Rajasthan Board RBSE Class 11 Physics Chapter 2 प्रारम्भिक गणितीय संकल्पनायें
RBSE Class 11 Physics Chapter 2 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर
RBSE Class 11 Physics Chapter 2 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सदिश कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के-ध्रुवीय तथा अक्षीय सदिश।
प्रश्न 2.
तुल्य सदिश किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिनका परिमाण तथा दिशा समान होते हैं।
प्रश्न 3.
एकांके सदिश किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस सदिश का परिमाण एक होता है।
प्रश्न 4.
x-अक्ष, y-अक्ष तथा z-अक्ष के अनुदिश एकांक। सदिश बताइये।
उत्तर:
\(\hat{i}\), \(\hat{j}\) तथा \(\hat{k}\)
प्रश्न 5.
शून्य सदिश किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिसका परिमाण शून्य हो।
प्रश्न 6.
सदिशों का वियोजन कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
दो, द्विविमीय तथा त्रिविमीय वियोजन।
प्रश्न 7.
क्या दो सदिशों के परिणामी सदिश का मान दिये गये सदिशों में से किसी एक सदिश के मान से कम हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, यदि दोनों सदिशों के बीच का कोण 90° से अधिक हो।
प्रश्न 8.
निम्न भौतिक राशियों में से अदिश तथा सदिश राशियों को अलग-अलग कीजिए-बल आघूर्ण, पृष्ठ तनाव, संवेग तथा ताप।
उत्तर:
अदिश राशि-पृष्ठ तनाव, ताप सदिश राशि-बल आघूर्ण, संवेग
प्रश्न 9.
क्या एक अदिश और एक सदिश राशि को जोड़ा जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, अदिश में दिशा नहीं होती जबकि सदिश में दिशा होती है।
प्रश्न 10.
यदि किसी सदिश राशि का एक घटक शून्य हो व अन्य घटक शून्य न हो तो क्या वह सदिश राशि शून्य हो सकती है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 11.
\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{A}}\) का परिमाण कितना होगा?
उत्तर:
A2
प्रश्न 12.
क्या सदिश गुणनफल क्रमविनिमेय होता है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 13.
दो सदिशों के सदिश गुणनफल से प्राप्त सदिश की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
दोनों सदिशों के तल के लम्बवत् दिशा में।
प्रश्न 14.
दो समान्तर सदिशों का सदिश गुणनफल क्या होता
उत्तर:
शून्य।
RBSE Class 11 Physics Chapter 2 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रदिश किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे भौतिक राशियाँ जिनकी स्वयं की कोई दिशा नहीं होती बल्कि उनके परिमाण भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न-भिन्न होते। हैं, प्रदिश राशियाँ कहलाती हैं। उदाहरण के लिए, जड़त्व आघूर्ण, प्रतिबल, विषमदैशिक माध्यम में चुम्बकशीलता व विद्युतशीलता आदि प्रदिश राशियाँ हैं।
प्रश्न 2.
अदिश एवं सदिश में अन्तर बताइये।
उत्तर:
(i) अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)-ऐसी भौतिक राशियाँ जिन्हें पूर्णतया व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण व ये मात्रक की ही आवश्यकता होती है, अदिश राशियाँ कहलाती हैं।
उदाहरण- द्रव्यमान, दूरी, चाल, कार्य, ऊर्जा, घनत्व, आयतन, से ताप आदि।
(ii) सदिश राशियाँ (Vector Quantities)- ऐसी भौतिक राशियाँ जिन्हें पूर्णतया व्यक्त करने के लिए परिमाण व मात्रक के साथ ग दिशा का उल्लेख भी आवश्यक होता है, सदिश राशियाँ कहलाती हैं।
उदाहरण-विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग आदि सदिश राशियाँ हैं क्योंकि सदिश राशियों में परिमाण के साथ-साथ दिशा भी होती है। अतः इनके जोड़, बाकी, गुणा आदि सदिश बीजगणित के नियमों के अनुसार किये जाते हैं।
प्रश्न 3.
