण्य व राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भरतपुर, रणथंभोर, पलामू, सिमलीपाल और दुधवा।
प्रश्न 12.
भारत के किन्हीं पाँच पर्यटक केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
माउंट आबू, शिमला, पंचमढ़ी, उदगमंडलम्, बोधगया आदि।
प्रश्न 13.
भारत के प्रमुख पर्वतारोहण केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
दिफू, तेजपूर, सूरजकुंड, धर्मशाला, बडोदरा, जयपुर आदि।
प्रश्न 14.
भारत के किन्हीं तीन स्कीइंग क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में स्कीइंग के क्षेत्रों में गुलमर्ग, मनाली व कुल्लू प्रमुख हैं।
प्रश्न 15.
भारत की किन्हीं पाँच आर्य भाषाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत की पाँच आर्य भाषाएँ हिन्दी, गुजराती, पंजाबी, मराठी व बंग्ला प्रमुख हैं।
प्रश्न 16.
भारत की किन्हीं चार द्रविड़ भाषाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत की चार द्रविड़ भाषाएँ कन्नड़, तेलगु, तमिल वे मलयालम प्रमुख हैं।
प्रश्न 17.
भारत में पर्यटकों का सर्वाधिक आगमन किन पाँच राष्ट्रों से होता है?
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक पर्यटकों का आगमन संयुक्त राज्य अमेरिका, यू.के., बांग्लादेश, श्रीलंका व कनाडा नामक राष्ट्रों से होता है।
प्रश्न 18.
भारत में समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के मुद्रण में अग्रणी तीन भाषाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
मुद्रण के दृष्टिकोण से हिन्दी, अंग्रेजी व मराठी भाषा में सर्वाधिक समाचार-पत्र व पत्रिका प्रकाशित होती हैं।
प्रश्न 19.
संस्कृत में लिखे ग्रथों का महत्व किससे स्पष्ट होता है?
उत्तर:
वर्तमान में विश्व के अनेक राष्ट्रों द्वारा इन ग्रंथों को अली राष्ट्रीय भाषा में अनुवादित कर अपनी नई पीढ़ी को इनका ज्ञान प्रदान कराने के प्रयास से इनका महत्व स्पष्ट हो जाता है।
प्रश्न 20.
भारतीय संस्कृति में अमर ग्रंथ किन्हें माना गया है?
उत्तर:
भारत में वेद, पुराण व उपनिषद् तथा रामायण, महाभात, व गीता जैसे ग्रंथों को अमर ग्रंथ माना गया है।
प्रश्न 21.
भारत के किन रचनाकारों ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है?
उत्तर:
भारत में मीरा, रैदास, दादू, कबीर, नानक, सूर व तुलसी ने अपनी रचनाओं से भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है।
प्रश्न 22.
भारतीय जनमानस में प्राकृतिक शक्तियाँ किसे माना है?
उत्तर:
भारतीय जनमानस में जल, वायु व अग्नि (सूर्यातप) को प्राकृतिक शक्तियाँ माना गया है।
प्रश्न 23.
नदियों को जीवनदायिनी क्यों कहा गया है?
उत्तर:
नदियों की घाटियों में सभ्यताओं का विकास होने, कृषि की आदर्श स्थिति होने व मानव बसाव का अनुकूल क्षेत्र होने के कारण इन्हें जीवनदायिनी कहा जाता है।
प्रश्न 24.
प्राकृतिक शक्तियों के सकारात्मक प्रभाव से भारतीयों में किन गुणों का विकास हुआ है?
उत्तर:
प्राकृतिक शक्तियों के सकारात्मक प्रभाव से भारतीयों में उदारता, सहनशीलता, समन्वयवादिता एवं ग्रहणशीलता रूपी गुणों का विकास हुआ है।
प्रश्न 25.
भारत की प्रमुख गुफाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
भारत की प्रमुख गुफाओं में अजन्ता-एलोरा, एलिफेन्टा, बाघ, उदयगिरि व खांडगिरी की गुफाएँ शामिल हैं।
प्रश्न 26.
भारत के प्रमुख तीर्थ नगर कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भारत के प्रमुख तीर्थ नगर, वाराणसी, हरिद्वार, अयोध्या, प्रयाग, अजमेर, उज्जैन, मथुरा, नासिक, अमृतसर, पटना, नाथद्वारा, सारनाथ, नालंदा व सांची हैं।
प्रश्न 27.
