Rajasthan Board RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 न्यासस्य रक्षणम्
RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 पाठ्य-पुस्तकस्य अभ्यास-प्रणोत्तराणि
RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 अति लघूत्तरात्मक प्रश्नाः
(क) कानि दैवतानि अपि अवधूयन्ते? (कौन से देवता भी अपमानित कर दिए जाते हैं ?)
उत्तरम्:
अनिर्जातानि दैवतानि अपि अवधूयन्ते। (अनजाने में देवता भी अपमानित कर दिए जाते हैं।)
(ख) चक्रारपंक्ति इव का गच्छति? (पहिये की अरों की तरह क्या जाता है?)
उत्तरम्:
चक्रारपंक्तिरिव भाग्यपंक्तिः गच्छति। (पहिये की अरों की तरह भाग्य पंक्ति जाती है।)
(ग) पदमावती कस्य भगिनी अस्ति? (पद्मावती किसकी बहिन है?)
उत्तरम्:
पद्मावती महाराज दर्शकस्य भगिनी आसीत्। (पद्मावती महाराज दर्शक की बहिन थी।)
(घ) कुत्र परुष न प्रयोज्यम्? (कहाँ पर कठोर वचनों का प्रयोग न किया जाना चाहिए?)
उत्तरम्:
आश्रमवासिषु परुषं ने प्रयोज्यम्। (आश्रमवासियों के प्रति कठोरता नहीं करनी चाहिए।)
(ङ) कीदृशी पद्मावती धर्मपीडाम् न इच्छेत्? (कैसी पद्मावती धर्मपीड़ा को न चाहे?)
उत्तरम्:
धर्मप्रिया पद्मावती धर्मपीडां न इच्छेत्। (धर्मप्रिया पद्मावती धर्मपीड़ा को नहीं चाहे।)
(च) तपोवनानि कस्य स्वकं गेहम्? (तपोवन किसका अपना घर है ?)
उत्तरम्:
तपोवनानिनाम् अतिथिजनस्य गेहम्। (तपोवन अतिथियों के घर हैं।)
(छ) पद्मावतीं दृष्ट्वा वासवदत्तायाः मनसि कीदृशः स्नेहः सम्पद्यते? (पद्मावती को देखकर वासवदत्ता के मन में कैसा स्नेह होता है ?)
उत्तरम्:
पद्मावतीं दृष्ट्वा वासवदत्तायाः मनसि भगनिकास्नेह सम्पद्यते। (पद्मावती को देखकर वासवदत्ता के मन में बहिन का सा स्नेह होता है।)
(ज) कस्मात् कारणात् यौगन्धरायणस्य पद्मावत्यां महती स्वता गाता? (किस कारण से यौगन्धरायण की पद्मावती में बहुत आत्मीयता हो गई थी?)
उत्तरम्:
भर्तृ-दाराभिलाषित्वात् यौगंधरायणस्य पद्मावत्यां महती स्वता जाता। (‘महाराज की पत्नी होगी’ इस अभिलाषा से यौगन्धरायण की पद्मावती में अधिक आत्मीयता थी।)
(झ) वासवदत्तामतेन कः अविचार्य क्रमं न करिष्यति? (वासवदत्ता के मत से कौन बिना विचारे काम नहीं करेगा?)
उत्तरम्:
वासवदत्ता मतेन आर्य यौगन्धरायण अविचार्य क्रमं न करिष्यति। (वासवदत्ता के विचार से आर्य यौगन्धरायण बिना विचारे कार्य नहीं करेंगे।)
(ज) किं नाम महद् दुःखं (कष्टकरम् / कठिनम्)? (क्या बहुत कठिन है?)
उत्तरम्:
न्यासस्य पालनं दु:खम्। (धरोहर को पालना बड़ा मुश्किल है।)
RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 लघूत्तरात्मक प्रश्नाः
(क) सैनिकाः आश्रमस्थान् जनान् किमर्थम् उत्सारयन्ति स्म? (सैनिक आश्रम में रहने वाले लोगों को किसलिए हटाया जा रहा था?)