सदिशों के योग का त्रिभुज नियम लिखिये।
उत्तर:
सदिश संयोजन का त्रिभुज नियम (Triangle Law of Vector Addition)- इस नियम के अनुसार यदि किसी त्रिभुज च की दो भुजाएँ एक ही क्रम में दो सदिशों को व्यक्त करें तो तीसरी भुजा ? विपरीत क्रम में उनके योग को व्यक्त करती है।” अर्थात्
चित्र में सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\vec{Q}\) को क्रमशः त्रिभुज की क्रमिक । भुजाओं AB तथा BC द्वारा दर्शाया गया है। सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) में सदिश \(\vec{Q}\) को जोड़ने के लिए हम सदिश \(\vec{Q}\) को इसके समानान्तर (दिशा में परिवर्तन किये बिना) इस तरह से विस्थापित करते हैं कि सदिश \(\vec{Q}\) को प्रारम्भिक बिन्दु (पूँछ Tail) सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) के अन्तिम बिन्दु (शीर्ष Head) से सम्पाती हो जावे। अब बिन्दु A को अन्तिम बिन्दु C से मिलाते हैं। इससे हमें त्रिभुज ABC प्राप्त होता है। त्रिभुज की भुजा AC सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\vec{Q}\) के परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) को प्रदर्शित करती है, जिसकी दिशा A से C की ओर इंगित होती है।
प्रश्न 4.
सदिशों के वियोजन की द्विविमीय विधि को। समझाइये।
उत्तर:
द्विविमीय निर्देश तंत्र में किसी सदिश का वियोजन (Two-dimensional Resolution of a Vector)- माना X-Y तल में स्थित सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) को \(\overrightarrow{\mathrm{OP}}\) से चित्र में प्रदर्शित किया गया है। सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{OP}}\) का प्रारम्भिक बिन्दु मूल बिन्दु O पर स्थित है एवं X-अक्ष से θ कोण पर स्थित है। सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{OP}}\) के शीर्ष से X-अक्ष पर लम्ब PN तथा Y-अक्ष पर लम्ब PQ डालते हैं। \(\overrightarrow{\mathrm{ON}}\) सदिश X-अक्ष की दिशा में सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) के घटक \(\overrightarrow{\mathbf{A}}_{x}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{OQ}}\) सदिश Y-अक्ष की दिशा में सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) के घटक \(\overrightarrow{\mathrm{A}}_{y}\), को प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 5.
दो सदिशों के अदिश गुणनफल को समझाइये।
उत्तर:
अदिश गुणनफल या बिन्दु गुणनफल (Scalar Product or dot Product)- दो सदिश राशियों को गुणा करने पर यदि गुणनफल में अदिश राशि प्राप्त होती है तो इसे अदिश गुणनफल या बिन्दु गुणनफल कहते हैं। अदिश गुणनफल को दो सदिशों के मध्य बिन्दु (.) लगाकर प्रदर्शित किया जाता है। दो सदिशों के परिमाण एवं उनके मध्य कोण की कोज्या के गुणनफल को अदिश गुणनफल कहते हैं।
माना दो सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के परिमाण क्रमशः A व B हैं तथा इनके मध्य कोण 8 हो तो इनका अदिश गुणनफल निम्न प्रकार दिया जा सकता है—
\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) = AB cos θ
उपरोक्त गुणनफल में गुणा से प्राप्त राशि AB cos θ एक अदिश राशि है। अदिश गुणनफल को अन्य प्रकार से भी व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ चित्र में सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) को परिमाण व दिशा में प्रदर्शित किया गया है।
चित्र (i) में दर्शाये अनुसार B cos θ सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) का सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) की दिशा में प्रक्षेप है एवं चित्र (ii) में A cos θ सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) का सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा में प्रक्षेप है।
\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) = A(B cos θ ) ………………. (1)
\(\overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{A}}\) = B(A cos θ ) …………………. (2)
किसी एक सदिश का परिमाण एवं दूसरे सदिश का प्रथम सदिश । की दिशा में प्रक्षेप के परिमाण के गुणनफल को अदिश गुणनफल कहते
प्रश्न 6.