भारत के प्रमुख पर्वतीय क्षेत्रों के तीर्थ स्थलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत के पर्वतीय क्षेत्रों के प्रमुख तीर्थ स्थलों में कैलाश, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, जमनोत्री (यमुनोत्री), पावागढ़, पालिताणा, सम्मेदशिखरे, गिरनार पर्वत, पावापुरी, दिलवाड़ा व रणकपुर प्रमुख हैं।
प्रश्न 28.
मैं की जगह हमारी/हम की भावना क्या होती है?
उत्तर:
अपने व्यक्तिगत हित या स्वार्थ को त्यागकर सब के कल्याण के बारे में सोचना, सभी वस्तुओं पर सबका अधिकार समझना हम/हमारी भावना को विकसित करता है।
प्रश्न 29.
नदी जल विवाद कैसे समाप्त हो सकते हैं?
उत्तर:
यदि मैं की जगह हम की भावना का विकास हो जाए तो आपसी भावों के मजबूत होने व स्वार्थ-रहित होने पर नदी जल विवाद स्वतः ही समाप्त हो सकते हैं।
प्रश्न 30.
भारत की विश्व में विशिष्ट पहचान कैसे है?
उत्तर:
अनेक विविधताओं के होते हुए भी अपनी विशिष्ट संस्कृति के कारण भारत की विश्व में एक विशिष्ट पहचान है।
प्रश्न 31.
भारत को विश्व गुरु क्यों माना जाता है?
उत्तर:
भारत की सभ्यता, संस्कृति व दर्शन प्राचीन काल से उन्नत एवं अद्वितीय रहा है जिसने सम्र्पूण विश्व को ज्ञान की ओर अग्रसर किया है इसी कारण भारत को विश्व गुरु कहा जाता है।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 लघुत्तरात्मक प्रश्न Types I
प्रश्न 1.
हमारे देश का स्थान विश्व पटल पर सदैव महत्वपूर्ण क्यों रहा है?
उत्तर:
भारत में अनेक विविधताओं के कारण लोगों के क्रियाकलाप अलग-अलग पाये जाते हैं जिसके कारण भारत में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक भू-दृश्य दिखाई देते हैं। इसी बहुआयामी संस्कृति को सांस्कृतिक विविधता ने निर्मित किया हैं। भारत की यह संस्कृति ही उसकी मुख्य सम्पदा बन गयी है। यही कारण है कि हमारे देश का विश्व पटल पर सदैव महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
प्रश्न 2.
भौगोलिक दशाएँ संस्कृति के किन-किन घटकों को प्रभावित करती हैं?
उत्तर:
भौगोलिक दशाओं के द्वारा संस्कृति का निर्माण प्रभावित होता है जिसका प्रभाव मानव के खाने-पान से लेकर उसकी चिकित्सा पद्वति, रहन-सहन, त्यौहारों, भाषा, साहित्य, धर्म एवं दर्शन पर पड़ता है। इन सभी प्रभावों को अलग-अलग क्षेत्रों में देखा एवं अनुभव किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
भारतीय खान-पान को विश्व में सर्वोत्तम क्यों माना गया है?
उत्तर:
भारतीय संस्कृति अत्यधिक परिष्कृत है जिसका प्रमाण भारत के शाकाहारी भोजन के रूप में देखने को मिलता है। भारतीयों के द्वारा मुख्यतः खाद्यान्नों का प्रयोग किया जाता है जो पूर्णत: सात्विक होते हैं। इस प्रकार के खान-पान से व्यक्ति में सात्विक गुणों एवं भावों का संचार होता है। इसी कारण भारत के भोजन को विश्व खाद्य संगठन ने भी सर्वोत्तम भोजन पद्वति माना है। भारतीय भोजन में शामिल गाय के दूध से भारतीय भोजन की गुणवत्ता स्पष्ट हो जाती है। यह एक अचूक एवं अमृतमयी दवा के समान कार्य करता है।
प्रश्न 4.
भारतीय भोजन में किस प्रकार अनेकता में एकता का स्वरूप पाया जाता है?