उत्तरम्:
राजकुमारी पद्मावती आश्रमं आगम्य शीघ्रमेव राजगृहं गन्तुमिच्छति अतः जनाः उत्सार्यते (राजकुमारी पद्मावती आश्रम में आकर शीघ्र ही राजमहल को जाना चाहती है, अतः लोग हटाये जा रहे हैं।)
(ख) काञ्चुकीयः पद्मावत्याः आगमनस्य किं प्रयोजनं उक्तवान्? (काञ्चुकीय ने पद्मावती के आगमन का क्या प्रयोजन बताया?)
उत्तरम्:
काञ्चुकीयः उक्तवान् एषा पद्मावती नो महाराजमातरम् महादेवीमाश्रयाश्रमस्थामनुगम्य अनुज्ञाता तत्रभवत्याः राजगृहमेव यास्यति। तदद्य अस्मि आश्रमपदे वासोऽभिप्रेतोऽस्याः। (कांचुकीय ने कहा-‘यह पद्मावती हमारे महाराज की माता महादेवी से आश्रम में मिलकर माता की अनुमति से राजगृह को जाना चाहती है।)
(ग) सङ्कल्पात् कानि उपजायन्ते? (संकल्प से क्या पैदा होते हैं?)
उत्तरम्:
प्रद्वेषो बहुमाने वा सङ्कल्पात् उपजायन्ते (शत्रुता अथवा सम्मान संकल्प से ही पैदा होते हैं।)
(घ) पद्मावती यौगन्धरायणस्य भगिन्याः (वासवदत्तायाः) चारित्रं रक्षितुं कथं समर्था? (पद्मावती यौगन्धरायण की बहिन (वासवदत्ता) की चरित्र-रक्षा में कैसे समर्थ थी ?)
उत्तरम्:
यौगन्धरायणोऽचिन्तयत् यत् एषा कन्या धीरा, दृष्टधर्मप्रचारा अतः मे भगिन्याः चारित्रं रक्षितुं समर्था? (यौगन्धरायण ने विचार किया कि यह कन्या धीर है, इसका धर्म-प्रचार भी देख लिया है, अतः मेरी बहन के चरित्र की रक्षा कर सकती है।)
(ङ) किं किं दातुं सुखं भवति? (क्या-क्या देना आसान होता है?)
उत्तरम्:
अर्थः प्राणाः तपः अन्यत् सर्वं सुखं भवेत् । (धन, प्राण, तप और दूसरी वस्तुएँ देना सुखकर (आसान) है।)
प्रश्न 3.
हिन्दी-भाषायाम् आशयं लिखत – (हिन्दी में आशय लिखो-)
(क) सविज्ञानमस्य दर्शनम्।
आशय – यह राजकुमारी मात्र देखने में ही सुन्दर नहीं है अपितु यह शक्ल से बुद्धिमती भी प्रतीत होती है।
(ख) सदारकस्य कारणात् दूतसम्पातं करोति।
आशय – अपने पुत्र के साथ विवाह सम्बन्ध करने के प्रयोजन से यह समाचार लेकर दूत भेजा है कि आप यदि चाहें तो हमारे पुत्र के साथ अपनी पुत्री का सम्बन्ध कर दें।
(ग) आत्मानुग्रहमिच्छतीह नृपजा धर्माभिरामप्रिया।
आशय – राजकुमारी धर्म का आचरण करने वाले तपस्वियों से अनुराग रखने वाली है। वह आश्रम आकर यह चाहती है कि आप उसके दिए दान को लेकर अनुगृहीत करें। अर्थात् यदि उनके दान को कोई स्वीकार करेगा तो वे बहुत कृतज्ञ होंगी?
(घ) कार्यं नैवार्थैर्नापि भोगैर्न वस्त्रैनहिं काषायं वृत्तिहेतोः प्रपन्नः।
आशय – यौगन्धरायण कहता है कि मुझे धन, सांसारिक भोगों और वस्त्रों से कोई प्रयोजन नहीं है अर्थात् मेरी अभिलाषा धन भोग और वस्त्रों की नहीं है मुझे तो अपना प्रयोजन पूरा करना है।
(ङ) सुखमन्यद् भवेत्सर्वम् दुःखं न्यासस्य रक्षणम्।
आशय – धन, प्राण, तप और बहुत-सी वस्तुओं को देना तो आसान है परन्तु किसी धरोहर जो सुरक्षार्थ किसी के उत्तरदायित्व रूप सौंपी गई हो की रक्षा करना बड़ा कठिन है। तलवार की धार पर चलने के समान है।
प्रश्न 4.