सदिशों के सदिश गुणनफल के लिए दक्षिणावर्ती पेच का नियम लिखिये।
उत्तर:
दक्षिणावर्ती पेच का नियम–सामने चित्र में दिखाये अनुसार पेच की अक्ष को सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के तल के लम्बवत् रक्कर पेच को सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) से \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की ओर छोटे कोण से घुमाने पर पेच जिस दिशा में आगे बढ़ता है, वही परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) की दिशा होगी।
RBSE Class 11 Physics Chapter 2 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भौतिकी में अवकलन गणित का उपयोग समझाइये।
उत्तर:
भौतिकी में अवकलन गणित के उपयोग
(Uses of Differential Calculus in Physics)
भौतिकी में अनेक राशियाँ अन्य राशियों पर निर्भर होती हैं। जैसे दूरी की समय पर निर्भरता, वेग की समय व दूरी पर निर्भरता, गैस के दाब की आयतन व ताप पर निर्भरता आदि। इन राशियों के परस्पर सम्बन्धों में एक राशि की दूसरी राशि के सापेक्ष परिवर्तन की दर ज्ञात करना महत्त्वपूर्ण होता है। इन सभी गणितीय प्रक्रियाओं में अवकलन गणित का उपयोग होता है।
मान लीजिए किसी कण की स्थिति सदिश \(\vec{r}\) समय t का फलन है अर्थात्
\(\frac{d^{2} \vec{r}}{d t^{2}}\) स्थिति सदिश का समय के सापेक्ष द्वितीय अवकलन है।
यहाँ पर हम अन्य उदाहरण भी दे सकते हैं।
(1) किसी बल द्वारा किया गया कार्य W समय का फलन होता है और समय के सापेक्ष कार्य करने की दर तात्क्षणिक शक्ति P होती है, अतः
P = \(\frac{d \mathbf{W}}{d t}\) या P = \(\frac{d \mathrm{E}}{d t}\) (E = ऊर्जा)
(1) रेडियोसक्रिय पदार्थ में उपस्थित सक्रिय परमाणुओं की संख्या N समय का फलन होती है तथा विघटन की दर A सक्रिय परमाणुओं की संख्या की समय के सापेक्ष ह्रास दर होती है, जिससे
A =\(-\frac{d N}{d t}\)
प्रश्न 2.
सदिशों के संयोजन का समान्तर चतुर्भुज का नियम लिखिये। आवश्यक नामांकित चित्र बनाइये। परिणामी सदिश में के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
सदिश संयोजन का समान्तर चतुर्भुज का नियम (Parallelogram Law of Vector Addition)- इस नियम के अनुसार जब किसी समान्तर चतुर्भुज की दो आसन्न भुजाओं को क्रमशः दो सदिशों के परिमाण व दिशा के रूप में व्यक्त किया जाये तब उनके कटान बिन्दु से होकर गुजरने वाली विकर्ण परिणामी सदिश के परिमाण व दिशा को व्यक्त करता है।”
दो सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) समान्तर चतुर्भुज की दो आसन्न भुजाओं को प्रदर्शित करते हैं तो \(\overrightarrow{\mathrm{R}}=\overrightarrow{\mathrm{P}}+\overrightarrow{\mathrm{Q}}\)
गणितीय विधि (Mathematical Method)
दो सदिशों के परिणामी सदिश का परिमाण ज्ञात करना (To Determine the Magnitude of Resultant Vector of Two Vectors)- माना दो सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{p}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) को परिमाण व दिशा में त्रिभुज ABC की भुजाओं \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}\) वे \(\overrightarrow{\mathrm{BC}}\) से क्रम में निरूपित किया गया है। (चित्र) त्रिभुज नियम के अनुसार भुजा \(\overrightarrow{\mathrm{AC}}\) विपरीत क्रम में परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) को निरूपित करती है। माना सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{p}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) के मध्य कोण θ है। परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण व दिशा ज्ञात करने के लिए। भुजा AB को आगे बढ़ाकर इस पर बिन्दु C से लम्ब CD डालते हैं।
यहाँ समीकरण (4) से परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण व. समीकरण (5) से इसकी दिशा ज्ञात की जा सकती है।
विशेष परिस्थितियाँ- (अ) जब सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) समान दिशा में हों
अतः θ = 0, cos θ = 1, sin θ = 0
समीकरण (4) से परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण
R = \(\sqrt{\mathrm{P}^{2}+\mathrm{Q}^{2}+2 \mathrm{PQ}}\)
R = P + Q
समीकरण (5) से α = tan-10 या α = 0
अतः परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण दोनों सदिशों के परिमाणों के योग के तुल्य होगा व दिशा सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) की दिशा में होगी।
(ब) सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) ते परस्पर लम्बवत् हैं। तब θ = 90°, cos θ = 0, sin θ = 1 समीकरण (4) व (5) से
अतः \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) की दिशा \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) में से जिसका परिमाण अधिक होगी उसकी दिशा में होगी।
यहाँ \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) सदिश समान दिशा में होने पर परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण अधिकतम होता है।
एवं \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{Q}}\) के विपरीत दिशा में होने पर \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) का परिमाण न्यूनतम होता है।
प्रश्न 3.