उत्तर:
भारत में भोजन के विविध प्रारूप देखने को मिलते हैं; यथा-पंजाबी भोजन, गुजराती भोजन, राजस्थानी भोजन, बंगाली भोजन, दक्षिणी भारतीय भोजन व अन्य कई प्रकार के भोजन जो क्षेत्र विशेषों की पहचान हैं। परन्तु इतने विविध होते हुए भी भारत के किसी भी कोने में जब कोई सामाजिक व सांस्कृतिक समारोह आयोजित होता है तो ये सभी भोजन एक ही टेबल पर नजर आते हैं। भारत के भोजन ने रसास्वादन के साथ लोगों के दिलों को भी निकट लाने का कार्य किया है।
प्रश्न 5.
भारतीय पहनावे में मिलने वाली भिन्नता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय रहन-सहन में अनेक विविधताओं का स्वरूप देखने को मिलता है। यथा-पहनावे के रूप में भारतीय धोती-कुर्ता, पंजाबी सलवार-सूट, मुस्लिमों को पठानी सूट, लखनवी कुर्ता-पायजामा, राजस्थानी घाघरा-लूगड़ी, गुजराती लहंगा-चुनरी, स्त्रियों द्वारा पहनी जाने वाली साड़ियाँ, दक्षिण भारत में पहने जाने वाली लुंगी आदि पहनावे सम्बन्धी विविधता को दर्शाते हैं।
प्रश्न 6.
भारत में कौन-कौन से त्यौहार मनाये जाते हैं?
उत्तर:
भारत में सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर अनेक त्यौहार मनाते है जिनमें मुख्यत: दीपावली, होली, दशहरा, नवरात्रा, ईदुल फितर, ईदुल-जुहा, बारावफात, क्रिसमस, लोहड़ी, पोंगल एवं विभिन्न धर्मों के महापुरुषों की जन्म तथा निर्वाण तिथियों को धूमधाम से मनाया जाता है।
प्रश्न 7.
भारत के प्रमुख दूरदर्शन केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में मिलने वाले प्रमुख दूरदर्शन केन्द्रों में पूंछ, मसूरी, भटिंडा, नोएडा, बरेली, मुर्शिदाबाद, डाल्टनगंज, आसनसोल, गंगटोक, द्वारका, भवानीपटना, तिरूपती, कोडईकनाल, शिमोगा, अंबाजोगई आदि प्रमुख केन्द्र हैं।
प्रश्न 8.
भारत के प्रमुख दूरदर्शन एवं दूरभाष केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में मिलने वाले प्रमुख दूरदर्शन एवं दूरभाष में मुख्यतः श्रीनगर, लेह, जम्मू, जालंधर, शिमला, दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, पटना, करसियांग, ईटानगर, डिब्रूगढ़, गुवाहाटी, कोहिमा, इम्फाल, आइजॉल, सिलचर, कोलकाता, राँची, विशाखापट्टन, जगदलपुर, विजयवाड़ा, हैदराबाद, चेन्नई, पुडुचेरी, तिरुवनंतपुरम, हस्सन, धारवाड़, गुलबर्ग, पुणे, नागपुर, जयपुर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर आदि को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 9.
भारत में भाषाई आधार पर मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं व समाचार-पत्रों के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में अनेक विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र एवं पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं। इनमें से हिन्दी भाषा में प्रकाशित समाचार पत्र-पत्रिकाओं का प्रतिशत सर्वाधिक 39.77 मिलता है। इसके पश्चात् अंग्रेजी भाषा में मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं का प्रतिशत 14.39 पाया जाता है तत्पश्चात् क्रमश: मराठी, उर्दू, बंगाली, गुजराती, तमिल, कन्नड़, तेलगु, मलयालम, ओड़िया, पंजाबी भाषाओं में मुद्रित पत्र-पत्रिका मिलते हैं। द्विभाषी पत्र-पत्रिकाओं का प्रतिशत 6.69 मिलता है। जबकि अन्य का प्रतिशत 2.78 मिलता है जो भाषाई विविधता को दर्शाता है।
प्रश्न 10.
भूगोल का चिंतकों एवं अनेक विचारों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
अथवा
चितंकों के विचारों को भौगालिक देशाओं ने कैसे प्रभावित किया है?
अथवा
भौगोलिक विविधताओं ने चितंकों के विचारों को कैसे नियंत्रित किया है?