श्लोकानां पादपूर्तिं कुरुत- (श्लोकों की चरण पूर्ति कीजिए-)
उत्तरम्:
प्रदत्त चरणम् आत्मपूर गीयं चरणम्
(क) कोऽयं भो.! निभृतं तपोवनमिदं ……………… ग्रामीकरोत्याज्ञया
(ख) यद् यस्यास्ति समीप्सितं वदतु तत् ………….. कस्याद्य किं दीयताम्।
(ग) धीरा कन्येयं दृष्टधर्मप्रचारा…………… शक्ता चरित्रं रक्षितुं मे भगिन्याः।
(घ) धर्मप्रिया नृपसुता नहि धर्मपीडाम् ……….. इच्छेत् तपस्विषु कुलवृत्तमेतदस्याः।
(ङ) कालक्रमेण जगतः परिवर्तमाना ………………….. चक्रारपंक्तिरिव गच्छति भाग्यपंक्तिः।
प्रश्न 5.
अस्मिन् नाट्यांशे कानिचन पात्राणि सन्ति। पात्रस्य परिचयेन सह समुचितं मेलनं कुरुत। (इन नाट्यांश के कुछ पात्र हैं, पात्र के परिचय के साथ समुचित मेल कीजिए।)
उत्तरम्:
प्रश्न 6.
निम्नलिखित पदानि अधिकृत्य वाक्यनिर्माणं कुरुत- (निम्न पदों के आधार पर वाक्य बनाइए-)
उत्तरम्:
RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 व्याकरणात्मक प्रश्नाः
प्रश्न 7.
सन्धिं, सन्धि-विच्छेदं वा कुरुत- (सन्धि अथवा सन्धि-विच्छेद कीजिए-)
उत्तरम्:
प्रश्न 8.
अधोलिखितपदानां धातु-लकार-पुरुष-वचनादीनां निर्देशनं कुरुत-(निम्न पदों की धातु, लकार, पुरुष और वचन बताइए-)
उत्तरम्:
प्रश्न 9.
अधोलिखितपदानां मूलशब्द-विभक्ति-लिङ्ग-वचनादीनां निर्देशं कुरुत-(निम्न पदों में मूल शब्द, विभक्ति, लिंग और वचन बताइए-)
उत्तरम्:
RBSE Class 11 Sanskrit सत्प्रेरिका Chapter 8 अन्य महत्वपूर्ण प्रजोतराणि
प्रश्न 1.
काव्येषु किं रम्यम्? (काव्यों में रम्य क्या है?)
उत्तरम्:
काव्येषु नाटकं रम्यम्। (काव्यों में नाटक रम्य है।)
प्रश्न 2.
संस्कृतसाहित्ये कः प्राचीनतमः नाटककारः आसीत्? (संस्कृत साहित्य में प्राचीनतम नाटककार कौन था?)
उत्तरम्:
महाकवि भासः संस्कृतसाहित्ये प्राचीनतमः नाटककारः आसीत्। (महाकवि भास संस्कृत साहित्य में प्राचीनतम नाटककार था।)
प्रश्न 3.
भासेन कति रूपकानि रचितानि? (भास ने कितने नाटकों की रचना की ?)
उत्तरम्:
भासेन त्रयोदशरूपकाणि लिखितानि। (भास द्वारा तेरह नाटक लिखे गये।)
प्रश्न 4.
भासस्य त्रयोदशसु नाटकेषु किं सर्वाधिक प्रसिद्ध नाटकम् ? (भास के तेरह नाटकों में कौन-सा सबसे अधिक प्रसिद्ध नाटक है?)
उत्तरम्:
भासस्य त्रयोदशंसु नाटकेषु ‘स्वप्नवासवदत्तम्’ नाम नाटकं सर्वाधिक प्रसिद्धमस्ति। (भास के तेरह नाटकों में ‘स्वप्नवासवदत्ता’ नाम का नाटक सबसे अधिक प्रसिद्ध है।)
प्रश्न 5.
‘स्वप्नवासवदत्तम्’ नाम्नि नाटके कयोः प्रणयकथा वर्णिता? (‘स्वप्नवासवदत्तम्’ नाटक में किनकी प्रणय कथा वर्णित है?)