सदिशों के त्रिविमीय वियोजन को विस्तारपूर्वक समझाइये।
उत्तर:
त्रिविमीय निर्देश तंत्र में किसी सदिश का वियोजन (Three-dimensional Resolution of a Vector) – माना कि किसी सदिश \(\vec{A}\) का त्रिविमीय निर्देशांक पद्धति में वियोजन करता है। सदिश \(\vec{A}\) के X, Y व Z अक्षों के अनुदिश घटक क्रमशः \(\overrightarrow{\mathrm{A}}_{x}\), \(\overrightarrow{\mathrm{A}}_{y}\), वे \(\overrightarrow{\mathrm{A}}_{z}\), लेते हैं।
X, Y व Z अक्षों के अनुदिश घटक प्राप्त करने के लिए सदिश \(\vec{A}\) के शीर्ष से XY तल पर लम्ब PO डालते हैं। इस प्रकार \(\overrightarrow{\mathrm{OP}}\) में दो घटक प्राप्त होते हैं। इसमें प्रथम OZ अक्ष के अनुदिश \(\overrightarrow{\mathrm{ON}}\) व दूसरा घटक XY तल में \(\overrightarrow{\mathrm{OQ}}\) है। सदिश \(\vec{A}\) को घटकों के रूप में व्यक्त करने पर।
सदिश A का परिमाण
समकोणिक त्रिभुज OPQ में
OP2 = OQ2 + PQ2
परन्तु PQ = ON
OP2 = OQ2 + ON2 …………… (5)
समकोणिक त्रिभुज OQS से
OQ2 = OS2 + SQ2
SQ = OR
OQ2 = OS2 + OR2
समीकरण (5) व (6) से।
OP2 = OS2 + OR2 + ON2 ……………. (7)
परन्तु OP = A, OS = Ay, OR = Ax एवं ON = Oz
उपरोक्त मान समीकरण (7) में प्रतिस्थापित करने पर
cos α, cos β व cos γcat factantell (direction cosine) कहते हैं अतः किसी सदिश के तीनों दिक्कोज्या के वर्गों का योग एक होता है।
स्थिति सदिश (Position Vector)- त्रिविमीय निर्देश तन्त्र में सामान्यतः किसी बिन्दु की स्थिति उसके निर्देशांक से व्यक्त की जाती है। चित्र के अनुसार माना किसी बिन्दु P की स्थिति के निर्देशांक x, y, z हैं। मूल बिन्दु O से बिन्दु P को मिलाने वाला सदिश बिन्दु P की O के सापेक्ष स्थिति को निरूपित करता है। अतः सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{OP}}\) बिन्दु P का स्थिति सदिश कहलाता है।
प्रश्न 4.