उत्तर:
भारत के भौगोलिक पर्यावरण व विविधता का चितंकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इन्हीं दशाओं के कारण चिंतकों के विचारों में विविधता व उदारता देखने को मिलती है। प्राकृतिक दशाओं के महत्व के कारण ही पंच महाभूतों को स्वीकार किया गया है। पेड़-पौधों व जीव-जन्तुओं के निर्माण व ध्वंस को देखने से चितंकों के विचार पुनर्जन्म की ओर अग्रसर हुए हैं। प्राकृतिक शक्तियों के प्रभाव को मानकर चिंतकों ने इन्हें देव तुल्य बताया है।
प्रश्न 11.
प्राकृतिक शक्तियों की प्रतिकूलता का मानव पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अथवा
प्राकृतिक शक्तियों की रुष्टता मानव के लिए हानिकारक है, कैसे?
उत्तर:
प्राकृतिक शक्तियों की प्रतिकूलता के मानव पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं-
- प्राकृतिक शक्तियों की प्रतिकूलता कृषि उत्पादन पर विपरीत प्रभाव डालती हैं।
- जल रूपी प्राकृतिक शक्ति की प्रतिकूलता होने पर भयंकर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है जिससे अपार जन-धन की हानि होती है।
- तीव्र वायु के चलने (तूफानों) से चारों ओर विध्वंस जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- सुनामी आने, आग लगने व अकाल के रूप में भी प्राकृतिक शक्तियाँ मानव जीवन पर विपरीत प्रभाव डालती हैं।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 लघुत्तरात्मक प्रश्न Types II
प्रश्न 1.
उत्तरी भारत एवं दक्षिणी भारत के पहनावे में अन्तर क्यों पाया जाता है?
उत्तर:
भारत के पहनावे को भौगोलिक वातावरण के द्वारा नियंत्रित किया गया है। उत्तरी भारत में जलवायु मुख्यत: मौसम के साथ परिवर्तित होती रहती है। इसी कारण वर्षा, सर्दी व गर्मी में लोगों को पहनावा बदलता रहता है। यथा—शुष्क व उष्ण स्थिति में सूती कपड़े, शीत ऋतु में ऊनी वस्त्रों का प्रयोग किया जाने लगता है इसके विपरीत दक्षिणी भारत में वर्ष में अधिकांश समय वर्षा का मौसम बना रहता है। इस क्षेत्र में धरातल भी पठारी है एवं इसमें छोटी-छोटी नदियों व नालों का जाल सा बिछा हुआ है। अत: आवागमन के समय यहाँ के नागरिकों को सदैव जल भरे मार्गों का सामना करना पड़ता है, इसी कारण यहाँ के पहनावे में लुंगी को प्रधानता दी गई है तथा व्यक्ति जूतों की जगह चप्पल पहनता है।
प्रश्न 2.
रहन-सहन सम्बन्धी विविधता होते हुए भी भारत में एकता का स्वरूप कैसे दृष्टिगत होता है?
अथवा
भारत की रहन-सहन रूपी विविधता में एकता के दर्शन कैसे होते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में रहन-सहन सम्बन्धी अनेक विविधताएँ देखने को मिलती हैं किन्तु फिर भी भारत में एकता का स्वरूप देखने को मिलता है। इस एकता को निम्न बिन्दुओं के रूप में स्पष्ट किया जा सकता है
- सम्पूर्ण भारत में लोगों के द्वारा संस्कारों को समान रूप से मनाया जाता है। यथा – जन्म संस्कार, विवाह संस्कार, मृत्यु संस्कार आदि।
- संस्कारों को पूर्ण करने के दौरान रिवाजों की साम्यता भी देखने को मिलती है।
- भारतीय समाज में सभी जगह नारी को विशेष स्थान दिया गया है।
- सम्पूर्ण भारत में कन्यादान को महादान माना जाता है।
- विविध वेश-भूषाओं से युक्त होकर सांस्कृतिक उत्सवों के दौरान प्रस्तुतियाँ देना अपने आप में एकता के स्वरूप का प्रदर्शन करता है जो विविध संस्कृतियों की एकता को दर्शाता है।
प्रश्न 3.
मेले व त्यौहारों का भारतीय संस्कृति में क्या महत्व है?
अथवा
भारतीय लोगों में मेले-त्यौहार एकता के रूप में कार्य करते हैं, कैसे?