उत्तरम्:
‘स्वप्नवासवदत्तम्’ नाम्नि नाटके वत्सराजः उदयनस्य अवन्ति राजकुमार्याः वासवदत्तायाश्च प्रणय-कथा वर्णिता अस्ति। (‘स्वप्नवासवदत्तम्’ नाटक में वत्सराज उदयन तथा अवन्तिकी राजकुमारी वासवदत्ता की प्रणय कथा वर्णित है।)
प्रश्न 6.
उदयनस्य प्रमुखोऽमात्य कः आसीत्? (उदयन का प्रमुख अमात्य कौन था ?)
उत्तरम्:
यौगन्धरायणः उदयनस्य प्रमुखः अमात्यः आसीत्। (यौगन्धरायण उदयन का मुख्य अमात्य था।)
प्रश्न 7.
आश्रमे कीदृशाः जनाः उत्सार्यन्ते स्म? (आश्रम में कैसे मनुष्य हटाये जा रहे थे?)
उत्तरम्:
आश्रमे धीराः, आश्रमवासिनः, वन्यफलैः सन्तुष्टाः वल्कलवस्त्रधारिणः जनाः उत्सार्यन्ते स्म। (आश्रम में धीर, आश्रमवासी, वन्य फलों से सन्तुष्ट, बल्कल वस्त्रधारी लोग हटाये जा रहे हैं।)
प्रश्न 8.
यौगन्धरायणानुसारेण कः उत्सारयति स्म? यौगन्धरायण के अनुसार कौन हटा रहा था?)
उत्तरम्:
यौगन्धरायणानुसारेण सः उत्सारयति जनान् यः धर्मादात्मानमुत्सारयति। (यौगन्धरायण के अनुसार लोगों को वह हटा रहा है जो स्वयं को धर्म से दूर कर रहा है।)
प्रश्न 9.
वासवदत्ता यौगन्धरायणं कि वक्तुमैच्छत्? (वासवदत्ता यौगन्धरायण से क्या कहना चाह रही थी?)
उत्तरम्:
वासवदत्ता वक्तुमैच्छत् यत्-‘किमहमपि नामोत्सारयितव्या भवामि इति। (वासवदत्ता कहना चाह रही थी कि-‘क्या मैं भी हटाई जाऊँगी’?)
प्रश्न 10.
परिश्रमे पराभवे च किमन्तरम्? (परिश्रम और पराभव में क्या अन्तर है?)
उत्तरम्:
न तथा परिश्रमः परिखेदम् उत्पादयति यथा परिभवः। (परिश्रम इतना कष्ट नहीं पहुँचाता (पैदा करता) है। जैसा अपमान (खेद) पहुँचाता है।)
प्रश्न 11.
अनिज्ञतानि कानि अवधूयन्ते? (अनजाने में कौन अपमानित कर दिए जाते हैं।)
उत्तरम्:
अनिर्बातिानि दैवतानि अपि अवधूयन्ते। (अनजाने में तो देवता भी अपमानित कर दिए जाते हैं।)
प्रश्न 12.
जगत् केन परिवर्तमाना? (जगत् किससे परिवर्तमान है?)
उत्तरम्:
जगतः कालक्रमेण परिवर्तमाना। (संसार कालक्रम से परिवर्तनीय है।)
प्रश्न 13.
केनं भाग्यपंक्तिः गच्छति? (किसकी तरह भाग्य पंक्ति चलती है?)
उत्तरम्:
चक्रारपंक्तिः इव भाग्य पंक्तिः गच्छति। (पहिए के अरों की तरह भाग्यचक्र चलता है।)
प्रश्न 14.
आश्रमे उत्सारण कार्यं के कुर्वन्ति स्म? (आश्रम में उत्सारण कार्य कौन कर रहे थे।)।
उत्तरम्द्वौ:
भटौ आश्रमे उत्सारण कार्यं कुरुतः स्म। (दो सिपाही आश्रम में उत्सारण कार्य कर रहे थे?)
प्रश्न 15.
आश्रमवासिषु किं न प्रयोज्यम्? (आश्रमवासियों से कैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए?)
उत्तरम्:
आश्रमवासिषु परुषं न प्रयोज्यम्। (आश्रमवासियों के साथ कठोरता का व्यवहार नहीं करना चाहिए।)
प्रश्न 16.