सदिशों के सदिश गुणनफल को आवश्यक चित्र बनाते हुए विस्तारपूर्वक समझाइये।
उत्तर:
सदिश गुणनफल या व्रजीय गुणनफल (Vector Product or Cross Product)- दो सदिशों को गुणा करने पर यदि गुणनफल एक सदिश राशि प्राप्त होती है तो गुणनफल को सदिश गुणनफल अथवा क्रॉस गुणनफल कहते हैं। सदिश गुणनफल को दोनों सदिशों के मध्य क्रॉस (×) का चिन्ह लगाकर व्यक्त करते हैं।
दो सदिशों का सदिश गुणनफल दोनों सदिशों के परिमाण व उनके मध्य कोण की ज्या के गुणनफल के बराबर होता है एवं परिणामी सदिश की दिशा उस तल के लम्बवत् होती है जिसमें दोनों सदिश विद्यमान हैं।
माना दो सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के मध्य कोण θ है एवं सदिशों के परिमाण A व B हैं अतः इनको सदिश गुणनफल होगा|
\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}=\mathrm{AB} \sin \theta \hat{n}\) ……………… (1)
यहाँ \(\hat{n}\) परिणामी सदिश की दिशा में एकांक सदिश है। इसकी दिशा सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के तल के लम्बवत् होती है। यदि परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) हो तो
यहाँ R = AB sin θ परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) के परिमाण को व्यक्त करता है। परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) की दिशा निम्न नियमों द्वारा ज्ञात कर सकते हैं।
(i) दायें हाथ का नियम-चित्र (i) के अनुसार दायें हाथ की अंगुलियों को सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) से \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की ओर मोड़े तो सीधा अंगूठा परिणामी सदिश की दिशा को प्रदर्शित करता है।
(ii) दक्षिणावर्ती पेच का नियम-चित्र (ii) में दिखाये अनुसार पेच की अक्ष को सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के तल के लम्बवत रखकर पेच को सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) से \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की ओर छोटे कोण से घुमाने पर पेच जिस दिशा में आगे बढ़ता है, वही परिणामी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{R}}\) की दिशा होगी।
(iii) सदिश गुणनफल क्रम विनिमेय नहीं होता है क्योंकि
(v) तुल्य सदिशों का सदिश गुणनफल-तुल्य सदिश भी समान्तर होते हैं अतः इनकी भी दिशाओं के मध्य कोण θ = 0° होगा।
अतः तुल्य सदिशों का सदिश गुणनफल भी शून्य सदिश होता है।
(vi) लम्बवत् सदिशों को सदिश गुणनफल-माना सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) व सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) परस्पर लम्बवत हैं अतः इनके मध्य कोण θ = 90° होगा।
RBSE Class 11 Physics Chapter 2 आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्षैतिज से 30° कोण पर कार्यरत एक बल का ऊर्ध्वघटक 200 N है, आरोपित बल का मान बताइये।
हल:
Fy = F sin θ
200 = F × sin 30°
⇒ 200 = F × \(\frac{1}{2}\)
∴ F = 400 N
प्रश्न 2.
सदिश \(\overrightarrow{\mathbf{A}}=(3 \hat{i}+4 \hat{j})\) का परिमाण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है
प्रश्न 3.
सदिश \(\overrightarrow{\mathbf{A}}=4 \hat{i}+3 \hat{j}-5 \hat{k}\) के अनुदिश एकांक सदिश का मान बताइये।
हल:
प्रश्न 4.
\(\frac{d}{d x}\left(x^{7}\right)\) का मान ज्ञात करो।
हल:
हम जानते हैं
प्रश्न 5.
\(\frac{d}{d x}\left(x^{-3}\right)\) का मान ज्ञात करो।
हल:
प्रश्न 6.
\(\int x^{4} d x\) का मान ज्ञात करो।
हल:
प्रश्न 7.
\(\int x^{-5} d x\) का मान ज्ञात करो।
हल:
प्रश्न 8.
संख्या 83256 का पूर्णाश बताइये।
हल:
संख्या 83256 में 5 अंक हैं। अतः पूर्णाश 4 होगा।
प्रश्न 9.