अथवा
लोक कलाओं ने भारतीय संस्कृति को एकीकृत करने में मुख्य भूमिका निभाई है, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मेले, त्यौहार व लोक कलाएँ भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ हैं। इनमें सभी को अभिभूत कर रखा है।
भारत में इनके महत्व को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया गया है
- मेले, त्यौहार व लोक कलाएँ मिलकर भारतीय संस्कृति के रंग-बिरंगे स्वरूप का निर्माण करते हैं।
- इन तीज-त्यौहार व मेलों ने भारतीयों में उमंग एवं ऊर्जा का संचार किया है।
- मेले एवं त्यौहारों ने विभिन्न पंथों व सम्प्रदायों के लोगों को मिलाया है।
- विविध संस्कृति वाला भारत उस समुद्र के सदृश्य लगता है जिसमें अलग-अलग दिशाओं से सरिताओं का मिलन होता है।
- भारत के सभी धर्मों के लोग अपने त्यौहारों को मिल जुल कर मनाते हैं जिसके कारण सर्वधर्म समभाव, आपसी भाईचारे व प्रेम की भावना का विकास हुआ है।
- नई फसलों के आगमन पर मनाये जाने वाले उत्सवों से पूर्व एक उमंग का वातावरण मिलता है।
- स्थानीय लोक कलाएँ लोगों को मनोरंजन प्रदान करने के साथ लोगों को संगठित करके रखती हैं। उपरोक्त बिन्दुओं से स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय संस्कृति में तीज-त्यौहार, मेलों एवं लोक कलाओं का महत्वपूर्ण स्थान है।
प्रश्न 4.
भारत के प्रमुख आकाशवाणी एवं एफ.एम. केन्द्रों के नाम लिखते हुए इनके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत के प्रमुख आकाशवाणी एवं एफ.एम. केन्द्र- चंडीगढ़, सूरतगढ़, रोहतक, अलवर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, गोधरा, गुना, बालाघाट, खण्डवा, बेतुल, जलगाँव, अकोला, परभणी, मुम्बई, रत्नागिरी, सांगली, कोल्हापुर, मैसूर, कोजीकोडे, थिसूर, कोयम्बटूर, नागरकोइल, मदुरई, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई, कुडप्पा, हैदराबाद, आदिलाबाद, जैपुर, चन्द्रपुर, सागर, रायगढ़, बिलासपुर, कटके, कोलकाता, छत्तरपुर, सिलीगुडी, दरभंगा, कानपुर, अल्मोड़ा आदि हैं।
आकाशवाणी व एफ.एम. केन्द्रों का महत्व – आकाशवाणी एवं एफ.एम. केन्द्रों ने अगम्य क्षेत्रों में भी प्रसारण की प्रक्रिया को सम्भव बनाया है। इनके कारण ही वर्तमान में दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की सुविधा सम्भव हो पाई है। इन केन्द्रों ने आपातकालील स्थिति में सूचनाओं को त्वरित गति से पहुँचाने का कार्य किया है। इन सबके साथ ही इन केन्द्रों ने लोगों को धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से एक किया है।
प्रश्न 5.
भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में आने वाले पर्यटकों का स्वरूप विविधताओं से युक्त है। यहाँ सभी महाद्वीपों के निवासी पर्यटन के लिए आते हैं। किन्तु उत्तरी अमेरिका महाद्वीपों के लोग सर्वाधिक पर्यटन के लिए आते हैं जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका से 15.24 प्रतिशत व कनाडा से 4.21 प्रतिशत लोग पर्यटन हेतु आते हैं। इससे यह स्पष्ट होता हैं कि भारत में आने वाले कुल पर्यटकों में से लगभग पाँचवाँ हिस्सा उत्तरी अमेरिका से आता है। इसके पश्चात एशिया महाद्वीप के ही अन्य राष्ट्रों से आने वाले पर्यटकों को स्थान आता है जिसमें सर्वाधिक बांग्लादेश से 10.26 प्रतिशत, श्रीलंका से 4.14 प्रतिशत, जापान से 2.75 प्रतिशत, चीन से 2.40 प्रतिशत, रूस से 2.61 प्रतिशत, सिंगापुर से 1.85 प्रतिशत, मलेशिया से 2.19 प्रतिशत व दक्षिणी कोरिया से 1.56 प्रतिशत पर्यटक भारत आते हैं। इसके बाद यूरोप से आने वाले पर्यटकों का स्थान आता है जिसमें यू.के. से 14.70 प्रतिशत, फ्रांस से 3.39 प्रतिशत, जर्मनी से 3.87 प्रतिशत पर्यटक आते हैं। आस्ट्रेलिया से 2.77 प्रतिशत जबकि विश्व के शेष राष्ट्रों से लगभग 25.89 प्रतिशत पर्यटक भारत आते हैं। पर्यटकों के इस आगमन को निम्न आरेख में राष्ट्रों से आगमन के अनुसार दिखाया गया है।
प्रश्न 6.