मनस्विनः वनमभिगम्य कस्मात् वसन्ति? (मनस्वी लोग वन में जाकर किसलिए रहते हैं?)
उत्तरम्:
मनस्विनः नगरस्य परिभाव विमोक्तुं वनमभिगम्य वसन्ति। (मनस्वी लोग नगर के अपमान से मुक्त होने के लिए जंगल में आकर रहते हैं।)
प्रश्न 17.
पद्मावत्याः दर्शनं कीदृशम् आसीत्? (पद्मावती का दर्शन कैसा था ?)
उत्तरम्:
पद्मावत्या दर्शनं सविज्ञानम् आसीत्। (पद्मावती देखने में बुद्धिमान व ज्ञानिनी लगती थी।)
प्रश्न 18.
‘यौगन्धरायणानुसारेणतपस्विन्’ इति पदं कीदृशः आलापः? (यौगन्धरायण के अनुसार ‘तपस्विन्’ सम्बोधन कैसा है?)
उत्तरम्:
यौगन्धरायणानुसारेण ‘तपस्विन्’ आलापः गुणवान् अस्ति। (यौगन्धरायण के अनुसार तपस्वी सम्बोधन बहुत अच्छा है।)
प्रश्न 19.
यौगन्धरायणाये तपस्विन् आलापः गुणवान् सन् अपि कथं न रोचते? (यौगन्धरायण को ‘तपस्विन्’ सम्बोधन गुणवान् होते हुए भी क्यों नहीं अच्छा लगता है?)
उत्तरम्:
तपस्विन् इति आलापः अपरिचयात् न रोचते ? (तपस्वी सम्बोधन अपरिचित होने के कारण रुचिकर नहीं लगता।)
प्रश्न 20.
दैवज्ञाः पद्मावत्याः विषये किमकथयन्? (ज्योतिषियों ने पद्मावती के बारे में क्या कहा?)
उत्तरम्:
दैवैज्ञरादिष्टा परेषा स्वामिनः उदयनस्य देवी भविष्यति। (ज्योतिषियों ने आदेश दिया कि यह महाराज उदयन की रानी बनेगी।)
प्रश्न 21.
महाराजदर्शकस्य स्वसुः किन्नामासीत्? (महाराज दर्शक की बहिन का क्या नाम था ?)
उत्तरम्:
महाराजा दर्शकस्य स्वसुः नाम पद्मावती आसीत्। (महाराज दर्शक की बहिन का नाम पद्मावती था।)
प्रश्न 22.
पद्मावत्याः किमभिप्रेतः आसीत्? (पद्मावती का क्या अभिप्रेत था?)
उत्तरम्:
पद्मावत्याः आश्रमपदे वास: अभिप्रेतः आसीत्। (पद्मावती का आश्रम में रुकना अभिप्रेत था।)
प्रश्न 23.
जनाः वनात् कानि तपोधनानि उपनयन्तु? (लोग वन से क्या-क्या तप के साधन लाये?)
उत्तरम्:
जनाः (आश्रमवासिनः) तीर्थोदकानि, समिधः, कुसुमानि, दर्भान् आदीनि तपोधनानि उपनयन्तु। (लोग (आश्रमवासी) तीर्थों का जल, कुश, फूल, समिधा आदि साधन लाये।)
प्रश्न 24.
पद्मावत्याः कुलव्रतं किमासीत्? (पद्मावती का कुलव्रत क्या था?)
उत्तरम्:
पद्मावत्याः कुल व्रतमासीत् यत् सा नृपसुता धर्मप्रिया आसीत् अतः तपस्विषु धर्मपीड़ाम् नेच्छति स्म। (पद्मावती का कुल व्रत था कि वह राजकुमारी धर्मप्रिया थी। अत: तपस्वियों को कोई धर्मपीड़ा नहीं चाहती थी।)
प्रश्न 25.
वासवदत्तायाः पद्मावत्यां कीदृशो स्नेहः जातः? (वासवदत्ता का पद्मावती में कैसा स्नेह हो गया?)
उत्तरम्:
राजदारिका इति श्रुत्वा वासवदत्तायाः पद्मावत्यां भगनिका स्नेहो जातः। (राजकुमारी ऐसा सुनकर वासवदत्ता का पद्मावती से बहिन का स्नेह हो गया।)
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