संख्या 0.00356 का पूर्णाश बताइये।।
हल:
यहाँ पर संख्या 1 से छोटी है अर्थात् दशमलव से प्रारम्भ होती है तो पूर्णांश ऋणात्मक होगा तथा इसका मान दशमलव के दायीं ओर अशून्य संख्या से ठीक पहले वाले शून्यों की संख्या से 1 अधिक होता है। यहाँ पर अशून्य संख्या 3 से पहले 2 शून्य हैं, इसलिए पूर्णांश \(\overline{3}\) होगा।
चूँकि ऋणात्मक पूर्णांशों की संख्या पर – (बार) चिह्न लगाकर प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 10.
log (8621) का मान ज्ञात करो।
हल:
संख्या 8621 = 8.621 × 103
अतः इसका पूर्णाश = 3 होगा।
लघुगणक संख्याओं में अपूर्णाश ज्ञात करने के लिए लघुगणक सारणी का उपयोग करते हैं लघुगणक सारणी के प्रथम ऊर्ध्व कॉलम में संख्या 86 देखते हैं। तत्पश्चात् क्षैतिज रेखा में तीसरे अंक (प्रश्न में 2) के कॉलम में लिखी संख्या को नोट करते हैं। जैसे 86 के सामने 2 कॉलम में आने वाली संख्या 9355 है। इस संख्या में दी गई संख्या के चौथे अंक (प्रश्न में 1) के संगत माध्य अन्तर 1 जोड़ देते हैं। दशमलव से प्रारम्भ कर कुल संख्या (9355 + 1) = 0.9356 संख्या 8621 के लघुगणक मान का अपूर्णांश होगा। दी गई संख्या का लघुगणक मान पूर्णाश एवं अपूर्णांश के योग के बराबर होता है।
3 + 0.9356 = 3.9356
प्रश्न 11.
x – y तल में किसी बिन्दु पर दो बल \(\overrightarrow{\mathbf{F}_{1}}=(2 \hat{i}-3 \hat{j}) \mathbf{N}\) व \(\overrightarrow{\mathrm{F}_{2}}=(-\hat{i}+3 \hat{j}) \mathrm{N}\) कार्यरत हैं। परिणामी बल ज्ञात करो।
हल:
प्रश्न 12.
किसी कण के वेग के दो समकोणीय घटकों में से । एक 10 m/s अभीष्ट वेग की दिशा से 60° कोण बनाता है तो वेग का दूसरा घटक ज्ञात करो।
हल:
माना क्षैतिज घटक Vx = 10 मी./से.
प्रश्न 13.
पिण्ड पर कार्यरत बल \(\overrightarrow{\mathbf{F}}=(\hat{i}+\hat{j}-2 \hat{k})\) एवं विस्थापन \(\overrightarrow{d r}=(-\hat{i}+2 \hat{j}-\hat{k})\) हो तो कार्य की गणना करे बले एवं विस्थापन के मध्य कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है
प्रश्न 14.
यदि एक इलेक्ट्रॉन \(\overrightarrow{\mathbf{B}}=(2 \hat{i}+\hat{j}-\hat{k}) \mathbf{T}\) के चुम्बकीय क्षेत्र में \(\overrightarrow{\mathbf{V}}=(2 \hat{i}-3 \hat{j}+\hat{k})\) m/s वेग से गति करे तो लोरेन्ज बल का मान ज्ञात करो।
हल:
लॉरेन्ज बल (Lorentz force)- यदि q आवेश \(\overrightarrow{\mathrm{V}}\) वेग से किसी चुम्बकीय क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) में गतिमान हो तो उस पर क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) के कारण बल होगा
प्रश्न 15.
एक कण की स्थितिज ऊर्जा U = y2 siny है। इस कण पर कार्यरत बल F = \(-\frac{d \mathbf{U}}{d \boldsymbol{y}}\) द्वारा परिभाषित है। बल का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है- U = y2 sin y
y के सापेक्ष अवकलन करने पर
∴ \(-\frac{d U}{d y}\) = – 2y sin y – y2 cos y
F = – (2y sin y + y2 cos y)
प्रश्न 16.
कण के कोणीय संवेग तथा बल आघूर्ण में निम्न संबंध होता है
हल:
दिया है
\(\vec{\tau}=t \hat{i}+t^{2} \hat{j}+t^{3} \hat{k}\)
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