भारत में नदियों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नदियाँ भारत के लिए किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हुई हैं? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नदियों ने भारतीयों को जीवन का आधार प्रदान किया है कैसे, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नदियाँ भारतीयों के लिए प्राचीन काल से लेकर वर्तमान काल तक महत्वपूर्ण रही हैं। नदियों के इस महत्व को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया गया है-
- नदियों ने अपने समीपवर्ती भागों में मैदानों का निर्माण किया है। इन मैदानी भागों की समतल स्थिति के कारण मानव के बसने हेतु आदर्श स्थल का निर्माण हुआ है।
- नदियों के द्वारा उपजाऊ काँप व जलोढ़ मृदा का निर्माण किया गया जिससे कृषि कार्य करने की अनुकूल स्थिति उत्पन्न हो पायी है।
- नदियों के जल ने सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पेयजल की सुविधा भी उपलब्ध करायी है।
- नदियों के संगम स्थल धार्मिक व तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित हुए हैं जिन्होने सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया है।
- नदियों से जल विद्युत, नगरों की स्थापना व उद्योगों की स्थापना में सहयोग प्राप्त हुआ है जो इनके बिना सम्भव नहीं था।
RBSE Class 11 Indian Geography Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की प्राचीन कालीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत की आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का सम्पूर्ण विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
प्राचीन कालीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भारत का गौरव है। कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा पद्धति की खोज भारत में सदियों पुरानी है। भारत की इस चिकित्सा पद्वति की मुख्य विशेषता इसका पूर्ण रूप से प्रकृति पर निर्भर रहना है। यह एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें प्रकृति से प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों का प्रयोग ही विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। भारत जड़ी-बूटियों की दृष्टि से प्राचीन काल से ही सम्पन्न रहा है। भारत की यह चिकित्सा पद्वति वर्तमान में भी विश्व में सर्वाधिक प्रामाणिक है। चिकित्सा पद्धति ने ही भारत में प्रकृति की पूजा करने हेतु उसके महत्व को बढ़ाया है जिसमें पेड़-पौधों व वृक्षों को देव तुल्य मानकर उनकी पूजा करना पुण्य का कार्य माना जाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा ने भारत को सांस्कृतिक एकता प्रदान की है। आज सम्पूर्ण विश्व इस आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्वति के महत्व को स्वीकार कर चुका है। अनेक असाध्य रोगों जिनका इलाज किसी अन्य चिकित्सा पद्धति से सम्भव नहीं हो पाया था, भारत की इस चिकित्सा पद्धति से ऐसे असाध्य रोगों का इलाज भी सम्भव हो सका है। विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉक्टरों/चिकित्सकों ने भी इसके महत्व को स्वीकार कर लिया है। आयुर्वेद के माध्यम से भारत हजारों वर्षों से जड़ी-बूटियों के द्वारा उपचार करता आ रहा है। तथा उपचार से सम्बन्धित प्रारूपों को प्रतिपादित भी करता रहा है। किन्तु वर्तमान में विश्व के अनेक देश भारतीय जड़ी-बूटियों को पेटेन्ट कानून के अन्दर लाकर उन पर अपना अधिकार जमाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति में चिकित्सा को मानव कल्याण हेतु एक सेवा माना गया है। यह चिकित्सा पद्धति न केवल सस्ती एवं सुलभ पद्धति है अपितु यह प्रकृतिजात पद्धति होने के कारण प्रकृति से प्रेम व उसे संरक्षित करने हेतु भी प्रेरित करती है। वर्तमान में इस चिकित्सा पद्वति से स्वाइन फ्लू, एड्स, डेंगू, मलेरिया, कैंसर जैसी व्याधियों का सहज एवं सरल इलाज सम्भव है। इस चिकित्सा पद्वति ने सम्पूर्ण विश्व में भारतीयता के मान एवं सम्मान को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाया है। इसी कारण यह चिकित्सा पद्वति भारत का गौरव है।
प्रश्न 2.
भारत के प्रमुख पर्यटक केन्द्रों का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारत में कौन-कौन से पर्यटक केन्द्र मिलते हैं? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
पर्यटक भारत में पर्यटन के लिए क्यों खिंचे चले आते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत एक विविधताओं की भूमि है। यहाँ अनेक प्रकार की भौगोलिक, जलवायविक, सांस्कृतिक, जैविक, धार्मिक एवं अपवाह सम्बन्धी विविधताएँ देखने को मिलती हैं। इन सभी विविधताओं ने भारत को विश्व में एक विशिष्ट राष्ट्र बनाया है। इन सभी विविधताओं के कारण भारत प्राकृतिक व सांस्कृतिक दृष्टि से एक अनुपम सौन्दर्य वाला राष्ट्र बन गया है जिसके आकर्षण को देखने के लिए पर्यटक सदैव लालायित रहते हैं। भारत का यह आकर्षण मुख्यत: निम्न स्वरूपों में पर्यटक केन्द्रों के रूप में देखने को मिलता है-
(i) ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक केन्द्र – भारत का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है जिसके कारण यहाँ अनेक ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक केन्द्र पाये जाते हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन केन्द्रों में मुख्यतः किलों, बावड़ियों, गुफाओं, स्तम्भों एवं प्राचीन कालीन राजधानियों को शामिल किया गया है जो मुख्यत: सारनाथ, आगरा, रांची, अलवर, चित्तौड़गढ़, औरंगाबाद, अजन्ता, एलोरा, एलिफेन्टा, बेलगाम, बेल्लूर, ग्वालियर, मुर्शिदाबाद, कुरुक्षेत्र आदि में देखने को मिलते हैं।
(ii) धार्मिक केन्द्र – भारत अनेक धर्मों की भूमि है जिसके कारण यहाँ अनेक धार्मिक पर्यटन केन्द्र विकसित हुए हैं; यथा. केदारनाथ, बद्रीनाथ, रामेश्वरम्, जगन्नाथपुरी, मथुरा, अयोध्या, काशी, श्रावस्ती, प्रयाग, अजमेर, वैष्णों देवी, हरिद्वार, ऋषिकेश, द्वारका, वाराणसी, उज्जैन, श्रृंगेरी, मदुरई इत्यादि।
(iii) अभयारण्य व राष्ट्रीय उद्यान-भारत में मिलने वाले जैव विविधता के स्वरूप के कारण अनेक पर्यटन केन्द्रों का विकास हुआ है जहाँ पर्यटक पशु-पक्षियों व जीव-जन्तुओं को देखने आते हैं; यथा- केवलादेव, रणथम्भौर, सरिस्का, कान्हा, जिम काबेंट, काजीरंगा, सिमलीपाल, बाँदीपुर, गीर, पलामू, दिहांग-दिबांग, नोकरेक आदि।
(iv) पर्वतारोहण के केन्द्र-पर्यटकों को भारत में पर्वतारोहण के केन्द्र भी आकर्षित करते हैं जो मुख्यतः धर्मशाला, दिफू, तेजपुर, बड़ोदरा एवं जयपुर प्रमुख हैं।
(v) झील एवं जलाशय-भारत में मिलने वाली झीलों एवं जलाशयों की स्थिति भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। ऐसे केन्द्रों में मुख्यत: डल, वूलर, नक्की, सांभर, राजसमंद, पुष्कर, कोलायत, आनासागर, फायसागर, चिल्का एवं पूलिकट झीलों तथा भांखडा-नागल, हीराकुंड, हरिके बैराज, टिहरी, पोग, नागार्जुनसागर आदि बाँध भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
(vi) प्राकृतिक मनोरम स्थल-भारत में प्राकृतिक छटाओं के बीच मिलने वाले मनोरम स्थल पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र होते हैं। ऐसे पर्यटक केन्द्रों में शिमला, नैनीताल, देहरादून, माउंट आबू, पंचमढ़ी, ऊटी, गुवाहाटी, शिलॉग आदि प्रमुख हैं। इन सभी के अलावा भारत में मिलने वाले समुद्र तटीय क्षेत्र, हैंड ग्लाइडिंग क्षेत्र, पहाड़ी अवस्थान एवं स्क्रीइंग केन्द्र भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
भारत में मिलने वाले प्रमुख पर्यटक केन्द्रों को उनके स्वरूप के अनुसार अग्र रेखाचित्र प्रदर्शित किया गया है-
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